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Fantasy दर्दे जिगर

Chutiyadr

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अब तक आपने पढ़ा कि शिवा को सुबह सोनिया के घर के बाहर एक वैन खड़ी दिखती है और जब वो उसके नजदीक जाता है तो 4 पहलवान उसे उठा कर फेंक देते है और पूछने पर उनके पीछे से उनका मालिक जो अपने आप को पंडित उर्फ मायावी गुरु बताता है। फिर वो शिवा के चेलेंज करने पर अपने चारों पहलवानों को इशारा करता है मारने को।
अब आगे
चारो उसकी तरफ बढ़ ही रहे थे कि उनमें से एक बोला
एक पहलवान (अकड़ के साथ) - अरे तुम कहा इस पिद्दी को मारने के लिए आ रहे हो इसे तो में अकेले ही पटक पटक के मार दूंगा। फिर वो अकेले ही आगे बढ़ता है और जैसे ही वो शिवा पर हाथ उठता है वैसे ही शिव फुर्ती से उसके हाथ की बीच वाली उंगली पकड़ के मरोड़ देता है और उसके हाथ को उसकी पीठ पर चिपका देता है और बोलता है कि
शिवा - अरे भाई पहलवान जी मे प्यार से बात करना चाहता हु और तुम मेरा काम तमाम करने कई फिराक में हो। और उसकी उंगली को जोर से उल्टी तरफ मोड़ देता है जिससे पहलवान चिल्लाने लगता है। उसकी ये हालात देख कर दूसरा पहलवान आगे बढ़ता है और शिव को पीछे से अपनी भुजाओं में दबोच लेता है। मजबूरन शिवा को पहले वाले का हाथ छोड़ना पड़ता है और फिर वो अपना सिर जोर से पीछे की तरफ उस पहलवान की नाक पर मरता है जिससे वो शिवा को छोड़ कर अपनी नाक पकड़ वही बैठ जाता है।
अपने 2 पहलवानों की ऐसी हालत देख पंडित चिल्ला के बोलता है।
पंडित - अबे हराम के जनो ये क्या तुम्हारी माँ का खसम लग रिया है जो एक एक कर उस पर हमला कर रहे हो। एक साथ मारो इस काल के लौंडे को।
इतना सुनते ही बाकी बचे हुए दोनों पहलवान शिवा को दोनों तरफ से घेर कर खड़े हो जाते है और धीरे 2 शिवा की तरफ बढ़ते है और जैसे ही उसे पकड़ने आते है तो शिव नीचे बैठ कर उन दोनो के टांगो के जोड़ पर एक एक हल्का सा मुक्का जड़ देता है। वो दोनों वही लेट कर तड़पने लगते है। शिवा यही पर बस नही करता बल्कि पास में खड़ी गन्ने के जूस की दुकान से कुछ गन्ने लाता है और उन चारों की ठुकाई करना शुरू कर देता है। कुछ 15 20 मिनट उनकी गन्ने से सेवा करने के बाद वो पंडित की तरफ बढ़ता है और उसे गर्दन से पकड़ लेता है और बोलर है
शिवा- हाँ बे सर फ़टे चर्म दंड अब बोल क्या बोल रहा था।
पंडित - क्या क्या बोला मुझे तूने अभी 2। क्या था वो चर्म वर्म दंड था क्या वो
शिवा मुस्कुरा कर - तेरे बाप ने तेरा नया नाम रखा है क्यों तुझे पसंद न आया क्या।
पंडित- अबे ओ क्या 4 कुत्तो को मारकर शेर बन रहा है। एक बार मेरे साथ ढंग दे लड़ फिर देख तुझे ना दिन में तारे दिखा दिए तो कहना।
शिवा - बिल्कुल साही नाम दिया है मेने तुझे। साला थोड़ा सा गर्दन से पकड़ के हिलाया नही की उल्टी करनी शुरू कर दी तूने।
पंडित - क्या मतलब है तेरा ।
शिवा - कुछ नही चल आज तू भी अपना बेड़ा गर्ग करवा लें।
और उसने पंडित को छोड़ दिया। जैसे ही पंडित आजाद हुआ उसने उछल कर शिवा की छाती में लात मारी जिससे शिवा सम्भल नही पाया और थोड़ा सा पीछे हो कर गिर गया। फिर खड़ा हो कर और अपने कपड़े झाड़ कर बोलता है
शिवा - वाह जान तो है तुझ में । चल आज करते है 2 2 हाथ। मजा आएगा इसमे।
इतने में ही पंडित फिर से उड़ता हुआ आता है और शिवा की छाती पर अपने दोनों हाथों के मुक्के बनाकर मारना चाहता है लेकिन इस बार शिवा चौकन्ना था और वो पंडित के दोनो हाथो को हवा में ही पकड़ कर नीचे को झटका देता है जिससे पंडित मुँह के बल सड़क पर गिर जाता है। जब वो उठता है तो देखता है कि शिवा फिर से एक गन्ना लिए खड़ा है और उसे खाते हुए बोलता है कि ये मीठा डंडा है इसे तुम ऐसे भी खा भी सकते हो और खा कर दिखाता है और ऐसे भी खा सकते हो और उन पहलवानों की तरफ इशारा करता है जो अब एक कोने में खड़े थे, अब कैसे खाना है ये तू सोच ले।
पंडित - तू मुझे इस गन्ने से डरा रहा है। अरे हम तो जिम में पसीना पानी की तरह बहते है समझा।
शिवा - हा तेरे इन कागजी अखरोटों को देख कर ही पता चल रहा है कि तुम लोग कितना पानी और कितना पसीना बहाते होंगे अपने उस जिम में।
ये सुन पंडित हड़बड़ा गया और अपने उन चेलो को घूर कर देखते हुए कहता है कि
पंडित - मै जा रहा हु गाड़ी लेके आ जाना।
शिवा - क्यों भाई मुझे सबक नही सीखना क्या। तू तो इन को मेरी मौत बाता रहा था।
पंडित - अपनी ताक़त पर इतना भी घमंड अच्छा नही होता क्या नाम है तेरा।
शिवा - शिवा कहते है मुझे।
पंडित - ह्म्म अच्छा नाम है पर तु मेरी जाने जिगर से दूर रहना।
शिवा - देख भाई अगर वो भी तुझे चाहती है तो में कसम खाता हूं कि हमेशा तुम दोनों का साथ दूंगा लेकिन अगर तेरा एक तरफ का प्यार है तो उस तक पहुचने के लिए तुझे इस शिवा की लाश पर से गुजरना पड़ेगा। और यकीन मान की मेरी हथेली में जीवन रेखा बहुत लंबी है।
बाकी का कल लिखूंगा भाई लोगो। अभी थोड़ा सा व्यस्त हु।
:superb:
 

