अब तक आपने पढ़ा कि कैसे कृष्णा इंपेक्टर वर्मा और उसकी मंगेतर को मरवा देता है। उधर शिवा ठाकुर के साथ उसकी बेटी के कॉलेज के वार्षिक महोत्सव में जाता है जहाँ वो उसकी बेटी को और उसके नृत्य को देखकर अपना दिल हार जाता है।
अब आगे
ठाकुर मंच पर जाके पहले तो सबको अपने भाषण से पकाता है और फिर जब पुरस्कार वितरण की बारी आती है तो उसकी बेटी अपने कॉलेज में दूसरे स्थान पर थी लेकिन नृत्य में पहले स्थान पर रही। वो भी अपने पिता से पुरस्कृत हो कर बहुत खुश थी।
ठाकुर- बेटी आज तुमने हमारा सिर फक्र से ऊंचा कर दिया। अब तो तुम हमारे साथ हवेली चलोगी ना।
सोनिया- क्या पापा अभी तो हमारे पेपर खत्म हुई है और रिज़ल्ट आया है। अब हम घूमने जाएंगे अपनी सहेलियों के साथ। फिर 3 4 दिन के बाद आ जायँगे आपकी उस हवेली में।
ठाकुर - ठीक है ठीक है जैसी तेरी मर्जी। लेकिन अपना ध्यान रखना। तुझे पता है ना कि हमारी जान तुझ में बसती है।
सोनिया - अरे क्या होगा और आपकी बेटी इतनाI भी कमजोर नही है कि कोई भी उसे चलते फिरत छेड दे।
ठाकुर - शाबास , तू हमारी बेटी नही बेटा है। अच्छा इससे मिल ये है शिवा, हमारा सबसे खास आदमी। जब तू गांव आएगी तो ये ही तुझे लेने आएगा।
सोनिया शिवा को ऊपर से नीचे तक देखते हुए, क्या पापा इस लंगूर में आपको क्या खूबी दिख गयी कि इसे आपने अपना खास आदमी बना दिया। इसे देख कर तो लगता है कि ये मेरी नही बल्कि मुझे इसकी सुरक्षा करनी पड़ेगी।
असल मे शिवा को अपना जिस्म दिखाने ली आदत नही थी इसलिए वो हमेशा ढीले कपड़े ही पहनता था। दूसरा उसने हल्की दाढ़ी भी रखी हुई थी। तो वो सोनिया को एक गरीब और कमजोर बंदा लग रहा था।
ठाकुर - बेटी दिखावें पे मत जाओ। इसने अपने 2 मुक्कों में ही सुल्तान को पालतू कुते की तरह बना दिया था।
सुल्तान उसी घोड़े का नाम है जिसे शिवा ने काबू किया था। सोनिया भी उसके बारे में जानती थी।
सोनिया - हैरानी से , क्या बात कर रहे हो पापा इस सूखे हुए पेड़ ने अपने सुल्तान को पालतू कुत्ता बना दिया। मै नही मानती।
ठाकुर - तो एक काम कर में इसे यही तेरे पास छोड़ जाता हूँ। इसे तू भी आजमा ले और अगर तेरी नजर में ये जच जाए तो इसे अपने साथ हवेली ले आना नही तो इसे यही छोड़ देना। मुझे कोई दिक्कत नही है।
अब शिवा पहली बार कुछ परेशानी से ठाकुर की तरफ देखता है और बोलता है - मालिक में यहाँ कैसे रह सकता हु, आपको तो पता ही है कि मुझे रोज शाम को बाबा से मिलने जाना पड़ता है।
ठाकुर - पता है, तू उसकी चिंता न कर , में बाबा के पास खबर भिजवा दूंगा की तू यहाँ है और मेरी बेटी के साथ ही वापस आएगा अगर वो चाहेगी तो। चल अब में जाता हूं और तू मेरी जान का ख्याल रखना।
शिवा - आप बेफिक्र जाईये मालिक, इनकी सुरक्षा के लिए में किसी की भी जान लेलूँगा।
उसके बाद ठाकुर चला जाता है और सोनिया शिवा को अपनी गाड़ी के पास भेज कर अपनी सहेलियों के पास चली जाती है। वही शाम को जब शिवा बाबा के पास नही पहुँचता तो वो खुद हवेली की तरफ चल देते है। वहाँ जा कर उसे पता चलता है कि शिवा आज ठाकुर के साथ शहर गया है।
उधर लगभग 1 घंटे तक जब सोनिया बाहर नही आती तो शिवा उसे देखने के लिए कॉलेज के अंदर चल देता है। जहाँ सोनिया नौर उसकी सहेलियों ने उसके लिए एक जाल बिछाया था लेकिन वो ये भूल गयी थी कि जो दूसरों के लिए गढ़ा खोदते है वो खुद उसमे गिर जाते है। और ऐसा ही सोनिया के साथ हुआ। दरअसल हुआ कुछ यूं था कि शिव की ताकत को आजमाने के लिए सोनिया के कहने पर उसकी 1 सहेली ने किसी गैंग को फोन करके सोनिया की झूठी सुपारी दी थी और ये भी समझा दिया था कि सोनिया को कुछ न करे । उन्हें सिर्फ शिवा को मारना है। लेकिन सोनिया को देख कर उनके अंदर का शैतान जाग जाता है। और वो सोनिया को उठा के कॉलेज के अंदर ले जाते है। और उसकी इज़्ज़त लूटने की कोशिश करते है। तभी वहां शिवा पहुच जाता है।
