Update ke liye bari besabar hu bhai?
हथेली की पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती । बाप अय्याश...चाचा अय्याश....भाई अय्याश..... इसका मतलब यह थोड़ी हुआ कि सभी अय्याश है । अभिमानु का किरदार अब तक इन पांच उंगलियों का उदाहरण पेश करता आया है ।Jarnail ki ayyashi dikhi hai..
Vishambar Dayal ki bhi suni hai..
Kabir ki ayyashi dikhi hai..
Abhimanu hi ek aisa hai jo inse juda hai. Par hai to wo Thakur hi. Us se hi judi hogi iski kahani.
“Thakuron ke khoon mein daudti hai ayyashi”... Yahi pankti is kahani ka mukhya bindu saabit hogi.हथेली की पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती । बाप अय्याश...चाचा अय्याश....भाई अय्याश..... इसका मतलब यह थोड़ी हुआ कि सभी अय्याश है । अभिमानु का किरदार अब तक इन पांच उंगलियों का उदाहरण पेश करता आया है ।
कहानी की सफलता मे मेरा कोई हाथ नहीं है भाई सब पाठकों का सहयोग है मैं सिर्फ लिखा है कहानी को जिवंत आप सब लोगों की रुचि, आपकी प्रतिक्रिया ने बनाया हैभाई नकारात्मक विचार आपके मन का श्रृंगार नही है आपका हर अपडेट एक नई सरंचना ले कर आता है और हर पाठक उसे बहुत ही उत्साह से और नई उमंग के साथ उसका स्वागत करता है ये कोई छोटी बात नही है लगभग ७० दिनोँ मे ५ लाख से अधिक व्यूज़ मिले है और बिना किसी व्यवधान के ५०० पृष्ठों का कीर्तिमान बनाया है साथ ही हर पाठक की टिप्पणी का आदर किया जो अपने आप मे महत्वपूर्ण है जिससे लगता है आप और आपकी कहानी का इस मंच पर क्या मुकाम है
कहानी के पात्र लेखक की लेखनी की केवल कठपुतलियां होती है जिसे लेखक अपनी लेखनी se जैसा चाहे रूप देता है वो नकारात्मक या सकरात्मक दोनो हो सकते है कहानी का एक पहलू ये भी है अगर उसमे नकारात्मक पात्र का सृजन नही हो तो उस कहानी का कोई औचित्य ही नही रहता, खैर छोड़ो बात बहुत लंबी हो गई है इसके लिए क्षमा
ये मेरा अनुमान है जो गलत भी हो सकता है कहानी अपने अंतिम पड़ाव की अग्रसर है और आपने बहुत ही अच्छे से इसका ताना बाना बुना है इसलिए मन विचलित तो होता ही है मगर आप ये भी याद रखे पाठकों का अपर स्नेह भी आप को मिला है आपने इस कहानी के द्वारा पाठकों के मन को झकझोर कर मनोरंजन प्रदान किया इसके लिए तहे दिल से आपका आभार
हर सुबह एक नई किरन नई आशा ले कर आती है आर इसी आशा के साथ कि आप फिर एक नये परिवेश मे इस मंच पर खुशियों के फूल खिलाएंगे
ThanksCongrats for 500 pages
आपकी भावनाओ की कदर करता हूं भाई. आप सब के सहयोग से ही कुंदन और आयत की प्रेम कहानी अमर हुईभाई फोजी जी इस व्यथा का एक ही इलाज़ है कि कुछ विश्राम के बाद एक और प्यार व् सस्पेंस से भरपूर नजराना लेकर आया जाये इस तरीके से आप का ध्यान बटा रहेगा और पाठक भी आनंद लेते लिए हुए आप को दुआएं देते रहेंगे
वैसे आयत वाली कहानी में आज तक 3 बार पढ़ चूका हूँ
निशा है ही ऐसीअब आपने चित्र ही इतना दिलकश बनाया है कि क्या किया जाय
जीवन मे इतना सब कुछ देख लिया है मित्र की डर नहीं लगता बस एक खालीपन है जो समझ नहीं आता. मेरी हमेशा से यही कामना रही है कि दिल धड़कते रहे कोई ना कोई मोहब्बत करेमनुष्य का सबसे बड़ा डर आप पर हावी हो रहा है मित्र।
सब कुछ नश्वर है, बस व्यक्ति का व्यवहार ही उसकी दास्तान की अमर बना सकता है। हमारा ध्यान बस उसी पर होना चाहिए।
आपने हर कहानी दिल से लिखी है, क्योंकि हर कहानी का कुछ किरदार आपके दिल के करीब का है। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि आपने इन कहानियों को लोगों के दिल के करीब होने के लायक लिखा है।
और मेरी फिर से आपसे प्रार्थना है कि इन कहानियों को मुक्त आकाश दीजिए।
अधूरी को पूरी करिए।
हम सब हमेशा आपके साथ ही हैं।