• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest दीदी और बीबी

kumarrajnish

kumaruttem
1,411
3,917
159
दोस्तो एक और नई कहानी शुरू कर रहा हूँ जो आप को पसंद आएगी तो चलिए दोस्तो कहानी की तरफ चलते हैं कहानी क्च यूँ है ....................

मैं राज अपनी बेहन अनिता ऑर अपनी माँ के साथ कोलकाता मे रहता हूँ
हम ग़रीब फॅमिली से बिलॉंग करता है मेरा मकान भी कोई बड़ा या फ्लेट वाला नही है-केवल 2 बेडरूम एक किचन एक टाय्लेट बाथरूम है जो कि कामन नही है
बीच मे एक हॉल है जिसमे कि एक सोफा रखा हुआ है

मेरे पापा इस दुनिया मे नही है वो हमे छोड़ कर बहूत पहले ही चले गये है माँ एक गवर्नमेंट स्कूल मे टीचर थी लेकिन अब माँ से ज़्यादा चला नही जाता तो मैने ऑर दीदी ने उनका जॉब छुड़ा दिया है पहले तो माँ नही मानी लेकिन बाद मे मान गयी वैसे मैं अकाउंट मॅनेजर हूँ दीदी सेल्फ़ डिपार्टमेंट मे है दीदी के चलते ही हमारे घर का खर्चा बढ़िया से चलता है
दीदी की शादी हुई थी लेकिन दीदी के पति को दीदी बिल्कुल पसंद नही थी उस पर दीदी की सास भी दीदी को बांझ कहकर ताने देती थी तो 3 साल बाद ही दीदी को जीजा जी ने तलाक़ दे दिया तलाक़ के बाद दीदी बहूत ही टूट गयी लेकिन बाद मे उन्होने सेल्फ़ डिपार्टमेंट मे जॉब कर ली तब से हम बहूत ही मस्ती मे रहते है वैसे दीदी माँ के साथ सोती है ऑर मैं अकेला सोता हूँ .............
............................................
मैं जैसे ही सुबह उठा बाथरूम मे से फ्रेश होकेर बाहर आया ऑर सोफे पर बैठ गया तभी दीदी चाय ले आई मैं चाय पीने के बाद जैसे ही सोफे पर से उठा तो मेरे लिंग मे दर्द सुरू हो गया ऑर मेरे मूह से चीख निकल गयी दीदी....

दीदी-क्या हुआ राज क्यो चिल्ला रहा है

राज- दीदी बहूत ही दर्द हो रहा है

दीदी- कहाँ दर्द हो रहा है कुच्छ बताएगा या इसी तरह चिल्लाएगा

राज-नही दीदी मुझे बहूत ही शरम आ रही है मैं तुम्हे नही बता सकता

तभी माँ भी आ गई माँ आते ही-क्या बेटा कहाँ दर्द हो रहा है

राज-नही माँ मुझे शर्म आ रही है

दीदी-जल्दी से बता नही तो मारूँगी खींच कर एक हाथ

राज-दीदी दरअसल वो दीदी वो ...मेरे सूसू वाली जगह पर बहूत ही दर्द हो रहा है

दीदी-इस तरह बता ना कि तेरे लंड मे दर्द हो रहा है तो बोल रहा है कि सस्यू वाली जगह पे दर्द हो रहा है

राज-दीदी जल्दी से कुच्छ करो बहूत दर्द हो रहा है

दीदी-अच्छा तू रुक मैं अभी आती हूँ

उसके बाद दीदी माँ के साथ उनके रूम मे चली गयी थोड़ी देरी वापस आ गई

दीदी साड़ी ब्लाउज पहनी हुई थी मैं ऑर दीदी रूम से बाहर निकले टॅक्सी पकड़ कर हॉस्पिटल की तरफ चल दिए अभी सुबह के 8:00 रहे थे दीदी ने टॅक्सी को एक बैद्य जी की दुकान के सामने रुकवाया दीदी ने टॅक्सी वाले को किराया दिया ऑर हम बैद्य जी के पास आ गये बैद्य जी कही जा रहे थे

