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Incest दीवाना चुत का

kingkhankar

Multiverse is real!
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मैं यह बोलने को बोल तो दिया लेकिन मेरा दिल ही जानता था कि यह बोलते समय मेरे दिल पर क्या बीत रही थी अगर दी ने मेरी बात को मान कर मुझसे दूरी बना ली तो मैं तो जीते जी मर जाऊंगा।लेकिन कहते है ना जो लोग दिल से एक दूसरे के पास होते है वह बिना कुछ बोले ही समझ जाते है तो कविता दी भी मेरे दिल का हाल समझ गयी और आगे बढ़कर मेरे माथे पर एक किस की और बोली

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कविता दी : तू क्यों चिंता करता है जब तक जिऊंगी तेरा साथ कभी नही छोडूंगी यह वादा है मेरा तुमसे और अब सब कुछ भूल कर अपनी जिंदगी जी ।
मैं : लेकिन दी बात बात तो अभी भी वही के वही है अगर आप मेरे साथ रही तो बदनाम हो जाएंगी।
कविता दी : अच्छा एक बात बता मेरे को तेरे कहने के अनुसार काव्या ने अपनी बदनामी सिर्फ इसलिए बर्दाश्त करती रही कि वह तुझसे प्यार करती थी तो यह भी बता दे कि वह कब से तुझसे प्यार करती थी।
मैं : हम दोनों एक दूसरे से करीब 2 साल तक प्यार किये और उसके बाद उस कमीने ठाकुर ने उसके साथ।
कविता दी : काव्या 2 साल के प्यार के लिए वह अपने आप को बदनाम कर सकती है तुम्हारी नफरत को सहन कर सकती है तो क्या मैं अपने आप को बदल नही सकती हूं।
मैं : दीदी यह आप क्या बोल रही हो मैं कुछ समझा नही।
कविता दी : तू जानता है तेरी सबसे बड़ी कमी क्या है कि तू कभी किसी को समझ ही नही पाता है।पहले मेरे प्यार को नही समझा बाद में काव्या को भी समझने में तुमने गलती कर दी ।एक मिनट के मान लेती हूं कि मेरे प्यार को ना समझने का कारण था क्यूंकि उस समय मैं खुद दुविधा में थी पर काव्या को भी नही समझ पाया उसके प्यार पर तुमने यकीन नही किया जिसका नतीजा क्या निकला यह तुम खुद देख सकते हो।
मैं :दी आप जो कह रही है वह ठीक है लेकिन आप मुझसे कैसे प्यार कर सकती है ।आप मेरी बड़ी बहन हो।
कविता दी :मैं तेरी दी होने से पहले एक लड़की हु जिसके सीने में भी दिल हैं और वह सिर्फ और सिर्फ तेरे लिए धड़कता है।तू क्या जाने जबसे हम दोनों दूर हुए मैं एक एक पल मर मर कर जी हु लेकिन अब नही अब अगर मुझे तुमसे कोई दूर कर सकता है तो वह सिर्फ मौत है और किसी मे इतना दम नही है।
मैं :लेकिन दी यह गलत है । हमारे इस रिश्ते को समाज कभी नही मानेगा।
कविता :समाज की परवाह है किसको मैं तो सिर्फ तुझसे यह जानना चाहती हु की तू क्या सोचता है मुझे सिर्फ तेरा जवाब चाहिए और किसी से मुझे कोई मतलब नही है। यंहा तक कि मैं अपने माँ बापू की भी परवाह नही करती ।सिर्फ तू मेरा साथ दे तो मैं पूरी दुनिया से अपने प्यार के लिये लड़ जाऊंगी।
मैं : दी अब हमें चलना चाहिए हमे लेट हो रहा है घर पर सभी इन्तजार कर रहे होंगे।
कविता दी :ठीक है अभी तो तेरी बात को मानकर मैं चल रही हु लेकिन एक बात का ख्याल रखना तेरे पास जवाब देने के लिए सिर्फ आज रात तक समय है क्यूंकि कल की सुबह या तो मेरे जीवन की खुशियों के साथ सुरु होगी या फिर इस जीवन का अंत ।मतलब तू समझ रहा है ना कि अगर तेरा जवाब हां में हुआ तो अपनी दी को कल जिन्दा पायेगा वरना एक और अर्थी को कंधा देने के लिए खुद को मजबूत कर लेना।
मैं इतना सुनते ही मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई क्यूंकि मैं यह अच्छी तरह से जानता था कि दी जो बोलती है वह करती है और मेरे अंदर इतनी हिम्मत नही थी कि मैं इनके प्यार को स्वीकार कर सकू और ना ही इनको खो सकू ।मुझे कुछ भी समझ मे नही आया तो मैंने एक बार और बात करने के लिए सोचा
मैं :दी आप क्या बोल रही है आप जानती है ऐसे अकेले में बोलना सरल है पर सबके सामने बोलना मुश्किल है और फिर आप यह सोचिये की लोग क्या कहेंगे एक भाई ने अपनी बहन से नाजायज रिश्ता रखता है।
