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Incest परिवार बिना कुछ नहीं।

Unique star

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Agar ek writer dusre ki taareef karta h to its a great thing . Dono writer jante hai ki kitni mehnat lagti h logo ki heartbeat badhane me .[/QUOTE


Shaandar heart beat badhana।

Nice double meaning reply
 

ruby mittal

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ruby mittal

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शाम को पूरे परिवार की मुलाकात शाम की चाय पर होती हैं । करण चाई पीते हुए : इतनी अच्छी चाई किसने बनाई है ?
माही खुश होते हुए : भैया सिर्फ एक में तो इतनी अच्छी चाय बना सकती हूं इस घर में "।
भाई मेरा इनाम कहां हैं अच्छी चाय बनाने का ?
करण : मिल जाएगा जल्दी है । उसके ही बारे में बात करते हैं ।मैंने आज पूरे दिन बहुत गहन विचार किया और आखिरकार मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि हमे एक अच्छा सा लड़का देख कर माही की शादी कर देनी चाहिए "
इस बात से जहां एक ओर समर, राम्या और काम्या के चेहरे खुशी से खिल जाते है वहीं माही उदास हो जाती हैं और बोलती हैं : मुझे नहीं करनी शादी अब । जो मेरी किस्मत में था हो गया ।
काम्या: लेकिन किस्मत बदल भी तो सकती हैं माही । जरूरी नहीं कि इंसान हादसों के बाद जीना छोड़ दे।"
करण: मेरी बात समझने की कोशिश करो , में को भी कर रहा हूं तुम्हारे अच्छे के लिए कर रहा हूं
माही: में आपकी सब बात मानने के लिए तैयार ही भाई लेकिन शादी नहीं करनी मुझे किसी भ शर्त पर । ये मेरा फाइनल निर्णय हैं "
और इतना बोलने के साथ ही उसकी रुलाई फुट पड़ती हैं और वो अपना चेहरा छुपा कर उपर भाग जाती हैं।
सभी अवाक से उसे देखते रह जाते हैं और वो सब भी उदास हो जाते हैं । माहौल एक दम गंभीर हो चुका था, कोई कुछ नहीं बोल रहा था तभी काम्या पहल करती है: राम्या तुम मेरे साथ किचन में चलो और मेरी हेल्प करो।
समर तुम ये कुछ जरूरी सामान ले कर बाजार से आओ। "
और उसके हाथ में एक लिस्ट थमा देती हैं ।
और फिर करण की और देखते हुए : आप जाइए और माही को मनाए , और जब आप नीचे आए तो वो आपके साथ मुस्कुराती हुई आनी चाहिए । "
करण धीरे धीरे भारी क़दमों से उपर जाता है और पूरी हिम्मत समेट कर माही का डोर नॉक करता है तो अंदर से कोई उत्तर नही आता।
करण: माही प्लीज़ गेट खोल,
माही सिसकते हुए : जाइए आप , मुझे नहीं करनी शादी,
करण: अरे पहले दरवाजा तो खोल, बैठकर आराम से बात करते हैं"
माही: नहीं मुझे कोई बात नहीं करनी आपसे। मैं क्या आप पर बोझ बन गई हूं
और ऐसा बोलकर जोर जोर से रोने लगती हैं ।
करण: अच्छा जो तू कहेंगी वो ही होगा , लेकिन प्लीज़ प्लीज़ गेट तो खोल"
माही: नहीं पहले मेरी कसम खाओ आप ।
करण कुछ दी सोचता हैं और और बोलता हैं ठीक है माही तुम्हारी कसम। जो तुम चाहोगी वो ही होगा लेकिन मेरी प्यारी गुड़िया अब तो दरवाजा खोल।
माही खुश होते हुए दरवाजा खोल देती हैं, करण देखता है कि उसका पूरा चेहरा आंसुओ से भीग गया था और रोने के कारण आंखे लाल हो गई थी।
वो आगे बढ़कर उसे गले लगा लेता और उसकी पीठ थपकने लगता हैं तो माही की रुलाई फुट जाती हैं और वो करण को जोर से अपनी बांहों में भरकर रोने लगती हैं
करण का भी मन भारी हो जाता है और उसकी आंखो में भी आंसू आ जाते हैं लेकिन वो खुद को संभालते हुए : मत रो मेरी बहन, मै तुम्हारी आंखों में आंसू नहीं देख सकता , और उसका आंसुओ से भीगा हुआ चेहरा ऊपर उठाकर उसके आंसू पीने लगता हैं तो माही अपने भाई का प्यार देख कर खुश हो जाती हैं और खुशी के मारे उसको कस कर अपने आप से चिपका लेती हैं और अपने आंसू रोकने लगती हैं