बैद्य जी क्या बीमारी है

दीदी-जी इनको लिंग मे दर्द है

बैद्य जी ने मुझे एक टेबल के उपर लिटाया दीदी रूम से बाहर चली गयी मैं अपना पॅंट ऑर अंडरवेर को घुटनो तक सरका के लेटा हुआ था फिर बैद्य जी ने लंड को अपने हाथ मे पकड़ा चमड़ी को नीचे खींच कर सुपाडे के उपर एक दवा लगा दी और थोड़ी देर सहलाने लगे थोड़ी देर मे ही मेरे लंड से पिचकारिया निकलकर गिर पड़ी ओर मेरा सारा दर्द गायब हो गया मेरे वीर्य से बैद्य जी का सारा हाथ भर गया मैं उठा अंडरवेर ऑर पॅंट पहन लिया बैद्य जी ने अपना हाथ सॉफ कर लिया

बैद्य जी-एक बताऊ बेटा तुम्हारा लिंग बिल्कुल छोटा है

तुम्हारी पत्नी तुमसे माँ नही बन पाएगी

राज-ये आप क्या कह रहे है क्या इसका कोई उपाय नही है

बैदी जी-उपाय है बेटा लेकिन थोड़ा कठिन है तुम कर पाओगे

राज- आप बताइए तो सही मैं ज़रूर कर लूँगा

बैधजी-तो ठीक है मैं पूरे एक महीने का दवा देता हूँ तुम इसको सुबह ऑर शाम को हल्के हाथो से मालिश करना लेकिन एक बात और मालिश करते समय तुम्हारा पानी छूटना चाहिए जब तुमको लगे कि तुम्हारा पानी छूटने वाला है तो तुम रुक जाना
ऑर दूसरी दवा को रोज सुबह दूध के साथ खा लेना

राज-ठीक है बैद्य जी लेकिन आप कही जा रहे है क्या

बैद्य जी-हाँ बेटा मैं इस सहर को छोड़ कर हमेशा-हमेशा के लिए जा रहा हूँ तुम चिंता मत करना और देखना एक माह के बाद तुम किसी भी औरत की चीख निकलवा दोगे एक ऑर बात तुम्हारा लंड एक बार अगर खड़ा हो जाएगा तो बिना पानी निकले शांत नही होगा

राज-ठीक है तो मैं चलता हूँ फिर मैने बैद्य जी को उनका बिल दिया ओर दीदी बाहर खड़ी थी तो उनके साथ घर आ गया दीदी ने पुछा तो मैने बता दिया कि दर्द नही है लेकिन ये नही बताया कि लिंग बढ़ाने वाली दवा लिया हूँ
 

kumarrajnish

kumaruttem
1,411
3,917
159
खैर हम जल्दी से घर पर आ गये 10:00 रहे थे माँ हमारा वेट कर रही थी मैं जाकर माँ के पास बैठ गया दीदी किचन मे खाना बनाने चली गयी मैने माँ से बता दिया कि दर्द मे अब आराम है

माँ-बेटे तुझसे एक बात पुछनि है

राज-क्या पूछनी है

माँ-देख बेटा अब मैं बूढ़ी हो गयी हूँ हरदम मेरा तबीयत खराब रहती है तो मैं चाहती हूँ कि तू शादी कर ले कब तक अकेला रहेगा खाना बनाने भी दिक्कत होती है तेरी दीदी भी ड्यूटी पे चली जाती है तू भी चला जाता है तो क्या मेरी एक अंतिम इच्छा पूरी नही करेगा

राज-ठीक है माँ जब तुम्हारा यही इच्छा है तो मुझे कोई इतराज नही है
माँ ख़ुसी के मारे उछल पड़ी मेरे माथे पर धीरे से किस कर दी

