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Incest परिवार बिना कुछ नहीं।

Pk8566

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मैं अपनी कहानी अपनी तरीके से ही लिखूंगा। कृपया यहां मेरी कहानी में गाली गलौज ना करे और साथ ही साथ आपसे अपील हैं कि किसी भी तरह का कोई भी फोटो ना अड करे नहीं तो मैं कहानी को यहीं खत्म कर दूंगा।
धन्यवाद ।
 

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सुबह जैसे ही माही की आंख खुलती हैं तो उसे अपने हालात का एहसास होता है कि वो मात्र एक झीनी सी लिंगरी में समर की बांहों में उससे लिपटी हुई हैं और समर के हाथ उसकी कमर से होते हुए उसके लगभग नंगे चूतड़ों पर टिके हुए हैं और उसका मोटा तगड़ा लंड अभी भी उसकी चूत कि फांकों से सटा हुआ है । उफ्फ कितना मोटा लग रहा है समर का लंड , ये सोचते ही उसकी चूत में चीटियां सी चलने लगती हैं और वो अपना हाथ उठाती हैं और अपनी चूत पर के जाकर रखती हैं तो उसका हाथ समर के लंड को छू जाता है जिससे उसके मुंह से एक आह निकल जाती हैं और वो उठ कर बैठ जाती हैं तो उसकी नजर पहली बार समर के लंड पर पड़ती है तो उसकी चूचियां उपर नीचे होने लगती हैं । उफ्फ कितना लंबा और मोटा हैं इसका लंड , करण भाई के लंड से तो बहुत ज्यादा मोटा और लम्बा हैं और ये भगवान ये इसके लंड में गांठे कैसी है । वो एक बार उसके लंड को हाथ से छूने का लालच नहीं छोड़ पाती और फिर एक बार समर की तरफ देखती हैं जो इस वक़्त गहरी नींद में सोया था। धीरे धीरे से अपने हाथ को उसके लंड पर रख देती हैं जैसे ही इसका हाथ लंड से टच होता है तो लंड उफनते हुए एक जोरदार झटका उपर की ओर लेता हैं मानो अपनी खुशी जाहिर कर रहा हो और समर के जिस्म में हलचल होती है मानो वो जागने वाला हो।
माही तेजी से अपना हाथ पीछे हटा लेती हैं और समर की तरफ देखती हैं जो कि सीधा सोया हुआ था। माही फिर से हिम्मत करके अपने हाथ की उंगली उसके लंड पर ले जाती हैं और हल्का हल्का उसे सहलाने लगती हैं , फिर वो आगे बढ़ते हुए उसके लंड को पकड़ लेती हैं और जैसे ही उसकी उंगलियां लंड की गांठो पर पड़ती है उसके मुंह से एक आह निकल जाती हैं और वो देखती हैं कि कहीं कहीं से उसका लन्ड कुछ ज्यादा मोटा हैं तो कहीं उससे भी ज्यादा मोटा । वो लंड के सुपाड़े को सहलाने हैं और सोचती हैं हाय कितना मोटा सुपाड़ा हैं इसका गोल गोल एक दम लाल मोटे कश्मीरी आलू के आकार का, ये तो जिसकी चूत में भी घिसेगा उसकी फाड़ कर रख देगा । जैसे ही उसके जेहन में चूत शब्द आता है तो उसकी नजर सीधे अपनी चूत पर पड़ती है और वो अपनी टांगे खोल देती हैं तो उसे एहसास होता है कि रात उसकी कोमल चूत के मुंह पर ये लंड कैसे ठोकर मर रहा था । उफ्फ कितनी लाल हो गई है मेरी चूत कि फांके इसके लंड कि रगड़ से । और रात तो मेरी चूत में सुपाड़ा जब टच हो रहा था तो कितना मजा आ रहा था । उफ्फ जब टच करने से ही इतना मजा आया तो जान अंदर जाएगा तो मजे से मेरा तो हाल बेहाल हो जाएगा , लेकिन क्या मेरी मासूम चूत इस मोटे अजगर को निगल पायेगी। वो उत्तेजना के वशीभूत एक बार फिर से लंड की और