• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest दबी हुई वासना

Firoza

Member
284
658
94
Meri jaan firo

Meri jaan firoza ji . Kahani ka maza tab hi jab time se update aata rhe .. vrna kahani ka maja kirkira ho jata h.. so please darling update time se diya kro
डियर, फैमली के साथ बाहर जाना पड गया था , इस लिए देरी हो गई । आज शाम या कल सुबह तक जरूर पोस्ट कर दूंगी। असल मे में पहले से लिख कर नहीं रखती हाथों हाथ लिखती हूं।
 

Affu

New Member
67
30
19
डियर, फैमली के साथ बाहर जाना पड गया था , इस लिए देरी हो गई । आज शाम या कल सुबह तक जरूर पोस्ट कर दूंगी। असल मे में पहले से लिख कर नहीं रखती हाथों हाथ लिखती हूं।
Chaliye fir to intejar kr lenge hum.. par thodi days karke jldi update kriyega
 

Firoza

Member
284
658
94
दोस्तों, कहानी का नया अपडेट पोस्ट कर रही हूं , बहुत जल्दीबाजी में लिखा गया है , थोड़ी स्टाइल भी अलग है । प्लीज अपनी बेबाक राय दें कि आप क्या पसंद करते हैं और इसमें क्या और अच्छा हो सकता है। शुक्रिया
 

Firoza

Member
284
658
94
नाश्ता ‌करने के पश्चात में और रमेश बैडरूम में आ गये, रमेश तो लूंगी पहन कर बिस्तर पर लेट गया , जबकि में T.V चला उसके बगल में बैठ कर अपना मन पसंद कार्यक्रम देखने लगी । अभी टी.वी देखते हुए बीस मिनट ही हुए होंगे , रमेश बोला...

आंटी प्लीज टी वी बंद कर दो , में सोऊंगा पूरी रात ट्रेन में ठीक से हो नहीं पाया।

औ.के राजा जैसा आपका हुक्म ... मेंने टी वी बंद कर उसके माथे पर चुम्मी लेते हुए कहा , तुम सो जाओ ... बस ये बता दो खाना कितने बजे खाओगे।

आंटी अभी ग्यारह बजे तो नाश्ता किया है , क्या बताऊं , चलो तीन बजे के करीब खा लेंगे।

में : ठीक है, तुम सो जाओ मैं आसिफ के कमरे में जाकर टी वी देखती हूं।

रमेश : अरे आंटी आप भी मेरे साथ सो जाओ ना।

में : में भी तुम्हारे साथ सो गई , तो खाना क्या फ़रिश्ते आकर बनाएंगे।

रमेश : अरे आंटी, खाना कोई इतनी जरूरी चीज है क्या, नहीं खाएंगे।..... रमेश मेरा हाथ खींचता हुआ बोला।

में: अच्छा जी , खाना नहीं खाओगे तो ताकत कहां से आयगी‌ , और ताकत नहीं आयेगी तो आंटी से जंग कैसे जीतोगे। .इसलिए चुपचाप सो जाओ .... मेंने हंसते हुए कहा फिर कमरे की लाइट बंद करके, आसिफ के कमरे में आ गई और टीवी देखने लगी।

पौने तीन तक खाना बना कर में रमेश के पास पहुंची और उसके बालों को सहलाते हुए बोली..... अब उठ जाओ डियर तीन बज गये , खाना खा लो।

रमेश : ऊं ऊं आंटी प्लीज अभी सोने दो ।

मेरे राजा उठ के खाना खा ले फिर सोएंगे , मेंने जिद करते हुए कहा .... तभी रमेश ने मेरा हाथ खींच कर बिस्तर पर गिरा लिया और मेरे चारों ओर अपने हाथ तथा पेर लपेटते हुए बोला , आप भी सो जाओ , आधे घण्टे बाद उठेंगे ।

नहीं प्लीज , में भी लेट गई तो काम खराब हो जाएगा।... में अपने आपको उससे छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली ।

अरे आंटी, प्लीज... काम खराब क्या होगा... , already खराब हो चुका है ..... उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया .... जो कि एकदम फनफनाया हुआ खड़ा था , किसी लौहे की राड की तरह सख्त .... प्लीज इसका कुछ करो ना।

