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Incest दीदी और बीबी

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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I think yeh story different forum par aa chuki hain..story name was "Didi aur Biwi ki takkar"...not sure if the author (current one) will change it or add something new to it.
Ye story shayad xossip par padhi thi...

Dobara post karke naye readers ko bhi padhne ko mil rahi hai.. Welldone

Original writer ka nam pata ho to mention kar do starting me, kisi bhi reader koo pata ho to yahan post kar dein
 

kumarrajnish

kumaruttem
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Nice start
Nice story
please continue ............. :yes1:
शानदार कहानी है । अपडेट टाइम पर देते रहना
Bhai didi or biwi ko bhr chudwao tbi maza ayega
आपकी इस नई कथा का स्वागत है.
kisi aur ki kahani apne naam se post nahi karna chahiye
I think yeh story different forum par aa chuki hain..story name was "Didi aur Biwi ki takkar"...not sure if the author (current one) will change it or add something new to it.
Yes, author should have acknowledged that story writer as well..
Behan ko chod phle....
Ye story shayad xossip par padhi thi...

Dobara post karke naye readers ko bhi padhne ko mil rahi hai.. Welldone

Original writer ka nam pata ho to mention kar do starting me, kisi bhi reader koo pata ho to yahan post kar dein
Wow update
Next update kab aayega.. next month kya
Thanks sabhi ko
Ha ye story xossip pe likhi gai thi
 

kumarrajnish

kumaruttem
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Update
राज-अब रो क्यूँ रही है धीरे धीरे तो चोद रहा हूँ. वो बोली लेकिन फिर भी बहुत टाइट लग रहा है.बहुत दुख रहा है.मैने थोड़ा और आयिल लगाया और फिर से एक धक्का मारा इस बार तो उसकी हिम्मत टूट गयी और उसके मूह से एक जोरदार चीख निकली

मुझे गुस्सा आ गया मैने कहा क्या है चिल्ला मत घर मैं सब लोग हैं क्या सोचेंगे

मुझे गुस्से मे देख के वो थोड़ा सहम सी गयी लेकिन रोना नही बंद हुआ मैने फिर से अपना लंड उसकी चूत मे ठेला और इस बार तो पूरा घुसेड दिया वो लाख कोशिश कर के भी अपनी चीख नही रोक पाई और फिर से चिल्ला दी इस बार मुझे भी ज़्यादा गुस्सा आ गया और मैने बिना कुछ सोचे ही धक्के लगाने शुरू कर दिए हम लोगो ने जो भी प्लॅनिंग की थी सब हवा हो गयी

कल की रात जैसा ही हाल उसका फिर से होने लगा वो दर्द से बिलख रही थी और मैं हवस मे सब कुछ भूल के उसे पेले जा रहा था वो बहुत चिल्लाने लगी मैने सोचा कि जल्दी जल्दी चोद के झड जाता हूँ नही तो कोई जाग जाएगा घर मे
मैने धक्कों का फोर्स और बढ़ा दिया और उसने अपनी चीखें और तेज कर दी.मैने उसके मुँह पर हाथ रखा लेकिन उसने मुझे छुड़ा लिया. तभी मेरे रूम के डोर पे नॉक हुआ. बाहर दीदी थी.

दीदी-क्या हो रहा है क्या बात है?

राज-कुछ नही दीदी आप सो जाओ.

दीदी- स्वेता क्या हुआ री कोई प्राब्लम है क्या?

राज-कोई प्राब्लम नही है दीदी आप सो जाओ.

दीदी- पहले स्वेता से बोल बोलने को. स्वेता डर मत सच सच बता कोई प्राब्लम है क्या?

स्वेता- दीदी मुझे बचा लो प्ल्ज़.

राज-यह क्या बोल रही है चुप रह

दीदी-तू दरवाजा खोल भाई

राज-दीदी कोई प्राब्लम नही है.आप जाओ प्ल्ज़.यहाँ सब ठीक है.

