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Incest दीदी और बीबी

kumarrajnish

kumaruttem
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मेने सोचा कि कल ही इनका गेम बजाउन्गा आज मूवी का मज़ा लेते हैं और देखते हैं कि आगे क्या क्या होता है. दीदी बाथरूम का गेट खुला ही रख के अंदर गयी मुझे अंदर की सब आवाज़ सुनाई दे रही थी दीदी धीरे धीरे मोन कर रही थी और फिर उनकी आवाज़ें तेज होने लगी.


में समझ गया कि अब वो झड्ने वाली है थोड़ी देर के बाद दीदी बाथरूम से वापिस आई तो उसने अपनी ब्रा के हुक खोले हुए थे ब्रा बस चुचियों से चिपकी हुई थी और उसने पेटिकोट भी जांघों तक उठा लिया था उसके दूसरे हाथ में उसकी पैंटी थी जो उसने मेरे सामने ही फेर्श पर फेंक दी.

दीदी पेटिकोट के नीचे नंगी थी और उसकी ब्रा का होना ना होना एक जैसा ही था. फिर में उठ के बाथरूम गया.मेने भी गेट नही बंद किया और में नंगा हुआ पूरा नंगा होने के बाद मेने लंड को बस धीरे धीरे सहलाना शुरू किया ताकि वो अपने फुल फोर्स में आ जाए लगभग 10 मिन्स के बाद दीदी की आवाज़ आई कितनी देर करेगा.जल्दी आना.

अभी और भी मूवी देखनी है जल्दी कर में अंदर बैठा रहा लंड को धीरे धीरे सहलाता रहा बस कुछ नही बोला थोड़ी देर बाद मुझे सुनाई दिया की दीदी बाथरूम की तरफ आ रही है मेने लंड पे अपनी पकड़ टाइट कर दी और तेज तेज हाथ चलाने लगा.

दीदी गेट पे आके खड़ी हो गयी उसके सामने में फर्श पर बैठा हुआ था दोनो टाँगें चौड़ी थी और मेरा लंड फुल टाइट था जिसपे मेरा हाथ सटा सट उपर नीचे हो रहा था दीदी ने मेरा लंड देखा मज़े से फिर बोल जल्दी से गिरा दे पानी.तेरा तो झड्ने का नाम ही नही लेता.

और तेज तेज कर ज़्यादा ज़ोर से पकड़ ना उसे ज़ोर से पकड़ लंड को.और तेज से घिस. दीदी यह सब बोल रही थी और में लंड को घिस रहा था और तभी मेने ज़ोर का झटका दिया और मेरे लंड ने पहली पिचकारी छोड़ी मेरे लंड का रस हवा में उड़ता हुआ सीधे दीदी के पैरों के पास फेर्श पर गिरा.

दीदी थोड़ा पीछे हाथ गयी थी नही तो उसके उपर गिरता दीदी हंस के बोली मुझे प्रसाद चढ़ा रहा है क्या मेने कुछ नही कहा बस हंस दिया दीदी बोली चल अब जल्दी से आजा आगे की सीडी देखें. दीदी पहले ही मूड के चल दी थी मेने हाथ धोया और लंड धोया और बिना कुछ पहने नंगा ही बाहर आ गया.

दीदी- अर्रे कुछ तो शर्म कर ले कुछ तो पहन ले.

मे-रहने दो ना जो भी पहनूंगा बेकार में गीला हो जाएगा. ऐसे ही ठीक है आप भी आराम से हो लो उतार दो.

दीदी- में तो वैसे भी नंगी ही बैठी हूँ लेकिन तू तो बड़ा ही बिंदास हो रहा है आज का बात है?

मे-बीवी बड़ी याद आ रही है काश वो यहाँ होती.

दीदी- अच्छा हुआ कि वो यहाँ नही है नही तो तू उसे इतनी बुरी तरीके से पेलता की बेचारी मर ही जाती.

हमने फिर से मूवी चालू कर दी दीदी और में साइड में ही बैठे थे जैसे जैसे चुदाई के सीन्स आ रहे थे हम दोनो को फिर से जोश बढ़ता जा रहा था करीब 30 मिनिट्स तक देखने के बाद दीदी ने धीरे से कहा में बाथरूम से होके आती हूँ.

मेने दीदी का हाथ पकड़ लिया दीदी ने मुझे देखा मेने कहा कि जो करना है यहीं कर लो ना अब हमारे बीच क्या परदा. आपको चूत में उंगली करनी है और मुझे लंड घिसना है. हम दोनो वैसे भी नंगे ही हैं. चलो ना एक दूसरे के सामने करते हैं बड़ा मज़ा आएगा.

दीदी ने मुझे कुछ नही कहा उसकी आँखों से दो आँसू बह निकले. में थोड़ा शॉक्ड हो गया कि यह क्या हुआ दीदी ने अपना हाथ वापिस खीचा चुपचाप उठ के अपने बेडरूम में चली गयी और रूम बंद कर लिया.

मेरी समझ में नही आया कि यह सब हुआ क्या क्या बात हो गयी अभी तक तो चुदने को रेडी बैठी थी फिर यह एकदम से क्या हो गया मेरा खड़ा लंड कह रहा था कि यह सब बेकार के नखरे हैं और मुझे अभी जा के उसे पकड़ के चोद देना चाहिए.