देखती हैं और इसे सहलाने लगती हैं । उसका हाथ अब पूरे लंड पर घूम रहा था । जैसे ही हाथ गांठो पर छुआ तो उसे एक अजीब सी मस्त रगड़ का एहसास हुआ । उफ्फ जब हाथो पर ही गांठ की इतनी मस्त रगड़ हैं तो चूत पर तो गांठो की रगड़ जन्नत दिखा देगी ये सोचकर वो जोश में आते हुए उसके लंड को जोर से दबा देती हैं जिससे समर को दर्द का एहसास होता है और वो नींद में कराह पड़ता है। माही को अपनी गलती का एहसास होता है जब उसे समर के चेहरे पर दर्द कि लकीर दिखती हैं । वो समर के मुंह के पास जाती हैं और और गौर से देखती हैं तो उसे समर पर बड़ा प्यार आता है और वो धीरे से उसके होंठो को चूमती हैं और और और अपना नाईट सूट उठाकर एक नजर फिर से उसके मस्त लंड पर डालती हैं और तेजी से बाहर निकल कर अपने कमरे में घुस जाती हैं ।

उधर कुछ देर बाद समर की भी आंखे खुल जाती हैं वो जैसे ही उसकी आखों के आंखे रात के दृश्य घूमते हैं उसका लन्ड और टाइट हो जाता है । उफ्फ कितनी मस्त हैं उसका बुआ का शरीर ,
उठी उठी मस्त कठोर चूचियां, पीछे को उभरी हुई बड़ी बड़ी गांड़ । हाय रात वो कैसे अपनी चूत उसके लंड पर रगड़ रही थी, कितना मजा आ रहा था मुझे और माही की तो मजे के कारण दोनो आंखे ही बंद थी। उसके लिप्स कितने रसीले और नाजुक हैं , उफ्फ उसकी चूत कितनी टाइट लग रही थी , इतना जोर लगाने के बाद भी सिर्फ आधा ही सुपाड़ा घुस पाया था ऐसा लग रहा था जैसे अभी चुदाई ही ना हुई हो। कितना रस निकल रहा था चूत से। उफ्फ कितनी प्यासी हैं माही की चूत , इसकी तो रोज दमदार चुदाई होनी चाहिए तभी जाकर उसकी गर्मी शांत होगी।
काश माही मेरी किस्मत में होती ।
तभी उसे उपर किसी के आने की आहट दी और उसने अपने उपर चादर डाल दी। करण आया था
करण: बेटा अब कैसी तबीयत हैं ? सॉरी में रात थका होने के कारण जल्दी सो गया था।"
समर: पापा लग रहा है जैसे एक दम ठीक हूं।
करण: अच्छी बात है बेटा । तुम्हे अभी आराम की सख्त जरूरत है। बस घर में लेटो और आराम करो
समर: जी पापा।
और फिर समर नहाने चला जाता है । नाश्ते की टेबल पर सबकी मुलाकात होती है । माही आ कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी। उसने एक नीले रंग की टी शर्ट और ब्लैक रंग की जींस पहनी थी । टी शर्ट उसके जिस्म पर एक दम टाइट आ रही हैं और और बूब्स पूरे तने हुए थे। करना की तो जैसे हालात खराब हो रही थी । वो बार बार माही की तरफ चोरी चोरी देख रहा था लेकिन माही आराम से नाश्ता करने में व्यस्त थी।
करण: माही कैसी हो अभी? काफी खूबसूरत लग रही हो। माही: शुक्रिया भाई। बस आप सबका प्यार हैं
और नजरे नीचे करके फिर से खाने लगती हैं जबकि करण दीवानों की तरह उसकी तरफ देख रहा था लेकिन माही की को प्रतिक्रिया नहीं थी। नाश्ता खत्म करने के बाद करण ऑफिस चला जाता है और राम्या भी अपनी सहेली के घर चली जाती हैं। घर में अब सिर्फ काम्या और माही के साथ समर रह गया था। काम्या किचेन में चली जाती हैं तो हॉल में बस अब माही और समर बचे थे।
रात जो उनके बीच हुआ था उसके बाद अब तक उनमें कोई बात नहीं हुई थी। दोनो ही नजरे नीची करके टीवी देख रहे थे।
 

