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Ek number

Well-Known Member
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"आह्ह्ह.... बेटा इतने दिन कहा था? मैं तेरा लंड खाने के लिए तरस रही थी। जोर से पेल, जम कर पेल, पूरा लंड अंदर घुसा जा। फाड़ डाल…चूत की आग को ठंडा कर दे…आह राजा……चोदते रहो…बेटा…।” अब एक बार मुनीम का लंड गया हो उस चूत को विनोद दुबारा चोद रहा था। सुंदरी को मजा तो नहीं आ रही थी क्यों की विनोद का लंड कुछ हद तक छोटा पड़ रहा था उसकी भोस के लिए। और तभी तो सुंदरी मुनीम को थोडा दूर ही रखती थी।

लेकिन यह व्याभिचार का नशा था इस लिए वह अपने यार से चुदवा रही थी और मजे ले रही थी।

***************


अब आगे..........



विनोद भी जम कर सुंदरी को चोद रहा था। महक से मिलने के पहले विनोद को सुंदरी सबसे अच्छा माल लगती थी और आखिरी दो सालो से सुंदरी को नंगा कर के रात दिन मजा लेना चाहता था। कुछ दिन पहले जब परम ने अपनी माँ सुंदरी को विनोद से चुदवाया तो उसे लगा कि उसे दुनिया की हर चीज मिल गई। लेकिन कल शाम को सुंदरी की बेटी महक की बोब्लो पर हाथ लगाते ही विनोद का पूरा हो गया। उसी वक़्त उसके लंड ने जवाब देके पेंट को ख़राब कर दिया था। विनोद सुंदरी की जवानी को भूल गया और उसने महक से शादी का फैसला कर लिया।


विनोदने सुंदरी के कंधे को दोनों हाथों से दबाया और जोर से धक्का दिया।।और कहा,

“सुंदरी, तेरी बेटी महक से मेरी शादी करवा दो।” और जम कर धक्का मारा…ओह...रानी तेरी चूत में जो मज़ा है वो और किसी औरत में नहीं… तू सच है… जबर दस्त माल हो…।”

विनोद चोद रहा था सुंदरी को और बात कर रहा था उसकी बेटी महक की....किसी भी सूरत में किसी भी माँ को ये बात पसंद नहीं आएगी कि उसके सामने कोई किसी और माल के बारे में बात करे चाहे उसकी अपनी ही बेटी क्यों ना हो। सुंदरी को बहुत गुस्सा आया। उसने विनोद को धक्का देकर अपने शरीर से हटाना चाहा, लेकिन विनोद ने सुंदरी को अपनी बाहों में कस कर पकड़ लिया। सुंदरी विनोद से अलग होने के लिए तैयार थी। लेकिन विनोद ने उसे खूब कसकर पकड़ रखा था और जोर-जोर से चुदाई कर रहा था। सुंदरी को चुदाई में बहुत मजा आ रहा था लेकिन उसका गुस्सा कम नहीं हुआ।

“हरामी...मादरचोद, माँ को चोद रहा है और बहनचोद, बोलता है कि बेटी से शादी करेगा…जा हरामी तू मुझसे दूर हो जा…मैं अपनी चूत के लिए कोई दूसरा लंड ढूँढ लूंगी…।”

सुंदरी ने विनोद को धक्का मारते हुए कहा “चल लंड बाहर निकाल।” लेकिन दोनों में से किसी ने लंड को बहार निकाल ने की कोशिश तक नहीं की। दोनों अपनी चुदाई में मस्त थे।

“शादी भी करेगा और बहनचोद, माँ और बेटी दोनों को चोदेगा!” सुंदरी ने कहा और साथ-साथ में कहा “यह भी सही है, हो सकता है मैं जमाई बाबु से चुद-चुद के चूत और गांड मरवाती रहू।“

दोनो चुदाई कर रहे थे और उधर बिस्तर पर लेटी बहू सोच रही थी कि रंडी सुंदरी वापस क्यों नहीं आई! दस मिनट हो गए...सुंदरी रूम में नहीं आई....बहू कि चुत मुनीम से चुदवाने के बाद ठंडी हो गई थी लेकिन बहू और मजा लेना चाहती थी कम मौक़ा मिले ना मिले। वह सुंदरी की चूत का माल ज्यादा से ज्यादा अपने मुंह में भरना चाहती थी और वो भी सुंदरी के चूत और बोब्लो का...बहु सुंदरी का चुतरस ज्यादा से ज्यादा अपने मुंह में भरना सोच रही थी।

बहू को डर लगा की,सुंदरी को क्या हुआ! क्या कोई उसे जबरदस्त चोद तो नहीं रहा है? यह सोच कर बहु बेडरूम से बाहर आई बिल्कुल नंगी। बहू की मोटी और बड़ी-बड़ी चुचिया उठ कर निचे जा रही थी और मोटी-मोटी जांघों को लेकर बहू बाहर के कमरे में आई तो जो देखा उसे देखकर बहू को सरप्राइज नहीं हुआ।

सुंदरी के नंगे शरीर पर परम के उम्र का लड़का देख कर बहू को समझने में देर नहीं लगेगी कि यही 'विनोद' है।

बहू उनके पैर की तरफ खड़ी थी। बहू ने देखा कि विनोद ने सुंदरी को कस कर बाहों में लेकर खूब जोर-जोर से चोद रहा था। सुंदरी ने अपनी जांघों को ऊपर उठाये रखा था और कुल्हे उछाल कर चुदाई करवा रही थी। बहू ने देखा कि विनोद का लंड सटासट सुंदरी की चूत में अंदर-बाहर कर रहा था। फिर बहु ने सोचा की जहा मुनीमजी का लंड गया हो वह चूत में एकसाथ दो दो लंड जाए तभी उसे शान्ति हो सकती है। यह मुनीमजी भी ना क्या लंड लेके पैदा हुए है।

बहू की जांघें फैली हुई थीं और उसका हाथ आने आप अपनी चूत के ऊपर चला गया और बहू अपनी चूत रगड़ने लगी। बहु ने खुद की चूत के दरवाजे कुछ ज्यादा ही खुले हुए पाए, और फिर से मुस्कुराती हुई “क्या मुनीमजी कुछ तो रहने देना था।“ बहू चुपचाप खड़ी रही थी और कभी अपनी छाती को दबाती और चूत से खेल रही थी। तभी सुंदरी ने बहू को देखा और मुस्कुरा दी। बहु ने उसे चुप रहने का इशारा किया। बहू को देख कर सुंदरी का गुस्सा ख़तम हो गया और सुंदरी ने विनोद को किस करते हुए पूछा।

“अच्छा विनोद, ये बता…गांव में इतनी मस्त गर्ल्स हैं तो फिर तू मेरी जैसी दो-दो बच्चों की माँ को क्यों चोदना चाहता है…? और खास कर मुनीमजी जैसे लैंड की गुलाम को कैसे पसंद किया?”

“ओह…रानी…तेरे जैसी माल इस गांव में क्या आस-पास के गांव में कोई नहीं है…मैं कोलकाता भी जाता हूं और वहा भी चुदाई करता हूं लेकिन कोई भी तुम्हारा जैसा माल नहीं…तू कोलकाता मे चुदवायेगी तो सबसे अमीर महिला हो जायेगी…तेरी चूत का स्वाद जो एक बार लेगा वो शरबत को भूल जाएगा!'' बहू ने यह सब सुना और वह विनोद की बात से पूरी तरह सहमत हो गई।

विनोद को नहीं पता था कि कोई और उसे सुंदरी को चोदते हुए देख रहा है। विनोद ने लंड को चूत से पूरा बाहर निकाला और खूब जोर से धक्का मारा…

“ओह्ह…माआआ…आह……मजा आआ…गयाआ…।” बहु जानती थी की सुंदरी विनोद को उकसाने और उसके धक्के ज्यादा लगे उसके लिए यह नाटक कर रही थी। वह मुनीमजी पहले से ही बमबारी कर चुके थे।

सुंदरी जोर से कराह उठी। विनोद को प्रोत्साहन मिला और फिर दोबारा लंड को बाहर निकाला और दोबारा खूब जोर से धक्का मारा…

“आह्ह्ह्ह…बेटा…आह्ह्ह्ह…मै…तो.....गयी…।! फाड़ दी मेरी चूत को.....अब पति को क्या दिखौंगी....इतना बड़ा खेत बना दिया....”

