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Incest दूध का दम

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Update 9

चंपा अभी राजेश से काफी दूरी पर सिर्फ एक पेटिकोट को चुचियों तक ऊपर उठाकर पहनी हुई खड़ा थी। और वही राजेश सिर्फ एक चड्डी में खाट पर लेटा था।
अपनी मां को सिर्फ एक पेटीकोट में देख राजेश का लंड खड़ा हो गया था। जिसे वह अपने चड्डी के ऊपर से ही शहलाते हुए कहता है - मां और मत तड़पाओ देखो तुम्हारा छोटा बेटा चड्डी के अंदर कितना रो रहा है।
चंपा वही खड़ी खड़ी कहती है - पहले तु मेरे छोटू को आजाद कर तभी मैं तेरे पास जाऊंगी।
राजेश लेटे-लेटे एक झटके में अपना चड्डी उतार के फेंक देता है और कहता है - चलो मां अब तुम भी इस नाग को उसका छेद दिखाओ।
राजेश की बात सुन चंपा उसके तरफ जाने लगती है। जलते हुए ही वह अपने पेटीकोट का नाड़ा जो कि उसके चुचियों के ऊपर बंधा हुआ था उसे खोल देती है जिससे उसके मक्खन जैसे मुलायम चिकने शरीर से उसका पेटिकोट फिसल कर नीचे गिर जाता है।
पेटीकोट के गिरते ही चंपा पूरी तरह नंगी हो जाती है उसने अंदर एक भी कपड़ा नहीं पहनी थी। इस उमर में भी उसके शरीर का एक भी अंग ढीला नहीं पड़ा था।
बस उसकी चूचियां थोड़ा सा ढीला हो गया था और होते भी क्यों ना उसका आकार भी कुछ काम नहीं था। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। चलते हुए उसकी गांड काफी थिरक रही थी।
जिसे देख राजेश का लंड झटके मार रहा था। खैर राजेश को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा, कुछ ही सेकंड में उसकी मां घाट पर उसके बगल में लेट गई।
चंपा के लेटते ही राजेश चंपा के ऊपर टूट पड़ता है सबसे पहले राजेश चंपा के नरम होठों को किस करना शुरू करता है चंपा भी राजेश का पूरा साथ दे रही थी।

राजेश किस करते हुए अपने एक हाथ से चंपा के दोनों चुचियों को शहला भी रहा था।

कुछ देर चूचियों को सहलाने के बाद राजेश एक निप्पल को पकड़ के ऊपर की ओर खींच लेता है।जिससे चंपा के मुंह से एक जोर की आह निकल जाता है और दोनों का किस टूट जाता है।

जिसके बाद राजेश भी किस करना छोड़ अपनी मां के गर्दन को चूमते हुए उसकी चुचियों तक आ जाता है। पहले वह अपनी मां की दोनों चुचियों को अपने होठों से चुनता है उसके बाद अपने जीभ से चाटने लगता है।
राजेश चुचियों को चाटते हुए ही, चंपा के चुचियों के ऊपर उठे एक निप्पल के चारों तरफ अपना जीभ फेरनी करने लगता है। जीभ घुमाते हुए राजेश उस निप्पल को अपने मुंह में भर लेता है। और उसे चूसने लगता है साथ ही दूसरे चूची को अपने हाथ से दबाने लगता है जिससे चंपा के मुंह से आहे निकलने लगती है।

कुछ ही देर में राजेश दूसरी चूची को भी जोर जोर से चूसने लगता है। जिसके मस्ती में चंपा गुदगुदाने लगती है - आह्ह मेरा रांझा आह और जोर से उमां इसका सारा दूध पी जाओ मेरे बच्चे आह।

कुछ देर बाद राजेश सूचियों को चूसना छोड़ चंपा के ऊपर आ जाता है। और अपने लंड को अपनी मां के मुंह के पास कर देता है जिसे उसकी मां जबसे अपने मुंह में भर कर चूसने लगती है और खुद वह अपनी मां की चूत को चाटने लगता है 69 पोजीशन में।

उसके बाद राजेश उठता है और चंपा के टांगों के बीच आकर अपने लंड को एक ही बार में उसकी चूत में घुसा देता है।