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दोनो के मन में बहुत से सवाल थे जो उन्हें एक दूसरे से पूछने थे लेकिन हिम्मत दोनो में से को भी नहीं जुटा पा रहा था। माही धीरे से अपनी नजरे उपर उठाती है और अपने पास बैठे समर की तरफ देखती जिसका ध्यान पूरी तरह से टीवी पर था। समर को देखती हुई माही को रात वाली घटना याद आने लगती है और उसकी नजरे समर के लिप्स पर पड़ती है जिन्हे रात वो जोश में आकर चूस रही थी । ये सोचते ही उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता हैं वो फिर से टीवी की तरफ देखने लगती हैं जिसमें एक मस्त रोमांटिक सीन आ रहा था जिसमें हीरो और हीरोइन दोनो एक दूसरे कि आंखो में देख रहे थे और फिर हीरोइन अपने होंठो पर जीभ फिराने लगती हैं और उन्हें गीला करके हीरो की आंखो में देखते हुए अपने लिप्स उसकी और बढ़ा देती हैं और किस शुरू हो जाती हैं। माही और समर दोनो की हालत खराब हो गई थी ये सीन देखकर और उनके धड़कने बढ़ने लगी थी। दोनो की नजरे एक साथ उपर उठती हैं और एक दूसरे से टकरा जाती हैं और दोनो प्यार से एक दूसरे की आंखो में देख रहे थे । तभी माही अपने लिप्स उसके चेहरे के पास ले जाती हैं और अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपने होंठो को रस से पूरा गीला करती हैं और नजरे नीची कर लेती हैं जैसे उसने समर को खुला आमंत्रण दे दिया था। अब समर से इससे ज्यादा कंट्रोल नहीं होता, वो आगे बढ़ता हैं और माही के चेहरे को उपर उठाता हैं और उसकी आखो में देखने लगता है मानो उससे किस करने की इजाज़त मांग रहा हो। माही उसकी आंखो में देखते हुए मुस्करा कर नजरे नीची कर लेती है और अपने होंठो को उपर उभार देती हैं समर के होंठो के बिल्कुल सामने।
समर अब अपने प्यासे होंठो को उसके जलते हुए होंठो पर रख देता हैं और चूसने लगता है ।मजे के कारण दोनो की आंखे बंद हो चुकी थी । माही के हाथ समर के सिर पर आते हैं और उसके बालों को सहलाने लगते हैं और समर अपने दोनो हाथ उसकी कमर में डालकर उसे अपने से पूरी तरह चिपका लेता हैं और उसकी गांड़ को मसलते हुए उसके होठों को चूसने लगता है। समर कभी उसके नीचे वाले होठ को चूस रहा था तो कभी उपर वाले को। उफ्फ कितना प्यारा एहसास था माही के होंठो का। अब माही भी उसका साथ देते हुए उसके लिप्स को चूसने लगती हैं तो लंबाई कम होने के कारण वो उसके पैरो पर चढ़ जाती हैं और उसके लिप्स को जोर से चूसना शुरू कर देती हैं ।ऐसा लग रहा था मानो वो दोनो एक दूसरे के होंठो को खा ही जाएंगे।
दोनो को सांसे पूरी तरह से उखड़ रही थी लेकिन कोई पीछे हटने को तैयार नहीं था। दोनो के होंठ सांस लेने के लिए एक पल को अलग होते हैं और फिर से जुड़ जाते हैं। अब माही आगे बढ़ते हुए अपना मुंह खोल देती हैं और समर अपनी जीभ उसके मुंह के अंदर घुसा देता हैं तो माही उसे कुल्फी की तरह चूसने लगती हैं । अब उनके बीच शर्म के सारे पर्दे हट चुके थे। समर के हाथ उसकी गांड़ को जोर जोर से मसल रहे थे और माही भी अब उसकी कमर पर हाथ घुमा रही थी। माही की दोनो चूचियां अब समर की सीने में घुसी हुई थी जिनका मस्त एहसास उसे और जोश दिला