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Update:29


नमिता: अरे सब बता दूँगी। पहले बता कि तेरा पेपर कैसा हुआ?
राज: माँ आज तो २४/२५ मिले हैं। इतना अच्छा तो मैंने भी नहीं सोचा था।
नमिता ख़ुश हो कर उसको अपने गले से लगा ली और बोली: शाबाश बेटा, सच आज तूने मुझे ख़ुश कर दिया।
राज भी नमिता से लिपट कर बोला: माँ ये नहीं पूछोगी कि क्लास में कौन सा रैंक आया?
नमिता: ज़रूर ही पहले तीन में आया होगा?
राज ने उसे चूमते बोला: माँ,मैं पहले नम्बर पर आया हूँ। मैंने क्लास में टॉप किया है।
नमिता ख़ुशी से उसको चूमने लगी और बोली: सच !! आज मैं कितनी ख़ुश हूँ कि मेरा बेटा मेरे सपनो को पूरा कर रहा है।
ये कहते हुए उसकी आँखों से ख़ुशी के आँसू निकलने लगे।
राज भी बहुत अच्छा महसूस कर रहा था कि वह नमिता को इतनी ख़ुशी दे रहा था।
थोड़ी देर चिपके रहने के बाद राज उससे अलग हुआ और बोला: माँ आपने बताया नहीं कि आप तय्यार होकर कहाँ जा रही हैं ?
और आप रोज की तरह ब्लाउस और पेटिकोट में क्यों नहीं हैं? आज तो मैंने अपना इनाम लेना है आपसे। मुझे तो आज आपको नंगी करके चोदना है।
नमिता हँसकर बोली: सिर्फ़ मैं नहीं,हम दोनों ही बाहर जा रहे हैं। और जहाँ तक तेरे ईनाम का सवाल है वो तो तुझे मिलना ही है।मैंने तो कहा ही था कि अगर तू टॉप तीन में आ आएगा तो मैं तुझे अपने आप को सौंप दूँगी।
राज: ओह पर हम जा कहाँ रहे हैं? ये तो बताओ।
नमिता: बता दूँगी, थोड़ा सर्प्राइज़ भी रहने दे ना। चल अब खाना खा लेते हैं।
खाते हुए नमिता ने उसके दोस्तों का रिज़ल्ट भी पूछा तो वह बोला: माँ प्रतीक तो बस पास हो गया है। और श्रेय भी फ़र्स्ट डिविज़न में आया है।
खाना खाने के बाद नमिता ने उसे तय्यार होने को कहा और सूट्केस खोल कर दिखायी और बोली: देख तेरे सब कपड़े रख लिए हैं तीन दिनों के लिए।
राज फिर से बोला: माँ बताओ ना प्लीज़ कहाँ जा रहे हैं?
नमिता रहस्यमय हँसी के साथ बोली: बस अभी पता चल जाएगा। चल सब खिड़की बंद कर ले, अब निकलना है।
राज भी तय्यार हुआ और एक जींस और टी शर्ट डालकर सूट्केस उठाकर बाहर आया।
नमिता ने सुधाकर के sms से उसके ड्राइवर का नम्बर लिया और फ़ोन मिलाकर बोली: चौक पर आ जाओ ।
असल में आज सुबह ही सुधाकर का sms आया था कि क्योंकि वह तो बाहर जा रहा है इसलिए नमिता उसकी कार और ड्राइवर का इस्तेमाल के सकती है। उसी ने ड्राइवर का नम्बर भी दिया था।
नमिता और राज जब चौक पर पहुँचे तो कार खड़ी थी और दोनों कार में बैठ गए। नमिता ने उसे पहले ही बता रखा था कि फ़ार्म हाउस जाना है , सो वह चल पड़ा।
राज के लिए यह सब बड़ी बात थी। उसने देखा कि कार शहर से बाहर निकल गयी है तो वह प्रश्न भरी निगाह से नमिता को देखा तो वह मुस्करायी । थोड़ी देर बाद फ़ार्म हाउस आ गया वहाँ सुधाकर का नाम पढ़ कर वह बोला: ओह तो ये अंकल का फ़ार्म हाउस है, अंकल का परिवार भी होगा क्या ?
नमिता: नहीं मनीष और उसके पापा बाहर गए हैं। और उनकी बेटी अभी नाना के पास रहती है।
राज: ओह तो अभी यहाँ और कौन है?
नमिता मुस्करायी और फुसफुसा कर बोली: बस हम दोनों। और उसने राज की जाँघ दबा दी। राज के अंदर एक उत्तेजना की लहर दौड़ गयी।