और अपनी मां के ऊपर लेट कर उसे चूमते हुए जोर जोर से चोदने लगता है।

10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद राजेश चंपा की चूत में झड़ जाता है। और उसके ऊपर लेट के शो जाता हूं।

sorry thoda study ke Karan kam update de pa raha hun lekin main is story ko jarur complete karunga
nice update
 

Ek number

Well-Known Member
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Update 9

चंपा अभी राजेश से काफी दूरी पर सिर्फ एक पेटिकोट को चुचियों तक ऊपर उठाकर पहनी हुई खड़ा थी। और वही राजेश सिर्फ एक चड्डी में खाट पर लेटा था।
अपनी मां को सिर्फ एक पेटीकोट में देख राजेश का लंड खड़ा हो गया था। जिसे वह अपने चड्डी के ऊपर से ही शहलाते हुए कहता है - मां और मत तड़पाओ देखो तुम्हारा छोटा बेटा चड्डी के अंदर कितना रो रहा है।
चंपा वही खड़ी खड़ी कहती है - पहले तु मेरे छोटू को आजाद कर तभी मैं तेरे पास जाऊंगी।
राजेश लेटे-लेटे एक झटके में अपना चड्डी उतार के फेंक देता है और कहता है - चलो मां अब तुम भी इस नाग को उसका छेद दिखाओ।
राजेश की बात सुन चंपा उसके तरफ जाने लगती है। जलते हुए ही वह अपने पेटीकोट का नाड़ा जो कि उसके चुचियों के ऊपर बंधा हुआ था उसे खोल देती है जिससे उसके मक्खन जैसे मुलायम चिकने शरीर से उसका पेटिकोट फिसल कर नीचे गिर जाता है।
पेटीकोट के गिरते ही चंपा पूरी तरह नंगी हो जाती है उसने अंदर एक भी कपड़ा नहीं पहनी थी। इस उमर में भी उसके शरीर का एक भी अंग ढीला नहीं पड़ा था।
बस उसकी चूचियां थोड़ा सा ढीला हो गया था और होते भी क्यों ना उसका आकार भी कुछ काम नहीं था। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। चलते हुए उसकी गांड काफी थिरक रही थी।
जिसे देख राजेश का लंड झटके मार रहा था। खैर राजेश को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा, कुछ ही सेकंड में उसकी मां घाट पर उसके बगल में लेट गई।
चंपा के लेटते ही राजेश चंपा के ऊपर टूट पड़ता है सबसे पहले राजेश चंपा के नरम होठों को किस करना शुरू करता है चंपा भी राजेश का पूरा साथ दे रही थी।

राजेश किस करते हुए अपने एक हाथ से चंपा के दोनों चुचियों को शहला भी रहा था।

कुछ देर चूचियों को सहलाने के बाद राजेश एक निप्पल को पकड़ के ऊपर की ओर खींच लेता है।जिससे चंपा के मुंह से एक जोर की आह निकल जाता है और दोनों का किस टूट जाता है।

जिसके बाद राजेश भी किस करना छोड़ अपनी मां के गर्दन को चूमते हुए उसकी चुचियों तक आ जाता है। पहले वह अपनी मां की दोनों चुचियों को अपने होठों से चुनता है उसके बाद अपने जीभ से चाटने लगता है।
राजेश चुचियों को चाटते हुए ही, चंपा के चुचियों के ऊपर उठे एक निप्पल के चारों तरफ अपना जीभ फेरनी करने लगता है। जीभ घुमाते हुए राजेश उस निप्पल को अपने मुंह में भर लेता है। और उसे चूसने लगता है साथ ही दूसरे चूची को अपने हाथ से दबाने लगता है जिससे चंपा के मुंह से आहे निकलने लगती है।

कुछ ही देर में राजेश दूसरी चूची को भी जोर जोर से चूसने लगता है। जिसके मस्ती में चंपा गुदगुदाने लगती है - आह्ह मेरा रांझा आह और जोर से उमां इसका सारा दूध पी जाओ मेरे बच्चे आह।

कुछ देर बाद राजेश सूचियों को चूसना छोड़ चंपा के ऊपर आ जाता है। और अपने लंड को अपनी मां के मुंह के पास कर देता है जिसे उसकी मां जबसे अपने मुंह में भर कर चूसने लगती है और खुद वह अपनी मां की चूत को चाटने लगता है 69 पोजीशन में।