उसके बाद दीदी ने खाना बना दी हम ने मिलकर खाना खाया ऑर मैं अपने रूम मे चल आया फोन करके बता दिया कि आज मैं ऑफीस नही आऊंगा उसके बाद मैने अपने लिंग पर दवा लगाई ऑर सो गया उस्दिन कुच्छ नही हुआ दूसरे दिन भी मैं माँ दीदी के साथ लड़की देखने के लिए चले गया खैर लड़की वाले भी कोई धनी नही थे वो हम से भी ज़्यादा ग़रीब थे लड़की जब आई तो मेरे दिल की धड़कन ही रुक गयी माँ ने नाम पुछा तो पता चला कि लड़की का नाम स्वेता है उसकी एज लगभग 23 बर्ष थी बहूत ही सुंदर चेहरा था बहूत ही भोली-भाली थी नैन नकश बहूत ही तीखे थे

खैर शादी का दिन तय हो गया कि एक माह बाद शादी होगी

उसके बाद हम घर पर आ गये फिर डेली का काम शुरू हो गया रोज ड्यूटी पर ड्यूटी से घर . मेरे लंड पर रोज बैद्य जी की दवाई लगाना ऑर दवाई खाने का नतीज़ा एक माह निकला मेरा लंड बहूत ही मोटा ऑर बहूत ही लंबा हो गया
एक माह बीतते ही पूरे रस्मो रिवाजो के साथ मेरा शादी हो गयी स्वेता मेरी दुल्हन बन कर मेरी घेर पर आ गई सुबह से मेरा लंड परेशान कर रहा था

ज़यादा मेहमान नही आए थे जो आए थे वो शाम तक चले गये रात हुई मैं थोड़ा सा खाना खाया ऑर सोने के समय रूम मे गया स्वेता सुहाग सेज़ पर इंतज़ार कर रही थी मैने दरवाजे को बंद कर दिया

स्वेता घूँघट डाले बैठी हुई थी मैं जल्दी से पूरे कपड़े निकल कर केवल अंडरवेर में हो गया जैसे ही मैने स्वेता का घूँघट उठाया तो वो नीचे उतरी मेरे पैर छुए मैने उसको कंधो से पकड़ कर उपर उठाया स्वेता ने टेबल पर से दूध उठाया मेरे मूह मे लगा दी वैसे दूध मेरा मनपसंद चीज़ है तो मैं एक ही साँस मे पी गया स्वेता फिर से बेड पेर बैठ गयी

राज-मुझे इस रात का काई सालों से इंतेज़ार था. तुम मेरे सपनो की रानी जैसी हो.

स्वेता- मुझे और ज़्यादा शाइ मत कीजिए ना प्लीज़. वैसे ही मैं शर्म से सिकुड़ी जा रही हूँ.

राज-तुम सिकुड़ी जा रही हो और मेरा कुछ खड़ा हुआ जा रहा है.

स्वेता- हाए राम ऐसा मत बोलिए मुझे बहुत शर्म आती है.

राज-अब तुम्हें शरमाने की ज़रूरत नही है. मेरे साथ तुम बिल्कुल टेन्षन फ्री हो जाओ और खुद भी मज़े करो और मुझे भी मज़े दो.

स्वेता- तो क्या खड़े खड़े ही मज़े ले लेंगे यहाँ बेड पे आइए ना.