सुंदरी ने पैर और हाथ से विनोद को जकड़ा और फिर ढीला कर दिया। लेकिन विनोद उसे तेजी से चोदता रहा और जल्द ही उसने सुंदरी की चूत को अपने रस से भर दिया। बहू ने उन्हें एक-दूसरे को सहलाते और चूमते देखा। फिर विनोद सुंदरी के शरीर से अलग हो गया और सुंदरी की साड़ी जमीन से खींच ली।
फनलवर की प्रस्तुति।

“साडी का क्या करेगी, पहनेगी क्या? “

यह सुनते ही विनोद पलट गया। उन्होंने जबरदस्त औरत देखी। विनोद ने 100 से ज्यादा नंगी मालों को देखा और आनंद लिया, लेकिन उसने इतने भरे हुए और बड़े रसीले स्तनों की जोड़ी कभी नहीं देखी थी। विनोद ने अपनी नजरें उस महिला, बहू पर नीचे की ओर घुमाईं और उन्हें एक मोटी जांघें और उन जांघों के बीच एक फूली और सूजी हुई बड़े आकार की चूत दिखाई दी। विनोद उसे चोदने से ज्यादा उन दूध के गोलों को चूसना चाहता था।
नीता की पेशकश।

“लंड साफ करेगी…!” विनोद ने हकलाते हुए कहा।

“तेरे लये तो नहीं पर इस लंड पर सुंदरी का चुतरस को जरुरु चाट लुंगी। यह रस मेरे लिए अमृत समान है।”

बहू आगे बढ़ी और विनोद के हाथ से साड़ी खींचकर दूर फेंक दी। वह सुन्दरी के पास बैठ गयी और विनोद को कमर से पकड़ लिया। विनोद का लंड सुंदरी की चुदाई बहुत ढीला हो गया था। बहू ने एक हाथ से लंड को पकड़ा और कहा:

“सुंदरी, तुमने साले को पूरा निचोड़ लिया…!”

इतना कहकर बहू ने सिर नीचे कर लिया और लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप जैसे चुसने लगी। सुंदरी उठी और रसोई में चली गई, वह 10 मिनट बाद लौटी और तब तक बहू विनोद का लंड चबा रही थी। विनोद का लंड फिर से अकड़ने लगा। सुंदरी तीन गिलास थोड़े से जूस के साथ आई। तीनो ने एक गिलास पिया।

ड्रिंक खत्म होने के बाद सुंदरी ने बहू से कहा- “बिस्तर पर लेट जाओ बहु”।

बहु ने कहा: “सुंदरी आज जाने दो थक सी गई हूँ।” बहु ने अपनी सूजी हुई और बड़े होल वाली चूत की तरफ इशारा करते हुए कहा।

“आज जी भर के जी ले बहु फिर मौक़ा मिले तो फिर खा लेना, चूत में काफी भूख होती है।“ सुंदरी ने बहु को खिंच के लिटा दिया।

बहू दोनो जांघों को फैला कर लेट गई और सुंदरी ने विनोद से बहू की चुचियों का मजा लेने को कहा। सुंदरी को लगा कि बहू की चुचियो का मजा लेकर विनोद का लंड जल्द ही टाइट हो जाएगा। विनोद एक हाथ से बोबले को दबाते हुए बहू को दूसरी चुची (निपल) को चूसने लगा।


आजके लिए बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक आप अपने कोममेंट देते रहिये।



।। जय भारत ।।
Nice update
 

Mass

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maine mere story pe ek poll kiya hai. Hope you can vote your preferences. Pls do.

Funlover Ek number
 

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Try and fail. But never give up trying
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Mast update
 

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I am here only for sex stories No personal contact
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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया है
अचानक घर आये मुनिम को हवेली की बडी बहु की चुद चोदने को मिल गयी तो मुनिम ने उसका फायदा उठा कर अपने तगडे लंड की ताकद दिखा कर उसे संतुष्टी प्रदान कर दी
मुनिम के जाते ही विनोद पहुंच गया और अब विनोद और सुंदरी का खेल शुरु हो गया वो भी बडी बहु घर में रहतें
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Ji bilkul dost
Munim bina kuchh kiye hi mil jata hai.
Uska piston hi uski taklif hai. Ek bar gaya to wah female to santusht hai par darti hai ki aage use aisi maja nahi milegi to jo available aurnormal hai usi se kam chalaye aur mauka milne par Munim to hai hi. Tabhi to sundari bhi dur rahati hai.
Kher aage dekhenge
Shukriya aapka
 
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"आह्ह्ह.... बेटा इतने दिन कहा था? मैं तेरा लंड खाने के लिए तरस रही थी। जोर से पेल, जम कर पेल, पूरा लंड अंदर घुसा जा। फाड़ डाल…चूत की आग को ठंडा कर दे…आह राजा……चोदते रहो…बेटा…।” अब एक बार मुनीम का लंड गया हो उस चूत को विनोद दुबारा चोद रहा था। सुंदरी को मजा तो नहीं आ रही थी क्यों की विनोद का लंड कुछ हद तक छोटा पड़ रहा था उसकी भोस के लिए। और तभी तो सुंदरी मुनीम को थोडा दूर ही रखती थी।

लेकिन यह व्याभिचार का नशा था इस लिए वह अपने यार से चुदवा रही थी और मजे ले रही थी।

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अब आगे..........



विनोद भी जम कर सुंदरी को चोद रहा था। महक से मिलने के पहले विनोद को सुंदरी सबसे अच्छा माल लगती थी और आखिरी दो सालो से सुंदरी को नंगा कर के रात दिन मजा लेना चाहता था। कुछ दिन पहले जब परम ने अपनी माँ सुंदरी को विनोद से चुदवाया तो उसे लगा कि उसे दुनिया की हर चीज मिल गई। लेकिन कल शाम को सुंदरी की बेटी महक की बोब्लो पर हाथ लगाते ही विनोद का पूरा हो गया। उसी वक़्त उसके लंड ने जवाब देके पेंट को ख़राब कर दिया था। विनोद सुंदरी की जवानी को भूल गया और उसने महक से शादी का फैसला कर लिया।


विनोदने सुंदरी के कंधे को दोनों हाथों से दबाया और जोर से धक्का दिया।।और कहा,

“सुंदरी, तेरी बेटी महक से मेरी शादी करवा दो।” और जम कर धक्का मारा…ओह...रानी तेरी चूत में जो मज़ा है वो और किसी औरत में नहीं… तू सच है… जबर दस्त माल हो…।”

