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Incest दूध का दम

Vinita

Member
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Update 13
6:00 बजे तक शबनम फूल देवताओं के मंदिर पहुंच जाते हैं। मम्मी भी आ जाती है वह किसी परी से कम नहीं लग रही थी। फिर हमारी शादी की रस्में होती है। कुछ ही देर में हम दोनों की शादी हो जाती है। शादी के बाद हमने जो कबूतर मंदिर में रखे थे उसे उड़ा दिया जाता है।

शादी के बाद में और मम्मी पापा के पांव छूते हैं। उसके बाद हम लोग अपने अपने घर चले आते हैं। घर में आते ही मम्मी मेरे कमरे में चली जाती है।

जब मैं अपने कमरे में पूछता हूं। तो देखता हूं कि पूरा कमरा फूलों से सजा हुआ था। कमरा काफी सुंदर नजर आ रहा था। लेकिन उस कमरे से कहीं ज्यादा सुंदर उस कमरे के बीचो-बीच लगे बेड पर बैठी मेरी मम्मी सुंदर लग रही थी।

फिल्मों में जिस तरह हीरोइन बिस्तर पर बैठी सुहागरात को अपने पति का इंतजार करती है। वैसे ही बिस्तर पर बैठी मेरी मम्मी जो कि अब मेरी पत्नी थी वे मेरा इंतजार कर रही।


16 sided die

मैं मम्मी के पास जाकर उनके बगल में बैठ जाता हूं। मम्मी के शरीर से बहुत मदहोश कर देने वाली महक आ रही थी, जिसे मैं लंबी सांसे के जरिए अंदर ले रहा था। मम्मी ने अपने चेहरे को घुंघट से ढक कर रखा था। जिसे हटाने के लिए जैसे मैं अपने हाथ को अभी करता हूं, मम्मी मेरे हाथ को पकड़ लेती है और कहती है - ऐ जी ऐसे ही चेहरा देख लीजिएगा क्या, कुछ मुंह दिखाई में नहीं दीजिएगा क्या अपनी पत्नी को।

मैं - मैंने तो कुछ लाया ही नहीं माफ कर दो। तुम जो भी मांगोगे मैं वह तुम्हें कर ला कर दे दूंगा।

तब जाके मम्मी मुझे अपने चेहरे से अपना घुंघट उतारने देती है। मैं तो उसका प्यारा सा चेहरा देख मंत्रमुग्ध हो जाता हूं।

इससे पहले मैंने उनके चेहरे का एक झलक सिर्फ मंदिर में पाया था। लेकिन उस वक्त मैंने मम्मी के चेहरे को अच्छी तरह नहीं देख पाया था। लेकिन अभी मैं उन्हें अच्छी तरह देख पा रहा था। उनके मांग है मेरे हाथों से भरा हुआ सिंदूर, आंख में काजल, हॉट के लाल लिपस्टिक और चेहरे पर थोड़ा सा मेकअप। जो उसके चांद जैसे चेहरे को और भी चमका रहा था।

मैं उन्हें धीरे-धीरे बिस्तर पर लिटा देता हूं। और मैं उनके गुलाब के पंक्तियों जैसे नाराम हॉट को अपने मुंह में भर कर चूसने लगता हूं।

मैं काफी जोर से मम्मी के निचले होंठ को अपने मुंह में भर कर चूसने जा रहा था। कुछ ही देर में हम दोनों अपने-अपने जीभ को एक दूसरे के मुंह में डाल के उसे चूसने लगता हूं। इस दौरान मेरा एक हाथ मम्मी के कमर पे था। वही मम्मी का हाथ मेरे कंधे पर।

जब हम दोनों का सांस फूलने लगता है तब जाकर हम दोनों अपना किस तोड़ते हैं। किस टूटते ही हम दोनों लंबी लंबी सांसे लेने लगते हैं। सांस लेते वक्त मम्मी की दोनों बलाउज में कैद चुचियां ऊपर नीचे हो रहा था।

