अभी कुछ देर पहले ही सोनिया फ्रेश हो कर नीचे अपनी सास के पास बैठी बाते कर रही थी कि उसकी ननद प्रियंका उसके पास आती है और उससे बाते करने लगती है तो प्रियंका को उसकी माँ सारी बाते बता देती है तो प्रियंका बोलती है कि
प्रियंका :भाभी मैंने आपको कितनी बार बोला है कि इस बिजनेस में जितना हक मेरा है उतना आपका भी है तो बार बार आप यह क्यों दर्शाती रहती हो कि भैया के जाने के बाद आप इस घर की बहू या बेटी नही रह गयी हो और आपका अब कोई अधिकार नही है।
सोनिया प्रियंका की बात सुनकर एक बार अपनी सास की तरफ देखती है और कहती है
सोनिया :माँ आप ही समझाओ इसे मैंने जो भी किया है सही किया है इसमें हम सबकी भलाई है ।
माँ :मुझे तुम्हारा फैशला खुद मंजूर नही है तो मैं इसे क्या बोलू मैं तो खुद यही चाहती हु की तुम हमेशा हमारे साथ रहो तो ऐसे में मैं उसे क्या बोलू।
सोनिया :मा क्या आप यही चाहती है कि मैं प्रियंका के अधिकार को हड़प लू तो मैं ऐसा नही करने वाली कल मेरी जब शादी हो जाएगी तो मुझे अपने ससुराल जाना ही पड़ेगा। हम किसी अच्छे लड़के को देख कर प्रियंका की शादी कर देंगे जो कि इसकी अच्छे से देखभाल करेगा।
प्रियंका :भाभी भैया अगर होते तो भी आप यही कहती क्या तब भी आप इस तरह हम सबको छोड़ कर जाने की बात करती।
सोनिया : अगर तुम्हारे भाई होते तो आज यह सब। मुझे ना तो देखना पड़ता और ना ही कही जाने की जरूरत होती इसलिए इन सब बातो का अब कोई मतलब नही है बाकि रही इस प्रोपर्टी की बात तो वह कल भी तुम्हारा था और आगे भी तुम्हारा ही रहेगा मैं तो केवल एक केयरटेकर की हैसियत से इसे सम्भाल रही हु उस दिन तक जब तक तुम इसे संभालने के काबिल नही हो जाती ।
माँ :अच्छा इन सब के बारे में बाद में बात करेंगे की क्या करना है सोनिया पहले तुम यह बताओ कि कल वँहा पर तुम भी मेरे साथ चल रही हो या नही।
प्रियंका :क्या मा आप भी बच्चों की तरह बाते कर रही हो क्या कोई लड़की अपनी शादी की बात करने खुद जाती है अगर आज इनके जाने के बारे में मुझे पता रहा होता तो इन्हें अकेले नही जाने देती और अब तो कल इन्हें वैसे भी नही जाने दूँगी।
माँ :ठीक है जैसी तेरी मर्जी अच्छा चलो तुम सब खाना खा लो कल की कल देखी जाएगी।
अगली दिन सुबह
जब मैं सो कर उठा तो पता चला कि भाभी कल रात में फिसल कर गिर गयी और उन्हें चोट लगी है ।अंदर कबिता दी और सरिता दी उनके कमर की मालिश कर रही है हालांकि पापा डॉक्टर बुलाने के लिये जा रहे थे लेकिन दी ने यह बोल कर मना कर दिया कि हल्की सी मोच है मालिस के बाद थोड़ा आराम कर लेंगी तो उन्हें राहत मिल जाएगी लेकिन उन्हें असली चोट की वजह क्या है और इसके जिम्मेदार कौन है वह तो घर के कुछ लोगो को मालूम है जब मैंने देखा कि दोनों दीदी ने बात को सम्भाल लिया है तो मैं निश्चिन्त हो कर खेत की तएफ जाने की सोच रहा था कि तभी सोनिया का फोन आ गया कि उसकी माँ और ननद(दोस्तो उसकी माँ का मतलब सासु माँ क्यूंकि उसके मा बाप की मौत पहले ही हो चुकी है और उनका इस कहानी में कही कोई जिक्र नही है) शादी की बात करने के लिए आ रही है तो मैंने यह बाते घर पर बता कर अपने दोस्तों के पास चला गया। जंहा पर राजू जया के द्वारा किये गए अपमान का कारण मुझे समझ रहा था लेकिन उसे यह नही पता था कि इन सबका कारण वह खुद ही है क्यूंकि जया को उसकी काली करतूतों के बारे में मालूम पड़ गया था