7. सुख का त्रिकोण
हरीश चलो उठो आज ट्यूशन नहीं जाना है क्या
नहीं भाभी आज छुट्टी लेना है आज मैं घर पर ही रुकना चाहता हूं वैसे भैया कब आ रहे हैं
भैया को आने में अभी 4 दिन और बचे हैं
तृप्ति की नजर हरीश के लिंग पर गई उसका लिंग तना हुआ था अक्सर सुबह उठने के बाद मर्दों का लिंग खड़ा होता है उसे मॉर्निंग वुड कहते हैं... हरीश ने देखा की भाभी की नजर उसके लिंग पर है तो उसने तुरंत अपने ऊपर से चद्दर हटाई और पैजामा के सामने के दो बटन खोल कर उसने लिंग बाहर निकाला
हरीश तुम्हारा तो तना हुआ है जाओ नहा लो जल्दी से
भाभी मुझे थोड़ा दूध पिला दो ना
दूध तो मैं पिला दूंगी लेकिन मेरे दूध पिलाने से तुम्हारा लिंग थोड़े ही शांत होगा
हां अब आप तो जानती है ममता भाभी ने परसो कितने अच्छे से मेरा लिंग पान किया था
तो तुम कह रहे हो कि मैं ममता को बुला लू ताकि तुम्हें थोड़ी राहत मिले?!
नहीं भाभी नहीं ऐसा तो नहीं कह रहा हूं मैं लेकिन अगर आप चाहती है तो ममता भाभी को भी बुला लीजिए मुझे बहुत मजा आया था उस दिन
रुको जरा इस बार मैं ही तुम्हें थोड़ी राहत दिलाती हूं
यह कहकर तृप्ति बेड पर बैठ गई और हरीश के लिंक को हाथ में लेकर धीरे धीरे सहलाने लगी हरीश तब तृप्ति के गाउन की खींची हुई जगह पर जहां पर उसके स्तन के निप्पल की छाप दिखाई दे रही थी वहीं पर देख रहा था
भाभी आपका स्तन निकालिए ना बाहर
ऐसा कहकर उसने हाथ बढ़ाकर तृप्ति के स्तन को सह लाया तृप्ति ने गाउन के ऊपर के दो बटन खोल कर उसका एक स्तन बाहर निकाला और फिर वह हरीश के लिंग की ओर देखने लगी
ओहो भाभी आपके निप्पल तो कितने प्यारे हैं जी करता है कि दिनभर आपके निप्पल को मुंह में लेकर चूसता रहा हूं पिलाए ना भाभी
हां हरीश रुक जाओ अभी पप्पू को भी पिलाना बाकी है उसका हो जाए तब तुम पीना अभी थोड़ा अंदर किसको मैं तुम्हारा चूस लेती हूं
यह कहकर तृप्ति हरीश के बगल में लेट गई और नीचे सरकते हुए उसने अपना मुंह हरीश के लिंग के सामने एडजस्ट किया और अपने एक हाथ से उसने हरीश को अपने पास खींचा और उसका लिंग मुंह में ले लिया
ओ भाभी बहुत अच्छा लग रहा है भाभी
नीचे तृप्ति हरीश के लिंग के ऊपर से अपनी जीभ घुमा रही थी और बीच-बीच में उसे अंदर खींच रही थी थोड़ी देर चूसने के बाद ही हरीश झड़ने लगा
भाभी मैं आ रहा हूं
तृप्ति ने फिर हरीश का लिंग पूरी तरह से अपने मुंह में ले लिया और जोरो से चूसने लगी हरीश का सारा वीर्य तृप्ति के मुंह में उतर रहा था और तृप्ति ने आंखें बंद कर ली और सारा वीर्य गटक लिया वीर्य खत्म होने के बाद वह थोड़ी देर इसी तरह से चुस्ती रही और फिर उसने धीरे से हरीश के लिंग को अपने मुंह से निकाल दिया और पजामे के अंदर डाल दिया फिर तृप्ति बेड से उठ गई
चलो हरीश अब जल्दी से नहा लो मुंह धो लो उसके बाद मैं नाश्ता लगा दूंगी
भाभी आप ममता भाभी को बुला रही है ना?
हां हां दोपहर में बुलाओगी उसे अभी तुम तैयार हो जाओ जल्दी जल्दी
ओके भाभी पर भाभी 1 मिनट
कहते हुए हरीश ने तृप्ति का हाथ पकड़ा और उसे हल्के से नजदीक खींचा तृप्ति हरीश के पास जाते ही हरीश ने तृप्ति का वह बाहर निकला हुआ स्तन मुंह में ले लिया और चूसने लगा
ओहो हरीश अभी नहीं बोला ना तुम्हें जिद्दी मत करो
कहते हुए तृप्ति ने हरीश के मुंह से अपने निप्पल को हल्के से खींच लिया और गाउन के अंदर डाल दिया
हरीश ने नहा लिया और तृप्ति ने किचन में खाना बना लिया था नाश्ता होने के बाद तृप्ति ने पप्पू को नहलाया और उसे दूध पिला कर सुला दिया हरीश तब तक टीवी देख रहा था फिर दोपहर में तृप्ति ने ममता को फोन लगाकर घर बुला लिया ममता को आने में थोड़ी देर हो गई.. दरवाजे पर दस्तक हुई... हरीश ने जैसे ही दरवाजा खोला ममता दरवाजे में खड़ी थी
कैसे हो हरीश सब ठीक है?
