कबीर को मेरी एक सलाह है की जब तक चाची व् सरला को रगड़ने/चोदने का स्थान नही मिल जाता तब तक निशा से ही पपियाँ जफियां डाल के काम चला ले इसी बहाने निशा राज़ खुलवाने में भी बहुमूल्य सहयोग देगी
घाव भर जाने के बाद अंजू भी चुदायी के लिए उपलब्ध हो जाएगी और इसके साथ ही त्रिदेवियाँ चुत् उपलब्ध होंगी सरला, चाची व अंजू और चोथी निशा तो होली व् विवाह तक रिज़र्व में रहेगी ही