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sunoanuj

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चलिए अब कहानी में आगे चलते है...........


उधर......


अंदर कमरे में, उषा बिस्तर पर बैठी अपने स्तनों को सहला रही थी। उसे हैरानी हो रही थी कि उसने अपने से *** साल छोटे लड़के को अपने इतने प्यारे स्तनों को सहलाने की इजाज़त कैसे दी। शादी के बाद पिछले चार सालों में उसके पति के अलावा किसी ने उसके स्तनों को नहीं सहलाया, जबकि शादी से पहले उसने तीन-चार लोगों को चूमने और सहलाने की इजाज़त दी थी। उसे हैरानी हुई कि परम ने जो किया, वह उसे पसंद आया। उसने परम के लंड का कसाव भी अपनी कमर पर महसूस किया और यह सोचकर ही सिहर उठी। उसने मन ही मन फुसफुसाया

“साला मादरचोद उसको पता ही नहीं चला की मेरी गांड की दरार कहा है, वही उसे अपना लंड को सटा ना चाहिए था। थोडा बहूत रगड़ देता मेरी गांड को तो उसके बाप का क्या जाता! वैसे भी उतनी दुरी होते हुए भी उसका लंड मेरी गांड की दरार को धुंध रहा था, मतलब की साले का माल बहोत बड़ा है। अच्छा चोदु हो सकता है......”
आप मैत्री और नीता की अनुवादित रचना पढ़ रहे है

"मैं परम से चुदवाऊँगी.."

उसी समय सुंदरी चाय की ट्रे और कुछ खाने का सामान लेकर आ गई। सुंदरी ने परम के बारे में पूछा। उसने कोई जवाब नहीं दिया, बल्कि सुंदरी और उसकी बेटी के बारे में बात घुमा दी। उषा ने महक के बारे में पूछा और यह भी पूछा कि वह अपनी जवानी कैसे संभाल रही है। सुंदरी ने उत्तर दिया,

“बहुत आसान है, खूब खाओ, और खूब चुदवाओ”… और दोनों हंस पड़े..

“लगता है दीदी तुम खूब माल खाती हो!”

“ये बताने की बात नहीं है.!।” सुंदरी ने उषा से कहा और उसने अपने स्तन सहलाये।

“तुम्हारे बोबले बहुत बड़ी बड़ी है,..बहुत से लोग तुम्हारी लाइन मारते होंगे…सिर्फ बोबला दबाने के लिए।, इतने बड़े बड़े चुचियो को कैसे संभाल कर रखती हो…” सुंदरी ने जोरो से उसके बोबले को मसला..

“सीसीसीसीसीसीसीसीसीसीसीसीसी,” बहू कराह उठी। “पहला बेटा मसल कर गया और अब माँ चुची दबा रही है।”

सुंदरी बहू की चुची को सहलाते हुए कहा “साला बहुत हरामी हो गया है.. आने दो मैं दातुंगी…”
आप मैत्री और फनलव की रचना पढ़ रहे है

बहू ने एक हाथ सुंदरी की जांघों पर रखा और कहा "तुम परम को मत कुछ बोलना, मैं खुद समजा दूंगी। जानती हो! आज शादी के चार साल में पहली बार किसी ने मेरी चूची दबायी है।"

सुंदरी ने बहू का हाथ अपनी जांघों से उठाया कर साड़ी के ठीक ऊपर नंगी पेट (पेट) पर रख दिया। और खुद अपनी उंगलियों से बहू की निपल्स को मसलने लगी।

"उषा, तू तो किस्मत बाली हो...तुम्हें चार साल बाद ही कोई चुची दबाने बाला मिल गया। मुझे तो 17 साल के बाद किसी ने हाथ लगाया।"

“कब…कौन…उसने तुम्हें चोदा?..”कहते हुए बहू ने अपने हाथ सुंदरी के साड़ी के अंदर डाला।

“तू क्या कर रही है.. कोई आ जाएगा तो क्या बोलेगा…।” सुंदरी बोली..

“बस दीदी, एक बार छूने दो…” बहू ने हाथ पूरा अंदर घुसा कर सुंदरी के चिकनी चूत को मसल दिया। “बोलो ना दीदी उसने चोदा भी.. ।”

सुंदरी ने जांघों को फैला दिया और बहू को आराम से चूत मसलने दिया। और कहा (उसने झूठ बोला):

“नहीं चुदवाई नहीं, सिर्फ चुची ही मसलवाई…लेकिन सच कहु..जबसे साले ने चुची मसला है चूत में खलबली हो रही है.. ।”

अब बहू सुंदरी की योनि को मसल रही थी, “कौन था वह किस्मतवाला जिसने एक सुन्दर सुंदरी के बोबले को मसला?”