करण उसकी कमर को ऐसे ही सहलाता रखता है, माही के ज्यादा जोर से चिपकने के कारण उसकी बूब्स करण के सीने में गाड़ गए थे और उनके कठोर निप्पल उसे अपने सीने में चुभते हुए महसूस हो रहे थे। उफ्फ कितने बड़े और मस्त हैं उसकी बहन की चूचियां । जैसे ही उसे रात का दृश्य याद आता है तो उसकी आंखो के सामने माही की नंगी चूची आ जाती हैं, जिसका असर सीधे उसके लन्ड पर होता है और वो अपना सिर उठाना शुरू कर देता है ।
Family drama bahut hi acche se create kiya gaya h .. Lajawab ...
 

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माही को देखकर समर पलके तक झपकाना भूल गया। उफ्फ कितनी लग रही थी वो इस सेक्सी लिंगरी में। आज वो उसे दूसरी बार देख रहा था और आज वो पहली बार से कहीं से ज्यादा कामुक और चुदासी प्रतीत हो रही थी।
समर धीरे धीरे आगे बढ़ता है और माही पास पहुंच जाता हैं और अपने लिप्स पर जीभ फिराते हुए उसे पास से देखता हैं तो माही एक जोरदार अंगड़ाई लेती हैं तो उसकी चूचियां अपना पूरा सिर उपर उठाने लगती हैं तो समर जोश में आकर उसे अपनी बांहों में भर लेता हैं और अपने दोनो हाथ उसकी कमर पर रख कर सहलाने लगा, जैसे ही समर के हाथ उसकी नंगी कमर पड़े तो माही का जिस्म तड़प उठा और वो समर से लिपटती चली गई जिससे माही की लंबाई कम होने के कारण समर का नंगा लंड उसकी जांघो से टकराने लगा। माही को जांघो पर लंड का एहसास जैसे ही हुआ चूत ने टपकना शुरू कर दिया ।

समर ने उसके गाल पर एक जोरदार किस किया और उसके गाल को काट लिया तो माही के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी।

माही प्यार से उसके कानों में बहुत कामुक आवाज में बोलती हैं: थोड़ा प्यार से मेरी जान , कहीं भाग थोड़े ही रही हूं, सब कुछ आपका ही तो है।

समर: उफ्फ मेरी जान, सब्र नहीं होता मुझसे, दिन पर दिन और सेक्सी होती जा रही हो।

समर प्यार से उसके चॉकलेटी लिप्स को देखता हैं और अपनी जीभ निकाल कर अपने लिप्स गीले कर लेता है तो माही भी अपने लिप्स गीले करके उचकते हुए समर के होंठो पर रख देती हैं और चूसने लगी। समर भी अब उसके लिप्स को चूसना शुरू कर चुका था। कभी उपर वाले को तो कभी नीचे वाले को, उफ्फ माही अपने दोनो हाथ उसके गले में लपेट देती हैं और लंबाई कम पड़ने के कारण समर के पैरो पर चढ़ गई और उसके लिप्स चूसने लगी। जैसे ही वो समर के पैरो पर चढ़ी तो अब नंगा लंड उसकी चूत पर पतली सी लिंगरी से उपर से अड गया तो माही जोश में आ गई और अपनी जीभ उसकी मुंह में घुसा दी और समर की जीभ चूसने लगी।

समर मजे से भर उठा और किस करते करते ही वो अपने दोनो हाथों को उसके मस्त भारी चूतड़ों पर के आया और जोर जोर दबाने लगा तो लंड उसकी चूत पर और ज्यादा जोर से अपना असर दिखाने लगा।
माही की चूत पूरी गीली हो गई थी और चूत की फांकों से होता हुआ उसका रस लंड के सुपाड़े को भिगो रहा था।