उसके बाद राजेश उठता है और चंपा के टांगों के बीच आकर अपने लंड को एक ही बार में उसकी चूत में घुसा देता है।

और अपनी मां के ऊपर लेट कर उसे चूमते हुए जोर जोर से चोदने लगता है।

10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद राजेश चंपा की चूत में झड़ जाता है। और उसके ऊपर लेट के शो जाता हूं।

sorry thoda study ke Karan kam update de pa raha hun lekin main is story ko jarur complete karunga
Nice update
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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Update 9

चंपा अभी राजेश से काफी दूरी पर सिर्फ एक पेटिकोट को चुचियों तक ऊपर उठाकर पहनी हुई खड़ा थी। और वही राजेश सिर्फ एक चड्डी में खाट पर लेटा था।
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बस उसकी चूचियां थोड़ा सा ढीला हो गया था और होते भी क्यों ना उसका आकार भी कुछ काम नहीं था। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। चलते हुए उसकी गांड काफी थिरक रही थी।
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राजेश किस करते हुए अपने एक हाथ से चंपा के दोनों चुचियों को शहला भी रहा था।

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राजेश चुचियों को चाटते हुए ही, चंपा के चुचियों के ऊपर उठे एक निप्पल के चारों तरफ अपना जीभ फेरनी करने लगता है। जीभ घुमाते हुए राजेश उस निप्पल को अपने मुंह में भर लेता है। और उसे चूसने लगता है साथ ही दूसरे चूची को अपने हाथ से दबाने लगता है जिससे चंपा के मुंह से आहे निकलने लगती है।

कुछ ही देर में राजेश दूसरी चूची को भी जोर जोर से चूसने लगता है। जिसके मस्ती में चंपा गुदगुदाने लगती है - आह्ह मेरा रांझा आह और जोर से उमां इसका सारा दूध पी जाओ मेरे बच्चे आह।

कुछ देर बाद राजेश सूचियों को चूसना छोड़ चंपा के ऊपर आ जाता है। और अपने लंड को अपनी मां के मुंह के पास कर देता है जिसे उसकी मां जबसे अपने मुंह में भर कर चूसने लगती है और खुद वह अपनी मां की चूत को चाटने लगता है 69 पोजीशन में।

उसके बाद राजेश उठता है और चंपा के टांगों के बीच आकर अपने लंड को एक ही बार में उसकी चूत में घुसा देता है।

और अपनी मां के ऊपर लेट कर उसे चूमते हुए जोर जोर से चोदने लगता है।

10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद राजेश चंपा की चूत में झड़ जाता है। और उसके ऊपर लेट के शो जाता हूं।

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Update 8 me akhir kar sulah ho hi gyi hero ki uski mom se, mom ne use btaya ki kal kya hua tha or yah bhi ki uski kaha galti hai Jisse use ek sikh bhi mili ki hmesha Apne partnar pr bharosha rakhna chahiye... Sandar update bhai jabarjast
Vahi Champa or Rajesh apas me lage pde hai jindgi ke maze lene me...
 

Raz-s9

No nude av/dp -XF STAFF
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Update 9

चंपा अभी राजेश से काफी दूरी पर सिर्फ एक पेटिकोट को चुचियों तक ऊपर उठाकर पहनी हुई खड़ा थी। और वही राजेश सिर्फ एक चड्डी में खाट पर लेटा था।
अपनी मां को सिर्फ एक पेटीकोट में देख राजेश का लंड खड़ा हो गया था। जिसे वह अपने चड्डी के ऊपर से ही शहलाते हुए कहता है - मां और मत तड़पाओ देखो तुम्हारा छोटा बेटा चड्डी के अंदर कितना रो रहा है।
चंपा वही खड़ी खड़ी कहती है - पहले तु मेरे छोटू को आजाद कर तभी मैं तेरे पास जाऊंगी।
राजेश लेटे-लेटे एक झटके में अपना चड्डी उतार के फेंक देता है और कहता है - चलो मां अब तुम भी इस नाग को उसका छेद दिखाओ।
राजेश की बात सुन चंपा उसके तरफ जाने लगती है। जलते हुए ही वह अपने पेटीकोट का नाड़ा जो कि उसके चुचियों के ऊपर बंधा हुआ था उसे खोल देती है जिससे उसके मक्खन जैसे मुलायम चिकने शरीर से उसका पेटिकोट फिसल कर नीचे गिर जाता है।
पेटीकोट के गिरते ही चंपा पूरी तरह नंगी हो जाती है उसने अंदर एक भी कपड़ा नहीं पहनी थी। इस उमर में भी उसके शरीर का एक भी अंग ढीला नहीं पड़ा था।
बस उसकी चूचियां थोड़ा सा ढीला हो गया था और होते भी क्यों ना उसका आकार भी कुछ काम नहीं था। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। चलते हुए उसकी गांड काफी थिरक रही थी।
जिसे देख राजेश का लंड झटके मार रहा था। खैर राजेश को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा, कुछ ही सेकंड में उसकी मां घाट पर उसके बगल में लेट गई।
चंपा के लेटते ही राजेश चंपा के ऊपर टूट पड़ता है सबसे पहले राजेश चंपा के नरम होठों को किस करना शुरू करता है चंपा भी राजेश का पूरा साथ दे रही थी।

