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Incest पति से चुदवाया उसकी बहनों को

कहानी में क्या पसन्द करोगे ?

  • थोड़ा बहुत गन्दा हो जैसे रिमजोब, पिस्स, आर्मपिट, नाक

    Votes: 31 55.4%
  • सिंपल हो बस चुदाई ओर मादक कन्वर्सेशन

    Votes: 25 44.6%

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Ass licker

❤️❤️
135
828
94
🌴🌴🌴Attention Please🌿🌿🌿

अपडेट पढ़ने के बाद केसा लगा बताना मत भूलना।
आपका सहयोग ही कहानी को रोमांचित ओर आगे बढ़ायेगा।
 
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Mr happy

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अपडेट 4❤️
कुछ देर बाद माधुरी नहा कर कमरे में आई जहां में वो बला की खूबसूरत लग रही थी। गीले लम्बे बाल जिनसे पानी टपक रहा था
गीले होंठ ओर चेहरे से आती फेसवाश की महक। माधुरी ने जिस तरह की ड्रेस पहनी हुई थी वो किसी को भी बहका सकती थी
पर माधुरी ने अभी ड्रेस पर दुपट्टा भी लेना था क्योंकि इस तरह तो नही जा सकती थी राहुल के सामने
मैं:- माधुरी एक किस दे दे यार बड़ी हॉट लग रही है।
माधुरी:- अहह भाभी आपका भी कभी मन नही भरता ना, मुझे बाल सँवारने हैं फिर कभी कर लेना
मैं:- अपनी भाभी को मना करोगी अब तुम, कोई नही कर लो अपने मन की
माधुरी:- अहह भाभी तुम भी ना लो कर लो जल्दी से।
मै माधुरी के पास गई और उसके गीले होंठो को मुँह में भरकर चुसने लगी, गीले होंठो को चुसने में जो मजा है वो बयान नही कर सकती। एक तो पता नही क्या नशा था माधुरी की साँसों जिससे में हमेशा बहक सी जाती थी।
उसकी गर्म सांसे मुझे वाइल्ड होने पर मजबूर कर देती थी।
माधुरी खड़े होकर बिना साथ दिए अपने होठ चुसाने लगी तो मैने कुछ देर चूसकर उसको छोड़ दिया ओर उसके नंगे सीने को मतलब बूब्स के ऊपर जो खुला भाग था उसपर चूमने लगी बड़ी मुलायम त्वचा थी माधुरी की "शुक्रिया माधुरी" बहुत मीठी चीज है तू। तुझे तो आराम आराम से इस्तेमाल करूंगी ।
माधुरी:- पता नही क्या मजा आता है आपको मेरे जिस्म से, जबकि आपके पास भी वो ही चीजे है जो मुझमे हैं भाभी
मैं:- हाँ बात तो सही है पर तेरे बदन में कशिश है खिंचाव है मादकता है जो मुझे बार बार मदहोश कर देती है माधुरी।
माधुरी:- छोड़ो भाभी अब मुझे तैयार होने दो
"खाना देने जाना है कोई सुहागरात नही है राहुल के साथ तुम्हारी जो इतना बन ठन के जाना है हीहीहीही
माधुरी:- भाभिईईई अब बस बहुत हुआ, बन्द करो अपनी बकवास ओर मुझे अकेला छोड़ दो प्लीज
मैं उसे कमरे में छोड़कर बाहर आ गयी सच मे माधुरी बहुत सेक्सी लग रही थी आज पता नही इसका भाई केसी राल टपकायेगा इस पर।
बहरहाल में बाहर आ गयी और रसोई में जाकर आटा गुथने की तैयारी करने लगी।
कुछ देर माधुरी भी आ गयी सब्जी वगेरह का काम उसे बता दिया और फाइनली 1 बजे तक खाना रेडी हो गया।
मेने माधुरी के साथ खाना खाया और राहुल के लिए खाना पैक किया।
मैं:- चले माधुरी सब हो गया, अंदर से ताले की चाबी ले आओ बेड पर रखी होगी।
घर लॉक करके हम खेतों की तरफ निकल लिए जो घर से 200 मीटर की दूरी पर थे।
मैं सोनू को गोद मे उठाए चल रही थी और माधुरी मुझसे आगे थी
माधुरी सम्भल सम्भक कर खेतो की पगडंडी पर चल रही थी।
मैं उसको छेड़ते हुए "माधुरी ध्यान से चलना कहीं फिसलक कमर में चोट लगवा बैठो"
माधुरी:- ठीक है में ध्य्यन लगा कर ही चल रही हूं
मैं:- हां मुझसे मालिश भी नही आती फिर तुम्हारे बड़े भय्या को मालिश करनी पड़ेगी तुम्हारी कमर की हीहीहीही
माधुरी:- उसकी कोई जरूरत नही पड़ेगी, मैं सम्भल कर ही चल रही हूं भाभी
अपने खेतों के करीब पहुंचे तो राहुल खेत मे खड़े होकर पानी का जायजा ले रहा था कि कहाँ कहाँ पानी आ चुका है।
मैं:- माधुरी वो रहा तुम्हारा भय्या जिसके लिए तुम सज संवर कर आई हो, कहीं नियत ही ना फिसल जाए राहुल की तुम पर
माधुरी:- सब आपकी तरह नही है भाभी, भय्या इतने बेशर्म कभी नही हो सकते कि वो ऐसे करे।
मैं:- इसका जवाब भी मिल जाएगा सब्र करो महारानी
हम ट्यूबवेल पर पहुंचे जहां एक कमरा बना था जिसमे एक पँखा ओर दो पलंग बिछे रहते हैं जब कभी राहुल को आराम करना होता तो इनपर लेट जाता।
वहां पहुंचकर मेने दोनों पलंग खुली हवा में निकाल लिये और पेड़ के नीचे बिछा दिये
राहुल हमे देखकर खेत से ट्यूबवेल की तरफ आने लगा।
हम पलंग पर बैठ गए और सोनू को लेटा दिया।
राहुल चलकर हमारे पास आ गया और हाथ पांव धोने ट्यूबवेल की तरफ बढ़ गया। उसने एक लुंगी ओर शर्ट पहनी हुई जो पसीने से थोड़ी बहुत गीली थी।
हाथ पांव धोकर राहुल दूसरे पलंग पर बैठ गया मेने उसे खाना देने लगी।
राहुल:-कहा क्या आइटम बनाये है आज खाने में कुछ स्पेशल भी है या आज भी वही पुराना खाना
मैं:- खुद ही देख लो। खाने के रोटियां के पानीर की सब्जी और राजमा थी और सलाद के लिए खीरा ओर गाजर थी।
हजम करने के लिए थोड़ा सा गुड़ भी था।
हम अच्छे खाते पीते थे, राहुल ने हमेशा अच्छा पहना ओर अच्छा खाया है घर मे कोई कमी नही थी हसीं खुशी जिंदगी गुजर रही थी।
राहुल:- ओह्ह पानीर ये तो मेरी पसंदीदा सब्जी है
मैं:- टेस्ट करके बताओ ना केसी है।
राहुल ने एक टुकड़ा पानीर से लगाकर खाया और हाथ से इशारा करते हुए बहुत टेस्टी है यार
मैं:- माधुरी ने बनाया है कह रही थी आज में बनाउंगी भय्या के लिए टेस्टी सब्जी
इतना सुनकर माधुरी ने मुझे कमर पर मुक्का मारा और शर्मा कर दूसरी तरफ देखने लगी।
राहुल:- दीदी तुमने बनाई है आज सब्जी, सच मे बहुत टेस्टी है
मैं:- अगर ये बात है तो कुछ इनाम तो बनता है माधुरी के लिए है ना माधुरी ? माधुरी आंखे दिखाते हुए मुझसे मना करने लगी
उसे मेरी बातें समझ आ रही थी कि मैं कहाँ बात ले जा रही हूं
(दोनों बहनें राहुल से इतना ओपन नही थी बस काम के लिए ही बोलती थी। राहुल बड़ा था तो उसकी इज्जत करती थी)

