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इशा: मेरा भी बुरा हाल है और तेरा बेटा बहुत ही सेक्सी है।
नमिता: और सुन ले उसका लौड़ा भी बहुत बड़ा और मोटा भी है।
इशा: सच आऽऽहहह तब तो मज़ा ही आ जाएगा। वैसे रोहन का भी लौड़ा बड़ा ही है और वह भी मस्त चोदता है । हाँ राकेश का थोड़ा पतला है इसलिए वह गाँड़ स्पेशलिस्ट है, हा हा।
नमिता: तब तो मानसी भी उसका लौड़ा आराम से ले लेती होगी।
इशा: नहीं अभी मानसी की सील नहीं टूटी है। वह अभी कुँवारी है। उसकी सील इस जन्म दिन पर ही टूटेगी पूरे परिवार के सामने।
नमिता: परिवार मतलब
इशा: मतलब मेरे मायके वाले और मेरे ससुराल वाले सब आएँगे।
नमिता: ये क्या बात हुई?
इशा: मेरे मायके और ससुराल वाले इन्सेस्ट सेक्स में विश्वास रखते हैं। इसलिए इसकी बुर और गाँड़ का उद्घाटन समारोह सब मिलके मनाएँगे। मैं तुझे बाद में सब बताऊँगी।
नमिता: हाँ ज़रूर बताना , मुझे बहुत उत्सुकता है जानने की।
इशा: ज़रूर। मगर अब चलें मेकअप तो बढ़िया हो गया। पक्की रंडियां दिख रही हैं हम दोनों।
अब दोनों बाहर आयीं और ड्रॉइंग रूम में पहुँची। वहाँ इन दोनों को ऐसी अवस्था में देखकर जैसे सन्नाटा छा गया।
राज कभी अपनी माँ को और कभी आंटी को देख रहा था और उनकी बाहर निकली हुई चूचियाँ और नंगी जाँघें और नंगा पेट और कमर देखकर अपना लौड़ा सहलाने लगा जो अब तन सा गया था।
क़रीब यही हाल रोहन का भी था और वह भी अपनी माँ और आंटी को देखकर पागल सा होकर अपना लौड़ा सहलाने लगा।
राकेश का भी मुँह खुला रह गया था क्योंकि उसे भी पता नहीं था कि आगे क्या होने वाला है।वह कभी अपनी बीवी और कभी नमिता को देख रहा था और उसने भी अपना लौड़ा दबाना चालू किया।
भोली मानसी जब कुछ नहीं समझ पायी तो बोली: मम्मी ये आप दोनों कैसे कपड़े पहनी हों? और ये कैसा मेक अप किया है ?
इशा: बेटा, वो क्या है कि आज तेरा भाई और तेरे पापा तेरी नमिता आंटी को बहुत घूर रहे थे और ये भोला सा दिखने वाला राज भी मुझे और शायद तुझे भी घूर रहे थे। तो हमने सोचा कि ये लोग जो देखना चाहते हैं इनको दिखा दिया जाए। क्यों नमिता, ऐसा ही है ना?
नमिता: हाँ बिलकुल ऐसा ही है।
अब कमरे में पिन ड्रॉप साइलेन्स छा गया। सबको मानो साँप सूंघ गया हो।
आख़िर में राकेश ने मौन तोड़ा: वाह ये तो बढ़िया सोचा तुम दोनों ने। चलो जब इतनी तय्यार हुई तो मॉडल की तरह चल के भी दिखा दो।
इशा हँसते हुए बोली: मॉडल की तरह या रँडी की तरह?
