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Incest दबी हुई वासना

Bhen20

Aapki Pyari Bhabhi
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खाना खा कर हम चार बजे के करीब फिर बिस्तर पर एक दूसरे की तरफ मुंह करके एक दूसरे से चिपक कर लेटे हुए थे, दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे के चेहरे से टकरा रहीं थी जो एक अलग ही अहसास दे रहीं थीं। रमेश मेरे गदराए गद्देदार चूतड़ों को गाउन के उपर से ही मसल रहा था तथा में उसकी पीठ सहला रही थीं।

रमेश मेरे हाथ को पकड़ अपने लंड पर ले जाकर बोला ... आंटी आपकी माहवारी कब खत्म होगी , मेरे लंड के हाल देख लो मुझसे रुका नहीं जा रहा ।

मेंने उसके विशाल लंड को जो मेरी मुठ्ठी में भी नहीं आता था पकड़ लिया और सिसिया कर बोली.... सीईईईघ मेरे राजा, ये मुझे क्यों पकड़ा दिया , तुझे पता नहीं मेंने कितनी मुश्किल से अपने आप पर काबू किया हुआ है ,.... मेरी चूत में कितनी खलबली रहती है।
में उसके गर्म , बेहद तने हुए लंड को सहलाते हुए बोली।

मगर आंटी ऐसे तो यह तनाव से फट जाएगा , इसे तो कोई छेद चाहिए जिसमें घुस कर ये उधम मचा सकें , तीन महीने से प्यसा है , आपके पेट पर रगड़ कर पानी निकाल देने से इसका कुछ नहीं बनता।

कह कर उसने मुझे जबरदस्ती सीधा किया और मुझे पर ऐसे चढ़ गया जैसे चोद रहा हो और , कपड़े पहने पहने ही मेरी चूत पर अपने लंड के भीषण धक्के लगाने लगा।

आईईईईई रे मर गई रे मेरी मां ... मेरे ऊपर से हट ये क्या कर रहा है , मेरे दर्द हो रहा है... अभी कुछ नहीं हो सकता ....में उसे अपने ऊपर से उतारने की कोशिश करते हुए चिल्लाईं।

क्यों नहीं हो सकता..... आपकी माहवारी आ रही है , में अंदर डाल कर चोद दें ता हूं , क्या फर्क पड़ेगा दस मिनट की बात है ... रमेश जिद करते हुए बोला ।

नहीं अभी नहीं .. मेंने जबरदस्ती उसे अपने ऊपर से उतारा और उसकी तरफ करवट कर एक टांग उसकी जांघों पर रख , उसके सीने पर उंगलियां फेरते हुए बोली ..... बस दो दिन रुक जा फिर तेरा जितना मन करे चूत की खुदाई कर लेना, आगे के दस दिन तक बचा ठहराने का भी गोल्डन पीरियड होगा ..... अभी परेशानी दूर करने के लिए , में इसे चूस देती हूं... मेंने उसके लंड को उसके अंडरवियर से बाहर निकाल लिया और सहलाने लगी।

यार आंटी आप समझ नहीं रही , मेंने चुदाई करनी है , चुदाई के लिए मरा जा रहा हूं।... अच्छा सुनो चलो में आपकी चूत में लंड नहीं डाल सकता मगर गांड़ तो मार सकता हूं।

हां वो तो मार सकते हो .. मेरे राजा , मगर उसके लिए भी मुझे पैड तो हटाना पड़ेगा सब गंदगी फैल जाएगी।‌

फिर क्या करूं रमेश अपनी कमर उछालते हुए बोला ।

चलो ऐसा करेंगे शाम को बाथरूम में शावर लेते हुए , मुझे घोड़ी बना कर मेरी गान्ड चोद लेना... में उसके टट्टो से खेल रही थी।

सीईईईईईई.... आंटी अभी चलते हैं ना बाथरूम में ।

नहीं अभी नहीं चल सकते .. उसके लिए तैयारी करनी होती है ... अभी तो में तुम्हारा चूस देती हूं .... कह कर मेंने उसके सुपाड़े को अपने मुंह में ले लिया ... और उसे चूसने लगी ।

सीईईईईईईईई .. आंटी तू बहुत बड़ी रांड है ... रमेश ने अपनी कमर करीब छः इंच उठा ली थी .... चूस ले ... निकाल दे मेरा पानी.... आहहहहह आहहहह