रहा था और नीचे उसका लन्ड पूरे जोश में खड़ा हो चुका था और माही की चूत पर अड गया था। माही और समर दोनो एक दूसरे को जीभ चूस रहे थे। दोनो को कोई होश नहीं था कि वो कहां हैं और क्या कर रहे हैं । दोनो पूरी तरह से एक दूसरे में खोए हुए थे। तभी इधर किचेन में काम्या के हाथ से प्लेट छूटकर नीचे गिर जाती हैं तो उसकी आवाज से जैसे दोनो को होश आता हैं और एक दूसरे की आंखो में देखते हैं और ना चाहते हुए दोनो मायूसी के साथ अलग हो जाते हैं । थोड़ी देर बाद काम्या भी आ जाती हैं और वो तीनो टीवी देखते हुए बाते करते रहते हैं। उधर दोपहर को राम्या भी घर आ जाती है और सभी में मिलाकर खाना खाते हैं
खाना खाने के बाद काम्या नीचे अपने कमरे में सोने आराम करने के लिए चली जाती हैं और वो तीनो टीवी बंद करते हुए उपर चले जाते हैं और अपने अपने कमरे में घुस जाते है। माही से अब समर से दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही थी तो थोड़ी देर बाद वो समर के गेट के बाहर आती है और उसे खट खटाती हैं । लेकिन समर सो चुका था और फिर से जोर से खट
खटाती हैं तो राम्या उसे राम्या के गेट खुलने की आवाज आती है तो वो समझदारी काम लेते हुए राम्या के गेट के बाहर खड़ी हो जाती हैं मानो वो उसका ही गेट बजा रही थी लेकिन उसका मूड चौपट हो चुका था। राम्या दरवाजा खोलती हैं और पूछती हैं कि क्या हुए बुआ ?
माही बहाना बनाते हुए: नींद नहीं आ रही थी सोचा तुझसे बात कर लू। कहीं मैंने तुम्हे डिस्टर्ब तो नहीं किया राम्या ?
और राम्या के कुछ बोलने से पहली ही वो अपनी चाल चल देती हैं कि अगर तुम्हे नींद आ रही है तो तुम आराम करो मैं अपने रूम में चली जाती हूं। और मुड़कर चलने लगती हैं तभी राम्या उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लेती हैं और बोलती है कि क्या बात कर रही हो बुआ ?
आओ बैठो , दोनो बात करेंगे
और उसका हाथ पकड़ते हुए उसे अपने रूम के अंदर ले जाती हैं और माही ना चाहते हुए भी उसके साथ जाने को मजबूर थी इसलिए चुपचाप अंदर आ जाती हैं ।
 

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राम्या: बताओ बुआ अब आपकी हालत कैसी हैं ? मैं तो डर ही गई थी।
माही: सब ठीक है राम्या, मुझे ज्यादा चोट नहीं थी , बस समर की फ़िक्र थी। अब वो ठीक है।
राम्या: बुआ मैं डर ही गई थी उसकी हालत देखकर।
माही: मेरा तो जैसे दिल ही भर आया था जब उसकी हालत देखी थी।सबकी कितनी फिक्र करता हैं वो घर में।
राम्या खुश होते हुए: भाई किसका है आखिर वो "।
और माही उसकी इस बात पर हल्के से मुक्सुरा देती है।
माही: और तेरी एक्टिंग का क्या हुआ ? आगे एडमिशन ले लो और पढ़ाई शुरू करो।
राम्या: हान जी सोच तो मैं भी यहीं रही हूं क्योंकि मेरी तमन्ना एक कामयाब मॉडल बनना हैं ।
माही उसको ध्यान से देखते हुए उपर से नीचे तक नजर डालती हैं और फिर बोलती हैं कि फिगर तो तेरा एक दम परफेक्ट हैं मॉडल बनने के लिए।
राम्या को जैसे ही उसकी नजरे अपने जिस्म पर महसूस होती है शर्म से उसकी नजरे झुक जाती हैं और और होंठो पर मुस्कान आ जाती हैं ।
माही: हाय देखो कैसे शर्मा रही हैं हमारी मॉडल "!
