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Incest दीदी और बीबी

Gsc

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मेरा मन किया कि काश दीदी मेरा लंड का पानी पी ले…और वही हुआ…दीदी ने मेरे लंड का पूरा पानी अपने मुँह में ले लिया..लेकिन उसमे से कुछ बाहर गिरा तो उसने अपने हाथ लगा लिए नीचे और फिर हाथ से बाकी का रस भी चाट लिया…दीदी ने मुझे तो मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दे दिया था…मेरा लंड पहली बार किसी ने चूसा और चाटा और उसका पानी भी पिया…में तो दीदी का गुलाम बन गया….

फिर हम दोनो ने अपने अपने शरीर धोए और बाहर आ गये.

आज दीदी ने मेरे जीवन का सबसे बड़ा सुख दिया था मैं अपने लंड को चुसवाना चाहता था लेकिन मेरी बीबी स्वेता ने आज तक मेरे लंड को छुआ भी नही लेकिन आज दीदी ने लंड चूसने के साथ लंड का पूरा पानी भी पी गयी आज मैं दीदी का गुलाम हो गया बाथरूम से निकलते ही मैं अपने रूम मे घुस गया थोड़ी देर मे ऑफीस जाने के लिए रेडी हो गया ओर रूम से बाहर निकला ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठ गया थोड़ी देर मे दीदी अपने रूम मे से बाहर निकली वो गजब की संदर लग रही थी उनके हाथ मे एक थाली था उन्होने ब्लॅक साड़ी पहनी हुई थी ब्लॅक ब्लाउज सिर पर पल्लू नही था इसीलिए आगे का नज़रा सॉफ दिखाई दे रहा था ब्लाउज पारदर्शी था दीदी ने अंदर ब्रा नही पहनी थी उनकी चुचिया डीप कट ब्लाउज मे आधी से ज़यादा दिखाई दे रही थी होंठो पे लाल रंग की लिपस्टिक बाल खुले हुए थे.
दीदी ने थाली नीचे रख दी मेने थाली मे देखा

थोड़ी मिठाई, सिंदूर, एक मंगलसूत्र, मेने फिर से दीदी के चेहरे की तरफ देखा दीदी का चेहरा गुलाब की तरह खिला हुआ था
वो बहुत मुस्कुरा रही थी मैने दीदी की ओर देखा

तभी दीदी बोली' मैं कैसी लग रही हूँ.

राज- बहुत ही हसीन लग रही हो दीदी

दीदी मेरे होंठो पर अपने हाथ रखते हुए' दीदी नही सिर्फ़ अनिता'

राज- लेकिन मैं आपको नाम से कैसे पुकार सकता हूँ. आप मेरी वाइफ थोड़ी हो

दीदी धीरे से बोलते हुए' तो बना लो ना'

मैं दीदी की ओर देखते हुए' क्या बोली होश मे तो हो दीदी'

दीदी कुच्छ नही बोली थाली से मंगलसूत्र उठाई ओर मेरे सामने करते हुए ' ये लो भाई आज मेरे गले मे मंगलसूत्र पहनाकर मुझे अपनी दीदी से बीवी बना लो'

राज- नही दीदी ये नही हो सकता मैं स्वेता के साथ धोखा नही कर सकता

दीदी मेरी बात सुनकर एकदम गुस्सा हो गयी' क्यो नही बना सकते मुझे चोद सकते हो तो क्या मुझे अपनी बीवी नही बना सकते. क्या मुझे जिंदगी भर अपनी रखेल बनाकर रखना चाहते हो. अपनी रंडी बनाकर मुझे चोदना चाहते हो. क्या तुम अपनी दीदी की एक इच्छा पूरी नही कर सकते ठीक है अब तो मर्ज़ी है मुझे कोठे पर लेजा कर बेच दो. मुझे रंडी बना दो.
दीदी की आँखो से आँसू बहने लगे

वो मेरे पैरो मे गिर पड़ी उनके आँसुओ से मेरे दिल फटने लगा. मेने तुरंत दीदी को कंधो से पकड़ कर उठाया. मेने दीदी की आँखो मे देखा उनकी आँखो से आँसू बहे जा रहे थे मेने तुरंत थाली से एक चुटकी सिंदूर उठाया दीदी की माँग मे भर दिया


दीदी के आँसू अपने आप रुक गये मेने फिर मंगलसूत्र लिया दीदी के गले मे बाँध दिया.