एक लंबे किस के बाद दोनो सांस लेने के लिए रुकते हैं और समर आगे बढ़ते हुए अपने दोनो हाथों से उसकी लिंगरी को पकड़ता हैं और एक झटके के साथ उसका रोम रोम नंगा कर देता हैं ।

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जैसे ही लिंगरी उतरी तो माही की बेलगाम चूचियां अपनी औकात दिखाते उछल कर बाहर आ गई । उसकी चूची पूरी तरह से ठोस थी और गहरे भूर रंग के निप्पल अपनी अकड़ दिखाते हुए उपर की ओर तन गए।

समर की नजरो उसकी चूचियों से होकर उसके सपागहरी नाभि वाले पेट से होती हुई उसकी चूत पर आ गई जिसमें से रस टपक रहा था

बाहर खड़ी काम्या तो पलके भी झपकाना भूल गई को नंगा देखकर । उफ्फ पहले से कितनी कातिल फिगर हो गया था उसका।
काम्या भी जोश में आ गई और अपने कपड़े मैक्सी निकाल कर पूरी नंगी हो गई और अपने जिस्म को देखने लगी जो किसी भी तरह से माही से कम नहीं लग रहा था। माही की मुकाबले काम्या की चूचियां ज्यादा बड़ी थी और गांड़ को जैसे क़यामत थी उसकी।




माही से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और वो समर से चिपक कर उसके पैरो पर चढ़ गई तो लंड का सुपाड़ा फिर से उसकी चूत पर जा अडा , इस एहसास से दोनो पागल हो उठे और समर ने उसकी गांड़ पर हाथ ले जाकर उसकी गांड़ को जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया। माही को बहुत मजा आने लगा और पूरी ताकत से अपनी चूत उचक उचक कर उसके लंड की पूरी लंबाई पर रगड़ने लगी । जैसे ही लंड का मोटा सुपाड़ा चूत के मुंह से टकराता तो मजे से दोनो का मुंह खुल जाता और सुपाड़ा चूत पर दबाव डालता जिससे चूत का मुंह हल्का सा हर बार खुल जाता।

दोनो की आंखे मस्ती के कारण बंद हो चुकी थी , माही का पूरा जिस्म कांप रहा था और उसकी चूत से रस की नदी सी बह रही थी जिससे लंड का सुपाड़ा पूरा चिकना हो चुका था। दोनो की मस्त सिसकियां गूंज रही थी पूरे कमरे के अंदर।

अगली बार जैसे ही लंड का सुपाड़ा चूत के छेद से टकराया तो माही में अपनी चूत उस पर उछाल दी जिससे लंड का मोटा सुपाड़ा उसकी चूत में घुसता चला गया घुसता चला गया ।
माही: आह समर, इतना मोटा क्यों है ये लोला, हर बार फाड़ देता हैं "
समर को लगा जैसे उसका सुपाड़ा किसी जलती हुई भट्टी में घुस गया हो । माही की चूत पूरी तरह से जल रही थी, समर ने भी जोश में आते हुए हुए अपने दोनों हाथ उसकी गांड़ पर रख दिए तो माही ने उसकी गोद में आते हुए अपने दोनो हाथ उसकी गर्दन में डाल दिए और उससे लिपटती चली गई किसी अमर बेल की तरह।

बाहर खड़ी काम्या को लंड का सुपाड़ा साफ उसकी चूत में घुसता हुआ दिख रहा था । काम्या को याद आ गया कि ठीक इसी तरह वो समर की गोद में थी नदी के अंदर और ये सुपाड़ा पूरा उसकी चूत में घुसा हुआ था। ये सोचते ही उसकी चूत रस से भर गई और उसने दो उंगली अपनी चूत में घुसा दी।
काम्या: आह, मा री उस दिन में चुद जाती इसी तरह तो अच्छा होता, आह हाय मेरी चूत में जब जाएगा ये मूसल ।