राकेश: आऽऽऽऽहहह मज़ा तो रँडी की तरह चलोगी तो ज़्यादा आएगा मेरी जान।
इशा ने नमिता को देखा और वह मुस्कुरा दी।
अब इशा कमरे के एक सिरे से दूसरे सिरे तक गाँड़ मटका कर चल के दिखाने लगी। नमिता भी उसके साथ वैसे ही चलने लगी गाँड़ मटका मटका कर।
तभी राकेश उठा और एक भोजपुरी गाना लगा दिया जिसमें बहुत बीट्स थीं हालाँकि शब्द बड़े ही अश्लील थे।
वह आके इशा की कमर पकड़के नाचने लगा।
इशा भी अपनी छातियाँ हिला कर नाचने लगी।
अब नमिता को भी जोश आ गया और वह भी अपनी कमर और छातियाँ हिलाके नाचने लगी।
राकेश ने अब नमिता की कमर में हाथ डालके उसके साथ भी नाचना शुरू किया और नमिता भी अपनी गाँड़ मटका कर दोनों लड़कों को मस्त कर दी।
पूरा कमरा सेक्सी गाने और सेक्सी अदाओं से जैसे चार्ज हो चला था।
अब नमिता ने अगली चाल चली । वह जाके मानसी को खड़ा की और उसको अपनी बाहों में लेकर नाचने लगी। जल्द ही वह भी मूड में आ गयी।वह भी अपनी छोटी छोटी चूचियाँ हिलाकर नाचने लगी। वह भी अपनी गोल गोल चूतर मटकाकर नाचने लगी।
राज और रोहन की पैंट तो आगे से पूरी तरह फूल गयी थीं। अब नमिता राज को पकड़के खड़ा की और नाचने लगी। राज भी जल्दी ही मूड में आ गया और अपनी कमर हिलाके नाचने लगा।
इशा भी अपने बेटे को उठाके लाई और वह भी उससे चिपक कर नाचने लगा।
इशा ने नाचते हुए अपनी बेटी मानसी का टॉप उतार दिया और एक छोटी सी ब्रा में उसकी जवान होती चूचियाँ देखकर सब लोग मस्ती से भर गए। अब राकेश उसको पकड़के उसकी चूचियाँ दबाने लगा। और नमिता भी नाचते हुए रोहन के पास जाके उसको अपने सीने से चिपका ली और कमर मटका कर अपने सामने के हिस्से को उसके जवान शरीर से रगड़ने लगी।
इशा भी कहाँ चुप रहने वाली थी उसने भी राज को अपने से चिपका लिया और घूम गयी। अब उसके चूतरों पर राज का खड़ा लौड़ा दस्तक दे रहा था। वह अब पीछे को धक्का मारके उसके लौड़े के ठोकर का मज़ा ले रही थी।
तभी नमिता ने अपने होंठ रोहन के गर्दन पर रख दिए और वहाँ चूमने लगी। रोहन का हाथ भी उसकी नंगी कमर पर पहुँचा और वह उसकी चिकनाई को महसूस करके अपना लौड़ा उसके पेट में दबाने लगा। अब राकेश नमिता को पकड़ा और उसकी चूचियाँ दबाने लगा और वह मस्त हो गयी। तभी राज मानसी के होंठ चूसने लगा। और उसकी गोलायीयों का मज़ा लेने लगा । उसने ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ चूमकर लड़की को गरम कर दिया। उधर इशा और रोहन एक दूसरे को चूमने लगे।
राकेश बोला: चलो हमारे बेडरूम में चलो।
सब एक दूसरे से लिपटे हुए बेडरूम में आए। बड़ा सा बिस्तर था वहाँ जिसमें सब एक दूसरे से चिपके हुए बैठ गए ।
राकेश: चलो अब कुछ नया करते हैं और वह लूडो की एक गोटी लाया और बोला: जिसका सबसे बड़ा नम्बर आएगा वह अपना एक कपड़ा खोलेगा। और सबसे प्यार करेगा।
सब हँसते हुए गोटी खेले। नमिता का नम्बर आया और उसने अपना गाउन खोल दिया।
अब वह राकेश के पास गयी तो वह उसकी चूचि ब्रा के ऊपर से चूमने लगा। राज ने भी पैंटी के ऊपर से बुर दबाई। रोहन भी उसके चूतरों को दबाके मस्ती से भर गया। मानसी और इशा ने भी चूची दबाई।