दरबान ने मेन गेट खोला और कार अंदर मकान के पास जा कर रुक गयी। वो दोनों उतरे और ड्राइवर ने सूटकेस निकाला। नमिता बोली: आपको अगर ज़रूरत हुई तो मैं फ़ोन कल करूँगी । आज और ज़रूरत नहीं है।
ड्राइवर के जाते ही नमिता ने घर का दरवाज़ा चाबी से खोला, और दोनों अंदर आए। राज की तो आँखें ही फट गयी। क्या शानदार मकान था , बड़ा सा हाल और तीन बेडरूम बड़े बड़े और बहुत ही उम्दा क़िस्म की सजावट!!! बेडरूम के गद्दे में उछलकर वह बोला: माँ देखो कितना मस्त कुशन है।
नमिता मुस्करायी और सोची कि कल इसी कुशन पर ही सुधाकर ने उसको बुरी तरह से चोदा था और आज उसका बेटा उसे चोदेगा। उसकी बुर थोड़ी सी गीली होने लगी।
फिर नमिता बोली: आ बाहर चल और देख क्या बढ़िया पूल है।
राज नमिता के साथ पीछे गया और कवर्ड पूल देख कर दंग रह गया।
नमिता: कैसा लगा?
राज: माँ यह तो बहुत शानदार है।
नमिता: चल नहाएगा पूल में ?
राज: क्यों नहीं , बहुत मज़ा आएगा।
नमिता : चल फिर कपड़े उतार।
राज: अपनी टी शर्ट निकालते हुए बोला: आप भी नहाओगी ना?
नमिता : हाँ क्यों नहीं। ऐसा कहते हुए उसने अपनी साड़ी खोल दी।
राज की पैंट भी उतर चुकी थी और चड्डी में उसका शांत लौड़ा भी काफ़ी बड़ा लग रहा था।
नमिता भी अब ब्लाउस उतार चुकी थी और फिर उसने पेटिकोट भी उतार दिया और राज का लौड़ा उसको ब्रा और पैंटी में देख कर पूरी तरह से तन गया था।
नमिता: चल अब चड्डी भी उतार दे , यहाँ हम दोनों के अलावा कोई नहीं है।
राज थोड़ा चौका। माँ चड्डी भी उतार दूँ? कोई आ गया तो?
नमिता: तूने देखा नहीं मैंने दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया है और यहाँ कौन आएगा? मकान वाले तो विदेश में हैं।
ये कहते हुए नमिता ने अपनी ब्रा उतार दी और अब राज ने भी अपनी चड्डी उतार कर अपने लौड़े को सहलाया। अब नमिता ने भी अपनी पैंटी उतार दी और पूरी नंगी होकर राज को अपना हुस्न दिखाने लगी। फिर वह झुक कर पानी को छू कर बोली: मस्त ठंडा है , बहुत मज़ा आयेगा ।
राज ने नमिता की झुकी हुई अवस्था में पीछे से उसके बड़े बड़े गोरे गोल मांसल चूतर देखे और उसके नीचे उसकी बुर का भी दर्शन किया और उत्तेजनावश नमिता को उसी अवस्था में पीछे से ही जकड़ लिया।झुकी हुई नमिता को अपनी गाँड़ में राज के खड़े लौड़े अहसास हुआ, और वह सिहर उठी।
वह खड़ी हुई और राज उसकी छातियाँ पकड़कर उसके गाँड़ पर अपना लौड़ा लगाकर मस्ती से उसे वहाँ रगड़ने लगा।
नमिता की बुर भी गीली हो चुकी थी और वह बोली: चलो पानी में चलते हैं। गाँव में जो तैरना सीखा था याद है या भूल गए?
राज: हाँ माँ याद है ।
ये कहकर वह पानी में उतरा और नमिता भी उसके पीछे पीछे पानी में उतरी। अब वो दोनों तैरने लगे।
फिर कमर तक के पानी में आकर दोनों आराम करने लगे। राज नमिता को बाहों में लेकर उसके होंठ चूसने लगा। उसका खड़ा लौड़ा नमिता के पेट में ठोकर मार रहा था। अब राज के हाथ उसकी कमर को सहलाते हुए नीचे जाकर उसके विशाल चूतरों को सहलाने लगा। नमिता ने भी हाथ बढ़ा कर उसके लौड़े को पकड़ लिया और सहलाने लगी।
अब राज झुका और उसकी चूचियाँ चूसने और दबाने लगा।









