Update 14
मै सुबह जल्दी उठकर बाहर गार्डेन में लगे chair पर बैठ कर कुछ सोच रहा था कि क्या रश्मि और
मेरे बॉस के बीच के बीच कुछ चल रहा है या फिर यह सब बातें मेरे मन की शंका है उसी वक्त ऑफिस के चपरासी लल्लन का मेरे मोबाइल पर कॉल आने लगा
मै - बोलो ललन
ललन सिंह - रोशन बाबू , बड़े सबेरे उठ गए
मै - हां, बात क्या है
ललन - एक बात बोलूं, बुरा तो नहीं लगेगा ना
मै— बोलो तो सही
ललन - अपनी बीबी पर जरा नजर रखिए सर जी
मै - क्या बोल रहे हो
ललन - सच में बाबू बॉस सारा दिन रश्मि के इर्द गिर्द ही आजकल मंडराते रहते हैं और तो और उनका टेबल भी अपने केबिन में लगवाने वाले हैं
मै - कैसे पता करू
ललन सिंह- मै हूं न, सब खबर दूंगा
तभी रश्मि उठकर बाहर आ रही थी मेरे तरफ ही
मैंने ठीक है बोलकर धीरे से कॉल कट कर दिया
दरसल हमारे office में रश्मि जैसी खुबसूरती कोई थी ही नहीं और रश्मि का बोल्डनेस .........
रश्मि पास आकर बोली
रश्मि - पापा जी आ रहे हैं फोन किया था
मै - हां कल बताया तो था तुम्हें
रश्मि - हां, ठीक है बोल रहे थे की कहीं वैध जी के पास ले जाने वाले हैं
मै - हां, तुम चिंता मत करो ऑफिस की तैयारी करो
मै और दीदी पापा जी के साथ हो आएंगे
रश्मि - ओके
फिर रश्मि तैयार होने चली गई और मैंने ससुर से बात किया तो बोले दोपहर तक पहुंच सकते हैं
इधर दीदी भी घर के कामों में व्यस्त थी , पर मैंने दी को अभी तक नहीं बताया था की आज रश्मि के पापा आने वाले हैं
दोपहर खाने के बाद दीदी अपने कमरे में थी और मैं भी अपने कमरे में कुछ पुरानी एल्बम देख रहा था
चार बजे करीब मैंने खिड़की से देखा तो मेरे ससुर जी पैदल चल कर आ रहे थे
मैं निकाल कर बाहर आने लगा तो देखा कि दी बागवानी करने में व्यस्त थी
घर में कोई नहीं होने की वजह से दी घर पर बहुत ही छोटी छोटी ड्रेस पहन कर रहती थी
आज तो उसने एक जींस वाली शॉर्ट वन पीस पहना था
और बागवानी के लिए नीचे ऐसे बैठी थी कि उसकी दोनों टांगें फैली हुई थी जिससे उसका
कपड़ा जांघों से ऊपर चढ़ गया था और मांसल जांघों के बीच से उसकी सफेद रंग की पतली पैन्टी साफ साफ दिख रही थी
दी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी और मस्त बड़े बड़े बूब्स दिखा रही थी
मेरे ससुर जी कब गेट से अन्दर आ गए दी को पता ही नहीं चला जब मैंने उन्हें प्रणाम किया तब
उसने नजरे उठाई तो देखा रश्मि के पापा जी सामने थे जो उसकी गदरायी जवानी को निहार रहे हैं
दी शर्म से पानी पानी हो गई और फिर
दी - प्रणाम अंकल जी
बाबू जी - जीती रहो बेटी
बोल कर दी की गोरी बांहों को थपथपाया
दी- अंदर आईए अंकल जी
बाबू जी - हां बेटी चलो
फिर हम तीनों हॉल में आ गए
दी अपने कमरे में जाने लगीं तो उसने मुझे इशारे से बुलाया
मै -क्या हुआ दी
दी - अरे मुझे बताया नहीं, की तेरे ससुर जी आने वाले हैं
