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Incest दबी हुई वासना

sunoanuj

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बेटा , येचादर तो बदल लें ,सारी पेशाब में गीली हो गई..... में भी अपना शरीर साफ कर आऊं, में गीली चादर पर सीधी लेटी हुई थी , मेंने अपनी टांगों की कैंची लगाई हुई थी , ताकी चूत छुप जाएं, तथा मम्मे छिपाने के लिए हाथ भी बांधे रखे थे।
एक बार झड़ने के बाद मुझे फिर से शर्म आने लगी थी।

छोड़ ना मां ऐसे ही गीली चादर पर गीले बदन से ही चुदाई करेंगे बहुत मज़ा आयेगा । आसिफ हंसते हुए बोला।

धत्त...., अपनी मां से ऐसे बात करते हैं, शर्म नहीं आती तुझे ..... मेंने दिखावटी लज्जा के साथ कहा।

इसमें शर्म की क्या बात है । एक दिन में चार वार तो तू अपने बेटे के लंड से चुदवा चुकी है, एक साथ दो दो लंड खा लिए , शर्म तो तुझे आनी चाहिए । .... आसिफ ढिठाई से बोला।

तुम लोगों ने जबरदस्ती पकड़ कर चोद दिया , में क्या कर सकती थी , जब दो दो सांड मिल कर किसी कमजोर गाय को पकड़ कर उस पर चढ जाओगे तो वो क्या कर सकती है , .....में ठहरी अबला नारी। ..... में लज्जा की मूर्ति बनी हुई थी।

और जो , रमेश के मुंह पर बैठ कर उससे अपनी चूत की चटाई करवा रही थी , उछल उछल कर चिल्ला रही थी , शाबाश ऐसे ही। तब कौन सी अबला नारी थी।

हट.... मेरे से ऐसी गंदी गंदी बातें मत कर.... मेंने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा.....कह कर मेंने शर्म से आंखें बंद कर ली।

अच्छा अम्मी एक बात बता , सही सही बताना .....तू अब तक कितने मर्दों से चुदाई करा चुकी है ।

चुप कर .... किसी भी औरत से ये बातें नहीं पूछते , फिर मैं तो तेरी मां हूं , अपनी मां से कोई ऐसी बातें करता है ।

नहीं मां बता ना, मुझे जानना है प्लीईईईज ..... आसिफ रिक्वस्टिंग स्वर में बोला।

देख मुझे इस बारे में कुछ भी बात नहीं करनी ..... चल में घोड़ी बनती हूं ....तू मुझे पर सवारी करके हल्का हो ले। , फिर सो जाना ..... में बैठते हुए बोली ।

अम्मी प्लीज बताओ ना , तुम्है मेरी कसम ..... आसिफ ने मुझे अपनी बाहों में कस लिया , में भी उसके सीने से चिपक गई।

पांच ... मेंने धीरे से कहा।

क्या..... आसिफ चौंकते हुए बोला .... उसने मेरी दोनों बाहें पकड़ गर फेस टू फेस होते हुए पूछा .....मगर जब मेंने तुम्हें रमेश से चुदते हुए पकड़ा था तब तो तुम कह रही थी कि तुमने जिंदगी में पहली बार किसी गैर मर्द से चुदवाया और पहली बार ही पकड़ी गयी।

वो मेंने झूठ बोला था बेटा, औरतों को कभी कभी अपनी स्मिता बचाए रखने के लिए झूठ बोलना पड़ता है रे..... में उसके सीने में मुंह गड़ाए हुए बोली ......अब मेंने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर आसिफ के लंड को मुठियाना शुरू कर दिया था .....ताकि उसका ध्यान भटके और वो ज्यादा सवाल ना पूंछे।

आहहहहह.... अम्मी बस एक सवाल और .... सबसे पहले आपको किसने चोदा था .... औऔऔऔ

जरूरी है बताना .... मेंने उसके लंड पर अपनी पकड़ सख्त कर उसके लंड को मरोड़ते हुए कहा ।

ऊऊऊऊऊऊ ईई ...... क्या कर रही हो , तोड़ोगी क्या मेरे लंड को .... अम्मी प्लीज बता ना।

मेरा क्लासमेट था। हमारी क्लास पिकनिक पर गई थी , वहां उसने झाड़ियों में चोदा था। ......कह कर मेंने मुंह नीचे ले जाकर आसिफ का लंड अपने मुंह में ले लिया..... सड़प सड़प चूसने लगी

हायययतततय....... मेरी अम्मी तू कितना प्यारा लंड चूसती है ...... आसिफ मेरी मेरी चूचियों को मसलता हुआ बोला । में तेजी से अपना मुंह आसिफ के लंड पर चला रही थी तथा एक हाथ से हल्के हल्के उसके टट्टे भी सहला और दबा रही थी ।

आहहहहह...... मां ...तू तो चुद्दकक्ड पूरी निकली रे , मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी की मेरी अम्मी ऐसी होगी..... में तो तुझे सीधी सादी देवी समझता था ।

औऔऔऔओहोओ ..... थोड़ा आराम से, ऐसे तो मेरा माल जल्दी निकल जाएगा। ...ऊऊऊऊऊऊ ..... अभी तो मुझे तेरी गांड़ भी मारनी है। आआआआआइ ..... में उसके सुपाड़े के छेद को अपनी जीभ से खोद रही थी , इससे वो उत्तेजित होकर अपनी कमर उछालते हुए सिसयां रहा था ,...में जानती थी इस तरह मर्द बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाते है।

उत्तेजना में आसिफ के मुंह से अनर्गल सिसकारियां निकल रही थी ..... में अपना मुंह आसिफ के मोटे लंड पर तेजी से चल रहा था। आसिफ के लंड की खुशबू और उसके प्रीकम का स्वाद मुझे मदहोश किए दे रहा था । कमरे में सड़प सड़प की आवाज गूंज रही थी । अब मेरे दोनों हाथ आसिफ की कमर को सहला रहे थे ।

मुझे आसिफ का लंड चूसते हुए दस मिनट हो गये थे .... आसिफ नीचे से अपने चूतड उचका उचका कर मेरे मुंह को चोद रहा था ......आहहहहह अम्मी अब रूक जा नहीं तो मैं तेरे मुंह में ही झड़ जाऊंगा .....ऊईईईईईईई

नहीं नहीं इतनी जल्दी मत झड़ना बेटा, अभी तो तुझे मेरे ऊपर चढ़ना भी है , मुझे चोदना है।

फिर क्या करूं अम्मी।


थोड़ी देर का ब्रेक ले ले ....थोड़ा घर में इधर उधर टहल लें .... । चुदाई से ध्यान हटेगा तो तनाव कम हो जाएगा ... मेंने उसके ऊपर से हटते हुए कहा।

आसिफ पलंग से उतर कर पूर्णतया नग्न ही कमरे में चहल कदमी करने लगा ।

उसका लम्बा चौड़ा सुदृढ़ शरीर और 8 इंच लंबा लंड किसी तोप की तरह तना हुआ था, जिसकी एक एक नस साफ चमक रही थी ।...... में आसिफ को इस रुप में देख कर दे अपने आप पर काबू नहीं रख सकी , और मैं भी नंगी ही उसकी कमर में हाथ डाल टहलने लगी , उसका एक हाथ मेरे कूल्हे सहला रहा था।

हम दोनो एक दूसरे की कमर में हाथ डाले कमरे में रखी ड्रेसिंग टेबल के शीशे के सामने आ गये...., हमारे आपस में चिपटे हुए नंगे बदनो को देख कर आसिफ बोला।

अम्मी देख कोन कहेगा की हम दोनों मां बेटे हैं ....