शिवा - अरे भाई क्या कर रहे हो तुम लोग ये सब। तुम्हे पता नहीं क्या ये ठाकुर साहब की बेटी है। इनसे तो अच्छे 2 डरते है और तुम इनके साथ ऐसी घटीया हरकत कर रहे हो। देखो मेरा फर्ज था तुमको समझना आगे तुम खुद बहुत समझदार हो।
वो सभी एक दूसरे का मुँह देखने लगते है कि अब क्या करे अगर इसे कुछ भी करा तो ठाकुर हमारी ही नही बल्कि हमारी नश्ले तक मिटा देगा और अगर इसे ऐसे ही छोड़ दिया तो ये हमारी जान यही लेलेगी। तभी उनका लीडर बोलता है कि क्या सोच रहे हो सालो अगर इसे ऐसे ही छोड़ दिया तो पक्का ये हमारी जान लेलेगी। लेकिन अगर हम इसे अपने साथ ले जाएंगे तो ठाकुर भी हमारा कुछ नही बिगाड पायेगा जब तक ये हमारे पास रहेगी।
इतना सुनते ही सभी फिर से सोनिया को पकड़ कर अपने साथ ले जाने लगते है कि शिवा फिर से उनके सामने आ जाता है।
शिवा - तुम्हे मेने एक बार समझाया तो तुम लोगो को समझ मे नही आया ने की इसे छोड़ दे और चुप चाप चले जाएं। लगता है कि तुम भी लातो के भूत हो जो बातो से नही मानते। और मै तो हमेशा कहता हूं कि मार से तो भूत भी डरते है।
तभी एक गुंडा आगे आकर शिवा को बेसबॉल के डंडे से उसके ऊपर मरता है लेकिन शिवा उसे अपनी कलाई से ऊपर रोक देता है जिससे वो डंडा वही टूट जाता है। तभी शिवा उस गुंडे का हाथ कलाई से पकड़ कर मरोड़ देता है और उसे अपने सामने ला कर दूसरे हाथ से उसके मुँह पर एक मुक्का मरता है जिसके बाद वो गुंडा शिवा के कंधे पर झूल जाता है। अपने कंधे पर उठाये 2 वो आगे बढ़ता है। तब दूसरा गुंडा आगे आकर अपने हाथ मे पकड़े हुए चाकू से उस पर हमला करता है लेकिन इससे पहले की वो चाकू शिवा को छू पाता शिवा की 2 उंगलियां उस गुंडे की गर्दन की हड्डी को तोड़ चुकी थी और वो वही लहर कर गिर जाता है। इस बार लीडर 2 गुंडो को एक साथ भेजता है तो शिवा अपने कंधे पर लटके हुए गुंडे को नीचे गिरा कर उसके दोनों पैर पकड़ कर उन दोनों गुंडो पर किसी डंडे की तरह मरता है। जिससे उन दोनों का सिर फट जाता है। तब लीडर खुद आगे आता है और शिव को एक किक मरता है लेकिन शिवा उसकी टांग को पकड़ नीचे गिरा देता है और दूसरे पैर पर अपना पैर रख कर दूसरे पैर को उपर की तरफ उठता रहता है और उसके घटने पर एक मुक्का मार देता है जिससे लीडर की चीख वहाँ चारो तरफ गूंज जाती है क्योंकि उसका घुटना उल्टा मुडा हुआ था। शिवा की इस हैवानियत को देखकर सोनिया तो बेहोश हो जाती है और जिन गुंडो ने उसे पकड़ रखा था वो उसे छोड़ कर घुटनो के बल बैठ कर शिवा से माफी मांगने लगते है। लेकिन शिवा तो कुछ और ही मूड में था, वो उनमे से एक का हाथ पकड़ कर ऊपर उठाता है और उसकी कलाई में अपनी उंगली डालने लगता है उस गुंडे की कलाई से खून बहने लगता है। तभी शिवा अपनी उंगली को मोड़ कर उसकी एक नस को बाहर की तरफ खिंचने लगता है, शिवा उस नस को खिंच कर उसकी कोहनी तक बाहर ले आता है और अपने पंजे में किसी रस्सी की तरह लपेट कर और खीचने लगता है और उसके कंधे तक खींच देता है और दूसरे गुंडे को मुस्करा कर देखता है यह सब देखकर दूसरा गुंडा अपने आप को चाकू मार लेता है।
अगला अपडेट कल दूंगा।