स्वेता- नही दीदी.प्ल्ज़ बचा लो.यह तो मारे डाल रहे हैं

दीदी ने डोर पे ज़ोर से धक्का दिया. दरवाजा शायद ठीक से बंद नही था और डोर खुल गया अंदर का सीन देख के उसके होश उड़ गये. स्वेता बेड पे थी. पूरी नंगी. मैं उसके उपेर चढ़ा हुआ था मैं भी नंगा था और मेरा लंड उसकी चूत मे फसा हुआ था

मैने पीछे मूड के देखा तो पाया कि दीदी स्वेता की चूत को देख रही थी. उसे ऐसा सीन देख के बाहर चले जाना चाहिए था लेकिन वो बेड के पास आ गयी

दीदी-छोड़ इसे यह मेरे साथ जा रही है अब

राज-दीदी प्लीज़ जाओ यहाँ से हम दोनो नंगे हैं. तुम्हें शर्म नही आती है क्या

दीदी- शर्म तो तुझे नही है जो अपनी दीदी के सामने भी इस्पे चढ़ा हुआ है उतर इसके उपर से और जाने दे इसे. देख नही रहा उसे कितना दर्द हो रहा है

स्वेता-हां दीदी प्लीज़ बचा लो कल रात भी इन्होने ऐसे ही किया था.मुझे बहुत दुख रहा है

मेरा दिमाग़ खराब हो गया मैं स्वेता के उपेर से उठा और उसकी चूत से लंड निकाल लिया मेरा लंड जब बाहर आया तो दीदी ने देखा और हैरान रह गयी

दीदी-हे भगवान तूने यह डाला हुआ था इसके अंदर तू तो जानवर है पूरा ज़रा रहम है कि नही तेरा सीना है की पत्थर

राज- दीदी तुम हद से बाहर जा रही हो यह मेरी बीवी है यह मेरे और इसके बीच की बात है तुम जाओ यहाँ से

दीदी- चुप रह तू सुहागरात का मतलब यह नही होता कि बीवी की परवाह किए बिना तू उसे पेल दे अपने सुख के लिए अपना मूसल उसकी चूत मे डालने के पहले एक बार उसके बारे मे भी तो सोचा होता. देख कैसे रो रही है कितना दर्द है उसे अब यह सब नही चलेगा स्वेता तू उठ और चल मेरे साथ

मैं शॉक्ड था कि दीदी गुस्से मे कैसे वर्ड्स बोल रही है. स्वेता ने अभी भी कपड़े नही पहने थे.और मैं भी नंगा खड़ा था. दीदी बिना किसी झिझक के मेरे लंड को बार बार घूर रही थी और उसपे कमेंट कर रही थी

दीदी- अब यहाँ खड़ा क्या है. जा बाहर जा के सोफे पे सो जा. मैं यहाँ रहूंगी स्वेता के साथ. देख बेचारी की फूल जैसी चूत कैसी सूज गयी है. इसे तूने इतनी बेरहमी से पेला है कि ठीक से चल भी नही पा रही थी. अर्रे कभी किसी ने तुझे सिखाया नही क्या कि कैसे चुदाई करते हैं? लंड खड़ा कर के पेल देने भर से औरत खुश नही होती.

राज- दीदी बकवास बंद करो. तुम अपने भाई से बात कर रही हो. यह क्या अनाप शनाप बक रही हो.

दीदी- अब तुझे बुरा लग रहा है. एक औरत का दर्द एक औरत ही समझती है.तुझे तो बस इसकी चूत से मतलब है. लेकिन मैं ऐसा नही होने दूँगी. अब तू खुद चला जा यहाँ से नही तो मैं माँ को उठा दूँगी. और माँ को कहूँगी तो माँ तुझे कभी इसे नही चोदने देगी. समझा ना. अब मेरा दिमाग़ मत खराब कर. बाहर जा यहाँ से. और कपड़े पहेन ले अपने. अपनी दीदी के सामने लंड खड़ा कर के खड़ा है हरामखोर. भाग जा यहाँ से. मैं भी जिद्दी था मैने भी मना कर दिया कि मैं नही जाउन्गा बाहर .
 

kumarrajnish

kumaruttem
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राज- तुम बाहर जाओ यहाँ से. मियाँ बीवी के बीच में आने की ज़रूरत नही है. और अगेर तुम्हें थोड़ी शर्म है तो आइन्दा कभी इस मामले में दखल मत देना.