मेरे हाथ रमेश के नाज़ुक टट्टे बड़े प्यार से सहला रहें थे तथा बीच बीच मे में उसकी जांघें भी सहला रही थी , ताकी उसकी उत्तेजना बनी रहै , रमेश तेजी से अपनी कमर उछाल रहा था ।

मेंने अपनी एक ऊंगली अपने थूक में गीली करी और उसकी गांड़ में डालने लगी जो काफी टाइट थी , ... ईईईईईईई रमेश तेजी से उछला ..... ऐसे मत कर हरामजादी ...... ऊईईईईईईई आहहहहहहहह ... मेंने एक झटके से पूरी ऊंगली उसकी गांड़ में घुसेड़ दी थी और उसे तेजी से चलाने लगी थी ..... ऊईईईईईई कुतिया निकाल इसे .... रमेश गुर्राया।

बहनचोद , तू अपना काम कर मुझे अपना काम करने दे .... मेंने उसके लहजे में ही गुर्रा कर जबाब दिया। .... ऊंगली अंदर बाहर होने से रमेश की गांड़ अब थोड़ी नरम पड़ गई थी , मेंने अब अपनी ऊंगली उसकी गांड़ से बाहर कर , दो उंगलियां अपने थूक में अच्छी तरह गीली करी और जबरदस्ती उसकी गांड़ में पेल दी ।

आईईईईईईई रे औहहहहहह रंडी मेरे दर्द हो रहा है रमेश अपनी गांड़ उछालते हुए चिल्लाया ।

रंडी के, ऐसे ही दर्द मेरे भी होता है , थोड़ी देर में ठीक हो जाएगा मेने कहा ओर उसके लंड पर मुंह चलाना और गांड़ में दो उंगलियां चलाना जारी रखा .... पूरा कमरा रमेश की सिसकारियों और मेरे मुंह से निकलने वाली अजीब सी आवाजों से गूंज रहा था।

करीब दस मिनट तक रमेश मेरे मुंह की चुदाई करता रहा , फिर अचानक उसने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ मेरा मुंह अपने लंड पर दबा लिया..... हायययय मेरी रानी ... मेरी जान में झड़ रहा हूं आहहहहहह। गया ये ले ये ले ऊहहहहहह ... अचानक मेरे मुंह में गर्म गर्म वीर्य का ज्वालामुखी फूट पड़ और मेरा मुंह नमकीन मलाई से भर गया ..... मेंने उसकी एक भी बूंद बेकार नहीं जाने दी और सारा पी गई।
मेंने अच्छी तरह चाट चाट कर रमेश के काले भुसंड लंड को साफ़ कि , उसे प्यार से सहलाया, फिर हम एक दूसरे की बांहों में सो गये।

शाम करीब छह बजे मेरी आंख खुली , रमेश अभी तक सो रहा था। मेंने किचन में जाकर चाय बनाई और चाय लेकर उसके पास पहुंची ।

हुजूर अब उठ भी जाओ , शाम के साढ़े छः बज गये है , मेंने प्यार से उसके बालों को सहलाते हुए कहा।

आंटी बहुत थक गया , प्लीज थोड़ा और सोने दो ।

ठीक बात है राजा ,सुबह से इतनी मेहनत कर रहे हो, दो बार तो हल्के भी हो लिए , थक तो गये होंगे, मगर चाय ठंडी हो रही है.... फटाफट उठ कर गर्म गर्म चाय पी लो एकदम तरोताजा हो जाओगे ... फिर से मेहनत करने को तैयार .... में जोर से हंसते हुए बोली।

आंटी आप फालतू में मुझे जोश मत दिलाओ नहीं तो , यहीं पटक कर चोद दूंगा। रमेश तैश में आकर बोला।

अरे रे , भई ऐसा ज़ुल्म मत करना , मेंने तो यूंही मजाक में कह दिया था । ... में डरने का अभिनय करती हुई बोली।

कहीं तुम सच में मेरे ऊपर चढ़ गये , और में पेट से हो गई तो मम्मी पापा को क्या मुंह दिखाऊंगी ...... में किसी उन्नीस साल की कुंवारी लड़की की एक्टिंग करने के मूड में आ गई थी।

आंटी ये सब ड्रामे बाजी छोड़कर थोड़ा सीरियस हो जाओ , मुझे लगता है , आप लाईफ को सीरियसली लेते ही नहीं।


क्यों जी क्यों , ऐसा तुमने क्या देख लिया .... में अपनी आंखें गोल गोल घुमाते हुए बोली ।

