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दो लड़कियां आपस मे बाते करती हुई रनिंग कर रही थी उसमें से पहली लड़की बोलती है
लड़की 1:आप ने जो बोला था वह मैं कर दी हु लेकिन मेरी समझ मे एक बात नही आ रही है आपने कल इतनी बड़ी गलती करकैसे दी।
लड़की 2 :क्या करूँ यार अब जब गलती होनी थी हो गयी अब मैंने यह सब जान बूझ कर तो किया नही और ऊपर से उन सबने अचानक आकर पकड़ लिया और मैं कुछ नही कर पाई। वह तो भला हो उस लड़के का जिसने अपनी जान की परवाह न करते हुए मेरी सुरक्षा की ।
लड़की 1 :आपको क्या लगता है इसमें किसी की साजिश थी या ऐसे ही किसी का काम था।कहि ऐसा तो नही इस बार भी कही उसी कामिनी का हाथ तो नही है।
लड़की 2 :नही मुझे ऐसा नही लगता वह अब ऐसा हरकत दुबारा करेगी ।वैसे भी वह सब दारू के नशे में थे तो मुझे नही लगता कि यह किसी प्रकार की साजिश थी ।
लड़की 1: पर जंहा तक मैने पता किया उसका भी वही गांव है जंहा पर तुम्हारे साथ यह हरकत करने की कोशिश की गई।
लड़की 2 :तुम वह सब छोड़ो यह बताओ कि आज का क्या प्रोग्राम है ।कुछ खास है जिसमे मेरा रहना जरूरी है।
लड़की 1 :नही वैसे तो कुछ खास काम नही है बस 1 या 2 मीटिंग है और उसके बाद आपको जगह चीफ गेस्ट के रूप में जाना है।
लड़की2 : तो तुम ऐसा करो कि मीटिंग तुम देख लो और रही बात शाम को तो तब तक मैं आ जाऊंगी लेकिन एक बात का ख्याल रहे मैं कंहा हु इस बारे में किसी को जानकारी नही होनी चाहिए।
इधर अगली सुबह जब मैं सुबह सो कर उठा तो मैं देखा कि बिस्तर पर मैं अकेला ही सो रहा हु बाकी की दोनों लोग उठ कर कब चली गयी मुझे पता ही नही चला। तो मैं भी उठ कर फ्रेश होकर बाहर आ गया जंहा पर घर के सभी बड़े लोग बैठ कर आपस मे बाते कर रहे थे और सबसे बडी बात यह थी कि आज बड़ी दी और जीजा जी भी आये हुए थे।सभी लोग बहुत ही चिंतित दिखाई दे रहे थे ।मुझे आते हुए देख कर बड़ी दीदी उठी और मुझे गले लगा लिया और रोने लगी ।कुछ देर रो लेने के बाद वह शांत हुई तो मैं भी उनको एक कुर्शी पर बिठा कर उनके गोद मे अपना सर रख कर नीचे बैठ गया ।तब मा बोली कि
माँ :आप लोगो ने चाहे जो सोचा हो लेकिन मैंने फैशला कर लिया है कि अब यह गांव में नही रहेगा ।अब इसे हम लोगो से दूर जाना ही होगा।
पापा : तो तुम क्या चाहती हो उस ठाकुर के डर से मैं अपने बेटे को कही भी भेज दु ।
मा :इसलिए ही मैने रात को ही बेटी और दामाद जी को फोन करके बुला लिया है ।यह पास के शहर में काम भी करते है और बहुत अच्छी कंपनी है उसी में कुछ दिनों के लिए काम दिलवा देंगे और जब मामला शांत हो जाएगा तो चला आएगा।
बड़ी माँ :इस बात से तो मैं भी सहमत हूं देवर जी वैसे भी बेटा कहि और तो जायेगा नही अपनी बहन के पास ही रहेगा तो चिंता करने की कोई बात नही है ।मेरे भाई का लड़का भी दामाद जी कंपनी में ही काम करता है और उसे भी इन्होंने अच्छी जॉब दिलवादी है तो अपने बीवी के छोटे भाई को नही दिलवाएंगे।
बड़ी दी : अरे उसे काम करने की क्या जरूरत है जब तक चाहे रह सकता है और वैसे भी अभी इसकी उम्र ही क्या है जो यह कम्पनी में काम करेगा ।मेरा भाई सहर जाकर घूमेगा और अगर चाहे तो पढ़ाई करे।
बड़ी दी कि बातों को सुनकर भाभी की हसी छूट गयी और वह रशोई में चली गई तब उनके पीछे पीछे कविता दी और सरिता दी भी चली गयी ।अंदर जाकर कविता दी ने बोला कि
कविता दी :क्या बात है भाभी आप इस तरह से वहां से क्यों चली आयी और बड़ी दी कि बातों पर आप हसि क्यों।