फिर मैं वहाँ नही रुका तुरंत ऑफीस के लिए निकल गया. बिना नाश्ता किए दीदी के रोना बंद हो गया था. मैने दिनभर बैचेनी से ऑफीस मे बिताया नाश्ता भी नही किया किसी काम मे मन नही लग रहा था. पेट मे चूहे कूद रहे थे लेकिन खाने को मन नही कर रहा था. तभी मुझे दीदी का ख्याल आया दीदी की माँग मे सिंदूर तो भर दिया लेकिन अब स्वेता से कैसे सुलटुन्गा . मेरा दिमाग़ फटने लगा. शाम को जब घर लौटा तो ड्रॉयिंग रूम मे जाकर सोफे पर बैठ गया. तभी दीदी आई उनकी चाल ही बदल गयी थी बिल्कुल धीरे-धीरे किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह आई सर पर पल्लू रखी हुई थी डीप कट ब्लाउज पहनी हुई थी मंगलसूत्र उनकी दोनो चुचियो के बीच मे लटक रहा था. बहुत ही हसीन लग रही थी.


लेकिन मेरे इधर भूख के मारे पेट मे चूहे कूद रहे थे. मेरा मुँह सूखा हुआ था क्योकि जब खाना नही मिलता है तो कुच्छ भी करने को दिल नही कर रहा था

दीदी मेरे सामने आकर रुक गयी मेरे चेहरे की तरफ ध्यान से देखने लगी मैं भी उनकी आँखो मे देख रहा था दीदी थोड़ी देर मेरी आँखो मे देखने लगी फिर उठ कर किचन की तरफ चली गयी आज दीदी बदली-बदली सी लग रही थी.

मैं सोफे पर से खामोशी से उठा ओर अपने रूम मे आकर कपड़े बदले लगा कपड़े बदल रूम से बाहर निकाला ऑर बाथरूम घुस गया

बाथरूम से फ्रेश होने के बाद जब बाहर आया दीदी प्लेट मे नाश्ता लिए हुए सोफे पर बैठी हुई थी. मैं खामोशी से सोफे पर जाकर बैठ गया. मैने प्लेट मे देखा नाश्ता रखा हुआ था

दीदी भी पूरी तरह खामोश थी उसने चुपचाप नाश्ता मे से एक कौर बनाया ऑर मेरे मुँह के सामने कर दिया मैने ना चाहते हुए भी मुँह खोल दिया. दीदी ने नाश्ता मुँह मे डाल दिया मैं चुपचाप खाना खाने लगा था. दीदी का प्यार देख कर मैं एमोशनल हो गया ऑर मेरी आँखो से दो बूँद आँसू टपक पड़े. दीदी ने मेरे आँसू पोछे ओर इशारे से बोली कि मैं चुपचाप खाना खाउ.

खाना खाने के बाद दीदी ने प्लेट उठाई ऑर किचन मे लेकर चली गयी. लेकिन खाना खाने के बाद ना जाने क्यो मुझे नशा छाने लगा. ऑर मैं सोफे पर लेट गया. तभी दीदी किचन की तरफ से आ गई . दीदी को देखकर मैं बैठ गया दीदी जब सामने आई. तो दीदी- आपको परेशान होने की कोई ज़रूरत नही जबतक आप नही कहेंगे तबतक मैं आपको स्पर्श भी नही करूँगी.

इतना बोलते ही दीदी वहाँ से जाने लगी मैं खड़ा हुआ ऑर दीदी को खिचकर अपने सीने से चिपका लिया. दीदी ने अपना मुँह मेरे सीने मे छुपा लिया मेरी पीठ पर अपनी दोनो बाहों को कसते हुए चिपक गयी. मैं दीदी की पीठ को सहलाने लगा.बहुत देर तक हम गले से लगे रहे कोई नही बोल रहा था..........................

