दूधवाला और मेरी पत्नी भाग-1
कोमल की शादी को हुए एक साल हो गया था।
पति पत्नी ने अभी तक बच्चे के बारे में नहीं सोचा था।
कोमल रंग से गोरी और कामुक बदन की मालकिन थी।
उसकी उभरी हुई मोटे मुम्में 36डी के साइज की थीं। उसकी चूचियों को हर कोई प्यासी नजरों से घूरकर देखता था। मगर वो हर किसी पर इतना ध्यान नहीं देती थी।
कोमल शादी के बाद अपने पति के साथ बहुत खुश थी। उसके पति का बहुत अच्छा बिज़नेस था जिसकी वजह से उसको कभी कुछ कमी महसूस नहीं हुई।
शुरुआत में तो सब अच्छा था, उसका पति उसकी बहुत चुदाई करता था। पूरी रात पति का लण्ड कोमल की नाजुक चूत में किसी मोटे खीरे की तरह घुसा रहता था।
मगर शादी के कुछ समय बाद उसके ऊपर घर का काम देखने की जिम्मेदारी आ गयी थी और उसकी ननद अपने बच्चों के साथ वहाँ रहने आ गयी थी।
परिवार के सब लोग वहाँ रहने लगे थे जिसकी वजह से वो दोनों अब चुदाई का मज़ा नहीं ले पाते थे।
वह चुदने के लिए हमेशा प्यासी रहने लगी थी।
उसके पति रात को उसकी चूत में अपना पानी निकाल कर सो जाते थे मगर वो अपनी प्यासी चूत को अपनी नर्म चिकनी जांघों के बीच में दबाये गुस्से में लेटी रहती थी बिस्तर पर।
उसने कई बार अपने पति से शिकायत भी की लेकिन उनकी स्थिति भी वो समझ सकती थी।
उसकी हालत ऐसी थी कि सामने खाने की थाली रखी हुई है मगर वो उसको खा नहीं सकती।
एक बार डिनर करने के बाद रात को दोनों पति-पत्नी इसी बारे में बातें कर रहे थे।
पति ने कोमल को पीछे से बांहों में लेते हुए बोला- कैसी हो मेरी जानेमन?
कोमल- कैसी होऊंगी … और आप प्यार तो ऐसे जता रहे हो जैसे पता नहीं कितनी परवाह होगी आपको मेरी … हुँह!
प्रवीण- मेरी जान … क्यूँ इतना नाराज़ होती हो, तुझे पता है ना जब तुम मुंह फुला कर रहती हो तो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता।
कोमल- अच्छा, आज समझ आया आपको कि मैं नाराज़ हूं? वाह वाह!
प्रवीण ने पीछे से कोमल को अपने सीने से चिपका लिया और प्यार से चुम्बन लेते हुए उसने मनाने लगा।
प्रवीण- मेरी जान … गुस्सा मत करो, मैंने कुछ नया प्लान किया है। कुछ दिन बाद हम खूब मस्ती और जी भरकर चुदाई कर सकेंगे।
कोमल- सच में?
प्रवीण- हां मेरी रानी सच में … अब हम दोनों पुणे से शिफ्ट होकर अहमदाबाद जाने वाले हैं, वहाँ नयी कम्पनी शुरू करनी है। वहाँ नया घर लेंगे और तब हमें कोई डिस्टर्ब करने वाला भी नहीं होगा।
इतना कहने के बाद प्रवीण ने अपने दोनों हाथ बीवी की मस्त उन्नत उठी हुई चूचियों पर रख दिए और आहिस्ता-आहिस्ता दोनों चूचियों को नाइटी के ऊपर से सहलाने लगा।
कोमल अपने हाथ भी अपने पति के हाथों पर रख कर मज़ा लेती हुई बोलने लगी- उम्म्म … सच में कितना मज़ा आयेगा ना जान … तब तो हम कभी भी मस्ती कर सकेंगे।
प्रवीण- हां मेरी जान … बस कुछ दिन की बात है, फिर तेरी ये गोल गोल गोरी चूचियां हमेशा मेरे हाथो में रहेंगी और जहाँ चाहे इनको मसलूंगा। हम बहुत तरह प्रयोग करेंगे चुदाई में!
कोमल- कैसे प्रयोग? मुझे तो बताओ कुछ!
बोलते हुए कोमल ने अपना एक हाथ पीछे ले जाकर अपने पति का लण्ड लोअर के उपर से ही पकड़ लिया और सहलाने लगी।
प्रवीण भी एक हाथ पल्लवी की नाइटी में अंदर घुसाकर उसकी एक चूची को कसकर दबाने लगा।
फिर दूसरे हाथ को उसकी कमर वाले नाजुक हिस्से पर घुमाने लगा।
प्रवीण- मेरी जान .. तब तो बेडरूम, रसोई, बाथरूम, बालकनी और छत … सब जगह तुझे नंगी करके चोदने का मज़ा लिया जाएगा।
कोमल – उम्म्म्म … सब जगह चोदोगे … लेकिन बालकनी और छत पर तो कोई देख लगा ना हमें? ना बाबा ना … मुझे डर लगता है कोई ऐसे देखेगा तो!
फिर प्रवीण ने कहा- क्यों डर लगेगा मेरी जान … हम पति-पत्नी हैं। अपने घर में कैसे भी चुदाई कर सकते हैं ना! कोई देखेगा तो अच्छा है … उसका भी लण्ड खड़ा हो जायेगा।
कोमल- अच्छा और आपको बुरा नहीं लगेगा कोई जब आपकी पत्नी को ऐसे नंगी चुदाई करते हुए देखेगा तो?
प्रवीण- क्यों बुरा लगना इसमें? वहाँ हमें कोई जानने वाला नहीं होगा और मेरी पत्नी की मस्त चूचियाँ और गाण्ड देखने का अवसर उनको भी तो मिलना चाहिए।
कोमल शर्म से लाल होने लगी और पहली बार अपने पति के अलावा किसी अनजान मर्द के सामने नंगी होने की बात सोचकर ना चाहते हुए भी नीचे अपनी चूत में अजीब सी हलचल महसूस करने लगी।