Curiousbull
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Kettaji ek index bana do taki koi update chhuta ya nahi pata chal jaaye kyoki updates kaafi samay ke baad aa rahe hai.
Bahut hi kamottezak updateUpdate 17
हमलोग गाड़ी से उतर कर उस मकान के पास आए और ससुर जी ने दरवाजे पर लगी कुंडी बजाई तो थोड़ी देर में एक आदमी निकला जिसे ससुर ने प्रणाम किया और बताया कि यही वैध जी हैं
फिर मैंने और दीदी ने भी प्रणाम किया
कविता दीदी के झुकते ही उसकी ब्लाउज के बीच से उसकी चूचियां की घाटी दिख पड़ी पर दीदी अपने आप को संभाल कर खड़ी हुई और बगल में एक पेड़ की डाल पकड़ कर पीठ कर खड़ी थी
कविता दीदी की गोरी पीठ और नाजुक कमर ससुर और वैध जी के सामने थी जिसे दोनों घूर रहे थे और आपस में बातें कर रहे थे
वैध जी - किसका इलाज करना है
ससुर - जी ये मेरा दामाद, रोशन का
वैध जी - अच्छा, आइए अन्दर
फिर हम सब अन्दर आकर बैठे, वैध जी भी हमारे सामने थे
वैध जी - इसका लगभग एक हफ्ता इलाज चलेगा यहीं पर
ससुर - ठीक है, गुरु जी बस मेरा दामाद ठीक हो जाएगा ना
वैध जी - जरूर
तभी दीदी बोली
दीदी - एक हफ्ता, पर यहां कैसे रहेंगे
वैध जी - रहना तो होगा बेटी, कमसेकम अपने पति को ठीक करने के लिए
वैध ने सोचा कि कविता मेरी बीवी है
मै - जी वो मेरी दीदी है
वैध जी - अच्छा, फिर तुम्हारी पत्नी कहां है
ससुर - वो एक काम में व्यस्त है इसलिए नही आई
वैध जी - अच्छा अपलोग को मै रूम दिखा देता हूं
फिर वहीं हमें एक रूम दे दिया गया रूम बड़ा था और उसी मे एक पार्टीशन था दोनों तरफ़ डबल बेड था
वैध जी - ठीक है आप लोग से कल सुबह बात होगी और इलाज शुरू होगा
तभी दीदी बोली
कविता दीदी - गुरु जी, रास्ते में एक नदी मिला था कितनी दूर होगा यहां से
वैध जी - अरे वो पास में ही है , क्यों जाना है तुम्हें
दीदी -जी
वैध जी - तो घर के पीछे से एक रास्ता है 5-10मिनट में पंहुच जायेगा
ससुर जी - चलो तीनों चलते हैं
फिर कुछ देर में हम सब नदी के किनारे पर थे बहुत ही अच्छा लग रहा था मैं तो वहीं घास पर बैठ गया
पर ससुर जी दीदी के पीछे पीछे घूमने गए वो दोनों दूर निकल गए पर मुझे दिख रहा था
मैंने अपना मोबाइल निकाला और peon ललन सिंह को फोन किया की वहा रश्मि और मेरे बॉस का क्या अपडेट है तो ललन ने एक विडियो भेजा और लिखा देख लेना
तभी अचानक दीदी की चिल्लाने की आवाज सुनाई दी
मै (जोर से)- क्या हुआ
ससुर -कुछ नहीं कविता का पैर फिसल गया और वो पानी में गिर पड़ी फिर मैं भी धीरे से उठा और उनकी ओर चला थोड़ी पास आकर देखा तो सांस रुक गई
ससुर ने कविता दीदी को गोद में उठाया दीदी का मादक बदन पूरा ठंडा पानी से भींग चूका था
दीदी ने निकलते वक्त एक पीला रंग का साड़ी और ब्लैक ब्रा ही पहना था
ससुर गोद में लेकर दीदी के होंठों को चूमने लगे दीदी शरमा रही थी और अपना मुंह फेर रही थी फिर भी ससुर ने चूम लिया
फिर दीदी को पानी में नीचे उतारा और उसकी गहरी नाभि में पानी की बूंदे चुवाने लगा दीदी कसमसाने लगी
ससुर धीरे धीरे कविता के गालों गर्दन और पीठ को सहलाने लगा और किस कर रहा था
दीदी की सांसों की आवाजे मुझ तक पुहंच रही थी
दोनों अपने मे मस्त थे
दी - उफ्फ............. मत करों ना अंकल जी
पर ससुर ने तो सुनना ही छोड़ दिया और दीदी की मस्त गोलाईयों को अपने हाथों में लेकर मसलना चालू किया
दी - उईई......... अह्ह्ह्ह.......
उम्मम्म......... यहां कोई देख लेगा छोड़ो
ससुर - कोई नहीं है ,
दीदी कंपकपी आवाज में बोली भाई है
ससुर - तेरे भाई के सामने ही चोदूंगा तुझे
दीदी भी पुरा गर्म हो गई थी अब
पर केवल न ही कर रही थी
यहां आने के बाद कई दिनों से लन्ड नहीं मिला था
इस तरह से नदी में लिपटा चपटी हो रहा था
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तभी दूर कुछ शोर सुनाई दिया तो ससुर और दीदी अलग होकर जल्दी से नदी से निकाल लिए और हमलोग घर की ओर जाने लगे क्योंकि शाम हो गई और सुनसान जगह था
ससुर कुछ कर नहीं पाया
वैध जी के घर आने पर
वैध जी - अरे कैसे भींग गई बेटी
दी - वो पैर फिसल गया था
गीले कपड़ों में दी का सारा कमसिन जवानी उभर कर सामने दिख रही थी जिसे वैध जी ने भी आंखे सेक ली
वैध जी निकल कर घर के पीछे की ओर गए तो मैं भी टहलने लगा तो देखा की वैध जी कुछ फूल तोड़ते हुए बार बार बाई ओर तिरछी नजरों से देख रहे थे
मैंने पास आकर देखा तो दंग रह गया यहां से तो दी कमरा पूरा दिख रहा था जिसमें ये दिखा
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दी अंदर चेंज कर रही थी जिसे वैध जी छुप छुप कर देख रहे थे
To be continued.....
OkKettaji ek index bana do taki koi update chhuta ya nahi pata chal jaaye kyoki updates kaafi samay ke baad aa rahe hai.