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Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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#121

बिजली गए मुश्किल से दो चार लम्हे बीते होंगे की बाहर से चीख-पुकार मचनी शुरू हो गयी. आवाजे टेंट से आ रही थी . मेरे दिल ने उस पल जो महसूस किया काश वो बताया जा सकता . तुरंत मैं टेंट की तरफ भागा. अँधेरे में कुछ सुझाई नहीं दे रहा था , कुछ दिखाई नहीं दे रहा था .सिवाय लोगो की चीखो के .

“रौशनी जलाओ कोई , ” मैंने जोर से चिल्लाया पर किसे परवाह थी मेरी आवाज सुनने की. मैं जरनेटर की तरफ भागा , तभी अँधेरे में मैं किसी से टकराया, टक्कर ऐसी थी की जैसे किसी शिला से टकरा गया हूँ मैं. पर तभी एक ऐसी गन्ध मेरे नाक में समाती चली गयी , जिसे मैं बिलकुल नहीं सूंघना चाहता था , वो महक थी रक्त की ताजा रक्त की. इस पूनम की रात बस यही नहीं चाहता था मैं. मेरा खुद पर काबू रखना मुश्किल हो गया.

मैं तुरंत टेंट से बाहर भागा . खुली हवा में जो साँस मिली , राहत सी मिली. मैंने जरनेटर का हेंडल घुमाया और रौशनी से आखे चुंधिया गयी .मैंने आँखे बंद कर ली, इसलिए नहीं की रौशनी हो गयी थी बल्कि इसलिए की सामने को देखा, फिर देखा ही नहीं गया. टेंट तार तार हो चूका था . इधर उधर जहाँ देखो इंसानों के टुकड़े पड़े थे कुछ मारे गए थे कुछ घायल तडप रहे थे .

दौड़ते हुए मैं मंडप की तरफ पहुंचा तो जो मेरा कलेजा बाहर आ गया . बेशक मैं धरा पर खड़ा था पर पैरो की जान निकल चुकी थी . जिस डोली को मैंने उठा कर चंपा को विदा करने का वादा किया था वो डोली रक्त रंजित थी , पास में ही शेखर बाबु की लाश पड़ी थी . जिस मंडप में कुछ देर पहले चंपा अपने जीवन की नयी दिशा के सपने संजो रही थी , उसी मंडप में चंपा दुल्हन के लिबास में अर्ध-मुर्छित सी बैठी थी . घर घर न होकर शमशान बन चूका था .

इधर उधर दौड़ते हुए मैं परिवार के लोगो को तलाश करने लगा. मुझे निशा मिली जो बेहोश पड़ी थी . उसके सीने और कंधो पर घाव थे. मैंने उसे होश में लाया. खांसते हुए वो उठ बैठी और अपनी हालात देखने लगी. निशा के पास ही सरला थी जिसके सर पर चोट लगी थी पर ठीक थी वो भी .

निशा और सरला अपनी चोटों की फ़िक्र किये बिना घायलों को संभालने लगी पर जो बात मुझे हैरान किये हुई थी की बाकि के घर वाले कहाँ थे. मुझे मंगू तो मिला पर रमा गायब थी . साला ये हो क्या रहा था . मैं वापिस से चंपा के पास आया. सबसे पाहे शेखर बाबु के शव को वहां से हटाया और फिर चंपा को देखा, वो कुछ नहीं बोल रही थी . काठ मार गया था जैसे उसे.

मैं- कुछ तो बोल चंपा , कुछ तो बोल

पर वो गूंगी बनी बैठी रही . मुझे लगा की कहीं गम न बैठ जाये इसके सीने में . मैंने खींच कर थप्पड़ मारा उसे तो रुलाई छूट पड़ी उसकी . दहाड़े मार कर रोटी चंपा मेरे आगोश में थी, उसके आंसुओ ने मेरा कलेजा चीर दिया था . निशा दौड़ कर मेरे पास आई पर मैंने हाथ के इशारे से उसे रोक दिया. चंपा का दर्द बह जाना जरुरी था. एक सपना मेरी आँखों के आगे टूट गया था .



जिस डोली को मैंने राजी खुसी विदा करने का वादा किया था वो डोली खामोश खड़ी हजारो सवाल पूछ रही थी और मेरे हाथ खाली थे.

“मैं कसम खाता हूँ चंपा, तेरी खुशियों के कातिल को इसी आँगन में मारूंगा ” मैंने कहा.

रोते रोते चंपा बेहोश सी हो गयी थी मैंने उसे बाँहों में उठाया और कमरे में लेजाकर बिस्तर पर सुला दिया.

निशा- बहुत गलत हो गया कबीर , बहुत गलत हो गया

मै- मेरे घर की खुशिया खाई है उसने, बदला जरुर लूँगा. और ऐसा बदला लूँगा की क़यामत तक याद रखेगी दुनिया.

तभी बदहवास सी चाची घर में दाखिल हुई.