कहानीकार जी
मैंने यह कहानी अभी कुछ दिनो से ही पढ्न शुरू किया है
आपने कहानी बहोत ही अच्छी और बहोत ही अच्छे से लिखी है जो की रोमांचित भी करती है और उत्तशाह भी बढ़ती है आगे पढ़ने क लिए।
आपसे निवेदन है के जब आग लगा ही दी है तो इसे आगे जल्दी से पूरी भड़का के शांति की ओर ले जाए जिससे और मज़ा आए आपसे आगे के अपडेट के इंतेजर मे।
 

kumarrajnish

kumaruttem
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Super hot update
बहुत सुंदर 👌
नेक्स्ट
Didi se bibi ban gayi
Rasprad aur Romanchak. Pratiksha agle update ki
जबरदस्त अपडेट है । आखिरकार दीदी को भी बीबी बना ही लिया । अब तो दोनों हाथों में लड्डू है
Super hot update💦💦💦
Superb hot update
Jabardast update ...
Bahut he badhiya 👌 jabardast khani hai ..
nice story
Bhai update do yar..
अगले अपडेट का इंतजार है
कहानीकार जी
मैंने यह कहानी अभी कुछ दिनो से ही पढ्न शुरू किया है
आपने कहानी बहोत ही अच्छी और बहोत ही अच्छे से लिखी है जो की रोमांचित भी करती है और उत्तशाह भी बढ़ती है आगे पढ़ने क लिए।
आपसे निवेदन है के जब आग लगा ही दी है तो इसे आगे जल्दी से पूरी भड़का के शांति की ओर ले जाए जिससे और मज़ा आए आपसे आगे के अपडेट के इंतेजर मे।
Gajab kahani hai.... wait for another update
Gajab update bhai and waiting for more.....
🙏🙏Thanks sabhi ko
 

kumarrajnish

kumaruttem
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इतना बोलते ही दीदी वहाँ से जाने लगी मैं खड़ा हुआ ऑर दीदी को खिचकर अपने सीने से चिपका लिया. दीदी ने अपना मुँह मेरे सीने मे छुपा लिया मेरी पीठ पर अपनी दोनो बाहों को कसते हुए चिपक गयी. मैं दीदी की पीठ को सहलाने लगा.बहुत देर तक हम गले से लगे रहे कोई नही बोल रहा था.............................

तभी मेने दीदी के ब्लाउज के उपर से उसकी पीठ को सहलाते हुए' अनिता डार्लिंग'
मेरे इतना बोलते ही दीदी ने अपना चेहरा उपर उठाया ऑर मेरे पूरे चेहरे को चूमने लगी. दीदी एकदम पागल हो गयी. कुच्छ देर मेरे चेहरे को चूमने के बाद.
दीदी- आइ लव यू राज

राज- लव यू टू अनिता डार्लिंग

दीदी फिर से मेरे सीने से चिपक गयी. मेने अपने दोनो हाथो से दीदी का चेहरा पकड़कर अलग किया. उनके होंठो को चूम लिया दीदी ने भी मेरे होंठो को चूम लिया. मेने अपने दोनो हाथो मे दीदी को उपर उठाया ऑर लाकर उनके रूम मे लाकर बेड पर बैठा दिया.

मैं दीदी के कान मे बोलते हुए' मैं ड्रॉयिंग रूम मे सोने जा रहा हूँ जब मैं उठु तब मेरी अनिता बीवी मेरे बिस्तर पर केवल दो पीसेस ब्रा-पैंटी मे मिलनी चाहिए समझी. इतना बोलकर मैं ड्रॉयिंग रूम मे आया ऑर सोफे सो गया.

लगभग दो घंटे के बाद नींद खुली तो मैं बाथरूम मे घुसा ओर जब मैं फ्रेश होकर आया तो तभी मुझे कुच्छ याद आया अरे मेरी अनिता डार्लिंग मेरा इंतज़ार कर रही होगी. मेने जल्दी से जाकर मेन गेट को बंद किया ऑर अपने रूम मे चल दिया.

दरवाजा अंदर से बंद था जब मेने दरवाजा को अंदर की तरफ धकेला तो दरवाजा खुल गया. मैं अंदर घुसा बेड पर दीदी एक चादर ओढ़ कर बैठी हुई थी. मेने दरवाजे को अंदर से बंद किया. धीरे-धीरे बेड की तरफ बढ़ गया

मैं जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल कर एक अंडरवेरमे हो गया. बेड पर चढ़ गया. मैं एकदम दीदी के सामने हो गया धीरे-धीरे चादर को पकड़ते हुए चादर को एक झटके मे नीचे फेक दिया. दीदी के सरीर पर मात्र एक ब्रा था वो भी पारदर्शी उसमे मे से चुचिया पूरी दिखाई दे रही थी. निप्पल्स भी स्पष्ट दिखाई दे रहे थे मेरा तो गला सूखने लगा. मैं जैसे ही दीदी की ओर बढ़ा दीदी खड़ी हो गई टेबल पर से ग्लास उठाया मेरे मुँह के सामने कर दिया मैने ग्लास अपने हाथ मे लिया दीदी के मुँह से लगाकर पहले तुम. दीदी ने दो घुट पीया फिर मुँह हटा लिया फिर तो मैं एक ही सांस मे पूरा पी गया.. दीदी ने एक वाइट कलर की ब्रा-पैंटी पहनी हुई थी. गले मे मंगलसूत्र माँग मे सिंदूर.