मेरा दिमाग़ बुरी तरह से कन्फ्यूज़्ड था मेने भी टीवी बंद की और बेडरूम में जा के सो गया. मेरे साथ आज बुरी तरह से खड़े लंड पे चोट हुई थी मेने भी सोचा कि आज नही तो कल दीदी मेरे लंड के नीचे तो आएगी ही तभी इसका ही बदला लूँगा. सोते सोचते में सो गया.

अगले दिन सब कुछ नॉर्मल था. दीदी घर का काम कर रही थी मुझे चाइ दी और वापिस अपने काम में लग गयी मेने भी पिछली रात के बारे में कोई बात नही की. फिर में थोड़ी देर के लिए बाहर चला गया मेने सोचा इसी बहाने कुछ मूड भी फ्रेश हो जाएगा.

फिर सोचेंगे कि क्या करना है आगे. मैं काफ़ी देर तक बाहर इधर उधर घूमता रहा. फिर वापिस लौटा घर तो देखा कि दीदी टीवी के सामने बैठी थी , मुझे देख के उठी और बाथरूम में चली गयी नहाने के लिए.

मुझे याद आया कि मुझे उसकी लेग्स शेव करनी थी लेकिन मेने कुछ कहा नही. जब उसी ने नही कहा तो में क्यूँ कहूँ में आराम से वही बैठ के न्यूज़पेपर पढ़ रहा था. करीब 20 मिनट बाद दीदी बाथरूम से बाहर निकली उसने अपना गीला पेटिकोट लपेटा हुआ था.

वो बाथरूम से थोड़ा सा बाहर आई और मुझे देख के बोली अपना रेजर ले के आ मेरे बाल गीले हैं अभी शेव कर दे और वो वापिस अंदर चली गयी. में तुरंत भूल गया कि कल रात दीदी ने मेरे खड़े लंड पे क्या चोट की थी.
 

kumarrajnish

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में खुश हो गया और रेडी हो गया अंदर जाने के लिए. जब अंदर गया तो मुझे उम्मीद से भी बेहतर सीन मिला देखने को. दीदी ने अपना गीला पेटिकोट अपने बदन पे लपेट लिया था उसका पेट और चुचि छुपे हुए थे और उसकी जांघे तो लगभग पूरी नंगी थी बस चूत के सामने का हिस्सा पेटिकोट से छुपा हुआ था और दीदी बाथरूम के फेर्श पर लेटी हुई थी पीठ के बल दीदी बाथरूम के फर्श पर पैर मोड़ के लेटी हुई थी में अंदर गया तो देखता ही रह गया अभी तक का जो गुस्सा था सब भूल गया कि दीदी ने क्या किया था कल रत में अब तो में भी मज़े लेने के मूड में था.

मे-इसी पोज़ में लेटी रहो.इसमे शेव करने में आसानी होगी.

दीदी-पता है इसीलिए तो पहले से लेटी हूँ तू अच्छे से मेरी टाँगें शेव कर दे अब तो जब भी ज़रूरत पड़ेगी तो तुझ को बोलूँगी.

मे-हां बोल देना ना में कर दूँगा अच्छा कल रात में क्यूँ चली गयी थी?

दीदी- वो बाद में पूछ लेना अभी पहले शेविंग कर दे में गीली बैठी हुई हूँ मुझे ठंड लग रही है.

मे-हां ठीक है कर रहा हूँ.

मेने दीदी की राइट टाँग उठा ली और अपने कंधे पर रख ली में उनकी दोनो टाँगों के बीच बैठा हुआ था इसलिए जैसे ही उनको राइट टाँग उठाई मेने उनका पेटिकोट जो कि चूत के ठीक उपर तक ही था वो और उपर हो गया और दीदी की चूत मेरे सामने आ गयी नंगी चूत बालों से घिरी हुई.

दीदी को भी पता था लेकिन उसने छुपाया नही बल्कि वो वैसे ही लेटी रही में चूत को देखता हुआ दीदी की टाँग पर शेविंग ब्रश घुमा रहा था जब गाढ़ा फोम बन गया तब मेने रेजर लिया और उनकी टाँग शेव कर दी दीदी की टाँग पूरी प्रोसेस के दौरान ऐसे ही उठी हुई थी.

और उसकी चूत मुझे अपने दिव्य दर्शन दे रही थी फिर यही मेने दूसरी टाँग के साथ भी किया अब तक हम दोनो बिल्कुल चुप थे. ना दीदी कुछ बोल रही थी ना ही में उनकी दोनो टाँगें शेव हो जाने के बाद.
मे-टाँगें तो शेव हो गयी और कुछ करना है शेव.

दीदी-नही बस हो गया.

मे-यह भी करवा लो ना शेव.इतने बड़े बाल हो गये हैं.

दीदी-कहाँ के बाल?

मे-यह आपकी झान्टे इतनी बड़ी हो गयी हैं इन्हें भी शेव कर दूं.

दीदी-हट रे तू अपनी दीदी की झान्टे बनाएगा?

मे-में दीदी की टाँग शेव कर सकता हूँ तो झान्टे क्यूँ नही. चलो ऐसे ही लेटी रहो में झान्टे भी बना देता हूँ

दीदी-नही नही तू इन्हें शेव मत कर बस ट्रिम कर दे.

मे-अर्रे नही शेव करवा लो पूरा चिकना हो जाएगा तो ठीक रहेगा

दीदी-अर्रे कौन सा मेरा हज़्बेंड बैठा हुआ है जिसके लिए अपनी चूत चिकनी करूँ में? तू रहने दे.

