माही को जैसे ही अपने साथ हुए हादसा याद आता है और कुछ बोल नहीं पाती है और जोर से समर से चिपक जाती हैं। फिर हिम्मत करके जवाब देती हैं: अंधेरे में कुछ पता ही नहीं चला था। "
और वो समर के होंठ चूसने लगती हैं तो समर भी इसके होंठ चूसते हुए अपने दोनो हाथों से उसकी गांड़ दबाने लगता है तो माही जोश में आते हुए उससे चिपक जाती है और उसके होंठ को जोर जोर से चूसने लगती हैं। फिर समर किस तोड़ते हुए अपने हाथ उसके बूब्स पर रखकर दबाने लगता है तो माही की बहुत मजा आने लगता हैं और वो उसके हाथ हटाते हुए अपनी टी शर्ट उपर उठा देती हैं और समर से चिपक जाती हैं । समर को उसके नंगे बूब्स का एहसास होता है क्योंकि माही ने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी । वो आ पूरी तैयारी के साथ अाई थी।जैसे ही समर को इसके कठोर निप्पल का एहसास होता है समर का लंड एक जोरदार झटके के साथ खड़ा हो जाता है और समर उसकी ठोस, सुडौल चूचियों को हाथो में भर लेता है, उफ्फ उस ऐसा लग रहा मानो उसके हाथो में रूई के नरम गोले हो , और वो जोश में उन्हें दबा देता हैं तो उसे इनकी कठोरता का एहसास होता है और वो जोर जोर से उन्हें दाबने लगता है। उफ्फ कितनी बड़ी बड़ी चूची हैं माही की, लेकिन एक दम ठोस। चूची इतनी बड़ी थी कि उसके पूरे हाथ में नहीं आ रही थी । आज उसे पहली बर बूब्स का कोमल एहसास हुआ था , जैसे ही समर का दबाव उसके बूब्स पर पड़ता है मजे के कारण माही का मुंह खुल जाता हैं और वो हल्की हल्की सिसकियां
लेने लगती हैं । और अपनी चूत को नीचे से उसके लंड पर रगड़ने लगती हैं । समर अब अपने होंठो को आगे बढ़ाते हुए उसके बूब्स पर रख देता है । उफ्फ माही जैसे ही समर की होंठो का एहसास अपनी चूची पर होता है उसका जिस्म हवा में उड़ने लगता हैं मजे के कारण और वो उसके मुंह से आह निकल जाती हैं: हाय उफ्फ , सी ई उफ़ हाय कितना अच्छा लग रहा है। "
और अपना हाथ उसके सिर के पीछे लाते हुए अपनी चूची पर उसका सिर दबा देती हैं और समर जोश में आते हुए उसके उसके निप्पल को जोर जोर से चूसने लगता है । माही के मजे की अब कोई सीमा नहीं थी । माही: आह आह उफ़ खा जाओ मेरी जान, पूरी मुंह में लेकर चूसो , जोर से चूसो , है भगवान ये कैसा अदभुत एहसास हैं एकदम आनंदमय। '
और माही नीचे हाथ लाते हुए उसके लंड को पेंट से बाहर निकाल लेती हैं और हाथ से दबाने लगती हैं। समर जैसे ही अपने होंठ उसकी चूची से हटाता हैं तो माही उसका सिर पकड़कर दूसरी चूची पर उसके मुंह झुका देती हैं।
माही: इसे भी चूसी मेरी जान। आज आह । मजे के कारण माही का पूरा शरीर लहरा रहा था , वो उत्तेंजना से एक दम पागल हो गई थी। तभी समर उसकी दूसरी चूची चूसते चूसते अपना हाथ उसकी पेंट के अंदर घुसा देता है और उसकी चूत को हाथ से दबा देता हैं । आज पहली बार उसकी चूत पर समर की उंगली लगी थी , उसके जिस्म उसके काबू से बाहर हो जाता है और वो जोश में आकर उसका लंड ऐसे दबा रही थी मानो उसे उखड़ ही देगी आज।
