- 1,411
- 3,917
- 159
मेने सोचा कि कल ही इनका गेम बजाउन्गा आज मूवी का मज़ा लेते हैं और देखते हैं कि आगे क्या क्या होता है. दीदी बाथरूम का गेट खुला ही रख के अंदर गयी मुझे अंदर की सब आवाज़ सुनाई दे रही थी दीदी धीरे धीरे मोन कर रही थी और फिर उनकी आवाज़ें तेज होने लगी.
में समझ गया कि अब वो झड्ने वाली है थोड़ी देर के बाद दीदी बाथरूम से वापिस आई तो उसने अपनी ब्रा के हुक खोले हुए थे ब्रा बस चुचियों से चिपकी हुई थी और उसने पेटिकोट भी जांघों तक उठा लिया था उसके दूसरे हाथ में उसकी पैंटी थी जो उसने मेरे सामने ही फेर्श पर फेंक दी.
दीदी पेटिकोट के नीचे नंगी थी और उसकी ब्रा का होना ना होना एक जैसा ही था. फिर में उठ के बाथरूम गया.मेने भी गेट नही बंद किया और में नंगा हुआ पूरा नंगा होने के बाद मेने लंड को बस धीरे धीरे सहलाना शुरू किया ताकि वो अपने फुल फोर्स में आ जाए लगभग 10 मिन्स के बाद दीदी की आवाज़ आई कितनी देर करेगा.जल्दी आना.
अभी और भी मूवी देखनी है जल्दी कर में अंदर बैठा रहा लंड को धीरे धीरे सहलाता रहा बस कुछ नही बोला थोड़ी देर बाद मुझे सुनाई दिया की दीदी बाथरूम की तरफ आ रही है मेने लंड पे अपनी पकड़ टाइट कर दी और तेज तेज हाथ चलाने लगा.
दीदी गेट पे आके खड़ी हो गयी उसके सामने में फर्श पर बैठा हुआ था दोनो टाँगें चौड़ी थी और मेरा लंड फुल टाइट था जिसपे मेरा हाथ सटा सट उपर नीचे हो रहा था दीदी ने मेरा लंड देखा मज़े से फिर बोल जल्दी से गिरा दे पानी.तेरा तो झड्ने का नाम ही नही लेता.
और तेज तेज कर ज़्यादा ज़ोर से पकड़ ना उसे ज़ोर से पकड़ लंड को.और तेज से घिस. दीदी यह सब बोल रही थी और में लंड को घिस रहा था और तभी मेने ज़ोर का झटका दिया और मेरे लंड ने पहली पिचकारी छोड़ी मेरे लंड का रस हवा में उड़ता हुआ सीधे दीदी के पैरों के पास फेर्श पर गिरा.
दीदी थोड़ा पीछे हाथ गयी थी नही तो उसके उपर गिरता दीदी हंस के बोली मुझे प्रसाद चढ़ा रहा है क्या मेने कुछ नही कहा बस हंस दिया दीदी बोली चल अब जल्दी से आजा आगे की सीडी देखें. दीदी पहले ही मूड के चल दी थी मेने हाथ धोया और लंड धोया और बिना कुछ पहने नंगा ही बाहर आ गया.
दीदी- अर्रे कुछ तो शर्म कर ले कुछ तो पहन ले.
मे-रहने दो ना जो भी पहनूंगा बेकार में गीला हो जाएगा. ऐसे ही ठीक है आप भी आराम से हो लो उतार दो.
दीदी- में तो वैसे भी नंगी ही बैठी हूँ लेकिन तू तो बड़ा ही बिंदास हो रहा है आज का बात है?
मे-बीवी बड़ी याद आ रही है काश वो यहाँ होती.
दीदी- अच्छा हुआ कि वो यहाँ नही है नही तो तू उसे इतनी बुरी तरीके से पेलता की बेचारी मर ही जाती.
हमने फिर से मूवी चालू कर दी दीदी और में साइड में ही बैठे थे जैसे जैसे चुदाई के सीन्स आ रहे थे हम दोनो को फिर से जोश बढ़ता जा रहा था करीब 30 मिनिट्स तक देखने के बाद दीदी ने धीरे से कहा में बाथरूम से होके आती हूँ.
मेने दीदी का हाथ पकड़ लिया दीदी ने मुझे देखा मेने कहा कि जो करना है यहीं कर लो ना अब हमारे बीच क्या परदा. आपको चूत में उंगली करनी है और मुझे लंड घिसना है. हम दोनो वैसे भी नंगे ही हैं. चलो ना एक दूसरे के सामने करते हैं बड़ा मज़ा आएगा.
