Arjun2000
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Mukhiya banne k bad shayad.. mukhiya apni maa se shadi krta h...yhi inam hoga
ExcellentUpdate 6
फिर मुखिया जी हमें अंक देता है।
1 राजु
2 कालू
3 सुरेश
4 राजेश
5 महेश
फिर मुखिया जी कहते हैं - कल का खेल सुरेश के घर इसी समय में होगा। फिर मुखिया जी वहां से चले जाते हैं।
उसके बाद हम भी वहां से निकल जाते हैं सुरेश और महेश का घर बगल में ही था।
पूरे रास्ते हम चारों मतलब, मैं, मम्मी, कालु, चाची कुछ भी नहीं बोल रही थी। थोड़ी ही देर में कालू का घर आ जाता है। और वह दोनों हमें अलविदा कह कर अपने घर चला जाता है।
जब हम अपने घर पहुंचते हैं तो घर का ताला खुला हुआ था। जिसका मतलब था कि पापा घर आ चुके हैं। उसके बाद हम लोग अंदर जाते हैं। मम्मी सीधा किचन में खाना बनाने चली जाती है और मैं अपने रूम में चला जाता हूं। उस रात मेरे घर कुछ खास नहीं होता है। लेकिन कालू के घर बहुत कुछ होने वाला था।
(आगे की कहानी कालू की जुबानी)
जब मैं घर पहुंचता हूं तो मां चुपचाप खाना बनाने चली जाती है।मुझे थोड़ा सा अजीब लग रहा था क्योंकि वह मुझसे कोई भी बात नहीं कर रही थी।
जब खाना बन जाता है तब मैं और मां साथ बैठकर खाना खाने लगते हैं। खाना खाते हुए ही मैं मां से पूछता हूं - क्या हुआ मां तुम कुछ परेशान लग रही हो
मां - कुछ भी तो नहीं। खाना खाने के बाद तू मेरे कमरे में मेरा इंतजार कर मैं आ जाऊंगी।
जिसके बाद हम दोनों में कोई बात नहीं होता है।और मैं खाना खाकर मम्मी के कमरे में चला जाता हूं।
मैं मां के कमरे में बेठा उनका इंतजार कर रहा था कि तभी दरवाजे से मां अंदर आती है। अभी उन्होंने एक नाइटी पहना हुआ था और उनके हाथ में एक गिलास दूध भी था। मां मेरे पास आती है और खाट पर बैठ जाती है और अपने हाथ में पकड़ा गिलास मेरे और बढ़ा देता है।जिसे मैं भी बड़े प्यार से उनके हाथ से ले लेता हूं और गिलास का आधा दूध पी जाता है। गिलास में बचा आधा दूध में मां को पिला देता हूं। मैं अच्छे से दूध को नहीं पिला पाता हूं जिसके कारण थोड़ा सा दूध मां की छाती पर गिर जाता है और साथ ही उनके मुंह के चारों ओर भी लग जाता है।
जिसे पोछने के लिए मां ने अपने हाथ को उठाया ही था कि मैं उनके हाथों को पकड़ लेता हूं। और ना मैं अपना सिर हिला देता हूं।
मैं मां के कंधों पकड़ के उन्हें बिस्तर पर सुला देता हूं। मां भी अच्छे से बिस्तर पर पीठ के बल होकर लेट जाते हैं। जिसके बाद में खाट पर से खड़ा होता हूं और अपने कपड़ों को धीरे-धीरे खोलते हुए मां को देखने लगता हूं।
मां खाट पर लेटी लंबी लंबी लेकिन धीरे धीरे सांसे लेते हुए मुझे ही देख रही थी। जब वो सांस लेते समय हवा को अंदर की ओर लेती तब उनके सीने पे लटके दो बड़े पहाड़ ऊपर की ओर उठ जाता। और जैसे ही वह सांस छोड़ती उनके दोनों पहाड़ ऊपर से नीचे हो जाते। इस दृश्य में वह काफी कामुक लग रही थी। जैसे ही मैं अपने पेंट को नीचे करता हूं मेरा 7 इंच खड़ा लैंड झट से बाहर आ जाता।