राहुल:- बताओ माधुरी क्या इनाम चाहिए तुम्हे
माधुरी:- कुछ नही भय्या भाभी तो मजाक कर रही है
मैं बीच मे बोलती हुई "इसका क्या है तुम कोई ऐसी चीज दो जो लंबी तगड़ी हो है ना माधुरी"
माधुरी बात को समझती हुई बुरी तरह से शर्मा गईई।
राहुल:- ऐसी क्या चीज है बताओ तुम लोग मैं कोशिश करूंगा देने की।
मैं:- फिलहाल तो कुछ नही पर समय आने पर आप मना नही करोगे ये वादा करो आप
माधुरी हमारी बाते शर्माती हुई सुन रही थी उसे पता था मैं कहाँ बोल रही हूं।
राहुल:- ठीक है वादा रहा मुझे बता देना जब चाहिए।
मैं:- हां समय आने दो।
फिर राहुल खाना खाने लगे और में माधुरी को लेकर थोड़ा खेतो को देखने लगे। जहां गेंहू की फसल में हरियाली छाई हुई थी।
कुछ देर इधर उधर घूमने के बाद राहुल भी उठकर खड़ा हो गया और मैने बर्तन समेटे ओर ट्यूबवेल के पानी से धो लिए।
मैं:- हम जा रहे हैं आप जल्दी आ जाना
राहुल:- ठीक है में शाम तक आ जाऊंगा तुम लोग जाओ
मैं माधुरी के कान में तुम भी बोल दो "की भय्या जल्दी आना मेरे मन नही लगेगा"
माधुरी:- में क्यों बोलू ऐसा मेरा तो खूब मन लगेगा। तुम्हारा ही मन नही लगे तो ओर बात है।
हम वापिस घर की तरफ मुड़ गए और घर पहुंच कर आराम करने कमरे में पहुंच गए।
हम बेठकर आपस मे बातें करने लगे घूम फिर कर बात माधुरी के ससुराल पर आ गयी
मैं:- माधुरी तुम्हारी एक ननद है ना क्या नाम है उसका हाँ "अंजू"
उसका क्या हाल है
माधुरी:- कुछ नही अपने ससुराल में है
मैं:- यार वैसे काफी हॉट है वो भी, तुम्हारे साथ कैसा है उसका बर्ताव