जिसे देखने के बाद में उन्हें पलटा हूं और उनके पीठ के पीछे बंधे बलाउज के डोर को खोल देता हूं।

dice throwing machine
मम्मी अभी पेट के बल लेटा हुआ था। और उनका पीठ पूरी तरह नंगा था। जिसे पहले मैं अपने हाथ से सहलाता हूं। फिर मम्मी के मुलायम पीठ पर अपने गाल को सहलाता हूं जैससे मेरा दाढ़ी उनके पीठ पर झुकता है जिससे उनके मुंह से आह निकल जाता है। उनके बाद में मम्मी के भूरे पीठ को होठों से चूमने और जीभ से चाटने लगता हूं।और मैं इसी दौरान उनके लहंगे के अंदर छुपी गांड पर थप्पड़ भी मार रहा था।


dice throwing machine

मैं मम्मी के पीठ को काफी देर तक चुमता हूं उसके बाद उन्हें पीठ के बल पलटा देता हूं। और उनके ब्लाउज को निकाल के फैंक देता हूं। बैकलेस ब्लाउज होने के कारण उन्होंने ब्लाउज के अंदर कुछ भी नहीं पहना हुआ था।

अब उनकी दोनों बढ़े तरबूज जैसी चूचियां मेरे नजरों के सामने आजाद था। उनके गोरे तरबूज जैसे चुचियों पर दो अंगूर जैसे निप्पल काफी प्यारा नजर आ रहा था। एक हाथ से एक चूची को दबाते हुए मैं उनके सीने को चूमने चाटने लगता हूं।
कुछ देर ऐसे ही चुने चाटने के बाद मैं उठता हूं और अपने सारे कपड़े खोल के नंगा हो जाता हूं। और मम्मी के लहंगे को भी उतार देता हूं।
उसके बाद में उनके पिंटी को भी उतार देता हूं। उनका नंगा शरीर देखकर मुझसे ओर रहा नहीं जाता इसलिए मैं उनकी चूत को चाटने लगता। चूत चाटते वक्त मम्मी आहें भर रही थी।

मुझसे और रहा नहीं जाता इसलिए मैं अपने 9 इंच लंबी लंड पर थूक लगाता हूं और उसे एक ही झटके में मां की चूत में घुसा देता हूं। जिसके कारण मम्मी के मुंह से चीख निकल - आह मार डाला मां

लेकिन मैं उनके चीख का परवाह किए बिना उन्हें जोर जोर से चोदने लगता हूं। मेरे धक्कों के कारण पूरा बिस्तर हिलने लगा था। और वह स्पेशल आवाज आ रहा था चर चर चर चर।

मैं एक ही पोजीशन में उन्हें आधे घंटे तक चौदता ही रहता हूं। जिसके कारण मम्मी का पूरा शरीर दर्द करने लगा था। मम्मी मुझे बार-बार रुकने के लिए कह रही थी लेकिन मैं कहां रुकने वाला था।

मैं उन्हें तब तक चदता हूं जब तक मेरा माल उनकी चूत में नहीं गिर जाता है। जैसे ही मेरा माल निकलता है मैं मम्मी के ऊपर ही लेटे लेटे सो जाता हूं।

समाप्त
Smoker king ji
कहानी पूर्ण करने के लिए धन्यवाद्,
लेकिन एक बात बताओ जब केला ही खाना था तो केले का पेड़ क्यों लगाया सीधा ही खा लेते पाठको को अह्सास तो करवाते की पेड कैसे बड़ा हुआ कब फल लगे किस पृकृति के फल लगे, कहानी में रोमांच ओर उत्सुकता आपने पैदा जरुर की है पर उसे चरम तक नही पहुचाया।
कोई बात नहीं प्रयास करते रहे सफलता मिलेगी।
एक बार रोनी भैया, unik star, or लवली आनन्द जी जैसे कहानीकार की रचनाएँ पढें।
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Alvida kabhi time Mila to isse achi story lauga
Alvida dost … bus ek baat khana chahunga kahani thodi or aagey badha sakte they aap …

