Riky007
उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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फौजी भाई
कहानी समझ तो आ गई, पर वो क्या है न कि "ये दिल मांगे मोर" वाला हिसाब है बस
कहानी समझ तो आ गई, पर वो क्या है न कि "ये दिल मांगे मोर" वाला हिसाब है बस
Aaj raat me update hogi, padh lenaKonsi haveli
वो जो इंतजार कर रही है कि कब उसके अंधेरों को कोई उजालों मे बदलने आएगा वो जो छिपी है वो जिसका कोई नहीं वो हवेली जो सबकी है वो जहां प्रीत हैKonsi haveli
Bhai maina jo sawal poucha hai unka jawab zarur denaवैसे तो कहानी मे सभी जवाब उपलब्ध है पर फिर भी कुछ पाठक कहानी को समझ नहीं पाए है मैं शाम को प्रस्तावना मे उनकी मदद करूंगा, दूसरी बार उम्मीद है कि हम सब हवेली पर जल्दी ही मिलेगे
Nayi story likh raha hai ya vampire bhai ki story aage badayengeवो जो इंतजार कर रही है कि कब उसके अंधेरों को कोई उजालों मे बदलने आएगा वो जो छिपी है वो जिसका कोई नहीं वो हवेली जो सबकी है वो जहां प्रीत है
जी हाँ मुसाफिर... आपकी closing अध्याय का इंतजार शाम मे एक महफिलें सज़ा कर करेगेवैसे तो कहानी मे सभी जवाब उपलब्ध है पर फिर भी कुछ पाठक कहानी को समझ नहीं पाए है मैं शाम को प्रस्तावना मे उनकी मदद करूंगा, दूसरी बार उम्मीद है कि हम सब हवेली पर जल्दी ही मिलेगे
Nayi story la rahe ho kyaवो जो इंतजार कर रही है कि कब उसके अंधेरों को कोई उजालों मे बदलने आएगा वो जो छिपी है वो जिसका कोई नहीं वो हवेली जो सबकी है वो जहां प्रीत है
फौजी भाई जिस भी हवेली पर आप मिलने के लिए बुला रहे हैं उसका पता / ऐड्स जरूर भेज देना वरना हम इस हवेली के शहर/फोरम पर आपको खोजते रहेंगेवो जो इंतजार कर रही है कि कब उसके अंधेरों को कोई उजालों मे बदलने आएगा वो जो छिपी है वो जिसका कोई नहीं वो हवेली जो सबकी है वो जहां प्रीत है