कोई नहीं कह सकता बेटे, ...हम तो बिल्कुल कामदेव और रति की मूरत लग रहें हैं। ... ..तेरा ये चमकता हुआ विशाल लंड और मेरी फूली हुई चूत ..... जैसे दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं,.... किसी दिन चुदाई करते हुए अपनी विडीयो बना कर देखेंगे हम चुदाई करते हुए कैसे लगते हैं। ......अब आसिफ का हाथ मेरे स्तनों को सहला रहा था।

बेटा एक बात बता... तू मुझसे मुंह तो नहीं फेर लेगा। मेंने आसिफ के चेहरे पर नजरें गड़ाए हुए पूछा।

अम्मी तू ऐसा क्यों सोचती है।

तेरे अब्बू भी मेरे साथ ऐसे ही प्यार भरी बातें करते थे , ऐसे ही पूरे घर में घूम फिरते चुदाई करते थे , फिर अचानक ही छोड़ कर चले गये।

आसिफ ने मुझे कस कर अपने से चिपका लिया और बोला...... अम्मी कभी ऐसा सोचना भी मत ,.... में दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार तुम्ही से करता हूं।

फिर मेरे पेट पर हाथ फेरते हुए कहा ..... तुम्हरे पेट में अपना बच्चा डालने बाली बात कोई मजाक नहीं मे नही कही ।.... में तुम्हारे पेट में अपना बच्चा डालूंगा ...और कसम खाता हूं कि पूरी जिंदगी अपने बच्चे और बच्चे की मां का ख्याल रखूंगा । आसिफ गम्भीर स्वर में बोला।.....मेंने भावुक होकर आसिफ को अपनी बाहों में भर लिया।



क़रीब छह सात मिनट बाद आसिफ के लंड का तनाव कम हुआ और वो थोड़ा थोड़ा लटकने लगा था..... चल अब पलंग पर आजा कह कर में तुरंत से पलंग पर गयी और आसिफ की तरफ अपना पिछवाड़ा कर चौपाया बन गई।



आजा मेरे घोड़े तेरी घोड़ी तैयार है कर दे इसको हरी ..... मेंने बहुत ही कामुक अंदाज में बेशर्मी से अपने चूतड हिलाते हुए आसिफ को ललकारा ।

रूक जा मेरी रानी जरा जैल ले आऊं नहीं तो तुझे तकलीफ़ होगी

बेटा सुन .... अपनी बेल्ट भी लेते आना .... में घोड़ी बने बने ही बोली।

बेल्ट का क्या करेगी मेरी चुद्दकक्ड अम्मी।

घोड़ी पर सवारी के लिए बेंत या बेल्ट की जरूरत होती है रे ,.... तभी घोड़ी और घुड़सवार को दौड़ का मजा आता है।

या अल्लाह,... मुझे नहीं पता था कि मेरी अम्मी इतनी बड़ी चुदैल है ..... आसिफ ने हंसते हुए कहा।

अभी तो तुझे अपनी मां के बारे में बहुत कुछ नहीं पता ... में उसकी तरफ अपना पिछवाड़ा हिलाते हुए बोली।

कुछ ही देर में आसिफ कम जैल और बेल्ट लेकर कमरे में दाखिल हुआ।

हाययय मेरी अम्मी तेरी गांड़ वास्तव में बहुत सुंदर है रे .... आसिफ ने मेरे कूल्हों पर हाथ फेरते हुवे बोला..... तेरे ये दो गुलाबी तरबूज जैसे चूतड ....... बहनचोद किसी को भी दीवाना बना दें......और तेरा ये भूरा गुलाब तो क़यामत है , मां,.... आसिफ मेरी गान्ड के छेद पर ऊंगली फेरता हुआ बोला।

उत्तेजना से मेरे कूल्हे कांप रहे थे। ..... मेरी जान , इनको किसी की नजर ना लगे। आसिफ ने मेरी गान्ड के फूल को चूमते हुए कहा, .....अब उसकी जीभ मेरे कूल्हे, उनके बीच की खाई तथा गांड़ के छेद को किसी कुत्ते की तरह चाट रही थी।

मेरी हालत बहुत खराब थी और उत्तेजना वश मेरा शरीर बुरी तरह कांप रहे था।

आहहहहहहहह मेंरे राजा चोद दे ना अब क्यों तड़पा रहा है .....फटाक तभी बेल्ट की एक कड़ी चोट मेरे कूल्हों पर पड़ी ....ऊईईईईईईई रेएएएएए में मरी ....में चीख कर चौपायों की तरह आगे को भागी .... चटाक.... फिर एक जबरदस्त बेल्ट मेरी गांड़ पर पड़ी ऊईईईईईईईईई हायययय अल्लाह बचा ...... दर्द से मेरी जान निकली जा रही थी .... में एक झटके से पेट के बल लेट गई और अपने चूतड पकड़ कर तड़पने लगी ...... हरामजादे कुत्ते इतनी जोर से थोड़े ही मारते हैं ......हाय अम्मा री मर गई .... मेरी खाल उधेड़ गई होगी ..... में दर्द से रोने लगी थी।

आसिफ मेरे पास आकर बैठ गया और मेरी गान्ड सहलाते हुए बोला...... आपने ही तो कहा था, बेल्ट से मारने को ।

हां कहा था , मेरे राजा मैं तेरे को दोष थोड़े दे रही हूं..... मेंने रोते हुए कहा।

मगर ..... अम्मी आप रो रही हो , आप को तकलीफ़ हो रही होगी ..... मुझे तो बहुत बुरा लग रहा है...में तो बहुत गिल्ट फील कर रहा हूं ।

औहहहह ..तू मेरे रोने पर मत जा , तुझे जो करना है कर .... मुझे ऐसे ही अच्छा लगता है ।

आसिफ दो मिनट कुछ सोचता रहा .... फिर पलंग पर ही खड़े होकर दोनों हाथों से मेरी कमर पकड़ी और गुड़िया की तरह उठा कर घुटनों पर ला दिया ......साथ ही दो चपेड मेरी गान्ड पर मारकर बोला ......चल रंडी ...बन जा कुतिया ... अब तेरा मालिक तुझे चोदेगा।

ईईईईईईईई ....चपेड खाकर में चिल्लाईं और चुपचाप घोड़ी बन गई । अब आसिफ अपने लोड़े को मेरी कूल्हों पर मार रहा था ....... मेरे कूल्हों पर आसिफ के लंड का अहसास मुझे मदहोश किए दे रहा था।

सीईईईई सीईईईई अब डाल देना , में धीरे से फुसफुसाई ...... डालता हूं , तेरी बहुत फड़फड़ा रही है क्या , अच्छा ये बता। पहले जैल लगा कर छेद ढीला करूं या ऐसे ही घुसा दूं।

जैसे तेरी मर्जी हो कर ,....मगर अब जल्दी कर।
आसिफ ने अपना सुपाड़ा मेरी गान्ड के छेद पर लगाया और अपना प्रिकम मेरी गान्ड के छेद पर मलने लगा ,.....मेरा शरीर उत्तेजना से कांप रहा था, ...मेरी गान्ड का छेद लंड के इन्तजार में तेजी से फूल पिचक रहा था।

अब आसिफ बहुत ही हल्के हल्के थक्के लागा रहा था , जिससे सुपाड़ा अन्दर नहीं जा रहा था ...... अम्मी क्या करूं ये तो ऐसे जा ही नहीं रहा, आसिफ मजाक में बोला ।

सीईईईईईई आह .... कैसे भी डाल ...अब डाल दें ऊऊऊहहह

अचानक आसिफ ने एक तेज धक्का लगाया......आईईईईईईई रे में तो मेरे मुंह से तेज चीख निकली । आसिफ का सुपाड़ा मेरी गान्ड के छल्ले को फैलाता हुआ मेरी गान्ड में घुस चुका था। ....... दर्द की एक तेज लहर ने मेरी चीख निकाल दी थी। ......मुझे लग रहा था , आसिफ तुरंत से अपना लंड वापस बाहर कर लें ..... ईईईईईईईई बेटा इसे निकाल बहुत दर्द हो रहा है ...... अम्मा री ईईईईईई .....शायद मेरी तो गांड़ फट गई रे।

आसिफ ने कोई जबाब नहीं दिया ..... मेरी कमर पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए दो तेज धक्के लगाए.... इससे उसका आठ इंच का मोटा लंड मेरी गान्ड की सुरंग को फैलाता हुआ पूरा अंदर घुस गया । मेंने उसके सुपाड़े की चोट अपनी आंतों पर महसूस की , तेज दर्द से मेरी चीख निकल गई ...... नहींईईईईईई ... हाययययययय रे या खुदा मुझे बचा इस जालिम से ..... मेरी आंखों में दर्द से आंसू आ गये थे ।

चटाक चटाक तभी बेल्ट के दो चाबुक मेरे चूतड़ों पर पड़े ... इस बार उसने ज्यादा तेज नहीं मारे थे फिर भी में जोर से चीखीं ...... ऊईईईईईईईईई मां मरी रे मईया री बचा ले....