राजेश किस करते हुए अपने एक हाथ से चंपा के दोनों चुचियों को शहला भी रहा था।

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जिसके बाद राजेश भी किस करना छोड़ अपनी मां के गर्दन को चूमते हुए उसकी चुचियों तक आ जाता है। पहले वह अपनी मां की दोनों चुचियों को अपने होठों से चुनता है उसके बाद अपने जीभ से चाटने लगता है।
राजेश चुचियों को चाटते हुए ही, चंपा के चुचियों के ऊपर उठे एक निप्पल के चारों तरफ अपना जीभ फेरनी करने लगता है। जीभ घुमाते हुए राजेश उस निप्पल को अपने मुंह में भर लेता है। और उसे चूसने लगता है साथ ही दूसरे चूची को अपने हाथ से दबाने लगता है जिससे चंपा के मुंह से आहे निकलने लगती है।

कुछ ही देर में राजेश दूसरी चूची को भी जोर जोर से चूसने लगता है। जिसके मस्ती में चंपा गुदगुदाने लगती है - आह्ह मेरा रांझा आह और जोर से उमां इसका सारा दूध पी जाओ मेरे बच्चे आह।

कुछ देर बाद राजेश सूचियों को चूसना छोड़ चंपा के ऊपर आ जाता है। और अपने लंड को अपनी मां के मुंह के पास कर देता है जिसे उसकी मां जबसे अपने मुंह में भर कर चूसने लगती है और खुद वह अपनी मां की चूत को चाटने लगता है 69 पोजीशन में।

उसके बाद राजेश उठता है और चंपा के टांगों के बीच आकर अपने लंड को एक ही बार में उसकी चूत में घुसा देता है।

और अपनी मां के ऊपर लेट कर उसे चूमते हुए जोर जोर से चोदने लगता है।
Chudai ka muhurtho lombi kor ke detail me likhna plz, nice story
10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद राजेश चंपा की चूत में झड़ जाता है। और उसके ऊपर लेट के शो जाता हूं।

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Devang

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Update 8

घर आते ही मम्मी मेरे पास दौड़कर आती है। और मेरे हाथ को पकड़ के मुझसे बड़े प्यार से कहती है - क्या हो गया मेरा राजा बेटा इतना गुस्सा क्यों है।

मम्मी ये बात इतना प्यार से कहती है कि, मैं एक पल के लिए तो सब कुछ भूल ही गया था। लेकिन जैसे ही मुझे वो सब बातें याद आता है, मैं अपने चेहरे को दूसरी तरफ मोड़ लेता हूं।

मम्मी मेरे एक गाल पर हाथ रखती है और, मेरे चेहरे को अपनी ओर घुमाते हुए कहती है - मैंने ऐसा क्या कर दिया तू ही तो। मम्मी ने इतना ही बोला था कि मैं अपना हाथ छुड़ा के अपने कमरे में चला जाता हूं।


मुझे लगता है मम्मी पीछे-पीछे मुझे मना नहीं आएगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। काफी देर तक जब वह नहीं आती है तो मैं अपने कपड़े खोल के सिर्फ चड्डी में आ जाता हूं, और बिस्तर पर जाकर लेट जाते हु।


मैं बिस्तर पर लेटे काफी वक्त हो गया था कि, तभी मुझे पायलों की छम-छम सुनाई देता है जिसका मतलब था मेरे कमरे में मम्मी आ रही है। कुछ ही देर में वे मेरे कमरे में आ जाती है। उनके हाथ में खाने का एक थाली था।


