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Incest पति से चुदवाया उसकी बहनों को

कहानी में क्या पसन्द करोगे ?

  • थोड़ा बहुत गन्दा हो जैसे रिमजोब, पिस्स, आर्मपिट, नाक

    Votes: 31 55.4%
  • सिंपल हो बस चुदाई ओर मादक कन्वर्सेशन

    Votes: 25 44.6%

  • Total voters
    56
  • Poll closed .

Ass licker

❤️❤️
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🌴🌴🌴Attention Please🌿🌿🌿

अपडेट पढ़ने के बाद केसा लगा बताना मत भूलना।
आपका सहयोग ही कहानी को रोमांचित ओर आगे बढ़ायेगा।
 
Last edited:

Ankitarani

Param satyagyani...
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dear Ass licker ji... Apki story bahut achhi chal rhi hai...ykeen maniye mai kabhi running story nhi pdhti,hmesha cmplt hone ke bad hi pdhti hu... But apki story pahli story hai jo mai running pdh rhi hu..bsc its very good...

Kisi ko cmnt krna aata hai kisi ko nhi ..kisi ke pas time n hota..... I know ki bde coment me pdhna achha lgta h...jese jese story bdhegi bde coment bhi aayegi...dnt vry n keep positng...
And soryy if i said something wrong...
 

GandaBachcha

New Member
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Bhai story main thoda kink bhi add Karo.. thoda dirty jao na.. cum food.. rimming.. pegging.. Fisting.. piss play etc etc
 
  • Like
Reactions: maakaLover

Sandeep singh nirwan

Jindgi na milegi dobara....
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अपडेट 4❤️
कुछ देर बाद माधुरी नहा कर कमरे में आई जहां में वो बला की खूबसूरत लग रही थी। गीले लम्बे बाल जिनसे पानी टपक रहा था
गीले होंठ ओर चेहरे से आती फेसवाश की महक। माधुरी ने जिस तरह की ड्रेस पहनी हुई थी वो किसी को भी बहका सकती थी
पर माधुरी ने अभी ड्रेस पर दुपट्टा भी लेना था क्योंकि इस तरह तो नही जा सकती थी राहुल के सामने
मैं:- माधुरी एक किस दे दे यार बड़ी हॉट लग रही है।
माधुरी:- अहह भाभी आपका भी कभी मन नही भरता ना, मुझे बाल सँवारने हैं फिर कभी कर लेना
मैं:- अपनी भाभी को मना करोगी अब तुम, कोई नही कर लो अपने मन की
माधुरी:- अहह भाभी तुम भी ना लो कर लो जल्दी से।
मै माधुरी के पास गई और उसके गीले होंठो को मुँह में भरकर चुसने लगी, गीले होंठो को चुसने में जो मजा है वो बयान नही कर सकती। एक तो पता नही क्या नशा था माधुरी की साँसों जिससे में हमेशा बहक सी जाती थी।
उसकी गर्म सांसे मुझे वाइल्ड होने पर मजबूर कर देती थी।
माधुरी खड़े होकर बिना साथ दिए अपने होठ चुसाने लगी तो मैने कुछ देर चूसकर उसको छोड़ दिया ओर उसके नंगे सीने को मतलब बूब्स के ऊपर जो खुला भाग था उसपर चूमने लगी बड़ी मुलायम त्वचा थी माधुरी की "शुक्रिया माधुरी" बहुत मीठी चीज है तू। तुझे तो आराम आराम से इस्तेमाल करूंगी ।
माधुरी:- पता नही क्या मजा आता है आपको मेरे जिस्म से, जबकि आपके पास भी वो ही चीजे है जो मुझमे हैं भाभी
मैं:- हाँ बात तो सही है पर तेरे बदन में कशिश है खिंचाव है मादकता है जो मुझे बार बार मदहोश कर देती है माधुरी।
माधुरी:- छोड़ो भाभी अब मुझे तैयार होने दो
"खाना देने जाना है कोई सुहागरात नही है राहुल के साथ तुम्हारी जो इतना बन ठन के जाना है हीहीहीही
माधुरी:- भाभिईईई अब बस बहुत हुआ, बन्द करो अपनी बकवास ओर मुझे अकेला छोड़ दो प्लीज
मैं उसे कमरे में छोड़कर बाहर आ गयी सच मे माधुरी बहुत सेक्सी लग रही थी आज पता नही इसका भाई केसी राल टपकायेगा इस पर।
बहरहाल में बाहर आ गयी और रसोई में जाकर आटा गुथने की तैयारी करने लगी।
कुछ देर माधुरी भी आ गयी सब्जी वगेरह का काम उसे बता दिया और फाइनली 1 बजे तक खाना रेडी हो गया।
मेने माधुरी के साथ खाना खाया और राहुल के लिए खाना पैक किया।
मैं:- चले माधुरी सब हो गया, अंदर से ताले की चाबी ले आओ बेड पर रखी होगी।
घर लॉक करके हम खेतों की तरफ निकल लिए जो घर से 200 मीटर की दूरी पर थे।
मैं सोनू को गोद मे उठाए चल रही थी और माधुरी मुझसे आगे थी
माधुरी सम्भल सम्भक कर खेतो की पगडंडी पर चल रही थी।
मैं उसको छेड़ते हुए "माधुरी ध्यान से चलना कहीं फिसलक कमर में चोट लगवा बैठो"
माधुरी:- ठीक है में ध्य्यन लगा कर ही चल रही हूं
मैं:- हां मुझसे मालिश भी नही आती फिर तुम्हारे बड़े भय्या को मालिश करनी पड़ेगी तुम्हारी कमर की हीहीहीही
माधुरी:- उसकी कोई जरूरत नही पड़ेगी, मैं सम्भल कर ही चल रही हूं भाभी
अपने खेतों के करीब पहुंचे तो राहुल खेत मे खड़े होकर पानी का जायजा ले रहा था कि कहाँ कहाँ पानी आ चुका है।
मैं:- माधुरी वो रहा तुम्हारा भय्या जिसके लिए तुम सज संवर कर आई हो, कहीं नियत ही ना फिसल जाए राहुल की तुम पर
माधुरी:- सब आपकी तरह नही है भाभी, भय्या इतने बेशर्म कभी नही हो सकते कि वो ऐसे करे।
मैं:- इसका जवाब भी मिल जाएगा सब्र करो महारानी
हम ट्यूबवेल पर पहुंचे जहां एक कमरा बना था जिसमे एक पँखा ओर दो पलंग बिछे रहते हैं जब कभी राहुल को आराम करना होता तो इनपर लेट जाता।
वहां पहुंचकर मेने दोनों पलंग खुली हवा में निकाल लिये और पेड़ के नीचे बिछा दिये
राहुल हमे देखकर खेत से ट्यूबवेल की तरफ आने लगा।
हम पलंग पर बैठ गए और सोनू को लेटा दिया।
राहुल चलकर हमारे पास आ गया और हाथ पांव धोने ट्यूबवेल की तरफ बढ़ गया। उसने एक लुंगी ओर शर्ट पहनी हुई जो पसीने से थोड़ी बहुत गीली थी।
हाथ पांव धोकर राहुल दूसरे पलंग पर बैठ गया मेने उसे खाना देने लगी।
राहुल:-कहा क्या आइटम बनाये है आज खाने में कुछ स्पेशल भी है या आज भी वही पुराना खाना
मैं:- खुद ही देख लो। खाने के रोटियां के पानीर की सब्जी और राजमा थी और सलाद के लिए खीरा ओर गाजर थी।
हजम करने के लिए थोड़ा सा गुड़ भी था।
हम अच्छे खाते पीते थे, राहुल ने हमेशा अच्छा पहना ओर अच्छा खाया है घर मे कोई कमी नही थी हसीं खुशी जिंदगी गुजर रही थी।
राहुल:- ओह्ह पानीर ये तो मेरी पसंदीदा सब्जी है
मैं:- टेस्ट करके बताओ ना केसी है।
राहुल ने एक टुकड़ा पानीर से लगाकर खाया और हाथ से इशारा करते हुए बहुत टेस्टी है यार
मैं:- माधुरी ने बनाया है कह रही थी आज में बनाउंगी भय्या के लिए टेस्टी सब्जी
इतना सुनकर माधुरी ने मुझे कमर पर मुक्का मारा और शर्मा कर दूसरी तरफ देखने लगी।
राहुल:- दीदी तुमने बनाई है आज सब्जी, सच मे बहुत टेस्टी है
मैं:- अगर ये बात है तो कुछ इनाम तो बनता है माधुरी के लिए है ना माधुरी ? माधुरी आंखे दिखाते हुए मुझसे मना करने लगी
उसे मेरी बातें समझ आ रही थी कि मैं कहाँ बात ले जा रही हूं
(दोनों बहनें राहुल से इतना ओपन नही थी बस काम के लिए ही बोलती थी। राहुल बड़ा था तो उसकी इज्जत करती थी)