दीदी- यह तो नही होगा इस घर में. तू मेरे होते हुए इसका बलात्कार नही कर सकता.

राज- मैं इसका बलात्कार नही कर रहा हूँ.यह मेरी बीवी है. मियाँ बीवी एक दूसरे से प्यार नही करेंगे तो क्या करेंगे?

दीदी- जो तू कर रहा था उसे प्यार नही कहते. उसे बलात्कार कहते हैं. देख स्वेता की क्या हालत है

राज-तुम्हे उससे क्या लेना देना. तुम अपने काम से काम रखो और जाओ यहाँ से.यह मेरे और उसके बीच की बात है. मैं अपना काट के छोटा तो नही कर सकता ना.

दीदी- हां लेकिन तू इसकी फाड़ के चौड़ी कर देना चाहता है. और तुझे तो इतनी भी शर्म नही है कि अपनी दीदी के सामने कैसे बात करनी है.

राज- मुझे मत सिख़ाओ दीदी.मैं नही गया था तुम्हें बुलाने को.तुम खुद ही आई थी यहाँ. और यह सब गंदी बातें तुम्ही ने शुरू की हैं.अब तुम जाओ यहाँ से नही तो कुछ बुरा हो जाएगा

दीदी- क्या बुरा हो जाएगा रे? तू बहुत बड़ा समझने लगा है अपने आप को? क्या बुरा करेगा तू ? तू पाल पोश के बड़ा किया और तू किसी औरत के साथ ऐसा बिहेव करता है अपनी बीवी को रंडी की तरह चोद रहा है और मुझे कह रहा है मैं अपने काम से काम रखूं . याद रख यह मेरा घर है यहाँ वही होगा जो मैं कहूँगी और तू क्या बुरा करेगा रे मेरे साथ? मुझे भी पकड़ के चोदेगा? मेरी चूत फाड़ेगा? यही बुरा करेगा मेरे साथ?

राज- दीदी तुम होश मे नही हो.बकवास बोले जा रही हो जब से. चली जाओ यहाँ से हम दोनो फुल लाउड वाय्स मे एक दूसरे पे चिल्ला रहे थे. इतने में डोर पे हरकत हुई हमने देखा माँ डोर पे खड़ी थी. मैने तुरंत अपने कपड़े उठाए और स्वेता ने भी खुद को ढक लिया.

माँ- क्या लगा रखा है? सोने नही देते. तू यहाँ इनके रूम मे क्या कर रही है अनिता

दीदी- माँ देखो ना इसने स्वेता को बहुत दर्द दिया है. स्वेता चिल्ला रही थी इसी ने मुझे कहा कि बचा लो मुझे.तो मैं आ गयी माँ भाई को स्वेता के साथ मत रहने दो वो इसे बहुत दर्द देता है.

माँ-क्यूँ री स्वेता ? क्या बात है?

स्वेता-जी मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है. कुछ कीजिए.

माँ- बेटी यह तकलीफ़ तो होगी ही. इसे ज़्यादा सिर पे मत चढ़ने दे. थोड़ी दिन की बात है फिर सब की आदत पड़ जाएगी.और याद रख बीवी का धर्म होता है कि मियाँ की खुशी का ख्याल रखे.और यह तो प्यार का दर्द है सहन कर ले. और तू अनिता चल अपने कमरे में. इन मियाँ बीवी को इनके हिसाब से रहने दे. तुझ बीच में दखल देने की कोई ज़रूरत नही है.

माँ दीदी को अपने साथ ले गयी. मैने रूम का डोर बंद किया. स्वेता को तो जैसा साँप सूंघ गया था उसकी कुछ समझ में नही आया कि इस बीच यहाँ क्या क्या हो गया. मैं अब वापिस बेड पे आ गया.