मैं उन्हें देखना तो नहीं चाहता था।लेकिन मम्मी ने साबित कर दिया कि, मेरे चाहने या ना चाहने से कुछ नहीं होता। क्योंकि उन्होंने कपड़े ही ऐसे पहने थे, जिससे मेरा नजर ही नहीं हट रहा था।


उन्होंने एक लाल रंग का एक छोटा सा फ्रॉक पहना था। जो कि उनके घुटनों से आधा ऊपर था, जिससे उनकी आधी नंगी जांग दिख रही थी। फ्रॉक के अंदर उन्होंने कोई ब्रा नही पेहना था, जिसके कारण उनकी चूचियों की आधी गौलाई दिख रहा था। और सबसे बड़ी बात तो ये थी कि मम्मी के पास ये फ्रॉक आया कहां से।


कटक


हाथ में थाली लिए वे मेरे सामने तब तक खड़ा रहती है जब तक मैं उनके रूप जाल में फंस नहीं जाता। जैसे ही उन्हें लगता है मैं मंत्रमुग्ध हो गया हूं , वे किसी हीरोइन की तरह धीरे-धीरे मेरे पास चलकर आती है और खाने की थाली को, सामने रख एक टेबल पर रख देती है।


वे मेरे भोले और नादानी से भरे चेहरे को देख के एक बार मुस्कुराती है। जहां पे कुछ देर पहले मैं उनसे नजरें फेर रहा था वहीं पर अब मेरा उनसे नजर ही नहीं आ रहा था। मम्मी मेरे सीने पर अपनी उंगलियों को फेरती हुए कहती है - क्या बात है जी आप मुझसे इतना नाराज क्यों है।


वो मुझे चाहिए बात ऐसे बोलती है जैसे मैं उनका पति हूं। इसी चीज से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मम्मी कितनी चालाक औरत है। कोई इंसान इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकता कि जो औरत बिना पल्लू औड़े घर से बाहर भी नहीं निकलती, उसे अपने आशिक को काबू में रखने के लिए इतने तरीके आते होंगे।


मैं भी उनकी चिकनी चुपड़ी बातों में आ जाता हूं और थोड़ा गुस्से में उनसे कहता हूं - कल रात को आप मेरे पास देर से क्यों आई थी।

मम्मी मेरे सीने पर चिकोडी काटते हुए - इस बात के लिए मुझे नाराज होना चाहिए ना कि तुम्हें।

मेरे काबू में आती ही मम्मी आप,जी से सीधा तुम पर आ जाती है। मैं भी अपने सीने पर हाथ फेरते हुए उनसे कहता हूं - आह, तुम क्यों नाराज होगी नाराज तो मुझे होना चाहिए।

मम्मी - एक तो तू दरवाजा लगाकर सोया था।

मैं मम्मी को बीच में रोकते हुए - हां मैंने तो कल दरवाजा लगा दिया था लेकिन फिर आप अंदर कैसे आई।

मम्मी - कल जब तेरे पापा खाना खा कर चले गए, जिसके बाद में सोने के लिए तेरे कमरे में आई लेकिन तूने तो दरवाजा अंदर से लगा दिया था। जिसके बाद मैं वहां पर जाकर अपने कमरे में सो गई, लेकिन मुझे नींद ही नहीं आ रहा था मैं बार-बार करवटें बदल रही थी।

मैं बीच में रुकते हुए - आपको नींद क्यों नहीं आ रहा था।

मम्मी मेरी बात से थोड़ा शर्म आ जाती है लेकिन तुरंत ही सीरियस होते हुए कहती है - जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं तेरे दरवाजे गोभी खटखटाया लेकिन तू उठाई नहीं।जिसके बाद वापस मैं अपने कमरे में चली गई लेकिन फिर मेरे साथ बड़ी हुआ। जिसके बाद तुझे पता है मैं कैसे अंदर है।

मम्मी की इन बातों से मुझे इतना तो यकिन हो गया था की कल रात को मम्मी मुझे धोखा नहीं दे रही थी। बल्कि वो तो मुझसे इतना प्यार करती थी कि, मेरे बिना आधी रात तक तड़पती रही। और एक तरफ मैं था जो उनके प्यार पर ही शक कर रहा था। जिसके कारण मैं शर्म के मारे अपने मुंडी को झुकाए हुए ही मम्मी से कहता हूं - कैसे