राहुल:- बताओ माधुरी क्या इनाम चाहिए तुम्हे
माधुरी:- कुछ नही भय्या भाभी तो मजाक कर रही है
मैं बीच मे बोलती हुई "इसका क्या है तुम कोई ऐसी चीज दो जो लंबी तगड़ी हो है ना माधुरी"
माधुरी बात को समझती हुई बुरी तरह से शर्मा गईई।
राहुल:- ऐसी क्या चीज है बताओ तुम लोग मैं कोशिश करूंगा देने की।
मैं:- फिलहाल तो कुछ नही पर समय आने पर आप मना नही करोगे ये वादा करो आप
माधुरी हमारी बाते शर्माती हुई सुन रही थी उसे पता था मैं कहाँ बोल रही हूं।
राहुल:- ठीक है वादा रहा मुझे बता देना जब चाहिए।
मैं:- हां समय आने दो।
फिर राहुल खाना खाने लगे और में माधुरी को लेकर थोड़ा खेतो को देखने लगे। जहां गेंहू की फसल में हरियाली छाई हुई थी।
कुछ देर इधर उधर घूमने के बाद राहुल भी उठकर खड़ा हो गया और मैने बर्तन समेटे ओर ट्यूबवेल के पानी से धो लिए।
मैं:- हम जा रहे हैं आप जल्दी आ जाना
राहुल:- ठीक है में शाम तक आ जाऊंगा तुम लोग जाओ
मैं माधुरी के कान में तुम भी बोल दो "की भय्या जल्दी आना मेरे मन नही लगेगा"
माधुरी:- में क्यों बोलू ऐसा मेरा तो खूब मन लगेगा। तुम्हारा ही मन नही लगे तो ओर बात है।
हम वापिस घर की तरफ मुड़ गए और घर पहुंच कर आराम करने कमरे में पहुंच गए।
हम बेठकर आपस मे बातें करने लगे घूम फिर कर बात माधुरी के ससुराल पर आ गयी
मैं:- माधुरी तुम्हारी एक ननद है ना क्या नाम है उसका हाँ "अंजू"
उसका क्या हाल है
माधुरी:- कुछ नही अपने ससुराल में है
मैं:- यार वैसे काफी हॉट है वो भी, तुम्हारे साथ कैसा है उसका बर्ताव