मेरे लंड को देखते ही उनकी लंबी लंबी सांसे रुक जाती है। भले ही आज तक मैंने अपनी मां की चूची और गांड को कितना भी दबाया हौ लेकिन आज तक हम दोनों ने एक दूसरे को कभी भी नंगा नहीं देखा है। मैं अपने खड़े लंड को सेहलाते हुए खाट पर चढ़ जाता हूं।
मां के चेहरे को मैं अपने दोनों हाथों में थाम लेता हूं और उनके होठों के चारों तरफ लगा दूध चाटने लगता हूं। ये दूध गिलास के दूध से कहीं ज्यादा मीठा था। जिसे मैं चाट चाट के गायब कर देता हूं और उस जगह को अपने थूक से गीला कर देता हूं।जब मुंह पर लगा सारा दूध खत्म हो जाता है तब मैं और दूध के तलाश में नीचे, उनकी छातियों के पास जाने लगता। जहां पर पहुंच कर मुझे दूध के छोटी बड़ी कहीं बूंदे नजर आता है। जिस तरह शेर पानी को चाट के पीता है उसी तरह में छाती पर लगे उन दूध के बूंदों को चाटने लगता हूं। मेरी इस हरकत से मां सिसक उठती है - आआह्ह्ह्
सारा दूध चाट लेने के बाद मैं वापस मां के चेहरे के पास आ जाता हूं।वे अभी काफी सुंदर लग रही थी, उन्होंने अपने दोनों आंखों को बंद करके रखा था और उनका मुंह भी खुला हुआ था जिससे वह गर्म सांसे छोड़ रही थी। गर्म सांसों के कारण उनका निचला होंठ सूख गया था जिस पर मेरे नजर पड़ते ही, मैं अपनी हॉट उस पर रख देता हूं और उसे चूसने लगता हूं।
मेरी मां जो अब तक कुछ भी नहीं कर रही थी वह अब अपने एक हाथ से मेरे बालों मैं उंगलियां चिल्लाने लगती है। और मेरे होठों को भी पागलों की तरह चूसने लगती है।
कुछ ही देर में मैं अपना जीभ मां के मुंह में डाल देता हूं जिसे वो काफी प्यार से चूसने लगती है।फिर मां भी अपनी जीभ को मेरे मुंह के अंदर डाल देती है जिसे मैं भी चूसने लगता हूं।
किस करते हुए मैं अपना एक हाथ मां की नाइटी में डाल देता हूं और उनकी चुचियों को बारी-बारी दबाने लगता हूं।
चुचियों को दबाने के बाद। मैं मां की नाइटी को ऊपर करने लगता हूं कुछ ही देर में मैं उनकी नाइटी को उनके छाती तक ऊपर कर देता हूं। फिर में किस करना छोड़ बैठ जाता हूं और नाइटी खोल के फेंक देता हूं।
उन्होंने नाइटी के अंदर कुछ भी नहीं पहना था। जिसके कारण वो अब मेरे सामने जन्मजात नंगी थी। मां शर्म के मारे अपने दोनों पैरों को सटाके अपनी चूत को छुपा रही थी।
कुछ देर मां को निहारने के बाद। मैं वापस से बिस्तर पर लेट जाता हूं और मां की एक चुची निप्पल को मुंह में डालकर चूसने लगता हूं और दूसरे को अपने एक हाथ से दबाने लगता हूं।
निप्पल के साथ में चुचियों को भी चुम रहा था और रह रह कर उस पर अपने दांत गड़ा देता। जिससे मां आह कर उठती। दोनों चुचियों को बारी बारी चूसने चूमने और काटने के बाद मुझे जाकर उनके पेट को चूमने लगता हूं। उनकी गहरी नाभि को अपनी जीभ से जाटनी लगता हूं।
कुछ ही देर में, मैं मां के पेट को लाल कर देता हूं। उसके बाद मैं उठ के मां के दोनों टांगों को पकड़ के अलग कर देता हूं। तभी मुझे देखती है वह चुप जिससे मैं पैदा हुआ था और जीसे आज रात में चोदने वाला था।
चूत को जी भर के देखने के बाद। उसे मैं अपनी उंगलियों से साइन होने लगता हूं। कुछ देर सैहलाने के बाद मैं अपने दोनों हाथों के अंगूठी से उनकी चूत को फैला देता हूं। जिससे मुझे उनकी गुलाबी चूत की छेद और पंख भी दिखने लगता है। उसे भी मैं कुछ देर तक देखता हूं।
