दोनो काफी देर तक ऐसे ही पड़े हुए एक दूसरे की धड़कन सुनते रहे। माही भी उससे ऐसे ही लिपटी रही मानो चंदन के पेड़ से कोई सांप लिपटा हुआ हो।
थोड़ी देर बाद माही को वजन लगने लगा तो उसने अपनी आंखें खोलते हुए समर को उपर से हटने का इशारा किया तो समर उसके उपर से ऊपर कर उसके बराबर में लेट गया ।
समर: माही मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि तुम मेरी जीवन साथी बनोगी।
माही एक बार उसे प्यार से घूरती हैं : क्यों इतना बुरी हूं क्या मैं"!
समर: अरे नहीं मेरी जान, बहुत ज्यादा प्यारी और सेक्सी हो एक दम चोदने लायक ।
माही जैसे ही समर के मुंह में चोदने लायक शब्द सुनती हैं तो उसे शर्म का एहसास हुआ और वो समर की छाती में हल्के हल्के मुक्के बरसाने लगी।
माही: बेशर्म कहीं के तुम, कुछ भी बोल देते हो।
समर: ओए होए अभी भी इतनी शर्म, पूरा लंड घुसा लेती हो चूत में खुद ही और देखो कैसे शर्मा रही हैं" !
माही जैसे ही समर की पूरी बात सुनती हैं तो उसके होंठो पर स्माइल आ गई और उसने नाराजगी से कहा: जाओ में बात नहीं करती तुमसे , बेशर्म कहीं के।
और ऐसा कहकर अपनी मुंह दूसरी तरफ घुमा कर उसे चिढ़ाने लगी।
समर ने भी हंसते हुए उसके दोनो हाथो को पकड़ लिया और उसके चेहरे को अपनी तरफ घुमाते हुए अपने होंठ उसके होंठों से जोड़ दिए ।
जैसे ही समर के होंठ माही के होंठो से छुए वो समर से लिपट गई और किस करने लगी। समर उसके दोनो होंठो को मुंह में भर कर बारी बारी से चूसने लगा तो माही भी उसका साथ देते हुए अपनी जीभ उसके मुंह में घुसाने लगी तो समर ने अपने होंठ खोलकर उसकी जीभ को पकड़ लिया और चूसने लगा, दोनो एक दूसरे की जीभ चूस रही थे,चाट रहे थे। जैसे ही दोनो की सांस उखड़ने लगी तो दोनो के होंठ सांस लेने के लिए जुदा हुए और फिर से जुड़ गए। किस करने से फिर से समर के लंड में तनाव आना शुरू हो गया था।
समर ने नीचे आते हुए उसकी गर्दन को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया तो माही की सांसे तेजी से चलने लगी और उसकी नंगी चुचियों के निप्पल फिर से अपनी अकड़ दिखाने लगे।
समर अपनी पूरी जीभ उसकी गर्दन पर फिरा रहा था उपर से नीचे तो कभी नीचे से उपर की तरफ, जीभ का एहसास हुआ पागल कर रहा था और उसके मुंह से मस्त सिसकियां निकल रही थीं थी जो गेट में खड़ी हुई काम्या की प्यास को और बढ़ा रही थी।
समर ने अब माही की कान की लो को अपनी जीभ से सहलाना शुरू किया तो माही ने अपने दोनो हाथ उसकी कमर पर रख दिए उसे सहलाने लगी। समर के चूसे जाने से उसके कान की लो लाल पड़ चुकी थी और माही का जिस्म एक बार फिर से सुलगने लगा।
समर ने अब उसके कंधे को चाटना शुरू किया तो माही की चूत गीली होने लगी, समर ने अपने दांत उसके खूबसूरत कंधे में गड़ा दिए तो माही मजे और दर्द के कारण सिसक उठी।
माही: आह , ज़ालिम थोड़ा प्यार से, काटो तो मत ,"