मे-फिर से वही बात हज़्बेंड नही है तो तुम्हारी जिंदगी में कुछ नही है क्या. अब मुझसे बहस मत करो और चुपचाप लेटी रहो में झान्टे बना देता हूँ अभी. मेने शेविंग ब्रश उठाया और दीदी की दोनो टाँगों को फैला दिया और उनकी चूत के ठीक पास में आ गया.
 

kumarrajnish

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अब दीदी फर्श पर पीठ के बल लेटी थी दोनो टाँगें पूरी फैली हुई और चूत के ठीक पास में में था शेविंग ब्रश लिए हुए मेने झान्टो पे हाथ फेरा और फिर ब्रश लगाया दीदी का पूरा बदन काँप सा गया दीदी की कमर अपने आप उपर नीचे होने लगी.
मुझे पता चल गया कि अब मज़ा लेने की बारी है मेने बदस्तूर शेविंग ब्रश दीदी की झांतों पर फिराया और फिर धीरे से मेने ब्रश को दीदी की चूत पर रखा ब्रश जैसे ही दीदी की झान्टो से होता हुआ चूत की क्लिट पे आया तो दीदी के मुँह से एक ज़ोर की सिसकारी निकल गयी उसने अपनी उंगलियाँ दाँतों में दबा ली और चुप गयी मेने क्लिट पर शेविंग ब्रश ज़ोर ज़ोर से रगड़ा और फिर अपने दूसरे हाथ से दीदी की चूत की लिप्स को खोला और शेविंग ब्रश अंदर डाल दिया अब में लिटेरली दीदी की चूत को शेविंग ब्रश से चोद रहा था और दीदी तो जैसे पागल हुई जा रही थी उसकी कमर बहुत तेज स्पीड से हिल रही थी


और वो भी शेविंग ब्रश की फीलिंग ले रही थी मेने अब ज़रा भी देर नही की जो अंडरवेर मेने पहनी हुई थी वो उतार दी और अपना लंड हाथ में लिया शेविंग ब्रश एक बार लंड पे मारा जिससे थोड़ा फोम उसपे भी लग जाए और फिर दीदी की टाँगों के बीच में आ गया और लंड को ठीक चूत के सामने रखा दीदी यह सब होता देख रही थी.

उसके फेस पर कोई एक्सप्रेशन नही था बस वो मुझे देखे जा रही थी में भी अब रुकने वाला नही था दीदी ने अपने होंठ को दाँतों के नीचे दबाया और मुझे घुसने का इशारा मिल गया मेने उसकी शेविंग फोम से भीगी चूत में लंड की पहली ठोकर मारी लंड का अभी सिर्फ़ सुपाडा ही घुसा था की दीदी ने टाँगें उठा के मेरे इर्द गिर्द लपेट ली मेने दूसरी ठोकर मारी और लंड करीब आधा घुस गया दीदी की चूत में दीदी ने अपने होंठ इस कदर चबाए जैसे उन्हें खा ही जाएगी फिर बड़ी ही धीमी आवाज़ में सिसकती हुई बोली मार गयी मेरी माँ .

यह शब्द उसने इतने मादक अंदाज में कहे कि मेरा जोश और बढ़ गया मेने अभी तक आधा ही लंड डाला था और फिर अगले झटके में बाकी का लंड घुसेड दिया इस झटके के बाद तो दीदी की जैसे साँसे ही रुकी जा रही थी उसकी पूरी बॉडी काँप रही थी उसकी छाती फूल रही थी उसकी टाँगें मेरी कमर पर इतनी ज़ोर से लिपटी हुई थी कि अगर कोई कमजोर
मर्द होता तो उसकी कमर टूट जानी थी में टिका रहा लंड को थोड़ी देर चूत में ही रहने दिया दीदी ने जब अपनी टाँगें थोड़ी ढीली की और जब उसकी साँस थोड़ी नॉर्मल हुई तो मेने अपना काम शुरू किया इस बार ताबड़तोड़ दीदी की चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया दीदी की बॉडी कांपती रही.

कभी वो अपने हाथ से अपने सिर के बाल नोचती कभी टाँगों को मेरी कमर पे लपेटती कभी उन्ही टाँगों से मुझे ठोकर मारती उसकी समझ में नही आ रहा था कि इतनी एग्ज़ाइट्मेंट को कंट्रोल कैसे करे उसकी साँसे इतनी तेज थी कि लगा उसकी छाती फट जाएगी उसकी चीखें निकलना शुरू हो गयी.

मेरे लंड के झटके वो करीब 15 मिनट से खा रही थी और अभी तक उसकी बॉडी नॉर्मल नही हुई थी में हर झटके में लंड लगभग आधा निकाल लेता था और फिर पूरे फोर्स से घुसड़ देता था दीदी की सिहरन ऐसे ही बनी रही.

और फिर मेरा लंड झड्ने को रेडी हो गया मेने सोचा कि चूत में नही झडुन्गा मेने जैसे ही लंड निकालना चाहा दीदी ने अपनी टाँगों की ग्रिप टाइट कर दी और मुझे अपने ऑर खींच लिया मेने इशारा समझा और दीदी की चूत में अपने लंड का रस निकाला.

