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Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

Death Kiñg

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कहानी का मुख्य प्रश्न ये बन गया है की सबसे ज़्यादा राज़ कौन दबाए बैठा है? विशम्बर दयाल तो फिर जिस्मों और सोने के ही चक्कर में सारा खेल, खेल रहा है, समझा जा सकता है। रूडा और सुरजभान को भी सोने का लालच है, शायद अंजू भी सोने के ही पीछे है या हो सकता है की वो सुनैना से जुड़ा कोई रहस्य सुलझाना चाहती हो। नंदिनी का अपना एजेंडा है, परंतु इन सब महानुभावों के बीच अभिमानु नाम का प्राणी, सबसे अलग और अद्भुत दिखाई दिया है। सर्वप्रथम, विशम्बर दयाल, जरनैल और कबीर जैसों से रक्तसंबंध होते हुए भी उसके बारे में अच्छा ही सुनने को मिला है, अभी तक ये सबसे हैरान करने वाली बात है।

सही मायनों में अभिमानु उदाहरण है कीचड़ में कमल खिलने का। अपेक्षा यही है की कम से कम अभिमानु, कहानी के अंतिम क्षणों तक इसी किरदार में रहे, यानी अंत में वो कहीं ग्रे शेड में न चला जाए। ऐसा होने की संभावना भी है क्योंकि, कोई भी इंसान हर मायने में सर्वगुण संपन्न हो सकता है, ये केवल किताबी बात लगती है। परंतु, अभिमानु सत्य में गुणों और अच्छाइयों की खदान जैसा प्रतीत हुआ है। अब देखना ये है की वो सचमें ऐसा ही है, या किसी आवरण के अंदर उसने अपना असली रूप छिपाया हुआ है।

पहले वो तस्वीर को कबीर को मिली थी, जिसे बाद में अभिमानु ने गायब कर दिया, और अब मेज पर उकेरे गए वो शब्द, दोनों का ही आपस में सीधा संबंध जो सकता है। संभव है की त्रिदेव की कहानी का एक पात्र अभिमानु भी हो। बहरहाल, सवाल ये है की, अंजू और नंदिनी, दोनों ही जानती हैं त्रिदेव की कहानी। नंदिनी तो अपनी मर्ज़ी से आधा – अधूरा ही बताती है परंतु कबीर ने एक बार भी प्रयास तक नहीं किया अंजू से इस बारे में जानने का? माना की वो भी नंदिनी से कम नहीं है, परंतु मेरे ख्याल से कबीर एक बार प्रयास तो कर ही सकता था।

हालांकि, अब उसे त्रिदेव की कहानी का भी मर्म शायद समझ आ चुका है, बस हम जैसे नादान पाठक ही अपना माथा पीट रहे हैं। कितने शर्म की बात है की कबीर जैसे को समझ आ गया पर अब तक हमारे पल्ले कुछ न पड़ा... :doh:खैर, चाची को गहनों के बक्से के सतह आश्वासन भी दिया है कबीर ने की उसके जीवन में खुशियां पुनः लौटेंगी। परंतु, क्या जरनैल के जिंदा होने से, अथवा उसके सही – सलामत वापिस आने से चाची खुश होगी? क्योंकि चाची खुद भी हो सकती है उस षड्यंत्र के पीछे जिसके चलते जरनैल गायब है!

जरनैल का बैंक खाता था नहीं अर्थात अब कबीर एक बार फिर जरनैल वाले मामले में अटक सकता है। त्रिदेव ही इकलौता रास्ता नज़र आता है अब तो, सारी गुत्थी को सुलझाने का। मंगू.. जैसा मैंने पहले ही कहा था, कबीर नामक देवपुरुष, इससे सब कुछ नहीं जान पाएगा और वही हुआ। ना केवल मंगू ने कुछ बातें कबीर से छुपाई होंगी, बल्कि अब वो जाकर विशम्बर दयाल के सामने भी उल्टी करेगा की कबीर ने उससे पूछताछ की। अर्थात, एक बार फिर दोनों ठरकी बाप – बेटे एक – दूसरे पर शब्दों के बाण छोड़ते नज़र आ सकते हैं।