अगला नम्बर मानसी का आया और उसका स्कर्ट उतारा और उस कली को ब्रा और पैंटी में देखकर सब पागल हो गए। आख़िर में राज और रोहन भी अपनी चड्डी में आ गए थे और राकेश ने सबसे पहली अपनी चड्डी उतारी । नमिता ने देखा कि उसका लौड़ा लम्बा तो ठीक ही था पर ज़्यादा मोटा नहीं था। फिर पूरी नंगी होने वाली इशा थी। उसका भरा हुआ बदन राज के चड्डी में फँसे लौड़े को बहुत परेशान कर दिया।
अगला नंगा राज हुआ और उसके लौड़े को देखकर इशा की वाह निकल गयी। और मानसी की आँखें फैल गयी। अब बारी नमिता की आयी और उसका नंगा बदन देखकर राकेश और रोहन तो जैसे ख़ुशी से भर गए। आख़िर में रोहन की भी चड्डी उतरी और उसका लौड़ा राज के लौड़े से बस थोड़ा सा ही कम मोटा था। नमिता की आँख चमक उठी।
राकेश: देखो आप सबको बता दूँ कि मानसी अभी नहीं चुदेंगीं। हाँ इसके अलावा वह सब कुछ कर सकती है।
इशा: मुझे तो राज से चुदवाना है अगर नमिता को कोई अब्जेक्शन ना हो तो।
नमिता: मुझे क्यों अब्जेक्शन होगा।
राज ने इशा को गिरा दिया बिस्तर पर और उसपर चढ़ कर उसे चूमने लगा।
उधर नमिता को रोहन और राकेश दोनों ने पकड़ लिया और चूमने लगे। रोहन सामने से मज़े ले रहा था चूचियों के और राकेश पीछे से उसकी गर्दन चूमते हुए उसके चूतर दबा रहा था और लौड़ेको गाँड़ पर दबा भी रहा था। मानसी चुपचाप बैथे हुए सबको मस्ती करते देख रही थी और अपने एक निपल को दबाते हुए अपनी बुर में ऊँगली रगड़ रही थी।
उधर राज इशा की चूचियाँ चूसने लगा और नीचे आके उसकी बुर को देखकर मस्त हो गया। माँ जैसे गोरी नहीं थी पर आह क्या मस्त कचौड़ी सी बुर थी। उसने चिकनी बुर को सहलाया और फिर उसने अपना मुँह डाल दिया और उसकी बुर की फाँकों को फैलाकर उसके अंदर के गुलाबी हिस्से को चूमते हुए चाटने लगा।
इशा अब आऽऽऽह करने लगी और बोली: आऽऽहहह बेटा , आऽऽह मुझे भी तेरा लौड़ा चूसना है , चल ६९ में आ जाओ।
अब राज उसके ऊपर उलटा हो कर लेटा और अपने लौड़े को उसके मुँह पर रखा और इशा मज़े से उसके लौड़े के सुपाडे को चाटी और वहाँ लगे प्रीकम को मस्ती से गटक गयी और फिर चूसने लगी। राज भी उसकी बुर चूस और चाट कर गरम हो गया था। इशा ने राज के गाँड़ को भी सहलाया और उधर राज भी उसके पैरों को पूरा उठाया और उसकी गाँड़ को चाटने लगा ।
इशा हाऽऽय्यय करके बोली: आह बेटा अब चोओओओओओओ द दे नाआऽऽऽऽऽ। आह कितना मस्त लौड़ा है मेरा जी करता है कि चूसती ही जाऊँ।
वह अपनी जीभ से पूरे लौड़े और बाल्स को चूसते ही जा रही थी। फिर राज उठकर घुमा और उसके पैरों को अपने कंधे पर रख के उसकी बुर में अपना मोटा लौड़ा डालने लगा।
अब राज ने एक धक्का और दिया और लौड़ा उसकी बुर में धँसता चला गया।
मानसी उसके पास आके देखने लगी तो वह एक हाथ से मानसी की और एक हाथ से इशा की चूचि दबाने लगा । उसने महसूस किया कि चूचियों में कितना फ़र्क़ है। माँ की बड़ी और नरम है जबकि बेटी की छोटी लेकिन सख़्त हैं।
क़रीब दस मिनट की चुदाई के बाद इशा चिल्लाने लगी: आऽऽहहहह बेएएएएएटा फ़ाआऽऽऽऽड़ देएएएएएए मेरीइइइइइइइइइ बुर हाय्य्य्य्य क्या लंड है हाऽऽय्य मैं गयी।
अब इशा अपनी कमर उछालके झड़ने लगी।
राज भी उसको ज़ोर ज़ोर से चोदते हुए बोला: आंटी, मानसी लौड़ा चूस लेती है क्या?