राज- अब क्या करेगी बोल? अब किसे बुलाएगी बचाने को? मैं खुद भी तुझे दर्द नही देना चाहता था लेकिन तूने और कोई रास्ता नही रखा अब मेरे लिए.

स्वेता- मैं खुद भी नही जानती थी कि यह सब हो जाएगा मैने तो बस यूँही कह दिया था दीदी से कि मुझे बचा लो वो तो खुद ही डोर खोल के अंदर आ गयी मेरी बात का बुरा मत मानो लेकिन मुझे लगता है कि दीदी आपसे जलन करती हैं

राज-अब तू मत बकवास करना शुरू कर दे मेरा दिमाग़ पहले ही खराब है.अब सो जा चुपचाप

स्वेता- सॉरी जी, मुझसे नाराज़ मत होना.मैने यह सब जानबूझ कर नही किया सब अंजाने में हो गया
मुझे माफ़ कर दो. एक बार पेल तो दो ठीक से अब नही चिल्लाउन्गी चाहे जितना भी दर्द हो.कसम से उठो ना पेलो ना.

राज-अब नही मैं अभी सो रहा हूँ तू भी सो जा. तेरी चूत खुलने में टाइम लगेगा. मैं आज नही चोदुन्गा तुझे.कल से ज़्यादा आयिल ले के आना. और रोज अपनी चूत में नहाने के बाद आयिल से मालिश किया करना उगली डालना अंदर बाहर धीरे धीरे खुल जाएगी.तो तुझे इतना दर्द नही होगा

स्वेता-हाए मैं क्यूँ करूँगी यह सब आप खुद ही कर लीजिएगा मेरी चूत में उंगली अंदर बाहर करियेगा फिर अपना लंड अंदर बाहर करियेगा . देखिए ना आपका लंड तो अभी भी खड़ा है आओ ना चढ़ जाओ ना चोद दो ना एक बार प्लीज़ नाराज़ होके मत रहो .

राज- मैं नाराज़ नही हूँ बस अब चोदने का मन नही कर रहा दीदी से मैने कभी इतनी बदतमीज़ी से बात नही की मैं कल सुबह उनसे माफी माँग लूँगा

मैने बहुत ग़लत किया आज दीदी ने मेरे लिए इतना कुछ किया.मैने आज उससे ठीक से बात नही की.

स्वेता- मुझे तो अभी भी लगता है कि दीदी जानबूझ के अंदर आई थी.

मे-चुप कर एक तो तेरे लिए वो मुझे डाँट रही थी और अब तू खुद उसके खिलाफ बोल रही है.

स्वेता- नही ऐसा नही है देखो ना अभी दीदी की एज ही क्या है 31 की होंगी. उनका पति नही है उनकी जवानी अभी ढली थोड़ी ना है. उन्हें भी तो गर्मी चढ़ती होगी ना कभी कभी इसीलिए वो खुद पे काबू नही रख पाई.

राज-अब तूने एक शब्द भी बोला दीदी के खिलाफ तो एक थप्पड़ पड़ेगा. हमेशा के लिए आवाज़ बंद हो जाएगी याद रखना मेरी दीदी ने मेरी जिंदगी मे जो बलिदान दिए हैं वो एक माँ भी नही देती अपने बेटे के लिए वो अंदर आई थी हमारी हेल्प करने को तू अपनी गंदी सोच को ख़तम कर दे.समझ गयी ना?

स्वेता- सॉरी. आज से ऐसा नही बोलूँगी हम दोनो सो गये.

लेकिन मेरे दिमाग़ में अभी भी कयि सवाल उठ रहे थे. दीदी जानती थी कि मैं अंदर स्वेता को चोद रहा हूँ फिर भी वो अंदर आ गयी. उसने हमसे कपड़े पहनने के लिए नही कहा. मेरे खड़े लंड को बार बार घूरती रही उसकी चूत के बारे में बोलती रही उसने बहुत ही गंदे वर्ड्स यूज़ किए.