दीदी ने मुझे कुछ नही कहा उसकी आँखों से दो आँसू बह निकले. में थोड़ा शॉक्ड हो गया कि यह क्या हुआ दीदी ने अपना हाथ वापिस खीचा चुपचाप उठ के अपने बेडरूम में चली गयी और रूम बंद कर लिया.
मेरी समझ में नही आया कि यह सब हुआ क्या क्या बात हो गयी अभी तक तो चुदने को रेडी बैठी थी फिर यह एकदम से क्या हो गया मेरा खड़ा लंड कह रहा था कि यह सब बेकार के नखरे हैं और मुझे अभी जा के उसे पकड़ के चोद देना चाहिए.
मेरा दिमाग़ बुरी तरह से कन्फ्यूज़्ड था मेने भी टीवी बंद की और बेडरूम में जा के सो गया. मेरे साथ आज बुरी तरह से खड़े लंड पे चोट हुई थी मेने भी सोचा कि आज नही तो कल दीदी मेरे लंड के नीचे तो आएगी ही तभी इसका ही बदला लूँगा. सोते सोचते में सो गया.
अगले दिन सब कुछ नॉर्मल था. दीदी घर का काम कर रही थी मुझे चाइ दी और वापिस अपने काम में लग गयी मेने भी पिछली रात के बारे में कोई बात नही की. फिर में थोड़ी देर के लिए बाहर चला गया मेने सोचा इसी बहाने कुछ मूड भी फ्रेश हो जाएगा.
फिर सोचेंगे कि क्या करना है आगे. मैं काफ़ी देर तक बाहर इधर उधर घूमता रहा. फिर वापिस लौटा घर तो देखा कि दीदी टीवी के सामने बैठी थी , मुझे देख के उठी और बाथरूम में चली गयी नहाने के लिए.
मुझे याद आया कि मुझे उसकी लेग्स शेव करनी थी लेकिन मेने कुछ कहा नही. जब उसी ने नही कहा तो में क्यूँ कहूँ में आराम से वही बैठ के न्यूज़पेपर पढ़ रहा था. करीब 20 मिनट बाद दीदी बाथरूम से बाहर निकली उसने अपना गीला पेटिकोट लपेटा हुआ था.
वो बाथरूम से थोड़ा सा बाहर आई और मुझे देख के बोली अपना रेजर ले के आ मेरे बाल गीले हैं अभी शेव कर दे और वो वापिस अंदर चली गयी. में तुरंत भूल गया कि कल रात दीदी ने मेरे खड़े लंड पे क्या चोट की थी.
में समझ गया कि अब वो झड्ने वाली है थोड़ी देर के बाद दीदी बाथरूम से वापिस आई तो उसने अपनी ब्रा के हुक खोले हुए थे ब्रा बस चुचियों से चिपकी हुई थी और उसने पेटिकोट भी जांघों तक उठा लिया था उसके दूसरे हाथ में उसकी पैंटी थी जो उसने मेरे सामने ही फेर्श पर फेंक दी.
दीदी पेटिकोट के नीचे नंगी थी और उसकी ब्रा का होना ना होना एक जैसा ही था. फिर में उठ के बाथरूम गया.मेने भी गेट नही बंद किया और में नंगा हुआ पूरा नंगा होने के बाद मेने लंड को बस धीरे धीरे सहलाना शुरू किया ताकि वो अपने फुल फोर्स में आ जाए लगभग 10 मिन्स के बाद दीदी की आवाज़ आई कितनी देर करेगा.जल्दी आना.
अभी और भी मूवी देखनी है जल्दी कर में अंदर बैठा रहा लंड को धीरे धीरे सहलाता रहा बस कुछ नही बोला थोड़ी देर बाद मुझे सुनाई दिया की दीदी बाथरूम की तरफ आ रही है मेने लंड पे अपनी पकड़ टाइट कर दी और तेज तेज हाथ चलाने लगा.
दीदी गेट पे आके खड़ी हो गयी उसके सामने में फर्श पर बैठा हुआ था दोनो टाँगें चौड़ी थी और मेरा लंड फुल टाइट था जिसपे मेरा हाथ सटा सट उपर नीचे हो रहा था दीदी ने मेरा लंड देखा मज़े से फिर बोल जल्दी से गिरा दे पानी.तेरा तो झड्ने का नाम ही नही लेता.
और तेज तेज कर ज़्यादा ज़ोर से पकड़ ना उसे ज़ोर से पकड़ लंड को.और तेज से घिस. दीदी यह सब बोल रही थी और में लंड को घिस रहा था और तभी मेने ज़ोर का झटका दिया और मेरे लंड ने पहली पिचकारी छोड़ी मेरे लंड का रस हवा में उड़ता हुआ सीधे दीदी के पैरों के पास फेर्श पर गिरा.