अभी इसका कुछ नहीं हो सकता ... मेंने तुरंत से उसके लंड से हाथ हटाया और रमेश से अलग होकर बिस्तर से उतर गई..... अभी तो तुम उठ कर खाना खा लो ...ये अपने आप थोड़ी देर में बैठ जाएगा , इसका इलाज खाना खाने के बाद करेंगे।

आंटी आप भी ना .. मानोगी नहीं .. रमेश पलंग से उठ अपनी लुंगी बांधते हुए बोला । उसके तने हुए लंड ने लुंगी का तम्बू बना दिया था .... जिसे देख मेरी हंसी निकल गई।

आंटी आपको हंसी आ रही है , यहां मेरे लंड की हालत खराब है .... रमेश अपने लंड को लुंगी के ऊपर से ही सहलाते हुए बोला ।

कोई बात नहीं आप पहले खाना खा लो .... इसकी हालत तो मैं दस मिनट में ठीक कर दूंगी ... में मुस्कराते हुए बोली।

खाना खाते हुए रमेश ने सवाल किया ... आंटी एक बात बताओ ऐसा कब तक चलेगा?

कैसा कब तक चलेगा ... मेंने उससे काउंटर सवाल किया।

यही कि, हम ऐसे छुप कर मिलते हैं , चुदाई करते हैं .. कभी किसी को पता चला तो क्या परिणाम होगा .... आपको डर नहीं लगता ।

किस को पता चलेगा .... तुम चिंता मत करो राजा मैं सब मैनेज कर लूंगी ... में आसिफ की तुम्हारे से नाराजगी आज ही दूर करवा दूंगी ... फिर कैसा डर ।

और, अंकल का क्या... देर सवेर उन्हें पता चल गया तो ।

तुम भी क्या बात करते हो.. दो साल से उस बंदे ने शक्ल नहीं दिखाई उसे क्या फर्क पड़ना है। क्या उसे नहीं पता कि 40 - 45 साल की औरत कितने दिन बिना चुदे रह सकती है।

आंटी, तो आप अंकल को तलाक क्यों नहीं दे देती ।

अरे तुम भी क्या बात करते हो , मेरा दिमाग थोड़े ही खराब हुआ है , जो उसे तलाक दूंगी ।

रमेश : तलाक के बाद आप अपने हिसाब से रहना , दूसरा निकाह कर सकती हो।

में अभी भी अपने हिसाब से मस्त रहती हूं , निकाह करने कि क्या जरुरत है , तुम दोनों हो तो सही मेरे शौहर , उस्मान
मुझे खर्चे के लिए हर महीने सवा लाख रूपये भेजता है। मुझे और क्या चाहिए , ऐश करती हूं।


रमेश : मगर एक परमानेंट सपोर्ट भी होना चाहिए ना , कल को आसिफ और मेरी शादी हो जायेगी तब ।

तुम ज्यादा दिमाग पर जोर मत डालो ,... आराम से खाना खाओ .....मेंने कहा ना कि , मैं सब मैनेज कर लूंगी।

1000091770
upload image
 

Firoza

Member
284
658
94
खाना खा कर हम चार बजे के करीब फिर बिस्तर पर एक दूसरे की तरफ मुंह करके एक दूसरे से चिपक कर लेटे हुए थे, दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे के चेहरे से टकरा रहीं थी जो एक अलग ही अहसास दे रहीं थीं। रमेश मेरे गदराए गद्देदार चूतड़ों को गाउन के उपर से ही मसल रहा था तथा में उसकी पीठ सहला रही थीं।

रमेश मेरे हाथ को पकड़ अपने लंड पर ले जाकर बोला ... आंटी आपकी माहवारी कब खत्म होगी , मेरे लंड के हाल देख लो मुझसे रुका नहीं जा रहा ।

मेंने उसके विशाल लंड को जो मेरी मुठ्ठी में भी नहीं आता था पकड़ लिया और सिसिया कर बोली.... सीईईईघ मेरे राजा, ये मुझे क्यों पकड़ा दिया , तुझे पता नहीं मेंने कितनी मुश्किल से अपने आप पर काबू किया हुआ है ,.... मेरी चूत में कितनी खलबली रहती है।
में उसके गर्म , बेहद तने हुए लंड को सहलाते हुए बोली।