आसिफ मेरे बाल पकड़ कर किसी घोड़ी की लगाम की तरह पीछे खिंचता हुआ बोला .......चुप रह हरामजादी चींख तो ऐसे रही है जैसे पहली बार चुद रही हो ।

ये सच था कि मैं अब तक सैकड़ों बार गांड़ मरवा चुकी थी, और मुझे रोते , चिल्लाते और पिटते हुए चुदना पसंद था ।

कुत्ते कि औलाद .....भले ही कितनी बार गांड़ मरवायी हो , .... इसका मतलब ये थोड़े ही है कि एक बार में ही ऐसे घुसेड़ देगा ....वो भी बिना जैल लगाए और बिना छेद को ढीला करे ..... जरा बीस पच्चीस धक्के आराम से लगा ले फिर दिखना कि तेरे मे कितना दम है। ......हां ऐसे ही .....आहहहह ...आराम से ....अभी जलन है बेटा .....हाय रे औहहहह .... ऐसे ही बेटा ऐसे ही......चोद डाल अपनी मां को‌.....आहहहहहह .... बुझा ले अपने लंड की आग.... बेटा...ऐसा कर एक हाथ से नीचे मेरी चूत भी अच्छे से मसल दे ....उस हरामजादी में भी हमेशा आग लगी रहती है..... हां हां ऐसे ही ....दाने को मसल ......ऊईईईईईई इतनी जोर से नहीं रे .....वो बड़ी नाजुक है ।

अब मेरे दर्द की जगह आनंद ने ले ली थी और मेरी सिसकारियां के बढ़ती जा रही थी ......आहहहहहह शाबाश मेरे बेटे ऐसे ही तेज तेज जो मार .....जोर लगा रे ..... पूरा निकाल कर फिर अंदर डाल ......आईईईईईईई ऐसे ही ..... आंतों में लगता है रे .....मजा आता है .......yes ....yesss harder ya ya. ...... I love pain ....ueeeee yes ...I love pain and loud moaning .....ooooo I m your whore .... Hit hard ..... चुदाई के उन्माद में मेरे मुंह से अंग्रेजी निकलने लगी थी बिल्कुल वैसे ही जैसे कालेज टाइम में निकलती थी।
मुझे घोड़ी बनकर कर चुदते हुए आठ मिनट हो चुके थे ओर मेरे हाथ पैर दर्द करने लगें थे ..... बेटा में तकिया चूत के नीचे रख कर उल्टा लेटती हूं ...तू धक्के लगाता रह .... नहीं नहीं चूत से हाथ मत हटा ....उसे तो मसलता रह ...हां शाबाश..... ऐसे ही... आईईईईईईई....तेज तेज मार ....और जोर से .... देखूं कितना दम है तेरे में....अब में गद्दे में मुंह दबा कर बिल्कुल चुपचाप चुदाई का मजा लेने लगी थी ..... कमरे में मेरे चुतडो से टक्कर की धप धप और आसिफ की हूं हूं गूंज रही थी..... आसिफ करीब दस मिनट तक मुझे इस पोजीशन में चोदता रहा फिर अचानक जोर जोर से डकराने लगा ....औऔऔऔऔऔऔ...आआआआआ हूं हूं हूं हूं .... अम्मा मेरा निकलने वाला है ....आआआआआ... क्या करूं ..... निकाल दें बेटा मेरी गान्ड में ही झड़ जा ..... आईईईईईईई रे मेरी चूत भी रस छोड़ने वाली हे रे ..... मेरे दाने को तेज तेज रगड़ ....हां हहहा आहहहह ऐसे ही ....ऐसे ही.....हाय हाय मेरी अम्मा में तो गई ईईईई...और चूत भरभरा कर तकिये पर झड़ गई ।

ऊपर आसिफ भी अपना रस निकालने के लिए बैचेन था .....ऊऊऊऊऊऊ। आआआआआइ ...अम्मा मेरा झडने वाला अम्मा.....आहहहह ऊंह ऊंह ऊंह ऊंह ...मेरा निकला अम्मा री गया । मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने कप भर कर गरम लावा मेरी गान्ड में भर दिया हो।
आसिफ मेरे ऊपर लेटा हुआ तेज तेज सांसें ले रहा था ....वो करीब पांच मिनट तक मेरे ऊपर लेटा मेरे बालों को सहलाता रहा और चेहरे और गर्दन को चूमता रहा । में पूरी तरह संतुष्ट उसके नीचे दबी पड़ी थी।

क़रीब पांच मिनट बाद वो मेरे से लुढ़क कर मेरी बगल में लेट गया और अपनी बांह मेरी गर्दन पर लपेट ली।

थोड़ी देर मे मेंने उसका हाथ अपने ऊपर से हटाया और पलंग से उठी , आसिफ का वीर्य मेरी गान्ड से निकल कर मेरे जांघों पर बह रहा था ,.... वाशरूम में मेंने अपने हाथ पैर साफ किये तथा टायलेट सीट पर बैठ कर हाथ से अपनी गांड़ का जायजा लिया , जिसका मुंह किसी गुफा की तरह खुला हुआ था... मेंने मुस्कराते हुए उसे सहलाया और हैंडशावर से अच्छी तरह गांड़ और चूत को धोया।

कमरे में आकर मेंने देखा आसिफ तकिये के सहारे अधलेटी अवस्था में नंगा ही सिगरेट पी रहा है ....उसका मुरझाया हुआ लंड भी मुझे बहुत सुंदर लग रहा था....मेरा मन हुआ तुरंत जा कर उसे अपने मुंह में भर लूं ...मगर मेंने संयम रखते हुए आसिफ से कहा।

चल उठ जरा ये चादर बदल देती हूं

क्यों

सारी मेरे पेशाब में गीली हो रही है रे ।

मुझे ऐसी गीली चादर पर ही सोना है ....चल तू भी आजा....कह कर आसिफ ने मेरा हाथ खींच कर बिस्तर पर गिरा लिया।

अरे अरे रुक जा में कपड़े तो पहन लूं.... मेंने कहा।

यहां कौन है.... किसको दिखाने के लिए पहनेंगी कपड़े.... ऐसे ही नंगी सोजा मेरे साथ ... में भी तो नंगा हूं।

सुबह जब मेरी आंख खुली घड़ी मे छह बज रहे थे ....आसिफ गहरी नींद में सोया हुआ था उसका लंड खंम्बे की तरह खड़ा था।

में चुपचाप उठी ...पास रखी टेबल पर से आसिफ का मोबाइल उठाया और आसिफ का अंगूठा लगा कर उसे अनलोक किया....फिर रमेश का मोबाइल नम्बर नोट करके अपने मोबाइल में रुखसाना के नाम से सेव ( save ) कर लिया।

कहानी जारी रहेगी ।

कृपया कमेंट कर अपने सुझाव दें । Thanks
बहुत ही शानदार अपडेट फुल मजेदार फ़िरोज़ा तो बहुत बड़ी वाली राँड निकली रमेश का नम्बर भी निकल लिया !
चलो बढ़िया है ! इसका मतलब आगे और भी कामुक होने वाली यह कहानी !! 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻🥁🥁
 

sunoanuj

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एक मर्द से ख़ुश रहने वाली औरत नहीं है ये !! 😂😂😂
 

rhyme_boy

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बेटा , येचादर तो बदल लें ,सारी पेशाब में गीली हो गई..... में भी अपना शरीर साफ कर आऊं, में गीली चादर पर सीधी लेटी हुई थी , मेंने अपनी टांगों की कैंची लगाई हुई थी , ताकी चूत छुप जाएं, तथा मम्मे छिपाने के लिए हाथ भी बांधे रखे थे।
एक बार झड़ने के बाद मुझे फिर से शर्म आने लगी थी।

छोड़ ना मां ऐसे ही गीली चादर पर गीले बदन से ही चुदाई करेंगे बहुत मज़ा आयेगा । आसिफ हंसते हुए बोला।

धत्त...., अपनी मां से ऐसे बात करते हैं, शर्म नहीं आती तुझे ..... मेंने दिखावटी लज्जा के साथ कहा।

इसमें शर्म की क्या बात है । एक दिन में चार वार तो तू अपने बेटे के लंड से चुदवा चुकी है, एक साथ दो दो लंड खा लिए , शर्म तो तुझे आनी चाहिए । .... आसिफ ढिठाई से बोला।

तुम लोगों ने जबरदस्ती पकड़ कर चोद दिया , में क्या कर सकती थी , जब दो दो सांड मिल कर किसी कमजोर गाय को पकड़ कर उस पर चढ जाओगे तो वो क्या कर सकती है , .....में ठहरी अबला नारी। ..... में लज्जा की मूर्ति बनी हुई थी।

और जो , रमेश के मुंह पर बैठ कर उससे अपनी चूत की चटाई करवा रही थी , उछल उछल कर चिल्ला रही थी , शाबाश ऐसे ही। तब कौन सी अबला नारी थी।

हट.... मेरे से ऐसी गंदी गंदी बातें मत कर.... मेंने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा.....कह कर मेंने शर्म से आंखें बंद कर ली।

अच्छा अम्मी एक बात बता , सही सही बताना .....तू अब तक कितने मर्दों से चुदाई करा चुकी है ।

चुप कर .... किसी भी औरत से ये बातें नहीं पूछते , फिर मैं तो तेरी मां हूं , अपनी मां से कोई ऐसी बातें करता है ।