विनोद चोद रहा था सुंदरी को और बात कर रहा था उसकी बेटी महक की....किसी भी सूरत में किसी भी माँ को ये बात पसंद नहीं आएगी कि उसके सामने कोई किसी और माल के बारे में बात करे चाहे उसकी अपनी ही बेटी क्यों ना हो। सुंदरी को बहुत गुस्सा आया। उसने विनोद को धक्का देकर अपने शरीर से हटाना चाहा, लेकिन विनोद ने सुंदरी को अपनी बाहों में कस कर पकड़ लिया। सुंदरी विनोद से अलग होने के लिए तैयार थी। लेकिन विनोद ने उसे खूब कसकर पकड़ रखा था और जोर-जोर से चुदाई कर रहा था। सुंदरी को चुदाई में बहुत मजा आ रहा था लेकिन उसका गुस्सा कम नहीं हुआ।

“हरामी...मादरचोद, माँ को चोद रहा है और बहनचोद, बोलता है कि बेटी से शादी करेगा…जा हरामी तू मुझसे दूर हो जा…मैं अपनी चूत के लिए कोई दूसरा लंड ढूँढ लूंगी…।”

सुंदरी ने विनोद को धक्का मारते हुए कहा “चल लंड बाहर निकाल।” लेकिन दोनों में से किसी ने लंड को बहार निकाल ने की कोशिश तक नहीं की। दोनों अपनी चुदाई में मस्त थे।

“शादी भी करेगा और बहनचोद, माँ और बेटी दोनों को चोदेगा!” सुंदरी ने कहा और साथ-साथ में कहा “यह भी सही है, हो सकता है मैं जमाई बाबु से चुद-चुद के चूत और गांड मरवाती रहू।“

दोनो चुदाई कर रहे थे और उधर बिस्तर पर लेटी बहू सोच रही थी कि रंडी सुंदरी वापस क्यों नहीं आई! दस मिनट हो गए...सुंदरी रूम में नहीं आई....बहू कि चुत मुनीम से चुदवाने के बाद ठंडी हो गई थी लेकिन बहू और मजा लेना चाहती थी कम मौक़ा मिले ना मिले। वह सुंदरी की चूत का माल ज्यादा से ज्यादा अपने मुंह में भरना चाहती थी और वो भी सुंदरी के चूत और बोब्लो का...बहु सुंदरी का चुतरस ज्यादा से ज्यादा अपने मुंह में भरना सोच रही थी।

बहू को डर लगा की,सुंदरी को क्या हुआ! क्या कोई उसे जबरदस्त चोद तो नहीं रहा है? यह सोच कर बहु बेडरूम से बाहर आई बिल्कुल नंगी। बहू की मोटी और बड़ी-बड़ी चुचिया उठ कर निचे जा रही थी और मोटी-मोटी जांघों को लेकर बहू बाहर के कमरे में आई तो जो देखा उसे देखकर बहू को सरप्राइज नहीं हुआ।

सुंदरी के नंगे शरीर पर परम के उम्र का लड़का देख कर बहू को समझने में देर नहीं लगेगी कि यही 'विनोद' है।

बहू उनके पैर की तरफ खड़ी थी। बहू ने देखा कि विनोद ने सुंदरी को कस कर बाहों में लेकर खूब जोर-जोर से चोद रहा था। सुंदरी ने अपनी जांघों को ऊपर उठाये रखा था और कुल्हे उछाल कर चुदाई करवा रही थी। बहू ने देखा कि विनोद का लंड सटासट सुंदरी की चूत में अंदर-बाहर कर रहा था। फिर बहु ने सोचा की जहा मुनीमजी का लंड गया हो वह चूत में एकसाथ दो दो लंड जाए तभी उसे शान्ति हो सकती है। यह मुनीमजी भी ना क्या लंड लेके पैदा हुए है।

बहू की जांघें फैली हुई थीं और उसका हाथ आने आप अपनी चूत के ऊपर चला गया और बहू अपनी चूत रगड़ने लगी। बहु ने खुद की चूत के दरवाजे कुछ ज्यादा ही खुले हुए पाए, और फिर से मुस्कुराती हुई “क्या मुनीमजी कुछ तो रहने देना था।“ बहू चुपचाप खड़ी रही थी और कभी अपनी छाती को दबाती और चूत से खेल रही थी। तभी सुंदरी ने बहू को देखा और मुस्कुरा दी। बहु ने उसे चुप रहने का इशारा किया। बहू को देख कर सुंदरी का गुस्सा ख़तम हो गया और सुंदरी ने विनोद को किस करते हुए पूछा।

“अच्छा विनोद, ये बता…गांव में इतनी मस्त गर्ल्स हैं तो फिर तू मेरी जैसी दो-दो बच्चों की माँ को क्यों चोदना चाहता है…? और खास कर मुनीमजी जैसे लैंड की गुलाम को कैसे पसंद किया?”

“ओह…रानी…तेरे जैसी माल इस गांव में क्या आस-पास के गांव में कोई नहीं है…मैं कोलकाता भी जाता हूं और वहा भी चुदाई करता हूं लेकिन कोई भी तुम्हारा जैसा माल नहीं…तू कोलकाता मे चुदवायेगी तो सबसे अमीर महिला हो जायेगी…तेरी चूत का स्वाद जो एक बार लेगा वो शरबत को भूल जाएगा!'' बहू ने यह सब सुना और वह विनोद की बात से पूरी तरह सहमत हो गई।

विनोद को नहीं पता था कि कोई और उसे सुंदरी को चोदते हुए देख रहा है। विनोद ने लंड को चूत से पूरा बाहर निकाला और खूब जोर से धक्का मारा…

“ओह्ह…माआआ…आह……मजा आआ…गयाआ…।” बहु जानती थी की सुंदरी विनोद को उकसाने और उसके धक्के ज्यादा लगे उसके लिए यह नाटक कर रही थी। वह मुनीमजी पहले से ही बमबारी कर चुके थे।

सुंदरी जोर से कराह उठी। विनोद को प्रोत्साहन मिला और फिर दोबारा लंड को बाहर निकाला और दोबारा खूब जोर से धक्का मारा…

“आह्ह्ह्ह…बेटा…आह्ह्ह्ह…मै…तो.....गयी…।! फाड़ दी मेरी चूत को.....अब पति को क्या दिखौंगी....इतना बड़ा खेत बना दिया....”

सुंदरी ने पैर और हाथ से विनोद को जकड़ा और फिर ढीला कर दिया। लेकिन विनोद उसे तेजी से चोदता रहा और जल्द ही उसने सुंदरी की चूत को अपने रस से भर दिया। बहू ने उन्हें एक-दूसरे को सहलाते और चूमते देखा। फिर विनोद सुंदरी के शरीर से अलग हो गया और सुंदरी की साड़ी जमीन से खींच ली।
फनलवर की प्रस्तुति।

“साडी का क्या करेगी, पहनेगी क्या? “

यह सुनते ही विनोद पलट गया। उन्होंने जबरदस्त औरत देखी। विनोद ने 100 से ज्यादा नंगी मालों को देखा और आनंद लिया, लेकिन उसने इतने भरे हुए और बड़े रसीले स्तनों की जोड़ी कभी नहीं देखी थी। विनोद ने अपनी नजरें उस महिला, बहू पर नीचे की ओर घुमाईं और उन्हें एक मोटी जांघें और उन जांघों के बीच एक फूली और सूजी हुई बड़े आकार की चूत दिखाई दी। विनोद उसे चोदने से ज्यादा उन दूध के गोलों को चूसना चाहता था।
नीता की पेशकश।

“लंड साफ करेगी…!” विनोद ने हकलाते हुए कहा।

“तेरे लये तो नहीं पर इस लंड पर सुंदरी का चुतरस को जरुरु चाट लुंगी। यह रस मेरे लिए अमृत समान है।”

बहू आगे बढ़ी और विनोद के हाथ से साड़ी खींचकर दूर फेंक दी। वह सुन्दरी के पास बैठ गयी और विनोद को कमर से पकड़ लिया। विनोद का लंड सुंदरी की चुदाई बहुत ढीला हो गया था। बहू ने एक हाथ से लंड को पकड़ा और कहा:

“सुंदरी, तुमने साले को पूरा निचोड़ लिया…!”