राज मज़े से भरकर ह्म्म्म्म्म्म्म्म कहने लगा। वह नमिता की छातियाँ दबाने लगा। नमिता भी उसका लौड़ा चूसते हुए उसके बॉल्ज़ को पंजे मेंलेकर सहला रही थी ।
अचानक राज बोला: आह्ह्ह्ह्ह माँ अब रुको। और मैं नीचे आता हूँ। अब वह पानी में कूद गया और नमिता को बोला: अब आप बाहर जाओ और यहाँ बैठो । उसने नमिता को गोद में उठाया और उठाकर उसे दीवाल पर बैठा दिया और ख़ुद पानी में खड़ा होकर उसकी छातियाँ दबाने और चूसने लगा।
फिर उसने नमिता को अपनी जाँघें फैलाने को कहा और उसकी टाँगें उठाकर उसकी बुर में अपना मुँह डाल दिया और उसकी फाँकों को चाटने लगा।







नमिता भी प्यार से मुस्कुराती हुई बोली: आऽऽह बदमाश , अपना लौड़ा डाल अपनी माँ की बुर में । आह्ह्ह्ह्ह
राज ने शॉट लगाया और नमिता हाय्य्य्य्य्य्य धीरेएएएएएए से बेटाआऽऽऽऽऽ। तेरा बहुत बड़ा है।

राज: आऽऽह माँ आपकी बुर कितनी टाइट है, आऽऽहहह मज़ा आ गया।
राज ने फिर से धक्का लगाया और इस बार पूरा लौड़ा उसने जड़ तक अंदर कर दिया।
नमिता की सिसकारियाँ गूँजने लगी।
राज: आऽऽहहह माँ बहुत मज़ा आ रहा है आपको चोदने में आऽऽह क्या मक्खन सी बुर है आऽऽहहह।



अब राज उसके ऊपर आकर उसकी चूचियाँ पीते हुए धक्के मारने लगा। नमिता भी गरम होकर नीचे से अपनी कमर उछाल कर चुदवाने लगी।


नमिता: आऽऽऽह बेटा तू बहुत अच्छा चोद रहाआऽऽऽऽ है। हाय्य्य्य्य मेरी प्यास ऐसे ही बुझाते रहना आऽऽऽऽऽहहह।




राज भी उसकी आवाज़ों से गरम हो गया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाकर झड़ने लगा। उसने अपना वीर्य उस बुर के अंदर छोड़ा जहाँ से वह जन्म लिया था।
फिर वह हाँफते हुए उसकी बग़ल में लेट गया।
अब नमिता भी उसकी तरफ़ करवट लेकर उससे चिपक गयी ।
राज उसकी कमर सहला रहा था और उसकी चूचि चूस रहा था। नमिता ने भी हाथ नीचे लेज़ाकर उसके लौड़े को सहलाया और देखा कि वह अभी भी आधा खड़ा ही है। उसके हाथ में दोनों का कामरस लगा जिसे वह अपने मुँह में लेकर चाट ली। राज अपनी माँ की इस हरकत से मस्ती से भर गया। अब वह नमिता के बड़े चूतरों को दबाने लगा। फिर उसकी उँगलियाँ उसके गाँड़ के छेद से खिलवाड़ करने लगी। वह बोला: माँ आपकी गाँड़ भी मारनी है। आह्ह्ह्ह्ह कितनी मखमली है । ये कहते हुए उसने एक ऊँगली डाल दी उसकी गाँड़ में।
नमिता: आह मार लेना अब तो मैं पूरी तेरी हूँ ना। जो करना है मेरे साथ कर ले।रात को सोते समय आख़री चुदाई गाँड़ मारकर ही करना। तेरा बहुत मोटा है ना इसलिए दुखेगा और एक बार सो जाऊँगी तो सुबह तक ठीक हो जाएगा ।
नमिता की चूचि पीते हुआ उसका फिर से खड़ा हो गया और वह बोला: माँ मेरा तो फिर खड़ा हो गया है।
नमिता उसका लौड़ा पकड़ कर बोली: तेरी उम्र में खड़ा ज़्यादा रहता है नरम कम ही रहता है।
राज: माँ एक बार और चोदने का मन कर रहा है, प्लीज़।
नमिता: चल ठीक है लेट अब मैं चढ़ती हूँ तेरे ऊपर।
ये कहते हुए वह राज के ऊपर आ गयी और उसके लौड़े को हाथ में लेकर सहलायी और फिर उसके सुपाडे पर थूक गिरायी और उसको वहाँ मली और फिर अपनी कमर उठाकर उसके मूसल को अपनी बुर के छेद में रखी और नीचे होने लगी जिससे उसका लौड़ा उसकी बुर के अंदर घुसता चला गया। जब वह पूरा घुस गया तब वह अपनी कमर हिलाकर उसकी पूरी लम्बाई और मोटायी का अहसास अपने बुर में करने लगी।



