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अपडेट पढ़ने के बाद केसा लगा बताना मत भूलना।
आपका सहयोग ही कहानी को रोमांचित ओर आगे बढ़ायेगा।
Last edited:
Behad shandar updateमेने माधुरी को लन्ड पर थूक डालने को कहा तो माधुरी ने लन्ड के टोपे पर अपना गर्म गर्म मीठा थूक डाल दिया
मेने राहुल के हाथ पाओं खोल दिये और उसे आजाद कर दिया
मेने माधुरी को लन्ड से दूर करके अपने पैरों का वजन डालकर राहुल के लन्ड के ऊपर हो गयी और माधुरी से कहा कि, डाल दे अपने भाई के बड़े लन्ड जो मेरी चुत में अहहहह
माधुरी ने शर्माते हुए अपने भाई का सख्त लन्ड पकड़ा और मेरी चुत के छेद पर सेट किया और में धीरे धीरे बैठती हुई दर्द भरी सिसकियों के साथ पूरा लोडा अपनी चुत में उतार लिया और माधुरी की तरफ देखा
जो इतने बड़े लन्ड को मेरी चुत में जड़ तक घुसता देख अपने मुँह पर हाथ रखे बड़ी बड़ी आंखों से मेरी चुत की तरफ देख रही थी।
अहहहह राहुल मर गईईईईई बहुत मोटा लन्ड है तुम्हाराहहहहहहहह अंदर तक फाड़ दी मेरिईईई चुत
राहुल:- तुम जैसी रंडियों के लिए तो ऐसे ही लन्ड मजा दे सकते हैं मेरिई सुमन रांड, अहह क्या चुत है तुम्हारी जान
साइड में बैठी हुई माधुरी हमारे कामुक मिलन का नजारा ले रही थी उसे यकीन नही हो रहा था कि उसका सरीफ दिखने वाला भाई चोदते हुए इस तरह की बातें करता है और लन्ड की मार से बेहाल कर देता है
मैं माधुरी के तरफ देखती हुई ऊपर नीचे झटके देने लगी जिससे चुत टोपे तक आती और फिर राहुल की झांटो को चूम लेती।
इसी तरह चुदाई चलती रही और में थक कर लन्ड से उतर गई और साइड में बैठकर लन्ड को देखा तो उसपर मेरी चुत का पानी लगा हुआ था
मेने माधुरी को इशारा किया और उसके कान में बेहद धीरे से फुसफुसाई "माधुरी चाट ले अपनी भाभी के पानी को अपने भाई के लन्ड से"
माधुरी ने बुरा सा मुँह बनाया पर मैने उसको फ़ोर्स करते हुए मना लिया और उसके मुँह को खुलवा कर लोडा उसके मुँह में दे दिया
माधुरी टोपे पर ही जीभ गुमाने लगी तो मैने उसके सर पर हाथ रखकर धीरे धीरे प्रेसर देने लगी लगी और आधा लन्ड माधुरी के मुँह में समा गया। माधुरी आगे पीछे मुँह करती हूं लोडा चुसने लगी उसने आंखे बंद कर रखी थी सायद उसको मेरे सामने मेरा ही चुत का पानी लन्ड से चाटना शर्म का अहसास करा रहा था।
थोड़ी देर चाटने के बाद मेने उसको साइड में बैठने को कहा और खुद भी राहुल का लौड़ा चुसने लगी।
मैं माधुरी की तरफ देखकर लन्ड चुसने लगी ताकि माधुरी कुछ सीख पाए।
मेने माधुरी को सोफे पर बैठने को कहा ओर माधुरी धीरे से सोफे पर बैठ गयी और में खुद बेड पर लेट गयी जिससे मेरी गांण्ड माधुरी की तरफ हो गयी।
और राहुल को ऊपर आने को बोला।
राहुल मेरे ऊपर आ गया और मेरी टांगे फोल्ड कर के मेरे सीने से मिला दी।
राहुल ने अपना बड़ा लन्ड मेरी चुत पर सेट किया और एक ही झटके में अपना समूचा लन्ड मेरी चुत में उतार दिया।
अहहहह मरररर गईईईईई ओह्ह राहुललल्ल फाड़ दी मेरिई चुतत
राहुल:- अहह कितना गर्म चुत है सुमन तेरी तो मजा ही आ गया
मैं:- अहहहह राहुल तेरा भी लन्ड बहुत गर्म है मेरी बच्चेदानी में घुस रहा है, चोद मुझको राहुल चोद अहह राहुल।
मेने थोड़ा मुँह उठाकर देखा तो माधुरी हमारी कमर की तरफ देख रही थी जहां उसे मेरी चुत में घुसा हुआ अपने भाई का लोडा दिख रहा होगा और टांगे मोड़ने की वजह से उसे मेरी गांण्ड का छेद भी भी दिख रहा होगा जो झटकों से खुलता ओर बन्द हो रहा था
