Chutiyadr
Well-Known Member
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entiendo amigosbcoz you can't promote your story on other writer's thread .. and becoz kamdev99008 said so .. comprendo Amigo !! ..![]()
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entiendo amigosbcoz you can't promote your story on other writer's thread .. and becoz kamdev99008 said so .. comprendo Amigo !! ..![]()
bhai updates kaha hai , bahut din ho gaye yarBilkul sahi baat
Dr. Bhai sahi bolu to sirf aap ko mila ke 7 dosto ke reply aa rahe he. Me janta hu ki me bahut ganda writer hu. Aur mujhe pehle se hi pata tha ki story ki ye halat hogi. Lekin wo kehte he na ki har ik admi ke ander kuch mahatvakanksha hoti he wahi meri bhi jaag gayi thi kuch updates ke baad. Aur me samajhne laga tha ki is story pr bhi rebu ayenge. Lekin ab mujhe apni aukaat pata chal gayi he. Aur me wapas dharti pr aa gya hu. To ab chahe readers aur unke rebu aaye ya na aaye is pr kal se is pr update aane suru ho jayenge. Aur jaldi hi ye story puri bhi ho jayegi.bhai updates kaha hai , bahut din ho gaye yar![]()
bhai aisi bate mat karo , likhte likhte hi likhna aata hai ,aur aap to bahut hi achcha likh rahe ho..Dr. Bhai sahi bolu to sirf aap ko mila ke 7 dosto ke reply aa rahe he. Me janta hu ki me bahut ganda writer hu. Aur mujhe pehle se hi pata tha ki story ki ye halat hogi. Lekin wo kehte he na ki har ik admi ke ander kuch mahatvakanksha hoti he wahi meri bhi jaag gayi thi kuch updates ke baad. Aur me samajhne laga tha ki is story pr bhi rebu ayenge. Lekin ab mujhe apni aukaat pata chal gayi he. Aur me wapas dharti pr aa gya hu. To ab chahe readers aur unke rebu aaye ya na aaye is pr kal se is pr update aane suru ho jayenge. Aur jaldi hi ye story puri bhi ho jayegi.
Aapne sahi kaha dr. sahab..bhai aisi bate mat karo , likhte likhte hi likhna aata hai ,aur aap to bahut hi achcha likh rahe ho..
janha tak bat review ki hai to wo jitana mile utna kam hi lagta hai , ab mujhe abhi apne hi thread bhabhi ma me aisa lag raha hai ki logo ka wo appreciation nahi mil raha hai jo use milna chahiye tha ,lekin yar ek bar story shuru kar di to kar di use khatm kijiye chahe koi padhe ya na pade ...
aur apaki story me bahut se readers hai lekin anandsngh12 bhai jaise wiriter aapke work ko sarah rahe hai to aap kyo aisa soch rahe ho ...aap bas likho baki sab chije apne aap thik ho jaati hai.....
ab update hi nahi aayega to aisa hi hota hai log bhi chhod dete hai story padhna ..
jaise kal sharp ke sath ho rhaa hai , ap bhi jante ho ki vijay bhai achche writer hai lekin itana late aata hai update ki log bhag jate hai ..
wahi hal love ke sath bhi hai ....
to as a writer aap achchi story likh rahe ho dont worry bas continue karo
Bahut badiya aka bro...अब तक आपने पढ़ा कि सोनिया का भरोसा जितने के लिए महारानी कैसे झूठा हमला करवा कर उसे बचाती है।
अब आगे
घर पहुँच कर सोनिया महारानी की चोट पर पट्टी करती है और बोलती है कि तुम्हे क्या जरूरत थी बीच मे आने की। मै अकेले ही उन्हें मार के भगा सकती थी। सोनिया उसकी बात सुनते ही महारानी बड़ी जोर से हँसने लगती है और बोलती है तुम सही बोल रही हो मालकिन अगली बार आप ही लड़ना में पीछे खड़ी होकर तमाशा देखूंगी।