अंजू:- आकाश की बहन, माधुरी की ननद
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क्या बताऊँ भाभी शुरू शुरू में तो ठीक था पर अब वो भी मुझसे चिढ़ने लगी है बात बात पर सुनाती रहती है।
मैं थोड़ा उत्सुकता से माधुरी को देखते हुए "क्या कहती है वो"
यही भाभी की तुम केसी हो इतने दिन हो गए कोई बच्चा नही हो रहा, बाँझ तो नही हो पता नही केसी किस्मत में लिखी है।
भाई को काबू में कर रखा है वगेरह वगेरह बकवास करती है।
मैं भी कुछ नही बोल पाती क्यों घर खराब करना अब किस्मत ही ऐसी है तो क्या करूँ।
मैं:- यार ये तो गलत बात है उनकी तुम्हारे हाथ मे थोड़ी है बच्चा पैदा करना, उसके भाई में ही कमी होगी।
तुम्हारी सास कुछ नही कहती क्या उससे
भाभी वो कुछ नही बोलती कहीं ना कहीं उसे भी चिढ़ है मुझसे की अब तक बच्चा क्यों नही हो रहा।
मैं राहुल से भी कुछ नही बोलती कहीं वो मुझे घरवालों की बातों में आकर छोड़ ना दे। इतना कहते ही माधुरी मायूस हो गयी उसकी पलकों पर आंसूं आ गए जिससे मेरा भी दिल भर आया
मैं:- ओह्ह मेरी माधुरी तुम इतनी टेंशन में जीती हो मुझे आज पता चला, कोई नही सब सही हो जाएगा ऊपर वाले पर सब्र रखो। तुम्हारे आंसू मुझसे देखे नही जाते माधुरी तुम मेरी बहन जैसी हो।
माधुरी सुबकती हुई मुझसे चिपकी रही
मैं:- चलो अब आंसू पोंछो अब तुम्हारे आंसू नही आने चाहिए माधुरी वरना मुझे बुरा लगेगा
माधुरी मेरी तरफ हसरत भरी निगाहों से देखती रही जैसे कहना चाहती हो कि भाभी मुझे जो चोट हैं उनका मरहम बस आप हो।
मे माधुरी के साथ लेट गयी और सो गए।
शाम को उठाकर हमने घर का काम किया और खाना बनाने लगे।
मैं:- क्या सब्जी बनाए माधुरी, कुछ ऐसा बनाओ जो तुम्हारे भय्या खुश हो जाये
माधुरी:- क्या बनाऊ भाभी मुझे क्या पता क्या पसन्द है भय्या को
"अहहहह जब तुम भय्या कहती हो ना माधुरी दिल छलनी छलनी हो जाता है बस तुम्हारी जबाँ से भय्या सुनती ही रहूं"
माधुरी:- बताओ ना भाभी क्या बनाऊ
मैं:- ऐसा करो तुम राजमा बना लो, ताकि खुश होकर तुम्हारे भय्या एक बढ़िया सा इनाम दे सके।
माधुरी:- मुझे नही जरूरत किसी इनाम की,
मैं माधुरी के पास गई और उसके सीने को दबाती हुई "क्या नही पीना अपने भय्या का पानी"
माधुरी:- ओह्ह भाभी वो अलग बात है ये अलग बात है।
मैं:- पगली इनाम के तौर पर में तुम्हे लन्ड का पानी ही तो पिलाने वाली हूँ। गर्म गर्म सा जो मेरी ननद की प्यास बुझा दे।
माधुरी:- अहह भाभी मेरे छाती को छोड़े ये बताए आपको बुरा नही लगेगा उस समय, आखिर आप उसकी वाइफ हो
मैं:- बिल्कुल भी नही मैं चाहती तुम भी मजा लो इस जिंदगी का कब तक शर्म का नाटक करोगी माधुरी, राहुल पर जितना मेरा हक है उतना तुम्हे भी है आज कह रही हूं। माधुरी सच मे मुझे कोई अप्पति नही है बस तुम शर्माना छोड़ दो। मैं तुम्हे हर चीज का सुख दूंगी बस मेरा साथ दो।
माधुरी:- कोशिश करूंगी भाभी
ठीक है आज बिल्कुल नही शर्माना खुलकर मजा करो मेरिई जान ओर मेने उसका माथा चुम लिया।
चलो बोलके बताओ कि जो बात तुमने सुबह बोला था।
माधुरी:- क्या बोला था भाभी
मैं याद करो पानी जैसा कुछ बोला था
माधुरी शर्मा गईई फिर कुछ हिम्मत जुटा कर बोली मुझे भय्या..का..बड़ा..लन्डड़ड़ड़ड़ड़ड़..का पानी पीना हैं
"तो उसके लिए अच्छी सी सब्जी बना ताकि तुम्हारे लिए ढेर सारा पानी निकाल सके। बनाओगी ना अपने भय्या के लिए
माधुरी :- हाँ भाभी।
हमने खाना बनाया उस दौरान बापू भी आ गए।
रात होते होते हमने खाना वगेरह फिनिश किया और राहुल को भी लगा दिया।
राहुल:- क्या बात है आजकल बहुत टेस्टी चीजे बनाई जा रही हैं
मैं:- माधुरी ने ही बनाई है कह रही थी मैरी चीजे खाकर देखो चाटते रह जाओगे, अब तुम भी कुछ चीज खिला दो माधुरी को जो वो चाटती रहे और स्वाद ना भूले।
माधुरी जो सोनू को खिला रही थी मुझे आंखे दिखाने लगी
राहुल:- चलो कल देखता हूँ कुछ के आऊंगा खाने पीने की चीज
मैं:- माधुरी को ऐसी चीज दो जो पी सके, पीने वाली चीज पसन्द है आजकल माधुरी को
राहुल:- ठीक मैं कल ले आऊंगा पीने वाली चीज ठीक है माधुरी
जब से तुम आई हो कुछ बाहर का खिलाया नही है।
माधुरी:- भय्या कोई बात नही है मैं ऐसे ही ठीक हूँ भाभी का तो काम है मजाक करना।
इसी सब के बीच राहुल ने खाना खत्म किया और बाहर निकल गए टहलने।
मैं बर्तन किचन में रखकर माधुरी को बोली कि कपड़े चेंज कर ले रात में सोने के काम आएंगे। माधुरी ने अपने बैग से एक टीशर्ट ओर लोअर निकाल लिया। माधुरी ने नीचे वाले बाथरूम में कपड़े चेंज किये और मैं उसको ऊपर छत पर ले गयी टहलने के लिए
बापू ओर राहुल खाना खाकर बाहर चले गए गप्पा मारने
8 बजे का टाइम था गाँव मे जल्दी ही डिनर हो जाता है
हम मोहाली के खरर तहसील के खेड़ी माजरा गाँव मे रहते हैं।
छत पर पहुंच कर खूब हंसी मजाक चलता रहा फिर मैं नीचे आ गई जहाँ राहुल कमरे में थे।
मैं:- आप अकेले सो जाएंगे ना मैं ऊपर सो जाती हूँ माधुरी का भी मन लग जायेगा।
राहुल:- अहह मेरी जान आज तुझे चोदने को मन कर रहा है,
मैं:- परसो ही तो आपने बंड बजाया है मन नही भरा।
राहुल उठकर मेरे पास आये और सोनू को बेड को बिठा कर मुझे बाहों में कस लिया "जब ऐसी मोटी ताजा पत्नी हो तो मन साला क्यों नही करेगा।
राहुल में होठों पर टूट पड़ा और में भी माधुरी की वजह से गर्म थी तो उसका साथ देने लगी।
राहुल ने मुझे बेदर्दी से चूसा ओर बोले "मेरी रंडी आज तो अपने ग्राहक को खुश कर दे।
(शादी के इन 4-5 सालों में मैने राहुल के हर वो काम किया जो सेक्स की दुनियां में होता है मैं बहुत सेक्सी हूँ और राहुल भी मेरी संगत में रहकर सब सिख गया है वो आमतौर ओर सरीफ बनकर रहते पर जब में उसके साथ रोमांटिक हो जाऊं तो शमाँ ही बांध देती हूं तभी राहुल ने मुझे चोद चोदकर एक साल में ही बच्चा दे दिया। हम काफी सेक्स में इन्वॉल्व है और खुलकर मजा करते हैं
ये रंडी कहकर बुलाना भी हमारी सेक्स दुनियां का हिस्सा था हम कई सारे रोलप्ले करते जैसे वो मुझे रंडी बना देते और खुद कोई कस्टमर बन जाते और इन सभी चीजो के दौरान आजतक कोई गेर सख्स का ख्याल ना मुझे आया ना राहुल को)
मैं:- नही साहब आपने परसो भी मुझे बुरी तरह चोदा ओर पैसे भी कम दिए।
राहुल:- आज खुश कर दे मेरिई रांड डबल ले लेना।
मैं:- राहुल माधुरी का क्या करूँ वो सोचेगी की भाभी को चुदने की पड़ी हैं।
राहुल:- क्या करे यार अब मुझसे तो रहा नही जाता, तुम ही कोई हल बताओ।
मैं:- मैं छुपके से आई रात में तुम लौड़ा तैयार रखना साहब
राहुल:- मेरिई छिनाल लोडा तो अभी भी तैयार है बस तुम चुत दिखाओ तो सही और राहुल ने लोअर नीचे करके अपना लौड़ा निकाल लिया जो ऐसा दिख रहा था।

मैं:- साहब इसे अंदर करो कहीं अपनी बहन माधुरी ने देख लिया तो डर जाएगी मेने एक तीर फेंकते हुए कहा
राहुल:- वो अभी ऊपर है तुम बताओ ना कितने पैसा लेगी रांड, नाटक बहुत करती है सुमन रंडी
इन सभी बातों के दौरान राहुल ने मुझे अपने से चिपकाया हुआ था और मेरी बड़ी चुचियाँ राहुल के सीने में धंसी थी ओर नीचे देखती हुई उसका लोडा देख रही थी
मैं:-साहब नाटक करना पड़ता है आपकी बहन माधुरी ने देख लिया तो में बदनाम हो जाऊंगी
दो बार माधुरी ना नाम आने से राहुल चुप हो गए और ख्याली दुनियां में पहुंच ओर उसके लन्ड से प्रिकम निकलने लगा।
मैं:- राहुल में अभी जाती हूं रात में आऊंगी अपने यार से चुदने, अभी मुझे माधुरी को सुलाना है कहीं वो यही ना आ जाये।
ऐसे अच्छा नही है ना कि माधुरी हमे रंगे हाथों पकड़ ले समझो आप।
राहुल ने मुझे छोड़ा और दूर खड़े हो गए कुछ सोचते हुए ठीक है जल्दी आना।

मैं उसकी प्रिकम को उंगली पर लेकर " ठीक है मालिक माधुरी को सुलाते ही वापिस आ जाऊंगी ओर मेने सोनू को एक हाथ से गोद मे लिया और कमरे से बाहर आ गयी एक भाई के मन मे उसकी बहन की छवि डालकर।
मेने प्रिकम को देखा जो बहुत मादक महक बिखेर रहा था
मैं ऊपर वाले केमरे में पहुंची जहां माधुरी अपने फ़ोन में हंसी वाली वीडियो देख रही थी
(माधुरी के पास एंड्राइड फ़ोन था क्योंकि आकाश बाहर रहता तो इससे बात हो जाती वीडियो कॉल पर भी)
मुझे देखकर माधुरी ने फ़ोन साइड में रखा और बेड पर सहारा लगा कर बैठ गयी