इतना कहकर बहू ने सिर नीचे कर लिया और लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप जैसे चुसने लगी। सुंदरी उठी और रसोई में चली गई, वह 10 मिनट बाद लौटी और तब तक बहू विनोद का लंड चबा रही थी। विनोद का लंड फिर से अकड़ने लगा। सुंदरी तीन गिलास थोड़े से जूस के साथ आई। तीनो ने एक गिलास पिया।

ड्रिंक खत्म होने के बाद सुंदरी ने बहू से कहा- “बिस्तर पर लेट जाओ बहु”।

बहु ने कहा: “सुंदरी आज जाने दो थक सी गई हूँ।” बहु ने अपनी सूजी हुई और बड़े होल वाली चूत की तरफ इशारा करते हुए कहा।

“आज जी भर के जी ले बहु फिर मौक़ा मिले तो फिर खा लेना, चूत में काफी भूख होती है।“ सुंदरी ने बहु को खिंच के लिटा दिया।

बहू दोनो जांघों को फैला कर लेट गई और सुंदरी ने विनोद से बहू की चुचियों का मजा लेने को कहा। सुंदरी को लगा कि बहू की चुचियो का मजा लेकर विनोद का लंड जल्द ही टाइट हो जाएगा। विनोद एक हाथ से बोबले को दबाते हुए बहू को दूसरी चुची (निपल) को चूसने लगा।


आजके लिए बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक आप अपने कोममेंट देते रहिये।



।। जय भारत ।।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है मजा आ गया
सुंदरी ने विनोद के साथ चुदाई का खेल तो खेल ही लिया अब विनोद को बहु पर चढा कर सुंदरी थ्रिसम का आनंद लेगी साथ ही साथ बहु को भी संतुष्टी प्रदान करने में सहायक होगी
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
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S M H R

TERE DAR PE SANAM CHALE AYE HUM
1,148
2,480
158
तभी सुंदरी चूत को चाटना छोड़ उठी खड़ी हुई और वहा से हट गई।।।बहू चीख पड़ी।।।

“हरामजादी बीच में क्यों छोड़ दिया…पानी तो निकालने दे…।”


******

अब आगे.........



थोड़ी देर में वापस आई तो उसके हाथ में एक ककडी (हरा खीरा) था, पतला लेकिन 12 इंच से ज्यादा लंबा। सुंदरी ने आधा खीरे को अपनी चूत के अंदर घुसाया और खीरे के दूसरे सिरे को पाकर कर बहु के चूत में घुसा दिया और ऊपर से धक्का लगाने लगी। खीरा दोनो के चूत में पूरा का पूरा घुस गया था।


बहू को थोड़ा मजा आया।। "चलो ये भी ठीक है।" सुंदरी ककड़ी से दोनो की चुदाई कर ही रही थी की बहार दरवाजे पे नोक हुआ!

“ठाक.....ठाक......”

“कौन मादरचोद होगा अभी! लगता है विनोद आया है।” सुंदरी ने कहा।

'ले आ अन्दर साले को, देखूं की, मादरचोद, बहनचोद के लौड़े में कितना दम है!'' बहु ने अपनी चूत से ककड़ी निकालते हुए कहा।

लेकिन सुंदरी ने बहू के चूत में 'ककड़ी' को रहने दिया और अपनी चूत उठा कर बाहर निकल गई।

एक बार तो उसका मन किया कि नंगी ही दरवाजा खोले लेकिन फिर यह सोच कर कि कोई दूसरा आदमी, पोस्ट मैन हो तो! सुंदरी ने जल्दी पेटीकोट को अपनी चूची के ऊपर बंधा और दरवाजा खोला। उसे हैरानी हुई कि वह मुनीम था, उसका पति।

सुंदरी हकलाते हुए बोली “कक्ककक्या हुआ....जी...?"

मुनीम ने सुंदरी के कंधे पर हाथ रखा और कहा कि शाम को उसे कुछ दिनों के लिए सीधे शहर जाना है, इसलिए वह अपने कुछ कपड़े लेने आया है। और दोनों अंदर कमरे में पहुँच गए।

मुनीम भी उसी सदमे में था जो उसे सेठ के ऑफिस में एक नंगी औरत (सुंदरी) को एक नंगे आदमी का लंड मुँह में लेते देखकर हुआ था। मुनीम ने देखा कि वह औरत बिस्तर पर 'ककड़ी' से खुद को चोद रही है। उसने पहचान लिया कि यह बड़ी बहू है,

"बड़ी बहू तुम....आ ... “ वह हकलाया।

“देखते क्या हो… जल्दी आ जाओ और इस प्यासी चूत को चोद-चोद कर पानी निकाल दो।”

बहू ने धीरे और प्यार से कहा और मुनीम को चोदने के लिए आमंत्रित किया।

अब अपनी बेटी और उसकी दो जवान सहेलियों को चोदने के बाद मुनीम आत्मविश्वासी आदमी था।

उसे पता था कि उसका लंड जवान लड़कियों को पूरी मस्ती देने में पूरी तरह सक्षम है और बड़ी बहू भी सिर्फ़ 20 साल की थी। उसने अपनी पत्नी सुंदरी की मौजूदगी में चुपचाप अपने कपड़े उतार दिए।

अब, बहू को झटका लगने का समय आ गया था।

"बा....प....रे.... इतना मोटा सु...पा....रा! मैं नहीं चुदवाऊँगी!"

और बहू ने ककड़ी को उसकी चूत से खींचकर उसे पार करने की कोशिश की, लेकिन मुनीम तेज़ था। उसने बहू की जांघों को चौड़ा करके रखा और बिना किसी फोरप्ले (जो बहू के लिए ज़रूरी नहीं था) के अपना कम कसा हुआ लौड़ा बहू की चूत में डाल दिया।

“ईई.....आआह…मेरी चू....त.....फट जायेगी.....सुं....द...री!!!! मर गई मैं तो घर जाके क्या जवाब दूंगी, इतना बड़ा भोसड़ा कैसे हो गया...बा.......प.....रे....” बहु ने अब तक सेक्स कथाओं में यह पढ़ा था की चूत में गरम सलिए का रॉड डाला है लेकिन यहाँ तो पूरा जलता हुआ चूल्हा उसके अन्दर घुस गया हो ऐसी अनुभूति हो रही थी।


हालाँकि बहू पिछले चार साल से चुद रही थी लेकिन वो मुनीम का मोटा राक्ससी सुपारा आसानी से नहीं ले पाती थी।

“मुनीमजी थोड़ा हौले से…दर्द कर रहा है…मेरी चूत फट जायेगी आराम से चोदो।”

मुनीमने दोनो बड़ी-बड़ी चूचियो को मसला और जोर से धक्का मारा।

“बस बहू, लो लंड तो पूरा अंदर घुस गया। नाहक की डर रही थी।” एक और जोर से धक्का मारा।

“अब मज़ा लो,बहु और अपनी चूत को मस्ती से चुदवाओ।”

मुनीमका लंड 2-3 धक्का मारता-मारता, पूरा टाइट हो गया और बहू के चूत पर हरदौर तेज धक्का लगाने लगा। इधर मुनीम बहू का चुदाई कर रहा था और सुंदरी मुनीम का बैग तैयार कर रही थी। करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद बहू थक गयी…उसकी चूत ने अब तक दो बार अपना चुतरस त्याग दिया था।

