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Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

DB Singh

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स्वागत है मित्र आपका कहानी पर.,
मेरा हमेशा से ये मानना रहा है कि गांव देहात की पृष्ठभूमि मे ना जाने कितनी कहानिया छुपी है, शहरो के कंक्रीट के जंगल कभी भी वो पैशन नहीं दे सकते. अब बात भूत प्रेत डायन और तमाम ऐसे लोगों की, यदि सच है तो झूठ है रोशनी है तो अंधेरा है,, ये लोग भी हमारे आसपास ही है कोई मान लेता है कोई नहीं मानता
ये एक ऐसा विषय है जिस पर अंतहीन चर्चा होती रहेगी. महत्तवपूर्ण ये है कि ये सिर्फ एक कहानी है, जैसे ही ये पूरी होगी उसे भुला दिया जाएगा
लेखक साहब शुक्रिया। मैं बस ये कहना चाहता हूँ कि आज के समय में भी लोग ऐसी मानसिकता के साथ जी रहे क्या मिलता है लोगों को परेशान करके। किस्से कहानी ऐसे सुनाये जाते जैसे स्कूल में बाकी विषय के तरह होता है। कुछ लोग आगे बढ़ना चाहते इनसे दूर जाना चाहते लेकिन ऐंड टाइम में कुछ होता है सब बर्बाद हो जाता है लोग बदल रहे हैं वक्त की मांग भी बदलाव है। इसलिए ऐसी मानसिकता वाले लोग भी बदले और दूसरों को भी जीने दें। मैने झेला है इसीलिए दर्द को समझता हूँ। दुनिया कम्प्यूटराइज हो रही जो गिने चुने लोग वो इस बात को समझे। मेरी मामी नहीं बच सकी। मै खुद मरते - मरते बचा हूँ। क्या मैं उस बात लेकर बैठा रहूं। नहीं ना। क्या उसको मारने चला जाउं। फिर उसमे और हममें क्या फर्क रह जाएगा। हमें आगे बढ़ना है। मेरी बड़ी मामी मरने के बाद कई साल तक हमारे परिवार रक्षा करती रही। मेरे नाना जी ने बड़ी मशक्कत के साथ खैर... ऐसी बातें यहाँ शेयर नहीं करना चाहता। लोग मेरी बातों को अन्यथा ना लें। और मुझे किसी से सिखने या जानने की जरुरत नहीं है। इस कहानी को देखते सबसे ज्यादा मुझे खुशी हुई थी। और क्या कहूं। डायन भी हमारे जैसे इंसान है। कुछ भला करने के रास्ते जाते झाड़ फूंक करके कुछ उसका गलत उपयोग करते हैं। किसी को मेरी बातें बुरी लगे तो क्षमा प्रारथी हूं।
 

DB Singh

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Dayan pishachini yakshini etc buri shaktiyan nahi hai . Bas logo ne badnaam kar rakha hai gyan ke abhaav me . Wo adhishakti ki ek ansh hai
एक्जैक्टली बुरे भी होते हैं लेकिन सब नहीं एक के चक्कर में बाकी सब भी बदनाम होते हैं।
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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गहन जानकारी रखते हों मित्र
नही मित्र, बस कभी कुछ सुन लिया तो वो दिमाग में बस गया।

बाकी जिज्ञासु हूं बस।
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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लेखक साहब शुक्रिया। मैं बस ये कहना चाहता हूँ कि आज के समय में भी लोग ऐसी मानसिकता के साथ जी रहे क्या मिलता है लोगों को परेशान करके। किस्से कहानी ऐसे सुनाये जाते जैसे स्कूल में बाकी विषय के तरह होता है। कुछ लोग आगे बढ़ना चाहते इनसे दूर जाना चाहते लेकिन ऐंड टाइम में कुछ होता है सब बर्बाद हो जाता है लोग बदल रहे हैं वक्त की मांग भी बदलाव है। इसलिए ऐसी मानसिकता वाले लोग भी बदले और दूसरों को भी जीने दें। मैने झेला है इसीलिए दर्द को समझता हूँ। दुनिया कम्प्यूटराइज हो रही जो गिने चुने लोग वो इस बात को समझे। मेरी मामी नहीं बच सकी। मै खुद मरते - मरते बचा हूँ। क्या मैं उस बात लेकर बैठा रहूं। नहीं ना। क्या उसको मारने चला जाउं। फिर उसमे और हममें क्या फर्क रह जाएगा। हमें आगे बढ़ना है। मेरी बड़ी मामी मरने के बाद कई साल तक हमारे परिवार रक्षा करती रही। मेरे नाना जी ने बड़ी मशक्कत के साथ खैर... ऐसी बातें यहाँ शेयर नहीं करना चाहता। लोग मेरी बातों को अन्यथा ना लें। और मुझे किसी से सिखने या जानने की जरुरत नहीं है। इस कहानी को देखते सबसे ज्यादा मुझे खुशी हुई थी। और क्या कहूं। डायन भी हमारे जैसे इंसान है। कुछ भला करने के रास्ते जाते झाड़ फूंक करके कुछ उसका गलत उपयोग करते हैं। किसी को मेरी बातें बुरी लगे तो क्षमा प्रारथी हूं।
कुछ बुरा नही लगा दोस्त, आपने झेला है, तो आपसे बेहतर कोई नहीं जानता होगा।

बस मुझे लगा था शायद आप इन बातों को नकार रहे हैं।

खैर, बात बदलाव की है तो मित्र, मनुष्य का दिमाग ही सबसे बड़ी बुराई का कारक है, और वो हमेशा ही रहेगा। चाहे हम कितने भी मॉर्डन क्यों न हो जाएं
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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मैंने तो दो पेग लिए है भाई
हम तो भाई रूखे सूखे वाले हैं, हमारा वेट डे आपकी मेहरबानी पर है।
 

DB Singh

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कुछ बुरा नही लगा दोस्त, आपने झेला है, तो आपसे बेहतर कोई नहीं जानता होगा।

बस मुझे लगा था शायद आप इन बातों को नकार रहे हैं।

खैर, बात बदलाव की है तो मित्र, मनुष्य का दिमाग ही सबसे बड़ी बुराई का कारक है, और वो हमेशा ही रहेगा। चाहे हम कितने भी मॉर्डन क्यों न हो जाएं
यही तो दुख की बात है बात की आशय को समझे बिना ।। लगने लगता है लोगों को । कमेंट साफ सुथरा था। ना कोई क्वेश्चन मार्क था ना कुछ 👍👍
 

Lutgaya

Well-Known Member
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झ्स साईट पर सब लोग अपनी वो फैंटेसी पूरी करने आते है ,जो घर में पूरी नही हो पाती। कृप्या बेकार कि बहस में ना पड़े और धर्म अध्यात्म व धार्मिक ग्रनथों को यहां न घसीटे ।
बस मजा लें ।
फौजी भाई नें भी इसे मनोरंजन की दृष्टि से ही लिखा है न कि कोई अन्धविश्वास फैलाने हेतू।
कहीं मोडरेटर ने डण्डा फटकार दिया तो दिक्कत हो जायेगी।
 

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
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कहानी से अधिक दिलचस्प तो यह चर्चा ही होती जा रही है 🤣🤣
 
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