और उसके मजाक बनाने लगती है तो राम्या को गुस्सा आ जाता है और वो मुंह फुला लेती हैं और बोलती हैं कि है जाओ मैं बात नहीं करती आपसे।
माही उसे मनाते हुए: अच्छा बाबा ठीक है सॉरी और अपने दोनो कान पकड़ लेती हैं जिसे देखकर राम्या हंस पड़ती हैं ।
ऐसे ही उन दोनो की प्यार भरी मजाक चलती रहती हैं । धीरे धीरे शाम हो जाती है और उन्हें काम्या आवाज लगाती है कि नीचे आ जाओ और मेरी हेल्प करो खाना बनाने में । जैसे ही वो दोनो काम्या की आवाज सुनती हैं नीचे आ जाती हैं और काम में लग जाती हैं ।
काम्या: माही तुम आराम करो अभी। जब ठीक हो जाओ पूरी तरह से काम शुर करना" ।
माही: नहीं भाभी मैं ठीक हूं अब काम्या: नहीं , मैंने मना कर दिया तो कर दिया और उसका हाथ पकड़कर उसे किचेन से बाहर हॉल में ले आती हैं और बोलती हैं कि यहां बैठकर टीवी देखो।
माही अनमने मन से बैठ जाती हैं और टीवी देखने लगती हैं। काम्या और राम्या अब तक खाना बना चुकी थी और कारण भी ऑफिस से वापिस आ गया था।
 

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करण : समर कहां हैं दिख नहीं रहा है कैसी तबीयत हैं अब उसकी ?
काम्या: काफी ठीक लग रहा है और उपर सो रहा है अपने रूम में।
करण: अच्छा ठीक है अच्छी बात हैं कि वो अब ठीक है । एक काम करो उसे उठाओ और खाना लगाओ तब तक में फ्रेश होकर आता हूं।
माही जैसे ही सुनती हैं कि समर को जगाना हैं वो खुशी से उपर की तरफ जाने के लिए आगे बढ़ती हैं तो काम्या उसे रोक देती हैं कि वो अभी ज्यादा भागदौड़ ना करें उसे अभी आराम कि जरूरत है। माही उदास सी होकर बैठ जाती हैं और काम्या राम्या को इसे जागने के लिए भेजती हैं।
राम्या उपर जाकर उसे आवाज लगाती हैं तो समर गहरी नींद में था । राम्या गेट खोलती हैं और अंदर घुस जाती हैं तो वो देखती है कि समर बिल्कुल सीधा लेटा हुआ हैं और शायद कोई सपना देख रहा हैं क्योंकि नींद में भी वो मुस्कुरा रहा था। राम्या उसके पास बैठ जाती हैं और उसके प्यारे चेहरे को देखती हैं तो उसे बड़ा प्यार आता है वो उसके माथे पर किस करती हैं और प्यार से उसे आवाज लगाती हैं कि भाई उठ जाओ।
समर एक अंगड़ाई लेता हुआ उठ जाता है और देखता हैं की 8 बजने वाले हैं और पापा भी आ गए होंगे तो वो जल्दी से उठ जाता है और राम्या को थैंक्स बोलते हुए फ्रेश होने चला जाता है।
फिर सब साथ में खाना खाते हैं और राम्या और काम्या किचेन में चली जाती है तो हॉल में करण , माही और समर रह जाते हैं । करण माही की तरफ देखता है कि शायद वो कोई आगे बढ़ने का इशारा दे लेकिन माही तो जैसे बिल्कुल ही बदल सी गई थी । वो चुपचाप नजरे नीचे किए हुए बैठी थी। करण को लगता है कि यहां उसकी दाल नहीं गलने वाली और वो घूमने बाहर चला जाता है। तब तक काम्या और राम्या भी आ गए थे और सब बैठे हुए गप्पे मारने लगते हैं । 10 बजे के बाद काम्या अपने रूम में सोने चली जाती हैं और राम्या भी उपर चली जाती हैं तो हॉल में अब सिर्फ माही और समर बचे थे । राम्या के जाते ही माही अपनी नजरे समर के चेहरे पर जमा देती हैं तो समर भी उसकी आंखो में देखने लगता हैं। माही उसे देखकर प्यार से पूछती हैं कि अब कैसे फील कर रहे हो ?