“बस मुनिमजी बस कीजिये अब निकाल लो, मेरा तो कब का हो गया…! मैं अब नहिझाद सकती क्योकि मेरी चूत से आपके इस लंड ने कई बार रस निकाल दिया है, थक गई हूँ मैं। प्लीज़.....फिर कभी मेरे दोनों छेद चोद लेना लेकिन आज के लिए छोड़ दो।”

और बहु ने मुनीम को धक्का देकर अलग कर दिया। लेकिन मुनीम का पानी नहीं निकलता, लंड पूरा टाइट था। उसने सुंदरी को बिस्तर पर खींच लिया और उसकी चूत में लंड को पेल दिया।

नीचे मुनीम अपनी पत्नी सुंदरी को धना-धन चोद रहा था और ऊपर बहू अपना चूत फैला कर सुंदरी के मुंह पर बैठ कर चूत चटवाने लगी। करीब 3-4 मिनट की चुदाई के बाद मुनीम ने अपनी बीबी के चूत में पानी छोड़ दिया,,,। जैसे ही मुनीम ने चूत से लंड को निकला बहु बड़ा लंड को चूसने लगी और चूसते-चूसते पूरा सूखा कर दिया।

“मेरी चूत की मस्ती तो सुंदरी की चूत जैसी नहीं, लेकिन आपको मजा आया की नहीं।”

बहुत, लेकिन मुझे तेरी चूत भरनी थी! मुनीम के उसकी चूत को सहलाते हुए कहा।

“मुझे तो आपके बेटे ने बहुत मजा दिया,परम भी बहुत अच्छी चुदाई करता है!''

मुनीम समझ गया कि ये कुतिया भी परम से चुदवा चुकी है। लेकिन मुनीम को अच्छा लगा कि बहू परम को पसंद करती है, उन दोनों का लंड ज्यादा मस्त है तभी युवा लड़कियों से दोबारा चुदवाने आती है।

“बहू, मुझे तो तुम्हारी चूत बहुत पसंद आई, बहुत रस है तुम्हारे में…यह छोटा छेद क्यों है? पति ने भोसडा नहीं बनाया! “मुनीम ने बहू की चुचियो को चूमते हुए पूछा” फिर कब मरवाओगी!…और तुम्हारी चुची, ऐसी चुची और किसी की नहीं,कब फिर चोदने दोगी!”

“अब आपने मेरे इस नाजुक छेद को अपने लंड के साइज़ जितना बड़ा भोसड़ा बना दिया है तो, खेर जितना जल्दी मौका मिलेगा,अब यह सुपारा मेरे पसंद का हो गया।” बहु बोली।

“सेठजी ने जल्दी आने को कहा था, तो मैं चलता हूँ…!”
मैत्री और नीता की प्रस्तुति

“राजा बहू की चुदाई का बात किसी को बोलना नहीं।” सुंदरी ने कहा। फिर दोनों औरतें मुनीम को नग्न अवस्था में छोड़ने आईं।

जाते जाते भी मुनीम अपने आप को नहीं रोक सका और बहु और सुंदरी को पीछे घुमा के दोनों की गांड के छेद में अपने दोनों हाथो की ऊँगली को अन्दर तक घुसा दी। थोड़ी देर बहु की गांड मार ली।

“इस छेद को तो रहने दो...मुनीमजी....वह आपका सुपर जाएगा तो क्या हालत होगी मेरी....फिर कभी मार लेना बस, यह गांड आपके लंड के लिए तैयार होगी.. ।“ लेकिन वह आगे नहीं गई पर थोड़ी ज्झुकी और गांड के छेद को मरवाने के लिए जरुरी जगह कर दी। मुनीम ने काफी देर तक सुंदरी और बड़ी बहु की दरवाजे पर ही गांड मरता रहा। उसे बहु की गांड का छेद पसंद आया बहोत टाईट था लेकिन उसे जाना भी तो था।

उन्होंने मुनीम के पीछे दरवाजा बंद कर दिया और कमरे के अंदर बिस्तर पर लेट गए। वे बातें कर रहे थे और फिर एक दस्तक हुई।

“अब साला कौन है! जो भी हो उसे बाहर से ही भगा देना! मुज में अब ताकत नहीं है।”

बहू ने कहा और वह बिस्तर पर खुली हुई योनि के साथ सीधी खड़ी रही। इस बार सुंदरी ने इत्मीनान से साड़ी पहनी और दरवाज़ा खोला। उसे सबसे सुखद आश्चर्य हुआ। वह विनोद था (आप लोगो को तो पता है वह बाहर इंतजार कर रहा था मुनीम के बाहर आने के लिए)।

सुंदरी ने विनोद को अंदर खींच लिया और फुसफुसाकर बोली,

“ओह राजा तू इतना दिन कहा था!” वह विनोद को चूमने लगी। दोनों ने एक-दूसरे को कस कर पकड़ लिया और कुछ ही मिनटों में वे निर्वस्त्र हो गए और विनोद का लंड सुंदरी की चूत के अंदर था जिसे अभी कुछ मिनट पहले उसके पति चोद के जा चुका था।

“रानी मैं तुम्हें अकेले में चोदना चाहता था, आराम से चुदवाओ।”
नीता की पेशकश

उसने नोटों के दो बंडल निकाले और सुंदरी के ऊपर छिड़क दिए।

"आह्ह्ह.... बेटा इतने दिन कहा था? मैं तेरा लंड खाने के लिए तरस रही थी। जोर से पेल, जम कर पेल, पूरा लंड अंदर घुसा जा। फाड़ डाल…चूत की आग को ठंडा कर दे…आह राजा……चोदते रहो…बेटा…।” अब एक बार मुनीम का लंड गया हो उस चूत को विनोद दुबारा चोद रहा था। सुंदरी को मजा तो नहीं आ रही थी क्यों की विनोद का लंड कुछ हद तक छोटा पड़ रहा था उसकी भोस के लिए। और तभी तो सुंदरी मुनीम को थोडा दूर ही रखती थी।

लेकिन यह व्याभिचार का नशा था इस लिए वह अपने यार से चुदवा रही थी और मजे ले रही थी।


***************
आज के लिए बस इतना ही


कल फिर मिलेंगे


तब तक के लिए

.

। जय भारत
Mast update tha
 

Sushil@10

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"आह्ह्ह.... बेटा इतने दिन कहा था? मैं तेरा लंड खाने के लिए तरस रही थी। जोर से पेल, जम कर पेल, पूरा लंड अंदर घुसा जा। फाड़ डाल…चूत की आग को ठंडा कर दे…आह राजा……चोदते रहो…बेटा…।” अब एक बार मुनीम का लंड गया हो उस चूत को विनोद दुबारा चोद रहा था। सुंदरी को मजा तो नहीं आ रही थी क्यों की विनोद का लंड कुछ हद तक छोटा पड़ रहा था उसकी भोस के लिए। और तभी तो सुंदरी मुनीम को थोडा दूर ही रखती थी।

लेकिन यह व्याभिचार का नशा था इस लिए वह अपने यार से चुदवा रही थी और मजे ले रही थी।

***************


अब आगे..........