कविता दी :" कोई कुछ भी कहे मुझे फर्क नही पड़ता बस मैं यह जानती हूं कि जिऊंगी तो तेरे साथ वरना मरना पसन्द करूँगी ।अब तेरे हाथ मे है कि मुझे जिंदगी देता है या मौत । अब सब कुछ तेरे ऊपर छोड़ दी हु मैं ।
इधर हवेली में प्रीति अमृता चम्पा से सबकुछ पूछ लेने के बाद प्रीति उससे बोलती है कि
प्रीति : अब जब तू इतना बोल रही है तो हमे भी उस घोड़े से मिलना ही होगा।
चम्पा ना समझते हुए बोलती है कि
चम्पा : मालकिन आप किस घोड़े की बात कर रही है जंहा तक मैं जानती हूं अपने गांव में क्या अगल बगल के कई गांव में किसी के पास घोड़ा नही है।
अमृता: तू अपना दिमाग मत लगा बस हमे उस लड़के के बारे में बता वह कंहा मिलेगा।
चम्पा :वैसे तो मालकिन वह अक्सर अपने घर या खेतो में ही मिलता है लेकिन शाम के समय वह कुछ देर के लिए अकेले गांव के बाहर मैदान में दौड़ लगाता है और एक बात है अगर आप इजाजत देते बोलू।
प्रीति : मैने सुना है कि वह गांव के ही एक लड़की से प्यार करता था पर छोटे ठाकुर ने उस लड़की को मार दिया ।
अमृता :भाई ने ऐसा किया पर वह ऐसा क्यों करेगा ।
प्रीति : वह कर सकता है बेटी तू नही जानती अपने भाई को और चम्पा वह सब छोड़ हमे उस बात से कोई मतलब नही है ।बस एक बार तू हमसे मिला दे उस लड़के को ।
अमृता :लेकिन एक प्रॉब्लम है ।।
प्रीति : अब क्या हो गया ।
अमृता : हम उससे मिल कर क्या बात करेंगे ।
प्रीति : देख तू जानती है कि घुमा फिरा कर बात नही करती हूं और वैसे भी उसे कुछ बताने की जरूरत नही है एक सौदा करना है उससे।
अमृता : कैसा सौदा करना चाहती हो।
प्रीति : सीधी सी बात है यार हम उसके सारे कर्ज माफ कर देंगे और बदले में वह हमें खुश कर देगा और अगर पसन्द आ गया और जैसा चम्पा ने बताया वैसा ही वह है तो वह हमारे बहुत काम आ सकता है।
अमृता :मैं कुछ समझी नही ।
प्रीति : तू कुछ मत समझ बस जितना मैं बोलती हु उतना कर और चम्पा मुझे उस लड़के से मिलना है मुझे।
चम्पा (साली कुतियों जिस दिन के लिए मैं इतने दिनों से यंहा तुम रंडियों की सेवा कर रही हु उसका फल मिलने का समय आ गया है ।मान गयी जय बेटा तू जरूर मेरी बेटी को इंसाफ दिलवाएगा। ठाकुर खानदान की औरतों को अपना गुलाम बना लेना और जिस जिस ने मदद की सबकी।)
प्रीति :कंहा खो गयी चम्पा कहि उसके लण्ड को तो नही याद करने लगी।
चम्पा : नही मालकिन बस सोच रही थी कि जा कर उससे बात कर लूं अगर आप इजाजत दे तो।
अमृता :हा तू जा जल्दी
इतना सुनते ही चम्पा हवेली से चली आई और घर आकर मुझे फोन मिलाया ।यह वही समय था जब मैं और कविता दी घर पहचे थे ।चम्पा का फोन देख कर मैं कविता दी से बोला
मैं :दी आप चलिए मैं बस आया।
कविता दी :ठीक है पर जल्दी आना वैसे किसका फोन है।
मैं : दी आकर बात करता हु अभी 10 मिनट में
मैं फोन उठाया तो चम्पा ने बोला कि
चम्पा :कहा है तू मुझसे अभी आकर मिल घर पर
मैं :अगर जरूरी नही हो तो थोड़ी देर बाद आता हूं।
चम्पा :, नही अभी मिलो बहुत जरूरी है।
मैं :ठीक है मैं बस अभी आया।
इतना बोल कर मैं चम्पा के घर के तरफ चल दिया और वंहा पहुचा तो चम्पा बड़ी बेशब्री से मेरा इन्तजार कर रही थी मुझे आते हुए देख कर मुझे बैठने का इशारा किया तब मैं बोला कि
मैं :क्या बात है चाची आप ने इतनी जल्दी में क्यों बुलाया ।
चम्पा : बेटा मैंने अपना काम कर दिया है अब जो करना है तुझे करना है ।
मैं :चाची मैं तो कबसे इस खबर का इन्तजार कर रहा था ।आपका मैं किस तरह से धन्यवाद करु मैं समझ नही पा रहा हु ।
चम्पा : बेटा जब तू अपने प्यार केलिए अपनी जान खतरे में डाल सकता है तो मैं अपनी बेटी केलिए नही कर सकती थी । अब सब कूछ तेरे हाथ मे है।
मैं :आप चिंता ना करो चाची मैं सब सम्भाल लूंगा ।बस अब आप मुझसे नही मिलोगी इस तरह से और अब मैं चलता हूं मुझे कुछ काम है।
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जय100