मै - मै बताने वाला था दी, पर क्या हुआ आ गए तो
दी - मैं इन कपड़ों में, उसके सामने कितनी शर्म आ रही थीं
मै -ओह हो, आप भी क्या खराबी हैं इन कपड़ों में
दी - तुम बैठो, मै कपड़े बदल लेती हूं
तभी ससुर जी ने टोका
ससुर जी - अरे क्या खुसुर फुसुर हो रही है दोनों भाई बहनों के बीच
दी कमरे में चली गई और मैं बाबू जी के पास आकर बोला
मैं - कुछ नहीं बाबू जी वो जरा दीदी घर के ड्रेस में थीं न शरमा गई
हम जहां सोफे पर बैठ कर बातें कर रहे थे वहां से दी का कमरा एकदम सीधा था
ससुर जी दी के कमरे की ओर ताड़े हुए थे की कुछ दिख जाए
फिर दी ने चेंज कर चाय लेकर आई और देकर सामने खड़ी हो गई
अब उसने एक खुबसूरत सी साड़ी , और ब्लाऊज़ पहनी हुई थी पर ब्लाउज क्या डीपकट थीं जो पीछे से पीठ पर बंधी हुई थी जिससे कविता दी और भी सुन्दर लग रही थी
मेरे ससुर जी बस देखते ही रह गए
फिर ससुर जी बोले
ससुर जी - वाह कविता बेटी बहुत खूबसूरत लग रही हो
दी ने शरमा कर नजरे झुका ली
मै - बाबू जी कब चलना होगा
ससुर जी - कल ही चलते हैं वैध जी से बात हो गई है
मैं - ठीक है
ससुर - मैं तुम्हें दिखा कर उधर से ही घर वापस लौट जाऊंगा
मैं - तो फिर मैं अकेले कैसे वापस आ सकूंगा
ससुर जी - अरे, रश्मि नहीं जाएगी क्या तुम्हारे साथ
मैं - उसका तो ऑफिस रहेगा और अभी अभी ज्वॉइन की है
ससुर जी - तो फिर , क्या करें मेरे पास भी समय बहुत कम है
मै - आज रश्मि से बात करता हूं , क्या बोलती है
ससुर जी -और कविता बेटी, दामाद और बेटा कैसा है
दी - ठीक है, पर अभी अंकित के पापा अपने office के काम से बाहर गए हुए हैं और बेटा हॉस्टल में
ससुर जी - तो रोशन, हम तीनों ही चलते हैं फिर रश्मि को office जाने दो , क्यों बेटी
दी अब क्या बोलती.....
दी - ठीक है अंकल जी, मैं तो वैसे भी अकेली थी तो चली आई यहां
मै - तब तो कोई प्रोब्लम ही नहीं
दी खड़ी थी तो ससुर जी ने कहा
ससुर जी - कविता बेटी , खड़ी क्यों हो बैठो
दी - जी अंकल
बोल कर बैठ गई
ससुर जी मेरे दीदी के गोरे बदन को देखने के लिए खड़े होकर हॉल का एक चक्कर लगाने लगाते हुए बोले
(धीरे से) क्या मस्त माल है
जिसे शायद दीदी ने भी सुन लिया
ससुर जी का मोटा लन्ड उठक बैठक कर रहा था
ससुर - कविता बेटी चेंज क्यों कर लिया
दी - शरमाते हुए बस ऐसे ही अंकल जी
ससुर - वैसे साड़ी में तुम ज्यादा हॉट लग रही हो
दी - क्या अंकल जी, आप भी
दी - रास्ते में यही सब देखते आए हैं क्या
हम तीनों हस पड़े
ससुर - औरतें साड़ी में ज्यादा सेक्सी लगती हैं
दी - अच्छा.....
ससुर - और तुम तो पहले से ज्यादा खुबसूरत लग रही हो
दी और ससुर जी बात कर रहे थे तो मैंने जानबूझ कर दवा लेने का बहाना बनाकर किनारे हो लिया ताकि उनकी बातें सुन सकू
दी - आप भी अंकल जी
ससुर - क्या......