मेरा मूसल जैसा लंड मेरे अंडरवेर मे झटके मार रहा था. मेने दीदी को पीठ के बल लिटाया. धीरे-धीरे उनके होंठो के उपर झुकने लगा. जल्दी ही हमारे होंठ आपस मिल गये.
हम दोनो एक दूसरे के होंठो को खा जाना चाहते थे मैं दीदी को बाहों कस लिया उनके होंठो को चुसते हुए करवट बदला अब दीदी उपर थी ऑर मैं नीचे. मैने दीदी के होंठो को चूस्ते हुए अपनी जीभ दीदी के मुँह मे डाल दी अपने दोनो हाथों को दीदी की नंगी पीठ पर घूमाते हुए ब्रा के हुक खोल दिए पूरे पीठ पर हाथ घूमने लगा, फिर से दीदी को पलटा ऑर अपने नीचे कर लिया

ब्रा को निकाल कर फेक दिया. दोनो चुचियो को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा. दीदी मेरे होंठो को काटने लगी मेने उनके होंठो को छोड़ा ऑर नीचे सरकते हुए एक चुचि के निपल्स को होंठो मे भरा ज़ोर-ज़ोर से चुसते हुए दूसरी को मसलने लगा. दीदी के मुँह से सिसकरी पे सिसकारी फूट रही थी..एयेए.....एयेए....हह...एयेए .....घह....हह.......आआआ....हह...एयेए .....आआआ....हह...एयेए

मैं दीदी की दोनो चुचियो को मसलते हुए चुसते हुए एक हाथ को नीचे किया पैंटी मे घुसाते हुए कच से अपनी दो उंगलियो को दीदी की चूत मे पेलकर दोनो उंगलियो को अंदर-बाहर करने लगा. दीदी बुरी तरह छटपटाने लगी.. ज़ोर से चीखते हुए... आआआ....हह...एयेए ......हा...ग्ग्गाअ.......आआआ..राज ..कहते झड गयी. उनके चूत रस से मेरी दोनो उंगलिया भीग गयी मैं खड़ा हुआ अंडरवेर निकाल कर फेक दिया. फिर दीदी की पैंटी को पकड़ते हुए निकाल कर फेक दिया. दीदी मस्ती मे आँखे बंद करते हुए ऑर्गॅज़म का मज़ा ले रही थी. मैने तुरंत ही दीदी की दोनो जाँघो को अलग किया ऑर उनकी चूत पर झुक गया दीदी की चूत अपने ही रस से भरी हुई थी. मैने अपना जीभ निकली और उपर से नीचे तक पूरी चूत को चाट लिया.

दीदी..आआआ....हह...एयेए

मेने चूत की फांको को अलग किया ऑर चूत रस पीने लगा. थोड़ी देर में दीदी फिर से सिसकारी भरने लगी मेने जीभ को नुकीला बनाया ऑर चूत को जीभ से चोदने लगा . दीदी की चूत भल-भल पानी फेक रही थी मैं सारे पानी को पिए जा रहा था............................. थोड़ी देर मे दीदी मेरे सर को अपने चूत पर दबाने लगी..ज़ोर से चीखते हुए फिर से झड गयी. और मेरे सर को अपने चूत पर दबा दी. मैं दीदी के सारे पानी को पी गया............................ थोड़ी देर मे दीदी एकदम शांत पड़ गयी. मेरे सर को चोद दी मेने सर उपर उठाया अब मेरा बुरा हाल था. मेरा लंड झटके मार रहा था. मैं दीदी की दोनो टाँगो के बीच मे आ गया. लंड को चूत की दरार मे रगड़ने लगा. फिर लंड को चूत के गुलाबी छेद मे सेट किया थोड़ा धक्का लगाया मेरे लंड का सुपाडा चूत मे समा गया दीदी कसमसा गयी. मैं दीदी के उपर झुका और उनकी दोनो चुचियो को पकड़ते हुए मसलने लगा ऑर पूरा ताक़त लगाकर एक जबर्दस्स्त धक्का लगाया. लगभग आधा से ज़्यादा लंड चूत मे समा गया लेकिन मैं रुका नही फिर से एक ऑर धक्का लगाया. लंड पूरा का पूरा चूत मे समा गया............................

