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Incest दीवाना चुत का

जय100

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भाई लोग मेरा मोबाइल खराब हो गया था इसलिए उपडेट नही दे पा रहा था लेकिन अब कोई दिक्कत नही है ।आप लोगो को इन्तजार करना पड़ा इसके लिए माफी चाहूंगा।
 

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अपडेट तो दे दो भाई
और कितना इंतजार कराओगे
 

जय100

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मैं तो यही सब सोचते हुए घर के बाहर बैठा खाट पर सबके सोने का इन्तजार कर रहा था और अपने बीते हुए पलो को याद कर रहा था कि तभी पीछे से किसी की आने की आहट हुई मैंने पलट कर देखा तो कविता दी मेरे पास आ रही थी तो मैंने उन्हें बैठने को बोला वह भी बिना किसी विरोध के आकर बैठ गयी काफी देर तक हमारे बीच शांति बनी रही ना तो वह कुछ बोल रही और ना ही मैं ।जब काफी देर तक वह मेरे बोलने का इन्तजार करती रही जब मैं कुछ नही बोला तो वह बोली कि
कविता दी :क्या बात है जय क्या सोच रहे हो ।
मैं :कुछ नही दी बस बैठा हुआ अपने अतीत के बारे में सोच रहा था कि क्या था और क्या हो गया हूं ।जिस चीज के बारे में मैंने कभी सपने में भी नही सोचा था वही सब हो रहा है।
कविता दी :ऐसा क्या सोच रहा है जो तुम इतने दुखी हो और ऐसा क्या हो गया जो तुमने नही सोचा था।
मैं :दी जाने दो आप सच जान कर क्या करोगी आप मुझे यह बताओ कि आज घर मे सभी लोग इतनी जल्दी सोने की तैयारी कैसे कर रहे है ।आज से पहले तो लोग देर रात तक जागते थे आज ऐसा क्या हुआ जो सब सोने की तैयारी कर रहे है।
कविता दी :तू यह सब मत सोच आज याद है ना तुझे की तूने भाभी से कुछ वादा किया है ।
मैं :याद है भाभी को आज मैंने क्या वादा किया है।
इतना बोल कर मैं वँहा से उठकर उनके कमरे की तरफ जाने लगा तो कविता दी रोकते हुए बोली कि
कविता दी : क्या बात है बड़ी जल्दी ही जा रहा है कुछ देर रुक कर जा अभी सभी लोग जागे हुए है।
कविता दी इससे पहले कुछ बोलती की सरिता दी कि आवाज ने हम दोनों को डरा दिया हमे लगा कि कही किसी और ने तो हमारी बाते नही सुन ली
सरिता दी :जाने दे अब कोई दिक्कत नही है सभी लोग सो चुके है।
दी कि बात सुनकर एक बार उनकी तरफ देखा और बोला कि
मैं :क्या बात है दी बहुत जल्दी सो गए सभी लोग।
सरिता दी :अब तू जा सारी रात यंहा पर बात करने में निकाल देगा क्या ।
मैं भी उनकी बात सुनकर मुस्कुराता हुआ चल दिया और सोचने लगा कि क्या दिन आ गए है की एक बहन भाई को दूसरी औरत से सम्बन्ध बनाने के लिए इतना कुछ कर रही ।

इधर मेरे जाने के बाद कविता दी ने सरिता दी से बोली कि
कविता दी :तो इसका मतलब सभी लोग सो गए और मैंने जो बोला था वह किया या भूल गयी।
सरिता दी : क्या तू जो सोच रही है वह ठीक है एक बार और सोच ले अगर हम लोगो को किसी ने देख लिया इसतरह चुपके से उस कमरे में इस तरह देखते हुए तो गड़बड़ हो जाएगी।
कविता दी :कुछ नही होगा यार तू इतना क्यों डर रही है आज जितना अच्छा मौका फिर कभी भी नही मिलेगा।
इधर मैं भाभी के कमरे में गया तो देखा कि भाभी भी एक नई साड़ी पहनी हुई मेरा इन्तजार कर रही थी ।आज तक मैने बहुत सी लड़की और औरतों के साथ सेक्स किया लेकिन इतना डरा हुआ मैं पहले कभी नही था ।दिल मे एक अजीब सा डर लग रहा था मानो कुछ गलत करने करने जा रहा हु। लेकिन जब मैंने भाभी को देखा तो देखता ही रह गया।

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ऐसा नही था कि आज भाभी ने कुछ अलग पहना हुआ था लेकिन आज उन्होंने हमेशा की तरह ना तो गले मे मंगलसूत्र पहना हुआ था और ना ही मांग में सिंदूर था ना ही उनके बाल बंधे हुए थे ।आज देख कर लग ही नही रहा था कि यह एक शादी सुदा महिला है।मै उनको देखने मे ऐसा खो गया कि मुझे पता भी नही चला कि कब वह मेरे पास आ गयी और मुझे अपनी तरफ इस तरह देखते हुए पाकर बोली कि
भाभी :क्या बात है देवर जी आज से पहले आपने मुझे देखा नही है क्या जो इस तरह घूर कर देख रहे है।
मैं तो जैसे उनकी रूप में इस तरह खो गया था कि मुझे उनकी आवाज सुनाई ही नही दी तो वह मुझे हिला कर बोली कि
भाभी :जय मैं कहि भागी नही जा रही हु मुझे तुम अच्छी तरह से देख लेना पहले अंदर तो आ जाओ।
और इतना बोल कर वह मेरा हाथ पकड़ कर अपने बिस्तर पर बिठा दिया ।मैं तब जाकर होश में आया और इधर उधर देखने लगा तब भाभी बोली
भाभी :क्या बात है जय आज बहुत खोए से लग रहे हो तबियत तो ठीक है ना तुम्हारी।
मैं :"हा भाभी तबियत तो ठीक है लेकिन लगता है आज आप अपने हुस्न से मुझे मार ही डालोगी ।मैंने तो सपने में नही सोचा था कि आप जितनी हसीन परी मुझे मिलेगी।
भाभी मेरी बात पर हस्ती हुई बोली कि
भाभी :अब तुम जो समझो दासी या परी अब तो तुम्हारी ही हु ।
इतना बोलकर वह सरमाते हुए नीचे की तरफ देखने लगी तो मैं आगे बढ़कर उनको अपनी बांहों में लेते हुवे बोला
मैं :भाभी आप दासी नही आप तो मेरी दिल की रानी बन कर रहोगी
यह बोलकर मैं उनके होंठो पर अपना होंठ रख कर उसे चुम।लिया जिसकी वजह से वह सिहर उठी और अपना चहेरा घुमा लिया तो मैं बोला
मैं :"क्या बात है भाभी जान आप इस तरह डर क्यों रही हो ।अगर आप अभी खुद को तैयार नही पा रही हो तो मैं आपसे जबरदस्ती यह सब नही कर सकता हु।
भाभी मेरी बात सुनकर कुछ देर तक मेरी तरफ देखती रही और फिर बोली
भाभी :ऐसी बात नही है जय मैं तो ना जाने कबसे इस दिन का इन्तजार किया है बस शर्म आ रही है और कोई बात नही है।
मैं :भाभी शर्म छोड़िए और आज के इस पल का भरपूर मजा लीजिये और आज की रात हसीन बनाये मेरे साथ मिलकर।
 
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