मम्मी - तेरे खिड़की को फांद के,अगर अकीन नहीं होता है तो चल दिखाती हूं खिड़की के बाहर अभी भी नीचे ईटे रखे हुए होंगे जिससे चढ़कर मैं अंदर आई थी।

मम्मी की इस बात को सुनकर मैं और भी शर्मिंदा हो जाता हूं। मम्मी मेरे चेहरे के ऊपर करते हुए कहती है - मुझे पता है अब तू मेरे बिना एक पल भी नहीं रह सकता, लेकिन मुझे पूरा पाने के लिए मुझे इस गांव का मुखिया बनना पड़ेगा।

मैं मम्मी की बात समझ जाता हूं, वे इनडायरेक्टली मुझे आज खेलने नहीं, जाने के बारे में बोल रही थी। मैं मम्मी से माफी मांगते हुए पीता हूं - माफ कर दो मम्मी आज के बाद मैं 1 दिन भी खेल को नहीं छोडूंगा।

मम्मी - कोई बात नहीं एक दिन नहीं खेलने से कुछ नहीं होता वैसे भी यह 5 दिन का खेल तो हमारे मजे के लिए हो रहा है।

मैं - मम्मी जब इन 5 खेलो का कोई मतलब नहीं है तो फिर इसे क्यों खेला जा रहा है।

मम्मी - यह तो तुझे खेल के बाद अपने आप पता चल जाएगा। और अगर मुखिया बन गया तो तुझे बहुत बड़ा तोहफा मिलेगा।

मैं हंसते हुए- वो भैंस

मेरे गाल पर एक छोटा सा थप्पड़ मारते हुए - वह तो बहुत छोटा सा इनाम है बड़े इनाम के बारे में तो तुझे पता ही नहीं।


मम्मी थाली को उठाते हुए - अच्छा छोड़ इन बातों को पहले खाना खाले दिनभर कुछ नहीं खाया है तुमने कुछ खाएगा नहीं तो आखिर में जीतेगा किसे।


जिसके बाद में मम्मी को अपनी हाथों से और मम्मी मुझे अपने हाथों से खिलाती है। खाना खाने के बाद मम्मी मेरे बगल में सो जाती है और कहती है - चल अब सो जा रात को मेरे साथ कुछ करना मत। जिसके बाद हम दोनों सो जाते हैं।


वहीं दूसरी तरफ राजेश के घर में राजेश की मां अपने पति के पांव में तेल की मालिश कर रही थी।

राजेश के पिता अपने पांव में मालिश करवाते हुए चंपा के उभारों को ललचाए नजरों से देख रहा था।उसके नजरों को देखकर साफ पता चल रहा था कि, चंपा ने उसे कई महीनों से अपने आप को छूने नहीं दिया।

चंपा इस बात को अच्छी तरह जानती थी कि उसका पति उसकी चुचियों को काफी ललचाए नजरों से देख रहा है लेकिन वह उसे कुछ नहीं कह रही थी।

जब पांव का मालिश हो जाता है तो चंपा बिना कुछ कहे कमरे से चली जाती है। राजेश का पिता अपना मन मार कर रह जाता है जैसे उसके साथ ऐसा रोज होता हो।

वहीं दूसरी तरफ राजेश अपने घर के छत पर एक चड्डी पहने खाट पर लेटे लेते अपनी मां का इंतजार कर रहा था। तभी उसे फाइलों का आवाज सुनाई देता है, जब वह उस आवाज के तरह देखता है तो उससे उसकी मां के नजर आता है।

चंपा ने बस एक पेटीकोट को अपनी चुचियों तक चढ़ा कर पहना हुआ था। चंपा के गोरे बदन को देखते ही हर रोज की तरह राजेश के मुंह में आज भी पानी आ जाता है।


(एक निमंत्रण के कारण कहानी छोटा और लेट आया है 2 दिन बाद रोजाना अपडेट आएगा अभी के लिए इतना ही)
Behtareen update
 