कहते हुए वह अंदर आ गई हरीश ने दरवाजा लगा लिया तृप्ति अंदर बेडरूम में पप्पू के साथ लेटी हुई थी ममता ने झांक कर देखा और फिर हरीश से पूछा
तृप्ति सो गई है क्या?
तो हरीश ने कहा
सो रही है अभी-अभी पप्पू को दूध पिलाया है
यह सुनकर ममता बगल के सोफे में बैठ गई
अच्छा तो हरीश तुमने दूध पिया कि नहीं?
नहीं भाभी मुझे अभी तक तृप्ति भाभी ने दूध ही नहीं पिलाया आप पिलाएंगे
अरे पगले मेरे स्तनों में दूध नहीं है
कोई बात नहीं भाभी क्या मैं ऐसे ही आप के निप्पल चूस सकता हूं?
हरीश का इतना कहना ही था की ममता ने अपने ब्लाउज के नीचे के दो हूक खोलना शुरू भी कर दिया और उसने उसका दाया स्तन नीचे से बाहर निकाला यह देख हरीश अपने बेड से उठ कर सोफे पर ममता की बगल में बैठ गया ममता उठकर थोड़ा सा और बगल में बैठ गई और उसने हरीश को कहा
आओ बेटा लेट जाओ गोद में मैं तुम्हें चूस आती हूं
हरीश ममता की गोद में लेट गया और वह ममता के निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा ममता का निप्पल भी अच्छा खासा बड़ा था थोड़ी देर चूसने के बाद ममता ने हरीश के पजामे की ऊपर से ही उसके लिंग को सहलाना शुरू कर दिया फिर हरीश ने अपने हाथों से ही लिंग को पजामे के सामने वाले बटन खोल कर बाहर निकाला
वाह ओ हरीश कितना प्यारा है तुम्हारा लिंग मुझे इसे देखकर चूसने का और अंदर डाल लेने का मन करता है
यह सुनकर हरीश ने ममता का निप्पल मुंह से छोड़ दिया और वह ममता की आंखों में देख कर बोलने लगा
तो भाभी आइए ना... बैठिए ना इसके ऊपर बहुत मजा आएगा
ठीक है लेकिन हरीश तुम मेरे अंदर अपना वीर्य नहीं छोड़ोगे वादा करो
हां भाभी नहीं छोडूंगा जैसे ही मैं झाड़ने वाला होऊँगा तभी मैं बाहर निकाल लूंगा... पर भाभी क्यों ना हम तृप्ति भाभी को भी अपने साथ शामिल कर ले और मजा आएगा
हां हां क्यों नहीं मैं जा कर देखती हूं
नहीं भाभी हम एक काम करते हैं मैं इसी तरह मेरा लिंग उनके मुंह के बाहर ले जाता हूं और उसी तरह उन्हें उठाऊंगा
यह कहकर हरीश उठ खड़ा हुआ उसका वह लंबा सा लिंग बाहर हिचकोले खा रहा था फिर हरीश इसी तरह से लिंक बाहर रखते हुए तृप्ति के बेडरूम की ओर बढ़ चला साथ ही साथ पीछे से ममता अपना एक स्तन बाहर ही रख कर उसके पीछे चलने लगी रूम का दरवाजा खुला हुआ था और तृप्ति एक बदन पर दरवाजे की ओर पीठ कर कर सोई हुई थी हरीश दबे पैरों से तृप्ति के सामने खड़ा हो गया... ममता मंद मंद मुस्कुरा रही थी और फिर उधर हरीश ने सोई हुई तृप्ति के होठों पर अपने लिंग के चोर को हल्के से टच किया तृप्ति उठी नहीं... फिर हरीश ने हल्के से तृप्ति के होठों के ऊपर अपने लिंग को दबाया और उसे हिलाने लगा तो तृप्ति की आंख खुल गई
उसने देखा कि हरीश उसके सामने ही खड़ा है और उसके ओठों पर हरीश का लिंग घूम रहा है यह देख उसने तुरंत अपना मुंह खोला और लिंग को अंदर ले कर उसे चूसने लगी
वॉव तृप्ति कितनी प्यारी लग रही है तू चूस ले अच्छे से चूस ले
यह कहते हुए ममता पीछे से उसके बगल में आकर खड़ी हो गई ममता का खुला स्तन देखकर तृप्ति मुंह में लिंग लिए मुस्कुरा दी और फिर थोड़ी देर और चूसने के बाद उसने लिंग को छोड़ दिया और वह इशारे से कहने लगी चलो दूसरे रूम में
चलो पप्पू सो रहा है
यह कहते हुए वह बेड से उठ गई उसने पप्पू की ओर एक नजर डाली देखा तो पप्पू आराम से सो रहा था फिर तृप्ति हरीश और ममता को लेकर हरीश के बेडरूम में चली गई वहां जाते ही हरीश ने तृप्ति के गाउन के बटन खोलना शुरू किया तृप्ति ने कहा
हां हां रुको तो सही क्या है...
कह कर उसने पूरा गाउन उतार दीया और वह वापस अपने बेडरूम में जाकर कबर्ड में कुछ ढूंढने लगी इधर हरीश और ममता यह देखकर सोचने लगे कि आखिर तृप्ति क्या करना चाह रही है एक ही मिनट में तृप्ति वापस हरीश के बेडरूम में आई और उसने गाउन हटाकर साड़ी पहन ली थी लेकिन उसने कोई ब्लाउज नहीं पहना था सिर्फ साड़ी लपेटे हुए वह रूम में इस रूप में तृप्ति और भी मोहक और मादक लग रही थी