विनोद भी जम कर सुंदरी को चोद रहा था। महक से मिलने के पहले विनोद को सुंदरी सबसे अच्छा माल लगती थी और आखिरी दो सालो से सुंदरी को नंगा कर के रात दिन मजा लेना चाहता था। कुछ दिन पहले जब परम ने अपनी माँ सुंदरी को विनोद से चुदवाया तो उसे लगा कि उसे दुनिया की हर चीज मिल गई। लेकिन कल शाम को सुंदरी की बेटी महक की बोब्लो पर हाथ लगाते ही विनोद का पूरा हो गया। उसी वक़्त उसके लंड ने जवाब देके पेंट को ख़राब कर दिया था। विनोद सुंदरी की जवानी को भूल गया और उसने महक से शादी का फैसला कर लिया।


विनोदने सुंदरी के कंधे को दोनों हाथों से दबाया और जोर से धक्का दिया।।और कहा,

“सुंदरी, तेरी बेटी महक से मेरी शादी करवा दो।” और जम कर धक्का मारा…ओह...रानी तेरी चूत में जो मज़ा है वो और किसी औरत में नहीं… तू सच है… जबर दस्त माल हो…।”

विनोद चोद रहा था सुंदरी को और बात कर रहा था उसकी बेटी महक की....किसी भी सूरत में किसी भी माँ को ये बात पसंद नहीं आएगी कि उसके सामने कोई किसी और माल के बारे में बात करे चाहे उसकी अपनी ही बेटी क्यों ना हो। सुंदरी को बहुत गुस्सा आया। उसने विनोद को धक्का देकर अपने शरीर से हटाना चाहा, लेकिन विनोद ने सुंदरी को अपनी बाहों में कस कर पकड़ लिया। सुंदरी विनोद से अलग होने के लिए तैयार थी। लेकिन विनोद ने उसे खूब कसकर पकड़ रखा था और जोर-जोर से चुदाई कर रहा था। सुंदरी को चुदाई में बहुत मजा आ रहा था लेकिन उसका गुस्सा कम नहीं हुआ।

“हरामी...मादरचोद, माँ को चोद रहा है और बहनचोद, बोलता है कि बेटी से शादी करेगा…जा हरामी तू मुझसे दूर हो जा…मैं अपनी चूत के लिए कोई दूसरा लंड ढूँढ लूंगी…।”

सुंदरी ने विनोद को धक्का मारते हुए कहा “चल लंड बाहर निकाल।” लेकिन दोनों में से किसी ने लंड को बहार निकाल ने की कोशिश तक नहीं की। दोनों अपनी चुदाई में मस्त थे।

“शादी भी करेगा और बहनचोद, माँ और बेटी दोनों को चोदेगा!” सुंदरी ने कहा और साथ-साथ में कहा “यह भी सही है, हो सकता है मैं जमाई बाबु से चुद-चुद के चूत और गांड मरवाती रहू।“

दोनो चुदाई कर रहे थे और उधर बिस्तर पर लेटी बहू सोच रही थी कि रंडी सुंदरी वापस क्यों नहीं आई! दस मिनट हो गए...सुंदरी रूम में नहीं आई....बहू कि चुत मुनीम से चुदवाने के बाद ठंडी हो गई थी लेकिन बहू और मजा लेना चाहती थी कम मौक़ा मिले ना मिले। वह सुंदरी की चूत का माल ज्यादा से ज्यादा अपने मुंह में भरना चाहती थी और वो भी सुंदरी के चूत और बोब्लो का...बहु सुंदरी का चुतरस ज्यादा से ज्यादा अपने मुंह में भरना सोच रही थी।

बहू को डर लगा की,सुंदरी को क्या हुआ! क्या कोई उसे जबरदस्त चोद तो नहीं रहा है? यह सोच कर बहु बेडरूम से बाहर आई बिल्कुल नंगी। बहू की मोटी और बड़ी-बड़ी चुचिया उठ कर निचे जा रही थी और मोटी-मोटी जांघों को लेकर बहू बाहर के कमरे में आई तो जो देखा उसे देखकर बहू को सरप्राइज नहीं हुआ।

सुंदरी के नंगे शरीर पर परम के उम्र का लड़का देख कर बहू को समझने में देर नहीं लगेगी कि यही 'विनोद' है।

बहू उनके पैर की तरफ खड़ी थी। बहू ने देखा कि विनोद ने सुंदरी को कस कर बाहों में लेकर खूब जोर-जोर से चोद रहा था। सुंदरी ने अपनी जांघों को ऊपर उठाये रखा था और कुल्हे उछाल कर चुदाई करवा रही थी। बहू ने देखा कि विनोद का लंड सटासट सुंदरी की चूत में अंदर-बाहर कर रहा था। फिर बहु ने सोचा की जहा मुनीमजी का लंड गया हो वह चूत में एकसाथ दो दो लंड जाए तभी उसे शान्ति हो सकती है। यह मुनीमजी भी ना क्या लंड लेके पैदा हुए है।

बहू की जांघें फैली हुई थीं और उसका हाथ आने आप अपनी चूत के ऊपर चला गया और बहू अपनी चूत रगड़ने लगी। बहु ने खुद की चूत के दरवाजे कुछ ज्यादा ही खुले हुए पाए, और फिर से मुस्कुराती हुई “क्या मुनीमजी कुछ तो रहने देना था।“ बहू चुपचाप खड़ी रही थी और कभी अपनी छाती को दबाती और चूत से खेल रही थी। तभी सुंदरी ने बहू को देखा और मुस्कुरा दी। बहु ने उसे चुप रहने का इशारा किया। बहू को देख कर सुंदरी का गुस्सा ख़तम हो गया और सुंदरी ने विनोद को किस करते हुए पूछा।

“अच्छा विनोद, ये बता…गांव में इतनी मस्त गर्ल्स हैं तो फिर तू मेरी जैसी दो-दो बच्चों की माँ को क्यों चोदना चाहता है…? और खास कर मुनीमजी जैसे लैंड की गुलाम को कैसे पसंद किया?”

“ओह…रानी…तेरे जैसी माल इस गांव में क्या आस-पास के गांव में कोई नहीं है…मैं कोलकाता भी जाता हूं और वहा भी चुदाई करता हूं लेकिन कोई भी तुम्हारा जैसा माल नहीं…तू कोलकाता मे चुदवायेगी तो सबसे अमीर महिला हो जायेगी…तेरी चूत का स्वाद जो एक बार लेगा वो शरबत को भूल जाएगा!'' बहू ने यह सब सुना और वह विनोद की बात से पूरी तरह सहमत हो गई।

विनोद को नहीं पता था कि कोई और उसे सुंदरी को चोदते हुए देख रहा है। विनोद ने लंड को चूत से पूरा बाहर निकाला और खूब जोर से धक्का मारा…

“ओह्ह…माआआ…आह……मजा आआ…गयाआ…।” बहु जानती थी की सुंदरी विनोद को उकसाने और उसके धक्के ज्यादा लगे उसके लिए यह नाटक कर रही थी। वह मुनीमजी पहले से ही बमबारी कर चुके थे।

सुंदरी जोर से कराह उठी। विनोद को प्रोत्साहन मिला और फिर दोबारा लंड को बाहर निकाला और दोबारा खूब जोर से धक्का मारा…

“आह्ह्ह्ह…बेटा…आह्ह्ह्ह…मै…तो.....गयी…।! फाड़ दी मेरी चूत को.....अब पति को क्या दिखौंगी....इतना बड़ा खेत बना दिया....”

