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Incest दीवाना चुत का

जय100

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इतना बोलकर मैंने भाभी को अपनी तरफ खिंचा और उनके होंठो को अपने होंठो से मिला लिया पहले कुछ समय तक तो उन्होंने मेरा साथ नही दिया लेकिन कुछ देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी और हमारा यह किस सॉफ्ट किस से होते होते वाइल्ड किस में बदल गया हमारा यह किस तब तक चलता रहा जब तक कि हम दोनों की सांस फूलने नही लगी। जब हमारी सांसे फूलने लगी तो हमने एक दूसरे को छोड़ा तब मैं बोला कि
मैं :"वाह भाभी मजा आ गया आज से पहले मुझे कभी भी किसी के साथ किस में इतना मजा नही आया आपने कंहा से सीख लिया है यह सब
भाभी : देवर जी अभी तक आपने जाना ही कंहा है अपनी भाभी को आगे आगे देखिये कितना मजा देती हूं मैं आपको।
इतना बोलकर भाभी फिर से मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और इस बार तो वह पहले से भी ज्यादा भयानक तरह से किस करने लगी ऐसा लग रहा था मानो मेरे होंठो को खा जायँगी। इस बार उन्होंने मुझे बुरी तरह से चूस डाला। सच कहु तो आज तक खुद मैंने कभी भी नही किया था किसी के साथ ।अभी मैं यही सोच रहा था कि भाभी ने मुझे खड़ा किया और खुद ही मेरा लण्ड पैंट के ऊपर से पकड़ लिया और साथ मे किस भी कर रही थी ।अब मैंने अपनी सोच को विराम देते हुए भाभी के साथ मस्ती करने का सोच लिया और उनके होंठो को चूसते हुए मैं उनके चुचियो को मसलना सुरु कर दिया कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैंने भाभी के एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए उन्हें पूरी तरह से नंगा कर दिया