मैं बेड पे गया और मैं सिर्फ़ अंडरवेर में था उसने आखें नीचे कर ली उसने शादी वाली साड़ी तो पहले ही उतार ली थी. खाना बनाते टाइम वो सलवार सूट में थी मैने उसका कुर्ता उठाया और उसकी सलवार के नाडे को हाथ से पकड़ के खीचा वो खुल गया मैने धीरे से उसकी सलवार को उतारा उसने अपनी कमर उठा के हेल्प की और सलवार खिसकता हुआ उतर गया.
वो सिर्फ़ कुर्ते में थी और पैर सिकोड के बैठी थी.जिससे उसकी जांघे दिख रही थी बहुत ही सेक्सी. मैं सोच रहा था कि धीरे धीरे मज़े ले ले के सुहागरात मनाउन्गा. लेकिन मेरा कंट्रोल ख़तम सा हो रहा था. मैने जब उसका कुर्ता उतारा तो उसके ब्रा के अंदर से चुचियों ने मेर स्वागत किया और यह मेरे सबर की इंतेहा हो गयी. मैने उसे चूमा भी नही.
चाटा भी नही, सीधे अपनी अंडरवेर उतारी मेरा लंड तो पहले ही खड़ा था और बहुत ही भयानक लग रहा था उसने देखा तो उसकी साँस रुक गयी. उसने कहा भी कि जल्दी मत कीजिए प्लीज़ मैं वर्जिन हूँ बहुत दर्द होगा लेकिन अब मैं कुछ भी नही सुन पा रहा था. मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था. मेरा लंड और मेरी मेरी हवस मुझ पे हावी हो चुकी थी मैने उसकी टांगे फैला दी.

वो अपने हाथ से अपनी चूत छुपा रही थी और मुझे धीरे धीरे करने को कह रही थी.मैने जिंदगी में कभी किसी लड़की को नंगी नही देखा था. और आज तो मेरा दिमाग़ बिल्कुल ही बंद हो चुका था. मैने उसकी एक ना सुनी और उसकी पैंटी उतार दी. और सीधे उसकी टाँगों के बीच आ गया वो मना करती रही कि धीरे करो धीरे करो. लेकिन मैं नही माना. मैने एक धक्का मारा और मेरा आधा लंड घुस गया उसकी चूत में.


वो इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि मुझे लगा मेरे कान फट जाएँगे.मेरे अंदर का हैवान इतना हावी था कि मैने उसके दर्द की ज़रा भी परवाह नही की और लगातार धक्के मारता रहा. उसकी चूत बहुत ही टाइट थी और मेरा लंड बहुत ही मोटा था.मैं धक्के मारे जा रहा था और वो चीखे जा रही थी. करीब 10 मिनिट की धुँआधार चुदाई के बाद मैने पानी निकाल दिया उसकी चूत में. अब जाकर मेरा लंड कुछ ढीला पड़ा.

मैने चूत से लंड निकाला तो खून की धार बह निकली उसे बहुत ही ज़्यादा दर्द हो रहा था. एक बार झड़ने के बाद मेरा दिमाग़ कुछ ठिकाने पे आया तो मुझे एहसास हुआ कि मैने उसे बहुत दर्द दिया है. मैने माफी माँगी लेकिन वो कुछ न बोली. वैसे ही बेजान पड़ी रही और रोती रही. मुझे उसकी हालत देख के बहुत दुख हुआ. मैं तुरंत पानी गरम कर के लाया और कपड़ा गीला कर के उसकी चूत को सेंकने लगा.

वो चुपचाप रोती रही, मैं बार बार उससे बात करने की कोशिश करता रहा लेकिन उसने मुँह नही खोला. उसके आँसू देख के मुझे बहुत ही ज़्यादा दुख हुआ.

मैने उसकी चूत को सेंका जिससे उसकी चूत को आराम मिलना चाहिए था लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ. उसकी चूत बुरी तरह सूज गयी थी और रह रह के खून निकल रहा था. मैने उसकी तरफ़ देखा तो पाया कि वो सो चुकी है.

मुझे थोड़ी शांति मिली. मुझे लगा कि शायद कल तक उसका दर्द कुछ कम हो जाए. वो बिना कपड़ों के ही सो रही थी. और उसकी टाँगें फैली हुई थी. उसे इस कंडीशन में देख के मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. मुझे अभी भी बहुत गिल्ट था कि मैने उसे इस बुरी तरह से पेला.लेकिन लंड कुछ और ही सोच रहा था. मैने उसकी चूत को देखा तो उसमे से अब खून नही निकल रहा था.