इशा हाँफती हुई बोली: आऽऽहहह हाँ बेटा बहुत मस्ती से चूसती है। हाऽऽय्यय अब रुक जा , मैं और नहीं सह सकती , निकाल अपना लंड और मानसी से चूसवा ले।
राज ने अपना लौड़ा निकाला और पूरा रस से भरा गन्ना मानसी के मुँह के पास ले आया और वह उसे पकड़के चूसने लगी। उसके छोटे से मुँह के लिए राज का लौड़ा काफ़ी बड़ा था पर वह बड़े उत्साह से चूसे जा रही थी। राज भी उसकी कठोर सेबों को दबाकर मस्ती से चूसवा रहा था।
राज ने मुँह घुमाके देखा तो वह मुस्कुरा उठा ।
नमिता रोहन के ऊपर चढ़ी हुई थी और उसकी बुर में उसका लौड़ा घुसा हुआ था और वह उछल उछल के चुदवा रही थी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ रोहन बड़े मज़े से दबाए जा रहा था।
राकेश ने अपने लौड़े पर क्रीम लगायी और नमिता को थोड़ा रुकने को बोला और उसकी गाँड़ में भी क्रीम लगाके अपने लौड़े को नमिता की गाँड़ में पेल दिया। नमिता की आऽऽऽहहह निकल गयी । जल्दी ही उसका लौड़ा उसकी गाँड़ में अजस्ट हो गया और वह उसकी गाँड़ मारने लगा। अब नमिता भी दोनों छेदों में लौड़े डलवाके मस्त हो चुकी थी और चूतर हिला हिला के डबल चुदायी का आनंद ले रही थी।
रोहन भी नीचे से चूतर उछालके उसकी बुर को चोदे जा रहा था। राकेश पीछे से गाँड़ मारे जा रहा था।
नमिता चिल्लाने लगी: आऽऽऽहहहब फ़ाआऽऽऽऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओओओ मेरीइइइइइइइ गाँड़ हाऽऽऽय्यय मैं तो गइइइइइइइइ ।
वह अब झड़ने लगी। उधर राकेश और रोहन भी झड़ने लगे।
तभी राज ने भी मानसी के मुँह में पिचकारी छोड़ दी। वह बड़े प्यार से उसका वीर्य पीती चली गई। जब राज की आख़री बूँद भी वह चूस ली तभी उसने लौड़े को मुँह से निकाला।
अब मानसी अपना मुँह पोंछते हुए अपने पापा के मुँह में अपना बुर रख के बैठ गयी मानो वह उसके मुँह में मूत रही हो। राकेश भी अपनी प्यारी बिटिया की बुर चाटने लगा और जल्दी ही उइइइइइइइइइइ कहके मानसी ज़ोर ज़ोर से अपने चूतर हिलाते हुए झड़ने लगी और राकेश उसकी बुर का रस पी गया।
अब सभी झड़ के आराम करने लगे।
सब लोग बाथरूम से फ़्रेश होकर आए और बिस्तर पर एक दूसरे से लिपटकर लेटे रहे।
बड़ा सा बिस्तर था जिसने ६ नंगे जिस्म उलटे सीधे लेटे हुए और बैठे हुए थे ।
इशा: नमिता तुम्हारा और राज का ये कब से चल रहा है।
नमिता ने उसको पूरी कहानी सुनाई कि कैसे राज की पढ़ाई के लिए उसको यह सब करना पड़ा, और उससे क्या फ़ायदा हुआ।
इशा : वाह क्या त्याग किया है तुमने अपने बेटे के लिए।
नमिता: मेरी छोड़ , अपनी बता ,ये सारे नंगे कब से ऐसे नंगे हुए? यह कहते हुए वह हँसने लगी और रोहन का लंड सहला दी।
इशा भी हँसते हुए बोली: अरे बड़ी लम्बी कहानी है। सुनना है क्या?
राज ने इशा की चुचि दबाके कहा: आंटी, प्लीज़ सुनाओ न?
इशा हंस कर बोली: बेटा, तेरी तो हर बात मानूँगी क्योंकि तूने मुझे आज बहुत ख़ुश कर दिया है।
क्या मस्त चुदायी की है और बहुत ही मोटा लौड़ा है तेरा। ये कहते हुए वह उसका लौड़ा सहला दी।
इशा ने अब कहना शुरू किया:--------:-------:------
नमिता याद है जब हम स्कूल में पढ़ती थी तो तुमको कहती थी कि मैं अक्सर चुदायी का मज़ा लेती हूँ। तुम हैरान होती थी और पूछती थीं कि कौन चोदा ? और मैं नाम बताती थी कि पड़ोसी का बेटा या फिर पापा का दोस्त वग़ैरह।
नमिता: हाँ याद है अच्छे से ।
इशा: दरअसल उसमें आधा सच था और आधा झूठ। ये सच है कि मैं अक्सर ही चुदवाती थी पर सिर्फ़ पापा और भैया से।
कमरे में पिन ड्रॉप साइलेन्स हो गया।
नमिता: क्या कहा? पर तुमने तो कभी बताया ही नहीं?