नहीं मां बता ना, मुझे जानना है प्लीईईईज ..... आसिफ रिक्वस्टिंग स्वर में बोला।

देख मुझे इस बारे में कुछ भी बात नहीं करनी ..... चल में घोड़ी बनती हूं ....तू मुझे पर सवारी करके हल्का हो ले। , फिर सो जाना ..... में बैठते हुए बोली ।

अम्मी प्लीज बताओ ना , तुम्है मेरी कसम ..... आसिफ ने मुझे अपनी बाहों में कस लिया , में भी उसके सीने से चिपक गई।

पांच ... मेंने धीरे से कहा।

क्या..... आसिफ चौंकते हुए बोला .... उसने मेरी दोनों बाहें पकड़ गर फेस टू फेस होते हुए पूछा .....मगर जब मेंने तुम्हें रमेश से चुदते हुए पकड़ा था तब तो तुम कह रही थी कि तुमने जिंदगी में पहली बार किसी गैर मर्द से चुदवाया और पहली बार ही पकड़ी गयी।

वो मेंने झूठ बोला था बेटा, औरतों को कभी कभी अपनी स्मिता बचाए रखने के लिए झूठ बोलना पड़ता है रे..... में उसके सीने में मुंह गड़ाए हुए बोली ......अब मेंने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर आसिफ के लंड को मुठियाना शुरू कर दिया था .....ताकि उसका ध्यान भटके और वो ज्यादा सवाल ना पूंछे।

आहहहहह.... अम्मी बस एक सवाल और .... सबसे पहले आपको किसने चोदा था .... औऔऔऔ

जरूरी है बताना .... मेंने उसके लंड पर अपनी पकड़ सख्त कर उसके लंड को मरोड़ते हुए कहा ।

ऊऊऊऊऊऊ ईई ...... क्या कर रही हो , तोड़ोगी क्या मेरे लंड को .... अम्मी प्लीज बता ना।

मेरा क्लासमेट था। हमारी क्लास पिकनिक पर गई थी , वहां उसने झाड़ियों में चोदा था। ......कह कर मेंने मुंह नीचे ले जाकर आसिफ का लंड अपने मुंह में ले लिया..... सड़प सड़प चूसने लगी

हायययतततय....... मेरी अम्मी तू कितना प्यारा लंड चूसती है ...... आसिफ मेरी मेरी चूचियों को मसलता हुआ बोला । में तेजी से अपना मुंह आसिफ के लंड पर चला रही थी तथा एक हाथ से हल्के हल्के उसके टट्टे भी सहला और दबा रही थी ।

आहहहहह...... मां ...तू तो चुद्दकक्ड पूरी निकली रे , मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी की मेरी अम्मी ऐसी होगी..... में तो तुझे सीधी सादी देवी समझता था ।

औऔऔऔओहोओ ..... थोड़ा आराम से, ऐसे तो मेरा माल जल्दी निकल जाएगा। ...ऊऊऊऊऊऊ ..... अभी तो मुझे तेरी गांड़ भी मारनी है। आआआआआइ ..... में उसके सुपाड़े के छेद को अपनी जीभ से खोद रही थी , इससे वो उत्तेजित होकर अपनी कमर उछालते हुए सिसयां रहा था ,...में जानती थी इस तरह मर्द बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाते है।

उत्तेजना में आसिफ के मुंह से अनर्गल सिसकारियां निकल रही थी ..... में अपना मुंह आसिफ के मोटे लंड पर तेजी से चल रहा था। आसिफ के लंड की खुशबू और उसके प्रीकम का स्वाद मुझे मदहोश किए दे रहा था । कमरे में सड़प सड़प की आवाज गूंज रही थी । अब मेरे दोनों हाथ आसिफ की कमर को सहला रहे थे ।

मुझे आसिफ का लंड चूसते हुए दस मिनट हो गये थे .... आसिफ नीचे से अपने चूतड उचका उचका कर मेरे मुंह को चोद रहा था ......आहहहहह अम्मी अब रूक जा नहीं तो मैं तेरे मुंह में ही झड़ जाऊंगा .....ऊईईईईईईई

नहीं नहीं इतनी जल्दी मत झड़ना बेटा, अभी तो तुझे मेरे ऊपर चढ़ना भी है , मुझे चोदना है।

फिर क्या करूं अम्मी।


थोड़ी देर का ब्रेक ले ले ....थोड़ा घर में इधर उधर टहल लें .... । चुदाई से ध्यान हटेगा तो तनाव कम हो जाएगा ... मेंने उसके ऊपर से हटते हुए कहा।

आसिफ पलंग से उतर कर पूर्णतया नग्न ही कमरे में चहल कदमी करने लगा ।

उसका लम्बा चौड़ा सुदृढ़ शरीर और 8 इंच लंबा लंड किसी तोप की तरह तना हुआ था, जिसकी एक एक नस साफ चमक रही थी ।...... में आसिफ को इस रुप में देख कर दे अपने आप पर काबू नहीं रख सकी , और मैं भी नंगी ही उसकी कमर में हाथ डाल टहलने लगी , उसका एक हाथ मेरे कूल्हे सहला रहा था।

हम दोनो एक दूसरे की कमर में हाथ डाले कमरे में रखी ड्रेसिंग टेबल के शीशे के सामने आ गये...., हमारे आपस में चिपटे हुए नंगे बदनो को देख कर आसिफ बोला।

अम्मी देख कोन कहेगा की हम दोनों मां बेटे हैं ....

कोई नहीं कह सकता बेटे, ...हम तो बिल्कुल कामदेव और रति की मूरत लग रहें हैं। ... ..तेरा ये चमकता हुआ विशाल लंड और मेरी फूली हुई चूत ..... जैसे दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं,.... किसी दिन चुदाई करते हुए अपनी विडीयो बना कर देखेंगे हम चुदाई करते हुए कैसे लगते हैं। ......अब आसिफ का हाथ मेरे स्तनों को सहला रहा था।

बेटा एक बात बता... तू मुझसे मुंह तो नहीं फेर लेगा। मेंने आसिफ के चेहरे पर नजरें गड़ाए हुए पूछा।

अम्मी तू ऐसा क्यों सोचती है।

तेरे अब्बू भी मेरे साथ ऐसे ही प्यार भरी बातें करते थे , ऐसे ही पूरे घर में घूम फिरते चुदाई करते थे , फिर अचानक ही छोड़ कर चले गये।

आसिफ ने मुझे कस कर अपने से चिपका लिया और बोला...... अम्मी कभी ऐसा सोचना भी मत ,.... में दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार तुम्ही से करता हूं।

फिर मेरे पेट पर हाथ फेरते हुए कहा ..... तुम्हरे पेट में अपना बच्चा डालने बाली बात कोई मजाक नहीं मे नही कही ।.... में तुम्हारे पेट में अपना बच्चा डालूंगा ...और कसम खाता हूं कि पूरी जिंदगी अपने बच्चे और बच्चे की मां का ख्याल रखूंगा । आसिफ गम्भीर स्वर में बोला।.....मेंने भावुक होकर आसिफ को अपनी बाहों में भर लिया।



क़रीब छह सात मिनट बाद आसिफ के लंड का तनाव कम हुआ और वो थोड़ा थोड़ा लटकने लगा था..... चल अब पलंग पर आजा कह कर में तुरंत से पलंग पर गयी और आसिफ की तरफ अपना पिछवाड़ा कर चौपाया बन गई।



आजा मेरे घोड़े तेरी घोड़ी तैयार है कर दे इसको हरी ..... मेंने बहुत ही कामुक अंदाज में बेशर्मी से अपने चूतड हिलाते हुए आसिफ को ललकारा ।

रूक जा मेरी रानी जरा जैल ले आऊं नहीं तो तुझे तकलीफ़ होगी

बेटा सुन .... अपनी बेल्ट भी लेते आना .... में घोड़ी बने बने ही बोली।

बेल्ट का क्या करेगी मेरी चुद्दकक्ड अम्मी।

घोड़ी पर सवारी के लिए बेंत या बेल्ट की जरूरत होती है रे ,.... तभी घोड़ी और घुड़सवार को दौड़ का मजा आता है।

या अल्लाह,... मुझे नहीं पता था कि मेरी अम्मी इतनी बड़ी चुदैल है ..... आसिफ ने हंसते हुए कहा।

अभी तो तुझे अपनी मां के बारे में बहुत कुछ नहीं पता ... में उसकी तरफ अपना पिछवाड़ा हिलाते हुए बोली।