तेज़ तेज़ चोदते हुए राहुल मेरे होटों पर टूट पड़ा और मुझे किस करते हुए चोदने लगा
लंबे लंबे झटके मारते हुए राहुल मेरी चुत की ठुकाई करने लगे जिससे मेरी सुडौल मोटी चुचियाँ हिलती हुई शमाँ बांध रही थी
राहुल:- अहहहह मेरी जान कितनी भभकती हुई चुत है देखो कैसे मेरे लन्ड को गर्म कर दिया है अहह सुमन मजा आ रहा है ना
मैं:- हाँ मेरे सरताज ऐसे ही चोदो मुझे बहुत मजा आ रहा है राहुल, मेरी बच्चेदानी पर वार कर रहा है तुम्हारा लोडा
अहह मररररर गईईईईई राहुल और तेज चोदो मुझे
राहुल:- ले मेरिईईई रांड ओर ले, घुसा ले इसे अपनी प्यासी चुत में सुमन रंडी
"अहहहह राहुल थोड़ा धीरे अहह मरररर गईईईईई ओह राहुल फाड़ दी मेरिई चुत
राहुल तेज़ तेज़ चोदते हुए मेरी चुत मारने लगा और मैं ज्यादा दर्द का नाटक करते हुए सर उठा कर माधुरी की तरफ देखा और बोली
"अहह राहुल धीरे कहीं माधुरी ना सुन ले, अहह माधुरी बचाओ अपने भाई के लन्ड से मुझे माधुरी।
माधुरी मेरी तरफ चुप रहने का इशारा करने लगी
राहुल:- अहह आज तुझे कोई नही बचायेगा मेरी जाननन, आज तुझे लन्ड से चोद चोद कर बेहाल कर दूंगा।
"अहह राहुल मैं भी चुदना चाहती हूं पर तुम्हारा लन्ड जब बच्चेदानी पर ठोकर मारता है तो दर्द होता है अहह
राहुल:- अहह आज तेरी बच्चेदानी भर दूंगा सुमन रांड,
मैं:- अहह राहुल मैं तो निहाल हो गयी तुम्हारे लन्ड पर, अहह क्या ठुकाई करता है अंदर तक
सबको ऐसा ही लन्ड मिले जो अंदर तक चोदे अहह मैं थक गई हूं राहुल थोड़ा रुको
राहुल मेरे ऊपर से उतरा और मैं लम्बी लम्बी सांसे लेती हुई उठकर बैठ गयी और माधुरी की तरफ देखा जो एक हाथ को लोअर के अंदर डालकर चुत सहला रही थी।
उसका चेहरा लाल सुर्ख ओर होंठ सूखे हुए थे, आंखे बंद करके माधुरी धीरे धीरे अपनी चुत सहला रही थी। हो भी क्यों ना जब चुदाई ही इस कामुक तरीके से देख रही थी।
मेने राहुल को लेटने को कहा और राहुल को बेड के आखरी छोर पर लिटा दिया
मैं उसका लन्ड हाथ से पकड़ लिया और हिलाने लगी
मे माधुरी की तरफ देखती हुई लन्ड चुसने लगी जिसपर मेरी ही गर्म चुत का पानी लगा था उसको चाटती हुई मैं
सामने आंखे बंद करके चुत सहलाती हुई अपनी ननद को देखने लगी
तभी माधुरी ने आंखे खोली ओर मुझे देखता पाकर शर्मा गईई तो मैने उसे अपने पास आने का इशारे किया
माधुरी चलती हुई मेरे पास आई और खड़ी हो गयी।
मेने उसको बेड के साइड आने को कहा और वो राहुल के बगल में खड़ी हो गयी।
मैं:- राहुल मुँह खोलो अपना एक चटपटी चीज चखाती हूँ तुम्हे
राहुल:- क्या चीज है वो
मैं:- तुम मुँह तो खोलो जान फिर पता लग जायेगा तुम्हे
राहुल ने मुँह खोल दिया तो मैने माधुरी के हाथ को पकड़ा और गीली उंगली को राहुल के मुँह में दे दिया।
माधुरी हाथ खींचने की कोशिश करने लगी और मैने जोर से पकड़ा हुआ था।
राहुल उंगली पर लगे अपनी बहन के नमकीन चूतरस को चाटने लगे और पूरी उंगली साफ कर दी।
राहुल:- अहह क्या स्वाद है सुमन पहले कभी नही चखा
मैं:- बहुत कीमती पानी है बताओ कैसा लगा चुत का पानी
राहुल:- बहुत टेस्टी है जान ओर चखाओ ना मेरे मुँह पर चुत रख दो मैं खुद चख लूंगा प्यास भी बुझ जाएगी मेरिईईई
