दूधवाला और मेरी पत्नी भाग-12
प्रवीण यार रमेश तुमने बडी गहरी चाल चल दी है मेरी रानी नही बचने वाली या तो तुम्हारा घोडा या हाथी आज मेरी रानी की मार के रहेगे
रमेश रमेश ने अपनी लंड को सहलाते हुये भैया आज यह घोडा आपकी रानी की सवारी करेगा ही
कोमल अरे सुनते हो मेरी पीठ पर साबुन लगा दो तब खेलो
प्रवीण यार चाल तो तेरी गहरी है लगता तो है मेरी रानी अब मारी जायेगी देखता हूँ बच जाये तो अच्छी बात है बस थोड़ा वक्त दे, तब तक तु जरा अपनी भाभी की मदद कर दे
कोमल का पेटीकोट कब का उतर चुका था उसकी बुर गांड के स्पष्ट दर्शन रमेश की लंड मे आग लगाये हुये थे
रमेश जैसे भैया कहो में तो हमेशा भाभी के सेवा मे हजीर हूँ तहमद गीला ना हो जाये उतार देता हूँ
प्रवीण अरे तुम्हारा घर है बिना संकोच के रहो, फिर अखिर भाभी की सेवा देवर नही करेगा तो कौन करेगा
रमेश तहमद खोल अपने 8 इंची लंड को मुठीयाते हुये भैया मेरा लंबा घोडा आज आपकी रानी मार कर रहेगा
प्रवीण कोमल को देखते हुये मेरी रानी भले नयी है मगर इस काले घोडे को काबू कर ही लेगी
रमेश साबुन लेकर कोमल की पीठ पीछे बैठ गया इस हालत मे रमेश का लंड गांड की दरार से होता हुआ नंगी बुर के छेद पर ठोकर मारने लगा एकबारगी तो कोमल का तन बदन सहर गया उसकी बुर ने ठेर सारा पानी छिड़क दिया रमेश के टोपे पर जैसे की बुर रानी स्वागत कर रही हो अपने नये मेहमान का
रमेश दोनो हाथो के साबुन कां झाग लगा कोमल के दोनो स्तनो का कस कस कर दबाने लगा
कोमल सिसकने लगी उधर रमेश लंड को गांड की दरार पर रगड़ने लगा
रमेश क्या लगता है भैया आपकी रानी बचेगी अब
प्रवीण चाल तो बहोत तगड़ी है तेरे लंबे घोडे के नीचे दबी है बस तेरा घोडा सभल जाये तो मेरी रानी बच
तभी कोमल के मुँह से तेज चीख निकल पड़ी
क्योकि इसी बीच रमेश ने जबरदस्त धक्का मारा था कि उसका लंड का टोपा बुर चीरते दरदराते अपना रास्ता बनाते घुस चुका था
प्रवीण क्या हुआ कोमल
कोमल हाये जी देवर का घोडा घुस गया बहुत मोटा घोड़ा है इनका
प्रवीण ने नीचे झांका तो रमेश का मोटा लंड एक चौथाई घुस चुका था
welcome all images
आठ इंच मोटा दमदार एक चौथाई लंड कोमल की बुर मे था और आँखो मे आँसू
प्रवीण तु भी ना कोमल, देवर है तेरा, देख कितना प्यारा घोडा है बेचारे के प्यास लगी होगी तो तेरा कुँआ दिखा तो पानी पीने चाला आया, पानी पी के चला जायेगी
तभी रमेश ने एक जोरदार झटका दिया
आधा लंड कोमल की बुर मे था
रमेश जी भैया बेचारा बहुत प्यास है बस थोड़ा पानी पियेगा चला जायेगा
कोमल हाये देवर जी भाभी देवर को कभी मना करती है, देवर का काम है भाभी की बुर मारना चाहे प्यास से या जबरदस्ती , देवर अर्थात् दूसरा वर यदि भाभी चाहे तो भी मना नही कर सकती पाप है मगर हाये मेरे देवर का बहुत मोटा है, यह तेरी भाभी का बरतन ही फाड देगा
तभी रमेश ने कोमल को चुमते हुये पीठ के बल फर्श पर लेटा दिया , और आधे लंड का आगे पीछे कर हलके हलके धनके लगाने लगा
रमेश चिंता ना करो भाभी तुम्हारा यह देवर तुम्हारा बरतन संभाल कर इस्तमाल करेगा इसका घोड़ा प्यार से पानी पियेगा
तभी रमेश ने एक जोर दार धक्का मारा
कोमल चील्ला उठी हाये मर गई फट गई जी, तुम्हारी मेहरारू की बुर फाड दी देवर जी ने हाये देवर जी छोड दो हाये तुम क्या देख रहे हो बैठे बैठे देखो अपनी बीबी की बुर देखो कितनी फड दी इस बेरहम ने
प्रवीण कोमल के टांगो के बीच आया तो सय मे खून की लकीर बन गई थी आज कोमल का असल मर्द से पाला पड़ा था
प्रवीण बुर चाटने लगा
उधर रमेश कोमल की चुची दबाये लगातार धक्के मारा जा रहा था
कोमल का दर्द हतले हलके मस्ती मे बदलने लगा
कोमल हाये चोदो रमेश हाये चोदो जोर से जोदो देवर राजा मेरा हिजड़ा मर्द कुछ नही कर पाता तु मुझे गभीन कर दे
रमेश हाये भौजी बहुत टाईट बुर है इतनी टाईट बुर है जैसे किसी कमसीन की गांड मार रहा हूँ क्या मस्त बुर है भैया भाभी की
इसी के साथ रमेश झड जाता है और अपना पुरा माल कोमल की बुर मे डाल देता है
प्रवीण यार तेरे घोड़े ने मेरी रानी चोद ही ली