समर: बुआ अब मैं बिल्कुल अच्छा महसूस कर रहा हूं।
माही: अच्छी बात हैं, अपना ध्यान रखो और दावा टाइम से खाते रहो , और साथ ही साथ मालिश भी होनी बहुत जरूरी है तुम्हारी ।
समर जैसे ही मालिश शब्द सुनता हैं तो उसे खुशी होती है रात की बातो को याद करके और वो मुस्कुरा देता है ।
माही सब कुछ समझ रही थी और बस उससे समर से दूरी और बर्दाश्त नहीं हो रही थी ।वो समर की तरफ इशारा करते हुए बोलती हैं कि चलो फिर चलते हैं उपर अपने रूम में ।
दोनो उपर चले जाते है और माही अपने रूम में चली जाती हैं तो ये देखकर समर को बुरा लगता हैं कि आज रात वो मालिश नहीं करेगी क्या उसकी।
उधर माही जैसे ही अपने रूम में जाती हैं वो खुशी के मारे पागल हो रही थी कि अब उसे मालिश के बहाने समर के साथ रहने का मौका मिलेगा । उफ्फ कितना अच्छा लगा था रात उसके साथ। ये सोचकर उसकी धड़कन बढ़ जाती हैं और उसकी चूचियां उपर नीचे होने लगती हैं और माही की आंखो में रंगीन डोरे तैर जाते हैं।
वो अपनी जीन्स और टी शर्ट उतार देती हैं और अपनी ब्रा पेंटी को ऐसे उतार फेंकती हैं जैसे मानो वो उसके जानी दुश्मन हो । और फिर रात सिर्फ एक झीनी सी शर्ट पहनती हैं जो को मुश्किल से उसकी जांघो तक आ रही थी और उसकी गांड़ का उभर साफ दिख रहा था।
वो अपने आपको शीशे में देखती है और जैसे ही घूमती हैं तो उसकी गांड़ पर से शर्ट हट जाती हैं और इसकी नजर अपनी खुद की गांड़ पर पड़ती हैं वो एक अजीब सा नशा हो जाता हैं और वो एक उंगली अपनी चूत पर ले जाती हैं जो को गीली होने लगी थी और उंगली को अच्छे से चूत रस से भिगोकर उपर लाते हुए अपने मुंह में डालकर चूसने लगती हैं । जैसे ही शीशे में खुद से उसकी नजरे टकराती है तो आज उसे बिल्कुल शर्म नहीं आती हैं ।
और वो हल्का सा मेकअप करती हैं मानो आज उसकी सुहाग रात हैं , मादकता उसके हर अंग से झलक रही थी। फिर वो समर के रूम की तरफ चल पड़ती हैं। उसकी चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि पानी उसकी जांघो तक आ रहा था। समर के रूम के बाहर आकर वो समर का रूम बिना आवाज किए हुए धकेलती हैं तो दरवाजे बिना आवाज किए खुलता चला जाता है और उसकी नजर समर पर पड़ती है जो मानो उसका ही इंतजार कर रहा था। समर उसे देखता ही रह जाता हैं । उफ्फ कितनी कातिल लग रही थी आज माही , जवानी आज उसके अंग अंग से टपक रही थी । शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे जिस कारण उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर थी और जो अंदर थी ऐसा लग रहा था मानो वो कैद से बाहर आने के लिए फड़फड़ा रही हो। तेजी से सांस लेने कारण उसकी चूचियां टेनिस बाल की तरह से उछल रही थी। और नीचे से उसकी गोरी चित्ती चिकनी जांघें कहर ढा रही थी जिस पर चूत से निकाल हुआ पानी साफ़ चमक रहा था। अब समर से बर्दाश्त करना मुशिकल हो रहा था। वो आगे बढ़ता है और माही को गले लगा लेता है तो माही भी जोश में आकर उससे चिपक जाती हैं। समर : बुआ एक बात बोलूं बुरा तो नहीं मानोगी?