मगर आंटी ऐसे तो यह तनाव से फट जाएगा , इसे तो कोई छेद चाहिए जिसमें घुस कर ये उधम मचा सकें , तीन महीने से प्यसा है , आपके पेट पर रगड़ कर पानी निकाल देने से इसका कुछ नहीं बनता।

कह कर उसने मुझे जबरदस्ती सीधा किया और मुझे पर ऐसे चढ़ गया जैसे चोद रहा हो और , कपड़े पहने पहने ही मेरी चूत पर अपने लंड के भीषण धक्के लगाने लगा।

आईईईईई रे मर गई रे मेरी मां ... मेरे ऊपर से हट ये क्या कर रहा है , मेरे दर्द हो रहा है... अभी कुछ नहीं हो सकता ....में उसे अपने ऊपर से उतारने की कोशिश करते हुए चिल्लाईं।

क्यों नहीं हो सकता..... आपकी माहवारी आ रही है , में अंदर डाल कर चोद दें ता हूं , क्या फर्क पड़ेगा दस मिनट की बात है ... रमेश जिद करते हुए बोला ।

नहीं अभी नहीं .. मेंने जबरदस्ती उसे अपने ऊपर से उतारा और उसकी तरफ करवट कर एक टांग उसकी जांघों पर रख , उसके सीने पर उंगलियां फेरते हुए बोली ..... बस दो दिन रुक जा फिर तेरा जितना मन करे चूत की खुदाई कर लेना, आगे के दस दिन तक बचा ठहराने का भी गोल्डन पीरियड होगा ..... अभी परेशानी दूर करने के लिए , में इसे चूस देती हूं... मेंने उसके लंड को उसके अंडरवियर से बाहर निकाल लिया और सहलाने लगी।

यार आंटी आप समझ नहीं रही , मेंने चुदाई करनी है , चुदाई के लिए मरा जा रहा हूं।... अच्छा सुनो चलो में आपकी चूत में लंड नहीं डाल सकता मगर गांड़ तो मार सकता हूं।

हां वो तो मार सकते हो .. मेरे राजा , मगर उसके लिए भी मुझे पैड तो हटाना पड़ेगा सब गंदगी फैल जाएगी।‌

फिर क्या करूं रमेश अपनी कमर उछालते हुए बोला ।

चलो ऐसा करेंगे शाम को बाथरूम में शावर लेते हुए , मुझे घोड़ी बना कर मेरी गान्ड चोद लेना... में उसके टट्टो से खेल रही थी।

सीईईईईईई.... आंटी अभी चलते हैं ना बाथरूम में ।

नहीं अभी नहीं चल सकते .. उसके लिए तैयारी करनी होती है ... अभी तो में तुम्हारा चूस देती हूं .... कह कर मेंने उसके सुपाड़े को अपने मुंह में ले लिया ... और उसे चूसने लगी ।

सीईईईईईईईई .. आंटी तू बहुत बड़ी रांड है ... रमेश ने अपनी कमर करीब छः इंच उठा ली थी .... चूस ले ... निकाल दे मेरा पानी.... आहहहहह आहहहह

मेरे हाथ रमेश के नाज़ुक टट्टे बड़े प्यार से सहला रहें थे तथा बीच बीच मे में उसकी जांघें भी सहला रही थी , ताकी उसकी उत्तेजना बनी रहै , रमेश तेजी से अपनी कमर उछाल रहा था ।

मेंने अपनी एक ऊंगली अपने थूक में गीली करी और उसकी गांड़ में डालने लगी जो काफी टाइट थी , ... ईईईईईईई रमेश तेजी से उछला ..... ऐसे मत कर हरामजादी ...... ऊईईईईईईई आहहहहहहहह ... मेंने एक झटके से पूरी ऊंगली उसकी गांड़ में घुसेड़ दी थी और उसे तेजी से चलाने लगी थी ..... ऊईईईईईई कुतिया निकाल इसे .... रमेश गुर्राया।