समर ने अब नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिए और सुपाड़ा अंडर बाहर होने लगा। माही की मजे से बुरी हालात थी, उसकी चूत से निकालता हुआ रस लंड को पूरा भिगो चुका था । माही ने समर की आंखों में देखते हुए उसे पूरा लंड चूत में घुसाने का इशारा किया तो समर ने उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया और अपने लंड का एक तगड़ा धक्का उसकी चूत में जड़ दिया तो आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया।


जैसे ही लंड घुसा तो माही फिर से दर्द से तड़फ उठी: आह री भगवान, सी सी री आईआई मा री लंड हर बार ही दर्द देता है, मेरी चूत हाय री "

माही अपने दोनो हाथ उसकी कमर पर रख देती हैं और अपनी चूची पूरी उसके मुंह में घुसाने लगती हैं, समर उसकी चूची जोर जोर से चूसने लगा और आधे लंड से उसकी चूत को ठोकना शुरू कर दिया तो माही का पूरा जिस्म उसके लंड पर थिरक रहा था । उसके मुंह से निकली मादक सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रही थी जिसका सीधा असर काम्या पर हो रहा था और वो पूरी तेज से अपनी चूत में उंगलियां घुसा रही थी।
माही भी अब उसके लंड पर अपनी चूत मार रही थी जिससे लंड तेजी से चूत से अंदर बाहर हो रहा था, माही को अपने अंदर कुछ खाली सा लग रहा था वो अपने हाथ लंड पर लाई तो पता चला कि अभी तो आधा लंड बाहर ही है तो उसकी चूत तड़प उठी लंड को पूरा घुसाने के लिए ।

उसने नाराजगी भरी नजरो से समर की तरफ देखा मानो शिकायत कर रही हो कि पूरा लंड क्यों नहीं घुसाया !!!
समर फिर से उसकी चूची चूसते हुए पूरा लंड बाहर निकाल लिया और माही ने अपने हाथ से लंड को चूत के छेद पर सेट कर दिया और अपनी नजरे समर से मिला दी और अपने होंठो पर कामुक अंदाज में जीभ फिराई तो समर ने एक तगड़ा धक्का उसकी चूत में मार डाला तो लंड घुस गया पहले से ज्यादा मगर दूसरी मोटी गांठ माही घुस पाई तो माही तड़प उठी। समर से फिर से एक तगड़ा धक्का लगाया लेकिन लंड आगे नहीं बढ़ पाया तो माही का मूड खराब हो गया ।
माही : आह, घुसा क्यों नहीं रहे लंड अंडर पूरा! मुझे बर्दाश्त नहीं हो रहा "
समर माही के हाथ की एक उंगली उसे दिखाते हुए में डालकर चूसने लगा और उसे पूरी चिकनी करके माही की आंखो के सामने लहरा दिया तो ने अपना ढेर सारा थूक निकाल कर समर के लंड को जड़ तक पूरा गीला और चिकना कर दिया और समर ने अपने लंड को बाहर की तरफ खींच कर जैसे ही धक्का लगाना चाहा तो माही ने इशारे से मना कर दिया और खुद अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत के छेद पर टिका दिया और समर की आंखों में देखते हुए अपने पूरे बदन को लंड पर ढीला छोड़ दिया ।

लंड एक झटके के साथ उसकी पूरी चूत को फाड़ते हुए अंदर घुसता चला गया पूरा जड़ तक।
जैसे ही लंड पुरा घुसा माही फिर से दर्द से तड़प उठी और समर से बुरी तरह से चिपकते हुए अपने दांत उसकी गर्दन में गड़ा दिए।
माही: हाय री मा री मर गई , मार ली मेरी चूत , फट गई चूत आह उफ़ सी सी ई आह आह ।

लंड के घुसने से फैली हुई चूत के होंठ लंड के चारो और कस गए थे । काम्या के मुंह से एक आह निकल गई जैसे ही पूरा लंड चूत में घुसा , उसे पूरा घुसा हुआ लंड साफ नजर आ रहा था जिसे देखकर उसकी उंगली चूत में तेजी से अंदर बाहर हो रही थी।