Devang

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चंपा अभी राजेश से काफी दूरी पर सिर्फ एक पेटिकोट को चुचियों तक ऊपर उठाकर पहनी हुई खड़ा थी। और वही राजेश सिर्फ एक चड्डी में खाट पर लेटा था।
अपनी मां को सिर्फ एक पेटीकोट में देख राजेश का लंड खड़ा हो गया था। जिसे वह अपने चड्डी के ऊपर से ही शहलाते हुए कहता है - मां और मत तड़पाओ देखो तुम्हारा छोटा बेटा चड्डी के अंदर कितना रो रहा है।
चंपा वही खड़ी खड़ी कहती है - पहले तु मेरे छोटू को आजाद कर तभी मैं तेरे पास जाऊंगी।
राजेश लेटे-लेटे एक झटके में अपना चड्डी उतार के फेंक देता है और कहता है - चलो मां अब तुम भी इस नाग को उसका छेद दिखाओ।
राजेश की बात सुन चंपा उसके तरफ जाने लगती है। जलते हुए ही वह अपने पेटीकोट का नाड़ा जो कि उसके चुचियों के ऊपर बंधा हुआ था उसे खोल देती है जिससे उसके मक्खन जैसे मुलायम चिकने शरीर से उसका पेटिकोट फिसल कर नीचे गिर जाता है।
पेटीकोट के गिरते ही चंपा पूरी तरह नंगी हो जाती है उसने अंदर एक भी कपड़ा नहीं पहनी थी। इस उमर में भी उसके शरीर का एक भी अंग ढीला नहीं पड़ा था।
बस उसकी चूचियां थोड़ा सा ढीला हो गया था और होते भी क्यों ना उसका आकार भी कुछ काम नहीं था। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। चलते हुए उसकी गांड काफी थिरक रही थी।
जिसे देख राजेश का लंड झटके मार रहा था। खैर राजेश को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा, कुछ ही सेकंड में उसकी मां घाट पर उसके बगल में लेट गई।
चंपा के लेटते ही राजेश चंपा के ऊपर टूट पड़ता है सबसे पहले राजेश चंपा के नरम होठों को किस करना शुरू करता है चंपा भी राजेश का पूरा साथ दे रही थी।

राजेश किस करते हुए अपने एक हाथ से चंपा के दोनों चुचियों को शहला भी रहा था।

कुछ देर चूचियों को सहलाने के बाद राजेश एक निप्पल को पकड़ के ऊपर की ओर खींच लेता है।जिससे चंपा के मुंह से एक जोर की आह निकल जाता है और दोनों का किस टूट जाता है।

जिसके बाद राजेश भी किस करना छोड़ अपनी मां के गर्दन को चूमते हुए उसकी चुचियों तक आ जाता है। पहले वह अपनी मां की दोनों चुचियों को अपने होठों से चुनता है उसके बाद अपने जीभ से चाटने लगता है।
राजेश चुचियों को चाटते हुए ही, चंपा के चुचियों के ऊपर उठे एक निप्पल के चारों तरफ अपना जीभ फेरनी करने लगता है। जीभ घुमाते हुए राजेश उस निप्पल को अपने मुंह में भर लेता है। और उसे चूसने लगता है साथ ही दूसरे चूची को अपने हाथ से दबाने लगता है जिससे चंपा के मुंह से आहे निकलने लगती है।

कुछ ही देर में राजेश दूसरी चूची को भी जोर जोर से चूसने लगता है। जिसके मस्ती में चंपा गुदगुदाने लगती है - आह्ह मेरा रांझा आह और जोर से उमां इसका सारा दूध पी जाओ मेरे बच्चे आह।

कुछ देर बाद राजेश सूचियों को चूसना छोड़ चंपा के ऊपर आ जाता है। और अपने लंड को अपनी मां के मुंह के पास कर देता है जिसे उसकी मां जबसे अपने मुंह में भर कर चूसने लगती है और खुद वह अपनी मां की चूत को चाटने लगता है 69 पोजीशन में।

उसके बाद राजेश उठता है और चंपा के टांगों के बीच आकर अपने लंड को एक ही बार में उसकी चूत में घुसा देता है।