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जैसा कि उनको पता था कि मुझे झांटो से भरी हुई बुर काफी पसंद है तो उन्होंने अपने बुर के बाल साफ नही किया था यह देख कर मुझसे रहा नही गया और मैंने तुरन्त ही उनकी बुर को अपनी हाथों से फैला कर उनके बुर के दाने को अपनी जीभ से छेड़ दिया और उनकी बुर में एक उंगली घुसाने की कोशिश की तो उनकी मुह से हल्का सा दर्द की चीख निकल गयी और मैं यह देख कर मुस्कुरा दिया और बोला कि
मैं :वाह भाभी लगता है आज तक आपने उंगली तक नही की है मजा आएगा खूब।
इतना सुनते ही भाभी बस हस दी लेकिन कुछ बोली नही मैंने भी बिना समय बिताए उनकी बुर को अच्छी तरह से चूसने लगा जिसकी वजह से उनके मुह से आवाजे निकलने लगी और वह किसी तरह से उनपर काबू पाने की नाकाम कोशिश कर रही थी लेकिन इसके बावजूद भी उनके मुह से सिसकिया निकल ही जाती थी करीब 5 मिंट में उनकी कमर ऊपर की तरफ उठने लगी और उन्होंने मेरे सर को अपनी बुर में दबा दिया और अपना पानी छोड़ दिया जिसे मैंने पी लिया और इसके बाद जब मैं खड़ा हुआ तो उन्होंने आगे बढ़कर मेरे पैंट को खोलते हुए बोली कि
भाभी :आज तक इसके बारे में कितना सोची हु आज मैं इसे जी भर कर प्यार करूँगी।
लेकिन जब उन्होंने मेरा पैंट खोला तो वह मेरे लण्ड को देखती ही रह गयी और बोली
भाभी :बाप रे यह आदमी का है किसी शैतान का मैं तो मर ही जाऊंगी इसे अपनी चुत में लेकर।
इधर बाहर खड़ी मेरी दोनों बहनें जो खिड़की से छुप कर सब देख रही थी वो दोनों भी मेरे लण्ड को देखकर अपनी आंखें चौड़ी कर ली ।जैसे उन्होंने कोई भूत देख लिया हो। कुछ देर बाद कविता दी बोली कि
कविता : यार सरिता इसका आदमी का है या गधे का भाभी कैसे लेंगी इसे अपनी बुर में उनकी तो फट जायेगी।
सरिता दी :उनकी छोड़ तू अपनी सोच तुझे भी बहुत गर्मी चढ़ी रहती है तू कैसे लेगी उसे।
कविता दी :मैं पागल थोड़ी ही हु जो इस गधे के नीचे आऊंगी बाप रे मैं तो इससे अब दूर ही रहूँगी ।
इधर हम दोनों की उत्तेजना अपने चरम पर थी भाभी पूरी कोशिश कर रही थी मेरे लण्ड को अपने मुह में लेने को लेकिन सिर्फ सुपाड़ा ही मुह में लेकर चूस पा रही थी और जीभ से पूरे लण्ड को अच्छी तरह से चाट कर गिला कर रही थी तो मैं बोला कि
मैं :भाभी अब बर्दाश्त नही हो रहा है अब तो छोड़ दो और लेट जाओ अब मैं अपकीं बुर का उदघाटन करूँगा।
भाभी मेरे लण्ड को अपने मुँह से निकाल कर एक बार मेरी तरफ देखी और हँसते हुए बोली
भाभी :देवर जी जो करना है करो लेकिन थोड़ा इसे चिकना तो कर लेने दो ताकि आराम से जा सके वरना आप तो मेरी बुर की धज्जियां उड़ा कर रख दोगे।
इतना बोल कर भाभी अपने बिस्तर से उठी और तले की शीशी लेकर मेरे लण्ड पर अच्छे से मालिश किया और उसे चिकना कर दिया और इसके बाद मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया और उनके टांगो के बीच आकर उनके प्यारी बुर को एक बार देखा और उसे चुम लिया क्यूंकि आज के बाद इसपर मेरे नाम का मुहर लगने वाली थी और फिर अपना लण्ड उनके बुर में फिट करके एक हल्का सा धक्का मारा तो मेरा टोपा उनके बुर के फांको को फैलाता हुआ थोड़ा अंदर घुशा तो उनके मुह से एक हल्की चीख निकली तो मैं उनके होंठो को अपने कब्जे में लेते हुए उन्हें कशकर पकड़ा और सोचा कि थोड़ा थोड़ा घुसाने में ज्यादा दर्द होगा उससे अच्छा तो यही होगा कि दो बार में ही पुरा घुशा दु यही सोच कर एक करारा धक्का मारा तो मेरा लण्ड उनकी बुर की सील को तोड़ते हुए आधा घुस गया तो वह नीचे छटपटाने लगी और उनकी आंखों से आँशु बहने लगी और अगर मैंने उनके मुह को दबाए नही रहता तो अब तक आधा गांव को जुटा लिया होता और यह नजारा देख कर मेरी बहनों की हालत खराब हो गयी थी इधर मैं उनके दर्द को कम करने के लिये उनकी चुचियो को पीने लगा और इस तरह करीब 5 मिंट बाद जब उनका दर्द कम हुआ तो मैंने जब देखा कि उन्हें थोड़ा आराम हुआ है तो एक बार और तेज धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उनकी बुर को फाड़ता हुआ पूरा घुस गया और भाभी दर्द के मारे मुझे नोचती और मार कर अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करती रही लेकिन कोई फायदा नही हुआ और इधर मैंने भी हल्का हल्का धक्का लगाना सुरु कर दिया करीब दस मिनट बाद जब उन्हें मेरे धक्कों से मजा आने लगा तो वह भी नीचे से अपनी गांड हिलाने लगी तो मैंने उनके मुह पर रखी हुई हाथ को हटा दिया तो वह बोली कि
भाभी :वाह मेरे राजा तू तो पूरा मर्द निकला रे मेरी तो जान ही निकाल कर रख दिया एक बार को तो लगा मैं मर ही जाऊंगी
मैं धक्के लगता हुआ उनके होंठो को एक बार चूमा और बोला
मैं :अरे भाभी जान अभी तो आपकी जवानी को पूरी तरह चखा भी नही और आप मरने की बात कर रही हो अभी तो आपको मेरे बच्चों की माँ बनना है ।
भाभी सिसकिया लेती हुई बोली कि
भाभी :वह सब तो बाद कि बात है मेरे राजा अभी तो तूफानी रफ्तार से धक्का मारो बाकी सब बाद में
उनके इतना बोलते ही मैं अपनी पूरी रफ्तार से उनकी बुर की धज्जियां उड़ाने में लग गया करीब 40 मिंट तक तरह तरह के पोज में उनकी बुर की धज्जियां उड़ाने के बाद जब मेरा गिरने वाला था तो मैं उनसे बोला कि
मैं :भाभी मेरा होने वाला है अंदर गिरा दु
भाभी :नही मेरे राजा आज तो मैं उसे चखना चाहूंगी
उनकी बात सुनकर मैं भी उनके बुर से अपना लण्ड निकाल के उनके मुँह में डाल के हिलाने लगा और कुछ ही धक्कों में मेरा सारा माल उनके मुंह मे छोड़ दिया जो कि उनके होंठो से होते हुए बाहर की तरफ बहने लगी थी


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इधर बाहर खड़ी मेरी बहने बिना बुर को हाथ लागये इस बीच दो बार झड़ चुकी थी । उधर जब मैं चुदाई के नशे से बाहर आया तो देखा कि उनकी बुर के होंठ बुरी तरह से सूज चुकी थी तो मैं जल्दी से जाकर रसोई में गैस पर गरम पानी करके लाया और उनके चुत की सिकाई करने के बाद शाम को बाजार से जाकर दर्द की गोली पहले ही लेकर आ गया था वह उन्हें खाने को दी और फिर बाहर आ गया । भाभी चुदाई के बाद कुछ देर ऐसी ही लेती रही फिर दर्द की दवा से दर्द कम।हुआ तो वह सो गई।इधर मेरी बहने भी अपने बिस्तर पर जाकर सोने की कोशिश करने लगी ।
वही दूसरी तरफ सोनिया और रूबी ऑफिस से तैयार होकर शाम की पार्टी के लिए निकल गयी ।वहा पार्टी में कुछ ऐसा नही हुआ जिसका जिक्र करना जरूरी हो वह एक बिजनेस पार्टी थी और अच्छे से निपट गयी ।पार्टी से घर आने के बाद जब वह फ्रेश होकर नीचे आयी तो उसकी माँ ने पूछा की आज वह जाकर बात की या नही उस लड़के से तो सोनिया ने वँहा पर जो कुछ भी हुआ सब बाते बता दिया तो उनके यंहा पर ना रुकने पर सोनिया की माँ थोड़ी दुखी जरूर हुई पर जब उन्हें पता चला कि वह लोग सहर में रहने वाले है तो उन्हें थोड़ी खुसी जरूर हुई लेकिन उन्हें इस बात का दुख भी था कि कुछ समय के बाद सोनिया को यंहा से जाना पड़ेगा।
 
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