कुछ ही देर में आसिफ कम जैल और बेल्ट लेकर कमरे में दाखिल हुआ।

हाययय मेरी अम्मी तेरी गांड़ वास्तव में बहुत सुंदर है रे .... आसिफ ने मेरे कूल्हों पर हाथ फेरते हुवे बोला..... तेरे ये दो गुलाबी तरबूज जैसे चूतड ....... बहनचोद किसी को भी दीवाना बना दें......और तेरा ये भूरा गुलाब तो क़यामत है , मां,.... आसिफ मेरी गान्ड के छेद पर ऊंगली फेरता हुआ बोला।

उत्तेजना से मेरे कूल्हे कांप रहे थे। ..... मेरी जान , इनको किसी की नजर ना लगे। आसिफ ने मेरी गान्ड के फूल को चूमते हुए कहा, .....अब उसकी जीभ मेरे कूल्हे, उनके बीच की खाई तथा गांड़ के छेद को किसी कुत्ते की तरह चाट रही थी।

मेरी हालत बहुत खराब थी और उत्तेजना वश मेरा शरीर बुरी तरह कांप रहे था।

आहहहहहहहह मेंरे राजा चोद दे ना अब क्यों तड़पा रहा है .....फटाक तभी बेल्ट की एक कड़ी चोट मेरे कूल्हों पर पड़ी ....ऊईईईईईईई रेएएएएए में मरी ....में चीख कर चौपायों की तरह आगे को भागी .... चटाक.... फिर एक जबरदस्त बेल्ट मेरी गांड़ पर पड़ी ऊईईईईईईईईई हायययय अल्लाह बचा ...... दर्द से मेरी जान निकली जा रही थी .... में एक झटके से पेट के बल लेट गई और अपने चूतड पकड़ कर तड़पने लगी ...... हरामजादे कुत्ते इतनी जोर से थोड़े ही मारते हैं ......हाय अम्मा री मर गई .... मेरी खाल उधेड़ गई होगी ..... में दर्द से रोने लगी थी।

आसिफ मेरे पास आकर बैठ गया और मेरी गान्ड सहलाते हुए बोला...... आपने ही तो कहा था, बेल्ट से मारने को ।

हां कहा था , मेरे राजा मैं तेरे को दोष थोड़े दे रही हूं..... मेंने रोते हुए कहा।

मगर ..... अम्मी आप रो रही हो , आप को तकलीफ़ हो रही होगी ..... मुझे तो बहुत बुरा लग रहा है...में तो बहुत गिल्ट फील कर रहा हूं ।

औहहहह ..तू मेरे रोने पर मत जा , तुझे जो करना है कर .... मुझे ऐसे ही अच्छा लगता है ।

आसिफ दो मिनट कुछ सोचता रहा .... फिर पलंग पर ही खड़े होकर दोनों हाथों से मेरी कमर पकड़ी और गुड़िया की तरह उठा कर घुटनों पर ला दिया ......साथ ही दो चपेड मेरी गान्ड पर मारकर बोला ......चल रंडी ...बन जा कुतिया ... अब तेरा मालिक तुझे चोदेगा।

ईईईईईईईई ....चपेड खाकर में चिल्लाईं और चुपचाप घोड़ी बन गई । अब आसिफ अपने लोड़े को मेरी कूल्हों पर मार रहा था ....... मेरे कूल्हों पर आसिफ के लंड का अहसास मुझे मदहोश किए दे रहा था।

सीईईईई सीईईईई अब डाल देना , में धीरे से फुसफुसाई ...... डालता हूं , तेरी बहुत फड़फड़ा रही है क्या , अच्छा ये बता। पहले जैल लगा कर छेद ढीला करूं या ऐसे ही घुसा दूं।

जैसे तेरी मर्जी हो कर ,....मगर अब जल्दी कर।
आसिफ ने अपना सुपाड़ा मेरी गान्ड के छेद पर लगाया और अपना प्रिकम मेरी गान्ड के छेद पर मलने लगा ,.....मेरा शरीर उत्तेजना से कांप रहा था, ...मेरी गान्ड का छेद लंड के इन्तजार में तेजी से फूल पिचक रहा था।

अब आसिफ बहुत ही हल्के हल्के थक्के लागा रहा था , जिससे सुपाड़ा अन्दर नहीं जा रहा था ...... अम्मी क्या करूं ये तो ऐसे जा ही नहीं रहा, आसिफ मजाक में बोला ।

सीईईईईईई आह .... कैसे भी डाल ...अब डाल दें ऊऊऊहहह

अचानक आसिफ ने एक तेज धक्का लगाया......आईईईईईईई रे में तो मेरे मुंह से तेज चीख निकली । आसिफ का सुपाड़ा मेरी गान्ड के छल्ले को फैलाता हुआ मेरी गान्ड में घुस चुका था। ....... दर्द की एक तेज लहर ने मेरी चीख निकाल दी थी। ......मुझे लग रहा था , आसिफ तुरंत से अपना लंड वापस बाहर कर लें ..... ईईईईईईईई बेटा इसे निकाल बहुत दर्द हो रहा है ...... अम्मा री ईईईईईई .....शायद मेरी तो गांड़ फट गई रे।

आसिफ ने कोई जबाब नहीं दिया ..... मेरी कमर पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए दो तेज धक्के लगाए.... इससे उसका आठ इंच का मोटा लंड मेरी गान्ड की सुरंग को फैलाता हुआ पूरा अंदर घुस गया । मेंने उसके सुपाड़े की चोट अपनी आंतों पर महसूस की , तेज दर्द से मेरी चीख निकल गई ...... नहींईईईईईई ... हाययययययय रे या खुदा मुझे बचा इस जालिम से ..... मेरी आंखों में दर्द से आंसू आ गये थे ।

चटाक चटाक तभी बेल्ट के दो चाबुक मेरे चूतड़ों पर पड़े ... इस बार उसने ज्यादा तेज नहीं मारे थे फिर भी में जोर से चीखीं ...... ऊईईईईईईईईई मां मरी रे मईया री बचा ले....

आसिफ मेरे बाल पकड़ कर किसी घोड़ी की लगाम की तरह पीछे खिंचता हुआ बोला .......चुप रह हरामजादी चींख तो ऐसे रही है जैसे पहली बार चुद रही हो ।

ये सच था कि मैं अब तक सैकड़ों बार गांड़ मरवा चुकी थी, और मुझे रोते , चिल्लाते और पिटते हुए चुदना पसंद था ।

कुत्ते कि औलाद .....भले ही कितनी बार गांड़ मरवायी हो , .... इसका मतलब ये थोड़े ही है कि एक बार में ही ऐसे घुसेड़ देगा ....वो भी बिना जैल लगाए और बिना छेद को ढीला करे ..... जरा बीस पच्चीस धक्के आराम से लगा ले फिर दिखना कि तेरे मे कितना दम है। ......हां ऐसे ही .....आहहहह ...आराम से ....अभी जलन है बेटा .....हाय रे औहहहह .... ऐसे ही बेटा ऐसे ही......चोद डाल अपनी मां को‌.....आहहहहहह .... बुझा ले अपने लंड की आग.... बेटा...ऐसा कर एक हाथ से नीचे मेरी चूत भी अच्छे से मसल दे ....उस हरामजादी में भी हमेशा आग लगी रहती है..... हां हां ऐसे ही ....दाने को मसल ......ऊईईईईईई इतनी जोर से नहीं रे .....वो बड़ी नाजुक है ।

अब मेरे दर्द की जगह आनंद ने ले ली थी और मेरी सिसकारियां के बढ़ती जा रही थी ......आहहहहहह शाबाश मेरे बेटे ऐसे ही तेज तेज जो मार .....जोर लगा रे ..... पूरा निकाल कर फिर अंदर डाल ......आईईईईईईई ऐसे ही ..... आंतों में लगता है रे .....मजा आता है .......yes ....yesss harder ya ya. ...... I love pain ....ueeeee yes ...I love pain and loud moaning .....ooooo I m your whore .... Hit hard ..... चुदाई के उन्माद में मेरे मुंह से अंग्रेजी निकलने लगी थी बिल्कुल वैसे ही जैसे कालेज टाइम में निकलती थी।
मुझे घोड़ी बनकर कर चुदते हुए आठ मिनट हो चुके थे ओर मेरे हाथ पैर दर्द करने लगें थे ..... बेटा में तकिया चूत के नीचे रख कर उल्टा लेटती हूं ...तू धक्के लगाता रह .... नहीं नहीं चूत से हाथ मत हटा ....उसे तो मसलता रह ...हां शाबाश..... ऐसे ही... आईईईईईईई....तेज तेज मार ....और जोर से .... देखूं कितना दम है तेरे में....अब में गद्दे में मुंह दबा कर बिल्कुल चुपचाप चुदाई का मजा लेने लगी थी ..... कमरे में मेरे चुतडो से टक्कर की धप धप और आसिफ की हूं हूं गूंज रही थी..... आसिफ करीब दस मिनट तक मुझे इस पोजीशन में चोदता रहा फिर अचानक जोर जोर से डकराने लगा ....औऔऔऔऔऔऔ...आआआआआ हूं हूं हूं हूं .... अम्मा मेरा निकलने वाला है ....आआआआआ... क्या करूं ..... निकाल दें बेटा मेरी गान्ड में ही झड़ जा ..... आईईईईईईई रे मेरी चूत भी रस छोड़ने वाली हे रे ..... मेरे दाने को तेज तेज रगड़ ....हां हहहा आहहहह ऐसे ही ....ऐसे ही.....हाय हाय मेरी अम्मा में तो गई ईईईई...और चूत भरभरा कर तकिये पर झड़ गई ।