समर ने अब उसकी दोनो चूचियों के बीच अपनी जीभ को फिराने लगा तो माही की चूचियां उछलने लगी तो समर ने एक चूची को हाथ में भर लिया और दूसरी के अकड़े हुए गुलाबी निप्पल के आस पास अपनी जीभ रगड़ना चालू कर दिया, वो जान बूझकर निप्पल को नहीं चूस रहा था, चूची पर जीभ पड़ने के माही तड़प उठी और वो अपना निप्पल समर की जीभ के पास ले जाने लगी ताकि वो मुंह में लेकर चूस सकें। लेकिन समर चालाकी से अपनी जीभ अलग कर लेता और फिर से उसकी चूचि को चाटने लगता तो माही से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने समर का सिर पकड़ कर सीधे अपने निप्पल पर झुका दिया तो समर ने अपनी जीभ से एक बार उसके निप्पल को छुआ और फिर से अपनी जीभ निप्पल से हटाते हुए चूची के ऊपर रख दी और चाटने लगा , साथ ही साथ उसका खड़ा हो चुका लंड अब नीचे चूत से रगड़ रहा था और उसने एक उंगली नीचे ले जाकर माही की चूत में घुसा दिया और लंड से उसकी चूत को सहलाने लगा तो माही पूरी तरह से पागल हो उठी और उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी।
माही: आह समर, मत तड़पाओ, चूस लो मेरी चूची पूरी मुंह में भर कर मेरी जान,
समर अब उसकी चूची के निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा तो माही आनंद बढ़ जाने के कारण आपे से बाहर हो गई।
माही: आह , सी सी ई ओ हाय री , पूरी मुंह में ले लो , और चूसो खा जाओ आज मेरी चूचियों को।।।
माही की प्यास एक बार फिर से भड़क उठी थी और वो अपना हाथ नीचे लंड पर लाकर उसे पकड़ कर दबाने लगी और अपनी चूची को उसके मुंह में उछालने लगी। समर अपनी जीभ से उसके पूरे निप्पल को चूस रहा था, चाट रहा था, दांतो से हल्का हल्का काट रहा था।
माही से इतना मजा बर्दाश्त नहीं हो रहा था , समर के नीचे दबा हुआ उसका पूरा जिस्म कांप रहा था।
समर ने जैसे ही अपने होंठ नीचे की तरफ बढ़ाने शुरू किए तो माही ने उसका मुंह पकड़ कर ऊपर ले जाते हुए अपनी दूसरी चूची पर रख दिया ।।
माही: आह, समर इसे भी चूसो, इससे दुश्मनी हैं क्या तुम्हारी "
समर ने जोश में आकर उसकी दूसरी चूची को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया, निपल तो वो ऐसे चूस रहा था मानो उखड़ ही देगा आज जड़ से।
माही: आह , थोड़ा प्यार से समर, । तभी समर उसके निप्पल में जोर से अपने दांत गडा दिए तो माही दर्द से तड़प उठी,
माही: आह, दांत नहीं जीभ से चूसो,
समर फिर से उसकी चूची चूसने लगा तो इसका सीधा असर उसकी चूत पर हुआ और वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और रस बह कर बाहर आ रहा था।
समर ने अब उसकी नाभि को जीभ से चाटना शुरू किया तो माही फिर से सिसकने लगी। समर के दोनो हाथ उसकी चूचियों को पूरी जोर से दबा रहे थे जिस कारण माही का मजा और बढ़ रहा था।
समर जैसे ही अपनी जीभ उसकी जांघो के बीच लाया तो तड़प रही माही ने खुद ही अपनी दोनो टांगे चौड़ी कर ली मानो उसे चूत चाटने का आमंत्रण दे दिया हो। समर ने अपनी जीभ को उसकी जांघो पर फिराना शुरू कर दिया और बीच बीच में चाट भी लेता तो माही की कंपकपी छूटने लगी और उसकी चूत से निकलती हुई रस की बूंदे समर को साफ नजर आ रही थी।