समर जैसे ही उसके चूत को छूता हैं उसके उंगलियां गीली हो जाती हैं क्योंकि माही की चूत से रस निकल रहा था। अब समर उसकी चूत के होंठो को मसलते हुए खोलता हैं और जैसे ही उंगली अंदर घुसाने कि कोशिश करता हैं तो माही अपनी दोनो टांगे भीच लेती हैं ।
माही: प्लीज़ समर उंगली नहीं , आज तक मैंने उंगली नहीं घुसाई हैं। मैं चाहती ही की पहली बार इसमें मेरे पति का वो घुसे।
समर ये बात सुनकर हैरान हो जाता है और यकीन नहीं कर पाता कि माही सच बोल रही है क्योंकि जिस तरह से वो उसका हाथ लगते ही होश खो देती हैं उसे लगा था कि माही अब तक चुदाई का मजा ले चुकी होगी।
आज समर की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था वो उसके होठों को चूसने लगता है। जैसे ही उसे पता चला कि माही अनछुई हैं वो उसकी चूत को उपर से ही हल्के हल्के मसलने लगता हैं तो माही जैसे स्वर्ग में उड़ रही थी। वो मस्ती में पूरी डूब चुकी थी , उसका पूरा शरीर लहरा रहा था और वो अपनी चूत को जोर जोर से उसके हाथ पर रगड़ रही थी।
उधर करण जैसे ही गैलरी में आता है तो उसे अंधेरे में कुछ नहीं दिखाई देता और वो आगे बढ रहा था माही की तलाश में । तभी उसे एहसास होता हैं कि माही उसके सामने वाली गैलरी से निकल रही है।उसकी आंखों में चमक आ जाती हैं और वो भागकर उसे पकड़ लेता है और उसके मुंह पर हाथ रखकर उसे एक कमरे में खींच लेता हैं और उसे अपने सीने से चिपका लेता हैं तो माही उससे छूटने की कोशिश करती हैं जैसे कुछ बोलना चाह रही हो लेकिन मुंह पर करण का हाथ होने के कारण उसकी आवाज नहीं निकल रही थी । करण अपना दूसरा हाथ नीचे लेट हुए उसकी चूत को पेंटी के उपर से अपनी मुट्ठी में भर लेता है और जोर जोर से दबाने लगता है । दरसअल अंधेरे के कारण करण को पता नहीं चला था और वो गलती से राम्या को पकड़ लिया था माही सामझ कर ।
जैसे ही राम्या को हाथ चूत पर महसूस होता हैं इसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं और वो कांपने लगती हैं लेकिन उस कहीं ना कहीं ये सब गलत लग रहा था और अपने आपको छुड़ाने लगी । लेकिन करण तो आज उसे छोड़ने के मूड में नहीं था वो एक उंगली उसकी सुखी चूत में घुसाने लगता हैं तो राम्या को दर्द होने लगता जान क्योंकि उसकी चूत एक दम टाइट और अनछुई थी। करण सब समझ जाता है और फिर वो हाथ को उसकी पैंट से बाहर निकालता हैं और अपने मुंह में डालकर गीली करता हैं। जैसे ही उंगली राम्या की पेंट से बाहर आती हैं वो सुकून कि सांस लेती हैं लेकिन तभी करण अपनी गीली हो चुकी उंगली को फिर से नीचे लाते हुए उसकी पेंटें घुसा देता है और उसकी चूत पर रखकर जोर से अन्दर दबा देता हैं जिससे आधी उंगली अंदर चली जाती हैं और और राम्या के मुंह से एक घुटी घूटी आह निकल जाती हैं क्योंकि गीली उंगली घुसने से उसकी चूत में दर्द के साथ साथ को मजा आया था वो अदभुत था । उसकी आह सुनकर करण तेजी से उंगली अंडर बाहर करने लगता है और राम्या तो जैसे मजे से कूक रही थी। उसका जिस्म मस्त हो चुका था और उसके मजे कि कोई सीमा नहीं थी।