“परम का दोस्त, विनोद..” सुंदरी को मजा आ रहा था… “बस अब निकाल लो, कोई आ जाएगा… कभी घर पे आओ तो पूरा मजा दूंगी.. ।” सुंदरी ने भी बहू के चूची के उभारो से हाथ हटाया और उसकी साड़ी के अंदर हाथ घुसेड़ कर बहू का चूत मसलने लगी… और कहा, “तू कभी मेरे घर आ, परम से चुदवाना और फिर हम दोनो उसका दोस्त विनोद से चुदवाएंगे… विनोद बहुत बड़ा चुद्दकड़ है.. यहाँ तक कि अपनी माँ और बहन को भी चोदता है.. उसने खुद कहा है।”

“हें.. कोई अपनी माँ को भी चोदता है क्या?..” बहू चिल्लाइ!

(सुंदरी ने उसे नहीं बताया कि उसे भी उसके बेटे और उसके दोस्त विनोद और सेठजी ने चोदा है)…

उसमे कौन सी बड़ी बात है बहु, अब यह गाव में घर घर में होता जा रहा है बस सबका मुह बंद होता है और घर में क्या होता है, सच कह रही हु ना, तुम्हारी माँ भी तो .......शायद मैं सब जानती हु”

बहु ने सुंदरी के मुह पर हाथ रखते हुए कहा:”बस, बस अपना मुह बंद रखो अगर जानती हो तो.....!”

“तुम भी तो कुछ अच्छे फलो का स्वाद लेके यहाँ बहु बनी हो..सही है न....!”

“जी दीदी” पर अब बंद करो अपना यह बकवास, जानती हो तो अपने तक रखो प्लीज़....हा मैंने भी लिया है पर अब चुप....!”

"कल ही आ जा। खूब चुदाई करेंगे।" दोनो साड़ी के अंदर एक दूसरे का चूत मसल रहे थे।

बहू डर रही थी..” किसी को पता चलेगा तो..”

“तुम डरती हो..मज़ा लेना है तो हिम्मत करना ही पड़ेगा…थोडा बहोत मुज पर छोड़ दे सेठानी की परवाह मत कर उनको मैं संभाल लुंगी साली नंगी औरत को।”
आप फनलव और मत्री की अनुवादित रचना में है

“कोई तुम्हें चोदेगा उसे पहले मैं तुम्हें चोदूंगी…दीदी तुम मेरी पहली पसंद हो और तुम्हारी चूत का रस पि लेने दो।” कहते हुए बहू ने सुंदरी को बिस्तर पर लिटा दिया और साड़ी पेटीकोट को कमर तक उठा दिया। सुंदरी ने सुबह ही विनोद से चुदवाने के लिए झांट साफ़ किया था और चूत बिल्कुल चिकनी थी..”

“ओह… दीदी, तुम्हारी चूत तो… बहुत मस्त है..” कहते हुए बहू ने चूत में उंगली घुसा दी…!



सुंदरी ने बहू को कुछ बार चोदने दिया और फिर उठ गई। सेठानी ने सुंदरी को बुलाया और वे दोनों बाहर आ गईं।

******



रोज की तरह .........


आज भी आपके फीडबेक (मंतव्य) की प्रतीक्षा रहेगी।
बहुत ही शानदार और कामुक अपडेट दिया है ! परम के तो जबरदस्त मज़े आ रहे हैं !
 

Funlover

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Kya Sudha aur uske Baap ka bhi milan hai es kahani me? koi batayega.. plz
शुक्रिया सर कहानी को पढने के लिए

आप काफी आगे का पूछ रहे है जिसके बारे में अभी सोचा तक नहीं गया............ आपका सुझाव ध्यान में है समय मिलने पर कुछ करेंगे...लेकिन उसके लिए आप कहानी को पढ़ते रहिये
 

Funlover

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बहुत ही शानदार और कामुक अपडेट दिया है ! परम के तो जबरदस्त मज़े आ रहे हैं !
जी बिलकुल सही कहा अपने ...............अब परम को तो मजे ही मजे है ....माँ-बेटी और बहोत लोग उसके साथ करने के लिए लाइन लगा के रखे हुए है.........
 