कहीं स्वेता सही तो नही कह रही है? कहीं दीदी की जवानी गर्मी तो नही पकड़ रही है? मैं यह सब सोचते सोचते कब सो गया पता नही चला. अगले दिन नींद खुली तो देखा कि दीदी मॉर्निंग टी लिए हुए बेड के साइड पे खड़ी हुई थी. मैने साइड में देखा तो दीदी ने कहा कि स्वेता नहाने गयी हुई है उठो चाइ पी लो. दीदी ने बड़े प्यार से मुझे चाइ कप में डाल के दी.

दीदी- भाई मुझे कल के लिए माफ़ कर दो. मैं भी एक औरत हूँ और मुझसे स्वेता का दर्द देखा नही गया.इसलिए मैं अपने होश खो बैठी.मैं चाहती हूँ कि तुम एक बहुत ही सुन्दर और आरामदायक जिंदगी जियो. तुम्हें मॅरीड लाइफ की वो सब खुशिया मिलें जो मुझे कभी नही मिल पाई.

मैं कल की ग़लती कभी नही करूँगी. तुम उसके हज़्बेंड हो और अब इस घर के तुम ही मालिक हो. यहाँ सब कुछ तुम्हारे अनुसार ही होगा और मैं भी अब हमेशा से तुम्हें ही बड़ा मानूँगी. मैं कभी तुमपे कोई हुकुम नही चलाउन्गी प्लीज़ कल के लिए मुझे माफ़ कर दो.

राज- दीदी यह क्या कह रही हो. माफी तो मुझे माँगनी चाहिए. मैने कल आपसे इतनी बदतमीज़ी से बात की. मैं बहुत शर्मिंदा हूँ.

दीदी- नही भाई. तुम सही थे तुम दोनो के बीच मुझे नही आना चाहिए.वो तुम्हारे हिसाब से अड्जस्ट कर लेगी. मुझे बीच मे बोलने की ज़रूरत नही है.तुम बस उसका ख्याल रखो और एक बहुत ही अच्छी लाइफ जियो. अब हम दोनो कल की बात भूल जाते हैं. मैं तुमसे नाराज़ नही हूँ और उम्मीद करती हूँ कि तुम भी मुहे माफ़ कर दोगे.

राज- दीदी आपसे नाराज़ होने का तो सवाल ही नही उठता.

दीदी वापिस जाने लगी.मैं चाइ पीने लगा.तभी दीदी दूर पे रुकी पीछे पलटी और मुझे देख के बोली कि वैसे भी स्वेता बहुत ही खुशनसीब है. इतना बड़ा हथियार हर औरत को नसीब नही होता. धीरे धीरे वो इसे चलाना भी सीख लेगी.तुम एक सच्चे मर्द हो.उसे पलंग पोलो खेलने में बहुत मज़ा आएगा.

दीदी यह कह के बिना रुके बाहर चली गयी मेरा दिमाग़ ठनक गया. थोड़ी देर पहले वो माफी माँग रही थी और फिर उन्होने ने ऐसी डबल मीनिंग वाली बात बोली. लेकिन मैं दीदी के लिए इतना भावुक हो चुका था कि मैं यही सोचता रहा कि वो मज़ाक कर रही होंगी और शायद मूड को हल्का करने के लिए उन्होने यह सब कहा होगा. उसके बाद का दिन नॉर्मल बीता.
मैं ऑफीस चला गया और शाम को जब लौटा तो देखा कि दीदी और स्वेता दोनो टीवी देख रहे थे और बहुत ही गहरी सहेलियों की तरह मिल जुल कर बातें कर रहे थे. माँ अपने कमरे में थी. मुझे देख कर स्वेता आई और मेरा बॅग ले कर साइड में रख दिया. दीदी उठी और कुछ स्नॅक्स बनाने के लिए चली गयी. मैं सोफे पे बैठ गया तो स्वेता आई और उसने मेरे जूते उतारे और मेरे पैरों को धीरे धीरे मसाज करने लगी.
 

kumarrajnish

kumaruttem
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मुझे तो जैसे जन्नत मिल गयी तभी दीदी आई और उन्होने ने मुझे चाइ के साथ कुछ स्नॅक्स दिए. में आराम से बैठ हुआ था सोफे पे पैर सामने फैले हुए थे मसाज हो रहा था. मुझे लगा कि में कोई महाराजा हूँ और दो औरतें मेरी सेवा कर रही हैं. कुछ देर के बाद में उठा और फ्रेश होने के लिए चला गया बाथरूम में आया तो देखा कि वहाँ पे 2 सेट ब्रा और पैंटी सूख रहे थे.