मैं:- अभी इतना ही है फिर कभी चख लेना, फिक्र मत करो चुत में मुँह लगा कर चाट लेना ठीक है जान, चलो तुम्हारी प्यास कम करती हूं
मैं माधुरी के कान में "देख लो माधुरी तुम्हारे भय्या तो तुम्हारी चुत के आशिक हो गए देखो कैसे चाटने को बोल रहे हैं"
माधुरी ने शर्म से मुँह गड़ा दिया तो मैने दोबारा उसके कान में " थूक इकट्ठा करो अपने मुँह में तुम्हारा भाई प्यासा है माधुरी"
माधुरी मना करने लगी तो मैने उसको हिम्मत दिलाई ओर माधुरी मुँह में थूक इकट्ठा करने लगी
मैं:- राहुल मेरी मुँह खोलो तुम्हारी प्यास बुझाती हूँ थोड़ा बहुत। उम्मीद है तुम्हे पसन्द आएगा
राहुल ने मुँह खोला तो मैने माधुरी को उसके मुँह के ऊपर झुका दिया। और राहुल के हाथ पकड़ लिए कहीं वो जोश में माधुरी को ना पकड़ ले।
माधुरी ने मेरी तरफ देखा तो मैने उसे थूक डालने को कहा माधुरी ने अपना मीठा थूक एक कतारबद्ध पीक के रूप में अपने भाई के मुँह में डाल दिया 2-3 बार थूक डालकर वो सीधी खड़ी हो गयी।
राहुल में थूक को टेस्ट किया और फिर अपनी छोटी लाडली बहन का थूक अपने पेट मे ले लिया।
राहुल:- अहह क्या टेस्ट है मेरी रंडी का अहह कितना मादक है, सच मे तुम जानलेवा रंडी हो जो हर हुनर रखती हो। वैसे क्या था ये मेरी रांड
मैं:- ये थूक था राहुल, कैसा लगा तुम्हे पसन्द आया या नही
राहुल:- मेरिई रांड की कोई चीज पसन्द ना आये ऐसा हो सकता है भला।
माधुरी अपने भाई के मुँह से रांड सुनकर हैरतजदा हो गयी और मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी
मैं:- राहुल अब तुम्हे प्यास लगी तो बुझा दी, अब रंडी तो मत बोलो यार।
राहुल:- क्या करूँ जान में जोश में कुछ कह दु तो बुरा मत माना करो। चलो अब चोदने दो मुझे बड़ी हवस चढ़ गयी है मुझे।
राहुल ने मुझे घोड़ी बनने को कहा तो मैं घोड़ी बन गयी
मेने अपनी गांण्ड को हवा में उठा लिया और मुँह बेड पर रख दिया।
राहुल मेरे पीछे आए और लन्ड को चुत पर सेट करने लगे और चुत की फांको को हाथ से टटोल कर लन्ड रखा और एक जबरदस्त झटका लगाते हुए पुरा लन्ड मेरी चुत में उतार दिया। अहहह राहुल मार दिया आईईईईई इतना बेदर्दी मत बनो
10 मिनट तक राहुल ने मुझे बुरी तरह से रगड़ा ओर वो सिसकते हुए मुझे चोद रहे थे। मेरा 3 बार पानी निकल चुका था
माधुरी अपने भाई की चुदाई को अपनी आंखों में कैद कर रही थी।
मैं:- राहुल जब झड़ने लगो तो बता देना, मुझे तुम्हारा पानी पीना है जान।
राहुल ने थोड़ी देर तेज़ रफ़्तार से चोदते हुए आखरी स्टेज पर आ गए तो मैं जल्दी से खड़ी होकर राहुल को बेड से नीचे खड़े होने को बोला।
राहुल बेड से नीचे खड़े हो गए और अपना लन्ड हिला रहे थे मेने माधुरी को पकड़ कर उसके भाई के पैरों में बैठाया ओर राहुल का लन्ड खुद आगे पीछे करने लगी।
माधुरी के चेहरे और असमंज की स्थिति थी वो अपने बड़े भाई के पैरों में भिखारी की तरह बैठी लन्ड के पानी वैट कर रही थी।
राहुल:- अहह मेरा आने वाला है जान, ओर तेज़ हिलाओ
मैंने लन्ड को आगे पीछे करती हुई माधुरी का सर पकड़ा ओर उसके भाई का लन्ड उसके मुँह में डाल दिया।
तभी राहुल ने माधुरी का सर पकड़ा और उसके मुँह को लन्ड से चोदने लगा,
मैं पास में बैठी इस कामुक स्थिति का मजा ले रही थी
ओर सोचने लगी कि