ऊपर आसिफ भी अपना रस निकालने के लिए बैचेन था .....ऊऊऊऊऊऊ। आआआआआइ ...अम्मा मेरा झडने वाला अम्मा.....आहहहह ऊंह ऊंह ऊंह ऊंह ...मेरा निकला अम्मा री गया । मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने कप भर कर गरम लावा मेरी गान्ड में भर दिया हो।
आसिफ मेरे ऊपर लेटा हुआ तेज तेज सांसें ले रहा था ....वो करीब पांच मिनट तक मेरे ऊपर लेटा मेरे बालों को सहलाता रहा और चेहरे और गर्दन को चूमता रहा । में पूरी तरह संतुष्ट उसके नीचे दबी पड़ी थी।

क़रीब पांच मिनट बाद वो मेरे से लुढ़क कर मेरी बगल में लेट गया और अपनी बांह मेरी गर्दन पर लपेट ली।

थोड़ी देर मे मेंने उसका हाथ अपने ऊपर से हटाया और पलंग से उठी , आसिफ का वीर्य मेरी गान्ड से निकल कर मेरे जांघों पर बह रहा था ,.... वाशरूम में मेंने अपने हाथ पैर साफ किये तथा टायलेट सीट पर बैठ कर हाथ से अपनी गांड़ का जायजा लिया , जिसका मुंह किसी गुफा की तरह खुला हुआ था... मेंने मुस्कराते हुए उसे सहलाया और हैंडशावर से अच्छी तरह गांड़ और चूत को धोया।

कमरे में आकर मेंने देखा आसिफ तकिये के सहारे अधलेटी अवस्था में नंगा ही सिगरेट पी रहा है ....उसका मुरझाया हुआ लंड भी मुझे बहुत सुंदर लग रहा था....मेरा मन हुआ तुरंत जा कर उसे अपने मुंह में भर लूं ...मगर मेंने संयम रखते हुए आसिफ से कहा।

चल उठ जरा ये चादर बदल देती हूं

क्यों

सारी मेरे पेशाब में गीली हो रही है रे ।

मुझे ऐसी गीली चादर पर ही सोना है ....चल तू भी आजा....कह कर आसिफ ने मेरा हाथ खींच कर बिस्तर पर गिरा लिया।

अरे अरे रुक जा में कपड़े तो पहन लूं.... मेंने कहा।

यहां कौन है.... किसको दिखाने के लिए पहनेंगी कपड़े.... ऐसे ही नंगी सोजा मेरे साथ ... में भी तो नंगा हूं।

सुबह जब मेरी आंख खुली घड़ी मे छह बज रहे थे ....आसिफ गहरी नींद में सोया हुआ था उसका लंड खंम्बे की तरह खड़ा था।

में चुपचाप उठी ...पास रखी टेबल पर से आसिफ का मोबाइल उठाया और आसिफ का अंगूठा लगा कर उसे अनलोक किया....फिर रमेश का मोबाइल नम्बर नोट करके अपने मोबाइल में रुखसाना के नाम से सेव ( save ) कर लिया।

कहानी जारी रहेगी ।

कृपया कमेंट कर अपने सुझाव दें । Thanks
uuffffff...... Rehana to badi chudakkad nikli... pehle se hi chudi hui thi......

kameeni apne bete se gaand chudwate hue .... apna raaz bata rahi hai ke usey khud ko nuchwana , ragadwana, aur pit pit kar chudwana pasand hai.... aaaahhhh kya aurat hai ye Firoza ji....

Bohot khub likha hai aapne... kamuk.... lund se ras nikalwane wala.... precum nahi ruk raha tha..... ufffff


aur to aur Lundkhor Rehana ne.. Ramesh ka number bhi le liya... ab to dhamaal karegi ye Ramesh ke saath.....
 
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uuffffff...... Rehana to badi chudakkad nikli... pehle se hi chudi hui thi......

kameeni apne bete se gaand chudwate hue .... apna raaz bata rahi hai ke usey khud ko nuchwana , ragadwana, aur pit pit kar chudwana pasand hai.... aaaahhhh kya aurat hai ye Firoza ji....

Bohot khub likha hai aapne... kamuk.... lund se ras nikalwane wala.... precum nahi ruk raha tha..... ufffff


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में मेरे दोस्त rhyme_boy का बहुत बहुत शुक्रिया अदा करती हूं , उन्होंने इस अपडेट लिखने में काफी मदद की।

अब मैं रोज आसिफ के साथ नंगी ही सोती थी हम लोग रोजाना जबरदस्त चुदाई करते थे , में रोज सोने से पहले और सुबह उठते ही अपनी चुदाई ज़रूर करवाती थी , में सुबह आसिफ को उठाती भी उसका लंड चूस चूस कर थी । इसके अलावा अगर रात को कभी नींद खुल जाय तो आसिफ के लंड पर बैठ कर चुदाई कर लेती थी, .... मुझे लगने लगा था कि मैं, पैंतालीस साल की उसकी मां नहीं बल्कि बीस साल की नई नवेली दुल्हन हूं जो टांगें खोल कर अपने शौहर का लंड अपनी चूत में लेने के लिय हमेशा तैयार रहती है, और ये मेरा हनीमून पीरियड चल रहा है....ये मेरी जिंदगी के सबसे खुशनुमा दिन चल रहे थे , दिन में कई कई बार अपनी चुदाई करवाती थी ।

क़रीब दो महिने तो मैंने आसिफ से चुदाई के भरपूर मजे लिए , फिर मुझे लगने लगा ‌कि आसिफ की चुदाई से मेरी शारीरिक और मानसिक जरूरत पूरी नहीं हो पा रही थी।

आसिफ के कालेज चले जाने के बाद में पूरा दिन परेशान रहने लगी , किसी भी काम में मन नहीं लगता था , पूरे दिन बिस्तर पर लेटी रहती तथा रमेश को याद करके अपनी चूत और चूचियों को मसलती रहती थी , पता नहीं मेरे में ये परिवर्तन कैसे आ गया कि मुझे हमेशा लगता था कि कोई मेरी चूत में लंड डाल कर मुझसे चिपका रहै। आसिफ के डर से रमेश को फोन करने की हिम्मत नहीं होती थी ।

ये सही था कि आसिफ मुझे बहुत प्यार करता था तथा मेरी हर छोटी बड़ी जरूरतों का ख्याल रखता था। फिर भी ना जाने क्यों हर समय मेरे ज़हन में रमेश द्वारा की गयी मेरी चुदाई घूमती रहती थी , उसका वो चोदते समय गालियां देना , मेरे कूल्हों पर थप्पड़ मारना, चूत के दाने , निपल और जांघों पर काट लेना , मेरे शरीर को प्रताड़ित करना , गंदी हरकतें करना।.... मुझे इस बात के लिए उकसा रहे थे कि मैं रमेश को फोन करूं।


आखिर एक दिन आसिफ के कालेज जाने के बाद मेंने डरते डरते आसिफ का नम्बर मिलाया।

में ... हैलो कौन बोल रहा है।
रमेश: कहिये , आप को किससे बात करनी है ?

में: जी वो र रमेश जी से।

रमेश: हां बोलिए, में रमेश बोला रहा हूं, आप कौन

में : रमेश जी , में रेशमा बोली रही हूं , कैसे है आप ।..... खुशी से मेरे मुंह से खुल कर आवाज नहीं निकल पा रही थी। रमेश के लिए मेरे मन मे अजीब सी फीलिंग आ रही थी , जिसके कारण में उसे आप और जी से संबोधित कर रही थी।

रमेश : अरे आंटी आप , माफ़ करना आपकी आवाज पहचान नहीं पाया , आपके फोन की उम्मीद नहीं थी ना .....अब मेरे हाल क्या बताऊं , आंटी... बस किसी तरह समय कट रहा ..... आप सुनाओ आप के क्या हाल है।

में: हाल की बात तो बाद में करेंगे , पहले आप ये वादा करो कि आगे से आप मुझे आंटी नहीं कहेंगे और 'आप' कह कर सम्बोधित नहीं करेंगे क्योंकि ये मुझे अब अजीब लगता है।

रमेश : ऐसा क्यों आप मेरे दोस्त की अम्मी है ।

में : हां मैं आपके दोस्त की अम्मी थी , पर अब हमारे बीच वो रिश्ता खत्म हो चुका है । अब मैं आपकी दीवानी हूं।

रमेश : फिर मैं आपको क्या बोलूं ?

