सुबह जैसे ही माही की आंख खुलती हैं तो उसे अपने हालात का एहसास होता है कि वो मात्र एक झीनी सी लिंगरी में समर की बांहों में उससे लिपटी हुई हैं और समर के हाथ उसकी कमर से होते हुए उसके लगभग नंगे चूतड़ों पर टिके हुए हैं और उसका मोटा तगड़ा लंड अभी भी उसकी चूत कि फांकों से सटा हुआ है । उफ्फ कितना मोटा लग रहा है समर का लंड , ये सोचते ही उसकी चूत में चीटियां सी चलने लगती हैं और वो अपना हाथ उठाती हैं और अपनी चूत पर के जाकर रखती हैं तो उसका हाथ समर के लंड को छू जाता है जिससे उसके मुंह से एक आह निकल जाती हैं और वो उठ कर बैठ जाती हैं तो उसकी नजर पहली बार समर के लंड पर पड़ती है तो उसकी चूचियां उपर नीचे होने लगती हैं । उफ्फ कितना लंबा और मोटा हैं इसका लंड , करण भाई के लंड से तो बहुत ज्यादा मोटा और लम्बा हैं और ये भगवान ये इसके लंड में गांठे कैसी है । वो एक बार उसके लंड को हाथ से छूने का लालच नहीं छोड़ पाती और फिर एक बार समर की तरफ देखती हैं जो इस वक़्त गहरी नींद में सोया था। धीरे धीरे से अपने हाथ को उसके लंड पर रख देती हैं जैसे ही इसका हाथ लंड से टच होता है तो लंड उफनते हुए एक जोरदार झटका उपर की ओर लेता हैं मानो अपनी खुशी जाहिर कर रहा हो और समर के जिस्म में हलचल होती है मानो वो जागने वाला हो।
माही तेजी से अपना हाथ पीछे हटा लेती हैं और समर की तरफ देखती हैं जो कि सीधा सोया हुआ था। माही फिर से हिम्मत करके अपने हाथ की उंगली उसके लंड पर ले जाती हैं और हल्का हल्का उसे सहलाने लगती हैं , फिर वो आगे बढ़ते हुए उसके लंड को पकड़ लेती हैं और जैसे ही उसकी उंगलियां लंड की गांठो पर पड़ती है उसके मुंह से एक आह निकल जाती हैं और वो देखती हैं कि कहीं कहीं से उसका लन्ड कुछ ज्यादा मोटा हैं तो कहीं उससे भी ज्यादा मोटा । वो लंड के सुपाड़े को सहलाने हैं और सोचती हैं हाय कितना मोटा सुपाड़ा हैं इसका गोल गोल एक दम लाल मोटे कश्मीरी आलू के आकार का, ये तो जिसकी चूत में भी घिसेगा उसकी फाड़ कर रख देगा । जैसे ही उसके जेहन में चूत शब्द आता है तो उसकी नजर सीधे अपनी चूत पर पड़ती है और वो अपनी टांगे खोल देती हैं तो उसे एहसास होता है कि रात उसकी कोमल चूत के मुंह पर ये लंड कैसे ठोकर मर रहा था । उफ्फ कितनी लाल हो गई है मेरी चूत कि फांके इसके लंड कि रगड़ से । और रात तो मेरी चूत में सुपाड़ा जब टच हो रहा था तो कितना मजा आ रहा था । उफ्फ जब टच करने से ही इतना मजा आया तो जान अंदर जाएगा तो मजे से मेरा तो हाल बेहाल हो जाएगा , लेकिन क्या मेरी मासूम चूत इस मोटे अजगर को निगल पायेगी। वो उत्तेजना के वशीभूत एक बार फिर से लंड की और देखती हैं और इसे सहलाने लगती हैं । उसका हाथ अब पूरे लंड पर घूम रहा था । जैसे ही हाथ गांठो पर छुआ तो उसे एक अजीब सी मस्त रगड़ का एहसास हुआ । उफ्फ जब हाथो पर ही गांठ की इतनी मस्त रगड़ हैं तो