अब तक आपने पढ़ा कि कैसे महारानी ठाकुर के गुंडो की ठुकाई करती है और फिर शिवा उसे सोनिया से मिलाने ले जाता है।
अब आगे
शिवा महारानी को सोनिया के कमरे में ले जाता है जहाँ सोनिया बैठी हुई अपनी किताबों में खोई हुई थी।
शिवा - मालकिन में अंदर आ जाऊँ।
सोनिया - हाँ आ जाओ और ये कौन है तुम्हारे साथ।
शिवा - मालकिन ये महारानी है इसे मालिक ने आपके बॉडीगार्ड की नौकरी दी है।
सोनिया - ये और मेरी बॉडीगार्ड, इसे तो मै ही चुटकियों में जमीन चटा दूंगी।
शिवा (ठंडी सांस छोड़ते हुए) - आप भी अपने अरमान पूरे कर लीजिए।
फिर महारानी की तरफ देख कर कुछ इशारा करता है।
सोनिया एक दम से अपनी कुर्सी से उछल कर कराटे लड़ने वालों की तरह खड़ी हो जाती है और बोलती है।
सोनिया - शायद इसने तुम्हे बताया नही की में कराटे में ब्लैक बेल्ट हु। अगर हड्डी वड्डी टूट जाये तो बाद में मत बोलना।
महारानी - मै कुछ नही बोलूँगी, लेकिन अगर आप हार गई तो जब तक मैं यहाँ हु आप बिना किसी सवाल जवाब के वही करेंगी जो में कहूंगी। और मुझ पर पूरा विश्वास करेंगी। बोलिये है मंजूर।
सोनिया - ये क्या बात हुई।
महारानी - क्यों आप को अपने ऊपर विश्वास नही है क्या। आप तो अभी से डर गई।
ये सुन के शिवा मन ही मन मुस्कुराता है क्योंकि अंजाने में ही महारानी ने सोनिया की कमजोरी पर वार कर दिया था।
सोनिया - हम किसी से नही डरते, समझी। हम अपनी मरी हुईं माँ की कसम कहते है कि अगर तुम जीती तो जैसा तुम कहोगी बिना किसी सवाल जवाब के हम मानेगी। लेकिन अगर हम जीते तो यही शर्त तुम पर भी लागू होगी। बोलो मंजूर है।
महारानी - जी मै तो वैसे ही आपकी बॉडीगार्ड हु, और जो आप कहेंगी वो करूँगी मै भी कसम खाती हु।
सोनिया - तो आजाओ फिर, और एक दम से महारानी की तरफ उड़ते हुए एक किक मारती है जो उसकी छाती पर लगती है और महारानी थोड़ा सा पीछे हो जाती है। फिर वो शिवा की तरफ तारीफ भारी नजरो से देखती है और कुछ इशारा करती है। इतने में सोनिया फिर से अपना मूव चलती है महारानी पर, लेकिन इस बार महारानी चौकन्नी थी वो सोनिया के वार से बचती हुई और उसके साथ खेलते हुए उसे थका रही थी। फिर कुछ देर बाद शिवा के इशारे पर महारानी सोनिया को एक दांव मरती है और सोनिया चारो खाने चित होकर नीचे गिर जाती है और अपनी कमर पकड़ के दर्द से करहाने लगती है। शिवा एकदम से आगे बढ़कर उसे उठता है और उसके बिस्तर पर लेटा देता है, तो वो और जोर से कराहती हुई बोलती है,
सोनिया - मै हार मानती हूं, हाय मेरी कमर, महारानी तुमने ये कैसा दर्द दिया है लगता है मेरी कमर टूट गयी है मुझसे तो हिला भी नही जा रहा है। अब तुम ही इससे मुझे छुटकारा दिलाओ।
तब महारानी आगे बढ़ती है और सोनिया को पलट कर पेट के बल सुला देती है फिर उसकी कमर के कुछ खास हिस्सो पर अपनी उंगली से दबाव बनाती है जिससे सोनिया का दर्द एक दम गायब हो जाता है और वो पलट कर अपनी कमर के बल सो जाती है फिर धीरे 2 उठके देखती है तो उसे बिल्कुल भी दर्द नही हो रहा था। फिर वो महारानी से बोलती है