Ajju Landwalia

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चलिए अब कहानी में आगे चलते है...........


उधर......


अंदर कमरे में, उषा बिस्तर पर बैठी अपने स्तनों को सहला रही थी। उसे हैरानी हो रही थी कि उसने अपने से *** साल छोटे लड़के को अपने इतने प्यारे स्तनों को सहलाने की इजाज़त कैसे दी। शादी के बाद पिछले चार सालों में उसके पति के अलावा किसी ने उसके स्तनों को नहीं सहलाया, जबकि शादी से पहले उसने तीन-चार लोगों को चूमने और सहलाने की इजाज़त दी थी। उसे हैरानी हुई कि परम ने जो किया, वह उसे पसंद आया। उसने परम के लंड का कसाव भी अपनी कमर पर महसूस किया और यह सोचकर ही सिहर उठी। उसने मन ही मन फुसफुसाया

“साला मादरचोद उसको पता ही नहीं चला की मेरी गांड की दरार कहा है, वही उसे अपना लंड को सटा ना चाहिए था। थोडा बहूत रगड़ देता मेरी गांड को तो उसके बाप का क्या जाता! वैसे भी उतनी दुरी होते हुए भी उसका लंड मेरी गांड की दरार को धुंध रहा था, मतलब की साले का माल बहोत बड़ा है। अच्छा चोदु हो सकता है......”
आप मैत्री और नीता की अनुवादित रचना पढ़ रहे है

"मैं परम से चुदवाऊँगी.."

उसी समय सुंदरी चाय की ट्रे और कुछ खाने का सामान लेकर आ गई। सुंदरी ने परम के बारे में पूछा। उसने कोई जवाब नहीं दिया, बल्कि सुंदरी और उसकी बेटी के बारे में बात घुमा दी। उषा ने महक के बारे में पूछा और यह भी पूछा कि वह अपनी जवानी कैसे संभाल रही है। सुंदरी ने उत्तर दिया,

“बहुत आसान है, खूब खाओ, और खूब चुदवाओ”… और दोनों हंस पड़े..

“लगता है दीदी तुम खूब माल खाती हो!”

“ये बताने की बात नहीं है.!।” सुंदरी ने उषा से कहा और उसने अपने स्तन सहलाये।

“तुम्हारे बोबले बहुत बड़ी बड़ी है,..बहुत से लोग तुम्हारी लाइन मारते होंगे…सिर्फ बोबला दबाने के लिए।, इतने बड़े बड़े चुचियो को कैसे संभाल कर रखती हो…” सुंदरी ने जोरो से उसके बोबले को मसला..

“सीसीसीसीसीसीसीसीसीसीसीसीसी,” बहू कराह उठी। “पहला बेटा मसल कर गया और अब माँ चुची दबा रही है।”

सुंदरी बहू की चुची को सहलाते हुए कहा “साला बहुत हरामी हो गया है.. आने दो मैं दातुंगी…”
आप मैत्री और फनलव की रचना पढ़ रहे है

बहू ने एक हाथ सुंदरी की जांघों पर रखा और कहा "तुम परम को मत कुछ बोलना, मैं खुद समजा दूंगी। जानती हो! आज शादी के चार साल में पहली बार किसी ने मेरी चूची दबायी है।"

सुंदरी ने बहू का हाथ अपनी जांघों से उठाया कर साड़ी के ठीक ऊपर नंगी पेट (पेट) पर रख दिया। और खुद अपनी उंगलियों से बहू की निपल्स को मसलने लगी।

"उषा, तू तो किस्मत बाली हो...तुम्हें चार साल बाद ही कोई चुची दबाने बाला मिल गया। मुझे तो 17 साल के बाद किसी ने हाथ लगाया।"

“कब…कौन…उसने तुम्हें चोदा?..”कहते हुए बहू ने अपने हाथ सुंदरी के साड़ी के अंदर डाला।

“तू क्या कर रही है.. कोई आ जाएगा तो क्या बोलेगा…।” सुंदरी बोली..