इस बार जैसे ही रस की एक बूंद चूत से बाहर छलक आई तो समर ने उसे अपनी जीभ से चाट लिया । जैसे ही जलती हुई चूत पर समर के प्यासे होंठ पड़े तो माही का मुंह मजे से खुल गया।
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माही: आह , मेरी चूत चूस लो यार ,
लेकिन समर रस की बूंद को चाटकर अपनी जीभ फिर से उसकी जांघो पर फेरने लगा तो माही तड़प उठी और समर का सिर पकड़ कर सीधे अपने चूत पर दबा दिया तो समर ने उसकी चूत के चारो तरफ चाटना शुरू किया तो माही मस्ती से भर उठी , उसका जिस्म अपने आप उत्तेजना से उछलने लगा तो समर ने उसे बड़ी मुश्किल से दबाया और अपनी खुरदरी जीभ को एक बार उसकी चूत पर जैसे ही चाटते हुए उपर से नीचे घुमाया तो माही की चूत का बांध टूट गया और उसमे से एक के बाद एक रस की पिचकारियां निकल पड़ी जिन्हे समर मुंह लगाकर पीता चला गया । उफ्फ वो खट्टा मीठा, नमकीन सा पानी समर को बहुत अच्छा लगा और उसने अपनी जीभ को उसकी चूत के मुंह से चिपका दिया और अन्दर घुसा घुसा कर उसका रस चूसने लगा।
माही ने समर के सिर के बालों को हाथो में भर लिया और जोर से दबा दिया ।
समर अब उसकी चूत कि दीवारों को अंदर से चूस रहा था जिससे माही का जिस्म फिर से गरम हो गया और वो अपनी चूत फिर से समर के मुंह में घुसाने लगी।
माही : आह , और चूस लो मेरी चूत, पूरी मुंह में भर कर चूसो ,
काट दो पूरी चूत को, हाय मा री चूत"
समर ने उसकी पूरी चूत को मुंह में भर लिया और जोर जोर से उसके दाने पर अपनी जीभ रगड़ते हुए चूसने लगा तो माही की चूत एक बार फिर से झड़ने के कगार पर पहुंच गई।
माही: आह , मेरी चूत फिर से फट गई , हाय मेरी मा री सी सी सी ई ई ई कितनी अच्छी है मेरी चूत।
और उसने जोर से समर के बालो की पकड़ कर खींच दिया तो उसकी मुट्ठी में उसकी कुछ बाल फटकर आ गए।
समर उसकी चूत को मजे से चूसता रहा जब तक कि उससे रस टपकना बंद नहीं हुआ।मजे की अधिकता के कारण उसकी दोनो आंखे बंद हो चुकी थी , इतना मजा उसे पहले कभी नहीं आया था।
गेट पर खड़ी हुई काम्या तो जैसे पागल हो गई थी , समर इतनी अच्छी चूत चूसता हैं आज उसे पहली बार एहसास हुआ, उसकी खुद की चूत इतनी बह चुकी थी कि रस जांघो से होता हुआ फर्श तक आ चुका था। उसकी ऐसी चूत चुसाई आज तक नहीं हुई थी।
उधर माही ने जैसे ही आंखे खोली तो उसे अपनी मुट्ठी में समर के बालो का एक गुच्छा नजर आया तो उसे एहसास हुआ कि कुछ लोग जवानी मैं है गंजे क्यों हो जाते हैं ।
माही की सांसे अभी भी उखड़ी हुई थी और चूचियां उपर नीचे उछल रही थी। इससे पहले कि माही कुछ समझ पाती समर ने उसकी टांगो के बीच आकर उसकी एक टांगो को अपने कंधे पर रखा और उसकी रस से भीगी हुई चूत में पूरी ताकत से अपने सूखे लंड से एक पूरा तगड़ा धक्का लगाया तो लंड एक ही बार में उसकी चूत को फाड़ता हुआ जड़ तक अंदर घुस गया।
जैसे ही सूखा हुआ लंड चूत में अंदर जड़ तक घुसा तो माही दर्द से बिलबिला उठी और अपने दोनो हाथो से बेड शीट को दबोच लिया।
माही: आह, मर गई मेरी मा री, फाड़ दी फिर से चूत, बहुत दर्द हो रहा है , सूखा ही घुसा दिया , क्या दुश्मनी हैं तुम्हारी मेरी चूत से साले!!