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अमृता की बातों को सुनकर ठकुराइन बोलती है कि
ठकुराइन :सच कहु तो मुझे खुद भी नही पता कि अगली बार वह कब मिलेगा ।मैने जब उससे अगली बार मिलने को बोला तो उसने बोला कि जब उसकी मर्जी होगी तब वह खुद बुलाएगा।
अमृता :सच बोल रही है ना कहि ऐसा तो नही है ना कि तुझे लालच आ गई और मुझे तड़पाना चाहती है अगर तेरे मन मे ऐसा कुछ भी है तो सोच ले मुझसे बुरा और कोई नही होगा ।
ठकुराइन :साली माँ तेरी हु कुछ तो शर्म कर लिया कर।
अमृता :वाह माँ हो तो तेरी जैसी साली खुद तो मुझसे दिन रात गंदी बाते करती रहती है और यंहा तक कि खुद की बुर भी चुसवाती है और रौब मा होने का देती है ।
ठकुराइन :यार मैं तो मजाक कर रही थी तू तो सच मे नाराज हो गयी ।अगली बार जब मिलने को बुलाएगा तो दोनों चलेंगे मेरी वर्षो की खवाइश पूरी हो जाएगी तेरे साथ एक लड़के से चुदाई करवाने की ।
अमृता :चल यार तू भी क्या याद करेगी ।वैसे भाई वाला मामला कुछ समझ मे नही आ रहा है । मैंने रूबी को काल करके सोनिया के बारे में पता करने की कोशिश की तो पता चला कि वह किसी पर्सनल काम से शहर से बाहर गयी हुई है और उसे उस बारे में कोई जानकारी नही है।
ठकुराइन : यार मैं तो यह सोच कर डर रही हु की अगर सच मे तेरे भाई ने उसके साथ ऐसी हरकत की है तो मैं तो यही कहूंगी की जितनी जल्दी हो सके तू खुद उसे मिलकर सारा मामला क्लीयर कर ले कही ऐसा ना हो कि तेरे भाई की करनी की सजा हमको भी भुगतनी पड़े।
अमृता :नही यार तू चिंता मत कर मैं आज शाम को उसके घर पर जाकर सारी बाते साफ कर लुंगी।वह मेरी अच्छी दोस्त रही है एक समय मे मुझे पक्का यकीन है कि वह मेरी बात को जरूर समझेगी।
इधर पापा और बाकी के घर वालो ने फैशला कर लिया कि सभी सहर में जाकर रहेंगे और इस बात को पापा ने खुद ही सोनिया को बताई जिसे सुनकर सोनिया बहुत खुश हुई और बोली कि
सोनिया : आपने यह उचित फैशला लिया है मैं कुछ दिन में सारी कागजी करवाई करके आप लोगो को सूचित कर दूंगी और अगर आप लोगो को किसी भी तरह की कोई भी मदद की जरूरत हो तो मुझे बताइयेगा बिना किसी संकोच के ।
पापा : जरूर बेटी और एक बात है ।
सोनिया :बोलिये अंकल जी क्या बात है मैं तो अपकीं बेटी समान हु फिर मुझसे किसी भी बात को बोलने के लिये मुझसे पूछने की कोई जरूरत नही है।।
माँ :बेटी इनके कहने का मतलब यही है कि एक तरह से माना जाए तो तुम दोनों की शादी हो चुकी है चाहे जिस तरह से हुई लेकिन समाज मे रहना है तो उनके कुछ नियम है और हमे उसका पालन करना पड़ता है तो हम चाहते है कि तुम दोनों की शादी समाज के नियमो के हिशाब से हो।
सोनिया :जी आंटी जी जरूर और इस बारे में बात करने के लिए कल मा आयेगी यंहा पर पर मेरी आप लोगो से विनती है कि यह शादी एक सिंपल तरीके से हो क्यूंकि आप तो सब कुछ जानती है और इस हालत में मै ज्यादा हाई प्रोफाइल हु तो मेरी छोटी सी हरकत भी मीडिया में आ जाती है और अभी कुछ 2 सालो पहले ही मेरे पति की डेथ हुई है तो ऐसे में इतनी जल्दी दूसरी शादी करना कुछ लोगो को हजम नही होगा और बखेड़ा हो सकता है तो ऐसे में सिंपल शादी ही एक मात्र राश्ता है।
पापा :ठीक है बेटी जैसा तुम चाहो।
उसके बाद कुछ देर और सोनिया से बिजनेस करने के सम्बंध में बाते हो रही ।फिर घर के सामने कुछ गाड़िया आकर रुकी तो मैं बाहर जाकर देखा तो कुछ गार्ड्स बंदूक लेकर आये थे और उनके साथ एक और खूबसूरत लड़की थी जो कि बला की खूबसूरत थी