मेरे लंड का पानी धीरे धीरे उसकी चूत से बाहर रिस रहा था. मेरा लंड पूरा तन गया. मैने बहुत कंट्रोल किया कि अब मैं इसे और नही चोद सकता. मैं बाथरूम में आया और मूठ मार ली. मेरा दिमाग़ फिर से शांत हुआ. लेकिन दिल ही दिल में इस बात की खुशी थी कि जिंदगी में पहली बार चुदाई की है और अब तो मैं जब चाहे अपनी बीवी को चोद सकता हूँ. मैं चुपके से उसकी साइड में लेट गया और सो गया.

बड़ी गहरी नींद में थे हम दोनो तभी डोरबेल बजी.मेरी नींद खुली तो मैने देखा कि उसकी आँखें भी खुली हुई है और वो फिर से रो रही है. मैने कहा क्या हुआ? तो वो बोली कि बहुत ज़्यादा दुख रहा है.आप तो पूरे जानवर हैं. मैने फिर से माफी माँगी और कहा कि अगली बार मैं ध्यान रखूँगा कि उसे दर्द ना हो. उसने कहा कि वो खड़ी नही हो पाएगी तो मैं उठा और गेट खोलने गया. मैने घड़ी देखी तो सुबह के 11 बज चुके थे डोर खोला तो माँ और दीदी बाहर खड़े थे.
 

kumarrajnish

kumaruttem
1,411
3,917
159
दीदी ने मुझे छेड़ा और कहा कि इजाज़त हो तो अंदर आ जाए या फिर से होटल मे जाए? मैने मुस्करा दिया.वो दोनो अंदर आ गये. तभी अंदर से स्वेता की आवाज़ आई. मैं अंदर गया तो उसके कहा कि मुझे कपड़े तो पहना दीजिए.मैं अभी भी नंगी ही हूँ. मैने कमरे का गेट बंद किया और उसे कपड़े पहनाने लगा. मैं उससे बार बार कह रहा था कि आगे से ऐसा नही होगा.
और वो किसी से कुछ ना कहे वो बोली आप मेरे पति हैं मैं आपके खिलाफ किसी से कुछ कहने का सोच भी नही सकती. मैं यह सुन के बहुत खुश हुआ मैने उसे धीरे से चूमा तो उसने भी मुझे चूमा. मैं फिर उठ के बाहर आया तो माँ और दीदी दोनो सोफे पे बैठी हुई थी. उन्होने ने कहा कि बहू की बुलाओ. ज़रा चाइ पानी तो दे कुछ.

मैने कहा मैं बना देता हूँ वो अभी सो रही है.दीदी ने मुझे फिर से छेड़ते हुआ कहा कि बड़ी फ़िक्र है अपनी बीवी की तुम्हें. वैसे तो कभी चाइ नही बनाते थे. आज क्या हुआ? मैं बोला नही दीदी.ऐसा नही है. बस वो थोड़ा थक गयी है इसलिए सो रही है? दीदी ने फिर से चुटकी ली और कहा ऐसा क्या किया है उसने जो थक गयी है? रूको मैं देख के आती हूँ.

मैने कहा नही दीदी सोने दो ना उसे थोड़ी देर. थोड़ा आराम कर लेगी तो खुद बाहर आ जाएगी. मैं जानता था कि दीदी मुझे सिर्फ़ चिडाने के लिए ही यह सब कह रही थी. वो मेरे पास आई और बोली तो फिर तू भी तो थक गया होगा. रात भर जो उसने किया वो तूने भी तो किया होगा. वो तो बस लेटे लेटे थक गयी तो तू तो और भी ज़्यादा थका होगा. चल बैठ जा चाइ मैं बना लेती हूँ.