में : आप मुझे रेशमा कह सकते हैं या कुछ भी और जो आपका मन चाहे सम्बोधन दे सकते हैं।

रमेश : O.k. मेरी रानी अब बता तेरे क्या हाल है?

में। : नहीं जी , पहले आप बताएं , आप कैसे हैं।

रमेश : मेरी जान जब से तेरे को चोदा है , मेरे जेहन में हमेशा तेरी फूली हुई चूत , फूल सा गांड़ का छेद और तेरा संगमरमर सा मस्त शरीर घूमता रहता है। दिन रात तेरे को याद करके आंहे भरता रहता हूं, तेरे को याद करके दिन में तीन चार बार मुठ मारता हूं , तब भी चैन नहीं मिलता..... अभी तेरे से बात कर रहा हूं तो लंड इतना अकड़ गया है कि लगता है फट जाएगा। पता नहीं इसको तेरी चूत में घुसना कब नसीब होगा। और अब तू बता कि तेरे क्या हाल है।

में : मेरे जानम यहां भी same ही है।

रमेश : ये same क्या होता है खुल कर बोलना।

में। : जी मुझे शर्म आती है।

रमेश। : अरे पगली ऐसे शरमाएगी तो कैसे काम चलेगा , चल बता।

में। : में भी पूरा दिन बिस्तर पर लेटी लेटी आपके साथ हुई चुदाई को याद करके अपनी चूत और मम्मे मसलती रहती हूं । अभी आप से बात कर रही हूं तो देखो मेरी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी है और मेरा मन कर रहा है कि उड़ कर आपकी बांहों में आ जाऊं और आपका लंड अपनी चूत में डाल लूं।

रमेश : अरे, फिर आजा मेरी छमक छल्लो मेरा लंड तेरी चूत की सेवा में पूरी तरह तैयार है।

में। : मेरे स्वामी , मेरी चूत भी आपके लंड के स्वागत के लिए दरवाजा पूरी तरह खोल कर तैयार है , मगर सब मौके की बात है।

रमेश। : तू कोई मौका बना ना मेरी जां , ताकि मेरा ये मुस्टंडा तेरी प्यारी चूत में घुस कर उधम मचा सकें।

में : मौका जरूर बनाऊंगी मेरे साजन , में खुद आपसे मिलने को तड़प रही हूं।

रमेश : क्यों क्या आसिफ नहीं चोदता ?

में : चोदता है , रोजाना दो बार...रात को सोने से पहले और सुबह बिस्तर छोड़ने से पहले । उसके चोदने में भी कोई कमी नहीं है। ...मगर मुझे आत्मिक संतुष्टि नहीं मिलती जी जो मिलनी चाहिए, मुझे लगता है मेरा आपसे कोई रूहानी रिश्ता है।

रमेश : मेरी जान में विडियो काल करता हूं एक बार तुझे देखूं तो दिल को थोड़ा करार आएं ।

में : ठीक है जी , कह कर में रमेश के विडियो काल का इन्तजार करने लगी।


रमेश : हैल्लो , तेरे दीदार को मेरी तो आंखें तरस गई थी। कितनी सुन्दर लग रही है, मन कर रहा है साली तुझे अभी पकड़ कर रगड़ दूं ।

ये देख तुझे देख कर कैसे सलामी दे रहा है ,......कह कर रमेश ने कैमरा अपने लंड की तरह किया...... उसका 8 इंच लम्बा काला भुसंड लंड 60 डिग्री पर तना हुआ झटके खा रहा था।

उसके लंड की झलक मिलते ही मेरे जज़्बात मेरे काबू से बाहर हो गए ....मेरा हाथ अपने आप मेरी सलवार के अंदर मेरी चूत पर पहुंच गया , जिसने लंड के लिए आंसू निकालने शुरू कर दिये थे।

मेरे मुंह से एक सिसकारी निकली।

में : आह राजा कितना सुंदर है , प्लीज किसी तरह इसे मेरी चूत में घुसा दो।

रमेश : बहनचोदी लंड तो मैं घुसा दूंगा तो अपनी चूत तो दिखा , अभी तक कपड़े पहने हुए हैं , चल फटाफट कपड़े उतार कर नंगी हो ।

मेंने बिना एक मिनट की देरी किए अपनी सलवार और कुर्ता उतार कर एक तरफ़ फेंकें और नंगी हो गई।

में : लो मेरे स्वामी , में हो गई पूरी नंगी , अब क्या करूं।

रमेश : औ, मेरी भोली भाली जानू , तू सिर्फ चुदना जानती है ,‌इससे ज्यादा कुछ नहीं । पूरी गधी है, अब ऐसा कर मोबाइल को किसी मेज पर रख कर उसके सामने खड़ी हो जा ताकि मुझे तू नज़र आए और में तुझे नजर आऊं

कमरे की मेज पर मोबाइल सेट करने के बाद।

में: ऐसे ठीक है जी , में दिख रही हूं।
रमेश : सीईईई आह मेरी जान , दिख रही है ? तू तो मेरी जान निकाल देगी। , तेरा शरीर कितना सेक्सी है रे, कोई भी इसे देख कर तूझे चोदने को पागल हो जाए। में दिख रहा हूं, तुझे।

मेंने देखा रमेश अपने लंड पर तेजी से हाथ चला रहा था ।

में : हां जी दिख रहै हौ , मुठ मार रहे हो । मेंने हंसते हुए कहा ।

रमेश : तू भी मुठ मार , ये सोचते हुए कि तू मुझ से चुदवा रही है , जैसे में सोच रहा हूं । आहहहहह मेरी जान क्या चूत है तेरी , आज इसे पूरी तरह खोद दूंगा।

में : आहहहहहह होओऐओ राजा ये तो आपकी ही है , देखिये इसने अपने स्वामी के स्वागत के लिए अपने गेट खोले हुए इंतजार कर रही हैं । मेरे साजन जल्दी से अपने लंड को इसमें प्रवेश करा कर इसकी प्यास बुझा दो जी ,।

....हाय रे कितना सुंदर है जी , मेरा प्यारा है .... में बहुत खुश किस्मत हूं जो मुझे इतना तगड़ा लंड मिला , मन करता है इसे हमेशा के लिए अपने अंदर छुपा कर रख लूं..... मुझे छोड़ तो नहीं दोगे ना मेरे सैंया , इसके बिना तो में मर जाऊंगी ।.....में अपनी कल्पना में रमेश के लंड को प्यार से सहला रही थी तथा अनर्गल बोले जा रही थी।....... अब मेरी आंखें बंद थी , चेहरा ऊपर की और उठा हुआ था .....और मेरा हाथ तेजी से मेरी चूत पर चल रहा था । तभी मेरे कानों में रमेश का स्वर गूंजा।

रमेश : अभी डालता हूं मेरी जान , जरा अपनी टांगें तो खोल। अपनी मुनिया के दर्शन तो करा ठीक से , दो महीने से देखने को तरस रहा हूं

में : ये लो राजा ...खोल दी टांगें , अब अपने इस मूसल को जल्दी से मेरी ओखली में डाल दो।

रमेश : ससससस ऊफफफफ क्या रसीली चूत है तुम्हारी जाने मन ....ऊऊऊ देखो तो ये चूत की प्यारी पंखुड़ियां कैसे से हील रही है ....आहह मेरी और ये तुम्हारे पेशाब का छेद और चूत का छेद कैसे खुल बंद हो रहा है ..... बहनचोद तेरी चूत कितना पानी छोड़ छोड़ रही है रे .... जबकि ये तो आसिफ से रोज चुदतीं है ।....चल में अंदर डाल रहा हूं.. ये ले आहहहह ... अरे येतो एक बार में ही पूरा लंड निगल गई रे ।

कल्पना में रमेश का लंड अपनी चूत में घुसते ही मेरे मुंह से जोर से सिसकारियां निकली ।