देखो सुबह भी आपने बात बीच में ही खत्म कर दी थी .... क्या आपने ये सोचा है कि इस घर मे, मेरा‌ आना-जाना फिर से कैसे शुरू हो पाएगा ... आसिफ बेमतलब मुझ से नाराज़ हुआ बैठा है ... 15 दिन बाद वो जाएगा फिर हम कैसे मिलेंगे। .... रमेश गम्भीर स्वर में बोला।

अरे मेरे राजा , बस इतनी सी बात के लिए इतना परेशान हो ... में उछल कर खड़ी हुई और रमेश को बांहों में कस उसके माथे का चुम्बन लेते हुए बोली .... तुम्हारी इस समस्या को अभी तुम्हारे सामने ही , दस मिनट में खत्म करती हूं.... शाम के सात बज चुके हैं , आसिफ भी मुम्बई पहुंच गया होगा।

मेंने तुरंत ‌से आसिफ का नम्बर डायल किया।

में : हां , आसिफ बेटा अम्मी बोली रही हूं , तू ठीक से पहुंच गया , मुझे बड़ी चिंता हो रही थी।

आसिफ : हां अम्मी , गाड़ी तो अपने समय से एक घंटा पहले ही पहुंच गई थी , में कम्पनी के गेस्ट हाउस पहुंच कर नहा धो लिया हूं , आराम कर रहा था। ..... आप सुनाए आप कैसी हैं ।

में : में भी ठीक ही हूं बच्चे ।

आसिफ : ठीक ही हूं का क्या मतलब , क्या कुछ परेशानी है।

में : नहीं ऐसी कोई बात नहीं , बस थोड़ा बाजार का सामान
आदी लाने कि दिक्कत है। तेरा ऐसा कोई दोस्त नहीं है जिससे में छोटे मोटे काम करवा लिया करूं।

कुछ देर फोन पर खामोशी ‌छाई रही ... अम्मी ऐसा तो कोई दोस्त नहीं सब पढ़ाई खत्म करके इधर उधर निकल गये । बस एक रमेश है उसे तो में कह चुका हूं कि मेरे घर तू घुस भी मत जाना।

में : बेटा तू भी ना गुस्से पर काबू नहीं रख पाता , वो इतना अच्छा लड़का है , फिर तेरे बचपन का दोस्त भी हैं, तुझे उससे ऐसे थोड़े ही बोलना चाहिए।

आसिफ : आपने देखा ना उसने आपके साथ कितना गलत किया।

में : क्या ग़लत किया उसने, यही ना कि उसने तेरे साथ मिलकर मेरी चुदाई करी , मेरे थप्पड़ मारे , मुझे गालियां दी , उस खेल में तो हम तीनों शामिल थे । .... एक बात बताऊं , मुझे जितना मज़ा उस दिन तुम दोनों से चुदने , थप्पड़ और गालियां खाने में आया ना ,.... उतना जिंदगी में कभी नहीं आया।

आसिफ : मगर अब में उससे किस मुंह से बात करूं , उससे तो मैं बहुत बुरा बर्ताव कर चुका हूं।

में : अरे तू भी कैसी बात करता है , दोस्ती में ये सब होता रहता है, ... तू बिना किसी साफ सफाई के उससे कह कि में मुम्बई हूं और अम्मी घर पर बिल्कुल अकेली है , उनका ख्याल रखना , ...देखना वो दौड़ता हुआ आएगा ... सालों की दोस्ती ऐसे थोड़े ही खत्म हो जाती है।

आसिफ : ठीक है अम्मी उससे बात करता हूं, आप अपना ख्याल रखना, अब काटता हूं।

फोन काट कर में रमेश की तरफ मुड़ी और दोनों बांहें फैला कर बोली .... टन्नननन .... लो मेरे राजा हो गई तुम्हारी समस्या हल .... छोटी सी बात के लिए परेशान हो रहे थे।

रमेश ने मेरी जांघों को अपनी बाहों में भर मुझे उठा लिया और मेरे पेट को बेतहाशा चूमते हुए बोला.... आंटी आप वाकई बड़ी शातिर चीज हो ... वो मुझे लेकर गोल गोल घूमने लगा।

अरे अरे छोड़ो गिर में गिर जाऊंगी , भारी हूं ... हाथ पैर टूटेंगे।

मेरी रानी तू तो फूल है फूल ... अब तो तू बाथरूम में ही गोदी से उतरेगी....कह कर रमेश मुझे उठा कर बाथरूम की तरफ चल पड़ा ....ये देख मेरा मन खुशी से खिल गया।
Nice update
 