"जो बहन अपने बड़े भाई के सामने खुलकर बोल भी नही सकती वो बहन अपने सगे भाई का बड़ा सा लन्ड जिसपर उसकी भाभी की गर्म चुत का पानी लगा हो उसे अपने भाई के पैरों में बैठकर कनीज की तरह मुँह में भरकर चूस रही थी, दूसरी ओर उसका बड़ा भाई सिसकते हुए अपनी बहन के प्यारे से मुँह को पकड़ ऐसे झटके मार रहा था जैसे मुँह नही वो अपनी बहन की गहरी चुत में गढ्ढा कर रहा हो। वो बहन भी सारी शर्म हया, रिश्ते नाते भुला कर सारा दर्द बर्दाश्त करके इस उम्मीद में लौड़ा समाए बैठी थी कि उसका भाई उसे लन्ड का पानी पिलायेगा ओर उसकी अनचाही प्यास को बुझा देगा।
राहुल अब बहुत करीब आ चुका था उसका आग उगलता लन्ड कभी भी फटने वाला था
राहुल:- अहह मेरी रंडी बहुत गर्म मुँह है तुम्हारा, तुम्हारी चुत की तरह मेरी रांड, तभी तुम्हारा थूक इतना गर्म था अहह मेरी पालतू रंडी आने वाला है मेरा पानी अहहहहहहहहहह मेरिईईई छिनाललललल्ल मुँहहहहह में भर ले मेरे वीर्ये को ओर राहुल ने जहर उगला दिया
जो माधुरी के मुँह में गिरता रहा ओर में राहुल की बॉल्स को पकड़ कर सारा पानी निकालने लगी जो उसकी बहन के मुँह में जमा होता रहा।
माधुरी की आंखे बाहर को निकली हुई थी और आंखों में नमी लिए वो माल जमा कर रही थी
तभी एक आखरी कतरा जो लन्ड के छेद में बचा था वो बाहर निकल आया तो मैने लन्ड की माधुरी की मांग के सिंदूर के उपर किया और लन्ड दबाते हुए वो गाढ़ी वीर्ये की बूंद सिंदूर के ऊपर डाल दी। बड़ा उत्तेजक माहौल था कि एक सरीफ बहन अपने भाई के वीर्ये से मांग भरवा कर बैठी थी।
लन्ड खाली करके मेने आकाश को बेड पर बैठा दिया तो
वो वहीं बेड पर लेट गया।
मैं माधुरी के कान में " ऐसा करो बाहर जाओ और इस पानी को किचन से एक ग्लास लेकर उसमे डाल देना में अभी आ रही हूं। इस कीमती पानी को पीना मत जब तक मे ना कहु।
माधुरी को मैने बाहर भेजा और राहुल की आंखों से दुपट्टा हटाया ओर राहुल से पूछा
"हाँ जी बताओ कैसा लगा ये एक्सपीरिएंस आपको"
राहुल:- बड़ा कामुक था जान वो उंगली पर लगा पानी चखना, वो थूक पीना बड़ा उत्तेजित था शुक्रिया इस सबके लिए मेरी जाननन
मैं राहुल को वहीं छोड़ ऊपर छत वाले कमरे में पहुंच गई।
दरवाजा को साइड किया तो माधुरी बेड के किनारे पैर लटकाए बैठी थी।
मैं उसके पास गई और उसके हाथ से वीर्या भरा ग्लास जो आधा भर गया था उसको माधुरी से लिया और टेबल पर रख दिया।
मैं:- हाँ तो माधुरी कैसा लगा ये मधुर संगम हमारा ओर कुछ कुछ तुम्हारा भी।
माधुरी कुछ सोच में डूबी हुई थी मेने दोबारा बात दोहराई तो उसने मेरी तरफ देखा "भाभी सच मे आप बहुत बेशर्म हो मुझे क्या क्या करवाया आपने"
मैं:-तुम्हे मजा नही आया क्या, तूने देखा ना कैसे तुम्हारा भाई उत्तेजित हो गया था तुम्हारे थूक ओर चुतरस से"
माधुरी:- भाभी फिर भी अच्छा नही है ना कि मुझे ऐसा करना पड़ा। भाई तो जोश में थे उसे क्या पता वो मैं हूँ।
मैं:- माधुरी सच मे तुम बहुत लाजवाब हो, ओर फिर तुम्हारे भय्या को इसमें मजा आया तो कोई बुराई नही है, क्या तुम नही चाहती कि तुम्हारे भय्या खुश रहें।
माधुरी:- चाहती हूं भाभी पर मुझे अजीब सा लगा कि मैं भय्या के मुँह में थूक डाला।
मैं:- माधुरी ऐसा मत सोचो बस ये समझ लो तुमने अपने भय्या को खुशी दी है। ये बहुत बड़ी बात है तुम्हारे लिए की तुम्हारे भय्या की ये सब अच्छा लगा।
माधुरी:- हम्म,
मैं:-तो बताओ ना मेरी ननद को कैसा लगा अपनी भाभी भय्या की चुदाई?