सुंदरी ने पैर और हाथ से विनोद को जकड़ा और फिर ढीला कर दिया। लेकिन विनोद उसे तेजी से चोदता रहा और जल्द ही उसने सुंदरी की चूत को अपने रस से भर दिया। बहू ने उन्हें एक-दूसरे को सहलाते और चूमते देखा। फिर विनोद सुंदरी के शरीर से अलग हो गया और सुंदरी की साड़ी जमीन से खींच ली।
फनलवर की प्रस्तुति।

“साडी का क्या करेगी, पहनेगी क्या? “

यह सुनते ही विनोद पलट गया। उन्होंने जबरदस्त औरत देखी। विनोद ने 100 से ज्यादा नंगी मालों को देखा और आनंद लिया, लेकिन उसने इतने भरे हुए और बड़े रसीले स्तनों की जोड़ी कभी नहीं देखी थी। विनोद ने अपनी नजरें उस महिला, बहू पर नीचे की ओर घुमाईं और उन्हें एक मोटी जांघें और उन जांघों के बीच एक फूली और सूजी हुई बड़े आकार की चूत दिखाई दी। विनोद उसे चोदने से ज्यादा उन दूध के गोलों को चूसना चाहता था।
नीता की पेशकश।

“लंड साफ करेगी…!” विनोद ने हकलाते हुए कहा।

“तेरे लये तो नहीं पर इस लंड पर सुंदरी का चुतरस को जरुरु चाट लुंगी। यह रस मेरे लिए अमृत समान है।”

बहू आगे बढ़ी और विनोद के हाथ से साड़ी खींचकर दूर फेंक दी। वह सुन्दरी के पास बैठ गयी और विनोद को कमर से पकड़ लिया। विनोद का लंड सुंदरी की चुदाई बहुत ढीला हो गया था। बहू ने एक हाथ से लंड को पकड़ा और कहा:

“सुंदरी, तुमने साले को पूरा निचोड़ लिया…!”

इतना कहकर बहू ने सिर नीचे कर लिया और लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप जैसे चुसने लगी। सुंदरी उठी और रसोई में चली गई, वह 10 मिनट बाद लौटी और तब तक बहू विनोद का लंड चबा रही थी। विनोद का लंड फिर से अकड़ने लगा। सुंदरी तीन गिलास थोड़े से जूस के साथ आई। तीनो ने एक गिलास पिया।

ड्रिंक खत्म होने के बाद सुंदरी ने बहू से कहा- “बिस्तर पर लेट जाओ बहु”।

बहु ने कहा: “सुंदरी आज जाने दो थक सी गई हूँ।” बहु ने अपनी सूजी हुई और बड़े होल वाली चूत की तरफ इशारा करते हुए कहा।

“आज जी भर के जी ले बहु फिर मौक़ा मिले तो फिर खा लेना, चूत में काफी भूख होती है।“ सुंदरी ने बहु को खिंच के लिटा दिया।

बहू दोनो जांघों को फैला कर लेट गई और सुंदरी ने विनोद से बहू की चुचियों का मजा लेने को कहा। सुंदरी को लगा कि बहू की चुचियो का मजा लेकर विनोद का लंड जल्द ही टाइट हो जाएगा। विनोद एक हाथ से बोबले को दबाते हुए बहू को दूसरी चुची (निपल) को चूसने लगा।


आजके लिए बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक आप अपने कोममेंट देते रहिये।



।। जय भारत ।।
Super hot update and nice story
 

S M H R

TERE DAR PE SANAM CHALE AYE HUM
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"आह्ह्ह.... बेटा इतने दिन कहा था? मैं तेरा लंड खाने के लिए तरस रही थी। जोर से पेल, जम कर पेल, पूरा लंड अंदर घुसा जा। फाड़ डाल…चूत की आग को ठंडा कर दे…आह राजा……चोदते रहो…बेटा…।” अब एक बार मुनीम का लंड गया हो उस चूत को विनोद दुबारा चोद रहा था। सुंदरी को मजा तो नहीं आ रही थी क्यों की विनोद का लंड कुछ हद तक छोटा पड़ रहा था उसकी भोस के लिए। और तभी तो सुंदरी मुनीम को थोडा दूर ही रखती थी।

लेकिन यह व्याभिचार का नशा था इस लिए वह अपने यार से चुदवा रही थी और मजे ले रही थी।

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अब आगे..........



विनोद भी जम कर सुंदरी को चोद रहा था। महक से मिलने के पहले विनोद को सुंदरी सबसे अच्छा माल लगती थी और आखिरी दो सालो से सुंदरी को नंगा कर के रात दिन मजा लेना चाहता था। कुछ दिन पहले जब परम ने अपनी माँ सुंदरी को विनोद से चुदवाया तो उसे लगा कि उसे दुनिया की हर चीज मिल गई। लेकिन कल शाम को सुंदरी की बेटी महक की बोब्लो पर हाथ लगाते ही विनोद का पूरा हो गया। उसी वक़्त उसके लंड ने जवाब देके पेंट को ख़राब कर दिया था। विनोद सुंदरी की जवानी को भूल गया और उसने महक से शादी का फैसला कर लिया।


विनोदने सुंदरी के कंधे को दोनों हाथों से दबाया और जोर से धक्का दिया।।और कहा,

“सुंदरी, तेरी बेटी महक से मेरी शादी करवा दो।” और जम कर धक्का मारा…ओह...रानी तेरी चूत में जो मज़ा है वो और किसी औरत में नहीं… तू सच है… जबर दस्त माल हो…।”

विनोद चोद रहा था सुंदरी को और बात कर रहा था उसकी बेटी महक की....किसी भी सूरत में किसी भी माँ को ये बात पसंद नहीं आएगी कि उसके सामने कोई किसी और माल के बारे में बात करे चाहे उसकी अपनी ही बेटी क्यों ना हो। सुंदरी को बहुत गुस्सा आया। उसने विनोद को धक्का देकर अपने शरीर से हटाना चाहा, लेकिन विनोद ने सुंदरी को अपनी बाहों में कस कर पकड़ लिया। सुंदरी विनोद से अलग होने के लिए तैयार थी। लेकिन विनोद ने उसे खूब कसकर पकड़ रखा था और जोर-जोर से चुदाई कर रहा था। सुंदरी को चुदाई में बहुत मजा आ रहा था लेकिन उसका गुस्सा कम नहीं हुआ।

“हरामी...मादरचोद, माँ को चोद रहा है और बहनचोद, बोलता है कि बेटी से शादी करेगा…जा हरामी तू मुझसे दूर हो जा…मैं अपनी चूत के लिए कोई दूसरा लंड ढूँढ लूंगी…।”

सुंदरी ने विनोद को धक्का मारते हुए कहा “चल लंड बाहर निकाल।” लेकिन दोनों में से किसी ने लंड को बहार निकाल ने की कोशिश तक नहीं की। दोनों अपनी चुदाई में मस्त थे।

“शादी भी करेगा और बहनचोद, माँ और बेटी दोनों को चोदेगा!” सुंदरी ने कहा और साथ-साथ में कहा “यह भी सही है, हो सकता है मैं जमाई बाबु से चुद-चुद के चूत और गांड मरवाती रहू।“

दोनो चुदाई कर रहे थे और उधर बिस्तर पर लेटी बहू सोच रही थी कि रंडी सुंदरी वापस क्यों नहीं आई! दस मिनट हो गए...सुंदरी रूम में नहीं आई....बहू कि चुत मुनीम से चुदवाने के बाद ठंडी हो गई थी लेकिन बहू और मजा लेना चाहती थी कम मौक़ा मिले ना मिले। वह सुंदरी की चूत का माल ज्यादा से ज्यादा अपने मुंह में भरना चाहती थी और वो भी सुंदरी के चूत और बोब्लो का...बहु सुंदरी का चुतरस ज्यादा से ज्यादा अपने मुंह में भरना सोच रही थी।

बहू को डर लगा की,सुंदरी को क्या हुआ! क्या कोई उसे जबरदस्त चोद तो नहीं रहा है? यह सोच कर बहु बेडरूम से बाहर आई बिल्कुल नंगी। बहू की मोटी और बड़ी-बड़ी चुचिया उठ कर निचे जा रही थी और मोटी-मोटी जांघों को लेकर बहू बाहर के कमरे में आई तो जो देखा उसे देखकर बहू को सरप्राइज नहीं हुआ।