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Firoza

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में

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में मन ही मन बहुत खुश थी क्योंकि में जानती थी बाथरूम में रमेश रुक नहीं पायेगा... भले ही चुदाई ना करें मगर मेरी चूत की अच्छी रगड़ाई जरूर कर देगा ।


अपनी गोद से उतारते ही रमेश ने मेरे गाऊन की डोरी खोल उसको उतार फैंका और मुझे अपनी मजबूत बाहों में भर जोर से भींच लिया ।

ऊईईईई छोड़ो मेरा दम निकालोगे क्या .... . में उसके सीने पर अपने हाथ रख उसे पीछे को धकेलने की कोशिश करते हुए बोली।... कैसे लौहै जैसे हाथ है, किसी की भी जान लें लें।

औहहह मेरी जान ... परे को क्यों धकेल रही है .... जान तो ये तेरा मखमली बदन मेरी ले लेगा .... कितना सेक्सी है रे तेरा शरीर .... रमेश मेरे मुलायम मगर पुष्ट और बाहर को निकले हुए मेरे कूल्हे को पैंटी के ऊपर से मसलता हुआ बोला ।

में अपने दोनों हाथ रमेश के बगल से निकल कर उसके कंधों को पकड़े उसके सीने से अपने बड़े बड़े मम्मे रगड़ने लगी तथा उसकी गर्दन पर चुम्मियो की झड़ी लगा दी , मेरी चूचियां उसके सीने की रगड़ से सख्त होकर तन गई थी।

मेंने अपने हाथ नीचे ले जाकर रमेश की लूंगी की गांठ खोल दी जिससे उसकी लूंगी नीचे फर्श पर जा गिरी , मेंने उसके नाज़ुक बड़े बड़े आंडो ( टेस्टीकल्स) को अपने हाथ में पकड़ लिया और प्यार से सहलाने लगी । उसके सख्त बड़े खीरे जैसे लंड पर उसकी उभरी हुई नसें साफ महसूस हो रही थी। मेरे हाथ उसके लंड को नीचे से ऊपर की और सहला रहै थे , उसके लंड का स्पर्श ने ही मुझे कामोत्तेजना से भर दिया था .... आहहहहहह .. आहहहह ..मेरे मुंह से सिसकारीयां निकलनी शुरू हो गई थी , मेरी इच्छा हो रही थी कि उसके काले भुसंड लंड को तुरंत से अपनी चूत में ले लूं ... मगर किसी तरह अपने आप पर काबू किये हुई थी ।

आहहहहह आंटी आपके हाथों जादू है .... कह रमेश ने अपना मुंह थोड़ा नीचे झुका मेरी चूचियां को मुंह में ले लिया जो कि तन कर करीब एक इंच लम्बी हो गयी थीं और जोर जोर जोर से चूसने लगा। उसके हाथ मेरे चूतड़ों के बीच की दरार को सहला रहै थे ।
 
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Firoza

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आहहहहहह ... मेरे राजा अब सहा नहीं जा रहा , रगड़ दो मुझे ,..मेने रमेश के लंड को कस के दबाते हुए कहा ... मेरी उत्तेजना अब काबू के बाहर हो रही थी ।

आहहहह ... अरे क्या बात करती है , में अभी तेरे सारे कस बल ठीले कर देता हूं .... रमेश मेरी चूंची से अपना मुंह हटाते हुए बोला .... और मेरी कच्छी उतारने का उपक्रम करने लगा ।

मेंने तुरंत से उसका हाथ रोका ... नहीं , ऐसे नहीं ये में उतारती हूं , तुम तो बस शावर चला दो । कह कर में बाथरूम के कोने मे गई ... अपनी कच्छी और सेनेटरी पैड को उतारा , फिर अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और और रमेश के गले में बाहें डाल उससे चिपक गई ... उसके गले व सीने को बेतहाशा चूमने लगी ...औह मेरे राजा I love you very much .. मेरी प्यास बुझा दो .....में उससे लिपटते हुए बोली. रमेश का लंड मेरे पेट पर ठोकर मारी रहा था , ऊपर से गिरती पानी की बोछार ने हमारी कामोत्तेजना को और भड़का दिया था।

रमेश ने मेरी एक चूची अपने मुंह में गपक ली और चूसने लगा , उसने एक हाथ से मेरी चूत को मुठ्ठी में कस लिया था तथा दूसरा हाथ मेरे चूतड़ों को मसल रहा था ।