बहनचोद , तू अपना काम कर मुझे अपना काम करने दे .... मेंने उसके लहजे में ही गुर्रा कर जबाब दिया। .... ऊंगली अंदर बाहर होने से रमेश की गांड़ अब थोड़ी नरम पड़ गई थी , मेंने अब अपनी ऊंगली उसकी गांड़ से बाहर कर , दो उंगलियां अपने थूक में अच्छी तरह गीली करी और जबरदस्ती उसकी गांड़ में पेल दी ।

आईईईईईईई रे औहहहहहह रंडी मेरे दर्द हो रहा है रमेश अपनी गांड़ उछालते हुए चिल्लाया ।

रंडी के, ऐसे ही दर्द मेरे भी होता है , थोड़ी देर में ठीक हो जाएगा मेने कहा ओर उसके लंड पर मुंह चलाना और गांड़ में दो उंगलियां चलाना जारी रखा .... पूरा कमरा रमेश की सिसकारियों और मेरे मुंह से निकलने वाली अजीब सी आवाजों से गूंज रहा था।

करीब दस मिनट तक रमेश मेरे मुंह की चुदाई करता रहा , फिर अचानक उसने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ मेरा मुंह अपने लंड पर दबा लिया..... हायययय मेरी रानी ... मेरी जान में झड़ रहा हूं आहहहहहह। गया ये ले ये ले ऊहहहहहह ... अचानक मेरे मुंह में गर्म गर्म वीर्य का ज्वालामुखी फूट पड़ और मेरा मुंह नमकीन मलाई से भर गया ..... मेंने उसकी एक भी बूंद बेकार नहीं जाने दी और सारा पी गई।
मेंने अच्छी तरह चाट चाट कर रमेश के काले भुसंड लंड को साफ़ कि , उसे प्यार से सहलाया, फिर हम एक दूसरे की बांहों में सो गये।

शाम करीब छह बजे मेरी आंख खुली , रमेश अभी तक सो रहा था। मेंने किचन में जाकर चाय बनाई और चाय लेकर उसके पास पहुंची ।

हुजूर अब उठ भी जाओ , शाम के साढ़े छः बज गये है , मेंने प्यार से उसके बालों को सहलाते हुए कहा।

आंटी बहुत थक गया , प्लीज थोड़ा और सोने दो ।

ठीक बात है राजा ,सुबह से इतनी मेहनत कर रहे हो, दो बार तो हल्के भी हो लिए , थक तो गये होंगे, मगर चाय ठंडी हो रही है.... फटाफट उठ कर गर्म गर्म चाय पी लो एकदम तरोताजा हो जाओगे ... फिर से मेहनत करने को तैयार .... में जोर से हंसते हुए बोली।

आंटी आप फालतू में मुझे जोश मत दिलाओ नहीं तो , यहीं पटक कर चोद दूंगा। रमेश तैश में आकर बोला।

अरे रे , भई ऐसा ज़ुल्म मत करना , मेंने तो यूंही मजाक में कह दिया था । ... में डरने का अभिनय करती हुई बोली।

कहीं तुम सच में मेरे ऊपर चढ़ गये , और में पेट से हो गई तो मम्मी पापा को क्या मुंह दिखाऊंगी ...... में किसी उन्नीस साल की कुंवारी लड़की की एक्टिंग करने के मूड में आ गई थी।

आंटी ये सब ड्रामे बाजी छोड़कर थोड़ा सीरियस हो जाओ , मुझे लगता है , आप लाईफ को सीरियसली लेते ही नहीं।


क्यों जी क्यों , ऐसा तुमने क्या देख लिया .... में अपनी आंखें गोल गोल घुमाते हुए बोली ।

देखो सुबह भी आपने बात बीच में ही खत्म कर दी थी .... क्या आपने ये सोचा है कि इस घर मे, मेरा‌ आना-जाना फिर से कैसे शुरू हो पाएगा ... आसिफ बेमतलब मुझ से नाराज़ हुआ बैठा है ... 15 दिन बाद वो जाएगा फिर हम कैसे मिलेंगे। .... रमेश गम्भीर स्वर में बोला।