चूत बहुत ही टाइट थी. दीदी सत्पटाने लगी अपने होंठो को अपने दाँतों मे दबा लिया. मैं दीदी की दोनो चुचियो को मसलते हुए उनके होंठो को चूसने लगा. दीदी अपने दोनो हाथो से बालो को पकड़ते हुए मेरे होंठ चूसे जा रही थी. 5 मिनिट्स के बाद मैं पूरे लंड को दीदी की चूत मे अंदर-बाहर करने लगा.. दीदी भी नीचे से अपनी गान्ड उछाल्ने लगी मैं ज़ोर-ज़ोर से लंड अंदर-बाहर किए जा रहा था.............................

अपने दोनो हाथो से दीदी की चुचियो को मसलते हुए धक्का लगाए जा रहा था. 10मिनिट्स के बाद दीदी के होंठो को चुसते हुए उनके चुचियो को मसलते हुए एक जोरदार धक्का लगाया ऑर लंड को चूत की घहराई मे उतारते हुए झडने लगा मेरा वीर्य सीधा दीदी की बच्चेदानी मे गिर रहा था............................. दीदी भी मेरे झड्ते ही झड गयी उनकी चूत से चूत रस की नादिया बह निकली. मैं कुच्छ देर उसी तरह पड़ा रहा दीदी मेरी पीठ को सहलाए जा रही थी.



मेने लंड को चूत से नही निकाला कुच्छ देर मे मेरी ऑर दीदी की साँसे नॉर्मल हो गयी. मैं दीदी की दोनो चुचियो को दोनो हाथो से दबोचते हुए ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा. निपल्स को चूसने लगा. दीदी सिसकारी भरने लगी .....आआआ....हह...एयेए ...र्रा....ज्ज्ज्ज्ज्ज....रा...ज्ज..आआआ....हह...एयेए

मैं चुचियो को मसलते हुए चुचियो के निपल्स को चूसने लगा. इधर मेरा लंड दीदी की चूत मे ही खड़ा हो गया. ऑर झटके मारने लगा. दीदी के निपल्स पत्थर की टाइट हो गये.

दीदी मेरे सर को अपनी चुचियो पर दबाए जा रही थी ....आआआ....हह...एयेए ...आ..आआआ....हह...एयेए ..ज्ज .....आआआ....हह...एयेए

दीदी मेरे सर को पकड़ते हुए होंठो को चूसने लगी अपनी जीभ निकाल कर मेरे मुँह मे डाल दी. मैं दीदी की जीभ को आइसक्रीम की तरह चूसने लगा. लंड चूत के अंदर मूसल की तरह झटके मार रहा था.
 

kumarrajnish

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मैं दीदी की दोनो चुचियो को मसलते हुए लंड को चूत मे पेलने लगा. दीदी की चूत मेरे ऑर दीदी के प्रेमरस से भरी हुई थी. मैं दीदी की दोनो चुचियो को मसलते हुए ज़ोर-ज़ोर से लंड को पेलने लगा. दीदी भी अपनी गान्ड उठा कर सहयोग कर रही थी. उनके मुँह से सिसकारी फुट रही थी.. आआआ....हह...एयेए ...ऑर..ज्ज..ऊ..र्र. से...सीसी...आ...र्र..ईई..याइ..ई
मुझे अपने बच्चे की माँ बना दीजिए .....आआआ....हह...एयेए

दीदी की बात सुनकर मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा.. मैं ज़ोर से सिसकते हुए लंड को बच्चेदानी मे ठेलते हुए झडने लगा.. मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी सीधे बच्चेदानी मे गिर रही थी..
दीदी भी मेरे साथ ही झड गयी.

