SKYESH
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अब अगले अपडेट जल्दी ही दूंगा।
aur kitna wait karvoage ............................
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अब अगले अपडेट जल्दी ही दूंगा।
Har koi kahi na kahi se pahli baar hi suruaat karta hai. Ab suru ho hi gaye hai to, dhire dhire hi sahi magar aage badte rahiye. Is tarah nirash hokar tham jana achi baat nahi hai. Koshish kijiye, dhire dhire reader ka sahyog bhi milne lagega.दोस्तों मैं कोई लेखक नहीं हूं लेकिन फिर भी आज हिम्मत करके आप सबके सामने एक कहानी लिखने जा रहा हूं । मेरी पूरी कोशिश होगी कि मैं इसे पूरा करूं यह ज्यादा लंबी भी नहीं है लेकिन जितनी भी है शायद आप लोगों को पसंद आए। मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि मैं अपना नाम उन लेखक को की सूची में ना लाऊं जो अपनी कहानी शुरू तो करते हैं लेकिन उसे पूरा करने की हिम्मत नहीं दिखा सकते। अब इस कहानी को मैं कितना लंबा खींच सकता हूं वह मुझे देखना है और यकीन मानिए जिस दिन मुझे लगेगा कि मैं अब इससे अंजाम तक नहीं पहुंचा सकता उसी दिन इसे मैं बंद कर दूंगा। तो अब अपने चाहने वालों की दुआओं के साथ इस कहानी का पहला अपडेट कल दूंगा। अगर जिंदा रहा तो।
Fantasy story se sayad ye matlab ho ki isame aap apni wo fantasy puri kar sake jo aap asal jindagi me nahi kar paye. Isase jyada me kuch nahi janta sarkaar.Mujhe to pata hi nahi tha ki, aapne bhi koi story suru ki hai. Wo to dr sahab ke thread par firefox bhai ke comments se pata chala ki aapki bhi koi story chal rahi hai aur fir itefak se unhi ki story ke niche aapki story bhi najar aa gayi. Waise aap fantasy story likh rahe hai to, kya mujhe iske baare me samjhane ka kasht karege ki, fantasy story kaise likhi jati hai. Mai iske baare me samajhna chahta hu.![]()
badhiya update bhaiya jiअब तक आपने पढ़ा कि सोनिया का भरोसा जितने के लिए महारानी कैसे झूठा हमला करवा कर उसे बचाती है।
अब आगे
घर पहुँच कर सोनिया महारानी की चोट पर पट्टी करती है और बोलती है कि तुम्हे क्या जरूरत थी बीच मे आने की। मै अकेले ही उन्हें मार के भगा सकती थी। सोनिया उसकी बात सुनते ही महारानी बड़ी जोर से हँसने लगती है और बोलती है तुम सही बोल रही हो मालकिन अगली बार आप ही लड़ना में पीछे खड़ी होकर तमाशा देखूंगी।
सोनिया - ये क्या मालकिन मालकिन लगा रखा है। मैं आपसे छोटी हु तो मुझे अपनी छोटी बहन समझ के बोल करो।
इतना सुनते ही महारानी की हँसी रुक जाती है और उसकी आँखों मे नमी आ जाती है। और वो बोलती है
महारानी (मन मे)- कितना फर्क है दोनो में बाप बेटी में, एक ने मेरी बहन छीन ली और दूसरी ने खुद को मेरी बहन बना लिया। फिर सोनिया से बोलती है।
महारानी - नही नही मालकिन में आपको कैसे बहन बोल सकती हूं। मैं तो वो हु जिसे लोग अपने पास भी नही फटकने देते।