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वह आयी और बोली कि
लड़की :जी क्या यह मिस्टर जय का घर है।
मैं : जी हां यह घर जय का ही है और मैं ही जय हु लेकिन माफ किजियेगा मैंने आपको पहचाना नही।
अभी वह लड़की कुछ बोलती इससे पहले ही पीछे से आवाज आई कि
सोनिया :जय इसे मैंने बुलाया है और यह मेरी दोस्त है और साथ मेरी सेक्रेटरी है । बाकी परिचय बाद में दे दूँगी और रूबी तुम्हे मैने जो बोला था वह सब लेकर आई हो।
रूबी :हा मैम आपने जो बोला था वह सब लेकर आई हूं पर मेरी समझ मे एक बात नही आई कि इस सबकी क्या जरूरत है।
सोनिया : मुझे लगता है इस बारे में हम बाद में बात करे तो अच्छा होगा । तुम सबको रेडी रहने को बोलो मैं बस अभी आती हु।
इसके बाद सोनिया अंदर चली गयी और उसके पीछे मैं भी अंदर चला गया ।जब मैं अंदर पहुचा तो देखा कि सोनिया सबसे जाने के लिय इजाजत मांग रही थी और उसके बाद बोली कि
सोनिया :आप लोग ठाकुर की बिल्कुल भी चिंता ना करे आज के बाद वह आप लोगों को या गांव में किसी को भी परेशान करेगा ।
पापा :बेटी ठाकुर बहुत जलिम है वह इतनी जल्दी नही सुधर सकता और जब जय ने उसके बेटे की ऐसी हालत कर दी है तो वह पलटकर वार जरूर करेगा।
सोनिया :नही अंकल जी अब वह ऐसा कुछ भी नही करेगा क्यूंकि अभी मैं उससे मिलने जा रही हु और यकीन मानिए आज के बाद वह आप लोगो की तरफ आंख उठा कर भी नही देखेगा और अगर उसने ऐसा किया तो उसके लिए अच्छा नही होगा।
पापा :पर बेटी मुझे तुम्हारा इस तरह से उससे मिलने जाना मुझे ठीक नही लग रहा है ।अगर उसने तुम्हे कुछ कर दिया तो
सोनिया बीच में ही बात को काटती हुई बोलती है कि
सोनिया :आप चिंता न करे वैसे भी ठाकुर की बेटी मेरी बहुत अच्छी दोस्त है तो जब यंहा तक आ ही गयी हु तो उससे बिना मीले गयी तो उसे बुरा लग सकता है।