जब मेरे लंड ने पानी निकाला तो मुझे लगा जैसे मेरे शरीर से पूरा खून निकल के बाहर जा रहा है मेरे रोंगटे खड़े हो गये मुझे ऐसी फीलिंग हुई जैसे मेने 10 दिन से पेशाब रोका हुआ है और आज मूतने का मौका मिला है में भी चिल्लाता हुआ दीदी की चूत में झड गया.

में झड्ने के बाद लंड चूत में डाले रहा और दीदी के उपर लेट गया दीदी ने मुझे अपने सीन से से चिपका लिया वो भी अब कुछ नॉर्मल हो रही थी हम लोग ना जाने कितनी ही देर इसी तरह से पड़े रहे मेरा सिर दीदी की चुचियों पर था लंड दीदी की चूत में.

काफ़ी देर बाद मेने अपना सिर दीदी की चुचियों से उठाया उनकी आँखों में देखा तो वो ऐसे शरमाई जैसे अभी अभी सुहागरात की सेज पर मेने उनकी चूत की सील तोड़ी हो यह अदा तो मेरे दिल पर असर कर गयी मेने लंड चूत से निकाला तो उसमे हम दोनो के प्यार का रस चिपका हुआ था.

दीदी ने मुझे देखा मेने इशारा किया कि इसे चाट लो उन्होने ने अपना शरीर थोड़ा उठाया और मेरे पास आ गयी अब में अपने घुटनो के बल बैठ गया और दीदी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया.


मुझे यह तो मालूम था कि दीदी मुझसे चुद जाएगी लेकिन वो मेरा लंड भी चुसेगी यह मेने सपने में भी नही सोचा था..खुद मेरी बीवी ने कभी मेरा लंड नही चूसा था…बीवी को मेने कयि बार कहा लेकिन उसने कभी लंड को अपने मुँह के पास भी नही जाने दिया..और यहाँ दीदी मेरे लंड को जो कि प्रेम के रस से भीगा हुआ था….अभी अभी चूत से निकला था उसे ऐसे चाट रही थी ऐसे चूस रही थी जैसे वो दुनिया की सबसे साफ सुथरी और मीठी चीज़ है..में मारे खुशी के पागल हो गया…में उनके मुँह में ही लंड के धक्के मार रहा था वो अपने मुँह को ज़्यादा से ज़्यादा खोल के लंड को भीतर तक ले रही थी..और फिर मेरे लंड ने दूसरी पिचकारी छोड़ी दीदी के मुँह में…
 

kumarrajnish

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मेरा मन किया कि काश दीदी मेरा लंड का पानी पी ले…और वही हुआ…दीदी ने मेरे लंड का पूरा पानी अपने मुँह में ले लिया..लेकिन उसमे से कुछ बाहर गिरा तो उसने अपने हाथ लगा लिए नीचे और फिर हाथ से बाकी का रस भी चाट लिया…दीदी ने मुझे तो मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दे दिया था…मेरा लंड पहली बार किसी ने चूसा और चाटा और उसका पानी भी पिया…में तो दीदी का गुलाम बन गया….

फिर हम दोनो ने अपने अपने शरीर धोए और बाहर आ गये.

आज दीदी ने मेरे जीवन का सबसे बड़ा सुख दिया था मैं अपने लंड को चुसवाना चाहता था लेकिन मेरी बीबी स्वेता ने आज तक मेरे लंड को छुआ भी नही लेकिन आज दीदी ने लंड चूसने के साथ लंड का पूरा पानी भी पी गयी आज मैं दीदी का गुलाम हो गया बाथरूम से निकलते ही मैं अपने रूम मे घुस गया थोड़ी देर मे ऑफीस जाने के लिए रेडी हो गया ओर रूम से बाहर निकला ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठ गया थोड़ी देर मे दीदी अपने रूम मे से बाहर निकली वो गजब की संदर लग रही थी उनके हाथ मे एक थाली था उन्होने ब्लॅक साड़ी पहनी हुई थी ब्लॅक ब्लाउज सिर पर पल्लू नही था इसीलिए आगे का नज़रा सॉफ दिखाई दे रहा था ब्लाउज पारदर्शी था दीदी ने अंदर ब्रा नही पहनी थी उनकी चुचिया डीप कट ब्लाउज मे आधी से ज़यादा दिखाई दे रही थी होंठो पे लाल रंग की लिपस्टिक बाल खुले हुए थे.
दीदी ने थाली नीचे रख दी मेने थाली मे देखा

थोड़ी मिठाई, सिंदूर, एक मंगलसूत्र, मेने फिर से दीदी के चेहरे की तरफ देखा दीदी का चेहरा गुलाब की तरह खिला हुआ था
वो बहुत मुस्कुरा रही थी मैने दीदी की ओर देखा

तभी दीदी बोली' मैं कैसी लग रही हूँ.