भाभी :वह इसलिए क्यूंकि अब हम सबका पत्ता काट कर पुनम ने उसे बच्चा कहा उसे कहा पता कि वह बच्चा कितनो को फाड़ चुका है मुझे तो ऐसा लग रहा है कि कहि सुरुवात उसी से ना कर दे ।
कविता दी :नही भाभी ऐसा नही होगा क्यूंकि दी उसे बहुत प्यार करती है और वह उसके साथ ऐसा वैसा कुछ नही करेंगी।
भाभी :"तो क्या मेरी लाडो रानी उसे प्यार करने का दिखावा करती है।
भाभी की बात को सुनकर कविता दी आंखों में आँशु आ जाते है और वह भराये गले से बोलती है कि
कविता दी : भाभी आप को जो बोलना है बोल लो लेकिन मेरे प्यार पर उंगली मत उठाओ ।आप नही जानती उसके प्यार के लिये मैं खुद को बदल ली और आप बोलती है कि मैं उसे प्यार नही करती।
सरिता दी :नही भाभी के कहने का यह मतलब नही था वह तो बस यह कहना चाहती है कि जब हम सब उससे इस तरह प्यार कर सकती है तो दी क्यों नही कर सकती है और वैसे भी मुझे लगताहै कि दी के इतने साल हो गए शादी को फिर भी बच्चा नही हुआ कुछ तो कारण होगा ।
कविता दी और भाभी चोंक कर सरिता दी कि तरफ देखती है और फिर बोलती है कि
भाभी :तुम कहना क्या चाहती हो मैं कुछ समझी नही।
सरिता दी :मैं बस इतना कहना चाहती हु की जीजा जी मे इतना दम नही है कि वह दी को मा बना सके इसलिये अगर जय ही उन्हें मा बना दे मुझे कोई बुराई नही दिख रही है।
कविता :तब तो अब सिर्फ मा छोटी चाची और मधु बची है जिनके मन में उसके लिए गलत भावना नही है।
भाभी :मधु ही क्यों ज्योति क्यों नही
कविता दी :वह इसलिए मेरी रंडी भाभी क्यूंकि ज्योति हम सबसे बड़ी रंडी निकली वह पहले ही उससे चुद चुकी है और उसके साथ उसकी 2 सहेली भी साथ मे ही ।
सरिता दी :क्या बोल रही है तू
कविता दी :सच बोल रही हु मेरी जान वह उसका मोटा लण्ड अपनी बुर में ही नही गांड में भी ले चुकी है
इधर बाहर
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दो लड़कियां आपस मे बाते करती हुई रनिंग कर रही थी उसमें से पहली लड़की बोलती है
लड़की 1:आप ने जो बोला था वह मैं कर दी हु लेकिन मेरी समझ मे एक बात नही आ रही है आपने कल इतनी बड़ी गलती करकैसे दी।
लड़की 2 :क्या करूँ यार अब जब गलती होनी थी हो गयी अब मैंने यह सब जान बूझ कर तो किया नही और ऊपर से उन सबने अचानक आकर पकड़ लिया और मैं कुछ नही कर पाई। वह तो भला हो उस लड़के का जिसने अपनी जान की परवाह न करते हुए मेरी सुरक्षा की ।
लड़की 1 :आपको क्या लगता है इसमें किसी की साजिश थी या ऐसे ही किसी का काम था।कहि ऐसा तो नही इस बार भी कही उसी कामिनी का हाथ तो नही है।
लड़की 2 :नही मुझे ऐसा नही लगता वह अब ऐसा हरकत दुबारा करेगी ।वैसे भी वह सब दारू के नशे में थे तो मुझे नही लगता कि यह किसी प्रकार की साजिश थी ।
लड़की 1: पर जंहा तक मैने पता किया उसका भी वही गांव है जंहा पर तुम्हारे साथ यह हरकत करने की कोशिश की गई।
लड़की 2 :तुम वह सब छोड़ो यह बताओ कि आज का क्या प्रोग्राम है ।कुछ खास है जिसमे मेरा रहना जरूरी है।
लड़की 1 :नही वैसे तो कुछ खास काम नही है बस 1 या 2 मीटिंग है और उसके बाद आपको जगह चीफ गेस्ट के रूप में जाना है।
लड़की2 : तो तुम ऐसा करो कि मीटिंग तुम देख लो और रही बात शाम को तो तब तक मैं आ जाऊंगी लेकिन एक बात का ख्याल रहे मैं कंहा हु इस बारे में किसी को जानकारी नही होनी चाहिए।