अंजू:- आकाश की बहन, माधुरी की ननद
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क्या बताऊँ भाभी शुरू शुरू में तो ठीक था पर अब वो भी मुझसे चिढ़ने लगी है बात बात पर सुनाती रहती है।
मैं थोड़ा उत्सुकता से माधुरी को देखते हुए "क्या कहती है वो"
यही भाभी की तुम केसी हो इतने दिन हो गए कोई बच्चा नही हो रहा, बाँझ तो नही हो पता नही केसी किस्मत में लिखी है।
भाई को काबू में कर रखा है वगेरह वगेरह बकवास करती है।
मैं भी कुछ नही बोल पाती क्यों घर खराब करना अब किस्मत ही ऐसी है तो क्या करूँ।
मैं:- यार ये तो गलत बात है उनकी तुम्हारे हाथ मे थोड़ी है बच्चा पैदा करना, उसके भाई में ही कमी होगी।
तुम्हारी सास कुछ नही कहती क्या उससे
भाभी वो कुछ नही बोलती कहीं ना कहीं उसे भी चिढ़ है मुझसे की अब तक बच्चा क्यों नही हो रहा।
मैं राहुल से भी कुछ नही बोलती कहीं वो मुझे घरवालों की बातों में आकर छोड़ ना दे। इतना कहते ही माधुरी मायूस हो गयी उसकी पलकों पर आंसूं आ गए जिससे मेरा भी दिल भर आया
मैं:- ओह्ह मेरी माधुरी तुम इतनी टेंशन में जीती हो मुझे आज पता चला, कोई नही सब सही हो जाएगा ऊपर वाले पर सब्र रखो। तुम्हारे आंसू मुझसे देखे नही जाते माधुरी तुम मेरी बहन जैसी हो।
माधुरी सुबकती हुई मुझसे चिपकी रही
मैं:- चलो अब आंसू पोंछो अब तुम्हारे आंसू नही आने चाहिए माधुरी वरना मुझे बुरा लगेगा
माधुरी मेरी तरफ हसरत भरी निगाहों से देखती रही जैसे कहना चाहती हो कि भाभी मुझे जो चोट हैं उनका मरहम बस आप हो।
मे माधुरी के साथ लेट गयी और सो गए।
शाम को उठाकर हमने घर का काम किया और खाना बनाने लगे।
मैं:- क्या सब्जी बनाए माधुरी, कुछ ऐसा बनाओ जो तुम्हारे भय्या खुश हो जाये
माधुरी:- क्या बनाऊ भाभी मुझे क्या पता क्या पसन्द है भय्या को
"अहहहह जब तुम भय्या कहती हो ना माधुरी दिल छलनी छलनी हो जाता है बस तुम्हारी जबाँ से भय्या सुनती ही रहूं"
माधुरी:- बताओ ना भाभी क्या बनाऊ
मैं:- ऐसा करो तुम राजमा बना लो, ताकि खुश होकर तुम्हारे भय्या एक बढ़िया सा इनाम दे सके।
माधुरी:- मुझे नही जरूरत किसी इनाम की,
मैं माधुरी के पास गई और उसके सीने को दबाती हुई "क्या नही पीना अपने भय्या का पानी"
माधुरी:- ओह्ह भाभी वो अलग बात है ये अलग बात है।
मैं:- पगली इनाम के तौर पर में तुम्हे लन्ड का पानी ही तो पिलाने वाली हूँ। गर्म गर्म सा जो मेरी ननद की प्यास बुझा दे।
माधुरी:- अहह भाभी मेरे छाती को छोड़े ये बताए आपको बुरा नही लगेगा उस समय, आखिर आप उसकी वाइफ हो
मैं:- बिल्कुल भी नही मैं चाहती तुम भी मजा लो इस जिंदगी का कब तक शर्म का नाटक करोगी माधुरी, राहुल पर जितना मेरा हक है उतना तुम्हे भी है आज कह रही हूं। माधुरी सच मे मुझे कोई अप्पति नही है बस तुम शर्माना छोड़ दो। मैं तुम्हे हर चीज का सुख दूंगी बस मेरा साथ दो।
माधुरी:- कोशिश करूंगी भाभी
ठीक है आज बिल्कुल नही शर्माना खुलकर मजा करो मेरिई जान ओर मेने उसका माथा चुम लिया।
चलो बोलके बताओ कि जो बात तुमने सुबह बोला था।
माधुरी:- क्या बोला था भाभी
मैं याद करो पानी जैसा कुछ बोला था
माधुरी शर्मा गईई फिर कुछ हिम्मत जुटा कर बोली मुझे भय्या..का..बड़ा..लन्डड़ड़ड़ड़ड़ड़..का पानी पीना हैं
"तो उसके लिए अच्छी सी सब्जी बना ताकि तुम्हारे लिए ढेर सारा पानी निकाल सके। बनाओगी ना अपने भय्या के लिए