माधुरी:- अहह भाभी ठीक ही थी।
मैं:- ऐसे कभी आकाश ने चोदा है तुम्हे इतनी देर तक या इतना जोश में।
माधुरी:- नही भाभी वो तो बस 5-10 मिनट में ही करते हैं भला मेरी फिक्र क्या रहेगी
मैं:- अहह तो मेरी ननद को उसके भाई जैसा लन्ड चाहिए है ना माधुरी, जो तुझे ठंडा कर दे।
माधुरी शर्मा गईई अपने भय्या के नाम से।
मैं:- माधुरी तुम्हारी मांग के सिंदूर पर पानी डाल रखा है तुम्हारे भय्या ने समझी कुछ
माधुरी:- गलती से लग गया होगा, भय्या का कहाँ होश था कि कौन है।
(माधुरी को ये नही पता था कि उसकी वीर्ये से मांग मेने ही जानबूझ कर भरी है)
मैं:- जो भी हो पर लग तो ऐसा रहा है जैसे तुम अपने भाई की सुहागिन बन गयी हो माधुरी, देखो कैसे मांग भर दी है तुम्हारी राहुल ने।
मैं माधुरी को उकसाते हुए बोली।
माधुरी उठकर सिंगारदानी (ड्रेसिंग टेबल) के पास गई और अपनी मांग देखने लगी मैं भी उसके पास चली गयी और उसके पीछे खड़ी होकर
"आज तो तुम सच मे अपने भाई की सुहागिन बन गयी हो देखो तो कैसे मांग भरी है अपनी बहन की राहुल ने
माधुरी मांग पर हाथ फिराने लगी और उंगली पर उस वीर्ये को लिया और देखने लगी अहह भय्या भी ना
मैं धीरे से माधुरी के कान ने " चाट जाओ माधुरी अपने भय्या का लन्ड का पानी, ये सिर्फ तुम्हारे लिए निकाला है राहुल ने"
माधुरी ने उंगली को नाक के पास लगाया और उस वीर्ये को सुंघा ओर फिर अपने मुँह में उंगली डालकर चुसने लगी। मेने माधुरी की चुचियाँ पकड़ ली और सहलाते हुए
"माधुरी चाट जाओ अपने भाई के पानी को, तुम्हारा भाई ही तुम्हारी प्यास बुझा सकता है माधुरी
माधुरी उंगली पर लगे वीर्ये को चाट गयी और मेरी तरफ घूम कर "भाभी भाई ने मुझे रंडी क्यों बोला"
मैं सकते में आ गयी कि माधुरी अब ये बात बोल रही है कहीं उसे बुरा तो नही लगा इसलिए बात संभालते हुए
"नही माधुरी तुम्हारे भाई ने मुझे बोला क्योंकि हम ज्यादा जोश में अनाप शनाप बकते रहते हैं, अब राहुल को क्या पता कि उसकी बहन उसका वीर्या मुँह में ले रही है। वो तो यही समझ रहा था कि मैं हूँ।
माधुरी:- भाभी तुम्हे बुरा नही लगता जब भय्या आपको रंडी बुला रहे थे।
मैं:- सच कहूं तो माधुरी पहले बुरा लगता था पर अब मजा आता है क्योंकि तुम्हारे भाई जब रंडी बनाते हैं तो ज्यादा तबियत से चुदाई करते हैं।
माधुरी:- ह्म्म्म
मैं माधुरी के साथ बेड पर बैठ गयी और वीर्या का ग्लास उठा कर "माधुरी तुमने पिया तो नही अपने भाई का माल"
माधुरी:- नही भाभी जैसा आपने बोला ऐसा ही किया।