आहहहहहहहह .... मेरी मुनिया को इतनी जोर से मत भींचो , दर्द होता है ... और तुम्हारे हाथ भी खराब हो जाएंगे।

आआआ ... मेरी जान ऐसे नहीं चल में तुझे साबुन लगाता हूं .... कह कर‌ रमेश ने साबुन की टिक्की उठा ली और मेरे पूरे शरीर पर मलने लगा .... उसके हाथ मेरे शरीर के हर अंग पर थिरक रहे थे ... मेरी जांघें , मम्मे, पेट , कमर और चूतडो पर साबुन की चिकनाई के साथ उसके कठोर हाथों से मालिश मुझे मदहोश कर रही थी और मेरे मुंह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं .... हाययययय मेरे राजा आपने तो मेरे शरीर में आग लगा दी ..... आहहहहहह एैसे ही करते रहो .... प्लीज औऔऔऔऔ बहुत मज़ा आ रहा है।

रमेश के साबुन से चिकने हाथ मेरी गान्ड की दरार की मालिश कर रहे थे ..... अचानक रमेश ने अपनी एक साथ दो उंगलियां मेरी गांड़ में धकेल दी ...... ऊईईईईईई ... में एकदम से उछली ... क्या कर रहे हो .... पहले बता तो देते... दर्द हो गया ।

औहों मेरी रानी के दर्द हो गया मगर तू तो यह बता मेरी रांड कि तुझे मजा आ रहा है या नहीं .... रमेश मेरी गान्ड में तेजी से उंगलियां चलाऐ जा रहा था ।

आहहहह आहहहहह मेरे राजा बहुत अच्छा लग रहा है .... तेरे को पाकर तो में धन्य हो गई ।

अभी तो और अच्छा लगेगा मेरी रानी कह कर रमेश ने अपनी उंगलियां मेरी गांड़ से निकाल ली और दो जबरदस्त थप्पड़ मेरे चूतड़ों पर मारे .... ऊईईईईईई में दर्द से तिलमिला कर एक बार फिर उछली .... हमेशा मारते क्यों रहते हो ... मेंने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए कहा ......
मेरी जान तेरे इन मोटे गद्देदार चूतड़ों को देख कर हाथों पर काबू ही नहीं रहता।

इसका मतलब इनको मार मार कर और मोटा कर दो ... मेंने मुस्कराते हुए कहा ।

मेरी जान तेरे इन मोटे चूतड़ों का ही तो पूरा मौहल्ला दिवाना है ... रमेश हंस कर बोला।

धत्... मेंने शरमा कर रमेश के गले में बाहें डाल उसके सीने मे अपना मुंह गडा दिया।

हाययय रे.... कितनी प्यारी है मेरी रानी रमेश ने प्यार से मेरे मम्मों को सहलाया .... अब उसका एक हाथ नीचे की और मेरे पेट पर से फिसलता हुआ , मेरी चूत पर पहुंच गया ... रमेश का एक हाथ मेरी मुलायम गुदाज़ चूत को मसल रहा था , तथा दूसरा हाथ मेरे चूतड़ों को सहला रहा था .... वो बीच में मेरी गान्ड में ऊंगली भी कर देता था जिससे में अनायास ही उछल पड़ती .... रमेश मेरी चूंचियों को भी बारी बारी से चूस रहा था .... और मैं उसके सिर को पकड़े हुए सिसकियां ले रही थी।

आहहहहह ऊऊऊछछ हाआआआ राजा ऐसे ही ..... ऊईईईई चुत में ऊंगली मत डालो गंदी हो जाएगी .... आआआआआ नहीं मानते तो जो मर्जी हो करो ...

मुझे लगा की अब मेरे से खड़ा नहीं रहा जाएगा ... अतः में धप से बाथरूम के गीले फर्श पर बैठ गई ‌मेंने अपनी टांगें पूरी खोल ली तथा हाथ पीछे ले जाकर फर्श पर टिका अधलेटी अवस्था में आ गई ... रमेश की उंगलियां तेज़ी से मेरी चूत में चला रही थी .... जिससे में भी अपने चूतड उछालने लगी और बाथरूम में धप धप की आवाज गूंजने लगी।

रमेश करीब दस मिनट तक उंगलियों से मेरी चूत चोदता रहा और मैं अपने चूतड उछाल उछाल कर चिल्लाती रही ।