में स्वेता की ब्रा पैंटी तो पहचान गया लेकिन दूसरी सेट मेने पहली बार देखी थी. में वॉश बेसिन पे झूका और मुँह पे पानी मारा. जब उठा तो शीशे में देखा कि दीदी पीछे खड़ी हुई थी. उन्होने मुझे साइड में होने को कहा और एक सेट ब्रा पैंटी उठा ली.और चुपचाप बाहर चली गयी. में मुँह धोने के बाद पैंट उतार कर अब आराम से अपने पैर धो रहा था.

मेने सिर्फ़ बनियान और अंडरवेर पहना हुआ था कि दीदी फिर से बाथरूम में आई. और बोली अर्रे ग़लती से मैं स्वेता की ब्रा पैंटी ले गयी. मेरी वाली तो यहीं है. स्वेता की ब्रा तो इतनी छोटी है कि में पहन लूँ तो साँस भी ना ले पाऊ.और अगर एक साँस ले भी लूँ तो ब्रा टूट जाए और उसकी पैंटी भी मेरी छुपाती कम दिखाती ज़्यादा है. अच्छा हुआ मेने जाके पहन के देख ली नही तो गड़बड़ हो जाती. रुक में अपनी ब्रा और पैंटी ले लूँ फिर तू आराम से नहा ले.

दीदी यह सब इतनी सहजता से बोल गयी जैसे में कोई लड़की हूँ. वो अपना काम कर के बाहर चली गयी. मेने देखा कि उनकी बात सुन के मेरे लंड ने गदर मचा दिया था. मेरी छड़ी आगे से फटी जा रही थी. में छुपा भी नही सकता था उस वैद्य की दवाई का यही साइड एफेक्ट था कि अगर एक बार लंड खड़ा हो जाए तो बिना झडे बैठता ही नही था अब तो प्राब्लम हो गयी.

अब तो मुझे मूठ मारनी ही थी. मेने सोचा कि स्वेता को बुला लेता हूँ फिर सोचा कि वो चिल्लाएगी तो सब मज़ा बिगड़ जाएगा. मेने बाथरूम का डोर बंद किया और लगा घिसने अपना लंड. थोड़ी देर में लंड ने पानी निकाल दिया. और अब में ठीक था. में बाहर आया और स्वेता और दीदी के साथ बैठ गया. माँ भी आ गयी माँ के आने से मुझे राहत मिली. नही तो मुझे डर लग रहा था कि दीदी कहीं फिर से ना शुरू हो जाएँ.नही तो लंड फिर से तबाही मचाने लगेगा.

हम सब बड़े प्यार से बैठे बातें कर रहे थे. किसी को किसी से कोई शिकायत नही थी. रात में खाना खाने के बाद में बाहर टीवी देख रहा था. और स्वेता अपने रूम में चली गयी. थोड़ी देर बाद माँ भी अपने रूम में चली गयी. में भी सोच ही रहा था कि जाउ अपने रूम में. तभी दीदी आई. टीवी वाले रूम में सिर्फ़ हम दो ही थे. उसने मुझे एक आयिल की बॉटल दी.

और कहा कि इसे यूज़ करना.नही तो तू सारी रात मज़े लेता रहेगा और तेरी बीवी हम लोगों को सोने नही देगी इतना चिल्लाएगी. लगा लेना ठीक से.खुद को भी और उसको भी.चल अब जा अंदर कब से तेरा वेट कर रही है. कह के दीदी ने मुझे सोफे से उठा के खड़ा कर दिया और मेरे रूम के डोर तक धकेल के ले आई. में अंदर आया तो देखा कि स्वेता बेड पे लेटी हुई है और उसने एक बहुत ही सेक्सी जाँघो तक का गाउन पहना हुआ है. मेने दूर बंद कर लिया.