मेरे होश उड़ गये मारे शर्म के मैं गढ़ा जा रहा था और दीदी मेरे मज़े लिए जा रही थी मैं आके माँ के पास बैठ गया. माँ ने पूछा बेटा तू खुश तो है ना. मैने कहा हां माँ मैं बहुत खुश हूँ. हमने चाइ पी और उसके बाद वो लोग अपने रूम में चले गये. हमारा घर सिर्फ़ दो ही रूम का था. मैं हमेशा ड्रॉयिंग रूम में सोता था और एकएक बेडरूम दीदी और माँ का था.
लेकिन शादी के बाद दीदी और माँ एक बेडरूम मे शिफ्ट हो गये थे और एक बेडरूम मुझे दे दिया था. दीदी और माँ अपने बेडरूम मे थे मैं नहा के बाहर आया तो दीदी मेरे बेडरूम के डोर पे खड़ी थी. डोर अंदर से बंद था. दीदी बोल रही थी बन्नो डोर तो खोलो.हमसे मिल तो लो. इतना क्या शरमा रही हो. उसने अंदर से कहा पहले आप इन्हें भेजिए अंदर प्लीज़.

मैने सुना तो कहा रूको मैं जाता हूँ अंदर. मैं डोर पे आया और मैने कहा कि हन मैं हूँ डोर खोल दो. उसने अंदर से डोर खोला और मैं भीतर चला गया. दीदी अभी भी डोर पर ही थी. स्वेता ने मेरे अंदर आने पर कहा कि उसे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था और वो ठीक से खड़ी नही हो पा रही है.इस हालत में उनके सामने बाहर कैसे जाएगी. मैने कहा कि देखो दिन भर तो अंदर नही रह सकती ना.

मैं कुछ पेनकिलर ले आता हूँ. तुम धीरे धीरे चलना दर्द अपने आप ठीक हो जाएगा. वो बहुत ज़्यादा शरमा रही थी.लेकिन मेरी बात सुनके मान गयी. मैं मार्केट गया और उसके लिए कुछ पेनकिलर्स ले आया. बाकी दिन नॉर्मल ही बीता घर में अभी भी खुशियों का माहौल था.रात में माँ ने खीर बनाई. हम सब खाना खाने के बाद अपने अपने रूम में चले गये. मैं और स्वेता दोनो बेड पे थे.

राज- अब दर्द कैसा है?

स्वेता-ठीक है लेकिन अभी ख़तम नही हुआ है. आपने कल ठीक नही किया.

राज- ग़लती हो गयी. आगे से ध्यान रखूँगा. लेकिन कल मज़ा बहुत आया.

स्वेता-हटिए जी. आपको तो अपनी पड़ी है मेरी तो फट गयी थी.

राज-अर्रे बाबा आगे से आयिल लगा लेंगे ना.

स्वेता-दीदी मुझसे कितने सवाल पूछ रही थी

राज-क्या पूछी थी

स्वेता- पूछ रही थी कैसी रही कल की रात और मैं ठीक से चल क्यूँ नही रही हूँ मैने कहा दर्द हो रहा है तो मुझसे पूछा कि इतना बड़ा है क्या हाए राम मैं तो शर्म से गढ़ ही गयी वो आपकी दीदी हैं और आपके इसकी साइज़ पूछ रही थी.

राज-अर्रे नही सीरीयस मत हो वो तो बस तुम्हें छेड़ रही होंगी

स्वेता-नही जी, उन्होने तो मुझसे पूछा कि कितने राउंड लगाए कल मैने कहा कि सिर्फ़ एक तो बोली कि एक राउंड में ही यह हालत है तेरी फिर तो बहुत बड़ा होगा मेरी तो मारे शर्म के जान निकली जा रही थी मैने कभी अपनी सहेलियों से भी ऐसी बात नही की.

राज-अर्रे उन्हें लगा होगा कि तू यहाँ अकेली है तो तेरी सहेली बनने की कॉसिश कर रही हैं. उन्हें भी तो फ़िक्र है ना तेरी. तू नाराज़ मत हो वो तेरे भले के लिए ही पूछ रही थी.

स्वेता-मैं नाराज़ नही हूँ बस ऐसी बातें कभी किसी से की नही तो थोड़ा अजीब सा लग रहा था.
राज-अब ज़्यादा मत सोच इस बारे में चल शुरू करते हैं

स्वेता-लेकिन आज धीरे धीरे प्ल्ज़. मुझे अभी भी दुख रहा है

राज-हां आज बिल्कुल धीरे धीरे चोदुन्गा.