वैसे कबीर यदि अब भी मंगू का लिहाज़ इसलिए कर रहा है क्योंकि उसने मंगू को अपना दोस्त माना है, तो बेशक कबीर को कलियुग से उठाकर सतयुग में फेंक देना चाहिए। चम्पा – कांड के बाद मंगू के प्रति किसी भी प्रकार की सद्भावना रखना किसी भी प्रकार से जायज़ नहीं है। हां, अगर कबीर चम्पा के ब्याह तक कोई बखेड़ा करने से बच रहा है तो बात अलग है।

बहुत ही खूबसूरत भाग था भाई। प्रतीक्षा अगली कड़ी की...
 

HalfbludPrince

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बेहतरीन अपडेट भाई छोटा था पर चल जायेगा इस बार... आखिर क्या उकेरा हुआ है मेज पर जो कबीर एक दम से बावला हो गया है
शाम तक बताता हूं
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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Humare hisaab se prakash ko khajane ke baare me pata chal gaya tha isiliye wah wasiyat ka ek hisaa chahta tha rahi baat mangu ki to use or champa ko dekhkar bas khun jalta hai or kuch nahi dono bewkuf hai.

Chachi ko us gufa ke baare me pata hai nahi to sawal nahi karti ye sab kabir ne kaha se laaya har koi raaz dafnaye baitha hai, bank se to koi madad mili nahi ab koi or vichar karna honga.


Jaldbaazi me hi sahi kabir ne apna kaam kar liya chut ka chaska hai aisa hi rahta hai ab dekhte hai abhinmau ke table par kya likha hai...
अब अंत दूर नहीं है
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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Fauji bhai suspense tab tak hi hai, jab tak wo kabir ko bhi pata nahi
Lekin......
Jab kabir ko kuchh pata chal jaye aur readers ko bataya hi na jaye...
To.... Wo suspense nahi irritation and confusion hota hai...

Jo ab hamein ho raha hai

1- nisha ki asliyat
2- khandhar ki diwar par likha
3- mej par ukera hua

Aur bhi kuchh chhoot gaya ho to Studxyz brego4 jo xossip ke jamane se hi record tod reader rahe hain, ye batayeinge

Kabir ko jab pata hai to hamein bhi pata ho, warna.. Kabir ko bhi pata mat lagne do

Akele readers hi kyon chutiya banein... Writer (hero) bhi sath mein chutiya bana rahna chahiye :D
मैं समझता हूं इस बात को, कहानी को थोड़ी और लंबी खींचने का कारण ये था कि थोड़े और समय तक आप सब से जुड़ा रहूं. अंत को जानने की अधीरता समझता हूं, मेरी कोशिश है कि शनिवार को हर हालत मे मैं इस कहानी को समाप्त कर दु. सर्दियों मे मैं ग्लेशियर जाऊँगा और मैं हरगिज नहीं चाहता कि पाठकों को अंत के लिए इंतजार करना पड़े
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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kamdev99008 सत्य वचन कबीर तो मामूली बातें इग्नोर करता है और पाठक उसे बताते हैं कमेंट में कि ऐसा करना था

लेकिन वो कुछ ऐसे राज़ जान गया जो रीडर्स से शेयर नहीं हुए

बात वही है कि राज़ एक साथ कड़ी में बंधे हैं साथ ही खुलेंगे और अगर ऐसा हुआ तो पाठक सीधे आकाश से ज़मीन पर गिरेंगे वो भी पीठ के बल

पाठक लेखक के ऊपर अटूट विश्वास रखते हैं इसलिए चुप बैठे हैं वरना दंगे हो जाते और ये फैसिलिटी हर एक लेखक को नहीं मिलती
आपका विश्वास ही मेरी प्रेरणा है,
 

HalfbludPrince

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मेरा मतलब था की चोदने को जगह नहीं मिल रही थी वो मिल गयी :D वरना कबीर अंजू पर ट्रॉय क्यों मारता ?

दूसरी बात चाची पर फ़िदा है वर्ना एक बिस्तर में होने के बावजूद अंजू को ना चोद लेता
सही कहा भाई
 
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