मैं- कहाँ थी तुम

चाची-मंदिर में थी , प्रथा के अनुसार मुझे फेरो के बाद ही लौटना था और जब लोटी तो . ये क्या हो गया कबीर



चाची भी रो पड़ी. रो तो हम सब ही रहे थे न . पर मैंने निर्णय कर लिया था उस आदमखोर को कहीं से भी तलाश कर के यही लाना था मुझे . चाहे जंगल को जला देना पड़ता मुझे. रक्त की प्यास उस आदमखोर ने हमारी खुशियों से बुझाई थी ,कीमत तो उसे चुकानी ही थी . बदन प्रतिशोध की अग्नि में इतना धधक रहा था की आदमखोर सामने होता तो आज या तो वो नहीं तो मैं रहता .

“कबीर मैं तेरे साथ चलूंगी ” निशा ने मेरी तरफ आते हुए कहा .

हम दोनों गाँव से बाहर की तरफ चल दिए. लाशो की दुर्गन्ध पीछा ही नहीं छोड़ रही थी .

“तुझे लौट जाना चाहिए , तुझे खतरे में नहीं डाल सकता वैसे भी चोटिल है तू ” मैंने निशा से कहा

निशा- आज तेरा साथ छोड़ दिया तो फिर क्या जवाब दूंगी कल तुझे मैं . छोड़ने के लिए नहीं थामा तुझे मैंने

कुवे की तरफ जाने वाले रस्ते पर खड़ी दोनों गाडियों को मैंने दूर से ही पहचान लिया था , एक गाड़ी राय साहब की थी और दूसरी गाडी भैया की , दोनों गाडियों का साथ होना अजीब था . घर पर मातम मचा था और ये दोनों यहाँ कुवे पर क्या कर रहे थे . सोचने की बात थी .

निशा- खान में चले क्या

मैं- खान में कुछ नहीं मिलेगा निशा, ये गाडिया भरम है और कुछ नहीं. खान में जाना होता तो पैदल आते गाड़िया लेकर नहीं. खान को गुमनाम रखने के लिए इतना कुछ किया गया है

निशा- समझती हूँ पर गाडिया यहाँ मोजूद है तो इनके मालिक भी होने चाहिए ना.

इस से पहले की निशा अपनी बात पूरी कर पाती उसने मुझे झाड़ियो में खींच लिया. हमने देखा की मंगू कुवे की तरफ से आया और राय साहब वाली गाड़ी को स्टार्ट करके वहां से चलता बना .

निशा- ये क्या कर रहा था यहाँ पर

मैं- देखते है , और चोकन्ना रहना . न जाने इनका कौन सा खेल चल रहा है .



हम दोनों कुवे के पास पहुंचे, कमरे को देखा सब कुछ वैसा ही था जो मैं छोड़ कर गया था . पर मंगू का इस परिस्तिथि में यहाँ होना संदेह पैदा कर गया था . निशा से मैंने लालटेन मंगवाई और हम कमरे के चारो तरफ देखने लगे. और जल्दी ही हमें कुछ ऐसा मिला जिसने सोचने समझने की शक्ति को समाप्त कर दिया गया. जहाँ से चले थे घूम कर हम एक बार फिर उसी मोड़ पर खड़े थे ........................










 

Studxyz

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बहुत भयंकर विनाशक खून खराबा और चाची ही आदमख़ोर लगती है ऐसा हंगामा तो आदमखोरनी चाची ने पहले कभी नहीं मचाया या फिर राये साब हैं ताकि च्म्पा को ज़िंदगी भर चोदता रहे


च्म्पा चाहे लाख राये साब से चुदी थी लेकिन यह उसके साथ बहुत बुरा हुआ
 

brego4

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heart rendering scenes at marriage of champa

aur wo doli uthne se pehle hi widow ho gayi lekin kon hai ye ?

chachi yea fir ray sahab ya abhimanu kehna mushkil hai lekin chachi adamkhor ke time hamesha mandir mein hi kyon hoti hai ?

super violent n thrilling update
 

Suraj13796

💫THE_BRAHMIN_BULL💫
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फौजी भाई आप को जब स्टोरी खत्म करनी है करो लेकिन make sure की सारे answer मिल जाए
कुछ भी छूटे नहीं


अभिमानु और नदनीं किस बारे में परेशान थे

चंपा तो ऐसे रो रही थी जैसे शेखर के मरने का बहुत दुख हो, लेकिन ये चंपा के कैरेक्टर को शूट नही करता
अगर वो इतनी ही अच्छी कैरेक्टर की होती तो शादी तय होने के बाद रुक गई होती

और अगर अंजू शादी में है तो, रमा वाला हिस्सा कहा गायब हो गायब हो गया पता ही नही चला की वो मिली या नहीं

और फौजी भाई अगर आप ये कहानी जल्दी खत्म करना चाहते है तो 2–3 दिन धीरे धीरे अपडेट दो
बहुत से पाठक ये मान कर चले गए की 3 महीना बाद शुरू होगा, 1–2 दिन में सारे वापस आ जायेंगे

कहानी के सारे प्रश्नों के जवाब मिले बिना तो ये कहानी खत्म होने नही देंगे
और फौजी भाई ये 1000 पृष्ठ तक भी जायेगी लेकिन आप हड़बड़ा रहे हो

बाकी अंतिम निर्णय आपका, my full support to you ❣️
 
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