सोनिया - ये क्या मालकिन मालकिन लगा रखा है। मैं आपसे छोटी हु तो मुझे अपनी छोटी बहन समझ के बोल करो।
इतना सुनते ही महारानी की हँसी रुक जाती है और उसकी आँखों मे नमी आ जाती है। और वो बोलती है
महारानी (मन मे)- कितना फर्क है दोनो में बाप बेटी में, एक ने मेरी बहन छीन ली और दूसरी ने खुद को मेरी बहन बना लिया। फिर सोनिया से बोलती है।
महारानी - नही नही मालकिन में आपको कैसे बहन बोल सकती हूं। मैं तो वो हु जिसे लोग अपने पास भी नही फटकने देते।
सोनिया - मुझे कुछ नही पता, आज के बाद में आपको दीदी ही कहूंगी।
महारानी - ठीक है जैसी आपकी मर्जी।
वही दूसरी तरफ अपने डुप्लीकेट को सेट करके कृष्णा गाँव की तरफ चल देता है जहाँ असलम और बाबा गए थे। चलते 2 उसे वो दिन याद आता है जब वो गहरी नींद में सोया था कि एक डरावना सपना देख कर उठ गया। उसने अपने आप को कमरे में अकेला पाया तो वो उठ कर बाहर आ गया। पूरे घर मे अंधेरा छाया हुआ था सिर्फ एक कमरे के अंदर से रोशनी आ रही थी तो वो उस तरह चल दिया। कमरे के नजदीक जाने के बाद उसे अंदर से बाबा और असलम की आवाजें सुनाई देने लगी जो किसी बात पर बहस कर रहे थे।
बाबा - असलम तू इस मास्टर के बच्चे को अपने साथ क्यों लाया है। अगर इसे पता चला कि हमने लाला के कहने से इसके माँ बाप को जिंदा जलाया है और इसके भाई को हमारी वजह से ही इसकी माँ ने उस खिड़की से बाहर फेंक दिया था जिसके पीछे गहरी खाई थी और उसमें उसकी लाश भी नही मिली थी पता नही वो मर गया या जिंदा है।
असलम - कुछ नही होता यार बाबा। जब भी तू ज्यादा पी लेता है तो वही सब पुरानी बातें लेके बैठ जाता है। और हर बार मे तुझे समझाता हु की देख हम दोनों की शादी तो हुई नही है जो हमारी कोई औलाद होगी। इस मास्टर के लौंडे को मैं दुनिया का सबसे बेरहम और कमीना दरिंदा बनाऊंगा। ताकि जब हम बूढ़े हो जाये तो ये हमारे काले साम्रज्य को आगे बढ़ाये और हम दोनों बैठ कर इसकी कमाई खाएं। इसे मैं शराब और शबाब की ऐसी लत लग दूंगा की ये उसके लिए हमेशा बुराई के रास्ते पर चलेगा।
उस कमरे के बाहर खड़ा कृष्णा ये सब सुन कर अपने आप से बोलता है।
कृष्णा - मुझे अपने माँ बाप और भाई की जो धुंदली याद है मै उन्ही की कसम खाता हूं कि असलम मुझे जैसा बनाना चाहता है में उससे भी कई गुना बुरा बनूँगा और जिस दिन मुझे उस लाला का पता चल गया उस दिन इन तीनो का वो हाल करूँगा की मौत भी एक बार मौत की दुआ करेगी लेकिन मेरे सामने नही आएगी।
इस सब बातों को सोचता 2 कृष्णा गाँव से कुछ दूर पर एक सराय में रुक जाता है और अपनी आगे की योजना पर सोचता है कि उसे करना क्या है। असलम और बाबा के निकलने से पहले उसने उन दोनों को एक 2 घड़ी तोहफे के रूप में दी थी जिसमे एक पावर फुल चिप लगी थी जिसका सिग्नल कृष्णा की कलाई में बंधे यन्त्र में आने लगता है जैसे ही वो उन दोनों के 5 किलोमीटर के दायरे में आता है। और अभी भी वो उन दोनों का सिग्नल दे रहा था कि वो दोनों सिर्फ 1 किलोमीटर ही दूर है उससे। और अभी वो इसके जरिये उन दोनों की बात चीत भी सुन सकता था।
असलम - बाबा उस लाला को बता दे कि हम लोग यहाँ पहुच गए है। और जब वो कहेगा हम उसके पास आ जायँगे। और वो हमारे पुराने काम का क्या हुआ जिसके बदले उसने हमें उस वक़्त लाखो देना था। अब तो करोड़ो की बात करेंगे उस काम के।
ये सब सुनके कृष्णा का दिमाग घूम जाता है कि ऐसा कौन सा काम है जिसके बदले करोड़ो लेना चाह रहे है ये दोनों। अब तो पता कर के ही रहूंगा। मरने से पहले साले कुछ फायदा करके जाए मेरा। फिर वो अपने पहले के प्लान में कुछ फेर बदल करता है।
अब अगले अपडेट जल्दी ही दूंगा।
अब तक आपने पढ़ा कि सोनिया का भरोसा जितने के लिए महारानी कैसे झूठा हमला करवा कर उसे बचाती है।
अब आगे
