Update-1
सुनिल २८ साल का नौजवान था , सुनिल का बापू की सुनिल कक्षा ७वी मे था तभी मौत हो गई सुनिल के बापू एक फौजी थे
अब सुनिल की मां ही
उसका सबकुछ थी । सुनिल की मां सरला सुंदर गदराई औरत थी पर उसके नसिब मे पति सुख था ही नही । सरला बडी शरमीली
औरत थी वो सुनिल
से भी सहमी-सहमी रहती थी । सुनिल एक कंपनी में काम करता था। सुनिल का कॉलेज से सरीता से अफेयर चल रहा था और
उसका परीमान
जायज था शादी सुनिल ने सरीता से जॉब लगते ही शादी करली दोनो एक दुसरे से बेतहा प्यार करते थे पर ईनके आगे की
जिन्दगी के बारे मे जो
हुआ वो कीसी ने सोचा न था । सरीता और सुनिल की जिन्दगी बडी शादी के बडी अच्छी गुजर रही थी । सरीता सुंदर लडकी थी
और सुंदर औरत
पर पराये मर्द हमेशा नजरे टीकाये रहते है। सुनिल सरीता को काम की वजह से वक्त नही दे पाता था । शादी के १ साल बाद
सरीता पेट से हुई उसने
एक लडके को जन्म दीया उसका नाम रवी रखा गया रवी लगभग एक साल का होने तक सब ठीक चलता रहा । सरीता को रोज
फोन आते थे और
घंटो बाते चलती सरला के पुछ ने पर वो कॉलेज के दोस्त का कहके टाल देती। सुनिल को भी शक होने लगा और जीस दीन
सुनिल को सरीता के
मजनू के बारे मे पता चला तो घर मे झगडे होने लगे ।
अचानक एक दीन शाम को जब सुनिल देर रात घर आया
सरला- आ गया बेटा
सुनिल- हां मां, सरीता कहा है दीखाई नही देती
सरला- दोपहर कहके गई मायके जा रही है।
सुनिल- क्या कह रही हो मां मुझे बताये बगैर वो भी रवी को यही छोड कर।
सरला- आ जाएगी बेटा तू चिंता मत कर
सुनिल ने भी चिंता छोडी और कुछ देर आराम कर लिया उसने सरीता को फोन लगाना शुरू कीया पर वो स्वीचऑफ आने लगा
तभी सुनिल को अलमारी के पास एक चिठ्ठी मीली उसे पढ कर सुनिल कुछ देर खामोश रहा कुछ देर बाद वहा सरला आई
सरला- बेटा सरीता को फोन लगा
सरला अनपढ थी इसलिए सरला ने सुनिल को हाथ मे थामी चीठ्ठी के बारे मे पुछा
तो सुनिल गालीया देने लगा।
सुनिल- साली कुतिया, चिनाल मुझे पता था वो यही करेगी
सरला डर गई उसे पता नही चला सुनिल क्यू गालीयां दे रहा है ।
सरला- ककक क्या हुआ बेटा
सुनिल- मां वो चिनाल मुझे छोड कर चली गई
सरला- क्या मतलब
सुनिल- उस रंडी का लफडा चल रहा था एक के था उसी के साथ वो भाग गई
सुनिल की आंखे लाल और नम हो गई थी
सरला सुनिल के पास बैठ गई
सरला- हाय राम क्या जमाना आगया है ये आजकल की लडकीया ऐसा कर भी कैसे लेती है
रातभर दोनो सदमे मे हे रहे तकरीबन दो हफ्ते बीत गये सरीता के सुनिल को छोड जाने की खबर मोहल्ले मे हवा की तरह फैल
गई सब तरह की
बाते फैलने लगी कुछ लोग दुख जाहीर करने लगे तो कुछ सुनिल एक औरत को तक संभाल नही सकता तो कुछ सुनिल के
नामर्दी की खबरे जो
जीसके मुंह मे आये सुनिल के बारे मे बक देता । ईस सब से सुनिल बडा उब चुका था वो बडी निराशा मे आ चुका था । ईसी के
चलते वो दुसरे शहर
रहने लगा और वही काम करने लगा ।
नया शहर नये लोग सुनिल के लिए नये थे ही पर बेचारी सीधी साधी सरला के लिए तो नई दुनिया थी ।
सुनिल की सक्त हीदायत थी सरला को की वो कीसी से दोस्ती ना करे और कीसी को सुनिल की बीवी के बारे मे ना बताये ।
(Note- age edited due to underage complain)