राज- यह गाउन कहाँ से आया?

स्वेता-दीदी ने दिया. उन्ही का है.

राज-दीदी ऐसा गाउन तो कभी नही पहनती.

स्वेता -पता है उन्होने कहा कि जब वो अपने हनिमून पे गयी थी तो उनके हज़्बेंड ने खरीदा था. दीदी कितना सॅड थी आज कि वो हमारे लिए हनिमून अरेंज नही कर पाई इसलिए उन्होने मुझे यह गाउन दे दिया.

राज-इसमे तो तू कमाल लग रही है.मन कर रहा है अभी घुसेड दूं पूरा का पूरा.

स्वेता- आप फिर से शुरू हो गये. धीरे धीरे करो ना. इतना बड़ा तो हथियार है आपका और वो भी पूरा घुसा देते हो एक बार में.धीरे करो.में कहीं भागी थोड़ी ना जा रही हूँ.

राज-अर्रे भगेगी तो पीछे से पकड़ के पीछे से घुसा दूँगा.

स्वेता-पीछे से कहाँ घुसा दोगे जी?

राज-तेरी गान्ड में.

स्वेता-मेरी चूत में तो घुसता नही यह.मेरी गान्ड में तो कभी नही घुसेगा.

राज-तू आज बड़े मूड में है री.बड़ा चूत लंड गान्ड कर रही है.क्या बात है.

स्वेता-कुछ नही.बस मेने यह रीयलाइज़ किया कि में कितनी खुशनसीब हूँ जो मुझे इतना बड़ा हथियार मिला है. थोड़ा टाइम लगेगा लेकिन में इसे चलना सीख ही जाउन्गी. पलंग पोलो की एक्सपर्ट बन जाउन्गी में देख लेना मेरा माथा फिरसे ठनका.

दीदी ने यही बात मुझे मॉर्निंग में कही थी.और ठीक यही बात और यही वर्ड्स स्वेता ने मुझसे कहे कहीं दीदी स्वेता को चुदाई की ट्रैनिंग तो नही दे रही है फिर मेने सोचा कि यह सब बाद में देखा जाएगा अभी तो इसे बजा लूँ

राज- ओह्ह तो यह बात है.तो ठीक है चल तुझे हथियार चलाना सिखाता हूँ.

स्वेता- सुनो दीदी ने कुछ दिया क्या आपको यहाँ आते टाइम?

राज-हां क्यूँ तुझे कैसे पता?

स्वेता- उन्होने कहा था कि आपको कुछ देंगी आज रात में बताओ ना क्या दिया ?

राज- यह देख. आयिल की शीशी दी है.

स्वेता- हाए राम तभी दीदी कह रही थी कि आज में चाहे जितना चिल्ला लूँ वो तो नही आने वाली.

राज- चिंता मत कर आज तुझे मज़े ले ले के आराम से चोदुन्गा.

हम दोनो नंगे हो गये. मेने अपने लंड पे ढेर सारा आयिल लगा लिया और उसकी चूत में भी. में आज धीरे धीरे लंड उसके अंदर डाल रहा था. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और जो भी दर्द था उसे अच्छे से सह रही थी. मेरा लंड आधा गया तो उसने कहा कि आज के लिए इतना काफ़ी है इतने में धक्के मार के झड जाओ मेने उसकी बात मान ली.में कल रात जैसा नाटक नही खड़ा करना चाहता था.

तो मेने आधे लंड से ही उसे चोदा और करीब 15 मिनिट के बाद में झड गया. वो तो ना जाने कितनी बार झड चुकी थी.हमारी बेडशीट पूरी गीली हो चुकी थी आयिल से भी और हमारे सेक्स के जूस से भी. हम वही बाहों में बाहें डाल के सो गये. आज की रात अब तक की सबसे बढ़िया रात थी. मेने पूरा लंड तो नही डाला लेकिन उसने मेरा पूरा साथ दिया और मेने उसका.
 
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