राज- बहुत ही हसीन लग रही हो दीदी

दीदी मेरे होंठो पर अपने हाथ रखते हुए' दीदी नही सिर्फ़ अनिता'

राज- लेकिन मैं आपको नाम से कैसे पुकार सकता हूँ. आप मेरी वाइफ थोड़ी हो

दीदी धीरे से बोलते हुए' तो बना लो ना'

मैं दीदी की ओर देखते हुए' क्या बोली होश मे तो हो दीदी'

दीदी कुच्छ नही बोली थाली से मंगलसूत्र उठाई ओर मेरे सामने करते हुए ' ये लो भाई आज मेरे गले मे मंगलसूत्र पहनाकर मुझे अपनी दीदी से बीवी बना लो'

राज- नही दीदी ये नही हो सकता मैं स्वेता के साथ धोखा नही कर सकता

दीदी मेरी बात सुनकर एकदम गुस्सा हो गयी' क्यो नही बना सकते मुझे चोद सकते हो तो क्या मुझे अपनी बीवी नही बना सकते. क्या मुझे जिंदगी भर अपनी रखेल बनाकर रखना चाहते हो. अपनी रंडी बनाकर मुझे चोदना चाहते हो. क्या तुम अपनी दीदी की एक इच्छा पूरी नही कर सकते ठीक है अब तो मर्ज़ी है मुझे कोठे पर लेजा कर बेच दो. मुझे रंडी बना दो.
दीदी की आँखो से आँसू बहने लगे

वो मेरे पैरो मे गिर पड़ी उनके आँसुओ से मेरे दिल फटने लगा. मेने तुरंत दीदी को कंधो से पकड़ कर उठाया. मेने दीदी की आँखो मे देखा उनकी आँखो से आँसू बहे जा रहे थे मेने तुरंत थाली से एक चुटकी सिंदूर उठाया दीदी की माँग मे भर दिया


दीदी के आँसू अपने आप रुक गये मेने फिर मंगलसूत्र लिया दीदी के गले मे बाँध दिया.

फिर मैं वहाँ नही रुका तुरंत ऑफीस के लिए निकल गया. बिना नाश्ता किए दीदी के रोना बंद हो गया था. मैने दिनभर बैचेनी से ऑफीस मे बिताया नाश्ता भी नही किया किसी काम मे मन नही लग रहा था. पेट मे चूहे कूद रहे थे लेकिन खाने को मन नही कर रहा था. तभी मुझे दीदी का ख्याल आया दीदी की माँग मे सिंदूर तो भर दिया लेकिन अब स्वेता से कैसे सुलटुन्गा . मेरा दिमाग़ फटने लगा. शाम को जब घर लौटा तो ड्रॉयिंग रूम मे जाकर सोफे पर बैठ गया. तभी दीदी आई उनकी चाल ही बदल गयी थी बिल्कुल धीरे-धीरे किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह आई सर पर पल्लू रखी हुई थी डीप कट ब्लाउज पहनी हुई थी मंगलसूत्र उनकी दोनो चुचियो के बीच मे लटक रहा था. बहुत ही हसीन लग रही थी.


लेकिन मेरे इधर भूख के मारे पेट मे चूहे कूद रहे थे. मेरा मुँह सूखा हुआ था क्योकि जब खाना नही मिलता है तो कुच्छ भी करने को दिल नही कर रहा था

दीदी मेरे सामने आकर रुक गयी मेरे चेहरे की तरफ ध्यान से देखने लगी मैं भी उनकी आँखो मे देख रहा था दीदी थोड़ी देर मेरी आँखो मे देखने लगी फिर उठ कर किचन की तरफ चली गयी आज दीदी बदली-बदली सी लग रही थी.

मैं सोफे पर से खामोशी से उठा ओर अपने रूम मे आकर कपड़े बदले लगा कपड़े बदल रूम से बाहर निकाला ऑर बाथरूम घुस गया

बाथरूम से फ्रेश होने के बाद जब बाहर आया दीदी प्लेट मे नाश्ता लिए हुए सोफे पर बैठी हुई थी. मैं खामोशी से सोफे पर जाकर बैठ गया. मैने प्लेट मे देखा नाश्ता रखा हुआ था

दीदी भी पूरी तरह खामोश थी उसने चुपचाप नाश्ता मे से एक कौर बनाया ऑर मेरे मुँह के सामने कर दिया मैने ना चाहते हुए भी मुँह खोल दिया. दीदी ने नाश्ता मुँह मे डाल दिया मैं चुपचाप खाना खाने लगा था. दीदी का प्यार देख कर मैं एमोशनल हो गया ऑर मेरी आँखो से दो बूँद आँसू टपक पड़े. दीदी ने मेरे आँसू पोछे ओर इशारे से बोली कि मैं चुपचाप खाना खाउ.

खाना खाने के बाद दीदी ने प्लेट उठाई ऑर किचन मे लेकर चली गयी. लेकिन खाना खाने के बाद ना जाने क्यो मुझे नशा छाने लगा. ऑर मैं सोफे पर लेट गया. तभी दीदी किचन की तरफ से आ गई . दीदी को देखकर मैं बैठ गया दीदी जब सामने आई. तो दीदी- आपको परेशान होने की कोई ज़रूरत नही जबतक आप नही कहेंगे तबतक मैं आपको स्पर्श भी नही करूँगी.

इतना बोलते ही दीदी वहाँ से जाने लगी मैं खड़ा हुआ ऑर दीदी को खिचकर अपने सीने से चिपका लिया. दीदी ने अपना मुँह मेरे सीने मे छुपा लिया मेरी पीठ पर अपनी दोनो बाहों को कसते हुए चिपक गयी. मैं दीदी की पीठ को सहलाने लगा.बहुत देर तक हम गले से लगे रहे कोई नही बोल रहा था..........................
 