राज भी उसकी झूलती हुई चूचियों को दबाकर मस्ती से भर गया।
अब नमिता उसके लौड़े पर ऊपर नीचे होकर चुदायी का भरपूर मज़ा ले रही थी।
राज: आऽऽऽहहह माँ क्या चोद रही हो? आह्ह्ह्ह्ह्ह मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽ है। मस्त बुर है आपकी, क्या पकड़ लिया है उसने मेरे लौड़े को । आऽऽऽहहहह क्या टाइट बुर है। ह्म्म्म्म्म्म कहकर वह भी नीचे कमर उछालने लगा।


अब नमिता आगे को झुक कर अपनी एक चूचि उसके मुँह में दे दी और ज़ोर ज़ोर से चूतरों को उठाकर उसकी जाँघ में पटकने लगी। राज का मस्ताना लौड़ा बुर के अंदर आग सी लगा रहा था और वह भी हाय्य्य्य्य्य्य्य किए ला रही थी।






अब फिर से पलंग हिलने लगा और दोनों की चीख़ें और मस्ती भरी आवाज़ें कमरे में गूँजने लगी। थोड़ी देर बाद आह्ह्ह्ह्ह्ह हाय्य्य्य्य्य करके दोनों झड़ गए।
अब नमिता बिलकुल ही थक गयी थी और बोली: मुझे बाथरूम जाना है पर मैं उठ भी नहीं पा रही हूँ।
राज ने उसको गोदी में उठाया और उसको बाथरूम में ले गया और कामोड पर बिठा दिया और नमिता सी सी की आवाज़ के साथ मूतने लगी। राज बोला: माँ थोड़ी सी खड़ी हो ना आपकी सुसु देखना चाहता हूँ।
नमिता बोली: चल हट। इसने क्या देखना है?
राज : माँ थोड़ा सा खड़ी हो ना, प्लीज़।
नमिता आधी खड़ी हुई जिससे उसे बुर से निकलती हुई धार दिख जाए। राज ने अपना हाथ उस धार पर रख दिया और गरम मूत के अहसास से भर गया और उसने उसकी बुर को उसकी मूत से रगड़ दिया। अब नमिता उठी और वह उसके सामने मूतने लगा और नमिता का हाथ पकड़कर अपने लौड़े पर रख दिया। नमिता उसको सूसू कराने लगी।
वह बोली: बेटा जब तू छोटा था तो ऐसे ही तुझे सूसू कराती थी। अब फ़र्क़ ये हो गया है कि तेरा ये नूनी से लौड़ा बन गया है। फिर वह उसके लौड़े को हिलाकर उसकी आख़िरी बूँद भी गिरायी और उसके लौड़े को पकड़कर वह हैंड शॉवर से उसके लौड़े और बॉल्ज़ के आसपास की जगह को अच्छे से साफ़ की ।
अब राज ने भी नमिता की बुर और गाँड़ साफ़ की और नमिता राज के साथ शॉवर लेकर तौलिए से राज का बदन पोंछी और राज भी नमिता का बदन पोछा । नमिता ने आलमारी से सुधाकर की बीवी का एक गाउन निकाला और पहन ली। यह एक ऐसा गाउन था जिसमें बस दो रस्सियाँ थीं सामने से बाँधने की। राज भी अपना लोअर पहना।
अब दोनों सोफ़े पर बैठे और नमिता फ़्रीज़ से कुछ खाने का समान निकाली और कोल्ड ड्रिंक भी निकाली और दोनों बातें करते हुए खाने लगे।
राज उसके गाउन से दिख रही नंगी जाँघ सहलाते हुए बोला: माँ
आज आपको चोद कर बहुत मज़ा आया। आपको कैसा लगा?
नमिता: उसके गाल चूमते हुए बोली: बेटा मैं भी बहुत मज़ा ली। तू तो चुदायी का एक्स्पर्ट हो गया है।
राज: माँ आप मुझसे हमेशा ऐसे ही चुदवाओगी ना?
नमिता: हाँ बेटा मेरा और है ही कौन तेरे सिवा?
राज: माँ एक बात पूँछुँ आप ग़ुस्सा नहीं होना?
नमिता: हाँ हाँ पूछ ले।
राज: माँ आप पहले भी इस फ़ार्म हाउस में आ चुकी हो ना?
नमिता: हाँ आ चुकी हूँ।
राज: माँ आप कल सुधाकर अंकल के साथ यहाँ आयीं थीं ना?
नमिता: तुझे कैसे पता?
राज: माँ वो आपको चाबी जो दिए हैं, इसीलिए बोला।
नमिता: हाँ कल आयी थी।
राज: माँ क्या आपको वह कल चोदे थे?
नमिता एक मिनट की चुप्पी के बाद आह भरी और बोली: हाँ चोदे थे।
राज उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उसको सहलाते हुए बोला: माँ आपको अंकल अच्छे लगते हैं?
नमिता: हाँ लगते हैं। वो तो अब भी मुझसे शादी करने को तय्यार हैं। पर मैं नहीं मानती कि तुझपर और मनीष और उसकी बहन पर क्या बीतेगी?
राज: माँ मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है अगर आप उनसे शादी करो तो, पर मेरी ये खुराक मुझे मिलती रहनी चाहिए। उसने नमिता की बुर को गाउन के अंदर हाथ डालकर दबाते हुए कहा।
नमिता: हाँ ये भी एक समस्या है किशादी के बाद तू मेरे साथ कैसे ये सब कर पाएगा?
राज: चलो माँ इसका भी हाल ढूँढ ही लेंगे। माँ वैसे खाने में क्या है? नमिता: बहुत कुछ बनाकर गया है कुक । थोड़ी देर में खाएँगे।
राज: माँ आपको अपना वादा याद है ना?
नमिता: कौन सा वादा ?
राज: आपने कहा था कि सोने से पहले आप गाँड़ मरवाओगी?
नमिता: हाँ हाँ याद है बाबा। चल अभी TV देखते हैं, राज नमिता की गोद में लेटकर TV देखने लगा और उसके हाथ गाउन के अंदर जाकर नमिता का भूगोल नापने लगे। नमिता भी लोअर के अंदर हाथ डालकर उसके लौड़े से खेलने लगी।
कोई देखता तो सोचता कि दो प्रेमी लेटे हुए प्रेम क्रीड़ा कर रहे है। कोई सोच भी नहीं सकता था कि ये माँ बेटा हैं।
खाना खाने के बाद राज और नमिता उन्हीं कपड़ों में पूल के आसपास लगे बग़ीचे में एक दूसरे को पकड़े हुए घूमते रहे। राज के हाथ बार बार नमिता के गाउन के अंदर और बाहर घूम रहे थे और उसके उभारों और गहराइयों को दबा रहे थे। नमिता भी उसे बीच बीच में चूम लेती थी। और उसके लोअर के ऊपर से उसके लौड़े को भी दबा देती थी।
राज: माँ एक बात पूँछुँ? सुधाकर अंकल से आप कब से चुदवा रही हो?
नमिता: तेरे पापा के इंतक़ाल के ५/६ महीने बाद से ही।
राज: माँ क्या वह बहुत अछ्चि चुदायी करते है ?
नमिता: बेटा औरत जब किसी को पसंद करती है तो उसे उसके साथ सेक्स करने में मज़ा आता है, चाहे वह बहुत बड़ा चुदक्कड ना भी हो।
राज समझ गया कि माँ बात को गोल कर गयी है, उसने भी आगे दबाव नहीं डाला।
वह फिर बोला: माँ आप तो मनीष से भी चुदवायी हो ना?
नमिता हैरान होकर: ये क्या हो रहा है? तुम मुझे ऐसे सवाल क्यों पूछ रहे हो?
राज: माँ मुझे पता है कि आपने मनीष से भी कई बार चुदावाया है, और मुझे इस सबसे कोई परेशानी नहीं है। पर आप बोल रही थी कि आप अंकल से शादी करने की सोच रही हो तो बताओ आपके दोनों बेटे यानी मैं और नया बेटा मनीष के साथ आपके सम्बंध कैसे होंगे?
नमिता को लगा कि राज का लौड़ा ज़रा ज़्यादा ही तन गया था। वह अभी भी लोअर के ऊपर से ही उसे सहला रही थी।
नमिता: तुम ठीक कह रहे हो, ये भी एक कारण था जिसकी वजह से मैंने सुधाकर को मना किया।
राज: माँ ,मगर मेरी राय यह है कि अगर आप अंकल से शादी कर लेती हो तो हमारी ज़िंदगी ज़्यादा रोमांचक हो जाएगी।
To be continue
राज अन्दर आया और नमिता को साड़ी में एकदम तय्यार देखकर हैरानी से बोला: माँ कहाँ जा रही हो? बिलकुल तय्यार लग रही हो।