उसके बाद में अपने सिर को चूत के पास ले जाकर, एक लंबा सांस लेकर उसके खुशबू को सुनता हूं। काफी मदहोश कर देने वाला जो मुझे कुछ देर के लिए नसीब में डाल दिया था। दो-तीन बार ऐसे ही चूत को सुंखने के बाद मैं अपने जेभ से उसे चाटने लगता हूं।
मेरा अजीब जैसे ही चूत पर पड़ता है। मां कांप जाती है और उनके मुंह से एक लंबा आह्ह निकलता है। मैं भी पागलों की तरह उनके चूत को चाटने लगता हूं, उनके पंखों को अपने मुंह में डालकर चूसने लगता हूं जिससे मां तड़प उठती है - आह्ह आह्ह मां
3 सालों से नहीं चोदने के कारण जैसे ही मैं उनकी चूत के दाने को सोचता हूं वैसे ही उनका मुत निकल जाता है। जो मेरे पूरे चेहरे पर लग जाते हैं।
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मां सेक्स को लेकर इतनी कमजोर होगी। मैं अपने चेहरे पर से सारा मुत पोछता हु और उसे अपने लंड पे लगा लेता हूं।
फिर मैं अपने लंड को पकड़ के मां की चूत से लगा देता हूं। और एक हल्का सा धक्का लगा देता हूं जिससे मेरा लंड का सुपाड़ा चूत में चला जाता है। सुपाड़े के चूत में जाते ही मां आह्ह कर उठती है।
फिर मैं मां के ऊपर लेट जाता हूं। ताकि वे आगे हिल ना सके। और अपने होंठ को मां के होठों को मिला देता हूं। मां को किस करते हुए मैं उनकी चूत में एक झटका देता हूं। जिससे आधा लंड चूत में चला जाता है। जिससे मां कि मुंह से चीख तो निकलती है लेकिन वह मेरे मुंह के अंदर ही दब के रह जाता है। मां ये सब 3 सालों बाद महसूस कर रही थी। जिस कारण मां को इस उमर में भी लंड लेने से दर्द महसूस हो रहा था।
मां थोड़ा सा ही शांत हुई थी कि मैं फिर से एक धक्का दे देता हूं जिससे पूरा लंड चूत में समा जाता है। इस बार मां अपने मुंह को मुझसे छुड़ा लेती है और चिल्लाते हुए मुझे धक्के देने लगती है - आह्ह मैं मर जाऊंगी उईईई मां इसे निकाल बेटा उउउ आआह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है।
कुछ देर तक ऐसे ही अपने लंड को चूत में रखते हुए में मां के ऊपर लेटा रहता हूं। और उनके चेहरे को सहलाते हुए उन्हें सांत करता हूं। कुछ देर बाद मां शांत हो जाती है जिसके बाद मैं अपनी कमर को आगे पीछे करते हुई उन्हें धीरे-धीरे चोदने लगता हूं। जिससे मां को भी मज़ा आने लगा और वह मजे में आहें भरने लगती है - आह्ह आह्ह आह्ह।
चूत इतना गर्म था कि मुझे लग रहा था मेरा लंड अंदर ही पिघल के रह जाएगा। इसलिए मैं अपना स्पीड भी धीरे धीरे करके थोड़ा और बढ़ा देता हूं।
जिसके कारण मां भी अपने करहाने के आवाज को बढ़ा देती है। मैं मां को अपने बाजुओं में कस के पकड़ लेता हूं। और काफी जोर जोर से मैं चोदने लगता हूं। मेरे हर एक धक्के के साथ खाट चर- चर करके हिल रहा था।
मेरे जोरदार धक्कन से मां झड़ते हुए बोलती है - आह्ह बेटा मेरा हो गया।
मैं जिंदगी में पहली बार किसी को चोद रहा था। वह भी अपनी 3 साल से ना चोदी हुई मां को। मैं झड़ना तो नहीं चाहता था लेकिन फिर भी मेरा माल निकलने वाला था।
जिसके बाद मैं अपना लंड निकाल लेता हूं और अपना सारा माल मां की चूत के ऊपर गिरा देता हूं और उनके ऊपर ही सो जाता हूं।