माधुरी :- हाँ भाभी।
हमने खाना बनाया उस दौरान बापू भी आ गए।
रात होते होते हमने खाना वगेरह फिनिश किया और राहुल को भी लगा दिया।
राहुल:- क्या बात है आजकल बहुत टेस्टी चीजे बनाई जा रही हैं
मैं:- माधुरी ने ही बनाई है कह रही थी मैरी चीजे खाकर देखो चाटते रह जाओगे, अब तुम भी कुछ चीज खिला दो माधुरी को जो वो चाटती रहे और स्वाद ना भूले।
माधुरी जो सोनू को खिला रही थी मुझे आंखे दिखाने लगी
राहुल:- चलो कल देखता हूँ कुछ के आऊंगा खाने पीने की चीज
मैं:- माधुरी को ऐसी चीज दो जो पी सके, पीने वाली चीज पसन्द है आजकल माधुरी को
राहुल:- ठीक मैं कल ले आऊंगा पीने वाली चीज ठीक है माधुरी
जब से तुम आई हो कुछ बाहर का खिलाया नही है।
माधुरी:- भय्या कोई बात नही है मैं ऐसे ही ठीक हूँ भाभी का तो काम है मजाक करना।
इसी सब के बीच राहुल ने खाना खत्म किया और बाहर निकल गए टहलने।
मैं बर्तन किचन में रखकर माधुरी को बोली कि कपड़े चेंज कर ले रात में सोने के काम आएंगे। माधुरी ने अपने बैग से एक टीशर्ट ओर लोअर निकाल लिया। माधुरी ने नीचे वाले बाथरूम में कपड़े चेंज किये और मैं उसको ऊपर छत पर ले गयी टहलने के लिए
बापू ओर राहुल खाना खाकर बाहर चले गए गप्पा मारने
8 बजे का टाइम था गाँव मे जल्दी ही डिनर हो जाता है
हम मोहाली के खरर तहसील के खेड़ी माजरा गाँव मे रहते हैं।
छत पर पहुंच कर खूब हंसी मजाक चलता रहा फिर मैं नीचे आ गई जहाँ राहुल कमरे में थे।
मैं:- आप अकेले सो जाएंगे ना मैं ऊपर सो जाती हूँ माधुरी का भी मन लग जायेगा।
राहुल:- अहह मेरी जान आज तुझे चोदने को मन कर रहा है,
मैं:- परसो ही तो आपने बंड बजाया है मन नही भरा।
राहुल उठकर मेरे पास आये और सोनू को बेड को बिठा कर मुझे बाहों में कस लिया "जब ऐसी मोटी ताजा पत्नी हो तो मन साला क्यों नही करेगा।
राहुल में होठों पर टूट पड़ा और में भी माधुरी की वजह से गर्म थी तो उसका साथ देने लगी।
राहुल ने मुझे बेदर्दी से चूसा ओर बोले "मेरी रंडी आज तो अपने ग्राहक को खुश कर दे।
(शादी के इन 4-5 सालों में मैने राहुल के हर वो काम किया जो सेक्स की दुनियां में होता है मैं बहुत सेक्सी हूँ और राहुल भी मेरी संगत में रहकर सब सिख गया है वो आमतौर ओर सरीफ बनकर रहते पर जब में उसके साथ रोमांटिक हो जाऊं तो शमाँ ही बांध देती हूं तभी राहुल ने मुझे चोद चोदकर एक साल में ही बच्चा दे दिया। हम काफी सेक्स में इन्वॉल्व है और खुलकर मजा करते हैं
ये रंडी कहकर बुलाना भी हमारी सेक्स दुनियां का हिस्सा था हम कई सारे रोलप्ले करते जैसे वो मुझे रंडी बना देते और खुद कोई कस्टमर बन जाते और इन सभी चीजो के दौरान आजतक कोई गेर सख्स का ख्याल ना मुझे आया ना राहुल को)
मैं:- नही साहब आपने परसो भी मुझे बुरी तरह चोदा ओर पैसे भी कम दिए।
राहुल:- आज खुश कर दे मेरिई रांड डबल ले लेना।
मैं:- राहुल माधुरी का क्या करूँ वो सोचेगी की भाभी को चुदने की पड़ी हैं।
राहुल:- क्या करे यार अब मुझसे तो रहा नही जाता, तुम ही कोई हल बताओ।
मैं:- मैं छुपके से आई रात में तुम लौड़ा तैयार रखना साहब
राहुल:- मेरिई छिनाल लोडा तो अभी भी तैयार है बस तुम चुत दिखाओ तो सही और राहुल ने लोअर नीचे करके अपना लौड़ा निकाल लिया जो ऐसा दिख रहा था।