स्वेता-छी ऐसे गंदे वर्ड्स मत बोलिए

राज-आरे इसमे गंदा क्या है अभी हम वही तो करेंगे देखना तेरी चूत फैला के इसमे अपना लंड घुसा दूँगा तो तू चुदेगि ही ना इसे चुदाई ना कहूँ तो और क्या कहूँ

स्वेता- आप भी बड़े वो हैं चलो अब करो और ज़्यादा गंदा गंदा मत बोलो. मैने उसे नगी किया और खुद भी नंगा हो गया मेरा लंड भी खड़ा था पूरा मैने उसकी चूत में थोड़ा सा आयिल लगाया और फिर घुसेड़ना शुरू किया उसने बड़ा साहस किया लेकिन उससे सहन नही हो रहा था जल्दी ही उसकी आँख से आँसू निकलने लगे मेरा मूड थोड़ा ऑफ हो गया
 

sharaabi

Active Member
1,035
2,662
159
Nice start
 
  • Like
Reactions: Nevil singh

prkin

Well-Known Member
5,360
5,996
189
आपकी इस नई कथा का स्वागत है.
 

normal_boy

Active Member
962
1,460
124
दोस्तो एक और नई कहानी शुरू कर रहा हूँ जो आप को पसंद आएगी तो चलिए दोस्तो कहानी की तरफ चलते हैं कहानी क्च यूँ है ....................

मैं राज अपनी बेहन अनिता ऑर अपनी माँ के साथ कोलकाता मे रहता हूँ
हम ग़रीब फॅमिली से बिलॉंग करता है मेरा मकान भी कोई बड़ा या फ्लेट वाला नही है-केवल 2 बेडरूम एक किचन एक टाय्लेट बाथरूम है जो कि कामन नही है
बीच मे एक हॉल है जिसमे कि एक सोफा रखा हुआ है

मेरे पापा इस दुनिया मे नही है वो हमे छोड़ कर बहूत पहले ही चले गये है माँ एक गवर्नमेंट स्कूल मे टीचर थी लेकिन अब माँ से ज़्यादा चला नही जाता तो मैने ऑर दीदी ने उनका जॉब छुड़ा दिया है पहले तो माँ नही मानी लेकिन बाद मे मान गयी वैसे मैं अकाउंट मॅनेजर हूँ दीदी सेल्फ़ डिपार्टमेंट मे है दीदी के चलते ही हमारे घर का खर्चा बढ़िया से चलता है
दीदी की शादी हुई थी लेकिन दीदी के पति को दीदी बिल्कुल पसंद नही थी उस पर दीदी की सास भी दीदी को बांझ कहकर ताने देती थी तो 3 साल बाद ही दीदी को जीजा जी ने तलाक़ दे दिया तलाक़ के बाद दीदी बहूत ही टूट गयी लेकिन बाद मे उन्होने सेल्फ़ डिपार्टमेंट मे जॉब कर ली तब से हम बहूत ही मस्ती मे रहते है वैसे दीदी माँ के साथ सोती है ऑर मैं अकेला सोता हूँ .............
............................................
मैं जैसे ही सुबह उठा बाथरूम मे से फ्रेश होकेर बाहर आया ऑर सोफे पर बैठ गया तभी दीदी चाय ले आई मैं चाय पीने के बाद जैसे ही सोफे पर से उठा तो मेरे लिंग मे दर्द सुरू हो गया ऑर मेरे मूह से चीख निकल गयी दीदी....