अरे मेरे राजा , बस इतनी सी बात के लिए इतना परेशान हो ... में उछल कर खड़ी हुई और रमेश को बांहों में कस उसके माथे का चुम्बन लेते हुए बोली .... तुम्हारी इस समस्या को अभी तुम्हारे सामने ही , दस मिनट में खत्म करती हूं.... शाम के सात बज चुके हैं , आसिफ भी मुम्बई पहुंच गया होगा।

मेंने तुरंत ‌से आसिफ का नम्बर डायल किया।

में : हां , आसिफ बेटा अम्मी बोली रही हूं , तू ठीक से पहुंच गया , मुझे बड़ी चिंता हो रही थी।

आसिफ : हां अम्मी , गाड़ी तो अपने समय से एक घंटा पहले ही पहुंच गई थी , में कम्पनी के गेस्ट हाउस पहुंच कर नहा धो लिया हूं , आराम कर रहा था। ..... आप सुनाए आप कैसी हैं ।

में : में भी ठीक ही हूं बच्चे ।

आसिफ : ठीक ही हूं का क्या मतलब , क्या कुछ परेशानी है।

में : नहीं ऐसी कोई बात नहीं , बस थोड़ा बाजार का सामान
आदी लाने कि दिक्कत है। तेरा ऐसा कोई दोस्त नहीं है जिससे में छोटे मोटे काम करवा लिया करूं।

कुछ देर फोन पर खामोशी ‌छाई रही ... अम्मी ऐसा तो कोई दोस्त नहीं सब पढ़ाई खत्म करके इधर उधर निकल गये । बस एक रमेश है उसे तो में कह चुका हूं कि मेरे घर तू घुस भी मत जाना।

में : बेटा तू भी ना गुस्से पर काबू नहीं रख पाता , वो इतना अच्छा लड़का है , फिर तेरे बचपन का दोस्त भी हैं, तुझे उससे ऐसे थोड़े ही बोलना चाहिए।

आसिफ : आपने देखा ना उसने आपके साथ कितना गलत किया।

में : क्या ग़लत किया उसने, यही ना कि उसने तेरे साथ मिलकर मेरी चुदाई करी , मेरे थप्पड़ मारे , मुझे गालियां दी , उस खेल में तो हम तीनों शामिल थे । .... एक बात बताऊं , मुझे जितना मज़ा उस दिन तुम दोनों से चुदने , थप्पड़ और गालियां खाने में आया ना ,.... उतना जिंदगी में कभी नहीं आया।

आसिफ : मगर अब में उससे किस मुंह से बात करूं , उससे तो मैं बहुत बुरा बर्ताव कर चुका हूं।

में : अरे तू भी कैसी बात करता है , दोस्ती में ये सब होता रहता है, ... तू बिना किसी साफ सफाई के उससे कह कि में मुम्बई हूं और अम्मी घर पर बिल्कुल अकेली है , उनका ख्याल रखना , ...देखना वो दौड़ता हुआ आएगा ... सालों की दोस्ती ऐसे थोड़े ही खत्म हो जाती है।

आसिफ : ठीक है अम्मी उससे बात करता हूं, आप अपना ख्याल रखना, अब काटता हूं।

फोन काट कर में रमेश की तरफ मुड़ी और दोनों बांहें फैला कर बोली .... टन्नननन .... लो मेरे राजा हो गई तुम्हारी समस्या हल .... छोटी सी बात के लिए परेशान हो रहे थे।

रमेश ने मेरी जांघों को अपनी बाहों में भर मुझे उठा लिया और मेरे पेट को बेतहाशा चूमते हुए बोला.... आंटी आप वाकई बड़ी शातिर चीज हो ... वो मुझे लेकर गोल गोल घूमने लगा।

अरे अरे छोड़ो गिर में गिर जाऊंगी , भारी हूं ... हाथ पैर टूटेंगे।

मेरी रानी तू तो फूल है फूल ... अब तो तू बाथरूम में ही गोदी से उतरेगी....कह कर रमेश मुझे उठा कर बाथरूम की तरफ चल पड़ा ....ये देख मेरा मन खुशी से खिल गया।
 

TedBundy

Active Member
1,100
1,041
158
Lovely story and lusty writings and of course seductive narrations! Hats off!
 
  • Like
Reactions: Firoza

100

New Member
7
8
3
Superb update maja aa gaya 👍🥳
 
  • Like
Reactions: Firoza
Top