और अपनी मां के ऊपर लेट कर उसे चूमते हुए जोर जोर से चोदने लगता है।

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andyking302

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Update 9

चंपा अभी राजेश से काफी दूरी पर सिर्फ एक पेटिकोट को चुचियों तक ऊपर उठाकर पहनी हुई खड़ा थी। और वही राजेश सिर्फ एक चड्डी में खाट पर लेटा था।
अपनी मां को सिर्फ एक पेटीकोट में देख राजेश का लंड खड़ा हो गया था। जिसे वह अपने चड्डी के ऊपर से ही शहलाते हुए कहता है - मां और मत तड़पाओ देखो तुम्हारा छोटा बेटा चड्डी के अंदर कितना रो रहा है।
चंपा वही खड़ी खड़ी कहती है - पहले तु मेरे छोटू को आजाद कर तभी मैं तेरे पास जाऊंगी।
राजेश लेटे-लेटे एक झटके में अपना चड्डी उतार के फेंक देता है और कहता है - चलो मां अब तुम भी इस नाग को उसका छेद दिखाओ।
राजेश की बात सुन चंपा उसके तरफ जाने लगती है। जलते हुए ही वह अपने पेटीकोट का नाड़ा जो कि उसके चुचियों के ऊपर बंधा हुआ था उसे खोल देती है जिससे उसके मक्खन जैसे मुलायम चिकने शरीर से उसका पेटिकोट फिसल कर नीचे गिर जाता है।
पेटीकोट के गिरते ही चंपा पूरी तरह नंगी हो जाती है उसने अंदर एक भी कपड़ा नहीं पहनी थी। इस उमर में भी उसके शरीर का एक भी अंग ढीला नहीं पड़ा था।
बस उसकी चूचियां थोड़ा सा ढीला हो गया था और होते भी क्यों ना उसका आकार भी कुछ काम नहीं था। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। चलते हुए उसकी गांड काफी थिरक रही थी।
जिसे देख राजेश का लंड झटके मार रहा था। खैर राजेश को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा, कुछ ही सेकंड में उसकी मां घाट पर उसके बगल में लेट गई।
चंपा के लेटते ही राजेश चंपा के ऊपर टूट पड़ता है सबसे पहले राजेश चंपा के नरम होठों को किस करना शुरू करता है चंपा भी राजेश का पूरा साथ दे रही थी।

राजेश किस करते हुए अपने एक हाथ से चंपा के दोनों चुचियों को शहला भी रहा था।

कुछ देर चूचियों को सहलाने के बाद राजेश एक निप्पल को पकड़ के ऊपर की ओर खींच लेता है।जिससे चंपा के मुंह से एक जोर की आह निकल जाता है और दोनों का किस टूट जाता है।

जिसके बाद राजेश भी किस करना छोड़ अपनी मां के गर्दन को चूमते हुए उसकी चुचियों तक आ जाता है। पहले वह अपनी मां की दोनों चुचियों को अपने होठों से चुनता है उसके बाद अपने जीभ से चाटने लगता है।
राजेश चुचियों को चाटते हुए ही, चंपा के चुचियों के ऊपर उठे एक निप्पल के चारों तरफ अपना जीभ फेरनी करने लगता है। जीभ घुमाते हुए राजेश उस निप्पल को अपने मुंह में भर लेता है। और उसे चूसने लगता है साथ ही दूसरे चूची को अपने हाथ से दबाने लगता है जिससे चंपा के मुंह से आहे निकलने लगती है।

कुछ ही देर में राजेश दूसरी चूची को भी जोर जोर से चूसने लगता है। जिसके मस्ती में चंपा गुदगुदाने लगती है - आह्ह मेरा रांझा आह और जोर से उमां इसका सारा दूध पी जाओ मेरे बच्चे आह।

कुछ देर बाद राजेश सूचियों को चूसना छोड़ चंपा के ऊपर आ जाता है। और अपने लंड को अपनी मां के मुंह के पास कर देता है जिसे उसकी मां जबसे अपने मुंह में भर कर चूसने लगती है और खुद वह अपनी मां की चूत को चाटने लगता है 69 पोजीशन में।

उसके बाद राजेश उठता है और चंपा के टांगों के बीच आकर अपने लंड को एक ही बार में उसकी चूत में घुसा देता है।

और अपनी मां के ऊपर लेट कर उसे चूमते हुए जोर जोर से चोदने लगता है।

10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद राजेश चंपा की चूत में झड़ जाता है। और उसके ऊपर लेट के शो जाता हूं।

sorry thoda study ke Karan kam update de pa raha hun lekin main is story ko jarur complete karunga
Nice
 
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