दी - स्मार्ट लग रहे हैं
ससुर - वो थैंक्स , और
दी - कुछ नहीं
ससुर - बस स्मार्ट , मेरी तरफ देख कर बोलो
ससुर जी ने अपना लन्ड को खड़ा कर रखा था
दी - क्या बोलूं
ससुर - मुझे तो तेरी जैसी औरतें बहुत ही पसंद हैं, लगती ही नहीं है तू एक बच्चे की मां हो
दी - तो फिर कैसी लगती हूं अंकल जी
ससुर जी - एक दम कुंवारी छोकरी
दी खुश हो कर बोल पड़ीं
दी - सच्ची
ससुर जी - और नहीं तो क्या
ससुर जी अभी केवल 48 साल के हैं पर लगते नहीं और थोड़ा रसिक मिजाज के हैं जो आते ही उन्होंने दी को पटाने के लिए तारीफो के पुल बांध दिए
दी - मै नहीं मानती अंकल जी
ससुर - तुम्हारा हर अंग तराशा हुआ है , यकीन नहीं हो तो आइने में देख लो
दी - लगता हैं, आप ने आंटी के अलावा कोई girlfriend और बना रखी है
ससुर - कॉलेज में थी पर अब नहीं
दी - तो बना लीजिए न
बोल कर हंसने लगी
ससुर जी - कौन बनेगी इस उमर में
दी - इतने स्मार्ट हो कोई भी बन सकती है
ससुर जी - तुम बनोगी क्या
दी (चौंक कर)- मै,। न..... न... नहीं ई ई ई
ससुर - अभी तो तुमने कहा न कोई भी तो तुम ही क्यों नहीं
दी - अच्छा ओके मान लीजिए मैं हूं आपकी girlfriend तो.....
ससुर जी - तो क्या आज से हम फ्रेंड huwe
दी शरमा जाती है यही मौका देख कर ससुर जी मेरे दीदी के बहुत करीब आ कर उन्हें हलके से चूमने लगते हैं
दी की पलकें झुक जाती हैं और
दी - ओह.... ह ह ह.... क्या कर रहे हैं आप
ससुर - फ्रैंडशिप की बधाई और क्या...
तभी मेरी आहट सुनकर
दी उन्हे अपने से दूर हटाते हुए किचन में चली जाती है
और मेरे ससुर जी मेरी बहन के मटकते चूतड को देखते हुए अपना लन्ड रगड़ते हुए सोफे पर बैठ जाते हैं
शाम होने वाला था और तभी रश्मि भी ऑफिस से घर लौट आई
अपने पापा जी को देख कर खुशी से उछल पड़ी और अपने पापा के गले लग गईं तो ससुर ने भी बेटी के मस्त चूचि को अपने सीने से चिपका लिया
दोनों बाप बेटी ऐसे गले लगे थे कि मानो पति पत्नी हो
ससुर का लन्ड तो पहले से ही खड़ा था जो रश्मि के साड़ी से होते हुए उसके चूत के मुख को छू रहा था
जब रश्मि को अहसास हुआ तो बोली
रश्मि - वो, पापा कब आए
ससुर जी - लगभग चार बजे ,
रश्मि - मैं चेंज करके आती हूं तब ढेर सारी बातें करेंगे
ससुर - ओके बेटी
फिर रश्मि चेंज कर बालों को संवारती हुई आने लगीं
वो मुस्कुरा रही थी, रश्मि की गहरी नाभि पूरी तरह से दिख रही थीं
फिर रश्मि भी सोफे पर बैठ कर अपने पापा से बाते करने लगी
रात को खाना खाने के बाद मै और रश्मि अपने कमरे में आ गए रश्मि तो जल्द ही सो गई पर मुझे
एक दवाई खानी थी तो पानी लेने के लिए किचन में जा रहा था तो मेरे ससुर जी को देखा जो अपने
रूम से निकल कर दी के कमरे की ओर जा रहे थे
पर दी कमरे में नहीं थीं वो नहाने चली गई थी तो ससुर जी ने चुपके से उसके पलंग के नीचे छुप गया
दीदी सोने से पहले हमेशा नहा कर ही सोती है और अभी नहा कर आई थी
जिसे मेरे ससुर दीदी को कपडे पहनते हुए छुप कर देखने लगे
फिर धीरे से निकल कर पीछे से उसकी नाजुक कमर को पकड़ लिया
दी ने केवल ब्लाउज और पेटीकोट ही पहना था और बालों को झाड़ रही थी
वो सकपका कर मुड़ गई तो देखा रश्मि के पापा सामने थे
उसने अपने साड़ी को बदन पर लपेट लिया
दीदी डर गईं थी और सहमते हुऐ बोली
दी - इतनी रात आप यहां कैसे
ससुर - दी को बांहों में भरने की कोशिश करते हुए बोले नींद नहीं आ रही थीं
दी - hmm.....छोड़िए न कोई देख लेगा
ससुर - कोई नहीं है यहां
दी - रोशन और रश्मि जाग रहे होंगे
ससुर जी दोनो सो चुके हैं
फिर ससुर जी ने दीदी के कंधे से उसका आंचल हटाया और दीदी को बिस्तर पर लिटा दिया
दीदी की सांसे तेज़ रफ़्तार से चल रही थी और आंखें बन्द थीं
ससुर ने दीदी के चेहरे से उसकी भींगी जुल्फों को हटाया और गालों को चूमने लगे
दीदी कसमसा उठी
मैं ये सब देख कर रोमांचित हो उठा की अब क्या होगा
तभी मेरे हांथ से पानी का गिलास छूट कर गिर गया और ये आवाज से दोनों हड़बड़ा गए
दीदी ने ससुर को झटके से अलग किया और दरवाजे के ओट से छिपा दिया
थोड़ी देर तक कोई हलचल नहीं हुई
मैं भी एकदम शान्त हो कर नजर रखें हुए था
दी एकदम से डर गईं थी
कुछ देर बाद ससुर जी दी के सामने आए तो दी बोली
दी - प्लीज आप चले जाओ अंकल जी
ससुर जी - कविता प्लीज ..... बोल कर फिर से दी को चूमने की कोशिश की
दी - नही........... अंकल रोशन देख लेगा
ससुर - कुछ नहीं होगा ,
दी - नहीं , बात मानिए
ससुर - पर मेरा लन्ड नहीं मान रहा है
बोल कर वो अपना पैंट खोल कर दीदी के बिस्तर पर लेट गया
दी - प्लीज.......... प्लीज.......