“बस दीदी, एक बार छूने दो…” बहू ने हाथ पूरा अंदर घुसा कर सुंदरी के चिकनी चूत को मसल दिया। “बोलो ना दीदी उसने चोदा भी.. ।”

सुंदरी ने जांघों को फैला दिया और बहू को आराम से चूत मसलने दिया। और कहा (उसने झूठ बोला):

“नहीं चुदवाई नहीं, सिर्फ चुची ही मसलवाई…लेकिन सच कहु..जबसे साले ने चुची मसला है चूत में खलबली हो रही है.. ।”

अब बहू सुंदरी की योनि को मसल रही थी, “कौन था वह किस्मतवाला जिसने एक सुन्दर सुंदरी के बोबले को मसला?”

“परम का दोस्त, विनोद..” सुंदरी को मजा आ रहा था… “बस अब निकाल लो, कोई आ जाएगा… कभी घर पे आओ तो पूरा मजा दूंगी.. ।” सुंदरी ने भी बहू के चूची के उभारो से हाथ हटाया और उसकी साड़ी के अंदर हाथ घुसेड़ कर बहू का चूत मसलने लगी… और कहा, “तू कभी मेरे घर आ, परम से चुदवाना और फिर हम दोनो उसका दोस्त विनोद से चुदवाएंगे… विनोद बहुत बड़ा चुद्दकड़ है.. यहाँ तक कि अपनी माँ और बहन को भी चोदता है.. उसने खुद कहा है।”

“हें.. कोई अपनी माँ को भी चोदता है क्या?..” बहू चिल्लाइ!

(सुंदरी ने उसे नहीं बताया कि उसे भी उसके बेटे और उसके दोस्त विनोद और सेठजी ने चोदा है)…

उसमे कौन सी बड़ी बात है बहु, अब यह गाव में घर घर में होता जा रहा है बस सबका मुह बंद होता है और घर में क्या होता है, सच कह रही हु ना, तुम्हारी माँ भी तो .......शायद मैं सब जानती हु”

बहु ने सुंदरी के मुह पर हाथ रखते हुए कहा:”बस, बस अपना मुह बंद रखो अगर जानती हो तो.....!”

“तुम भी तो कुछ अच्छे फलो का स्वाद लेके यहाँ बहु बनी हो..सही है न....!”

“जी दीदी” पर अब बंद करो अपना यह बकवास, जानती हो तो अपने तक रखो प्लीज़....हा मैंने भी लिया है पर अब चुप....!”

"कल ही आ जा। खूब चुदाई करेंगे।" दोनो साड़ी के अंदर एक दूसरे का चूत मसल रहे थे।

बहू डर रही थी..” किसी को पता चलेगा तो..”

“तुम डरती हो..मज़ा लेना है तो हिम्मत करना ही पड़ेगा…थोडा बहोत मुज पर छोड़ दे सेठानी की परवाह मत कर उनको मैं संभाल लुंगी साली नंगी औरत को।”
आप फनलव और मत्री की अनुवादित रचना में है

“कोई तुम्हें चोदेगा उसे पहले मैं तुम्हें चोदूंगी…दीदी तुम मेरी पहली पसंद हो और तुम्हारी चूत का रस पि लेने दो।” कहते हुए बहू ने सुंदरी को बिस्तर पर लिटा दिया और साड़ी पेटीकोट को कमर तक उठा दिया। सुंदरी ने सुबह ही विनोद से चुदवाने के लिए झांट साफ़ किया था और चूत बिल्कुल चिकनी थी..”

“ओह… दीदी, तुम्हारी चूत तो… बहुत मस्त है..” कहते हुए बहू ने चूत में उंगली घुसा दी…!



सुंदरी ने बहू को कुछ बार चोदने दिया और फिर उठ गई। सेठानी ने सुंदरी को बुलाया और वे दोनों बाहर आ गईं।

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आज भी आपके फीडबेक (मंतव्य) की प्रतीक्षा रहेगी।

Bahut hi gazab ki mast update he Funlover ji

Seth ki bahu ko bhi ab param ka lund chahiye........

Pehle se hi kheli khayi he ye bahu..........

Sundri ne sahi sheeshe me utar liya he ise...........

Keep posting dear
 

Funlover

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Bahut hi gazab ki mast update he Funlover ji

Seth ki bahu ko bhi ab param ka lund chahiye........

Pehle se hi kheli khayi he ye bahu..........

Sundri ne sahi sheeshe me utar liya he ise...........

Keep posting dear
Ji aapne sahi kaha ki bahu kheli khayi hai... Uske past me jane ki jarurat nahi samji.
Vaise bhi wah sex stories and porn material ki shaukin hai. Aur ab sundari ne
 
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