मैं:- साहब इसे अंदर करो कहीं अपनी बहन माधुरी ने देख लिया तो डर जाएगी मेने एक तीर फेंकते हुए कहा
राहुल:- वो अभी ऊपर है तुम बताओ ना कितने पैसा लेगी रांड, नाटक बहुत करती है सुमन रंडी
इन सभी बातों के दौरान राहुल ने मुझे अपने से चिपकाया हुआ था और मेरी बड़ी चुचियाँ राहुल के सीने में धंसी थी ओर नीचे देखती हुई उसका लोडा देख रही थी
मैं:-साहब नाटक करना पड़ता है आपकी बहन माधुरी ने देख लिया तो में बदनाम हो जाऊंगी
दो बार माधुरी ना नाम आने से राहुल चुप हो गए और ख्याली दुनियां में पहुंच ओर उसके लन्ड से प्रिकम निकलने लगा।
मैं:- राहुल में अभी जाती हूं रात में आऊंगी अपने यार से चुदने, अभी मुझे माधुरी को सुलाना है कहीं वो यही ना आ जाये।
ऐसे अच्छा नही है ना कि माधुरी हमे रंगे हाथों पकड़ ले समझो आप।
राहुल ने मुझे छोड़ा और दूर खड़े हो गए कुछ सोचते हुए ठीक है जल्दी आना।