ससुर - तो फिर मेरा हिला दो तुम ही
दी - आप समझ नहीं रहे
ससुर - लन्ड हिला दो नहीं तो मैं तेरे मुंह में डाल दूंगा
दी ने डरते हुए ठीक है कहा और फिर नजरे फेर कर मेरे ससुर के लन्ड को हिलाने लगी
ससुर ने दीदी को पकड़ कर अपनी बांहों में खींचने की कोशिश की तो दीदी नाराज हो कर कमरे से बाहर निकल गई और हॉल में आ गई
मैं वहीं पर था
अचानक मुझे देख कर बोली
रोशन अभी तक जाग रहे हो
मै - नहीं दी एक दवा के लिए पानी लेने आया था
और आप
सुनकर दी सकपकाते हुए कहा
नही नही ऐसे ही अभी जस्ट नहा कर आई न
मैं - अब चलता हूं सोने बोल कर धीरे से जाने लगा
और पीछे देखा तो
दी भाग कर रूम में गईं और फिर ससुर जी से बोली
दी - मैंने कहा न की रोशन जाग रहा है , प्लीज आप चले जाओ
जाते जाते ससुर जी ने दी से कहा
ससुर - कब दोगी
दी - क्या.........
ससुर - वही चीज....... और क्या
दी - क्या वही.......
दी जानबुझ कर ससुर जी के मुंह से सुनना चाह रही थी
ससुर - झल्लाते हुए , चोदने कब दोगी
दी को भी गरमी चढ़ गई थी और बोली
दी - चोद तो दिया मेरे को
ससुर - कब चोदा
दी - आंखों से
बोल कर ससुर को आंख मार दी
फिर ससुर ने मन मसोस कर बाहर निकाल आया तो कविता दीदी भी ससुर जी के हरकत को छुप कर देखने लगी
फिर ससुर जी बॉथरूम में गया वहां दीदी ने नहाने से पहले अपनी लाल रंग की पैन्टी उतार कर रखी थी जिसे ससुर जी ने बाथरूम में पड़ी दीदी की लाल पैन्टी ले कर रूम आया और दीदी की पैन्टी को सूंघने लगा जिसमे से उसके बुर की भीनी भीनी खुशबू आ रही थी और फिर मूठ मरने लगा
फिर सारा माल दी की रेड पैन्टी में गिरा दिया और फिर उस पैन्टी को वही बाथरूम में फेक कर सोने की कोशिश कर रहा था ये देख दीदी भी गर्म हो चुकी थी और अपने कमरे में चली गई
मै ये सीन देख कर अब सोने जाने ही वाला था की दीदी की रूम से कामुक सिसकारी की आवाजे आ रही थी जिसे सुन कर मेरे ससुर फिर से दी की
रूम की ओर गए तो वहां दी भी गर्म हो चुकी थी और बुर में उंगली कर रही थीं
ससुर का लन्ड एक बार फिर टनकने लगा पर
दी भी सिसकारी निकलती हुई
दी - सी सी........…आव mmm.....
Ahhh...…
टांगो को फैलाते हुए जोर से बुर में उंगली डाल कर हिला रही थीं और फिर झड़ गई
बुर से रस चूने लगा
To be continued......