नमिता: अरे सब बता दूँगी। पहले बता कि तेरा पेपर कैसा हुआ?
राज: माँ आज तो २४/२५ मिले हैं। इतना अच्छा तो मैंने भी नहीं सोचा था।
नमिता ख़ुश हो कर उसको अपने गले से लगा ली और बोली: शाबाश बेटा, सच आज तूने मुझे ख़ुश कर दिया।
राज भी नमिता से लिपट कर बोला: माँ ये नहीं पूछोगी कि क्लास में कौन सा रैंक आया?
नमिता: ज़रूर ही पहले तीन में आया होगा?
राज ने उसे चूमते बोला: माँ,मैं पहले नम्बर पर आया हूँ। मैंने क्लास में टॉप किया है।
नमिता ख़ुशी से उसको चूमने लगी और बोली: सच !! आज मैं कितनी ख़ुश हूँ कि मेरा बेटा मेरे सपनो को पूरा कर रहा है।
ये कहते हुए उसकी आँखों से ख़ुशी के आँसू निकलने लगे।
राज भी बहुत अच्छा महसूस कर रहा था कि वह नमिता को इतनी ख़ुशी दे रहा था।
थोड़ी देर चिपके रहने के बाद राज उससे अलग हुआ और बोला: माँ आपने बताया नहीं कि आप तय्यार होकर कहाँ जा रही हैं ?
और आप रोज की तरह ब्लाउस और पेटिकोट में क्यों नहीं हैं? आज तो मैंने अपना इनाम लेना है आपसे। मुझे तो आज आपको नंगी करके चोदना है।
नमिता हँसकर बोली: सिर्फ़ मैं नहीं,हम दोनों ही बाहर जा रहे हैं। और जहाँ तक तेरे ईनाम का सवाल है वो तो तुझे मिलना ही है।मैंने तो कहा ही था कि अगर तू टॉप तीन में आ आएगा तो मैं तुझे अपने आप को सौंप दूँगी।
राज: ओह पर हम जा कहाँ रहे हैं? ये तो बताओ।
नमिता: बता दूँगी, थोड़ा सर्प्राइज़ भी रहने दे ना। चल अब खाना खा लेते हैं।
खाते हुए नमिता ने उसके दोस्तों का रिज़ल्ट भी पूछा तो वह बोला: माँ प्रतीक तो बस पास हो गया है। और श्रेय भी फ़र्स्ट डिविज़न में आया है।
खाना खाने के बाद नमिता ने उसे तय्यार होने को कहा और सूट्केस खोल कर दिखायी और बोली: देख तेरे सब कपड़े रख लिए हैं तीन दिनों के लिए।
राज फिर से बोला: माँ बताओ ना प्लीज़ कहाँ जा रहे हैं?
नमिता रहस्यमय हँसी के साथ बोली: बस अभी पता चल जाएगा। चल सब खिड़की बंद कर ले, अब निकलना है।
राज भी तय्यार हुआ और एक जींस और टी शर्ट डालकर सूट्केस उठाकर बाहर आया।
नमिता ने सुधाकर के sms से उसके ड्राइवर का नम्बर लिया और फ़ोन मिलाकर बोली: चौक पर आ जाओ ।
असल में आज सुबह ही सुधाकर का sms आया था कि क्योंकि वह तो बाहर जा रहा है इसलिए नमिता उसकी कार और ड्राइवर का इस्तेमाल के सकती है। उसी ने ड्राइवर का नम्बर भी दिया था।
नमिता और राज जब चौक पर पहुँचे तो कार खड़ी थी और दोनों कार में बैठ गए। नमिता ने उसे पहले ही बता रखा था कि फ़ार्म हाउस जाना है , सो वह चल पड़ा।
राज के लिए यह सब बड़ी बात थी। उसने देखा कि कार शहर से बाहर निकल गयी है तो वह प्रश्न भरी निगाह से नमिता को देखा तो वह मुस्करायी । थोड़ी देर बाद फ़ार्म हाउस आ गया वहाँ सुधाकर का नाम पढ़ कर वह बोला: ओह तो ये अंकल का फ़ार्म हाउस है, अंकल का परिवार भी होगा क्या ?
नमिता: नहीं मनीष और उसके पापा बाहर गए हैं। और उनकी बेटी अभी नाना के पास रहती है।
राज: ओह तो अभी यहाँ और कौन है?
नमिता मुस्करायी और फुसफुसा कर बोली: बस हम दोनों। और उसने राज की जाँघ दबा दी। राज के अंदर एक उत्तेजना की लहर दौड़ गयी।
दरबान ने मेन गेट खोला और कार अंदर मकान के पास जा कर रुक गयी। वो दोनों उतरे और ड्राइवर ने सूटकेस निकाला। नमिता बोली: आपको अगर ज़रूरत हुई तो मैं फ़ोन कल करूँगी । आज और ज़रूरत नहीं है।
ड्राइवर के जाते ही नमिता ने घर का दरवाज़ा चाबी से खोला, और दोनों अंदर आए। राज की तो आँखें ही फट गयी। क्या शानदार मकान था , बड़ा सा हाल और तीन बेडरूम बड़े बड़े और बहुत ही उम्दा क़िस्म की सजावट!!! बेडरूम के गद्दे में उछलकर वह बोला: माँ देखो कितना मस्त कुशन है।
नमिता मुस्करायी और सोची कि कल इसी कुशन पर ही सुधाकर ने उसको बुरी तरह से चोदा था और आज उसका बेटा उसे चोदेगा। उसकी बुर थोड़ी सी गीली होने लगी।
फिर नमिता बोली: आ बाहर चल और देख क्या बढ़िया पूल है।
राज नमिता के साथ पीछे गया और कवर्ड पूल देख कर दंग रह गया।
नमिता: कैसा लगा?
राज: माँ यह तो बहुत शानदार है।
नमिता: चल नहाएगा पूल में ?
राज: क्यों नहीं , बहुत मज़ा आएगा।
नमिता : चल फिर कपड़े उतार।
राज: अपनी टी शर्ट निकालते हुए बोला: आप भी नहाओगी ना?
नमिता : हाँ क्यों नहीं। ऐसा कहते हुए उसने अपनी साड़ी खोल दी।
राज की पैंट भी उतर चुकी थी और चड्डी में उसका शांत लौड़ा भी काफ़ी बड़ा लग रहा था।
नमिता भी अब ब्लाउस उतार चुकी थी और फिर उसने पेटिकोट भी उतार दिया और राज का लौड़ा उसको ब्रा और पैंटी में देख कर पूरी तरह से तन गया था।
नमिता: चल अब चड्डी भी उतार दे , यहाँ हम दोनों के अलावा कोई नहीं है।
राज थोड़ा चौका। माँ चड्डी भी उतार दूँ? कोई आ गया तो?
नमिता: तूने देखा नहीं मैंने दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया है और यहाँ कौन आएगा? मकान वाले तो विदेश में हैं।
ये कहते हुए नमिता ने अपनी ब्रा उतार दी और अब राज ने भी अपनी चड्डी उतार कर अपने लौड़े को सहलाया। अब नमिता ने भी अपनी पैंटी उतार दी और पूरी नंगी होकर राज को अपना हुस्न दिखाने लगी। फिर वह झुक कर पानी को छू कर बोली: मस्त ठंडा है , बहुत मज़ा आयेगा ।
राज ने नमिता की झुकी हुई अवस्था में पीछे से उसके बड़े बड़े गोरे गोल मांसल चूतर देखे और उसके नीचे उसकी बुर का भी दर्शन किया और उत्तेजनावश नमिता को उसी अवस्था में पीछे से ही जकड़ लिया।झुकी हुई नमिता को अपनी गाँड़ में राज के खड़े लौड़े अहसास हुआ, और वह सिहर उठी।
वह खड़ी हुई और राज उसकी छातियाँ पकड़कर उसके गाँड़ पर अपना लौड़ा लगाकर मस्ती से उसे वहाँ रगड़ने लगा।
नमिता की बुर भी गीली हो चुकी थी और वह बोली: चलो पानी में चलते हैं। गाँव में जो तैरना सीखा था याद है या भूल गए?
राज: हाँ माँ याद है ।
ये कहकर वह पानी में उतरा और नमिता भी उसके पीछे पीछे पानी में उतरी। अब वो दोनों तैरने लगे।
फिर कमर तक के पानी में आकर दोनों आराम करने लगे। राज नमिता को बाहों में लेकर उसके होंठ चूसने लगा। उसका खड़ा लौड़ा नमिता के पेट में ठोकर मार रहा था। अब राज के हाथ उसकी कमर को सहलाते हुए नीचे जाकर उसके विशाल चूतरों को सहलाने लगा। नमिता ने भी हाथ बढ़ा कर उसके लौड़े को पकड़ लिया और सहलाने लगी।
अब राज झुका और उसकी चूचियाँ चूसने और दबाने लगा।