मैं:- क्या देख रही थी कहीं भय्या का औजार तो नही देख रही माधुरी
"नही भाभी में तो हंसी वाली वीडियो देख रही थी"
मैंने सोनू को लेटाया ओर खुद भी माधुरी के बगल में बैठ गयी।
मैं:- ये देखो माधुरी में क्या लायी हूँ स्पेशल तुम्हारे लिए उंगली दिखाती में बोली
माधुरी:- ये क्या है भाभी पानी सा
मैं:- ये पानी को आम पानी नही माधुरी ये तुम्हारे भाई का जोशीला पानी है जो उसके लन्ड से निकला है
माधुरी:- मुझे क्यों दिखा रही हो फिर भाभी
मैं:- ये खट्टा पानी तुम्हारे ओर तुम्हारे भाई के मिलन का एक मुहर्त जैसा है। इसको चाट कर तुम ऐलान कर दो माधुरी की तुम राहुल भय्या से कितनी मोहब्बत करती हो।
माधुरी:- भाभी आप कितनी कमीनी हो शर्म नही आती क्या आपको ऐसी ऐसी हरकते करते हुए।
मैं:- तुम ही तो मरी जा रही हो भय्या का पानी पीने के लिए, अब नखरा मत करो चलो मुँह खोलो अपना
माधुरी:- अहह भाभी पता नही क्या क्या करवाओगी मुझसे ओर माधुरी ने हल्का सा मुँह खोला।
मैं:- बोलो माधुरी "राहुल भय्या चटा दो अपने लन्ड से निकले हुए इस चटपटे पानी को
माधुरी:- भाभिईईई मुझसे नही बोला जाएगा, मैं अब मना नही कर रही हूं।
मैं:- माधुरी तुम्हारी शर्म खोलने के लिए कहना होगा तभी तो तुम आगे बढ़ पाओगी मेरी जाननननन
माधुरी:- भय्या चटा दो अपने लन्ड के चटपटे पानी को
"लो चाट लो और मैने उंगली को माधुरी के खुशबूदार मुँह में घुसा दिया और उसके बूब्स को मसलती हुई उसे अपने भाई का प्रिकम चटाने लगी। माधुरी ने चाट चाटकर मेरी उंगली को साफ किया और अंदर उतार लिया सारे पानी को।
मैं:- कैसा लगा फिर मेरी ननद को अपने भाई का पानी
माधुरी :- अहह ठीक ही था भाभिईईई
"माधुरी तो फिर रेडी हो ना राहुल का पानी पीने के लिए"
भाभी मुझे तो बहुत रिस्की लग रहा है ये सब होगा कैसे भय्या तो मुझे देख लेंगे ना
अरे मेने सब सोच रखा है तुम बेफिक्र रहो, आज तो में अपनी ननद को उसके भय्या का पानी पिला कर रहूंगी
पियोगी ना माधुरी?
हां भाभी पीऊंगी बस भय्या को पता ना लगे।
मैं:- कुछ नही होगा जान अब सुनो कैसे क्या करना है।
"बताओ भाभी"
देखो माधुरी में जाऊंगी नीचे ओर हम चुदाई करेंगे उस दौरान में तुम्हे मेसेज करूंगी तुम झुक कर कमरे में आ जाना बाकी सब वहीं बता दूंगी क्या करना है
माधुरी:- पर भाभी दरवाजा तो बन्द होगा ना फिर कैसे आऊंगी में
मैं:- अरे में दरवाजा तो बन्द करूंगी पर कुंदी नही लगाउंगी समझी।
पर भाभी भय्या तो देखेंगे ना जब दरवाजा खुलेगा।
मैं:- तुम इस बात से बेफिक्र रहो मेरी जान आज कोई नही रोक सकता तुझे अपने भय्या का पानी पीने से हीहीहीही
माधुरी:- भाभी तुम कितनी कमीनी हो।
इन्ही सब बातों के बीच 11 बज गए और में जाने की तैयारी करने लगी राहुल के पास
माधुरी में जा रही हूं अब नीचे तुम तैयार हो ना इस काम के लिए
माधुरी:- डर लग रहा है भाभी पर आप पे विश्वास है तो अच्छा ही होगा।
मैं:- चलो फिर ठीक है में जा रही हूं सोनू को देख लेना जग जाए तो इसे खेल लगा लेना तुम
माधुरी :- ठीक है भाभी।
मैं कमरे से बाहर आकर नीचे चल दी और राहुल के पास पहुंच गई जो बेठकर मूवी देख रहा था। मेने दरवाजा बंद किया और राहुल की तरफ देखा जो फ़ोन में बिजी था तो मैने कुंदी को रहने दिया ताकि माधुरी को आने में दिक्कत ना हो
राहुल:- आ गयी मेरिई रांड, बड़ी देर लगा दी।

मैं:- क्या करूँ मालिक आपकी बहन सोए तब ना। उसे सोता देखकर ही आयी हूँ।
राहुल ने फ़ोन साइड में रखा और मुझे बेड पर लेटा कर मेरे ऊपर चढ़ गए। मुझे किस करने लगे, हम दोनों एक दूसरे को चूमते चुसते हुए मजा लेने लगे।
राहुल:- चल कपड़े निकाल लो मेरी जान अब रहा नही जाता।
राहुल ने जल्दी से अपने कपड़े निकाले ओर आखिर में अपना कच्छा भी निकाल लिया। राहुल का मोटा लन्ड मेरी आँखों के सामने था
एक दम सफेद लन्ड जिसका रूप राहुल जैसा ही था
मैं:- राहुल बड़ा भूखा लग रहा है तुम्हारा सेर तो आज, पता नही क्या बनेगा मेरा। मैं कपड़े निकालती हुई बोली।
राहुल:- आज तुझे नही छोड़ेगा ये जान, इसको इसका खाना खिला दो तुम प्यार से
मैं मादरजात नंगी हो गयी और राहुल मैरी तरफ बढ़ा तो में बोली
"राहुल आज कुछ अलग करते हैं ना ऐसा जिसमे हम दोनों बेहद मजा आये क्या कहते हो
राहुल:- ऐसी कोनसी चीज है जिससे मजा आएगा बताओ।
मैं शैतानी भरे दिमाग से "राहुल आज तुम महसूस करोगे मुझे पर देखोगे नही
राहुल:- मतलब ??
मैं:- आज में तुम्हारी आँखों पर कोई कपड़ा बांध दूंगी फिर मजा करेंगे, आज बहुत मजा आने वाला है पक्का।
राहुल:- बिना आंखे बंद करे भी हो सकता है, क्या बेतुके आईडिया लेकर आई हो
मैं:- प्लीज राहुल बहुत मजा आएगा जब तुम्हारी आंखे पर कपड़ा हो तुम फील कर सकोगे हर मूवमेंट को, हर चीज में तुम एक अलग मजा पाओगे, आज में हैंडल करूंगी तुम्हे। प्लीज राहुल मान जाओ ना। अगर मजा ना आये तो कहना।
राहुल कुछ सोचते हुए ठीक है यार आज देखते हैं इस आईडिया को भी, बताओ क्या करना है।
मैं:- ऐसा करो तुम लेट जाओ बेड पर, राहुल बेड पर लेट गया जिससे उसकी टांगे दरवाजे की तरह हो गयी जो सोची समझी प्लानिंग के तहत थी।
में अपने 2-3 दुप्पटे लिए जिनको देखकर राहुल बोला "एक ही काफी है इतनो का क्या करोगी तुम
मैं:- राहुल आंखों के साथ मैं तुम्हारे हाथ भी बांध रही हूं ताकि तुम मुझे छू ना सको। क्योंकि तुम्हे बस फील करना है मुझे छूना नही है।
राहुल:-कुतिया पता नही क्या क्या करोगी आज, कहाँ से आया ये ख्याल तुम्हे।
मैं:- देखते जाओ आज तुम्हारी रात रंगीन कर दूंगी सब्र रखो
मेने राहुल की आंखों पर दुपट्टा को दो तीन बार लपेट कर बांध दिया जिससे राहुल की आंखे देख नही सकती थी। फिर उसके पैरों को बांध दिया बेड के दोनों साइड जिससे टांगे खुल गयी।
फिर उसके हाथों को बांधकर बेड के दोनों साइड कर दिया
राहुल:- अहह क्या सीयप्पा है ये, अंधेरा छाया हुआ ऐसे लगता है
मैं:-अभी रोशनी कर देती हूं जान, ऐसी रोशन कर दूंगी तुम्हारी जिंदगी को मुझे दुआएं देते रहोगे।
राहुल:- इसी बात के लिए आई लव यू जान
मैं:- आई लव यू राहुल मेरिई जान
मेने अपना फ़ोन अपने पास बेड पर रख दिया और
राहुल के लन्ड को थामा ओर उसे हिलाती हुई राहुल के मुँह के पास अपनी चुचियाँ लेकर गयी राहुल मेरिई जान मुँह खोलो तुम्हे दूध पिलाना है
उसके मुँह में अपनी सुडौल चुचियाँ देकर में उसके लन्ड को मुठियाने लगी।
राहुल मेरिई चुचियाँ पीने लगे मैं माधुरी के बारे में सोचने लगी क्यों आज उसे लाइव चुदाई दिखाई जाए, वैसे भी वो शर्माती बहुत है आज उसकी सारी शर्म निकाल देती हूं।
आज तो मजा ही आ जाएगा माधुरी के सामने चुदकर।
मेने फ़ोन उठाया और राहुल के लन्ड को मुठियाती हुई माधुरी को मैसेज लिख दिया "आ जाओ माधुरी तुम्हारे भय्या का लोडा बुला रहा है मुझस तो सम्भल नही रहा तुम ही संभालो"
कोई 2 मिनट के बाद "भाभी कोई खतरा तो नही है, अगर कोई उल्टी बात हो गयी तो बहुत बुरा हो जाएगा।
मेने दोबारा से मैसेज किया "कोई खतरा नही है आराम से आ जाओ और दरवाजा आराम से खोलना
कोई 5 मिनट के बाद मुझे दरवाजा खुलता नजर आया और माधुरी ने अंदर निगाहें डाली तो शर्मशार हो गयी की उसका बड़ा भाई बेड से बंधा नंगा लेटा हुआ है
वो अभी दरवाजे पर ही खड़ी अपने बड़े भाई को नंगा चूची पीते हुए हेरत से देख रही थी।
मेने उसे अंदर आने का इशारा किया ओर कमरे में रखे सोफे पर बैठने को कहा तो माधुरी अंदर आ गयी ओर सोफे पर बैठ गयी।
बहुत ही कामुक नजारा जिसको शब्दो मे बयाँ करना मेरा लिए बहुत ज्यादा मुश्किल था। एक शादीशुदा बहन सामने बैठी हो उसका भाई जो अच्छे खासे लन्ड का मालिक हो उसको देखती हुई बहन यही सोच ही होगी कि जिस भय्या के सामने हमेशा संस्कारी ओर सरीफ बनकर रही, कभी इतना ओपन आपस मे बातें भी नही आज उसको अपनी आंखों से नंगा देख रही थी
माधुरी सोफे पर बैठी आंखे चुरा रही थी तो मेने राहुल को बोला "जान अभी रुको मैं पानी पीकर आती हु।
राहुल:- अभी तो चुड़वाया भी नही है अभी से प्यासी हो गयी जान
मैं:- तुम हो ना हमारी प्यास बुझाने के लिए बस थोड़ा सा रुक जाओ ये बाते में माधुरी को सुनाती हुई बोली