Dhansu2

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मेरा मन किया कि काश दीदी मेरा लंड का पानी पी ले…और वही हुआ…दीदी ने मेरे लंड का पूरा पानी अपने मुँह में ले लिया..लेकिन उसमे से कुछ बाहर गिरा तो उसने अपने हाथ लगा लिए नीचे और फिर हाथ से बाकी का रस भी चाट लिया…दीदी ने मुझे तो मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दे दिया था…मेरा लंड पहली बार किसी ने चूसा और चाटा और उसका पानी भी पिया…में तो दीदी का गुलाम बन गया….

फिर हम दोनो ने अपने अपने शरीर धोए और बाहर आ गये.

आज दीदी ने मेरे जीवन का सबसे बड़ा सुख दिया था मैं अपने लंड को चुसवाना चाहता था लेकिन मेरी बीबी स्वेता ने आज तक मेरे लंड को छुआ भी नही लेकिन आज दीदी ने लंड चूसने के साथ लंड का पूरा पानी भी पी गयी आज मैं दीदी का गुलाम हो गया बाथरूम से निकलते ही मैं अपने रूम मे घुस गया थोड़ी देर मे ऑफीस जाने के लिए रेडी हो गया ओर रूम से बाहर निकला ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठ गया थोड़ी देर मे दीदी अपने रूम मे से बाहर निकली वो गजब की संदर लग रही थी उनके हाथ मे एक थाली था उन्होने ब्लॅक साड़ी पहनी हुई थी ब्लॅक ब्लाउज सिर पर पल्लू नही था इसीलिए आगे का नज़रा सॉफ दिखाई दे रहा था ब्लाउज पारदर्शी था दीदी ने अंदर ब्रा नही पहनी थी उनकी चुचिया डीप कट ब्लाउज मे आधी से ज़यादा दिखाई दे रही थी होंठो पे लाल रंग की लिपस्टिक बाल खुले हुए थे.
दीदी ने थाली नीचे रख दी मेने थाली मे देखा

थोड़ी मिठाई, सिंदूर, एक मंगलसूत्र, मेने फिर से दीदी के चेहरे की तरफ देखा दीदी का चेहरा गुलाब की तरह खिला हुआ था
वो बहुत मुस्कुरा रही थी मैने दीदी की ओर देखा

तभी दीदी बोली' मैं कैसी लग रही हूँ.

राज- बहुत ही हसीन लग रही हो दीदी

दीदी मेरे होंठो पर अपने हाथ रखते हुए' दीदी नही सिर्फ़ अनिता'

राज- लेकिन मैं आपको नाम से कैसे पुकार सकता हूँ. आप मेरी वाइफ थोड़ी हो

दीदी धीरे से बोलते हुए' तो बना लो ना'

मैं दीदी की ओर देखते हुए' क्या बोली होश मे तो हो दीदी'

दीदी कुच्छ नही बोली थाली से मंगलसूत्र उठाई ओर मेरे सामने करते हुए ' ये लो भाई आज मेरे गले मे मंगलसूत्र पहनाकर मुझे अपनी दीदी से बीवी बना लो'

राज- नही दीदी ये नही हो सकता मैं स्वेता के साथ धोखा नही कर सकता

दीदी मेरी बात सुनकर एकदम गुस्सा हो गयी' क्यो नही बना सकते मुझे चोद सकते हो तो क्या मुझे अपनी बीवी नही बना सकते. क्या मुझे जिंदगी भर अपनी रखेल बनाकर रखना चाहते हो. अपनी रंडी बनाकर मुझे चोदना चाहते हो. क्या तुम अपनी दीदी की एक इच्छा पूरी नही कर सकते ठीक है अब तो मर्ज़ी है मुझे कोठे पर लेजा कर बेच दो. मुझे रंडी बना दो.
दीदी की आँखो से आँसू बहने लगे

वो मेरे पैरो मे गिर पड़ी उनके आँसुओ से मेरे दिल फटने लगा. मेने तुरंत दीदी को कंधो से पकड़ कर उठाया. मेने दीदी की आँखो मे देखा उनकी आँखो से आँसू बहे जा रहे थे मेने तुरंत थाली से एक चुटकी सिंदूर उठाया दीदी की माँग मे भर दिया


दीदी के आँसू अपने आप रुक गये मेने फिर मंगलसूत्र लिया दीदी के गले मे बाँध दिया.

फिर मैं वहाँ नही रुका तुरंत ऑफीस के लिए निकल गया. बिना नाश्ता किए दीदी के रोना बंद हो गया था. मैने दिनभर बैचेनी से ऑफीस मे बिताया नाश्ता भी नही किया किसी काम मे मन नही लग रहा था. पेट मे चूहे कूद रहे थे लेकिन खाने को मन नही कर रहा था. तभी मुझे दीदी का ख्याल आया दीदी की माँग मे सिंदूर तो भर दिया लेकिन अब स्वेता से कैसे सुलटुन्गा . मेरा दिमाग़ फटने लगा. शाम को जब घर लौटा तो ड्रॉयिंग रूम मे जाकर सोफे पर बैठ गया. तभी दीदी आई उनकी चाल ही बदल गयी थी बिल्कुल धीरे-धीरे किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह आई सर पर पल्लू रखी हुई थी डीप कट ब्लाउज पहनी हुई थी मंगलसूत्र उनकी दोनो चुचियो के बीच मे लटक रहा था. बहुत ही हसीन लग रही थी.