नमिता आऽऽहहह कर उठी ।अब नमिता को याद आया कि कल ऐसे ही वह सुधाकर से यहाँ मज़ा ली थी और आज उसकी जगह उसका अपना बेटा है। अब वह राज के बदन से लिपटी हुई थी। राज ने अपना हाथ उसकी बुर में रखा और उसे सहला कर वह बोला: माँ आपकी बुर कितनी नरम है।

नमिता: आऽऽहहह बेटाआऽऽऽऽ ।
राज: माँ अच्छा लग रहा है ना? वह उसकी गीली बुर में दो ऊँगली डाल दिया।
राज: माँ अच्छा लग रहा है ना? वह उसकी गीली बुर में दो ऊँगली डाल दिया।




नमिता: आऽऽहहह हाँ बेटा बहुत अच्छा लग रहा है।
राज: माँ चलो ना बाहर चलते हैं ।
नमिता को याद आया कि कल उसने सुधाकर का लौड़ा कैसे चूसा था । वह बोली: चल यहाँ दीवाल पर बैठ और मैं पानी में ही रहकर तुझे मज़ा देती हूँ।
राज उछलकर पूल के बाहर आकर दीवाल पर बैठ गया और नमिता पूल में ही रहते हुए उसकी टांगों के बीच आ गयी और उसके पेट को चुमी और फिर नीचे आकर उसका लौड़ा चूमने लगी। अब वह जीभ से पूरे लौड़े की लम्बाई में चाटने लगी और फिर उसके बॉल्ज़ भी एक एक करके चूसी। आख़िर में वह उसका पूरा लौड़ा चूसने लगी। फिर वह उसके सुपाडे पर जीभ फिराते हुए उसके पेशाब के छेद को जीभ से रगड़ने लगी।
राज: माँ चलो ना बाहर चलते हैं ।
नमिता को याद आया कि कल उसने सुधाकर का लौड़ा कैसे चूसा था । वह बोली: चल यहाँ दीवाल पर बैठ और मैं पानी में ही रहकर तुझे मज़ा देती हूँ।
राज उछलकर पूल के बाहर आकर दीवाल पर बैठ गया और नमिता पूल में ही रहते हुए उसकी टांगों के बीच आ गयी और उसके पेट को चुमी और फिर नीचे आकर उसका लौड़ा चूमने लगी। अब वह जीभ से पूरे लौड़े की लम्बाई में चाटने लगी और फिर उसके बॉल्ज़ भी एक एक करके चूसी। आख़िर में वह उसका पूरा लौड़ा चूसने लगी। फिर वह उसके सुपाडे पर जीभ फिराते हुए उसके पेशाब के छेद को जीभ से रगड़ने लगी।



राज मज़े से भरकर ह्म्म्म्म्म्म्म्म कहने लगा। वह नमिता की छातियाँ दबाने लगा। नमिता भी उसका लौड़ा चूसते हुए उसके बॉल्ज़ को पंजे मेंलेकर सहला रही थी ।
अचानक राज बोला: आह्ह्ह्ह्ह माँ अब रुको। और मैं नीचे आता हूँ। अब वह पानी में कूद गया और नमिता को बोला: अब आप बाहर जाओ और यहाँ बैठो । उसने नमिता को गोद में उठाया और उठाकर उसे दीवाल पर बैठा दिया और ख़ुद पानी में खड़ा होकर उसकी छातियाँ दबाने और चूसने लगा।
फिर उसने नमिता को अपनी जाँघें फैलाने को कहा और उसकी टाँगें उठाकर उसकी बुर में अपना मुँह डाल दिया और उसकी फाँकों को चाटने लगा।




नमिता उइइइइइइइ कर उठी।अब उसने अपनी बाहँ पीछे करके अपनी जाँघों को उठाकर राज के कंधों पर रख दिया और वह मस्ती से उसकी बुर चूसे जा रहा था। नमिता भी अपनी कमर उछालके उसके मुँह से रगड़े जा रही थी।
नमिता: आऽऽऽऽह बस कर नाआऽऽऽऽऽ नहीं तो मैं झड़ जाऊँगी आऽऽह्ह्ह्ह्ह ।
राज अपना मुँह हटा कर बोला: चलो माँ अब अंदर चलते हैं, मुझे अब आपको चोदना है।
नमिता जब उठी तो उत्तेजना के मारे उसके पैर काँप रहे थे। राज ने तौलिए से उसका बदन पोंछा और फिर अपने बदन को भी पोंछ कर सुखाया और फिर नमिता को अपनी गोद में उठाकर उसके होंठों को चूसते हुए बेडरूम की ओर ले चला।
वहाँ उसको बिस्तर पर लिटा कर वह उसके ऊपर आ गया और उसकी छातियाँ सहलाते हुए उसके होंठ चूसता रहा। फिर वह उठ कर उसकी टाँग़ों के बीच आ गया और नमिता ने अपने घुटने मोड़ कर जाँघों को फैला दिया , मानो कह रही हो आओ डालो मेरे अंदर अपना मस्त लौड़ा।राज का लौड़ा इतना कड़ा हो गया था कि उसे दुखने लगा था। आज उसकी कई दिनों की तमन्ना जो पूरी होने जा रही थी। वह मस्ती में आकर अपना सुपाड़ा उसकी बुर पर रगड़ने लगा। नमिता आऽऽहहह कर उठी।
नमिता: आऽऽऽऽह बस कर नाआऽऽऽऽऽ नहीं तो मैं झड़ जाऊँगी आऽऽह्ह्ह्ह्ह ।
राज अपना मुँह हटा कर बोला: चलो माँ अब अंदर चलते हैं, मुझे अब आपको चोदना है।
नमिता जब उठी तो उत्तेजना के मारे उसके पैर काँप रहे थे। राज ने तौलिए से उसका बदन पोंछा और फिर अपने बदन को भी पोंछ कर सुखाया और फिर नमिता को अपनी गोद में उठाकर उसके होंठों को चूसते हुए बेडरूम की ओर ले चला।
वहाँ उसको बिस्तर पर लिटा कर वह उसके ऊपर आ गया और उसकी छातियाँ सहलाते हुए उसके होंठ चूसता रहा। फिर वह उठ कर उसकी टाँग़ों के बीच आ गया और नमिता ने अपने घुटने मोड़ कर जाँघों को फैला दिया , मानो कह रही हो आओ डालो मेरे अंदर अपना मस्त लौड़ा।राज का लौड़ा इतना कड़ा हो गया था कि उसे दुखने लगा था। आज उसकी कई दिनों की तमन्ना जो पूरी होने जा रही थी। वह मस्ती में आकर अपना सुपाड़ा उसकी बुर पर रगड़ने लगा। नमिता आऽऽहहह कर उठी।

अब राज बोला: माँ आप ख़ुद ही मेरे लौड़ा अपनी बुर पर रखो ना। आज पहली बार मैं आपको चोदूंग़ा ।
नमिता ने मुस्कुरा कर अपने एक हाथ से अपनी बुर फैलायी और दूसरे हाथ से उसका लौड़ा पकड़ा और उसको अपने छेद पर सेट किया, और बोली: ले बेटा , धक्का मार और अंदर डाल।
राज शरारत से मुस्कुराया और बोला: माँ क्या डालूँ? और कहाँ डालूँ?
नमिता ने मुस्कुरा कर अपने एक हाथ से अपनी बुर फैलायी और दूसरे हाथ से उसका लौड़ा पकड़ा और उसको अपने छेद पर सेट किया, और बोली: ले बेटा , धक्का मार और अंदर डाल।
राज शरारत से मुस्कुराया और बोला: माँ क्या डालूँ? और कहाँ डालूँ?


