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अपडेट 4
विजय ने घर में आते ही अपने कपड़े निकाले और बाथरूम में घुस गया, उसको अपने लंड में बुहत ज़ोर का दबाव महसूस हो रहा था । उसने अपना हाथ से अपने लंड को सहलाना शुरू किया तो उसे मजा आने लगा और वह अपने हाथ को अपने लंड पर ज़ोर से ऊपर नीचे करने लगा ।
कुछ ही देर में उसका बदन अकडने लगा और उसके मूह से एक हिचकी निकली, विजय के लंड से पहले वीर्य निकल कर बाथरूम के फर्श पर गिरने लगा । विजय को अब बुहत हल्का महसूस हो रहा था उसने शावर ऑन करते हुए नहाया और कपडे पहन कर बाथरूम से निकलते हुए बाहर खाने की मेज़ पर आ गया।
विजय खाना खाने के बाद अपने कमरे में चला गया और उसकी दोनों बहनें भी अपने अपने कमरे में चलि गई, कंचन अपने कमरे में आते ही बेड पर लेट गयी। कंचन को अपनी एक सहेली की बात याद आ गयी ।
कंचन की कॉलेज में बुहत सहेलिया थी मगर उसकी एक सहेली जो सारा वक्त उसके साथ रहती थी उसका नाम नीलम था, दिखने में वह बुहत सेक्सी थी उसके क़द इतना बड़ा नहीं था मगर उसकी चुचियां और गांड बुहत बड़ी थी इसी लिए वह बुहत सेक्सी दिखती थी।
नीलम दिखने में सिर्फ सेक्सी नहीं थी मगर वह सच्ची में बुहत सेक्सी थी, उसे सारा वक्त चुदाई की बाते ही आती थी और कॉलेज में तो उसने बुहत गुल खिलाये हुए थे, उसे जो अच्छा लग जाता था वह उससे चुद्वाती थी चाहे वह कॉलेज का टीचर हो या चपरासी ।
कंचन आज जैसे ही फ्री पीरियड में पार्क में आकर बैठी, नीलम भी वहां आते हुए उसके साथ बैठ गयी । नीलम ने बैठते ही आदत के मुताबिक़ कंचन को तंग करना शुरू कर दिया।
"यार देखो तो क्या बॉडी है कोई भी लड़का तुम्हें देखते ही तुम्हारा दीवाना हो जाये और तुम हो के अभी तक अपनी जवानी को यूँ ही बर्बाद कर रही हो, यार एक बार अपनी जवानी का रस किसी को चखा कर देखो सारी उम्र मुझे दुआएँ देती रहोगी की नीलम ने क्या सलाह दी थी ।
कंचन ने नीलम की बात सुनते हुए कहा "यार तुम्हें और कोई काम धन्धा नहीं क्या जब देखो सिर्फ गन्दी बाते करती रहती हो ?"
"क्या करे यार तुम तो बिलकुल बुधू हो मेरा फिगर अगर तुम जैसे होता तो सारे कॉलेज के लड़कों को अपने पल्लु से बाँध कर रखती", नीलम ने ठण्डी आह भरते हुए कहा।
विजय ने घर में आते ही अपने कपड़े निकाले और बाथरूम में घुस गया, उसको अपने लंड में बुहत ज़ोर का दबाव महसूस हो रहा था । उसने अपना हाथ से अपने लंड को सहलाना शुरू किया तो उसे मजा आने लगा और वह अपने हाथ को अपने लंड पर ज़ोर से ऊपर नीचे करने लगा ।
कुछ ही देर में उसका बदन अकडने लगा और उसके मूह से एक हिचकी निकली, विजय के लंड से पहले वीर्य निकल कर बाथरूम के फर्श पर गिरने लगा । विजय को अब बुहत हल्का महसूस हो रहा था उसने शावर ऑन करते हुए नहाया और कपडे पहन कर बाथरूम से निकलते हुए बाहर खाने की मेज़ पर आ गया।
विजय खाना खाने के बाद अपने कमरे में चला गया और उसकी दोनों बहनें भी अपने अपने कमरे में चलि गई, कंचन अपने कमरे में आते ही बेड पर लेट गयी। कंचन को अपनी एक सहेली की बात याद आ गयी ।
कंचन की कॉलेज में बुहत सहेलिया थी मगर उसकी एक सहेली जो सारा वक्त उसके साथ रहती थी उसका नाम नीलम था, दिखने में वह बुहत सेक्सी थी उसके क़द इतना बड़ा नहीं था मगर उसकी चुचियां और गांड बुहत बड़ी थी इसी लिए वह बुहत सेक्सी दिखती थी।
नीलम दिखने में सिर्फ सेक्सी नहीं थी मगर वह सच्ची में बुहत सेक्सी थी, उसे सारा वक्त चुदाई की बाते ही आती थी और कॉलेज में तो उसने बुहत गुल खिलाये हुए थे, उसे जो अच्छा लग जाता था वह उससे चुद्वाती थी चाहे वह कॉलेज का टीचर हो या चपरासी ।
कंचन आज जैसे ही फ्री पीरियड में पार्क में आकर बैठी, नीलम भी वहां आते हुए उसके साथ बैठ गयी । नीलम ने बैठते ही आदत के मुताबिक़ कंचन को तंग करना शुरू कर दिया।
"यार देखो तो क्या बॉडी है कोई भी लड़का तुम्हें देखते ही तुम्हारा दीवाना हो जाये और तुम हो के अभी तक अपनी जवानी को यूँ ही बर्बाद कर रही हो, यार एक बार अपनी जवानी का रस किसी को चखा कर देखो सारी उम्र मुझे दुआएँ देती रहोगी की नीलम ने क्या सलाह दी थी ।
कंचन ने नीलम की बात सुनते हुए कहा "यार तुम्हें और कोई काम धन्धा नहीं क्या जब देखो सिर्फ गन्दी बाते करती रहती हो ?"
"क्या करे यार तुम तो बिलकुल बुधू हो मेरा फिगर अगर तुम जैसे होता तो सारे कॉलेज के लड़कों को अपने पल्लु से बाँध कर रखती", नीलम ने ठण्डी आह भरते हुए कहा।