समर माही के बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा तो माही को कुछ आराम मिला, उसने धीरे से अपनी गांड़ उपर उठाई तो बुरी तरह से फसा हुआ लंड बड़ी मुश्किल से थोड़ा बाहर आने लगा और जैसे ही मोटी गांठ बाहर निकली तो उसने चूत के होंठो को रगड़ते हुए पूरा फैला दिया तो माही को दर्द के साथ बहुत मजा आया और उसके मुंह से आह निकल पड़ी।
माही: उई मा री , आह पूरी फाड़ दी मेरी चूत, हाय री।

जैसे ही लंड सुपाड़े तक बाहर आया तो समर ने उसकी गांड़ दोनो हाथो से लंड पर दबाते हुए जोरदार धक्का लगाया तो लंड फिर से पूरा घुसा और सीधे माही की बच्चेदानी से जा टकराया ।
माही: आह, थोड़ा प्यार से चोदो, दर्द होता हैं जब पूरा एक दम घुसता हैं मेरी चूत में"!

समर तो उसकी सिसकियां सुनकर जोश में आ गया और और एक पूरा पूरा लंड निकाल कर एक ही बार में पूरा घुसाने लगा जिससे माही की सिसकियां और तेज होती चली गई ।
कुछ धक्के पड़ने के बाद चूत पूरी खुल गई और अब लंड तेजी से अंदर बाहर हो रहा था, माही को अब भी हल्का दर्द हो रहा था लेकिन मजा उससे कहीं ज्यादा आ रहा था।
अब उसने भी अपनी गांड़ उछाल उछाल कर लंड लेना शुरू कर दिया और मजे से चुदने लगी।


माही: आह , उफ्फ और चोदो, पूरा दम लगाकर चोदो मेरी चूत आज, सारी दीवारें हिला दो मेरी"

समर भी अब पूरी ताकत से उसे चोद रहा था किसी पागल सांड की तरह , माही की चूत हर धक्के पर फूल पिचक रही थी, ।
माही भी उसकी आंखो में देखते हुए चुद रही थी। तभी माही को लगने लगा कि उसकी चूत में हलचल होने लगी है और एक बढ़ सी आने वालीं हैं तो उसने पूरी ताकत से अपनी चूत लंड पर। मारनी शुरू कर दी।
माही: आह समर, मेरी चूत जाने वाली हैं, पूरा दम लगाकर करो, तगड़ा चोदो।

समर का भी हाल कुछ ऐसा ही था, इस पोजिशन में चुदाई से लंड पर चूत ज्यादा कसाव डाल रही थी और उसका भी किसी भी पल निकल सकता था , इसलिए उसने माही को पूरी कठोरता से चोदना शुरू किया और पांच छह धक्कों में ही माही की चूत का हाल बेहाल हो गया और माही से चूत से रस से बरसात से होने लगी ,।

माही: आह मेरी चूत गई, उफ्फ कितना सुखद एहसास हैं है, हाय पूरा लंड घुसा दो "

और समर ने भी अपनी पूरी ताकत से एक आखिरी धक्का उसकी चूत में जड़ दिया और उसने भी अपना लंड जड़ तक उसकी चूत में घुसा कर वीर्य की बरसात कर दी।।

समर: आह, मैं भी गया मेरी जान , और उसे ऐसे गोद में लिए उसे ही बेड पर गिर गया तो माही नीचे आ गई और लंड दबाव के कारण उसकी चूत में पुर घुसा हुआ था

काम्या ने भी अपनी चूत में अंडर तक उंगली घुसाते हुए एक सिसकी एक साथ अपना रस छोड़ दिया

काम्या; है भगवान गई मेरी भी चूत, हाय समर कब घुसाएगा अपना मोटा तगड़ा लंड।

। दोनो एक दूसरे से ऐसे ही चुपके हुए अपनी सांसे संयत करने लगे। उन दोनों के काम रस के कारण उनकी जांच तक चिपक चुकी थी।
 
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Unique star

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दोनो काफी देर तक ऐसे ही पड़े हुए एक दूसरे की धड़कन सुनते रहे। माही भी उससे ऐसे ही लिपटी रही मानो चंदन के पेड़ से कोई सांप लिपटा हुआ हो।

थोड़ी देर बाद माही को वजन लगने लगा तो उसने अपनी आंखें खोलते हुए समर को उपर से हटने का इशारा किया तो समर उसके उपर से ऊपर कर उसके बराबर में लेट गया ।

समर: माही मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि तुम मेरी जीवन साथी बनोगी।

माही एक बार उसे प्यार से घूरती हैं : क्यों इतना बुरी हूं क्या मैं"!