मैं उसकी प्रिकम को उंगली पर लेकर " ठीक है मालिक माधुरी को सुलाते ही वापिस आ जाऊंगी ओर मेने सोनू को एक हाथ से गोद मे लिया और कमरे से बाहर आ गयी एक भाई के मन मे उसकी बहन की छवि डालकर।
मेने प्रिकम को देखा जो बहुत मादक महक बिखेर रहा था
मैं ऊपर वाले केमरे में पहुंची जहां माधुरी अपने फ़ोन में हंसी वाली वीडियो देख रही थी
(माधुरी के पास एंड्राइड फ़ोन था क्योंकि आकाश बाहर रहता तो इससे बात हो जाती वीडियो कॉल पर भी)
मुझे देखकर माधुरी ने फ़ोन साइड में रखा और बेड पर सहारा लगा कर बैठ गयी

मैं:- क्या देख रही थी कहीं भय्या का औजार तो नही देख रही माधुरी
"नही भाभी में तो हंसी वाली वीडियो देख रही थी"
मैंने सोनू को लेटाया ओर खुद भी माधुरी के बगल में बैठ गयी।
मैं:- ये देखो माधुरी में क्या लायी हूँ स्पेशल तुम्हारे लिए उंगली दिखाती में बोली
माधुरी:- ये क्या है भाभी पानी सा
मैं:- ये पानी को आम पानी नही माधुरी ये तुम्हारे भाई का जोशीला पानी है जो उसके लन्ड से निकला है
माधुरी:- मुझे क्यों दिखा रही हो फिर भाभी
मैं:- ये खट्टा पानी तुम्हारे ओर तुम्हारे भाई के मिलन का एक मुहर्त जैसा है। इसको चाट कर तुम ऐलान कर दो माधुरी की तुम राहुल भय्या से कितनी मोहब्बत करती हो।
माधुरी:- भाभी आप कितनी कमीनी हो शर्म नही आती क्या आपको ऐसी ऐसी हरकते करते हुए।
मैं:- तुम ही तो मरी जा रही हो भय्या का पानी पीने के लिए, अब नखरा मत करो चलो मुँह खोलो अपना
माधुरी:- अहह भाभी पता नही क्या क्या करवाओगी मुझसे ओर माधुरी ने हल्का सा मुँह खोला।
मैं:- बोलो माधुरी "राहुल भय्या चटा दो अपने लन्ड से निकले हुए इस चटपटे पानी को
माधुरी:- भाभिईईई मुझसे नही बोला जाएगा, मैं अब मना नही कर रही हूं।
मैं:- माधुरी तुम्हारी शर्म खोलने के लिए कहना होगा तभी तो तुम आगे बढ़ पाओगी मेरी जाननननन
माधुरी:- भय्या चटा दो अपने लन्ड के चटपटे पानी को
"लो चाट लो और मैने उंगली को माधुरी के खुशबूदार मुँह में घुसा दिया और उसके बूब्स को मसलती हुई उसे अपने भाई का प्रिकम चटाने लगी। माधुरी ने चाट चाटकर मेरी उंगली को साफ किया और अंदर उतार लिया सारे पानी को।
मैं:- कैसा लगा फिर मेरी ननद को अपने भाई का पानी
माधुरी :- अहह ठीक ही था भाभिईईई
"माधुरी तो फिर रेडी हो ना राहुल का पानी पीने के लिए"
भाभी मुझे तो बहुत रिस्की लग रहा है ये सब होगा कैसे भय्या तो मुझे देख लेंगे ना
अरे मेने सब सोच रखा है तुम बेफिक्र रहो, आज तो में अपनी ननद को उसके भय्या का पानी पिला कर रहूंगी
पियोगी ना माधुरी?
हां भाभी पीऊंगी बस भय्या को पता ना लगे।
मैं:- कुछ नही होगा जान अब सुनो कैसे क्या करना है।
"बताओ भाभी"
देखो माधुरी में जाऊंगी नीचे ओर हम चुदाई करेंगे उस दौरान में तुम्हे मेसेज करूंगी तुम झुक कर कमरे में आ जाना बाकी सब वहीं बता दूंगी क्या करना है
माधुरी:- पर भाभी दरवाजा तो बन्द होगा ना फिर कैसे आऊंगी में
मैं:- अरे में दरवाजा तो बन्द करूंगी पर कुंदी नही लगाउंगी समझी।
पर भाभी भय्या तो देखेंगे ना जब दरवाजा खुलेगा।
मैं:- तुम इस बात से बेफिक्र रहो मेरी जान आज कोई नही रोक सकता तुझे अपने भय्या का पानी पीने से हीहीहीही
माधुरी:- भाभी तुम कितनी कमीनी हो।
इन्ही सब बातों के बीच 11 बज गए और में जाने की तैयारी करने लगी राहुल के पास
माधुरी में जा रही हूं अब नीचे तुम तैयार हो ना इस काम के लिए
माधुरी:- डर लग रहा है भाभी पर आप पे विश्वास है तो अच्छा ही होगा।
मैं:- चलो फिर ठीक है में जा रही हूं सोनू को देख लेना जग जाए तो इसे खेल लगा लेना तुम
माधुरी :- ठीक है भाभी।
मैं कमरे से बाहर आकर नीचे चल दी और राहुल के पास पहुंच गई जो बेठकर मूवी देख रहा था। मेने दरवाजा बंद किया और राहुल की तरफ देखा जो फ़ोन में बिजी था तो मैने कुंदी को रहने दिया ताकि माधुरी को आने में दिक्कत ना हो
राहुल:- आ गयी मेरिई रांड, बड़ी देर लगा दी।