दीदी थोड़ा पीछे हाथ गयी थी नही तो उसके उपर गिरता दीदी हंस के बोली मुझे प्रसाद चढ़ा रहा है क्या मेने कुछ नही कहा बस हंस दिया दीदी बोली चल अब जल्दी से आजा आगे की सीडी देखें. दीदी पहले ही मूड के चल दी थी मेने हाथ धोया और लंड धोया और बिना कुछ पहने नंगा ही बाहर आ गया.
दीदी- अर्रे कुछ तो शर्म कर ले कुछ तो पहन ले.
मे-रहने दो ना जो भी पहनूंगा बेकार में गीला हो जाएगा. ऐसे ही ठीक है आप भी आराम से हो लो उतार दो.
दीदी- में तो वैसे भी नंगी ही बैठी हूँ लेकिन तू तो बड़ा ही बिंदास हो रहा है आज का बात है?
मे-बीवी बड़ी याद आ रही है काश वो यहाँ होती.
दीदी- अच्छा हुआ कि वो यहाँ नही है नही तो तू उसे इतनी बुरी तरीके से पेलता की बेचारी मर ही जाती.
हमने फिर से मूवी चालू कर दी दीदी और में साइड में ही बैठे थे जैसे जैसे चुदाई के सीन्स आ रहे थे हम दोनो को फिर से जोश बढ़ता जा रहा था करीब 30 मिनिट्स तक देखने के बाद दीदी ने धीरे से कहा में बाथरूम से होके आती हूँ.
मेने दीदी का हाथ पकड़ लिया दीदी ने मुझे देखा मेने कहा कि जो करना है यहीं कर लो ना अब हमारे बीच क्या परदा. आपको चूत में उंगली करनी है और मुझे लंड घिसना है. हम दोनो वैसे भी नंगे ही हैं. चलो ना एक दूसरे के सामने करते हैं बड़ा मज़ा आएगा.
दीदी ने मुझे कुछ नही कहा उसकी आँखों से दो आँसू बह निकले. में थोड़ा शॉक्ड हो गया कि यह क्या हुआ दीदी ने अपना हाथ वापिस खीचा चुपचाप उठ के अपने बेडरूम में चली गयी और रूम बंद कर लिया.
मेरी समझ में नही आया कि यह सब हुआ क्या क्या बात हो गयी अभी तक तो चुदने को रेडी बैठी थी फिर यह एकदम से क्या हो गया मेरा खड़ा लंड कह रहा था कि यह सब बेकार के नखरे हैं और मुझे अभी जा के उसे पकड़ के चोद देना चाहिए.
मेरा दिमाग़ बुरी तरह से कन्फ्यूज़्ड था मेने भी टीवी बंद की और बेडरूम में जा के सो गया. मेरे साथ आज बुरी तरह से खड़े लंड पे चोट हुई थी मेने भी सोचा कि आज नही तो कल दीदी मेरे लंड के नीचे तो आएगी ही तभी इसका ही बदला लूँगा. सोते सोचते में सो गया.
अगले दिन सब कुछ नॉर्मल था. दीदी घर का काम कर रही थी मुझे चाइ दी और वापिस अपने काम में लग गयी मेने भी पिछली रात के बारे में कोई बात नही की. फिर में थोड़ी देर के लिए बाहर चला गया मेने सोचा इसी बहाने कुछ मूड भी फ्रेश हो जाएगा.
फिर सोचेंगे कि क्या करना है आगे. मैं काफ़ी देर तक बाहर इधर उधर घूमता रहा. फिर वापिस लौटा घर तो देखा कि दीदी टीवी के सामने बैठी थी , मुझे देख के उठी और बाथरूम में चली गयी नहाने के लिए.
मुझे याद आया कि मुझे उसकी लेग्स शेव करनी थी लेकिन मेने कुछ कहा नही. जब उसी ने नही कहा तो में क्यूँ कहूँ में आराम से वही बैठ के न्यूज़पेपर पढ़ रहा था. करीब 20 मिनट बाद दीदी बाथरूम से बाहर निकली उसने अपना गीला पेटिकोट लपेटा हुआ था.
वो बाथरूम से थोड़ा सा बाहर आई और मुझे देख के बोली अपना रेजर ले के आ मेरे बाल गीले हैं अभी शेव कर दे और वो वापिस अंदर चली गयी. में तुरंत भूल गया कि कल रात दीदी ने मेरे खड़े लंड पे क्या चोट की थी.