Chalo aapki agali kahani ki pratiksha rahegi mitr 👏🏻👏🏻👏🏻👌👌👌
 

Ek number

Well-Known Member
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Update 13
6:00 बजे तक शबनम फूल देवताओं के मंदिर पहुंच जाते हैं। मम्मी भी आ जाती है वह किसी परी से कम नहीं लग रही थी। फिर हमारी शादी की रस्में होती है। कुछ ही देर में हम दोनों की शादी हो जाती है। शादी के बाद हमने जो कबूतर मंदिर में रखे थे उसे उड़ा दिया जाता है।

शादी के बाद में और मम्मी पापा के पांव छूते हैं। उसके बाद हम लोग अपने अपने घर चले आते हैं। घर में आते ही मम्मी मेरे कमरे में चली जाती है।

जब मैं अपने कमरे में पूछता हूं। तो देखता हूं कि पूरा कमरा फूलों से सजा हुआ था। कमरा काफी सुंदर नजर आ रहा था। लेकिन उस कमरे से कहीं ज्यादा सुंदर उस कमरे के बीचो-बीच लगे बेड पर बैठी मेरी मम्मी सुंदर लग रही थी।

फिल्मों में जिस तरह हीरोइन बिस्तर पर बैठी सुहागरात को अपने पति का इंतजार करती है। वैसे ही बिस्तर पर बैठी मेरी मम्मी जो कि अब मेरी पत्नी थी वे मेरा इंतजार कर रही।


16 sided die

मैं मम्मी के पास जाकर उनके बगल में बैठ जाता हूं। मम्मी के शरीर से बहुत मदहोश कर देने वाली महक आ रही थी, जिसे मैं लंबी सांसे के जरिए अंदर ले रहा था। मम्मी ने अपने चेहरे को घुंघट से ढक कर रखा था। जिसे हटाने के लिए जैसे मैं अपने हाथ को अभी करता हूं, मम्मी मेरे हाथ को पकड़ लेती है और कहती है - ऐ जी ऐसे ही चेहरा देख लीजिएगा क्या, कुछ मुंह दिखाई में नहीं दीजिएगा क्या अपनी पत्नी को।

मैं - मैंने तो कुछ लाया ही नहीं माफ कर दो। तुम जो भी मांगोगे मैं वह तुम्हें कर ला कर दे दूंगा।

तब जाके मम्मी मुझे अपने चेहरे से अपना घुंघट उतारने देती है। मैं तो उसका प्यारा सा चेहरा देख मंत्रमुग्ध हो जाता हूं।

इससे पहले मैंने उनके चेहरे का एक झलक सिर्फ मंदिर में पाया था। लेकिन उस वक्त मैंने मम्मी के चेहरे को अच्छी तरह नहीं देख पाया था। लेकिन अभी मैं उन्हें अच्छी तरह देख पा रहा था। उनके मांग है मेरे हाथों से भरा हुआ सिंदूर, आंख में काजल, हॉट के लाल लिपस्टिक और चेहरे पर थोड़ा सा मेकअप। जो उसके चांद जैसे चेहरे को और भी चमका रहा था।

मैं उन्हें धीरे-धीरे बिस्तर पर लिटा देता हूं। और मैं उनके गुलाब के पंक्तियों जैसे नाराम हॉट को अपने मुंह में भर कर चूसने लगता हूं।

मैं काफी जोर से मम्मी के निचले होंठ को अपने मुंह में भर कर चूसने जा रहा था। कुछ ही देर में हम दोनों अपने-अपने जीभ को एक दूसरे के मुंह में डाल के उसे चूसने लगता हूं। इस दौरान मेरा एक हाथ मम्मी के कमर पे था। वही मम्मी का हाथ मेरे कंधे पर।