 

Desi Man

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बहुत बढ़िया अपडेट हैं दोस्त
 
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Hunterrrr69

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अमृता की बातों को सुनकर ठकुराइन बोलती है कि
ठकुराइन :सच कहु तो मुझे खुद भी नही पता कि अगली बार वह कब मिलेगा ।मैने जब उससे अगली बार मिलने को बोला तो उसने बोला कि जब उसकी मर्जी होगी तब वह खुद बुलाएगा।
अमृता :सच बोल रही है ना कहि ऐसा तो नही है ना कि तुझे लालच आ गई और मुझे तड़पाना चाहती है अगर तेरे मन मे ऐसा कुछ भी है तो सोच ले मुझसे बुरा और कोई नही होगा ।
ठकुराइन :साली माँ तेरी हु कुछ तो शर्म कर लिया कर।
अमृता :वाह माँ हो तो तेरी जैसी साली खुद तो मुझसे दिन रात गंदी बाते करती रहती है और यंहा तक कि खुद की बुर भी चुसवाती है और रौब मा होने का देती है ।
ठकुराइन :यार मैं तो मजाक कर रही थी तू तो सच मे नाराज हो गयी ।अगली बार जब मिलने को बुलाएगा तो दोनों चलेंगे मेरी वर्षो की खवाइश पूरी हो जाएगी तेरे साथ एक लड़के से चुदाई करवाने की ।
अमृता :चल यार तू भी क्या याद करेगी ।वैसे भाई वाला मामला कुछ समझ मे नही आ रहा है । मैंने रूबी को काल करके सोनिया के बारे में पता करने की कोशिश की तो पता चला कि वह किसी पर्सनल काम से शहर से बाहर गयी हुई है और उसे उस बारे में कोई जानकारी नही है।
ठकुराइन : यार मैं तो यह सोच कर डर रही हु की अगर सच मे तेरे भाई ने उसके साथ ऐसी हरकत की है तो मैं तो यही कहूंगी की जितनी जल्दी हो सके तू खुद उसे मिलकर सारा मामला क्लीयर कर ले कही ऐसा ना हो कि तेरे भाई की करनी की सजा हमको भी भुगतनी पड़े।
अमृता :नही यार तू चिंता मत कर मैं आज शाम को उसके घर पर जाकर सारी बाते साफ कर लुंगी।वह मेरी अच्छी दोस्त रही है एक समय मे मुझे पक्का यकीन है कि वह मेरी बात को जरूर समझेगी।
इधर पापा और बाकी के घर वालो ने फैशला कर लिया कि सभी सहर में जाकर रहेंगे और इस बात को पापा ने खुद ही सोनिया को बताई जिसे सुनकर सोनिया बहुत खुश हुई और बोली कि
सोनिया : आपने यह उचित फैशला लिया है मैं कुछ दिन में सारी कागजी करवाई करके आप लोगो को सूचित कर दूंगी और अगर आप लोगो को किसी भी तरह की कोई भी मदद की जरूरत हो तो मुझे बताइयेगा बिना किसी संकोच के ।
पापा : जरूर बेटी और एक बात है ।
सोनिया :बोलिये अंकल जी क्या बात है मैं तो अपकीं बेटी समान हु फिर मुझसे किसी भी बात को बोलने के लिये मुझसे पूछने की कोई जरूरत नही है।।
माँ :बेटी इनके कहने का मतलब यही है कि एक तरह से माना जाए तो तुम दोनों की शादी हो चुकी है चाहे जिस तरह से हुई लेकिन समाज मे रहना है तो उनके कुछ नियम है और हमे उसका पालन करना पड़ता है तो हम चाहते है कि तुम दोनों की शादी समाज के नियमो के हिशाब से हो।
सोनिया :जी आंटी जी जरूर और इस बारे में बात करने के लिए कल मा आयेगी यंहा पर पर मेरी आप लोगो से विनती है कि यह शादी एक सिंपल तरीके से हो क्यूंकि आप तो सब कुछ जानती है और इस हालत में मै ज्यादा हाई प्रोफाइल हु तो मेरी छोटी सी हरकत भी मीडिया में आ जाती है और अभी कुछ 2 सालो पहले ही मेरे पति की डेथ हुई है तो ऐसे में इतनी जल्दी दूसरी शादी करना कुछ लोगो को हजम नही होगा और बखेड़ा हो सकता है तो ऐसे में सिंपल शादी ही एक मात्र राश्ता है।
पापा :ठीक है बेटी जैसा तुम चाहो।
उसके बाद कुछ देर और सोनिया से बिजनेस करने के सम्बंध में बाते हो रही ।फिर घर के सामने कुछ गाड़िया आकर रुकी तो मैं बाहर जाकर देखा तो कुछ गार्ड्स बंदूक लेकर आये थे और उनके साथ एक और खूबसूरत लड़की थी जो कि बला की खूबसूरत थी