में : आहहहह राजा ऐसे ही , हां हां ऐसे ही जोर से पूरा डाल तो , खोद के रख दो मेरी चूत को , औहहहह राजा कस कर चिपक जाओ रे मेरे से आहहहहह ।...... मेरा हाथ पूरी तेजी से मेरी चूत पर चल रहा था । और मैं आंखें बंद किये चुदाई की कल्पना में खोई हुई जोर जोर से सिसक रही थी।

रमेश : ले ले हाआआ हरामजादी तेरी चूत के चिथड़े कर दूंगा .... हां हां हां हुम हुम हुम ....बहनचोदी अपने आप को बहुत बड़ी चुद्दक्कड समझती है ....ले बहनचोद ले ले और ले .... देखता हूं तू कितनी बड़ी रंडी है । रमेश तेजी से मुठ मारते हुए , सिसक रहा था।

करीब दस मिनट के हस्तमैथुन के बाद, मेरे शरीर में तेज कम्पन्न शुरू हो गया ।

में : औहहहह हां हां ऐसे ही मार जोर से और जोर से बहनचोद ताकत नहीं है क्या , रगड़ दे मेरी चूत को हरामी .... अंदर तक मार ना ... में झडने वाली हूं ... हाययय मैय्या री। ऊऊऊऊऊ ..... में गई रे ... निकल गया .... ईईईईईईईईईईई ...... मेरा शरीर बूरी तरह अकड़ गया , और में लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी , मेरी चूत भरभरा कर झड़ गई थी।

मेंने देखा रमेश तेजी से अपने लन्ड पर हाथ चला रहा था अतः में उसे जोश दिलाने के लिए जोर जोर सिसकारियां मारने लगी ....... हायययय राजा अब छोड़ दो ..... प्लीज झड़ जाओ मेरे बहुत दर्द हो रहा है ...... ओह ओह ओह आहहहह मेरी मां मुझे रोंद डाला रे ..... राजा जल्दी निकाल दो।

रमेश। : बस मेरी कुतिया दो मिनट रुक जा क्यों मरे जा रही है....आहहहहह आहहहह ले। तेरे बच्चा डालूंगा .... तेरा पेट फुलाऊंगा .... तुझे मेरे बच्चे की मां बनना है ...... कुतिया ले .... आआआहहह आहहहह औऔऔऔऔऔऔ निकल रहा है ...ये ये गया रेएएएए।

मेंने देखा उसके लंड से निकला वीर्य का फव्वारा करीब एक फुट तक उछला।

हम दोनों मोबाइल स्क्रीन पर एक दूसरे को देखते हुए हांफ रहे थे । ज़िन्दगी में इस तरह का मेरा ये पहला अवसर था , और इसमें मुझे भरपूर मजा आया था ।

मेंने फर्श पर पड़ा पेटीकोट उठाया और उससे अपनी चूत और जांघों को अच्छी तरह साफ किया।

रमेश भी रूमाल से अपना लंड पोंछ रहा था ।

रमेश : मेरी जान तुझे तो सोच कर मुठ मारने मे भी जन्नत का मजा है ।

में : मेरे राजा मुझे भी आज मुठ मारने में बहुत मज़ा आया , अब पता नहीं कब आपका ये शानदार लंड मेरी इस नाचीज़ चूत में वास्तव में जाएंगा । मेरी आपके लंड को अंदर लेने के लिए बहुत तरस रही है जी। ..... में अपने पलंग पर बैठते हुए बोली।

रमेश : अब मैं क्या बताऊं , तू ही आसिफ़ को समझा सकती है ,......वो बहनचोद चूतियां पता नहीं किस बात का बुरा मान गया , जबकि उसी ने तुम्हें मुझसे चुदवाया था। सारा प्लान उसी का था । उसका काम हो गया तो, उसने मुझे दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल फेंका।

में। : इतना दिल छोटा ना करो जी , में तो आपके साथ हूं ना ,.... जितना आप मुझ से मिलने को तड़प रहें हैं , उतना ही, में भी आपसे मिलने को तरस रही हूं।

रमेश। : मगर मेरी जान। इसका कोई ना कोई हल तो निकालना ही पड़ेगा, कब तक हम ऐसे एक दूसरे को देखते हुए मुठ मारते रहेंगे।

में : चलो जब भी मुझे मौका मिलेगा में आपको फोन करके बुला लूंगी। और आप भी देखना अगर कुछ प्रोग्राम बनता है तो मुझे फोन कर देना, मेंने आपका नम्बर रूखसाना के नाम से सेव कर रखा है, इसलिए कोई डर की बात नहीं है।
चलो अब फोन रखती हूं ।
मेंने फोन काटा और कपड़े पहनने के लिए जमीन से पेटीकोट उठाया , मगर वो तो मेरी चूत के रस से खराब हो गया था । अतः मैं नंगी ही अपने कमरे आई और अलमारी से निकाल कर दूसरे कपड़े पहने तथा चाय बनाने रसोई में चली गई।

रमेश से फोन पर बात किए करीब हफ्ता बीत गया था , में किचन में आसिफ के लिए चाय बना रही थी । ...आसिफ के एम काम फ़ाइनल परीक्षा शुरू होने को थी तथा वो पढ़ाई में पूरी तरह मशगूल था, दिन में 15 से 18 घंटे पढ़ाई में देता था । यहां तक की उसने पिछले एक हफ्ते से मेरी चुदाई भी नहीं की थी । उसकी पढ़ाई को देखते हुए मेंने भी इस सिलसिले में पहल नहीं दिखाई थी ।.... जब की हकीकत यह थी सात दिनों तक चुदाई ना होने के कारण , मेरी चूत और गांड़ की बैचेनी काफी बढ़ गई थी । चूत ने तो लंड की याद में आंसू बहाने शुरू कर दिये थे


अम्मी औ अम्मी, आसिफ ने अपने कमरे से मुझे पुकारा ।

क्या हुआ बेटा , में किचन से दौडते हुए आसिफ़ के कमरे पहुंची ।

यार , आप अपना फोन अपने साथ रखा करो मुझे डिस्टर्बेंस होता है ।..... किसी रूखसाना का फोन है ।

मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा और शरीर में कंपकंपी सी छूट गई। .... मेंने फोन उठाया ।

हल्लो , हां रुखसाना बहन अस्सलाम वालेकुम, कैसी हो ।

रमेश। : आहहह मेरी जान तेरी आवाज़ सुनने को तरस गया था । औ यार , ये देख तेरी आवाज सुन कर ही मेरा तो खड़ा होने लगता है।

में : हां हां बोलो।

रमेश: यार मेरी बात सुन प्रताप टाकिज में सुलगते बदन पिक्चर लगी है , हाल में गिनती के लोग ही होते हैं , तू आ सके तो मजा आ जाए हो सकता है , चुदाई का कोई मौका बन जाए । कोशिश कर 3 बजे से छह बजे तक के शो में आने की ।

में : बहन बड़ा मुश्किल है , इतनी तो गर्मी है और फिर आसिफ की परीक्षा सर पर है , वो पढ़ाई में मशगूल हैं , मुझे उसके चाय पानी का ख्याल रखना होता है।

रमेश : आ जाना बैहनचोद क्यों ना रे दिखा रही है

में : अच्छा चल में तुझे पांच मिनट में बताती हूं।

आसिफ: क्या हो गया अम्मी .... रुखसाना आंटी क्या कह रही है ।

में : अरे कुछ नहीं बेटा , उसकी बेटी को कोई देखने आने वाले हैं , तो कह रही थी कि मैं भी वहां पहुंच जाऊं, पर में तो सोच रही हूं कि उसे मना ही कर दूं। ( मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं ऐसा झूठा ड्रामा कर सकती हूं )

आसिफ: अरे अम्मी आप कैसी बात करती है , आपकी दोस्त आपको इतने खास मौके पर आप को बुला रही है , और आप हो कि उसे टालने की सोच रही हो , .... फिर तीन चार घंटे की ही बात तो है , आप उन्हें फोन करो कि आप आ रही है।


मैंने रमेश का फोन लगाया

में : हैलो रुखसाना सुन चल में आ रही हूं , आसिफ कह रहा है कि वो घर सम्भाल लेगा।

रमेश : औह , मेरी जान ये हुईं ना बात , मुझे पता था तू रुक ही नहीं सकती , तेरी चूत की प्यास तुझे रुकने ही नहीं देगी। अच्छा सुन साड़ी पहन कर आना और नीचे कच्छी और ब्रा भी मत पहनना ।

में : ठीक है मैं समझ गई , इतना तो मुझे भी पता है

रमेश: चल में वहां इन्तजार करता हूं , समय से पहुंच जाना । यार मेरा लंड तो अभी से ही खड़ा हो गया ।

में : ठीक है , फिर मैं आती हूं , कह कर मेंने फोन काट दिया।

मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था।

कहानी जारी रहेगी।
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