मैं:- क्या करूँ मालिक आपकी बहन सोए तब ना। उसे सोता देखकर ही आयी हूँ।
राहुल ने फ़ोन साइड में रखा और मुझे बेड पर लेटा कर मेरे ऊपर चढ़ गए। मुझे किस करने लगे, हम दोनों एक दूसरे को चूमते चुसते हुए मजा लेने लगे।
राहुल:- चल कपड़े निकाल लो मेरी जान अब रहा नही जाता।
राहुल ने जल्दी से अपने कपड़े निकाले ओर आखिर में अपना कच्छा भी निकाल लिया। राहुल का मोटा लन्ड मेरी आँखों के सामने था
एक दम सफेद लन्ड जिसका रूप राहुल जैसा ही था
मैं:- राहुल बड़ा भूखा लग रहा है तुम्हारा सेर तो आज, पता नही क्या बनेगा मेरा। मैं कपड़े निकालती हुई बोली।
राहुल:- आज तुझे नही छोड़ेगा ये जान, इसको इसका खाना खिला दो तुम प्यार से
मैं मादरजात नंगी हो गयी और राहुल मैरी तरफ बढ़ा तो में बोली
"राहुल आज कुछ अलग करते हैं ना ऐसा जिसमे हम दोनों बेहद मजा आये क्या कहते हो
राहुल:- ऐसी कोनसी चीज है जिससे मजा आएगा बताओ।
मैं शैतानी भरे दिमाग से "राहुल आज तुम महसूस करोगे मुझे पर देखोगे नही
राहुल:- मतलब ??
मैं:- आज में तुम्हारी आँखों पर कोई कपड़ा बांध दूंगी फिर मजा करेंगे, आज बहुत मजा आने वाला है पक्का।
राहुल:- बिना आंखे बंद करे भी हो सकता है, क्या बेतुके आईडिया लेकर आई हो
मैं:- प्लीज राहुल बहुत मजा आएगा जब तुम्हारी आंखे पर कपड़ा हो तुम फील कर सकोगे हर मूवमेंट को, हर चीज में तुम एक अलग मजा पाओगे, आज में हैंडल करूंगी तुम्हे। प्लीज राहुल मान जाओ ना। अगर मजा ना आये तो कहना।
राहुल कुछ सोचते हुए ठीक है यार आज देखते हैं इस आईडिया को भी, बताओ क्या करना है।
मैं:- ऐसा करो तुम लेट जाओ बेड पर, राहुल बेड पर लेट गया जिससे उसकी टांगे दरवाजे की तरह हो गयी जो सोची समझी प्लानिंग के तहत थी।
में अपने 2-3 दुप्पटे लिए जिनको देखकर राहुल बोला "एक ही काफी है इतनो का क्या करोगी तुम
मैं:- राहुल आंखों के साथ मैं तुम्हारे हाथ भी बांध रही हूं ताकि तुम मुझे छू ना सको। क्योंकि तुम्हे बस फील करना है मुझे छूना नही है।
राहुल:-कुतिया पता नही क्या क्या करोगी आज, कहाँ से आया ये ख्याल तुम्हे।
मैं:- देखते जाओ आज तुम्हारी रात रंगीन कर दूंगी सब्र रखो
मेने राहुल की आंखों पर दुपट्टा को दो तीन बार लपेट कर बांध दिया जिससे राहुल की आंखे देख नही सकती थी। फिर उसके पैरों को बांध दिया बेड के दोनों साइड जिससे टांगे खुल गयी।
फिर उसके हाथों को बांधकर बेड के दोनों साइड कर दिया
राहुल:- अहह क्या सीयप्पा है ये, अंधेरा छाया हुआ ऐसे लगता है
मैं:-अभी रोशनी कर देती हूं जान, ऐसी रोशन कर दूंगी तुम्हारी जिंदगी को मुझे दुआएं देते रहोगे।
राहुल:- इसी बात के लिए आई लव यू जान
मैं:- आई लव यू राहुल मेरिई जान
मेने अपना फ़ोन अपने पास बेड पर रख दिया और
राहुल के लन्ड को थामा ओर उसे हिलाती हुई राहुल के मुँह के पास अपनी चुचियाँ लेकर गयी राहुल मेरिई जान मुँह खोलो तुम्हे दूध पिलाना है
उसके मुँह में अपनी सुडौल चुचियाँ देकर में उसके लन्ड को मुठियाने लगी।
राहुल मेरिई चुचियाँ पीने लगे मैं माधुरी के बारे में सोचने लगी क्यों आज उसे लाइव चुदाई दिखाई जाए, वैसे भी वो शर्माती बहुत है आज उसकी सारी शर्म निकाल देती हूं।
आज तो मजा ही आ जाएगा माधुरी के सामने चुदकर।
मेने फ़ोन उठाया और राहुल के लन्ड को मुठियाती हुई माधुरी को मैसेज लिख दिया "आ जाओ माधुरी तुम्हारे भय्या का लोडा बुला रहा है मुझस तो सम्भल नही रहा तुम ही संभालो"
कोई 2 मिनट के बाद "भाभी कोई खतरा तो नही है, अगर कोई उल्टी बात हो गयी तो बहुत बुरा हो जाएगा।
मेने दोबारा से मैसेज किया "कोई खतरा नही है आराम से आ जाओ और दरवाजा आराम से खोलना
कोई 5 मिनट के बाद मुझे दरवाजा खुलता नजर आया और माधुरी ने अंदर निगाहें डाली तो शर्मशार हो गयी की उसका बड़ा भाई बेड से बंधा नंगा लेटा हुआ है
वो अभी दरवाजे पर ही खड़ी अपने बड़े भाई को नंगा चूची पीते हुए हेरत से देख रही थी।
मेने उसे अंदर आने का इशारा किया ओर कमरे में रखे सोफे पर बैठने को कहा तो माधुरी अंदर आ गयी ओर सोफे पर बैठ गयी।
बहुत ही कामुक नजारा जिसको शब्दो मे बयाँ करना मेरा लिए बहुत ज्यादा मुश्किल था। एक शादीशुदा बहन सामने बैठी हो उसका भाई जो अच्छे खासे लन्ड का मालिक हो उसको देखती हुई बहन यही सोच ही होगी कि जिस भय्या के सामने हमेशा संस्कारी ओर सरीफ बनकर रही, कभी इतना ओपन आपस मे बातें भी नही आज उसको अपनी आंखों से नंगा देख रही थी
माधुरी सोफे पर बैठी आंखे चुरा रही थी तो मेने राहुल को बोला "जान अभी रुको मैं पानी पीकर आती हु।
राहुल:- अभी तो चुड़वाया भी नही है अभी से प्यासी हो गयी जान
मैं:- तुम हो ना हमारी प्यास बुझाने के लिए बस थोड़ा सा रुक जाओ ये बाते में माधुरी को सुनाती हुई बोली