इधर अगली सुबह जब मैं सुबह सो कर उठा तो मैं देखा कि बिस्तर पर मैं अकेला ही सो रहा हु बाकी की दोनों लोग उठ कर कब चली गयी मुझे पता ही नही चला। तो मैं भी उठ कर फ्रेश होकर बाहर आ गया जंहा पर घर के सभी बड़े लोग बैठ कर आपस मे बाते कर रहे थे और सबसे बडी बात यह थी कि आज बड़ी दी और जीजा जी भी आये हुए थे।सभी लोग बहुत ही चिंतित दिखाई दे रहे थे ।मुझे आते हुए देख कर बड़ी दीदी उठी और मुझे गले लगा लिया और रोने लगी ।कुछ देर रो लेने के बाद वह शांत हुई तो मैं भी उनको एक कुर्शी पर बिठा कर उनके गोद मे अपना सर रख कर नीचे बैठ गया ।तब मा बोली कि
माँ :आप लोगो ने चाहे जो सोचा हो लेकिन मैंने फैशला कर लिया है कि अब यह गांव में नही रहेगा ।अब इसे हम लोगो से दूर जाना ही होगा।
पापा : तो तुम क्या चाहती हो उस ठाकुर के डर से मैं अपने बेटे को कही भी भेज दु ।
मा :इसलिए ही मैने रात को ही बेटी और दामाद जी को फोन करके बुला लिया है ।यह पास के शहर में काम भी करते है और बहुत अच्छी कंपनी है उसी में कुछ दिनों के लिए काम दिलवा देंगे और जब मामला शांत हो जाएगा तो चला आएगा।
बड़ी माँ :इस बात से तो मैं भी सहमत हूं देवर जी वैसे भी बेटा कहि और तो जायेगा नही अपनी बहन के पास ही रहेगा तो चिंता करने की कोई बात नही है ।मेरे भाई का लड़का भी दामाद जी कंपनी में ही काम करता है और उसे भी इन्होंने अच्छी जॉब दिलवादी है तो अपने बीवी के छोटे भाई को नही दिलवाएंगे।
बड़ी दी : अरे उसे काम करने की क्या जरूरत है जब तक चाहे रह सकता है और वैसे भी अभी इसकी उम्र ही क्या है जो यह कम्पनी में काम करेगा ।मेरा भाई सहर जाकर घूमेगा और अगर चाहे तो पढ़ाई करे।
बड़ी दी कि बातों को सुनकर भाभी की हसी छूट गयी और वह रशोई में चली गई तब उनके पीछे पीछे कविता दी और सरिता दी भी चली गयी ।अंदर जाकर कविता दी ने बोला कि
कविता दी :क्या बात है भाभी आप इस तरह से वहां से क्यों चली आयी और बड़ी दी कि बातों पर आप हसि क्यों।
भाभी :वह इसलिए क्यूंकि अब हम सबका पत्ता काट कर पुनम ने उसे बच्चा कहा उसे कहा पता कि वह बच्चा कितनो को फाड़ चुका है मुझे तो ऐसा लग रहा है कि कहि सुरुवात उसी से ना कर दे ।
कविता दी :नही भाभी ऐसा नही होगा क्यूंकि दी उसे बहुत प्यार करती है और वह उसके साथ ऐसा वैसा कुछ नही करेंगी।
भाभी :"तो क्या मेरी लाडो रानी उसे प्यार करने का दिखावा करती है।
भाभी की बात को सुनकर कविता दी आंखों में आँशु आ जाते है और वह भराये गले से बोलती है कि
कविता दी : भाभी आप को जो बोलना है बोल लो लेकिन मेरे प्यार पर उंगली मत उठाओ ।आप नही जानती उसके प्यार के लिये मैं खुद को बदल ली और आप बोलती है कि मैं उसे प्यार नही करती।
सरिता दी :नही भाभी के कहने का यह मतलब नही था वह तो बस यह कहना चाहती है कि जब हम सब उससे इस तरह प्यार कर सकती है तो दी क्यों नही कर सकती है और वैसे भी मुझे लगताहै कि दी के इतने साल हो गए शादी को फिर भी बच्चा नही हुआ कुछ तो कारण होगा ।
कविता दी और भाभी चोंक कर सरिता दी कि तरफ देखती है और फिर बोलती है कि
भाभी :तुम कहना क्या चाहती हो मैं कुछ समझी नही।
सरिता दी :मैं बस इतना कहना चाहती हु की जीजा जी मे इतना दम नही है कि वह दी को मा बना सके इसलिये अगर जय ही उन्हें मा बना दे मुझे कोई बुराई नही दिख रही है।
कविता :तब तो अब सिर्फ मा छोटी चाची और मधु बची है जिनके मन में उसके लिए गलत भावना नही है।
भाभी :मधु ही क्यों ज्योति क्यों नही
कविता दी :वह इसलिए मेरी रंडी भाभी क्यूंकि ज्योति हम सबसे बड़ी रंडी निकली वह पहले ही उससे चुद चुकी है और उसके साथ उसकी 2 सहेली भी साथ मे ही ।
सरिता दी :क्या बोल रही है तू
कविता दी :सच बोल रही हु मेरी जान वह उसका मोटा लण्ड अपनी बुर में ही नही गांड में भी ले चुकी है
इधर बाहर