ओर उठकर माधुरी के पास आ गयी
उसके कान में जाकर "ऐसे शर्माओगी तो कुछ नही होने वाला माधुरी सारी शर्म उतारो ओर आज की रात एन्जॉय करो समझी
माधुरी इशारे से हामी भरते हुए गर्दन हिलाई।
मैं उसे पकड़ कर बेड के पास लाई ओर राहुल के पैरों के पास खड़ा कर दिया ओर कान में फुसफुसाते हुए बोली
"धीरे से बेड पर चढ़ जाओ और अपने भाई का लन्ड हिलाओ अपने हाथों से"
माधुरी बेड पर चढ़ गई और उसके साथ मे भी ओर राहुल को बोली
"हां तो राहुल बोलो क्या करना है आज तो तुम्हारा लन्ड महाराज कुछ ज्यादा ही अकड़ा हुआ है आज तो मेरी खैर नही।
माधुरी बेड पर बैठी अपने भाई के लन्ड को हिला हिला कर उसकी लम्बाई चौड़ाई नापने में लगी थी।
राहुल:- तो मेरी रंडी मुँह में भरके चुसो ना अब हिलाती ही रहोगी इसे। राहुल को क्या पता की जिसको वो रंडी बोल रहा है दरअसल वो उसकी लाडली छोटी बहन है जो उसका लन्ड थामे हुई थी और हिला रही थी।
में माधुरी के पास आई और उसके कान में इसे मुँह में लेकर चुसो, जैसे आइसक्रीम को चुसाते है आगे पीछे करो
माधुरी डरते डरते अपना प्यारा सा सरीफ मुँह राहुल के लन्ड के पास लेकर गयी और हल्का सा मुँह खोलकर अपने भाई का लन्ड अपने सुर्ख होटों पर रख लिया। मैं झुक कर लन्ड के पास मुँह कर लिया जिससे राहुल को लगे कि मैं ही उसका लन्ड चूस रही हूं।
राहुल:- मेरिई जान इसे पूरा मुँह में लो ना टोपा ही चुस्ती रहोगी अब।
मैं माधुरी को इशारे से मुँह में लेने को बोली तो माधुरी में हिम्मत करके आधा लन्ड मुँह में भर लिया
राहुल:- अहह मेरी रंडी ये हुई ना बात चूस ऐसे ही मेरी जाननन
राहुल के मुँह से अपने लिए रंडी सुनकर माधुरी चोंक गईई ओर लन्ड मुँह से निकाल दिया।
मैं उसके कान में बेहद धीरे से फिक्र मत करो तुम्हारा भाई मुझे समझकर ऐसा बोल रहा है। ऐसा क्यों बोल रहे हैं, में बताऊंगी फिलहाल ध्यान मत लो इसकी बातों पर
माधुरी दोबारा से अपने भाई का लन्ड मुँह में भर लिया ओर चुसते हुए आगे पीछे करने लगी।
राहुल:- अहह मेरी जान चूस मेरे लन्ड को दिखा कमाल अपने मुँह का, बहुत मजा आ रहा है मेरी रांड
मेने माधुरी के मुँह से लन्ड निकाला और बोली
"राहुल लन्ड चुसने वाली अब रंडी हो गयी, एक तो तुम्हे मजा दिला रही हूं ऊपर से रंडी बोल रहे हो। मैं माधुरी की तरफ देखती हुई बोली ओर फिर से लन्ड माधुरी के मुँह में डाल दिया।
राहुक सिसकियों के साथ, अहहहह सरीफ औरते लन्ड नही चूसती जान रंडियों का काम होता है ये।
माधुरी के लिए रंडी बोलना मेरी चुत में आग पैदा कर रहा था कि आज देखो कैसे एक बड़ा भाई अनजाने में सही अपनी सरीफ बहन को रंडियों का दर्जा दे रहा था। माधुरी भी राहुल की बातों से हैरान परेशान थी पर में उनको बराबर लन्ड चूसने के लिए उकसा रही थी। आधे लन्ड को मुँह में ले लेकर माधुरी ने उसे गीला कर दिया था। जो उसके थूक से चमक रहा था।
Behad rochak aur kamuk update ...akhir Rahul ke karib aahe gayiii
 