anandsngh12

Well-Known Member
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Hamesha ki tarah bemishal khubsurat update amtul bhai
Shiva ne unn char kabutaro ko badhiya sabak sikhaya
Ye ladki koun hai jiske piche ye maha bharat chal rahi hai..Lagta hai ki thoda piche ke update padhna padega
Anyway excellent update
 

aka3829

Prime
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Hamesha ki tarah bemishal khubsurat update amtul bhai
Shiva ne unn char kabutaro ko badhiya sabak sikhaya
Ye ladki koun hai jiske piche ye maha bharat chal rahi hai..Lagta hai ki thoda piche ke update padhna padega
Anyway excellent update
2 updae miss kar diye ho
 

aka3829

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अब तक आपने पढ़ा कि कैसे शिवा पंडित के चारों पहवानो को मारने के बाद पंडित का भी बाजा बजाता है जिससे डर कर पंडित वहाँ से चला जाता है।
अब आगे
शिवा जब घर पे आता है तो उस वक़्त तक सोनिया जाग गयी थी और नास्ता कर रही थी। पंडित को देखकर वो बोलती है
सोनिया- क्या कह रहा था वो पंडित तुमसे।
शिवा ये सुनते ही एक दम से सिर ऊपर उठा के उसे देखता है।
सोनिया - ज्यादा हैरान होने की जरूरत नही है। में उसके बारे में सिर्फ इतना जानती हूं कि वो किसी बड़े बाप की बिगड़ी हुई औलाद है और वहाँ अपने वैन में बैठ कर मुझे घूरता रहता है और अगर मेरे साथ किसी लड़के को देख भी लेता है तो उसके पहलवान उसकी हड्डी पसली तोड़ देते है। और उसने कल तुम्हें मेरे साथ देख लिया होगा और आज सुबह मौका मिलते ही उसके पहलवानों ने तुमसे झगड़ा किया होगा। मै तो सिर्फ इतना पूछ रही थी कि कही उसे भी तो कल के गुंडो की तरह तो नही समझ दिया। और ये कहते ही जोर से हस पड़ती है।
शिवा को भी जब पूरी बात समझ मे आती है तो वो भी सर झुका कर मुस्कुरा देता है।
अभी ये लोग बात कर ही रहे थे कि सोनिया की सहेलिया आ जाती है और वो सब घूमने निकल जाती है और शिवा भी उनके साथ ही था एक ड्राइवर की तरह।
जब तक ये लोग घूमते है हम जरा हम लोग खान असलम और कृष्णा को देख लेते है कि ये लोग कर क्या रहे है।
खान और असलम एक कमरे में बैठे थे और कुछ बहुत ही गंभीर मंत्रणा कर रहे थे।
खान - असलम अब तो उस बात को बहुत साल बीत गए है। उस लाला ने तो दुबारा पूछा भी नही हमे।
असलम - बाबा बोल तो सही राहे हो तुम। साला हम इधर से उधर भागते रहे और वो लाला और उसका वो अनजान मालिक वहाँ मजे ले रहे है।चलो अब वापस उसी गांव में जाने का टाइम आ गया है और वहाँ से अपना हिस्सा भी तो लाना है। वो लाला तो सब हड़प कर बैठ गया होगा अब तक।
खान - लेकिन क्या तेरे हथियार कृष्णा को वहाँ ले जाना सही होगा। कही उसे सब याद आ गया तो हमे लेने के देने पड़ जाएंगे।
असलम - क्या बाबा तुम इतना क्यों डर रहे हो। हथियार कभी खुद के मालिक पर चलता है क्या। और उसके कौन बताएगा कि हमने उसके माँ बाप को जिंदा जला कर मारा था।
खान - और उसका वो भाई जिसे हमसे बचा कर उसकी माँ ने खिड़की से बाहर भाग दिया था।
असलम - क्या भाई अगले दिन हमने उस घर के पीछे जाके देखा भी तो देखा था ना। वहां उस गहरी खाई के अलावा कुछ नही था। पक्का रात के अँधेरे में वो खाई में गिर गया होगा। बेचारी उसकी माँ ने तो सोचा होगा कि वो अपने एक बेटे को तो हम से बचा लिया है। पर उसे क्या पता था कि उस खिड़की के पीछे खाई थी।