लेकिन मेरे इधर भूख के मारे पेट मे चूहे कूद रहे थे. मेरा मुँह सूखा हुआ था क्योकि जब खाना नही मिलता है तो कुच्छ भी करने को दिल नही कर रहा था

दीदी मेरे सामने आकर रुक गयी मेरे चेहरे की तरफ ध्यान से देखने लगी मैं भी उनकी आँखो मे देख रहा था दीदी थोड़ी देर मेरी आँखो मे देखने लगी फिर उठ कर किचन की तरफ चली गयी आज दीदी बदली-बदली सी लग रही थी.

मैं सोफे पर से खामोशी से उठा ओर अपने रूम मे आकर कपड़े बदले लगा कपड़े बदल रूम से बाहर निकाला ऑर बाथरूम घुस गया

बाथरूम से फ्रेश होने के बाद जब बाहर आया दीदी प्लेट मे नाश्ता लिए हुए सोफे पर बैठी हुई थी. मैं खामोशी से सोफे पर जाकर बैठ गया. मैने प्लेट मे देखा नाश्ता रखा हुआ था

दीदी भी पूरी तरह खामोश थी उसने चुपचाप नाश्ता मे से एक कौर बनाया ऑर मेरे मुँह के सामने कर दिया मैने ना चाहते हुए भी मुँह खोल दिया. दीदी ने नाश्ता मुँह मे डाल दिया मैं चुपचाप खाना खाने लगा था. दीदी का प्यार देख कर मैं एमोशनल हो गया ऑर मेरी आँखो से दो बूँद आँसू टपक पड़े. दीदी ने मेरे आँसू पोछे ओर इशारे से बोली कि मैं चुपचाप खाना खाउ.

खाना खाने के बाद दीदी ने प्लेट उठाई ऑर किचन मे लेकर चली गयी. लेकिन खाना खाने के बाद ना जाने क्यो मुझे नशा छाने लगा. ऑर मैं सोफे पर लेट गया. तभी दीदी किचन की तरफ से आ गई . दीदी को देखकर मैं बैठ गया दीदी जब सामने आई. तो दीदी- आपको परेशान होने की कोई ज़रूरत नही जबतक आप नही कहेंगे तबतक मैं आपको स्पर्श भी नही करूँगी.

इतना बोलते ही दीदी वहाँ से जाने लगी मैं खड़ा हुआ ऑर दीदी को खिचकर अपने सीने से चिपका लिया. दीदी ने अपना मुँह मेरे सीने मे छुपा लिया मेरी पीठ पर अपनी दोनो बाहों को कसते हुए चिपक गयी. मैं दीदी की पीठ को सहलाने लगा.बहुत देर तक हम गले से लगे रहे कोई नही बोल रहा था..........................
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मेरा मन किया कि काश दीदी मेरा लंड का पानी पी ले…और वही हुआ…दीदी ने मेरे लंड का पूरा पानी अपने मुँह में ले लिया..लेकिन उसमे से कुछ बाहर गिरा तो उसने अपने हाथ लगा लिए नीचे और फिर हाथ से बाकी का रस भी चाट लिया…दीदी ने मुझे तो मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दे दिया था…मेरा लंड पहली बार किसी ने चूसा और चाटा और उसका पानी भी पिया…में तो दीदी का गुलाम बन गया….

फिर हम दोनो ने अपने अपने शरीर धोए और बाहर आ गये.

आज दीदी ने मेरे जीवन का सबसे बड़ा सुख दिया था मैं अपने लंड को चुसवाना चाहता था लेकिन मेरी बीबी स्वेता ने आज तक मेरे लंड को छुआ भी नही लेकिन आज दीदी ने लंड चूसने के साथ लंड का पूरा पानी भी पी गयी आज मैं दीदी का गुलाम हो गया बाथरूम से निकलते ही मैं अपने रूम मे घुस गया थोड़ी देर मे ऑफीस जाने के लिए रेडी हो गया ओर रूम से बाहर निकला ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठ गया थोड़ी देर मे दीदी अपने रूम मे से बाहर निकली वो गजब की संदर लग रही थी उनके हाथ मे एक थाली था उन्होने ब्लॅक साड़ी पहनी हुई थी ब्लॅक ब्लाउज सिर पर पल्लू नही था इसीलिए आगे का नज़रा सॉफ दिखाई दे रहा था ब्लाउज पारदर्शी था दीदी ने अंदर ब्रा नही पहनी थी उनकी चुचिया डीप कट ब्लाउज मे आधी से ज़यादा दिखाई दे रही थी होंठो पे लाल रंग की लिपस्टिक बाल खुले हुए थे.
दीदी ने थाली नीचे रख दी मेने थाली मे देखा

थोड़ी मिठाई, सिंदूर, एक मंगलसूत्र, मेने फिर से दीदी के चेहरे की तरफ देखा दीदी का चेहरा गुलाब की तरह खिला हुआ था
वो बहुत मुस्कुरा रही थी मैने दीदी की ओर देखा

तभी दीदी बोली' मैं कैसी लग रही हूँ.

