डायन राजी हो चुकी है कबीर से ब्याह करने को, ये एक फैसला ना जाने कबीर की और इस कहानी की तकदीर में क्या लिख गया है, पर एक बात तय है की मोहब्बत इम्तिहान लेती है, और डायन से मोहब्बत शायद जान... निशा की रजामंदी ने कहानी को एक नया आयाम दिया है, अब तक साजिशों और नकाबों से ढकी कहानी में अब शायद कुछ अनसुलझे रहस्य खुलने वाले हैं... निशा का रवैया भी शायद अब बदलेगा कबीर से जुड़ी बातों के प्रति, शायद अब वो खुलकर कबीर की सहायता करे सारे रहस्यों को सुलझाने में... जो भी हो एक बात तो तय है की ये राह जो दोनों प्रेमियों ने चुनी है, आसान कतई नहीं होने वाली, देखने ये है की कब तक दोनों अपनी डगर पर आगे बढ़ पाएंगे।
निशा के रहस्यों से भी शायद अब पर्दा उठा, बहुत कुछ है उसके बारे में और उसके अतीत के बारे में, जो शायद अब कबीर जाने। देखना ये होगा की क्या कबीर को खोजना पड़ेगा, इस सत्य को भी, या फिर निशा खुद ही आगे आकर सब खोलकर रख देगी उसके सामने। भाभी की प्रतिक्रिया वैसी ही थी, जिसकी अपेक्षा हमने पहले से की हुई थी। उसका डर डायन से शादी को लेकर है या फिर कबीर की अपनी मर्ज़ी से शादी को लेकर? भाभी निशा से घबरा रही है या उस अंजाम से जो प्रेम विवाह कर कबीर को भुगतना पड़ सकता है? कबीर की जान को खतरा होगा, कहा उसने, पर किससे? निशा से या विशम्बर दयाल से?
इधर चम्पा भी कुछ बताने आई थी कबीर को, देखते हैं की क्या रोना – धोना करती है ये, आखिर उसने अभी तक अपनी मजबूरियां बताई कहां हैं? खेत में बन रहे मकान की खबर पर अभिमानु और विशम्बर दयाल की प्रतिक्रिया क्या होगी, ये भी एक सवाल है। इधर रमा ने अपने पति की हत्या के रहस्य को भी उलझा दिया है। चाची के किरदार पर भी संदेह हो रहा है अब, अपने पति पर झूठा आरोप लगाने का क्या औचित्य था उनका?
परकाश की तोड़ने का समय भी आ गया है अब शायद परंतु असल सवाल ये है की इस परकाश में उतनी हवा भरी किसने है की ये इतना ऊंचा उड़ने लगा? खूबसूरत भागा थे दोनों ही..
प्रतीक्षा अगली कड़ी की...