Sandeep singh nirwan

Jindgi na milegi dobara....
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Bhai aapki story bhi achi hai.... lekin apne usme ..... kamuk/hot/sex scenes dalne band hi kar diye.
Situation he nahi ban rahi h .... Bro ....par agai kosis karunga🙏🙏🙏
 

nimesh18

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मैं माधुरी के बगल में लेट गयी और उसकी चुचियाँ पीने लगी तभी माधुरी ने अपना हाथ साड़ी के ऊपर से अपनी चुत पर रखा और सहलाने लगी जिसे में चोर आंखों से देख रही थी
मैं:- माधुरी ज्यादा खुजली है क्या वहां जो सहला रही हो
मेरी बात सुनकर माधुरी को झटका लगा जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो। माधुरी ने अपना हाथ हटा लिया और बगलें झांकने लगी।
मैं:- ऐसा होता है इसमें शर्माने की कोई बात नही है तुम बेफिक्र रहो सब सही कर दूंगी में, मुझपर यकीन है ना तुम्हे
माधुरी:- में बस ऐसे ही, भाभी आप तो बड़ी चालू चीज हो अहह कितना पियोगी इनको भाभिईईई
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मैं:- जब तक दूध नही आ जाता हीहीहीही
माधुरी:- भाभी दूध कैसे आएगा इनमें ये तो खाली है अभी
मैं:- कोई नही माधुरी इनमें दूध भी आ जायेगा फिर तो पिला दोगी ना अपना दूध अपनी भाभी को
माधुरी:- अहह भाभी दूध तो बच्चे के लिए होता है ना, तुम क्यों पीना चाहती हो
मैं:- माधुरी तुम्हारा गर्म गर्म दूध भी कितना टेस्टी आएगा ना, तुम बड़ी मीठी चीज है माधुरी, पिलाओगी ना अपना दूध और मैने उसके निप्पल को दांतों के बीच दबा दिया जिससे माधुरी ऊपर मुँह करके सिसकते हुए लंबी लम्बी सांसे लेने लगी अहह भाभी दर्द होता है छोड़ो मुझे
"नही छोडूंगी बताओ मुझे दूध पिलाओगी ना अपना जब इनमें दूध आएगा"
माधुरी दर्द से सिसकती हुई अहह पी लेना भाभिईईई
"ये हुई ना बात माधुरी"
में:- अहहहह माधुरी तुम्हारे पेट पर तो पेड़ू है, क्या बात मेरिई ननद
माधुरी उत्सुकता से भाभी क्या मतलब पेड़ू, ये क्या होता
मैं:-मैं नही बता रही फिर तुम मुँह फुला लोगी, पेट फूलाने की उम्र में तुम मुँह फुला लेती हो
माधुरी ने मुक्का मारते हुए अहह भाभी तुम भी ना, बताओ ये पेड़ू क्या होता है
"मेरी लाडली ननद जिसका पेट नाभि पर उठा हुआ होता है उसकी चुत ज्यादा गहरी होती है" और मैने माधुरी की चुत को कपड़े के ऊपर से ही मुट्ठी में भर लिया
माधुरी ने झट से मेरा हाथ झटक दिया "भाभी इतनी बेशर्म मत बनो क्या क्या कर रही हो तुम
झूंटी बाते मत बनाओ मेने तो नही सुना ऐसा।
मैं:- तुम सुनोगी कहाँ से तुम्हारा पाला जब किसी से पड़ा ही नही
सच मे माधुरी मुझे पता चल गया तुम्हारी कोख ना भरने का राज
माधुरी उत्सुकता से "कैसा राज भाभी"
मैं:- ये बताओ आकाश का वो कितना बड़ा है
माधुरी:- क्या भभीईईईई
"उसका लन्ड" तुम भी ना बुध्धु हो पूरा
उससे क्या लेना है भाभी ठीक ठाक है
मैं:- फिर भी बताओ तो चलो हाथ से बताओ
तभी माधुरी ने कुछ सोचते हुए हाथ पर बताया कि इतना होगा
जो उसने बताया वो कोई 6 इंच के बराबर होगा

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तभी तो दिक्कत आ रही है तुम्हे माधुरी।
तुम्हारी चुत गहरी है तो आकाश का पानी बच्चेदानी तक नही पहुंच पाता गहरी चुत के लिए बड़ा मोटा लन्ड चाहिए होता है जो बच्चेदानी का मुँह खोल कर उसमें पानी डाल सके समझी तुम
माधुरी सोचती हुई भाभी मुझे नही पता ऐसा भी है, इसमें अब क्या कर सकते हैं।
में:- हां अब कर भी क्या सकते हैं जो किस्मत है वही होगा
रुको माधुरी तुझे एक फोटो दिखाती हूँ
मेने अपने फ़ोन में लॉक गैलरी से एक फोटो निकाला और माधुरी को दिखाते हुए ये देखो और बताओ इससे कितना छोटा बड़ा है आकाश का
फ़ोटो देखकर माधुरी में नजर घुमा ली भाभी मुझे क्यों दिखा रही हो ये सब,
"बताओ तो यार तुम शर्माती बहुत हो"
भाभी इससे 3-4 इंच छोटा होगा ये तो कोई फेक फ़ोटो है
"ओर मोटा कितना होगा माधुरी"
भाभी मोटा भी कम है इससे पर भाभी ये तो फेक फ़ोटो है इंसान का इतना बड़ा कहाँ होता है तुम भी ना भाभी कुछ भी दिखाती हो
मैं:- माधुरी वैसे ऐसा लन्ड ही तुम्हारी चुत की गहराई नाप सकता है, इसके माल से पूरे पूरे चांस है तुम मां बन सको।
"भाभी ऐसा किसी का नही होता सब बकवास है ये बातें
मैं:- अगर में साबित कर दु की ये लन्ड असलियत में है और तुम्हारी जान पहचान वाले का है तो तुम क्या इनाम दोगी बताओ
माधुरी:- में नही मानती, अगर है तो बताओ मुझे
मैं:- इनाम क्या दोगी पहले वो बताओ माधुरी
"भाभी क्या इनाम चाहिए तुम्हे बताओ एक तो आपने नकली फ़ोटो दिखा दिया अब इनाम भी चाहिए
में:- चलो इनाम में ऐसा करते है जो जीतेगा वो उसकी हर बात मानेगा, तुम जितने दिन भी यहां हो तब तक मेरी बात मानोगी ओर अगर फ़ोटो झूंट हुआ तो में तुम्हारी बात मानूँगी बोलो मंजूर है।
माधुरी:- पूरे कॉन्फिडेंस के साथ ठीक है भाभी मंजूर है
मैं:- सोच लो एक बार फिर मुकरने नही दूंगी सब बातें मनवाऊंगी तुमसे अभी कह देती हूँ।
माधुरी:- ठीक है भाभी सब मंजूर है।
मेने उठकर फ़ोन से अपनी ओर आकाश की बढ़िया वाली 2 इमेज लॉक गैलरी से निकाली और गैलरी में सेव की।
माधुरी:- भाभी चुपके से क्या कर रही हो फोन में, मुझे भी दिखाओ ना
"ननद महारानी कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो प्राइवेट होती है। समय आने पर सब दिखाउंगी फिलहाल तुम ये देखो ओर अपने कपड़े सही करो।
तुम्हे शर्म आएगी मेरे सामने देखने मे इसलिए में पेशाब करने जा रही हूं आराम से देख लेना
मेने माधुरी को फ़ोन दिया और कमरे से बाहर आ गयी, दरवाजा मेने इतना बन्द किया कि एक आंख से अंदर माधुरी का रिएक्शन देख सकू
फ़ोटो की बात करू तो एक फोटो में राहुल वीडियो कॉल पर मुठ मार रहा था तब में गाँव मे थी जिसमे उसके लन्ड से वीर्या निकल रहा था

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दूसरी फ़ोटो में राहुल लेटा हुआ था जिसमे मैं उसका लन्ड चूस रही थी और उसने मेरे मुँह में पानी छोड़ा था।
सबूत के लिए इस वाले फ़ोटो में मेरा चेहरा दिखाई दे रहा था लन्ड चूसते हुए।