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वह आयी और बोली कि
लड़की :जी क्या यह मिस्टर जय का घर है।
मैं : जी हां यह घर जय का ही है और मैं ही जय हु लेकिन माफ किजियेगा मैंने आपको पहचाना नही।
अभी वह लड़की कुछ बोलती इससे पहले ही पीछे से आवाज आई कि
सोनिया :जय इसे मैंने बुलाया है और यह मेरी दोस्त है और साथ मेरी सेक्रेटरी है । बाकी परिचय बाद में दे दूँगी और रूबी तुम्हे मैने जो बोला था वह सब लेकर आई हो।
रूबी :हा मैम आपने जो बोला था वह सब लेकर आई हूं पर मेरी समझ मे एक बात नही आई कि इस सबकी क्या जरूरत है।
सोनिया : मुझे लगता है इस बारे में हम बाद में बात करे तो अच्छा होगा । तुम सबको रेडी रहने को बोलो मैं बस अभी आती हु।
इसके बाद सोनिया अंदर चली गयी और उसके पीछे मैं भी अंदर चला गया ।जब मैं अंदर पहुचा तो देखा कि सोनिया सबसे जाने के लिय इजाजत मांग रही थी और उसके बाद बोली कि
सोनिया :आप लोग ठाकुर की बिल्कुल भी चिंता ना करे आज के बाद वह आप लोगों को या गांव में किसी को भी परेशान करेगा ।
पापा :बेटी ठाकुर बहुत जलिम है वह इतनी जल्दी नही सुधर सकता और जब जय ने उसके बेटे की ऐसी हालत कर दी है तो वह पलटकर वार जरूर करेगा।
सोनिया :नही अंकल जी अब वह ऐसा कुछ भी नही करेगा क्यूंकि अभी मैं उससे मिलने जा रही हु और यकीन मानिए आज के बाद वह आप लोगो की तरफ आंख उठा कर भी नही देखेगा और अगर उसने ऐसा किया तो उसके लिए अच्छा नही होगा।
पापा :पर बेटी मुझे तुम्हारा इस तरह से उससे मिलने जाना मुझे ठीक नही लग रहा है ।अगर उसने तुम्हे कुछ कर दिया तो
सोनिया बीच में ही बात को काटती हुई बोलती है कि
सोनिया :आप चिंता न करे वैसे भी ठाकुर की बेटी मेरी बहुत अच्छी दोस्त है तो जब यंहा तक आ ही गयी हु तो उससे बिना मीले गयी तो उसे बुरा लग सकता है।
Awesome update
 