ओर उठकर माधुरी के पास आ गयी
उसके कान में जाकर "ऐसे शर्माओगी तो कुछ नही होने वाला माधुरी सारी शर्म उतारो ओर आज की रात एन्जॉय करो समझी
माधुरी इशारे से हामी भरते हुए गर्दन हिलाई।
मैं उसे पकड़ कर बेड के पास लाई ओर राहुल के पैरों के पास खड़ा कर दिया ओर कान में फुसफुसाते हुए बोली
"धीरे से बेड पर चढ़ जाओ और अपने भाई का लन्ड हिलाओ अपने हाथों से"
माधुरी बेड पर चढ़ गई और उसके साथ मे भी ओर राहुल को बोली
"हां तो राहुल बोलो क्या करना है आज तो तुम्हारा लन्ड महाराज कुछ ज्यादा ही अकड़ा हुआ है आज तो मेरी खैर नही।
माधुरी बेड पर बैठी अपने भाई के लन्ड को हिला हिला कर उसकी लम्बाई चौड़ाई नापने में लगी थी।
राहुल:- तो मेरी रंडी मुँह में भरके चुसो ना अब हिलाती ही रहोगी इसे। राहुल को क्या पता की जिसको वो रंडी बोल रहा है दरअसल वो उसकी लाडली छोटी बहन है जो उसका लन्ड थामे हुई थी और हिला रही थी।
में माधुरी के पास आई और उसके कान में इसे मुँह में लेकर चुसो, जैसे आइसक्रीम को चुसाते है आगे पीछे करो
माधुरी डरते डरते अपना प्यारा सा सरीफ मुँह राहुल के लन्ड के पास लेकर गयी और हल्का सा मुँह खोलकर अपने भाई का लन्ड अपने सुर्ख होटों पर रख लिया। मैं झुक कर लन्ड के पास मुँह कर लिया जिससे राहुल को लगे कि मैं ही उसका लन्ड चूस रही हूं।
राहुल:- मेरिई जान इसे पूरा मुँह में लो ना टोपा ही चुस्ती रहोगी अब।
मैं माधुरी को इशारे से मुँह में लेने को बोली तो माधुरी में हिम्मत करके आधा लन्ड मुँह में भर लिया
राहुल:- अहह मेरी रंडी ये हुई ना बात चूस ऐसे ही मेरी जाननन
राहुल के मुँह से अपने लिए रंडी सुनकर माधुरी चोंक गईई ओर लन्ड मुँह से निकाल दिया।
मैं उसके कान में बेहद धीरे से फिक्र मत करो तुम्हारा भाई मुझे समझकर ऐसा बोल रहा है। ऐसा क्यों बोल रहे हैं, में बताऊंगी फिलहाल ध्यान मत लो इसकी बातों पर
माधुरी दोबारा से अपने भाई का लन्ड मुँह में भर लिया ओर चुसते हुए आगे पीछे करने लगी।
राहुल:- अहह मेरी जान चूस मेरे लन्ड को दिखा कमाल अपने मुँह का, बहुत मजा आ रहा है मेरी रांड
मेने माधुरी के मुँह से लन्ड निकाला और बोली
"राहुल लन्ड चुसने वाली अब रंडी हो गयी, एक तो तुम्हे मजा दिला रही हूं ऊपर से रंडी बोल रहे हो। मैं माधुरी की तरफ देखती हुई बोली ओर फिर से लन्ड माधुरी के मुँह में डाल दिया।
राहुक सिसकियों के साथ, अहहहह सरीफ औरते लन्ड नही चूसती जान रंडियों का काम होता है ये।
माधुरी के लिए रंडी बोलना मेरी चुत में आग पैदा कर रहा था कि आज देखो कैसे एक बड़ा भाई अनजाने में सही अपनी सरीफ बहन को रंडियों का दर्जा दे रहा था। माधुरी भी राहुल की बातों से हैरान परेशान थी पर में उनको बराबर लन्ड चूसने के लिए उकसा रही थी। आधे लन्ड को मुँह में ले लेकर माधुरी ने उसे गीला कर दिया था। जो उसके थूक से चमक रहा था।
Bhai Update Jabardust h... Bas photos aur Gif ki kami h.. Usko v attach kar do
 

urc4me

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Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
 

Wasim2669

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Superb story
 

Incest 1

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Nice story
 

Bittoo

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Strictly Warning
I hate such comment like nice update, keep posting, next update please, waiting for next update, bhut shandar update blah blah etc
Mention best part in comment box for further update🙏
Abe update nahin pata to drama kyon. Comments chahiye. Abe comment detail mein karne hon to hum bhi writer na ban jaye. Nahin likhna hai to mat likh. Itni story incomplete hain ek aur sahi. Gyan mat pel.
 
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