घर पहुँच कर सोनिया महारानी की चोट पर पट्टी करती है और बोलती है कि तुम्हे क्या जरूरत थी बीच मे आने की। मै अकेले ही उन्हें मार के भगा सकती थी। सोनिया उसकी बात सुनते ही महारानी बड़ी जोर से हँसने लगती है और बोलती है तुम सही बोल रही हो मालकिन अगली बार आप ही लड़ना में पीछे खड़ी होकर तमाशा देखूंगी।
सोनिया - ये क्या मालकिन मालकिन लगा रखा है। मैं आपसे छोटी हु तो मुझे अपनी छोटी बहन समझ के बोल करो।
इतना सुनते ही महारानी की हँसी रुक जाती है और उसकी आँखों मे नमी आ जाती है। और वो बोलती है
महारानी (मन मे)- कितना फर्क है दोनो में बाप बेटी में, एक ने मेरी बहन छीन ली और दूसरी ने खुद को मेरी बहन बना लिया। फिर सोनिया से बोलती है।
महारानी - नही नही मालकिन में आपको कैसे बहन बोल सकती हूं। मैं तो वो हु जिसे लोग अपने पास भी नही फटकने देते।
सोनिया - मुझे कुछ नही पता, आज के बाद में आपको दीदी ही कहूंगी।
महारानी - ठीक है जैसी आपकी मर्जी।
वही दूसरी तरफ अपने डुप्लीकेट को सेट करके कृष्णा गाँव की तरफ चल देता है जहाँ असलम और बाबा गए थे। चलते 2 उसे वो दिन याद आता है जब वो गहरी नींद में सोया था कि एक डरावना सपना देख कर उठ गया। उसने अपने आप को कमरे में अकेला पाया तो वो उठ कर बाहर आ गया। पूरे घर मे अंधेरा छाया हुआ था सिर्फ एक कमरे के अंदर से रोशनी आ रही थी तो वो उस तरह चल दिया। कमरे के नजदीक जाने के बाद उसे अंदर से बाबा और असलम की आवाजें सुनाई देने लगी जो किसी बात पर बहस कर रहे थे।
बाबा - असलम तू इस मास्टर के बच्चे को अपने साथ क्यों लाया है। अगर इसे पता चला कि हमने लाला के कहने से इसके माँ बाप को जिंदा जलाया है और इसके भाई को हमारी वजह से ही इसकी माँ ने उस खिड़की से बाहर फेंक दिया था जिसके पीछे गहरी खाई थी और उसमें उसकी लाश भी नही मिली थी पता नही वो मर गया या जिंदा है।
असलम - कुछ नही होता यार बाबा। जब भी तू ज्यादा पी लेता है तो वही सब पुरानी बातें लेके बैठ जाता है। और हर बार मे तुझे समझाता हु की देख हम दोनों की शादी तो हुई नही है जो हमारी कोई औलाद होगी। इस मास्टर के लौंडे को मैं दुनिया का सबसे बेरहम और कमीना दरिंदा बनाऊंगा। ताकि जब हम बूढ़े हो जाये तो ये हमारे काले साम्रज्य को आगे बढ़ाये और हम दोनों बैठ कर इसकी कमाई खाएं। इसे मैं शराब और शबाब की ऐसी लत लग दूंगा की ये उसके लिए हमेशा बुराई के रास्ते पर चलेगा।
उस कमरे के बाहर खड़ा कृष्णा ये सब सुन कर अपने आप से बोलता है।
कृष्णा - मुझे अपने माँ बाप और भाई की जो धुंदली याद है मै उन्ही की कसम खाता हूं कि असलम मुझे जैसा बनाना चाहता है में उससे भी कई गुना बुरा बनूँगा और जिस दिन मुझे उस लाला का पता चल गया उस दिन इन तीनो का वो हाल करूँगा की मौत भी एक बार मौत की दुआ करेगी लेकिन मेरे सामने नही आएगी।
इस सब बातों को सोचता 2 कृष्णा गाँव से कुछ दूर पर एक सराय में रुक जाता है और अपनी आगे की योजना पर सोचता है कि उसे करना क्या है। असलम और बाबा के निकलने से पहले उसने उन दोनों को एक 2 घड़ी तोहफे के रूप में दी थी जिसमे एक पावर फुल चिप लगी थी जिसका सिग्नल कृष्णा की कलाई में बंधे यन्त्र में आने लगता है जैसे ही वो उन दोनों के 5 किलोमीटर के दायरे में आता है। और अभी भी वो उन दोनों का सिग्नल दे रहा था कि वो दोनों सिर्फ 1 किलोमीटर ही दूर है उससे। और अभी वो इसके जरिये उन दोनों की बात चीत भी सुन सकता था।
असलम - बाबा उस लाला को बता दे कि हम लोग यहाँ पहुच गए है। और जब वो कहेगा हम उसके पास आ जायँगे। और वो हमारे पुराने काम का क्या हुआ जिसके बदले उसने हमें उस वक़्त लाखो देना था। अब तो करोड़ो की बात करेंगे उस काम के।
ये सब सुनके कृष्णा का दिमाग घूम जाता है कि ऐसा कौन सा काम है जिसके बदले करोड़ो लेना चाह रहे है ये दोनों। अब तो पता कर के ही रहूंगा। मरने से पहले साले कुछ फायदा करके जाए मेरा। फिर वो अपने पहले के प्लान में कुछ फेर बदल करता है।
अब अगले अपडेट जल्दी ही दूंगा।