जब हम दोनों का सांस फूलने लगता है तब जाकर हम दोनों अपना किस तोड़ते हैं। किस टूटते ही हम दोनों लंबी लंबी सांसे लेने लगते हैं। सांस लेते वक्त मम्मी की दोनों बलाउज में कैद चुचियां ऊपर नीचे हो रहा था।

जिसे देखने के बाद में उन्हें पलटा हूं और उनके पीठ के पीछे बंधे बलाउज के डोर को खोल देता हूं।

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मम्मी अभी पेट के बल लेटा हुआ था। और उनका पीठ पूरी तरह नंगा था। जिसे पहले मैं अपने हाथ से सहलाता हूं। फिर मम्मी के मुलायम पीठ पर अपने गाल को सहलाता हूं जैससे मेरा दाढ़ी उनके पीठ पर झुकता है जिससे उनके मुंह से आह निकल जाता है। उनके बाद में मम्मी के भूरे पीठ को होठों से चूमने और जीभ से चाटने लगता हूं।और मैं इसी दौरान उनके लहंगे के अंदर छुपी गांड पर थप्पड़ भी मार रहा था।


dice throwing machine

मैं मम्मी के पीठ को काफी देर तक चुमता हूं उसके बाद उन्हें पीठ के बल पलटा देता हूं। और उनके ब्लाउज को निकाल के फैंक देता हूं। बैकलेस ब्लाउज होने के कारण उन्होंने ब्लाउज के अंदर कुछ भी नहीं पहना हुआ था।

अब उनकी दोनों बढ़े तरबूज जैसी चूचियां मेरे नजरों के सामने आजाद था। उनके गोरे तरबूज जैसे चुचियों पर दो अंगूर जैसे निप्पल काफी प्यारा नजर आ रहा था। एक हाथ से एक चूची को दबाते हुए मैं उनके सीने को चूमने चाटने लगता हूं।
कुछ देर ऐसे ही चुने चाटने के बाद मैं उठता हूं और अपने सारे कपड़े खोल के नंगा हो जाता हूं। और मम्मी के लहंगे को भी उतार देता हूं।
उसके बाद में उनके पिंटी को भी उतार देता हूं। उनका नंगा शरीर देखकर मुझसे ओर रहा नहीं जाता इसलिए मैं उनकी चूत को चाटने लगता। चूत चाटते वक्त मम्मी आहें भर रही थी।

मुझसे और रहा नहीं जाता इसलिए मैं अपने 9 इंच लंबी लंड पर थूक लगाता हूं और उसे एक ही झटके में मां की चूत में घुसा देता हूं। जिसके कारण मम्मी के मुंह से चीख निकल - आह मार डाला मां

लेकिन मैं उनके चीख का परवाह किए बिना उन्हें जोर जोर से चोदने लगता हूं। मेरे धक्कों के कारण पूरा बिस्तर हिलने लगा था। और वह स्पेशल आवाज आ रहा था चर चर चर चर।

मैं एक ही पोजीशन में उन्हें आधे घंटे तक चौदता ही रहता हूं। जिसके कारण मम्मी का पूरा शरीर दर्द करने लगा था। मम्मी मुझे बार-बार रुकने के लिए कह रही थी लेकिन मैं कहां रुकने वाला था।

मैं उन्हें तब तक चदता हूं जब तक मेरा माल उनकी चूत में नहीं गिर जाता है। जैसे ही मेरा माल निकलता है मैं मम्मी के ऊपर ही लेटे लेटे सो जाता हूं।

समाप्त
Nice update
Lekin story acchi thi aapne ekdam hi end ker di .
 

Ragnarok

Member
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Aapne garam krke thanda chhod diya😂 itni badhiya story chal rahi thi plot bhi badhiya tha ek lambi story likhi ja sakti thi but End bilkul kharab kr diya aapne
 
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