नमिता भी प्यार से मुस्कुराती हुई बोली: आऽऽह बदमाश , अपना लौड़ा डाल अपनी माँ की बुर में । आह्ह्ह्ह्ह
राज ने शॉट लगाया और नमिता हाय्य्य्य्य्य्य धीरेएएएएएए से बेटाआऽऽऽऽऽ। तेरा बहुत बड़ा है।

राज: आऽऽह माँ आपकी बुर कितनी टाइट है, आऽऽहहह मज़ा आ गया।
राज ने फिर से धक्का लगाया और इस बार पूरा लौड़ा उसने जड़ तक अंदर कर दिया।
नमिता की सिसकारियाँ गूँजने लगी।
राज: आऽऽहहह माँ बहुत मज़ा आ रहा है आपको चोदने में आऽऽह क्या मक्खन सी बुर है आऽऽहहह।



अब राज उसके ऊपर आकर उसकी चूचियाँ पीते हुए धक्के मारने लगा। नमिता भी गरम होकर नीचे से अपनी कमर उछाल कर चुदवाने लगी।


नमिता: आऽऽऽह बेटा तू बहुत अच्छा चोद रहाआऽऽऽऽ है। हाय्य्य्य्य मेरी प्यास ऐसे ही बुझाते रहना आऽऽऽऽऽहहह।


राज के पोवेरफ़ुल धक्कों से नमिता बहुत मस्ती से भर गयी और उसकी बुर से फ़च फ़च की आवाज़ आने लगी। पलंग भी चूँ चूँ कर उठा। अचानक नमिता को लगा कि वह अब और नहीं रुक सकती तो वह राज के चूतरों को अपनी तरफ़ दबाने लगी जैसे उसके आँड भी अंदर घुसा लेगी। वह चिल्लायी: आऽऽऽऽहहह चोद हाऽऽऽऽयहय फाड़ दे मेरीइइइइइइइइइ बुर । मरीइइइइइइइइइइ मैं तो ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म उइइइइइइइइ मैं गयीइइइइइइइइइइइइइ बेटाआऽऽऽऽऽऽऽऽऽ।


राज भी उसकी आवाज़ों से गरम हो गया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाकर झड़ने लगा। उसने अपना वीर्य उस बुर के अंदर छोड़ा जहाँ से वह जन्म लिया था।
फिर वह हाँफते हुए उसकी बग़ल में लेट गया।
अब नमिता भी उसकी तरफ़ करवट लेकर उससे चिपक गयी ।
राज उसकी कमर सहला रहा था और उसकी चूचि चूस रहा था। नमिता ने भी हाथ नीचे लेज़ाकर उसके लौड़े को सहलाया और देखा कि वह अभी भी आधा खड़ा ही है। उसके हाथ में दोनों का कामरस लगा जिसे वह अपने मुँह में लेकर चाट ली। राज अपनी माँ की इस हरकत से मस्ती से भर गया। अब वह नमिता के बड़े चूतरों को दबाने लगा। फिर उसकी उँगलियाँ उसके गाँड़ के छेद से खिलवाड़ करने लगी। वह बोला: माँ आपकी गाँड़ भी मारनी है। आह्ह्ह्ह्ह कितनी मखमली है । ये कहते हुए उसने एक ऊँगली डाल दी उसकी गाँड़ में।
नमिता: आह मार लेना अब तो मैं पूरी तेरी हूँ ना। जो करना है मेरे साथ कर ले।रात को सोते समय आख़री चुदाई गाँड़ मारकर ही करना। तेरा बहुत मोटा है ना इसलिए दुखेगा और एक बार सो जाऊँगी तो सुबह तक ठीक हो जाएगा ।
नमिता की चूचि पीते हुआ उसका फिर से खड़ा हो गया और वह बोला: माँ मेरा तो फिर खड़ा हो गया है।
नमिता उसका लौड़ा पकड़ कर बोली: तेरी उम्र में खड़ा ज़्यादा रहता है नरम कम ही रहता है।
राज: माँ एक बार और चोदने का मन कर रहा है, प्लीज़।
नमिता: चल ठीक है लेट अब मैं चढ़ती हूँ तेरे ऊपर।
ये कहते हुए वह राज के ऊपर आ गयी और उसके लौड़े को हाथ में लेकर सहलायी और फिर उसके सुपाडे पर थूक गिरायी और उसको वहाँ मली और फिर अपनी कमर उठाकर उसके मूसल को अपनी बुर के छेद में रखी और नीचे होने लगी जिससे उसका लौड़ा उसकी बुर के अंदर घुसता चला गया। जब वह पूरा घुस गया तब वह अपनी कमर हिलाकर उसकी पूरी लम्बाई और मोटायी का अहसास अपने बुर में करने लगी।



राज भी उसकी झूलती हुई चूचियों को दबाकर मस्ती से भर गया।
अब नमिता उसके लौड़े पर ऊपर नीचे होकर चुदायी का भरपूर मज़ा ले रही थी।
राज: आऽऽऽहहह माँ क्या चोद रही हो? आह्ह्ह्ह्ह्ह मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽ है। मस्त बुर है आपकी, क्या पकड़ लिया है उसने मेरे लौड़े को । आऽऽऽहहहह क्या टाइट बुर है। ह्म्म्म्म्म्म कहकर वह भी नीचे कमर उछालने लगा।


अब नमिता आगे को झुक कर अपनी एक चूचि उसके मुँह में दे दी और ज़ोर ज़ोर से चूतरों को उठाकर उसकी जाँघ में पटकने लगी। राज का मस्ताना लौड़ा बुर के अंदर आग सी लगा रहा था और वह भी हाय्य्य्य्य्य्य्य किए ला रही थी।

तभी राज बोला: माँ मैं ऊपर आता हूँ और वह नमिता को लिपटाये हुए ही पलट गया और ऊपर आ कर धुआँधार चुदायी चालू किया। नमिता भी नीचे से चूतरों को उचका कर उसका पूरा साथ देने लगी। नमिता ने अपनी दोनों टाँगे राज के कंधों पर रख दी और वह बैठकर उसकी बुर फाड़ने लगा।





