अब तक आपने पढ़ा कि कैसे शिवा पंडित के चारों पहवानो को मारने के बाद पंडित का भी बाजा बजाता है जिससे डर कर पंडित वहाँ से चला जाता है।
अब आगे
शिवा जब घर पे आता है तो उस वक़्त तक सोनिया जाग गयी थी और नास्ता कर रही थी। पंडित को देखकर वो बोलती है
सोनिया- क्या कह रहा था वो पंडित तुमसे।
शिवा ये सुनते ही एक दम से सिर ऊपर उठा के उसे देखता है।
सोनिया - ज्यादा हैरान होने की जरूरत नही है। में उसके बारे में सिर्फ इतना जानती हूं कि वो किसी बड़े बाप की बिगड़ी हुई औलाद है और वहाँ अपने वैन में बैठ कर मुझे घूरता रहता है और अगर मेरे साथ किसी लड़के को देख भी लेता है तो उसके पहलवान उसकी हड्डी पसली तोड़ देते है। और उसने कल तुम्हें मेरे साथ देख लिया होगा और आज सुबह मौका मिलते ही उसके पहलवानों ने तुमसे झगड़ा किया होगा। मै तो सिर्फ इतना पूछ रही थी कि कही उसे भी तो कल के गुंडो की तरह तो नही समझ दिया। और ये कहते ही जोर से हस पड़ती है।
शिवा को भी जब पूरी बात समझ मे आती है तो वो भी सर झुका कर मुस्कुरा देता है।
अभी ये लोग बात कर ही रहे थे कि सोनिया की सहेलिया आ जाती है और वो सब घूमने निकल जाती है और शिवा भी उनके साथ ही था एक ड्राइवर की तरह।
जब तक ये लोग घूमते है हम जरा हम लोग खान असलम और कृष्णा को देख लेते है कि ये लोग कर क्या रहे है।
खान और असलम एक कमरे में बैठे थे और कुछ बहुत ही गंभीर मंत्रणा कर रहे थे।
खान - असलम अब तो उस बात को बहुत साल बीत गए है। उस लाला ने तो दुबारा पूछा भी नही हमे।
असलम - बाबा बोल तो सही राहे हो तुम। साला हम इधर से उधर भागते रहे और वो लाला और उसका वो अनजान मालिक वहाँ मजे ले रहे है।चलो अब वापस उसी गांव में जाने का टाइम आ गया है और वहाँ से अपना हिस्सा भी तो लाना है। वो लाला तो सब हड़प कर बैठ गया होगा अब तक।
खान - लेकिन क्या तेरे हथियार कृष्णा को वहाँ ले जाना सही होगा। कही उसे सब याद आ गया तो हमे लेने के देने पड़ जाएंगे।
असलम - क्या बाबा तुम इतना क्यों डर रहे हो। हथियार कभी खुद के मालिक पर चलता है क्या। और उसके कौन बताएगा कि हमने उसके माँ बाप को जिंदा जला कर मारा था।
खान - और उसका वो भाई जिसे हमसे बचा कर उसकी माँ ने खिड़की से बाहर भाग दिया था।
असलम - क्या भाई अगले दिन हमने उस घर के पीछे जाके देखा भी तो देखा था ना। वहां उस गहरी खाई के अलावा कुछ नही था। पक्का रात के अँधेरे में वो खाई में गिर गया होगा। बेचारी उसकी माँ ने तो सोचा होगा कि वो अपने एक बेटे को तो हम से बचा लिया है। पर उसे क्या पता था कि उस खिड़की के पीछे खाई थी।
खान - ओये लाले जरा धीरे बोल यार। तूने सुना नही की दीवारों के भी कान होते है।
असलम - पहली बात तो ये की अपने उस हथियार के होते हुए हमें किसी से डरने की जरूरत नही है। और वो हथियार अभी अपना हथियार किसी की गुफा में डाल के पड़ा होगा।
खान - हाँ यार तूने उसे शराब और शबाब का इतना आदि बना दिया है कि इन दोनों में से एक भी अगर उसे ना मिले तो जैसे उसे लकवा मार दिया हो ऐसा हो जाता है। ना कुछ बोलता है और न ही कुछ करता है।
असलम - ये सिर्फ शराब और शबाब का कमाल नही है बाबा। ये तो उस ड्रग्स का कमाल है जो में उसे शुरू से देता आ रहा हु शराब में मिला कर। पर अगर उसे कोई लगातार 2 हफ़्तों तक वो ड्रग न दे और वो सिर्फ शराब ही पिये तो उस ड्रग का असर खत्म हो जाएगा क्योंकि जहर ही जहर को मारता है।
खान - फिर तो हमे उसे रोज वो ड्रग मिली हुई शराब ही देनी चहिये।
अभी ये लोग ये बातें कर ही रहे थे कि बाहर से कुछ आहत हुई। असलम लपक कर दरवाजे की तरफ भागा लेकिन वहां उसे कोई नही दिखा तो वो उस कमरे की तरफ बढ़ गया जहाँ कृष्णा उस क्लब में काम करने वाली एक लड़की तानिया के साथ सो रहा था। असलम एकदम से उस कमरे में घुस जाता है क्योंकि सब को पता था कि कृष्णा कभी भी अपना कमरा बन्द नही करता।
कमरे में कृष्णा और तानिया बिल्कुल नंगे लेते हुए थे। जहाँ तानिया अपनी पीठ के बल लेती हुई थी वही कृष्णा उसके ऊपर अपना एक हाथ और टाँग रख कर उल्टा लेता हुआ था।
तानिया की तनी हुई चुचिया अपना सिर उठाये खड़ी हुई थी। असलम ये देख के अपने होंठों पर जीभ फिरता है। लेकिन फिर कृष्णा को देखकर अपने आप को रोकता है और उस कमरे से वापस बाहर आ जाता है। इतने में हिनक बिल्ली उसके सामने से गुजर जाती है। उस बिल्ली को देखकर असलम मुस्कुरा कर वापस अपने कमरे में खान के पास आ जाता है।
खान - कौन था बाहर।
असलम - कोई नही बाबा, बिल्ली थी।
खान - फिर इतनी देर कैसे लगा दी।
असलम - पहले तो अपने अदमियों की क्लास लगाई। साले सब के सब हरामखोर है। कोई भी कमरे से बाहर नही निकला इतनी तेज आवाज होनेके बावजूद। दूसरे में कृष्णा के कमरे में भी गया था कि कही वो कृष्णा या लड़की ही तो नही थी। लेकिन वो दोनो तो बिल्कुल नंगे एक दूसरे से लिपट कर पड़े हुए थे। लेकिन एक बात है कि साली ये तानिया भी एकदम पटाखा है। साली की चुचिया भी एक दम कड़क है।
खान - एक दम से असलम का मुंह बंद करते हुए - पागल हो गया है क्या तू जो उसके बारे में ऐसे बोल रहा है। याद नही की उस दिन क्लब में उस लड़के ने तानिया का हाथ पकड़ लिया था तो तेरे इस हथियार ने उसका क्या हाल किया था। साला डॉक्टरों को भी कई महिने लग गये थे उसे ठीक करने में।
इधर उस कमरे में असलम के जाते ही कृष्णा और तानिया उठ कर बैठ जाते है और कुछ देर पहले जो कुछ सुना था असलम की जुबानी उसके बारे में सोच रहे थे। तानिया ने आज पहली बार कृष्णा की आंखों में आंशू देखे थे। वो उन्हें साफ करते हुए अपनी गर्दन ना में हिलती है।
दोस्तों बाकी कल या फिर जब भी जिंदगी मोहलत देदे।