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मैं बाहर आकर धीरे से साइड हो गयी और आराम से दरवाजे के पास गई जहां दोनों जोड़ इकट्ठा होते हैं दो पलड़ों वाला दरवाजा था। में बड़ी सावधानी से दरवाजे के बीच से अंदर झांका जहां माधुरी दरवाजे की तरफ देखकर मेरे जाने का कन्फर्म कर रही थी। तभी उसने फोन की तरफ झांका ओर फोटोज को देखने लगी। उसके चेहरे पर अब आश्चर्य वाले भाव आने लगे और वो गौर से अपने भाई के 10 इंच लंबे 4 इंच मोटे बलशाली लौड़े को देखने लगी जिसमे उसका सगा भाई अपने लन्ड की पर्दाशनी दिखा रहा था। इतने दिनों के इंतज़ार के बाद आज मेरी सोची गयी बात धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी। अहह माधुरी देख ले गोर से अपने सगे बड़े भाई का लम्बा मोटा लोडा मेरी लाडो, देख केसी मोटी मोटी धार है वीर्ये कि, देख कितना वीर्या निकालता है तेरे बड़े भाई का बड़ा लन्ड, में खुदसे बाते करती हुई अंदर झांक रही थी जहां माधुरी का चहेरा लाल सुर्ख हो गया जैसे अभी खून निकल आएगा, एक तो वो इतनी लाल है टमाटर जैसी
अहह माधुरी है ना तगड़ा लन्ड जो चुत को भोसड़ा बना दे। माधुरी तेरे भाई का लन्ड जब घुसता है ना जन्नत के मजे करा देता है जो तूने कभी महसूस नही किया होगा। तभी माधुरी ने फ़ोटो को बड़ा किया ओर गोर से अपना भाई का वीर्या छोड़ता लोडा देखने लगी। उसे यकीन नही हो रहाथा कि उसके भाई का इतना बलशाली मोटा लम्बा लन्ड होगा पर यकीन तो करना ही था जब उसने अपनी आंखों से मुझे लौड़ा चुसते हुए देखा है तो।
माधुरी के माथे पर अब पसीना आने लगा वो लम्बी लम्बी सांसे लेती हुई अपने बड़े भाई का उल्टी करते हुए लोडा देख रही थी
में दरवाजे से पीछे हटी ओर थोड़ा दूर जाकर वापिस आने लगी और दरवाजा खोल कर अंदर घुस गई जहां माधुरी लेटकर लगी हुई थी फोटोज देखने मे
"बस भी कर नजर लगाओगी क्या इस लौड़े को"
ओह्ह माधुरी तुम्हे तो पसीना आया हुआ है क्या बात है बताओ तो ओर मैं उसके पैरों की साइड बैठ गयी।
माधुरी:- कुछ नही भाभी गर्मी की वजह से आ रहे होंगे
"चलो कोई बात नही अब तो यकीन हो गया ना कि ऐसे ऐसे मोटे ताजे लन्ड भी होते हैं, अब तो देख लिया ना अपने भाई का मट्ठा निकालते हुए लौड़ा
माधुरी:- छीईईई भाभी तुमने उसे मुँह में ले रखा था और पानी भी आआआआ थुऊऊऊ भाभी कितना गन्दे हो तुम लोग
मैं:- शुरू शुरू में तो मुझे भी गन्दा लगता था पर अब अच्छा लगता है नमकीन सा टेस्टी मट्ठा हीहीहीही क्या करूँ माधुरी तेरे भाई को खुश करने के लिए करना पड़ता है वरना वो मुझसे रूठ जाते हैं
"अहह कितना गन्दा लग रहा है मुझे देखकर भी भाभी"
में:- तुम्हे नही पिलाया क्या आकाश ने अपना मट्ठा
माधुरी:- छीईईई में तो सोच भी नही सकती करना तो बहुत दूर
"अपनी अपनी सोच है माधुरी"
तो कैसा लगा अपने भय्या का लोडा है ना मस्त मोटा लम्बा
माधुरी:- मुझे नही पता, शर्म करो भाभी मेरे भाई की बाते मुझसे ही पूछ रही हो।
मैं:- चलो नही पूछती अब बताओ में शर्त जीत गईई अब तो मानोगी ना मेरी हर बात
माधुरी:- हां क्या करूँ माननी पड़ेगी शर्त जो हार गई हूं
मैं:- माधुरी तुम्हे कैसा फील हुआ जब तुमने अपने भाई का लौड़ा देखा कैसा लगा कुछ बताओ ना
माधुरी:- भाभी ये गन्दे गन्दे शब्द मत बोलो कुछ और नाम ले लो
"माधुरी अब लौड़े को लौड़ा ना कहु तो क्या कहूं, बड़े लन्ड को लौड़ा ही बोलते हैं"
छीईईई कैसा अजीब नाम है
मैं:- बताओ ने कैसा फील हुआ तुम्हे जब फ़ोटो में लौड़ा देखा था
माधुरी:- कुछ नही भाभी अजीब सा लगा कि इतना बड़ा भी होता है किसी का वो भी अपने ही भाई का
"सही कहा माधुरी अजीब सी झुरझुरी हुई होगी तुम्हे आखिर तुम्हारे ही भाई का लौड़ा है"
में अब माधुरी के बगल में लेट गयी उसकी तरफ करवट लेकर उसको अपने से चिपका लिया
"मेरी लाडो को पसन्द आ गया तो अपने भाई का लन्ड हां ?
माधुरी:- चुप हो जाओ भाभी क्यों शर्मिंदा कर रही हो।
"माधुरी तुम्हारा भाई बहुत सेक्सी है अजीब अजीब सी हरकते करता है मेरे साथ।
माधुरी:- ह्म्म्म, तुम भी कम नही हो भाभी
मैं:- माधुरी तुम्हारा भाई का लन्ड ओर उसका पानी बहुत ताकतवर है इसलिए में सावधानी बरतती हूँ अभी मुझे दूसरा बच्चा नही चाहिए। नही तो तेरा भाई जब पानी छोड़ते है तो पूरी चुत लबालब भर देते हैं इतने से तो 3-4 बच्चे हो जाये बांझ औरत से। पर अभी उन्हें कंट्रोल में रखा है कि अंदर मत डालना अपना पानी
माधुरी:- क्यों भाभी दूसरे बच्चे में क्या बुराई है
मैं:- अभी यार मजे लेने है सोचेंगे थोड़ा रुककर
तुम्हे एक बात बताऊ माधुरी ?
"बताओ भाभी क्या बात हैं"
मैं:- जब में दुल्हन बनकर आई थी उस रात तेरे भाई ने जोश में आकर तेज़ झटके से पूरा अंदर डाल दिया था जिससे में बेहोश हो गयी थी
माधुरी:- क्यों भाभी बेहोश क्यों हो गयी थी
"बुध्धु तेरे भाई का लन्ड मुझसे सहन नही हुआ तो बेहोश हो गयी थी। फिर भी तेरे भाई को रहम नही आया उसने मुझे बेहोशी में भी चोदा कहीं में दोबारा डालने के लिए मना करदु इसलिए बेहोशी में चोदने से उसने मेरी चुत फाड़ दी सच मे बड़ा दर्द हुआ उस रात तो माधुरी।
माधुरी:- समझाना तो भाई को आपने, आपसी सहमति से होता है सब कुछ।
मैं:- माधुरी तुम भी बेहोश हुई थी क्या पहली रात ?
माधुरी:- नही तो भाभी ऐसे तो नही हुआ मेरे साथ, बस थोड़े से खून जरूर आये थे।
मैं:- ह्म्म्म सच मे माधुरी वो तो में हट्टी कट्टी थी फिर भी बेहोश हो गयी अगर मेरी जगह तुम होती तो लौड़े से मर जाती
माधुरी:- में होती मतलबब..ब.ब
में बात को संभालते हुए "मतलब अगर तुम इतने बड़े लड़ से चुदती तो मर ही जाती"
माधुरी:- मुझे लगा क्या बकवास कर रही हो भाभी तुम
में:-तुम्हे क्या लगा कि राहुल के नीचे तुम होती तो मर जाती यही लगा क्या ?
माधुरी ने मेरा मुँह भींच दिया और मुक्के बरसाने लगी और मेरे से कसकर चिपक कर भाभी तुम बहुत गन्दी हो
मुझे माधुरी की बचकानी हरकत बहुत पसंद आई, वो सच मे बेहद शरीफ थी उसमे बच्चों जैसी नासमझी थी जो मेरे दिल मे उतर गई। उन्हें इन सब चीजों ज्ञान नही था ऐसा मुझे उसकी बातों में लग रहा था
में:- माधुरी तुम कितनी प्यारी हो, जैसे तुम मेरी ही औलाद हो ऐसा महसूस कर रही हूं अब में, कितनी मासूम है मेरी ननद देखो कैसे चिपकी हुई हो जैसे में तुम्हारी माँ हूँ
माधुरी:- बड़ी भाभी मां समान ही होती है ना भाभी
"तो तुम मुझे माँ मानती हो पर मेरी बातें नही मानती हो"
माधुरी:- भाभी अब मेने क्या बात नही मानी आपकी
में:- देखते हैं कितना मानोगी,
फिर हम दोनों चिपक कर लेटे रहे। माधुरी सोच में शांत लेटी हुई थी जैसे कुछ चीजो को विश्लेषण कर रही हो की वो कितनी अधूरी हैं इन चीजों से कहाँ उसके भय्या भाभी मजे की सेक्स लाइफ गुजार रहे थे।
मेने प्लान हो आगे बढ़ाते हुए "माधुरी बेबी मुझे तलब हो रही है तुम्हारे भाई के माल की"
माधुरी ने सोच से उभर कर ऊपर मुँह किया और गर्म सांस छोड़ती हुई " किस चीज की तलब भाभी"
मैं:- तुम्हारे भय्या के लन्ड का पानी पीने की तलब, बहुत मन कर रहा है उसका गर्म मट्ठा पीने को
माधुरी:- आज की रात तो पता नही क्या ही बन गयी हो आप, हर चीज में बेशर्मी छाई है बड़ी चालक चीज हो तुम
मैं:- क्या करूँ यार तेरे भाई का मट्ठा है ही इतना गाढ़ा प्यास बुझ जाती है जिस्म की
माधुरी:- छीईईई गन्दी भाभिईईई, मुझसे क्यों पूछ रही हो आप जाओ जो करना है
मैं:- तुम्हारी इजाजत लेनी है फिर कहो कि में तुम्हे छोड़कर चली गयी इसलिए तुम इजाजत दो जाने की
माधुरी:- जाओ भाभी में कुछ नही कहूंगी
"ऐसे नही माधुरी खुल के कहो"
कैसे कहना है भाभी अब कह तो दिया जाओ आप
मैं:- ऐसे कहो कि जाओ भाभी मेरे भाई के बड़े लन्ड का गर्म मट्ठा पीने, तब जाऊंगी में लाडो
माधुरी:- क्या मजा आता है भाभी तुमको बार बार गन्दी बात करके, मुझे भी बेशर्म बना रही हो अपनी तरह
मैं:- अलग ही मजा आता है तुम नही समझोगी अब बोलना है तो बोल दो, तुमने वादा किया था हर बात मानोगी, अब बोल दो ताकि में जा सकू
माधुरी थोड़ा उलझन में आ गयी उसकी हिम्मत नही हो रही थी ऐसी बात कहने की तो में उसको हिम्मत दिलाते हुए बोलो भी लाडो, देर हो रही है।
माधुरी:- जा..ओ भाभी में.रे भाई के ब.डे ल..ल..लन्ड का मट्ठा पीने।
इतना सुनकर मेरी चुत को चींटियों ने काट दिया अहह मेरी लाडो तुमने ओर भड़का दिया जाऊंगी लाडो निचोड़ निचोड़ कर तुम्हारे बड़े भाई का लन्ड का मट्ठा पीऊंगी। तुम्हे पीना है तो बताओ चख लेना अपने भाई के गर्म मीठे वीर्ये को लाडो। मैं माधुरी के सामने बेशर्म बनके बोली
माधुरी:- नहीईई भाभिईईई शर्म करो मुझे नही पीना ये सब तुम्हे ही मुबारक हो अब जाओ भी भाभी
में:- चलो में जाती हूँ पर एक काम करो अपने मुँह में थूक इकट्ठा करो ढेर सारा
माधुरी:- क्यों भाभिईईई क्या करोगी फिर
"सवाल नही सिर्फ वो करो जो बोला है में थोड़ा सीरियस होते बोली"
माधुरी ने थूक इकट्ठा किया तो मैने बोला इसको मेरी हथेली पर डाल दो
थूक की वजह से माधुरी कुछ बोल नही पाई पर उसने आंखों से हेरत वाला रिएक्शन दिया पर मैने फोर्सफुल्ली उसको मना लिया और उल्टा हाथ आगे करके माधुरी का गर्म मीठा थूक हथेली पर लिया जो काफी मात्रा में था।