अब फिर से पलंग हिलने लगा और दोनों की चीख़ें और मस्ती भरी आवाज़ें कमरे में गूँजने लगी। थोड़ी देर बाद आह्ह्ह्ह्ह्ह हाय्य्य्य्य्य करके दोनों झड़ गए।
अब नमिता बिलकुल ही थक गयी थी और बोली: मुझे बाथरूम जाना है पर मैं उठ भी नहीं पा रही हूँ।
राज ने उसको गोदी में उठाया और उसको बाथरूम में ले गया और कामोड पर बिठा दिया और नमिता सी सी की आवाज़ के साथ मूतने लगी। राज बोला: माँ थोड़ी सी खड़ी हो ना आपकी सुसु देखना चाहता हूँ।
नमिता बोली: चल हट। इसने क्या देखना है?
राज : माँ थोड़ा सा खड़ी हो ना, प्लीज़।
नमिता आधी खड़ी हुई जिससे उसे बुर से निकलती हुई धार दिख जाए। राज ने अपना हाथ उस धार पर रख दिया और गरम मूत के अहसास से भर गया और उसने उसकी बुर को उसकी मूत से रगड़ दिया। अब नमिता उठी और वह उसके सामने मूतने लगा और नमिता का हाथ पकड़कर अपने लौड़े पर रख दिया। नमिता उसको सूसू कराने लगी।
वह बोली: बेटा जब तू छोटा था तो ऐसे ही तुझे सूसू कराती थी। अब फ़र्क़ ये हो गया है कि तेरा ये नूनी से लौड़ा बन गया है। फिर वह उसके लौड़े को हिलाकर उसकी आख़िरी बूँद भी गिरायी और उसके लौड़े को पकड़कर वह हैंड शॉवर से उसके लौड़े और बॉल्ज़ के आसपास की जगह को अच्छे से साफ़ की ।
अब राज ने भी नमिता की बुर और गाँड़ साफ़ की और नमिता राज के साथ शॉवर लेकर तौलिए से राज का बदन पोंछी और राज भी नमिता का बदन पोछा । नमिता ने आलमारी से सुधाकर की बीवी का एक गाउन निकाला और पहन ली। यह एक ऐसा गाउन था जिसमें बस दो रस्सियाँ थीं सामने से बाँधने की। राज भी अपना लोअर पहना।
अब दोनों सोफ़े पर बैठे और नमिता फ़्रीज़ से कुछ खाने का समान निकाली और कोल्ड ड्रिंक भी निकाली और दोनों बातें करते हुए खाने लगे।
राज उसके गाउन से दिख रही नंगी जाँघ सहलाते हुए बोला: माँ
आज आपको चोद कर बहुत मज़ा आया। आपको कैसा लगा?
नमिता: उसके गाल चूमते हुए बोली: बेटा मैं भी बहुत मज़ा ली। तू तो चुदायी का एक्स्पर्ट हो गया है।
राज: माँ आप मुझसे हमेशा ऐसे ही चुदवाओगी ना?
नमिता: हाँ बेटा मेरा और है ही कौन तेरे सिवा?
राज: माँ एक बात पूँछुँ आप ग़ुस्सा नहीं होना?
नमिता: हाँ हाँ पूछ ले।
राज: माँ आप पहले भी इस फ़ार्म हाउस में आ चुकी हो ना?
नमिता: हाँ आ चुकी हूँ।
राज: माँ आप कल सुधाकर अंकल के साथ यहाँ आयीं थीं ना?
नमिता: तुझे कैसे पता?
राज: माँ वो आपको चाबी जो दिए हैं, इसीलिए बोला।
नमिता: हाँ कल आयी थी।
राज: माँ क्या आपको वह कल चोदे थे?
नमिता एक मिनट की चुप्पी के बाद आह भरी और बोली: हाँ चोदे थे।
राज उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उसको सहलाते हुए बोला: माँ आपको अंकल अच्छे लगते हैं?
नमिता: हाँ लगते हैं। वो तो अब भी मुझसे शादी करने को तय्यार हैं। पर मैं नहीं मानती कि तुझपर और मनीष और उसकी बहन पर क्या बीतेगी?
राज: माँ मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है अगर आप उनसे शादी करो तो, पर मेरी ये खुराक मुझे मिलती रहनी चाहिए। उसने नमिता की बुर को गाउन के अंदर हाथ डालकर दबाते हुए कहा।
नमिता: हाँ ये भी एक समस्या है किशादी के बाद तू मेरे साथ कैसे ये सब कर पाएगा?
राज: चलो माँ इसका भी हाल ढूँढ ही लेंगे। माँ वैसे खाने में क्या है? नमिता: बहुत कुछ बनाकर गया है कुक । थोड़ी देर में खाएँगे।
राज: माँ आपको अपना वादा याद है ना?
नमिता: कौन सा वादा ?
राज: आपने कहा था कि सोने से पहले आप गाँड़ मरवाओगी?
नमिता: हाँ हाँ याद है बाबा। चल अभी TV देखते हैं, राज नमिता की गोद में लेटकर TV देखने लगा और उसके हाथ गाउन के अंदर जाकर नमिता का भूगोल नापने लगे। नमिता भी लोअर के अंदर हाथ डालकर उसके लौड़े से खेलने लगी।
कोई देखता तो सोचता कि दो प्रेमी लेटे हुए प्रेम क्रीड़ा कर रहे है। कोई सोच भी नहीं सकता था कि ये माँ बेटा हैं।
खाना खाने के बाद राज और नमिता उन्हीं कपड़ों में पूल के आसपास लगे बग़ीचे में एक दूसरे को पकड़े हुए घूमते रहे। राज के हाथ बार बार नमिता के गाउन के अंदर और बाहर घूम रहे थे और उसके उभारों और गहराइयों को दबा रहे थे। नमिता भी उसे बीच बीच में चूम लेती थी। और उसके लोअर के ऊपर से उसके लौड़े को भी दबा देती थी।
राज: माँ एक बात पूँछुँ? सुधाकर अंकल से आप कब से चुदवा रही हो?
नमिता: तेरे पापा के इंतक़ाल के ५/६ महीने बाद से ही।
राज: माँ क्या वह बहुत अछ्चि चुदायी करते है ?
नमिता: बेटा औरत जब किसी को पसंद करती है तो उसे उसके साथ सेक्स करने में मज़ा आता है, चाहे वह बहुत बड़ा चुदक्कड ना भी हो।
राज समझ गया कि माँ बात को गोल कर गयी है, उसने भी आगे दबाव नहीं डाला।
वह फिर बोला: माँ आप तो मनीष से भी चुदवायी हो ना?
नमिता हैरान होकर: ये क्या हो रहा है? तुम मुझे ऐसे सवाल क्यों पूछ रहे हो?
राज: माँ मुझे पता है कि आपने मनीष से भी कई बार चुदावाया है, और मुझे इस सबसे कोई परेशानी नहीं है। पर आप बोल रही थी कि आप अंकल से शादी करने की सोच रही हो तो बताओ आपके दोनों बेटे यानी मैं और नया बेटा मनीष के साथ आपके सम्बंध कैसे होंगे?
नमिता को लगा कि राज का लौड़ा ज़रा ज़्यादा ही तन गया था। वह अभी भी लोअर के ऊपर से ही उसे सहला रही थी।
नमिता: तुम ठीक कह रहे हो, ये भी एक कारण था जिसकी वजह से मैंने सुधाकर को मना किया।
राज: माँ ,मगर मेरी राय यह है कि अगर आप अंकल से शादी कर लेती हो तो हमारी ज़िंदगी ज़्यादा रोमांचक हो जाएगी।
To be continue