अचानक मुझे लगा में झडने वाली हूं ..... ऊईईईईईईईईई और तेज मेरे राजा जोर से करो , में ... ऊईईईई... झड़ने वाली हूं ..... ईईईईईईईईई में गई औऔऔऔ मेरी अम्मा ... में तेजी से अपने चूतड उछालते हुए झड़ गई ... और वही फर्श पर लेट कर हांफने लगी।

मजा आया मेरी जान .... रमेश बोला

हां मेरे राजा , बहुत मज़ा आया ... में हांफते हुए मुस्कुरा कर बोली। मेरे को रमेश पर अथाह प्यार आ रहा था । जैसे कि हर एक औरत को संतुष्टि के बाद अपने चौदू पर आता है।

आ मेरी कुतिया तो अब थोड़ा सा मजा मुझे भी दे दे .... कह कर रमेश घुटनों के बल मेरे मुंह पर बैठ गया और अपना मोटा लंड मेरे मुंह में डाल दिया .... लंड चूसना मुझे वैसे भी पसंद था .... में उसके लंड पर आइस केंडी की तरह जीभ चलाने लगी .... आहहहहह चूस मादरचोद ऐसे ही चूस .... तू तो सर्वगुण संपन्न रंडी है रे ... बाजार में बैठ जाएं तो पूरे शहर में हंगामा हो जाए ....आहहहहह आहहहह

आ अब फटाफट कुतिया बन जा , अब तेरे पर चढ़ाई करनी है। आहहहहहह ... चल जल्दी आ लंड बहुत तन रहा है ।

अरे पांच सात मिनट तो आराम करने दो ...अभी तो मुंह की चुदाई करी है । मेंने उस छेड़ने के लहजे में कहा। ...और कुतिया कोई इतनी मोटी ताज़ी थोड़े ही होती है... बोलना है तो घोड़ी बोलो।

जल्दी सुन ले कुतिया, ... बिल्कुल भी रूका नहीं जा रहा... पांच सात मिनट में तो काम ही खत्म हो जाएगा। रमेश की कामोत्तेजना उसके चेहरे तथा लंड से साफ झलक रही थी ... जो 90 डिग्री के एंगल पर खड़ा झटके खा रहा था।

में तुरंत से उठी और रमेश के सामने चौपाया बन कर, अपनी गांड़ उभार दी .... ले आजा मेरे राजा ... डाल दें अपना लंड इस घोड़ी ‌की गांड़ में और निकाल दे अपनी गर्मी।

रमेश मेरे पीछे बैठ गया और अपने साबुन लगे हाथों से मेरे भारी चूतड रगड़ने लगा ......हायययय मेरी जान कैसे मखमली चूतड है तेरे , हाथ लगाते ही किसी का भी पानी निकल जाए सस्सस् आहहहह ..

.. में गीले फर्श पर अपना सिर टिकाए सिसिया रही थी ...... आहहहहह मेरे राजा सब आपका का ही है ....ऊऊहहहह ... हम तो आपके लंड के गुलाम हैं जी ।

कैसी बातें करती है , तू गुलाम नहीं तू तो ,मेरी रानी है रानी सीईईईईईईईई आहहहह .... गुलाम तो ये मेरा लंड है तेरी इस प्यारी सी गांड़ और चूत का.... रमेश अपने सुपाड़े को जो साबुन लगे होने से काफी चिकना हो गया था , मेरी गान्ड की दरार और छेद पर रगड़ रहा था , जिससे मेरी गान्ड का छेद फूल पिचक रहा था.... आहहहह...मेरी रानी तेरा छेद कितना सुंदर है ...आहहहह

सीईईईईईईईई .... मेरे राजा अब अंदर डाल भी दो .... देखो मेरी गान्ड , लंड के स्वागत के लिए कैसी फड़क रही है।

आहहहह .. डालता हूं मेरी जान .... मुझे नहीं पता था कि तेरे साबुन लगे गीले शरीर को सहलाने में इतना मज़ा आएगा .... आहहहहह ... रमेश मेरी पीठ और चूतड़ों को सहलाते हुए अपना हाथ नीचे ले गया और मेरी चूत को सहलाने लगा.... आहहहहहह

ईईईईईई‌... मेरे राजा चूत को नहीं.. प्लीज मेरी गान्ड में डाल दो ....अब सहा नहीं जा रहा ...आहहह .. मेंने बहुत दयनीय भाव से कहा।