माही को उसके मुंह से बुआ सुनना अच्छा नहीं लग रहा था। माही: ठीक है नहीं मानूंगी लेकिन मेरी भी एक शर्त है पहले तुझे वो माननी पड़ेगी। "
समर: बोलो बुआ?
माही उसकी आंखो में देखते हुए: आज के बाद तुम मुझे बुआ नहीं कहोगे बल्कि माही कहकर बुलाओगे।
समर को तो जैसे यकीन ही नहीं हुआ मगर उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। वो उसके गालों पर एक जोरदार किस करता है।
समर: ठीक है मा मा माही ।
माही बोलते हुए उसकी जुबां लड़खड़ा रही थी लेकिन वो जैसे तैसे करके बोल देता है। माही को जैसे ही उसके मुंह से माही शब्द सुनाई देता है वो खुशी से झूम उठती है और उसके होंठ चूम लेती हैं और बोलती हैं: थैंक्स समर , अब बोलो क्या बोलना चाहते थे?
समर : आज आप बहुत सेक्सी लग रही हो माही ।
माही जैसे ही उसकी से अपने लिए सेक्सी शब्द सुनती हैं उसकी चूत तड़पने लगती हैं और चूचियां और ज्यादा टाईट होने लगती हैं। और वो उसका चेहरा चूमने लगती हैं । फिर माह समर को बोलती हैं कि चलो जल्दी से लेट जाओ तुम्हारी मालिश भी तो करनी हैं अभी। ये सुनते ही समर अपने आप ही अपने कपड़े निकाल देता हैं और सिर्फ अंडर वियर में बेड पर लेट जाता है तो माही की नजरे उसके अंडर वियर में बने हुए उभार पर पड़ती है तो मुंह से एक मस्त सिसकी निकल पड़ती हैं और वो आगे बढ़ते हुए टेबल से क्रीम और ऑयल की बॉटल उठाने के लिए झुकती हैं तो उसकी शर्ट उपर को खींचती चली जाती हैं और उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी हो जाती हैं । जैसे ही समर की नजर उसकी मस्त गांड़ पर पड़ती है तो उसे एहसास होता है कि माही की गांड़ पीछे की ओर कितनी उभरी हुई हैं और कितनी मस्त लग रही है । उसकी गांड़ के दोनो पाटो के बीच से उसकी चूत झांक रही थी जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
माही को पता था कि उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी हो चुकी है और पेंटी ना होने के कारण उसकी चूत भी समर को नजर आ रही होगी इसलिए वो आराम से झुकी रहती है और क्रीम और ऑयल की बॉटल को उठाने में देर लगा रही थी। समर तो जैसे पागल हो चुका था , वो जोश में आते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लेता है और जोर जोर से रगड़ने लगता है , माही धीरे से उसकी तरफ देखती हैं तो समर को अपनी चूत और गांड़ घूरते हुए पाती हैं और वो देखती हैं कि कैसे वो जोर जोर से अपना लंड रगड़ रहा है । फिर माही धीरे से खड़ी होती है और समर की तरफ बढ़ती हैं जो कि अब तक उत्तेजना के मारे पागल हो चुका था और अपना लंड हिला रहा था। माही आगे बढ़ते हुए उसके लंड से उसके हाथ हटा देती हैं और बोलती है कि मालिश करना मेरा काम है तेरा नहीं और उसके लंड को हाथ में थाम लेती हैं और दबाने लगती हैं। दोनो की आंखे मस्ती से बंद हो चुकी थी। तभी नीचे से करण की आवाज आती है जो बाहर से सा आ गया था । वो काम्या को आवाज देता हैं तो काम्या बाहर हॉल में आती हैं और देखती हैं कि करण के साथ एक लड़का आया था जो कि हॉस्पिटल मैं उसने देखा था।
करण: काम्या ये राजू हैं और मैं इसे डाक्टर साहब ने भेजा है ताकि ये अच्छे से समर की मालिश कर सके और आज से ये अगले एक हफ्ते तक रोज रात को समर के रूम में ही उसके साथ सोया करेगा ताकि उसका ध्यान अच्छे से रख सके।
