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Incest परिवार (दि फैमिली) (Completed)

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कंचन और विजय दोनों की ज़िंदगी का यह पहला चुम्बन था, कंचन और विजय दोनों अपने होंठ एक दुसरे के लबों से मिलते ही किसी दूसरी दुनिया में पुहंच गए । कंचन ने भी मज़े से अपने हाथों को अपने भाई के बालों में घुमाते हुए उसके साथ चुम्बन का मजा लेने लगी ।
विजय अपनी बहन का विरोध ख़तम होते ही उसे खीचते हुए पूरा अपने ऊपर सुला दिया, कंचन अब अपनी दोनों टाँगें को अपने भाई के पेट पर फैलाकर लेटी थी और अपने भाई के चुम्बन का जवाब चुम्बन से दे रही थी ।

विजय को अपनी बहन के गुलाबी लबों को चूसते हुए बुहत मजा आ रहा था और उसका फनफनाता हुआ लंड उसकी बड़ी बहन कंचन की गांड पर टक्कर मार रहा था, कंचन भी अपने भाई से अपने होंठ चुसवाते हुए बुहत गरम हो चुकी थी जिस वजह से उसकी चूत से पानी निकल कर अपने छोटे भाई के पेट पर गिर रहा था ।
विजय अपनी बहन के दोनों लबों को अपने मूह में भरकर चूस रहा था, कंचन की साँसें बुहत ज़ोर से चल रही थी और वह अपनी चूत को अपने सगे भाई के पेट पर ज़ोर से रगड रगड कर अपने होंठ चुसवा रही थी।

विजय ने अपने मूह से अपनी बड़ी बहन के होंठों को निकालते हुए उसके गर्दन को चुमने लगा और अपने हाथों को उसकी पीठ से रेंगता हुआ अपनी अपनी बड़ी बहन की चुचियों को पकड लिया ।
कंचन अपने भाई के हाथ अपनी चुचियों पर पड़ते ही कांप उठी, विजय अपनी सगी बहन की नरम चुचियों को दबाता हुआ अपना मूह उसके काँधे से नीचे लाते हुए उसकी चुचियों तक आ गया और अपनी बड़ी बहन की एक चूचि के गुलाबी दाने को अपने मूह में भर लिया ।

"आह्ह शी ईईईईईईईईईईई
कंचन अपने चूचि का निप्पल अपने छोटे भाई के मूह में जाते ही मज़े से तड़पते हुए सिसक उठी", विजय अपनी बड़ी बहन की नरम चूचि को एक हाथ से सहलाते हुए दुसरे हाथ से उसकी पीठ सहला रहा था ।
विजय का लंड उत्तेजना के मारे बुहत ज़ोरों से कंचन की गांड से टकरा रहा था, विजय अपनी सगी बहन की अनछुई चूचि को बुहत ज़ोर से चूस रहा था । विजय को अपनी बड़ी बहन की चूचि चूसते हुए बुहत मजा आ रहा था।
🥵🥵🥵hot and sexy👙👠💋👙👠💋👙👠💋 update
 

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कंचन के जिस्म ने अब अकडना शुरू कर दिया था, अपने बड़े भाई के इतने ज़ोर से उसकी चूचि चूसने से उसके पूरे जिस्म में अनोखे मज़े से सिहरन हो रही थी । कंचन की साँसें बुहत ज़ोर से चल रही थी, उसे अपनी चूत में भी बुहत ज़ोर की गुदगुदी महसूस हो रही थी ।

कंचन ने अपने भाई के बालों को सहलाते हुए अपनी चूत ज़ोर से उसके पेट पर रगडने लगी, कंचन अपनी चूचि के चूसने से बुहत ज़्यादा उत्तेजित होकर झरने के क़रीब पुहंच गयी थी । कंचन ने अचानक अपने छोटे भाई के मूह में अपनी चूचि को ज़ोर से दबा दिया ।

कंचन ने अपनी चूचि को इतनी ज़ोर से अपने छोटे भाई के मूह में दबाया की उसकी चूचि आधे से ज़्यादा उसके छोटे भाई के मूह में चली गई । कंचन का बदन बुहत ज़ोर से काँपने लगा, वह बुहत ज़ोर से आहें भरते हुए अपनी चूत को विजय के पेट पर रगड रही थी ।
कंचन का पूरा जिस्म उतेजना के मारे काम्पने लगा। कंचन की चूत अचानक झटके खाने लगी और वह "उह आह्ह इश करते हुए वह झरने लगी" । विजय को अपने पेट पर कुछ गर्म गर्म सा अह्सास हुआ, यह अह्सास उसकी बड़ी बहन की चूत से निकालते हुए पानी का था।

कंचन की चूत कुछ देर तक अपने भाई के पेट पर पानी छोड़ती रही, कुछ देर बाद कंचन बिलकुल शांत होकर अपने छोटे भाई के ऊपर पडी थी । विजय अभी तक अपनी बड़ी बहन की नरम नरम चुचियों को सहलाने और चुसने में खोया हुआ था ।
विजय अपनी बहन को शांत देखकर उसको अपनी बाँहों में भरते हुए अपने ऊपर से उठाकर सीधा सुला दिया और खुद उसकी टांगों को चौड़ा करते हुए अपनी बड़ी बहन के ऊपर चढ गया ।

विजय अपनी बड़ी बहन के ऊपर ऐसे चढा हुआ था की उसक लंड सीधा कंचन की चूत पर रगड रहा था । विजय अपने लंड को बुहत ज़ोर से अपनी बड़ी बहन की कुँवारी चूत पर रगडते हुए उसकी चुचियों को अपने हाथों से सहलाने लगा ।
कंचन को विजय का लंड अपनी चूत पर ऊपर से नीचे तक रगडता हुआ महसूस हो रहा था, कंचन को डर लगने लगा कहीं उसके भाई ने अपना लम्बा और मोटा लंड उसकी चूत में घुसेड दिया तो वह बर्दाशत नहीं कर पायेगी और उसके चीख़ने से पकडे जाने का डर था।

"क्या कर रहे हो विजु " कंचन ने अचानक अपने भाई को धक्का देते हुए अपने ऊपर से हटा दिया।
"दीदी क्या हुआ बुहत मजा आ रहा था, प्लीज करने दो ना" विजय ने गिडगिडाते हुए कहा।
"बुहत हो चुका, मैं इसके आगे नहीं जा सकती" कंचन गुस्से से उठते हुए अपने कपडे पहनने लगी ।
"देखो न दीदी यह कैसा मुझे तँग कर रहा है" विजय भी बेड से उठते हुए अपनी बड़ी दीदी के सामने खडा होकर अपने खडे लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला,
"तंग मत कर विजू", कंचन ने अपनी सलवार पहंनते हुए कहा ।
Nice update👍👍
 
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Bhai koi iss story ko Hinglish me likh sakta hai
 
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