राज- बहुत ही हसीन लग रही हो दीदी

दीदी मेरे होंठो पर अपने हाथ रखते हुए' दीदी नही सिर्फ़ अनिता'

राज- लेकिन मैं आपको नाम से कैसे पुकार सकता हूँ. आप मेरी वाइफ थोड़ी हो

दीदी धीरे से बोलते हुए' तो बना लो ना'

मैं दीदी की ओर देखते हुए' क्या बोली होश मे तो हो दीदी'

दीदी कुच्छ नही बोली थाली से मंगलसूत्र उठाई ओर मेरे सामने करते हुए ' ये लो भाई आज मेरे गले मे मंगलसूत्र पहनाकर मुझे अपनी दीदी से बीवी बना लो'

राज- नही दीदी ये नही हो सकता मैं स्वेता के साथ धोखा नही कर सकता

दीदी मेरी बात सुनकर एकदम गुस्सा हो गयी' क्यो नही बना सकते मुझे चोद सकते हो तो क्या मुझे अपनी बीवी नही बना सकते. क्या मुझे जिंदगी भर अपनी रखेल बनाकर रखना चाहते हो. अपनी रंडी बनाकर मुझे चोदना चाहते हो. क्या तुम अपनी दीदी की एक इच्छा पूरी नही कर सकते ठीक है अब तो मर्ज़ी है मुझे कोठे पर लेजा कर बेच दो. मुझे रंडी बना दो.
दीदी की आँखो से आँसू बहने लगे

वो मेरे पैरो मे गिर पड़ी उनके आँसुओ से मेरे दिल फटने लगा. मेने तुरंत दीदी को कंधो से पकड़ कर उठाया. मेने दीदी की आँखो मे देखा उनकी आँखो से आँसू बहे जा रहे थे मेने तुरंत थाली से एक चुटकी सिंदूर उठाया दीदी की माँग मे भर दिया


दीदी के आँसू अपने आप रुक गये मेने फिर मंगलसूत्र लिया दीदी के गले मे बाँध दिया.

फिर मैं वहाँ नही रुका तुरंत ऑफीस के लिए निकल गया. बिना नाश्ता किए दीदी के रोना बंद हो गया था. मैने दिनभर बैचेनी से ऑफीस मे बिताया नाश्ता भी नही किया किसी काम मे मन नही लग रहा था. पेट मे चूहे कूद रहे थे लेकिन खाने को मन नही कर रहा था. तभी मुझे दीदी का ख्याल आया दीदी की माँग मे सिंदूर तो भर दिया लेकिन अब स्वेता से कैसे सुलटुन्गा . मेरा दिमाग़ फटने लगा. शाम को जब घर लौटा तो ड्रॉयिंग रूम मे जाकर सोफे पर बैठ गया. तभी दीदी आई उनकी चाल ही बदल गयी थी बिल्कुल धीरे-धीरे किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह आई सर पर पल्लू रखी हुई थी डीप कट ब्लाउज पहनी हुई थी मंगलसूत्र उनकी दोनो चुचियो के बीच मे लटक रहा था. बहुत ही हसीन लग रही थी.


लेकिन मेरे इधर भूख के मारे पेट मे चूहे कूद रहे थे. मेरा मुँह सूखा हुआ था क्योकि जब खाना नही मिलता है तो कुच्छ भी करने को दिल नही कर रहा था

दीदी मेरे सामने आकर रुक गयी मेरे चेहरे की तरफ ध्यान से देखने लगी मैं भी उनकी आँखो मे देख रहा था दीदी थोड़ी देर मेरी आँखो मे देखने लगी फिर उठ कर किचन की तरफ चली गयी आज दीदी बदली-बदली सी लग रही थी.

मैं सोफे पर से खामोशी से उठा ओर अपने रूम मे आकर कपड़े बदले लगा कपड़े बदल रूम से बाहर निकाला ऑर बाथरूम घुस गया

बाथरूम से फ्रेश होने के बाद जब बाहर आया दीदी प्लेट मे नाश्ता लिए हुए सोफे पर बैठी हुई थी. मैं खामोशी से सोफे पर जाकर बैठ गया. मैने प्लेट मे देखा नाश्ता रखा हुआ था

दीदी भी पूरी तरह खामोश थी उसने चुपचाप नाश्ता मे से एक कौर बनाया ऑर मेरे मुँह के सामने कर दिया मैने ना चाहते हुए भी मुँह खोल दिया. दीदी ने नाश्ता मुँह मे डाल दिया मैं चुपचाप खाना खाने लगा था. दीदी का प्यार देख कर मैं एमोशनल हो गया ऑर मेरी आँखो से दो बूँद आँसू टपक पड़े. दीदी ने मेरे आँसू पोछे ओर इशारे से बोली कि मैं चुपचाप खाना खाउ.

खाना खाने के बाद दीदी ने प्लेट उठाई ऑर किचन मे लेकर चली गयी. लेकिन खाना खाने के बाद ना जाने क्यो मुझे नशा छाने लगा. ऑर मैं सोफे पर लेट गया. तभी दीदी किचन की तरफ से आ गई . दीदी को देखकर मैं बैठ गया दीदी जब सामने आई. तो दीदी- आपको परेशान होने की कोई ज़रूरत नही जबतक आप नही कहेंगे तबतक मैं आपको स्पर्श भी नही करूँगी.

इतना बोलते ही दीदी वहाँ से जाने लगी मैं खड़ा हुआ ऑर दीदी को खिचकर अपने सीने से चिपका लिया. दीदी ने अपना मुँह मेरे सीने मे छुपा लिया मेरी पीठ पर अपनी दोनो बाहों को कसते हुए चिपक गयी. मैं दीदी की पीठ को सहलाने लगा.बहुत देर तक हम गले से लगे रहे कोई नही बोल रहा था..........................
बहुत सुंदर 👌
 
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