सोनिया - वाह तुम तो जादू जानते हो, मेरा दर्द एक दम गायब हो गया है। चलो अब जब मैने अपनी हार मान ही ली है तो बोलो मुझे क्या करना है।
महारानी - अरे ऐसा कुछ नही है मैडम, में आपकी बॉडीगार्ड हु। बस मै इतना ही चाहती हु की आप कभी भी मेरे ऊपर शक मत करियेगा। मै जो भी करूँगी या कहूंगी वो आपकी सेफ्टी के लिए ही होगी।
सोनिया - ठीक है हम वचन देते है कि तुम पर पूरा विश्वास करेंगे और तुम जो भी करने को कहोगी वो बिना किसी सवाल जवाब के पूरा करेंगी।
उसके बाद शिवा महारानी को उसके कमरे में ले जाता है जहाँ वो दोनों आगे की पलांनिंग बनाते है।
उधर कृष्णा ने जिसे फोन से बुलाया था उसने अपना काम पूरा कर दिया था। अब कोई भी कृष्णा को पहचान नही सकता था क्योंकि इस वक़्त उसके चेहरे पर घनी दाढ़ी और मूछ थी। उसका बाकी का चेहरा काला हो रखा था जैसे किसी चीज से जला हुआ हो। उस आदमी ने उसके गले मे एक यन्त्र भी फिट किया जिससे उसकी आवाज भी बिल्कुल बदल गयी थी। अपने आप को शीशे में अच्छी तरह देखने ले बाद वो अपने बगल में देखता है तो उसके बगल में कृष्णा का मास्क लगाए हुए एक आदमी लेटा हुआ था और ऐसा लग रहा था कि जैसे कोमा में हो। और उसके चेहरे और पूरे शरीर पर पट्टी बंधी हुई थी। ऐसा लग रहा था जैसे उसका एक्सीडेंट हुआ है और वो कोमा में चला गया है।
कृष्णा - वाह क्या खूब मास्क बनाया है तूने यार ऋषभ, कमाल कर दिया। साला अब कोई नही कह सकता की कृष्णा यहाँ नही है। बस आज रात को एक नकली एक्सीडेंट दिखा कर असलम और बाबा के चेलो को यकीन दिला देंगें की मेरा नशे में एक्सीडेंट हो गया है और मै कोमा में चला गया हूं। वो लोग असलम और बाबा को फोन करके बता भी नही पाएंगे क्योंकि ये सिर्फ और सिर्फ मुझे और तानिया को पता है कि वो दोनों कहा गए है और वो दोनों भी अपने मोबाइल यही छोड़ के गए है। वो दोनो सिर्फ ही मुझसे संपर्क करके यहाँ का हिसाब किताब लेंगे, वो भी महीने भर के बाद क्योंकि उनकी नजरो में तो यहाँ का सारा काम मै देख भाल रहा हु। और मेरा मोबाइल तो मेरे पास ही रहेगा , जब भी ये लोग फोन करेगे तो मै इन्हें बात दूंगा की सब सही चल रहा है, और यहां पर सबको पता है कि मेरे पीछे तानिया ही मेरा सारा काम देखती है। तो वो सब तानिया को रिपोर्ट करेंगे। तो कल इस नकली कृष्णा को असलम और बाबा वाले घर मे पहुँचा के मै निकल जाऊंगा उन दोनो के पीछे उनकी और उनके उस साथी की मौत बनकर।
ऐसे ही कुछ दिन और निकल जाते है।
सोनिया और ठाकुर को अपने विश्वास में लेने के लिए एक दिन जब सोनिया घूमने गयी थी तो पंडित के चारो पहलवान सोनिया पर नकली हमला करते है, जिन्हें महारानी मार 2 के भगा देती है। जिसमे उसके हाथ मे चाकू भी लग जाता है। जो उनकी ही चाल थी सोनिया को भावनात्मक रूप से भी अपनी तरफ करने की।
अब अगले अपडेट में देखते है कि कृष्णा क्या करता है।