Killerpanditji(pandit)

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अमृता की बातों को सुनकर ठकुराइन बोलती है कि
ठकुराइन :सच कहु तो मुझे खुद भी नही पता कि अगली बार वह कब मिलेगा ।मैने जब उससे अगली बार मिलने को बोला तो उसने बोला कि जब उसकी मर्जी होगी तब वह खुद बुलाएगा।
अमृता :सच बोल रही है ना कहि ऐसा तो नही है ना कि तुझे लालच आ गई और मुझे तड़पाना चाहती है अगर तेरे मन मे ऐसा कुछ भी है तो सोच ले मुझसे बुरा और कोई नही होगा ।
ठकुराइन :साली माँ तेरी हु कुछ तो शर्म कर लिया कर।
अमृता :वाह माँ हो तो तेरी जैसी साली खुद तो मुझसे दिन रात गंदी बाते करती रहती है और यंहा तक कि खुद की बुर भी चुसवाती है और रौब मा होने का देती है ।
ठकुराइन :यार मैं तो मजाक कर रही थी तू तो सच मे नाराज हो गयी ।अगली बार जब मिलने को बुलाएगा तो दोनों चलेंगे मेरी वर्षो की खवाइश पूरी हो जाएगी तेरे साथ एक लड़के से चुदाई करवाने की ।
अमृता :चल यार तू भी क्या याद करेगी ।वैसे भाई वाला मामला कुछ समझ मे नही आ रहा है । मैंने रूबी को काल करके सोनिया के बारे में पता करने की कोशिश की तो पता चला कि वह किसी पर्सनल काम से शहर से बाहर गयी हुई है और उसे उस बारे में कोई जानकारी नही है।
ठकुराइन : यार मैं तो यह सोच कर डर रही हु की अगर सच मे तेरे भाई ने उसके साथ ऐसी हरकत की है तो मैं तो यही कहूंगी की जितनी जल्दी हो सके तू खुद उसे मिलकर सारा मामला क्लीयर कर ले कही ऐसा ना हो कि तेरे भाई की करनी की सजा हमको भी भुगतनी पड़े।
अमृता :नही यार तू चिंता मत कर मैं आज शाम को उसके घर पर जाकर सारी बाते साफ कर लुंगी।वह मेरी अच्छी दोस्त रही है एक समय मे मुझे पक्का यकीन है कि वह मेरी बात को जरूर समझेगी।
इधर पापा और बाकी के घर वालो ने फैशला कर लिया कि सभी सहर में जाकर रहेंगे और इस बात को पापा ने खुद ही सोनिया को बताई जिसे सुनकर सोनिया बहुत खुश हुई और बोली कि
सोनिया : आपने यह उचित फैशला लिया है मैं कुछ दिन में सारी कागजी करवाई करके आप लोगो को सूचित कर दूंगी और अगर आप लोगो को किसी भी तरह की कोई भी मदद की जरूरत हो तो मुझे बताइयेगा बिना किसी संकोच के ।
पापा : जरूर बेटी और एक बात है ।
सोनिया :बोलिये अंकल जी क्या बात है मैं तो अपकीं बेटी समान हु फिर मुझसे किसी भी बात को बोलने के लिये मुझसे पूछने की कोई जरूरत नही है।।
माँ :बेटी इनके कहने का मतलब यही है कि एक तरह से माना जाए तो तुम दोनों की शादी हो चुकी है चाहे जिस तरह से हुई लेकिन समाज मे रहना है तो उनके कुछ नियम है और हमे उसका पालन करना पड़ता है तो हम चाहते है कि तुम दोनों की शादी समाज के नियमो के हिशाब से हो।
सोनिया :जी आंटी जी जरूर और इस बारे में बात करने के लिए कल मा आयेगी यंहा पर पर मेरी आप लोगो से विनती है कि यह शादी एक सिंपल तरीके से हो क्यूंकि आप तो सब कुछ जानती है और इस हालत में मै ज्यादा हाई प्रोफाइल हु तो मेरी छोटी सी हरकत भी मीडिया में आ जाती है और अभी कुछ 2 सालो पहले ही मेरे पति की डेथ हुई है तो ऐसे में इतनी जल्दी दूसरी शादी करना कुछ लोगो को हजम नही होगा और बखेड़ा हो सकता है तो ऐसे में सिंपल शादी ही एक मात्र राश्ता है।
पापा :ठीक है बेटी जैसा तुम चाहो।
उसके बाद कुछ देर और सोनिया से बिजनेस करने के सम्बंध में बाते हो रही ।फिर घर के सामने कुछ गाड़िया आकर रुकी तो मैं बाहर जाकर देखा तो कुछ गार्ड्स बंदूक लेकर आये थे और उनके साथ एक और खूबसूरत लड़की थी जो कि बला की खूबसूरत थी