सोनिया - मुझे कुछ नही पता, आज के बाद में आपको दीदी ही कहूंगी।
महारानी - ठीक है जैसी आपकी मर्जी।
वही दूसरी तरफ अपने डुप्लीकेट को सेट करके कृष्णा गाँव की तरफ चल देता है जहाँ असलम और बाबा गए थे। चलते 2 उसे वो दिन याद आता है जब वो गहरी नींद में सोया था कि एक डरावना सपना देख कर उठ गया। उसने अपने आप को कमरे में अकेला पाया तो वो उठ कर बाहर आ गया। पूरे घर मे अंधेरा छाया हुआ था सिर्फ एक कमरे के अंदर से रोशनी आ रही थी तो वो उस तरह चल दिया। कमरे के नजदीक जाने के बाद उसे अंदर से बाबा और असलम की आवाजें सुनाई देने लगी जो किसी बात पर बहस कर रहे थे।
बाबा - असलम तू इस मास्टर के बच्चे को अपने साथ क्यों लाया है। अगर इसे पता चला कि हमने लाला के कहने से इसके माँ बाप को जिंदा जलाया है और इसके भाई को हमारी वजह से ही इसकी माँ ने उस खिड़की से बाहर फेंक दिया था जिसके पीछे गहरी खाई थी और उसमें उसकी लाश भी नही मिली थी पता नही वो मर गया या जिंदा है।
असलम - कुछ नही होता यार बाबा। जब भी तू ज्यादा पी लेता है तो वही सब पुरानी बातें लेके बैठ जाता है। और हर बार मे तुझे समझाता हु की देख हम दोनों की शादी तो हुई नही है जो हमारी कोई औलाद होगी। इस मास्टर के लौंडे को मैं दुनिया का सबसे बेरहम और कमीना दरिंदा बनाऊंगा। ताकि जब हम बूढ़े हो जाये तो ये हमारे काले साम्रज्य को आगे बढ़ाये और हम दोनों बैठ कर इसकी कमाई खाएं। इसे मैं शराब और शबाब की ऐसी लत लग दूंगा की ये उसके लिए हमेशा बुराई के रास्ते पर चलेगा।
उस कमरे के बाहर खड़ा कृष्णा ये सब सुन कर अपने आप से बोलता है।
कृष्णा - मुझे अपने माँ बाप और भाई की जो धुंदली याद है मै उन्ही की कसम खाता हूं कि असलम मुझे जैसा बनाना चाहता है में उससे भी कई गुना बुरा बनूँगा और जिस दिन मुझे उस लाला का पता चल गया उस दिन इन तीनो का वो हाल करूँगा की मौत भी एक बार मौत की दुआ करेगी लेकिन मेरे सामने नही आएगी।
इस सब बातों को सोचता 2 कृष्णा गाँव से कुछ दूर पर एक सराय में रुक जाता है और अपनी आगे की योजना पर सोचता है कि उसे करना क्या है। असलम और बाबा के निकलने से पहले उसने उन दोनों को एक 2 घड़ी तोहफे के रूप में दी थी जिसमे एक पावर फुल चिप लगी थी जिसका सिग्नल कृष्णा की कलाई में बंधे यन्त्र में आने लगता है जैसे ही वो उन दोनों के 5 किलोमीटर के दायरे में आता है। और अभी भी वो उन दोनों का सिग्नल दे रहा था कि वो दोनों सिर्फ 1 किलोमीटर ही दूर है उससे। और अभी वो इसके जरिये उन दोनों की बात चीत भी सुन सकता था।
असलम - बाबा उस लाला को बता दे कि हम लोग यहाँ पहुच गए है। और जब वो कहेगा हम उसके पास आ जायँगे। और वो हमारे पुराने काम का क्या हुआ जिसके बदले उसने हमें उस वक़्त लाखो देना था। अब तो करोड़ो की बात करेंगे उस काम के।
ये सब सुनके कृष्णा का दिमाग घूम जाता है कि ऐसा कौन सा काम है जिसके बदले करोड़ो लेना चाह रहे है ये दोनों। अब तो पता कर के ही रहूंगा। मरने से पहले साले कुछ फायदा करके जाए मेरा। फिर वो अपने पहले के प्लान में कुछ फेर बदल करता है।
अब अगले अपडेट जल्दी ही दूंगा।