करण के ये शब्द जैसे ही माही के कानो में पड़ते हैं तो उसकी जैसे जान ही निकल जाती हैं। उसकी आंखो में आंसू आ जाते हैं क्योंकि उसके सारे सपने टूट गए थे जो उसने आज रात के लिए देखे थे।समर का भी जोश ठंडा हो चुका था।
माही उसके ढीले हो चुके लंड को छोड़ देती है और बहुत दुखी मन से समर की तरफ देखती हुई अपने रूम में घुस जाती हैं। उधर समर भी अपने कपड़े पहन लेता हैं ।जैसे ही माही रूम में घुसती है तो उसके ठीक बाद करण राजू को लेकर उपर आता है और समर को बताता है कि ये राजू हैं। जो अब अगले एक हफ्ते तक रात को रोज तुम्हारी मालिश करेगा और तुम्हारे साथ ही सोएगा।
समर: जी ठीक हैं पापा।
करण: अपना ध्यान रखना बेटा । मैं अपने सोने जा रहा हूं गुड नाईट। और करण नीचे आ जाता हैं और काम्या को बांहों में लेकर से जाता है।
उधर माही जैसे ही कमरे में पहुंचती है गुस्से में गेट को जोर से बंद करती हैं और बेड पर बैठ जाती हैं ।
समर जैसे ही गेट की आवाज सुनता है वो समझ जाता है कि माही का मूड खराब हो गया है तो को राजू को बोलता हैं कि तुम आराम से बैठो तब तक मैं बाथरूम से होकर आता हूं"। और ऐसा कहकर रूम से बाहर आता हैं और धीरे से माही के गेट को खोलता है और अंदर घुस जाता है जैसे ही माही की नजर समर पर पड़ती है वो पागलों की तरह दौड़कर उसके गले लग जाती मानो ये उनका आखिरी मिलन हों और उसके चेहरे को पागलों की तरह से चूमने लगती हैं ।समर भी उसे अपने गले लगा लेता है और अपनी बांहों उसकी कमर पर बांधते हुए और जोर से कस लेता हैं ।
माही : आई लव यू समर, मैं तुम्हारे बिना नहीं जी पाऊंगी। "
समर जैसे ही माही के मुंह से आई लव यू सुनता हैं वो दीवानों कि तरह उसे चूमने लगता है।
समर: लव यू टू मेरी जान माही, मैं भी आपसे बहुत प्यार करता हूं खुद से भी ज्यादा।
माही जैसे ही समर का जवाब सुनती हैं वो अपने लिप्स उसके लिप्स से जोड़ देती हैं और जोर जोर से चूसने लगती हैं मानो आज उन्हें खा है जायेगी।"समर भी उसका साथ देते हुए उसके होंठ चूसने लगता है। काफी देर तक एक दूसरे के होंठो का रस चूसने के बाद वो अलग होते हैं।
समर: मुझे वापिस रूम में जाना होगा । राजू मेरा इंतजार कर रहा होगा, मैं बाथरूम का बहाना बनाकर आया हू।
माही: प्लीज़ मत जाओ मेरे सनम" और ऐसे बोलते हुए जोर से उससे चिपक जाती है।
समर: मन तो मेरा भी नहीं हैं माही लेकिन क्या करू मजबूरी है जाना पड़ेगा।
माही : ठीक है अच्छे से मालिश कराना उससे ताकि जल्दी बिल्कुल ठीक हो जाओ
और फिर एक आखरी किस उसके गालों पर करती हैं और उसे बाहों में लिए हुए बाहर तक छोड़ने आती हैं । समर अब अपने रूम में आ चुका था और राजू उसकी मालिश अच्छे से करता हैं । उधर माही उदास मन के साथ सो जाती हैं ।
अगला एक सप्ताह बहुत तेजी से बीत गया और समर अब बिल्कुल ठीक हो चुका था।
 
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Mast update tha and sossry brother lakin kuch log gayan dane aa gaye the to gussa aa gaya yr so sorry brother aage se dhyan rakhunga
 

kabir singh

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