ठीक है मेरी रानी जैसा तेरा हुक्म ... कह कर रमेश ने अपनी दो उंगलियों में अच्छे से साबुन मला और एक ही बार में पूरी अंदर डाल दी और तेज़ी से हाथ चलाने लगा।

ऊईईईईईई..... मेरे पूरे शरीर में आंनद की एक लहर सी दौड़ गई , मेरी गान्ड में तेजी से चलती उंगलियां जादू का काम कर रही थी और मैं अत्यंत मजे में सिसकारियां मार रही थी ...... आहहहह ससससस आहहहह मेरे राजा ऐसे ही आहहहह बहुत बहोत अच्छा लग रहा है रेररररर हाययययय मेरी मां ..... मेरे राजा अब अपने लंड को डाल दो प्लीज़ ... हाआआआआ

ले मेरी रानी तेरी गांड़ बहुत फड़फड़ा रही है ... कह कर रमेश ने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को चौड़ा किया और अपना सुपाड़ा मेरी फूल जैसी गांड़ पर रख दिया .... आहहहहह ... मुझे ऐसा महसूस हुआ किसी ने गर्म गर्म पहाड़ी आलू मेरी गान्ड पर रख दिया हो .... में आंख बंद कर मुंह से आहहहह सिसकारियां निकालती हुई... रमेश के लंड के अंदर घुसने का इंतजार करने लगी।

तभी मुझे मेरी गान्ड का छल्ला फैलता हुआ महसूस हुआ.... मेरी गान्ड कामोत्तेजना से कांपने लगी .... आहहहहह मेरे मालिक ... चोद दो अपनी रंडी को ... में धीरे धीरे बुदबुदाईं... अभी उसका सुपाड़ा आधा ही अंदर गया होगा ... रमेश ने अपना लंड वापस खिंच लिया।
 
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Firoza

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सीईईईईई ... राजा बाहर क्यों निकाल लिया ... जल्दी अंदर करो .... एकबार में ही पूरा अंदर कर दो धीरे धीरे ... रमेश ने अपने लंड को मेरी गान्ड में धकेलना शुरू किया......आहहहहह ऐसे ही .... मुझे महसूस हुआ कोई अजगर धीरे धीरे मेरे बिल को फैलाते हुए अंदर जा रहा है ..... आहहहहह ..... आखिर में जाकर उसे ने जाने क्या सूझी उसने एक तेज शाट मारा ... उसका सुपाड़ा सीधे मेरी आंतों से टकराया।

ऊईईईईईईईईई मां री में मरी ... में जोर से चिल्लाईं और और आगे गिरते-गिरते बची .... क्या हुआ मेरी जान अभी तो लंड खाने के लिए मचल रही थी ... अब चिल्ला रही है।

मेरे राजा तुम्हारे लंड ने मेरी आंतों में चोट मारी ... मेंने सिसकते हुए कहा।

बहनचोदी अजीब मुसीबत है तेरी ... चूत मारो तो कहती बच्चेदानी पर चोट लगी और गांड़ मारो तो कहती हैं , आंतों पे चोट लगी .... बहुत दर्द हो रहा है क्या। रमेश ने पूछा।

हां मेरे राजा दर्द तो होता है ,.. मगर मजा उससे ज्यादा आता है ... इसलिए ज्यादा परवाह मत करो और कस कर रगड़ाई करो .... आहहहहह... बहुत अच्छा लग रहा है ... मेरे मार तेज तेज धक्के.... हाययययय मेरी अम्मा देख तेरी बेटी कैसे चुद रही है ... ऊईईईईईई रे

हम दोनों की सिसकारियों और मेरे चुतडो पर रमेश की जांघों की थापों से पूरा बाथरूम गूंज रहा था ।

रमेश दोनों हाथों से मेरी कमर पकड़ ताबड़तोड़ चुदाई किये जा रहा था .... और मैं बदहवास सी अनर्गल चिल्ला रही थी...हाययययय रे चोद दे राजा , बहुत मज़ा आ रहा है ऊईईईईईई मां मर गई रे , मुझे बुरी तरह चोद दिया आआआहहह आहहहह राजा ऐसे ही चोदते रहो।

