kamdev99008
FoX - Federation of Xossipians
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अप फिर वही कह रहे हैं................ मेरे कमेंट को पूरा पढ़ नहीं पाये या समझ नहीं पाये...............Bhai kavita ko bachana kaliya hi jassi Rana Saheb ka bistar garam karti thi woh update ado jab jassi ko woh thekana ka pata chala tha uski maa maryada ka karan majboor thi isiliya woh kundan par kafi nazar rakhtji thi jab uska maloom pada aab kundan ki premika par buri nazar hai tab usna decide Kiya bahut ho chuka hai tab usna apna hi beta ka balidaan kardiya
जो जस्सी राणा हुकम सिंह को लड़ाई में भी हारा सकती थी और मार भी सकती थी................. कुन्दन के लिए उसने कर दिखाया.......... लेकिन कविता के लिए क्यों नहीं किया?
तलवार चलना उसने उसी दिन तो नहीं सीखा था.................. पहले से जानती थी, पद्मिनी से सीखि थी
और माँ भी ........... बेटी के लिए जमीर नहीं जागा.......इतने दिनों में, बेटे की प्रेमिका के लिए तुरंत बॉम्ब बनाने की फ़ैक्टरि खोल दी
(हुकम सिंह के लिए सालोंसाल में कुछ नहीं कर पायी और इंदर के लिए रातोंरात बॉम्ब का इंतजाम भी हो गया और उसकी गाड़ी मे लगा भी दिया ........

क्या इनमें से कोई मजबूर या कमजोर लगी........ मुझे तो कमीनी लगीं...... मौकापरस्त ........ जब जिसका पलड़ा भरी, तब उसके साथ ........
पहले हुकुम सिंह ने अर्जुन सिंह को मारकर इलाके में दबदबा बनाया तो उसकी हो गयी............. फिर कुन्दन का दबदबा बना तो उसकी ओर हो गयी ..........
कुन्दन जब तक बेचारा था, तब तक उसपर सिर्फ दया दिखाई, ना की उसका साथ दिया