कि राजू भी पंकज ठाकुर के लिए गांव की लड़कियों को उठा कर पहुछाता है वह मुझे सबक सिखाने के लिये गांव के ही कुछ लड़कों के साथ मिलकर मेरा आने का इंतजार कर रहा था लेकिन उसकी खराब किस्मत उससे पहले की वह कुछ कर पाता उसकी इस घटिया हरकत के बारे में जया को मालूम पड़ गया और वह मेरे घर से बाहर निकलते ही उसने इस बारे में मुझे सबकुछ बता दिया पहले तो मैंने सोचा कि उससे इस बारे में बात की जाए फिर आज सोनिया के घर वाले आने को है और आज कोई भी लफड़ा नही करना चाहता था इसलिए मैं कहीं जाने का ख्याल मन से निकाल के ज्योति से मिलने के लिए उसके घर की तरफ चल दिया जंहा पर एक सॉकिंग खबर मेरा पहले से ही इन्तजार कर रही थी मैं जब वँहा पर पहुचा तो देखा कि मधु ज्योति से बाते कर रही थी तो मैं वँहा से वापस घर की तरफ आने को सोच कर वँहा से चलने को हुआ लेकिन मेरे कानों में कुछ ऐसी बाते सुनाई दी कि ना चाहते हुए भी मैं रूक गया मधु ज्योति से बोल रही थी
मधु :अब रोने से क्या फायदा नही है मैं जो पूछ रही हु उसका सही से जवाब दे वरना मैं यह सब बातें घर पर सभी लोगो को बता दूँगी।
ज्योति : जब तू सारी बाते जान ही चुकी है तो बताने के लिए अब बचा ही क्या है क्या सुनना चाहती है कि तू जय के साथ मेरे शारीरिक संबंध है कि नही तो सुन हा तूने जो कुछ भी सुना है वह सब सच है मैं तुमसे यह तो नही पूछूँगी की तुमसे यह बात किसने कही लेकिन जिसने भी कहा है न बिल्कुल ठीक ही किया है कम से कम अब तुझसे तो डरने की जरूरत नही है बाकी बचे मा बापू तो उनका डर तो मुझे ना तो पहले था और न ही अब है क्यूंकि माँ तो मेरे बारे में सब कुछ पहले से जानती है और रही बात कविता दी कि तो सुन वह तो पहले से भाई से दिलो जान से प्यार करती है तो वह मुझे रोक ही नही सकती अब बचते है पापा तो वह हर समय तो घर पर रहते नही है तो मेरे लिए और भी आसानी हो गयी ।
मधु :तू तो पक्का बेशर्म हो गयी है तुझे डर नही लगता यह सब करते हुए अगर किसी को पता चल गया तो तू क्या बोलेगी सबको।
ज्योति :देख अब तुझे जो समझना है समझ मुझे किसी के कुछ भी समझने से कोई फर्क नही पड़ता सुरु में मुझे भी बहुत अजीब लगता था लेकिन अब कोई फर्क नही पड़ता दुनिया के लोग मेरे बारे में क्या सोचते है इससे मुझे कोई फर्क नही पड़ता अब तो मैंने भाई को अपना सब कुछ मान लिया है अगर दुनिया के नजर में गलत है तो मैं गलत हु इससे मुझे कोई फर्क नही पड़ता।
मैं यह सारी बाते सुनकर बहुत ही घबरा गया क्यूंकि मधु जितनी शांत दिखती है उतनी है नही उसके गुस्से से सभी डरते है अगर इसने कुछ ठान लिया तो बिना किये मानती नही थी मुझे तो यही समझ मे नही आ रहा था कि वह अब तक शांत कैसे है अब यह तो वही जाने लेकिन उसकी बातें सुनकर मुझे यह समझ मे नही आ रहा था कि इसे इन सब चीजों के बारे मे कैसे पता चला और अगर पता चला भी है तो किन किन लोगों के बारे में बारे में पता है। अब यह तो इससे पूछ के पता चलेगा लेकिन सबसे अहम सवाल तो यही था कि उससे इन सब के बारे में पता कौन करेगा।
वही दूसरी तरफ सोनिया के हवेली अमृता सोनिया के द्वारा दिए गए चोट को भूल नही पा रही थी और उसने अपने मन मे सोनिया से बदला लेना चाहती थी लेकिन इस बात को वह अच्छी तरह से जानती थी कि वह कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन वह उससे शिधे मुकाबले में नही जीत सकती थी।