खान - ओये लाले जरा धीरे बोल यार। तूने सुना नही की दीवारों के भी कान होते है।
असलम - पहली बात तो ये की अपने उस हथियार के होते हुए हमें किसी से डरने की जरूरत नही है। और वो हथियार अभी अपना हथियार किसी की गुफा में डाल के पड़ा होगा।
खान - हाँ यार तूने उसे शराब और शबाब का इतना आदि बना दिया है कि इन दोनों में से एक भी अगर उसे ना मिले तो जैसे उसे लकवा मार दिया हो ऐसा हो जाता है। ना कुछ बोलता है और न ही कुछ करता है।
असलम - ये सिर्फ शराब और शबाब का कमाल नही है बाबा। ये तो उस ड्रग्स का कमाल है जो में उसे शुरू से देता आ रहा हु शराब में मिला कर। पर अगर उसे कोई लगातार 2 हफ़्तों तक वो ड्रग न दे और वो सिर्फ शराब ही पिये तो उस ड्रग का असर खत्म हो जाएगा क्योंकि जहर ही जहर को मारता है।
खान - फिर तो हमे उसे रोज वो ड्रग मिली हुई शराब ही देनी चहिये।
अभी ये लोग ये बातें कर ही रहे थे कि बाहर से कुछ आहत हुई। असलम लपक कर दरवाजे की तरफ भागा लेकिन वहां उसे कोई नही दिखा तो वो उस कमरे की तरफ बढ़ गया जहाँ कृष्णा उस क्लब में काम करने वाली एक लड़की तानिया के साथ सो रहा था। असलम एकदम से उस कमरे में घुस जाता है क्योंकि सब को पता था कि कृष्णा कभी भी अपना कमरा बन्द नही करता।
कमरे में कृष्णा और तानिया बिल्कुल नंगे लेते हुए थे। जहाँ तानिया अपनी पीठ के बल लेती हुई थी वही कृष्णा उसके ऊपर अपना एक हाथ और टाँग रख कर उल्टा लेता हुआ था।
तानिया की तनी हुई चुचिया अपना सिर उठाये खड़ी हुई थी। असलम ये देख के अपने होंठों पर जीभ फिरता है। लेकिन फिर कृष्णा को देखकर अपने आप को रोकता है और उस कमरे से वापस बाहर आ जाता है। इतने में हिनक बिल्ली उसके सामने से गुजर जाती है। उस बिल्ली को देखकर असलम मुस्कुरा कर वापस अपने कमरे में खान के पास आ जाता है।
खान - कौन था बाहर।
असलम - कोई नही बाबा, बिल्ली थी।
खान - फिर इतनी देर कैसे लगा दी।
असलम - पहले तो अपने अदमियों की क्लास लगाई। साले सब के सब हरामखोर है। कोई भी कमरे से बाहर नही निकला इतनी तेज आवाज होनेके बावजूद। दूसरे में कृष्णा के कमरे में भी गया था कि कही वो कृष्णा या लड़की ही तो नही थी। लेकिन वो दोनो तो बिल्कुल नंगे एक दूसरे से लिपट कर पड़े हुए थे। लेकिन एक बात है कि साली ये तानिया भी एकदम पटाखा है। साली की चुचिया भी एक दम कड़क है।
खान - एक दम से असलम का मुंह बंद करते हुए - पागल हो गया है क्या तू जो उसके बारे में ऐसे बोल रहा है। याद नही की उस दिन क्लब में उस लड़के ने तानिया का हाथ पकड़ लिया था तो तेरे इस हथियार ने उसका क्या हाल किया था। साला डॉक्टरों को भी कई महिने लग गये थे उसे ठीक करने में।
इधर उस कमरे में असलम के जाते ही कृष्णा और तानिया उठ कर बैठ जाते है और कुछ देर पहले जो कुछ सुना था असलम की जुबानी उसके बारे में सोच रहे थे। तानिया ने आज पहली बार कृष्णा की आंखों में आंशू देखे थे। वो उन्हें साफ करते हुए अपनी गर्दन ना में हिलती है।
दोस्तों बाकी कल या फिर जब भी जिंदगी मोहलत देदे।
 

Chinturocky

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Oh ho to hero ko asliyat pata chal gayi hai.
Bahut hi Achchha laga. Dono BHAI ke milane ka besabari se intzaar hai.
 
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