समर: अरे नहीं मेरी जान, बहुत ज्यादा प्यारी और सेक्सी हो एक दम चोदने लायक ।

माही जैसे ही समर के मुंह में चोदने लायक शब्द सुनती हैं तो उसे शर्म का एहसास हुआ और वो समर की छाती में हल्के हल्के मुक्के बरसाने लगी।

माही: बेशर्म कहीं के तुम, कुछ भी बोल देते हो।

समर: ओए होए अभी भी इतनी शर्म, पूरा लंड घुसा लेती हो चूत में खुद ही और देखो कैसे शर्मा रही हैं" !
माही जैसे ही समर की पूरी बात सुनती हैं तो उसके होंठो पर स्माइल आ गई और उसने नाराजगी से कहा: जाओ में बात नहीं करती तुमसे , बेशर्म कहीं के।
और ऐसा कहकर अपनी मुंह दूसरी तरफ घुमा कर उसे चिढ़ाने लगी।

समर ने भी हंसते हुए उसके दोनो हाथो को पकड़ लिया और उसके चेहरे को अपनी तरफ घुमाते हुए अपने होंठ उसके होंठों से जोड़ दिए ।

जैसे ही समर के होंठ माही के होंठो से छुए वो समर से लिपट गई और किस करने लगी। समर उसके दोनो होंठो को मुंह में भर कर बारी बारी से चूसने लगा तो माही भी उसका साथ देते हुए अपनी जीभ उसके मुंह में घुसाने लगी तो समर ने अपने होंठ खोलकर उसकी जीभ को पकड़ लिया और चूसने लगा, दोनो एक दूसरे की जीभ चूस रही थे,चाट रहे थे। जैसे ही दोनो की सांस उखड़ने लगी तो दोनो के होंठ सांस लेने के लिए जुदा हुए और फिर से जुड़ गए। किस करने से फिर से समर के लंड में तनाव आना शुरू हो गया था।

समर ने नीचे आते हुए उसकी गर्दन को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया तो माही की सांसे तेजी से चलने लगी और उसकी नंगी चुचियों के निप्पल फिर से अपनी अकड़ दिखाने लगे।

समर अपनी पूरी जीभ उसकी गर्दन पर फिरा रहा था उपर से नीचे तो कभी नीचे से उपर की तरफ, जीभ का एहसास हुआ पागल कर रहा था और उसके मुंह से मस्त सिसकियां निकल रही थीं थी जो गेट में खड़ी हुई काम्या की प्यास को और बढ़ा रही थी।

समर ने अब माही की कान की लो को अपनी जीभ से सहलाना शुरू किया तो माही ने अपने दोनो हाथ उसकी कमर पर रख दिए उसे सहलाने लगी। समर के चूसे जाने से उसके कान की लो लाल पड़ चुकी थी और माही का जिस्म एक बार फिर से सुलगने लगा।

समर ने अब उसके कंधे को चाटना शुरू किया तो माही की चूत गीली होने लगी, समर ने अपने दांत उसके खूबसूरत कंधे में गड़ा दिए तो माही मजे और दर्द के कारण सिसक उठी।
माही: आह , ज़ालिम थोड़ा प्यार से, काटो तो मत ,"