इशा: क्या और कैसे बताती ? तुम तो शॉक में आ जाती।
उन दिनों तुम ये सब सोच भी नहीं सकती थी।
नमिता: ओह, ये शुरू कैसे हुआ
इशा: असल में मेरे पापा ने भाग कर अपनी चचेरी बहन से शादी की थी। समाज इसको सही नहीं मानता इसलिए वो दोनों इस शहर में आ गए। हमारे परिवारों को इसके कुछ भी इतराज नहीं था,पर दिखावे के लिए वो भी विरोध किए। हम चार ही परिवार में थे, मैं और भय्या को मिलाकर।
एक दिन मैंने पापा और मम्मी का सेक्स देखा । हुआ ये कि मुझे बुखार हुआ और मम्मी मुझे अपने साथ सुला ली। रात में शायद पापा को चुदाई की इच्छा हुई और वो मम्मी के रोकने के बावजूद चुदाई में लग गए। मैं जागकर भी ऐसा दिखाई कि मानो सो रही हूँ। तभी पापा की आँखें मेरी आँखों से मिल गयी और मुझे आँख मार दिए। मैं तो शर्म से आँख बंद कर ली। पर मम्मी की आहें सुनकर मैंने फिर आँख खोली और पूरी चुदाई देखी। मेरी कमसिन बुर गीली हो गई थी। चुदाई के बाद मम्मी जब बाथरूम गयीं तो पापा ने नंगे ही मुझे अपने से चिपका लिया और बोले: बेटे मज़ा आया? इसको चुदायी कहते हैं। अब तुम भी जवान हो गयी हो , चाहो तो मज़ा ले लो इसका । ये कहते हुए उन्होंने अपना लंड मेरे हाथ ने से दिया। उसको पकड़ते ही जैसे मेरे बदन में आग लग गयी। तभी मम्मी आयीं बाथरूम से और पापा ने मुझे अलग कर दिया और मैं भी सोने का नाटक करने लगी।
उस रात और कुछ नहीं हुआ पर अगले दिन वह मुझे अकेला पाकर मेरा चुम्बन लिए और मुझे बाहों में भरके प्यार किए और मैं मस्त हो गयी।
एक दिन मम्मी मंदिर गयी थी और मैं अकेली थी तभी पापा आ गए और मुझे अपनी गोद में बिठाके बहुत प्यार किए ।
उन्होंने पहली बार मेरी चूचियाँ दबायी और मेरा टॉप उतार कर मेरी चूचियाँ दबाकर उनको चूसने लगे। मैं सी सी करने लगी। पापा का खड़ा लौड़ा मेरी गाँड़ में दस्तक दे रहा था ।
पापा ने मेरी पैंटी भी उतारी और मेरी नरम झाँटों को देखकर उसे सहलाते हुए बोले: बेटी, इसको हमेशा साफ़ रखा करो।
फिर वह पहली बार मेरी बुर चूमे और चाटके मुझे पागल कर दिए आऊँ मैं उनके मुँह में झड़ गयी। वह पूरा रस पी गए।
अब हम दोनों जब भी मौक़ा मिलता यही खेल खेलते। मैं उनका लौड़ा भी अब मज़े से चूसने लगी थी।
एक दिन हम मज़े कर रहे थे तभी मम्मी अचानक आ गयी और हमको नंगे देख ली। ओह उसके बाद एक तूफ़ान आया घर में।
नमिता: ओह ये तो बड़ी मुश्किल हो गयी । फिर क्या हुआ?
राज: हाँ आंटी फिर क्या हुआ? आपकी कहानी सुनके तो मेरा लौड़ा खड़ा हो गया है। देखो!
नमिता हँसती हुई उसके लौड़े को चूसने लगी और फिर मुँह उठाने बोली: अब या यो लौड़ा चूसवा लो या कहानी सुन लो ।
नमिता : चल मानसी चूस देगी , इशा तुम कहानी सुनाओ।
मनाई ख़ुशी से आगे आकर राज का लौड़ा चूसने लगी और इशा ने कहानी आगे बढ़ाई।