सुंदरी के नंगे शरीर पर परम के उम्र का लड़का देख कर बहू को समझने में देर नहीं लगेगी कि यही 'विनोद' है।

बहू उनके पैर की तरफ खड़ी थी। बहू ने देखा कि विनोद ने सुंदरी को कस कर बाहों में लेकर खूब जोर-जोर से चोद रहा था। सुंदरी ने अपनी जांघों को ऊपर उठाये रखा था और कुल्हे उछाल कर चुदाई करवा रही थी। बहू ने देखा कि विनोद का लंड सटासट सुंदरी की चूत में अंदर-बाहर कर रहा था। फिर बहु ने सोचा की जहा मुनीमजी का लंड गया हो वह चूत में एकसाथ दो दो लंड जाए तभी उसे शान्ति हो सकती है। यह मुनीमजी भी ना क्या लंड लेके पैदा हुए है।

बहू की जांघें फैली हुई थीं और उसका हाथ आने आप अपनी चूत के ऊपर चला गया और बहू अपनी चूत रगड़ने लगी। बहु ने खुद की चूत के दरवाजे कुछ ज्यादा ही खुले हुए पाए, और फिर से मुस्कुराती हुई “क्या मुनीमजी कुछ तो रहने देना था।“ बहू चुपचाप खड़ी रही थी और कभी अपनी छाती को दबाती और चूत से खेल रही थी। तभी सुंदरी ने बहू को देखा और मुस्कुरा दी। बहु ने उसे चुप रहने का इशारा किया। बहू को देख कर सुंदरी का गुस्सा ख़तम हो गया और सुंदरी ने विनोद को किस करते हुए पूछा।

“अच्छा विनोद, ये बता…गांव में इतनी मस्त गर्ल्स हैं तो फिर तू मेरी जैसी दो-दो बच्चों की माँ को क्यों चोदना चाहता है…? और खास कर मुनीमजी जैसे लैंड की गुलाम को कैसे पसंद किया?”

“ओह…रानी…तेरे जैसी माल इस गांव में क्या आस-पास के गांव में कोई नहीं है…मैं कोलकाता भी जाता हूं और वहा भी चुदाई करता हूं लेकिन कोई भी तुम्हारा जैसा माल नहीं…तू कोलकाता मे चुदवायेगी तो सबसे अमीर महिला हो जायेगी…तेरी चूत का स्वाद जो एक बार लेगा वो शरबत को भूल जाएगा!'' बहू ने यह सब सुना और वह विनोद की बात से पूरी तरह सहमत हो गई।

विनोद को नहीं पता था कि कोई और उसे सुंदरी को चोदते हुए देख रहा है। विनोद ने लंड को चूत से पूरा बाहर निकाला और खूब जोर से धक्का मारा…

“ओह्ह…माआआ…आह……मजा आआ…गयाआ…।” बहु जानती थी की सुंदरी विनोद को उकसाने और उसके धक्के ज्यादा लगे उसके लिए यह नाटक कर रही थी। वह मुनीमजी पहले से ही बमबारी कर चुके थे।

सुंदरी जोर से कराह उठी। विनोद को प्रोत्साहन मिला और फिर दोबारा लंड को बाहर निकाला और दोबारा खूब जोर से धक्का मारा…

“आह्ह्ह्ह…बेटा…आह्ह्ह्ह…मै…तो.....गयी…।! फाड़ दी मेरी चूत को.....अब पति को क्या दिखौंगी....इतना बड़ा खेत बना दिया....”

सुंदरी ने पैर और हाथ से विनोद को जकड़ा और फिर ढीला कर दिया। लेकिन विनोद उसे तेजी से चोदता रहा और जल्द ही उसने सुंदरी की चूत को अपने रस से भर दिया। बहू ने उन्हें एक-दूसरे को सहलाते और चूमते देखा। फिर विनोद सुंदरी के शरीर से अलग हो गया और सुंदरी की साड़ी जमीन से खींच ली।
फनलवर की प्रस्तुति।

“साडी का क्या करेगी, पहनेगी क्या? “

यह सुनते ही विनोद पलट गया। उन्होंने जबरदस्त औरत देखी। विनोद ने 100 से ज्यादा नंगी मालों को देखा और आनंद लिया, लेकिन उसने इतने भरे हुए और बड़े रसीले स्तनों की जोड़ी कभी नहीं देखी थी। विनोद ने अपनी नजरें उस महिला, बहू पर नीचे की ओर घुमाईं और उन्हें एक मोटी जांघें और उन जांघों के बीच एक फूली और सूजी हुई बड़े आकार की चूत दिखाई दी। विनोद उसे चोदने से ज्यादा उन दूध के गोलों को चूसना चाहता था।
नीता की पेशकश।

“लंड साफ करेगी…!” विनोद ने हकलाते हुए कहा।

“तेरे लये तो नहीं पर इस लंड पर सुंदरी का चुतरस को जरुरु चाट लुंगी। यह रस मेरे लिए अमृत समान है।”

बहू आगे बढ़ी और विनोद के हाथ से साड़ी खींचकर दूर फेंक दी। वह सुन्दरी के पास बैठ गयी और विनोद को कमर से पकड़ लिया। विनोद का लंड सुंदरी की चुदाई बहुत ढीला हो गया था। बहू ने एक हाथ से लंड को पकड़ा और कहा:

“सुंदरी, तुमने साले को पूरा निचोड़ लिया…!”

इतना कहकर बहू ने सिर नीचे कर लिया और लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप जैसे चुसने लगी। सुंदरी उठी और रसोई में चली गई, वह 10 मिनट बाद लौटी और तब तक बहू विनोद का लंड चबा रही थी। विनोद का लंड फिर से अकड़ने लगा। सुंदरी तीन गिलास थोड़े से जूस के साथ आई। तीनो ने एक गिलास पिया।

ड्रिंक खत्म होने के बाद सुंदरी ने बहू से कहा- “बिस्तर पर लेट जाओ बहु”।

बहु ने कहा: “सुंदरी आज जाने दो थक सी गई हूँ।” बहु ने अपनी सूजी हुई और बड़े होल वाली चूत की तरफ इशारा करते हुए कहा।

“आज जी भर के जी ले बहु फिर मौक़ा मिले तो फिर खा लेना, चूत में काफी भूख होती है।“ सुंदरी ने बहु को खिंच के लिटा दिया।

बहू दोनो जांघों को फैला कर लेट गई और सुंदरी ने विनोद से बहू की चुचियों का मजा लेने को कहा। सुंदरी को लगा कि बहू की चुचियो का मजा लेकर विनोद का लंड जल्द ही टाइट हो जाएगा। विनोद एक हाथ से बोबले को दबाते हुए बहू को दूसरी चुची (निपल) को चूसने लगा।


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।। जय भारत ।।
Nice update
 

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हा हा हा हा क्या सीन लिखा है एक 12 इंच के खीरे से सुन्दरी खुद भी और सेठ की जवान बड़ी बहू की लन्ड का मजा दे रही है गजब सीन लिखा है । और उसके बाद मुनीम का मोटा हलाबी सुपाड़ा सेठजी की बहू की चूत को खोद रहा था । मुनीम की तो बुढ़ापे मे चल निकली है । मतलब पांचों उंगली घी में और सर कढ़ाई में वाली कहावत चरितार्थ हो गई । सुन्दरी तो काम देवी है एक से एक नए पैंतरे आजमाती है काम कला के । बहुत ही गजब का अपडेट लिखा है पिछले अपडेट की तरह । थैंक यू ।
जी आप की बात सही है

इस खानी में सब व्यंजन परोसने का प्रयास है और कोशिश करती हु

शुक्रिया दोस्त
 
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