चूत पर तो गांठो की रगड़ जन्नत दिखा देगी ये सोचकर वो जोश में आते हुए उसके लंड को जोर से दबा देती हैं जिससे समर को दर्द का एहसास होता है और वो नींद में कराह पड़ता है। माही को अपनी गलती का एहसास होता है जब उसे समर के चेहरे पर दर्द कि लकीर दिखती हैं । वो समर के मुंह के पास जाती हैं और और गौर से देखती हैं तो उसे समर पर बड़ा प्यार आता है और वो धीरे से उसके होंठो को चूमती हैं और और और अपना नाईट सूट उठाकर एक नजर फिर से उसके मस्त लंड पर डालती हैं और तेजी से बाहर निकल कर अपने कमरे में घुस जाती हैं ।
उधर कुछ देर बाद समर की भी आंखे खुल जाती हैं वो जैसे ही उसकी आखों के आंखे रात के दृश्य घूमते हैं उसका लन्ड और टाइट हो जाता है । उफ्फ कितनी मस्त हैं उसका बुआ का शरीर ,
उठी उठी मस्त कठोर चूचियां, पीछे को उभरी हुई बड़ी बड़ी गांड़ । हाय रात वो कैसे अपनी चूत उसके लंड पर रगड़ रही थी, कितना मजा आ रहा था मुझे और माही की तो मजे के कारण दोनो आंखे ही बंद थी। उसके लिप्स कितने रसीले और नाजुक हैं , उफ्फ उसकी चूत कितनी टाइट लग रही थी , इतना जोर लगाने के बाद भी सिर्फ आधा ही सुपाड़ा घुस पाया था ऐसा लग रहा था जैसे अभी चुदाई ही ना हुई हो। कितना रस निकल रहा था चूत से। उफ्फ कितनी प्यासी हैं माही की चूत , इसकी तो रोज दमदार चुदाई होनी चाहिए तभी जाकर उसकी गर्मी शांत होगी।
काश माही मेरी किस्मत में होती ।
तभी उसे उपर किसी के आने की आहट दी और उसने अपने उपर चादर डाल दी। करण आया था
करण: बेटा अब कैसी तबीयत हैं ? सॉरी में रात थका होने के कारण जल्दी सो गया था।"
समर: पापा लग रहा है जैसे एक दम ठीक हूं।
करण: अच्छी बात है बेटा । तुम्हे अभी आराम की सख्त जरूरत है। बस घर में लेटो और आराम करो
समर: जी पापा।
और फिर समर नहाने चला जाता है । नाश्ते की टेबल पर सबकी मुलाकात होती है । माही आ कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी। उसने एक नीले रंग की टी शर्ट और ब्लैक रंग की जींस पहनी थी । टी शर्ट उसके जिस्म पर एक दम टाइट आ रही हैं और और बूब्स पूरे तने हुए थे। करना की तो जैसे हालात खराब हो रही थी । वो बार बार माही की तरफ चोरी चोरी देख रहा था लेकिन माही आराम से नाश्ता करने में व्यस्त थी।
करण: माही कैसी हो अभी? काफी खूबसूरत लग रही हो। माही: शुक्रिया भाई। बस आप सबका प्यार हैं
और नजरे नीचे करके फिर से खाने लगती हैं जबकि करण दीवानों की तरह उसकी तरफ देख रहा था लेकिन माही की को प्रतिक्रिया नहीं थी। नाश्ता खत्म करने के बाद करण ऑफिस चला जाता है और राम्या भी अपनी सहेली के घर चली जाती हैं। घर में अब सिर्फ काम्या और माही के साथ समर रह गया था। काम्या किचेन में चली जाती हैं तो हॉल में बस अब माही और समर बचे थे।
रात जो उनके बीच हुआ था उसके बाद अब तक उनमें कोई बात नहीं हुई थी। दोनो ही नजरे नीची करके टीवी देख रहे थे।