मैं अपना पानी छोड़ते ही दीदी के उपर लुढ़क गया. मस्ती मे आँखे बंद होने लगी.. दीदी भी मुझे अपने बाहों मे कसे हुए थी.. नज़ाने मैं दीदी के उपर कब सो गया पता नही चला...
....................................................
सुबह जब मैं उठा तो 6:00 रहे थे. मेरे बदन पर एक चादर डली हुई थी. मैं अभी पूरी तरह नंगा था दीदी मेरे पास नही थी.
तभी दीदी अपने हाथ मे चाइ का कप लिए एंटर हुई.. उनके बदन एक नाइटी थी जो जाँघो तकही थी नाइटी पारदर्शी थी..
अंदर कुच्छ भी नही था केवल वो नाइटी थी..

दीदी मेरे पास आई ''उठिए ऑर चाइ पी लीजिए''

राज- चाइ को टेबल पर रखकर मेरे पास आओ तो.

दीदी ने चाइ का कप टेबल पर रखा ऑर मेरे पास आकर खड़ी हो गयी.

मैं नीचे उतरा लंड एकदम सुबह-सुबह खड़ा हो गया था

मेने दीदी को बाहों मे भरते हुए उनके होंठो को चूसने लगा. दीदी थोड़ा कसमसाई फिर वो भी मेरे होंठो को चूसने लगी. थोड़ी देर होंठो को चूसने से दीदी गरम हो गयी मेरे होंठो को चूसने लगी. मैं ने तुरंत दीदी को घोड़ी बनाया. नाइटी को उठा कर पीठ तक कर दी, दीदी ने एक बहुत ही छोटी पैंटी पहनी हुई थी मैं. दीदी की बड़ी-बड़ी गान्ड की दरार मे पैंटी की एक पतली सा पट्टी थी, मैने पैंटी को बिना निकाले पट्टी को खिसकाया लंड को चूत के छेद मे सेट करते हुए एक जबर्दस्सत लगाया. लंड पूरा जड़ तक चूत मे समा गया.. दीदी की मुँह से सिसकारी फुट पड़ी.. एयेए..आ....एम्म्म ...एमेम...उउउ...एम्म......एयेए..आ....एम्म्म ...एयेए..आ....एम्म्म ...द्ड़ग्गाअ.. आआआ...

मैं थोड़ा रुका फिर ज़ोर-ज़ोर से दीदी को चोदने लगा. मेरी जांघे दीदी के चुतड़ों से टकरा रही थी. मैं अपने मूसल जैसे लंड को दीदी की चूत मे पेले जा रहा था............................. लगभग 10 मिनिट्स के बाद मैं दीदी की चूत मे वीर्य की पिचकारी छोड़ने लगा. तबतक दीदी दो बार झड गयी.

सुबह की इस दमदार चुदाई से हम दोनो बिल्कुल मस्त हो गये. दीदी बेड पर गिर पड़ी मैं उनकी पीठ पर गिर गया. थोड़ी देर बाद मैं खड़ा हुआ एक टॉवेल उठा कर लपेट लिया. दीदी खड़ी हुई उनकी चूत से वीर्य नीचे जाँघो पर गिर रहा था. दीदी अपने दोनो पैरो को फैलाते हुए बैठ गयी और पैंटी निकालते हुए चूत को पोछने लगी चूत को पोछने के बाद दोनो पैरो को फैलाते हुए चूत के अंदर देखने लगी मेरी नज़र जैसे ही चूत के गुलाबी छेद पर पड़ी तो लंड फिर से खड़ा होकर झटके मारने लगा.


मेने टॉवेल को नीचे फेका बेड पर चढ़ते हुए दीदी की टाँगो के बीच बैठते हुए लंड को चूत के गुलाबी छेद पर सेट किया ऑर एक ही बार मे पूरा पेल दिया.. दीदी के मुँह से सिसकारी फुट गयी...एयेए..आ....एम्म्म ...न्न्म...एमेम...उउउ...एम्म...य्यी....एमेम...उउउ...एम्म..

मैं दीदी की दोनो टाँगो को कंधे पर रखा ऑर ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा.. इस बार काफ़ी देर बाद मैं दीदी की चूत मे झड गया ऑर दीदी के उपर गिर कर हाँफने लगा. दीदी दो बार झड गयी.

मैं जल्दी से उठा टॉवेल उठा कर लपेटा और दीदी पैंटी उठा कर नाइटी नीचे करते हुए. रूम से बाहर निकल गयी.
हम दोनो बाथरूम मे घुस गये.
 
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