नाश्ता करने के पश्चात में और रमेश बैडरूम में आ गये, रमेश तो लूंगी पहन कर बिस्तर पर लेट गया , जबकि में T.V चला उसके बगल में बैठ कर अपना मन पसंद कार्यक्रम देखने लगी । अभी टी.वी देखते हुए बीस मिनट ही हुए होंगे , रमेश बोला...
आंटी प्लीज टी वी बंद कर दो , में सोऊंगा पूरी रात ट्रेन में ठीक से हो नहीं पाया।
औ.के राजा जैसा आपका हुक्म ... मेंने टी वी बंद कर उसके माथे पर चुम्मी लेते हुए कहा , तुम सो जाओ ... बस ये बता दो खाना कितने बजे खाओगे।
आंटी अभी ग्यारह बजे तो नाश्ता किया है , क्या बताऊं , चलो तीन बजे के करीब खा लेंगे।
में : ठीक है, तुम सो जाओ मैं आसिफ के कमरे में जाकर टी वी देखती हूं।
रमेश : अरे आंटी आप भी मेरे साथ सो जाओ ना।
में : में भी तुम्हारे साथ सो गई , तो खाना क्या फ़रिश्ते आकर बनाएंगे।
रमेश : अरे आंटी, खाना कोई इतनी जरूरी चीज है क्या, नहीं खाएंगे।..... रमेश मेरा हाथ खींचता हुआ बोला।
में: अच्छा जी , खाना नहीं खाओगे तो ताकत कहां से आयगी , और ताकत नहीं आयेगी तो आंटी से जंग कैसे जीतोगे। .इसलिए चुपचाप सो जाओ .... मेंने हंसते हुए कहा फिर कमरे की लाइट बंद करके, आसिफ के कमरे में आ गई और टीवी देखने लगी।
पौने तीन तक खाना बना कर में रमेश के पास पहुंची और उसके बालों को सहलाते हुए बोली..... अब उठ जाओ डियर तीन बज गये , खाना खा लो।
रमेश : ऊं ऊं आंटी प्लीज अभी सोने दो ।
मेरे राजा उठ के खाना खा ले फिर सोएंगे , मेंने जिद करते हुए कहा .... तभी रमेश ने मेरा हाथ खींच कर बिस्तर पर गिरा लिया और मेरे चारों ओर अपने हाथ तथा पेर लपेटते हुए बोला , आप भी सो जाओ , आधे घण्टे बाद उठेंगे ।
नहीं प्लीज , में भी लेट गई तो काम खराब हो जाएगा।... में अपने आपको उससे छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली ।
अरे आंटी, प्लीज... काम खराब क्या होगा... , already खराब हो चुका है ..... उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया .... जो कि एकदम फनफनाया हुआ खड़ा था , किसी लौहे की राड की तरह सख्त .... प्लीज इसका कुछ करो ना।
अभी इसका कुछ नहीं हो सकता ... मेंने तुरंत से उसके लंड से हाथ हटाया और रमेश से अलग होकर बिस्तर से उतर गई..... अभी तो तुम उठ कर खाना खा लो ...ये अपने आप थोड़ी देर में बैठ जाएगा , इसका इलाज खाना खाने के बाद करेंगे।
आंटी आप भी ना .. मानोगी नहीं .. रमेश पलंग से उठ अपनी लुंगी बांधते हुए बोला । उसके तने हुए लंड ने लुंगी का तम्बू बना दिया था .... जिसे देख मेरी हंसी निकल गई।
आंटी आपको हंसी आ रही है , यहां मेरे लंड की हालत खराब है .... रमेश अपने लंड को लुंगी के ऊपर से ही सहलाते हुए बोला ।
कोई बात नहीं आप पहले खाना खा लो .... इसकी हालत तो मैं दस मिनट में ठीक कर दूंगी ... में मुस्कराते हुए बोली।
खाना खाते हुए रमेश ने सवाल किया ... आंटी एक बात बताओ ऐसा कब तक चलेगा?
कैसा कब तक चलेगा ... मेंने उससे काउंटर सवाल किया।
यही कि, हम ऐसे छुप कर मिलते हैं , चुदाई करते हैं .. कभी किसी को पता चला तो क्या परिणाम होगा .... आपको डर नहीं लगता ।
किस को पता चलेगा .... तुम चिंता मत करो राजा मैं सब मैनेज कर लूंगी ... में आसिफ की तुम्हारे से नाराजगी आज ही दूर करवा दूंगी ... फिर कैसा डर ।
और, अंकल का क्या... देर सवेर उन्हें पता चल गया तो ।
तुम भी क्या बात करते हो.. दो साल से उस बंदे ने शक्ल नहीं दिखाई उसे क्या फर्क पड़ना है। क्या उसे नहीं पता कि 40 - 45 साल की औरत कितने दिन बिना चुदे रह सकती है।
आंटी, तो आप अंकल को तलाक क्यों नहीं दे देती ।
अरे तुम भी क्या बात करते हो , मेरा दिमाग थोड़े ही खराब हुआ है , जो उसे तलाक दूंगी ।
रमेश : तलाक के बाद आप अपने हिसाब से रहना , दूसरा निकाह कर सकती हो।
में अभी भी अपने हिसाब से मस्त रहती हूं , निकाह करने कि क्या जरुरत है , तुम दोनों हो तो सही मेरे शौहर , उस्मान
मुझे खर्चे के लिए हर महीने सवा लाख रूपये भेजता है। मुझे और क्या चाहिए , ऐश करती हूं।
रमेश : मगर एक परमानेंट सपोर्ट भी होना चाहिए ना , कल को आसिफ और मेरी शादी हो जायेगी तब ।
तुम ज्यादा दिमाग पर जोर मत डालो ,... आराम से खाना खाओ .....मेंने कहा ना कि , मैं सब मैनेज कर लूंगी।
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