दीदी-क्या हुआ राज क्यो चिल्ला रहा है

राज- दीदी बहूत ही दर्द हो रहा है

दीदी- कहाँ दर्द हो रहा है कुच्छ बताएगा या इसी तरह चिल्लाएगा

राज-नही दीदी मुझे बहूत ही शरम आ रही है मैं तुम्हे नही बता सकता

तभी माँ भी आ गई माँ आते ही-क्या बेटा कहाँ दर्द हो रहा है

राज-नही माँ मुझे शर्म आ रही है

दीदी-जल्दी से बता नही तो मारूँगी खींच कर एक हाथ

राज-दीदी दरअसल वो दीदी वो ...मेरे सूसू वाली जगह पर बहूत ही दर्द हो रहा है

दीदी-इस तरह बता ना कि तेरे लंड मे दर्द हो रहा है तो बोल रहा है कि सस्यू वाली जगह पे दर्द हो रहा है

राज-दीदी जल्दी से कुच्छ करो बहूत दर्द हो रहा है

दीदी-अच्छा तू रुक मैं अभी आती हूँ

उसके बाद दीदी माँ के साथ उनके रूम मे चली गयी थोड़ी देरी वापस आ गई

दीदी साड़ी ब्लाउज पहनी हुई थी मैं ऑर दीदी रूम से बाहर निकले टॅक्सी पकड़ कर हॉस्पिटल की तरफ चल दिए अभी सुबह के 8:00 रहे थे दीदी ने टॅक्सी को एक बैद्य जी की दुकान के सामने रुकवाया दीदी ने टॅक्सी वाले को किराया दिया ऑर हम बैद्य जी के पास आ गये बैद्य जी कही जा रहे थे

बैद्य जी क्या बीमारी है

दीदी-जी इनको लिंग मे दर्द है

बैद्य जी ने मुझे एक टेबल के उपर लिटाया दीदी रूम से बाहर चली गयी मैं अपना पॅंट ऑर अंडरवेर को घुटनो तक सरका के लेटा हुआ था फिर बैद्य जी ने लंड को अपने हाथ मे पकड़ा चमड़ी को नीचे खींच कर सुपाडे के उपर एक दवा लगा दी और थोड़ी देर सहलाने लगे थोड़ी देर मे ही मेरे लंड से पिचकारिया निकलकर गिर पड़ी ओर मेरा सारा दर्द गायब हो गया मेरे वीर्य से बैद्य जी का सारा हाथ भर गया मैं उठा अंडरवेर ऑर पॅंट पहन लिया बैद्य जी ने अपना हाथ सॉफ कर लिया

बैद्य जी-एक बताऊ बेटा तुम्हारा लिंग बिल्कुल छोटा है

तुम्हारी पत्नी तुमसे माँ नही बन पाएगी

राज-ये आप क्या कह रहे है क्या इसका कोई उपाय नही है

बैदी जी-उपाय है बेटा लेकिन थोड़ा कठिन है तुम कर पाओगे

राज- आप बताइए तो सही मैं ज़रूर कर लूँगा

बैधजी-तो ठीक है मैं पूरे एक महीने का दवा देता हूँ तुम इसको सुबह ऑर शाम को हल्के हाथो से मालिश करना लेकिन एक बात और मालिश करते समय तुम्हारा पानी छूटना चाहिए जब तुमको लगे कि तुम्हारा पानी छूटने वाला है तो तुम रुक जाना
ऑर दूसरी दवा को रोज सुबह दूध के साथ खा लेना

राज-ठीक है बैद्य जी लेकिन आप कही जा रहे है क्या

बैद्य जी-हाँ बेटा मैं इस सहर को छोड़ कर हमेशा-हमेशा के लिए जा रहा हूँ तुम चिंता मत करना और देखना एक माह के बाद तुम किसी भी औरत की चीख निकलवा दोगे एक ऑर बात तुम्हारा लंड एक बार अगर खड़ा हो जाएगा तो बिना पानी निकले शांत नही होगा

राज-ठीक है तो मैं चलता हूँ फिर मैने बैद्य जी को उनका बिल दिया ओर दीदी बाहर खड़ी थी तो उनके साथ घर आ गया दीदी ने पुछा तो मैने बता दिया कि दर्द नही है लेकिन ये नही बताया कि लिंग बढ़ाने वाली दवा लिया हूँ
kisi aur ki kahani apne naam se post nahi karna chahiye
 
Top