थूक डालकर माधुरी "भाभी क्या करने वाली हो आप, ऐसा क्या करोगी इसका
मैं बेड से नीचे उतरकर खड़ी हो गयी और बैठी हुई माधुरी से मुखातिब हुई
"इस थूक को तुम्हारे भाई के गर्म लौड़े पर चिपड दूंगी ताकि गीला लन्ड मुँह में आगे पीछे हो सके ओर देखूंगी की बहन के मीठे गर्म थूक से भाई का लोडा कितना पानी निकालता है
माधुरी अचरज से आंखे फाड़कर मुझे देखने लगी और हतप्रभ भाव से बोली "भाभी तुम कितनी कामिनी हो मेने सोचा भी नही था। तुम्हारा थूक कम था जो मेरा थूक इस्तेमाल करोगी तुम
मैं:- लाडो इसका अलग ही मजा है बताऊंगी फिर कभी अभी तुम्हे दोनों फ़ोटो व्हाट्सएप कर रही हूं देख लेना और मन करे तो
फ़ोटो को अपने मुँह के ऊपर करना ओर महसूस करना कि फ़ोटो में निकलता तुम्हारे भाईईई का गाढ़ा नमकीन वीर्या तुम्हारे मुँह में गिर रहा हो
सोचना की राहुल का माल तेरे मुँह के जा रहा है।
"भाभिईईईई..ईई.ई कहते हुए माधुरी मेरी तरफ मारने के लिए बढ़ी ओर मैं जल्दी से कमरे से निकलकर बाहर आ गयी।
मेने माधुरी को दोनों फ़ोटो व्हाट्सएप पर भेजे ओर हथेली पर रखा उसका थूक देखकर नीले आसमान की तरह मुँह किया और विजय मुस्कान के साथ नीचे अपने कमरे में आ गयी।

माधुरी
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माधुरी केसी लगी आपको कमेंट करके बताओ😋
जब आप इतना सेक्सी लिख रहे हो तो माधुरी भी तो सेक्सी लगेगी ही। वैसे माधुरी बहुत ही खूबसूरत लग रही है। अपनी फोटो भी तो दिखाओ
 

Shivraj Singh

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Bhai kuchh bhi ho suman madhuri aur rajani ko sirf aur sirf rahul se hi sex karwao. Kisi aur se nahi papa se bhi nahi. Kyonki story tittle ke hisab se chalao. Hero sirf ek hona chahiye
 

urc4me

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Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
 
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Kawal Kumar

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