हौऔऔऔऔऔऔ .. क्या मजा दे रही है आपकी निगोड़ी गांड़ ...आहहहह हरामजादी मन करता जिंदगी भर तेरी गांड़ में लंड डाल कर पड़ा रहूं ... आहहहह तू किसी अप्सरा से भी बढ़ हरामजादी .... कितनी गर्म है.... तभी मेंने अपनी गांड़ कस कर सिकोड़ ली .... ऊईईईईईई हरामजादी मेरा लंड दबोच लिया तेरी गांड़ ने तो ... आहहहहह ऐसे तो तेरी गांड़ मेरा रस चूस लेगी ।

मेरे राजा अब में ज्यादा देर कुतिया नहीं बन रहा सकती में तो लेट रही हूं , कह कर में पेट के बल पसर गयी।

रमेश मेरी पीठ पर लेटा मेरी गान्ड चुदाई कर रहा था में बीच बीच में अपनी अपनी गांड़ सिकोड़ कर उसके लंड पर कस लेती थी ताकि उसे ज्यादा मजा मिले ..... रमेश भी अपना एक हाथ नीचे लेजाकर मेरी चूची मसल रहा था तथा दूसरा हाथ नीचे लेजाकर मेरी चूत को जकड़े हुए था।
अब मेरी गान्ड में दर्द होना शुरू हो गया था तथा चुदाई मेरे बर्दाश्त से बाहर होती जा रही थी और मैं चाहती थी रमेश जल्दी झड़ जाए।

आहहहहह बस राजा आहहहह अब मेरी गान्ड दर्द करने ‌लगी ही अब जल्दी झड़ जाओ , में थक भी बहुत गई हूं आहहहहह , , आहहहहह प्लीज झड़ जाओ ।

मगर रमेश करीब दस मिनट तक ऐसे ही चोदता रहा फिर अचानक उसने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी.... हूं हूं हूं आहहहहह... मेरी जान ...आहहहह ... मेरा निकलने वाला है ...आहहहहह.... मेरी जान में गया , रमेश ने अपना लंड मेरे अंदर तक चांप दिया और मेरे ऊपर औंध कर गहरी गहरी सांसें लेने लगा।
अचानक मुझे लगा किसी ने मेरी लावा भर दिया हो , मेंने अपनी गांड़ रमेश के लंड पर पूरी ताक़त से कस दी , में उसके वीर्य का एक एक कतरा अपनी अपनी गांड़ में जब्ज करना चाहती थी।

करीब पांच मिनट बाद रमेश मेरे ऊपर से उठा तो मैं सीधा होकर लेट गई , मगर मेरी उठने कि बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी ।

रमेश ने पकड़ पर मुझे उठाया फिर गोद में उठा बेड पर लाकर लिटा दिया , तथा तौलिया लाकर मेरा बदन पोंछने लगा ।

मेंने अपनी दोनों बाहें उसके गले में डाल दी। ..... मेरे राजा जब तक तुम नहीं आए थे , मेरी जिंदगी कितनी नीरस थी ... जिंदगी में इतना आनंद भी हो सकता है मेंने सोचा ही नहीं था।

आंटी आपने भी मेरे जीने का नजरिया बदल दिया, में सोच भी नहीं सकता था कि कोई अपनी मां की उम्र की औरत से इतना प्यार कर सकता है कि सात जन्म उसके साथ रहने कि दुआ करने लगे।

मेंने खींच कर रमेश को पलंग पर गिरा लिया और उससे कस कर लिपट गई , लेटे लेटे हम कब सो गए पता ही नहीं चला , में जब सो कर उठी तो सुबह के पांच बज चुके थे ,
मेंने रमेश की तरफ देखा वो शांति से सोया हुआ था तथा उसका लंड किसी तोप की तरह तना हुआ था , मेंने उसके लंड की पप्पी ली और किचन की तरफ चल पड़ी ।

पता नहीं कब ऐसे ही चार दिन गुजर गए , मेरी माहवारी जैसे आई थी वैसे ही अचानक चली भी गई, मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था , रमेश से अपने पेट में बच्चा ठहराने का ये बेहतरीन समय था।

सुबह मेंने रमेश से बाजार जाकर दो जोड़ी knee cap लाने को कहा । रमेश के द्वारा कारण पूछने पर मेंने टालते हुए कहा, राजा बस तुम ले आओ , तुम्हें जन्नत का मजा दूंगी।
 

doodhVala

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gajab update bilkul aapki tarah
 

Firoza

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gajab update bilkul aapki tarah
शुक्रिया डियर, अगला बिल्कुल नई‌चीज होगी।
 
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Firoza

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Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
डियर , अगला में बिल्कुल नई चीज होगी।😊😊😊
 
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