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वह आयी और बोली कि
लड़की :जी क्या यह मिस्टर जय का घर है।
मैं : जी हां यह घर जय का ही है और मैं ही जय हु लेकिन माफ किजियेगा मैंने आपको पहचाना नही।
अभी वह लड़की कुछ बोलती इससे पहले ही पीछे से आवाज आई कि
सोनिया :जय इसे मैंने बुलाया है और यह मेरी दोस्त है और साथ मेरी सेक्रेटरी है । बाकी परिचय बाद में दे दूँगी और रूबी तुम्हे मैने जो बोला था वह सब लेकर आई हो।
रूबी :हा मैम आपने जो बोला था वह सब लेकर आई हूं पर मेरी समझ मे एक बात नही आई कि इस सबकी क्या जरूरत है।
सोनिया : मुझे लगता है इस बारे में हम बाद में बात करे तो अच्छा होगा । तुम सबको रेडी रहने को बोलो मैं बस अभी आती हु।
इसके बाद सोनिया अंदर चली गयी और उसके पीछे मैं भी अंदर चला गया ।जब मैं अंदर पहुचा तो देखा कि सोनिया सबसे जाने के लिय इजाजत मांग रही थी और उसके बाद बोली कि
सोनिया :आप लोग ठाकुर की बिल्कुल भी चिंता ना करे आज के बाद वह आप लोगों को या गांव में किसी को भी परेशान करेगा ।
पापा :बेटी ठाकुर बहुत जलिम है वह इतनी जल्दी नही सुधर सकता और जब जय ने उसके बेटे की ऐसी हालत कर दी है तो वह पलटकर वार जरूर करेगा।
सोनिया :नही अंकल जी अब वह ऐसा कुछ भी नही करेगा क्यूंकि अभी मैं उससे मिलने जा रही हु और यकीन मानिए आज के बाद वह आप लोगो की तरफ आंख उठा कर भी नही देखेगा और अगर उसने ऐसा किया तो उसके लिए अच्छा नही होगा।
पापा :पर बेटी मुझे तुम्हारा इस तरह से उससे मिलने जाना मुझे ठीक नही लग रहा है ।अगर उसने तुम्हे कुछ कर दिया तो
सोनिया बीच में ही बात को काटती हुई बोलती है कि
सोनिया :आप चिंता न करे वैसे भी ठाकुर की बेटी मेरी बहुत अच्छी दोस्त है तो जब यंहा तक आ ही गयी हु तो उससे बिना मीले गयी तो उसे बुरा लग सकता है।
Nice update bro
Par bhai ek vinti hai aap se Update ka size thoda sa badha karo
 
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