प्रवीण यार रमेश तुमने बडी गहरी चाल चल दी है मेरी रानी नही बचने वाली या तो तुम्हारा घोडा या हाथी आज मेरी रानी की मार के रहेगे
रमेश रमेश ने अपनी लंड को सहलाते हुये भैया आज यह घोडा आपकी रानी की सवारी करेगा ही
कोमल अरे सुनते हो मेरी पीठ पर साबुन लगा दो तब खेलो
प्रवीण यार चाल तो तेरी गहरी है लगता तो है मेरी रानी अब मारी जायेगी देखता हूँ बच जाये तो अच्छी बात है बस थोड़ा वक्त दे, तब तक तु जरा अपनी भाभी की मदद कर दे
कोमल का पेटीकोट कब का उतर चुका था उसकी बुर गांड के स्पष्ट दर्शन रमेश की लंड मे आग लगाये हुये थे
रमेश जैसे भैया कहो में तो हमेशा भाभी के सेवा मे हजीर हूँ तहमद गीला ना हो जाये उतार देता हूँ
प्रवीण अरे तुम्हारा घर है बिना संकोच के रहो, फिर अखिर भाभी की सेवा देवर नही करेगा तो कौन करेगा
रमेश तहमद खोल अपने 8 इंची लंड को मुठीयाते हुये भैया मेरा लंबा घोडा आज आपकी रानी मार कर रहेगा
प्रवीण कोमल को देखते हुये मेरी रानी भले नयी है मगर इस काले घोडे को काबू कर ही लेगी
रमेश साबुन लेकर कोमल की पीठ पीछे बैठ गया इस हालत मे रमेश का लंड गांड की दरार से होता हुआ नंगी बुर के छेद पर ठोकर मारने लगा एकबारगी तो कोमल का तन बदन सहर गया उसकी बुर ने ठेर सारा पानी छिड़क दिया रमेश के टोपे पर जैसे की बुर रानी स्वागत कर रही हो अपने नये मेहमान का
रमेश दोनो हाथो के साबुन कां झाग लगा कोमल के दोनो स्तनो का कस कस कर दबाने लगा
कोमल सिसकने लगी उधर रमेश लंड को गांड की दरार पर रगड़ने लगा
रमेश क्या लगता है भैया आपकी रानी बचेगी अब
प्रवीण चाल तो बहोत तगड़ी है तेरे लंबे घोडे के नीचे दबी है बस तेरा घोडा सभल जाये तो मेरी रानी बच
तभी कोमल के मुँह से तेज चीख निकल पड़ी
क्योकि इसी बीच रमेश ने जबरदस्त धक्का मारा था कि उसका लंड का टोपा बुर चीरते दरदराते अपना रास्ता बनाते घुस चुका था
प्रवीण क्या हुआ कोमल
कोमल हाये जी देवर का घोडा घुस गया बहुत मोटा घोड़ा है इनका
प्रवीण ने नीचे झांका तो रमेश का मोटा लंड एक चौथाई घुस चुका था
welcome all images
आठ इंच मोटा दमदार एक चौथाई लंड कोमल की बुर मे था और आँखो मे आँसू
प्रवीण तु भी ना कोमल, देवर है तेरा, देख कितना प्यारा घोडा है बेचारे के प्यास लगी होगी तो तेरा कुँआ दिखा तो पानी पीने चाला आया, पानी पी के चला जायेगी
तभी रमेश ने एक जोरदार झटका दिया
आधा लंड कोमल की बुर मे था
रमेश जी भैया बेचारा बहुत प्यास है बस थोड़ा पानी पियेगा चला जायेगा
कोमल हाये देवर जी भाभी देवर को कभी मना करती है, देवर का काम है भाभी की बुर मारना चाहे प्यास से या जबरदस्ती , देवर अर्थात् दूसरा वर यदि भाभी चाहे तो भी मना नही कर सकती पाप है मगर हाये मेरे देवर का बहुत मोटा है, यह तेरी भाभी का बरतन ही फाड देगा
तभी रमेश ने कोमल को चुमते हुये पीठ के बल फर्श पर लेटा दिया , और आधे लंड का आगे पीछे कर हलके हलके धनके लगाने लगा
रमेश चिंता ना करो भाभी तुम्हारा यह देवर तुम्हारा बरतन संभाल कर इस्तमाल करेगा इसका घोड़ा प्यार से पानी पियेगा
तभी रमेश ने एक जोर दार धक्का मारा
कोमल चील्ला उठी हाये मर गई फट गई जी, तुम्हारी मेहरारू की बुर फाड दी देवर जी ने हाये देवर जी छोड दो हाये तुम क्या देख रहे हो बैठे बैठे देखो अपनी बीबी की बुर देखो कितनी फड दी इस बेरहम ने
प्रवीण कोमल के टांगो के बीच आया तो सय मे खून की लकीर बन गई थी आज कोमल का असल मर्द से पाला पड़ा था
प्रवीण बुर चाटने लगा
उधर रमेश कोमल की चुची दबाये लगातार धक्के मारा जा रहा था
कोमल का दर्द हतले हलके मस्ती मे बदलने लगा
कोमल हाये चोदो रमेश हाये चोदो जोर से जोदो देवर राजा मेरा हिजड़ा मर्द कुछ नही कर पाता तु मुझे गभीन कर दे
रमेश हाये भौजी बहुत टाईट बुर है इतनी टाईट बुर है जैसे किसी कमसीन की गांड मार रहा हूँ क्या मस्त बुर है भैया भाभी की
इसी के साथ रमेश झड जाता है और अपना पुरा माल कोमल की बुर मे डाल देता है
प्रवीण यार तेरे घोड़े ने मेरी रानी चोद ही ली