समर ने बिना उसके दर्द की परवाह किए हुए पूरी ताकत से लंड को बाहर खिचा और फिर से जड़ तक घुसा दिया तो लंड सीधे उसकी बच्चेदानी से टकराया ।
माही: थोड़ा प्यार से चोद, बहुत दर्द हो रहा है , जानवर मत बनो समर,
समर तो जैसे आज सचमुच जानवर ही बन चुका था, उसने बिना माही के दर्द की परवाह किए उसे पूरी बेरहमी से चोदना शुरू कर दिया। हर धक्के पर उसका पूरा लंड बाहर निकलता और फिर से जड़ तक घुसा देता।
माही की दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां पूरे घर में गूंज रही थी जिन्हे अगर कोई सुनता तो ये ही सोचता के किसी का भयंकर रेप हो रहा है।
कुछ धक्कों के बाद लंड पुरा गीला हो गया तो आराम से अन्दर बाहर होने लगा और अब माही को पूरा मजा आने लगा, दर्द अभी भी था लेकिन मजा बहुत ज्यादा बढ़ गया था । माही भी उसका साथ देते हुए अपनी गांड़ हिलाने लगी।
माही: आह , समर चोद मुझे, और चोद , पूरा अन्दर घुसा घुसा कर फाड़ मेरी चूत, बना दे आज इसका भोसड़ा आह , लंड इतना अच्छा क्यों हैं।।।
समर ने अब उसकी बेड पर घोड़ी बना दिया और अपनी घोड़ी के उपर चढ़ कर उसके बालो को पकड़ लिया तो घोड़ी ने भी अपनी चूत लंड के सामने उभार कर पेश कर दी तो समर ने जोश में आते हुए एक ही धक्के में पूरा लंड घुसा दिया। धक्का लगने से माही आगे को गिरने लगी तो समर ने उसके बालों से उसे अपनी और खींचा जिससे उसका लंड और अंदर घुस गया। हर धक्का इतना तेज होता कि वो आगे की ओर गिरने लगती तो समर उसे बालो से पकड़ कर खींचता ।
माही को इतना मजा घोड़ी बनकर पहली बार आ रहा था। उसने अपने दोनो हाथों को बेड पर टिका दिया और अपनी गीली चूत समर के खड़े ऑपी। लंड पर धकेलते हुए उसकी आंखो में देखते हुए:
चोद अपनी घोड़ी को समर, और चोद, दम नहीं है क्या लंड में ?
समर को अब बहुत गुस्सा आ गया और वो पूरी रफ्तार से चूत को चोदने लगा। पूरे कमरे में चुदाई का मधुर संगीत बज रहा था , हर धक्के पर बेड हिल रहा था मानो टूट जाएगा , समर की जांघ माही की जांघो से टकरा कर थप थप थप की आवाज कर रही थी।
माही को हर धक्का जन्नत का मजा दिखा रहा था। तभी उसकी चूत में तूफान आ गया और उसने अपनी चूत पूरी ताकत से लंड पर उछली और झड़ती चली गई।
माही: आह समर , गई मेरी चूत, उफ्फ हाय मा री, सी आई सी आईआईआईआईआईआई आह्ह्हह्ह chuttttttttttt।
समर उसकी चूत में जंगली सांड की तरह लंड घुसाने लगा तो माही का जिस्म झड़ते हुए ज्यादा कांपने लगा।
अब लंड की मार से उसे दर्द का एहसास हो रहा था, लेकिन समर उसकी परवाह किए बिना उसे चोदे जा रहा था मानो ये उनकी आखिरी चुदाई हो।
माही से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसकी चूत में अब चोट लग रही थी।
माही: आह , बस कर ज़ालिम, दर्द हो रहा है अब, छोड़ दे मेरी चूत को ,
समर बिना कुछ बोले और बिना रुके ऐसे ही लंड घुसा रहा था। माही की चूत जैसे दर्द से फट रही थी।
तभी समर बिजली की रफ्तार से उसकी चूत को फाड़ने लगा तो माही का जिस्म हर धक्के पर हिल रहा था। तभी समर ने पूरी ताकत से एक आखिरी धक्का लगाया और लंड को पूरा घुसाते हुए उसकी बच्चेदानी में अपने वीर्य कि बारिश करने लगा।
समर: आह गया मेरा लन्ड भी माही ।
समर उसकी कमर पर ही ढेर हो गया। काम्या की चूत भी एक बार फिर से बह चली।
लेकिन अब उसे लंड चाहिए था समर का मोटा तगड़ा लंड। किसी भी कीमत पर । वो भी घोड़ी बनना चाहती थी, अपने सगे बेटे को अपने उपर चढ़ा लेना चाहती थी ।
समर और माही दोनो एक दूसरे की बाहों में सो गए और काम्या भी अपनी प्यासी और तड़पती हुई चूत के साथ नीचे अपने कमरे में आकर सो गई पूरी नंगी ही।k