समर ने अब उसकी दोनो चूचियों के बीच अपनी जीभ को फिराने लगा तो माही की चूचियां उछलने लगी तो समर ने एक चूची को हाथ में भर लिया और दूसरी के अकड़े हुए गुलाबी निप्पल के आस पास अपनी जीभ रगड़ना चालू कर दिया, वो जान बूझकर निप्पल को नहीं चूस रहा था, चूची पर जीभ पड़ने के माही तड़प उठी और वो अपना निप्पल समर की जीभ के पास ले जाने लगी ताकि वो मुंह में लेकर चूस सकें। लेकिन समर चालाकी से अपनी जीभ अलग कर लेता और फिर से उसकी चूचि को चाटने लगता तो माही से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने समर का सिर पकड़ कर सीधे अपने निप्पल पर झुका दिया तो समर ने अपनी जीभ से एक बार उसके निप्पल को छुआ और फिर से अपनी जीभ निप्पल से हटाते हुए चूची के ऊपर रख दी और चाटने लगा , साथ ही साथ उसका खड़ा हो चुका लंड अब नीचे चूत से रगड़ रहा था और उसने एक उंगली नीचे ले जाकर माही की चूत में घुसा दिया और लंड से उसकी चूत को सहलाने लगा तो माही पूरी तरह से पागल हो उठी और उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी।

माही: आह समर, मत तड़पाओ, चूस लो मेरी चूची पूरी मुंह में भर कर मेरी जान,

समर अब उसकी चूची के निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा तो माही आनंद बढ़ जाने के कारण आपे से बाहर हो गई।

माही: आह , सी सी ई ओ हाय री , पूरी मुंह में ले लो , और चूसो खा जाओ आज मेरी चूचियों को।।।

माही की प्यास एक बार फिर से भड़क उठी थी और वो अपना हाथ नीचे लंड पर लाकर उसे पकड़ कर दबाने लगी और अपनी चूची को उसके मुंह में उछालने लगी। समर अपनी जीभ से उसके पूरे निप्पल को चूस रहा था, चाट रहा था, दांतो से हल्का हल्का काट रहा था।

माही से इतना मजा बर्दाश्त नहीं हो रहा था , समर के नीचे दबा हुआ उसका पूरा जिस्म कांप रहा था।
समर ने जैसे ही अपने होंठ नीचे की तरफ बढ़ाने शुरू किए तो माही ने उसका मुंह पकड़ कर ऊपर ले जाते हुए अपनी दूसरी चूची पर रख दिया ।।


माही: आह, समर इसे भी चूसो, इससे दुश्मनी हैं क्या तुम्हारी "

समर ने जोश में आकर उसकी दूसरी चूची को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया, निपल तो वो ऐसे चूस रहा था मानो उखड़ ही देगा आज जड़ से।

माही: आह , थोड़ा प्यार से समर, । तभी समर उसके निप्पल में जोर से अपने दांत गडा दिए तो माही दर्द से तड़प उठी,
माही: आह, दांत नहीं जीभ से चूसो,

समर फिर से उसकी चूची चूसने लगा तो इसका सीधा असर उसकी चूत पर हुआ और वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और रस बह कर बाहर आ रहा था।

समर ने अब उसकी नाभि को जीभ से चाटना शुरू किया तो माही फिर से सिसकने लगी। समर के दोनो हाथ उसकी चूचियों को पूरी जोर से दबा रहे थे जिस कारण माही का मजा और बढ़ रहा था।

समर जैसे ही अपनी जीभ उसकी जांघो के बीच लाया तो तड़प रही माही ने खुद ही अपनी दोनो टांगे चौड़ी कर ली मानो उसे चूत चाटने का आमंत्रण दे दिया हो। समर ने अपनी जीभ को उसकी जांघो पर फिराना शुरू कर दिया और बीच बीच में चाट भी लेता तो माही की कंपकपी छूटने लगी और उसकी चूत से निकलती हुई रस की बूंदे समर को साफ नजर आ रही थी।

इस बार जैसे ही रस की एक बूंद चूत से बाहर छलक आई तो समर ने उसे अपनी जीभ से चाट लिया । जैसे ही जलती हुई चूत पर समर के प्यासे होंठ पड़े तो माही का मुंह मजे से खुल गया।

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माही: आह , मेरी चूत चूस लो यार ,
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लेकिन समर रस की बूंद को चाटकर अपनी जीभ फिर से उसकी जांघो पर फेरने लगा तो माही तड़प उठी और समर का सिर पकड़ कर सीधे अपने चूत पर दबा दिया तो समर ने उसकी चूत के चारो तरफ चाटना शुरू किया तो माही मस्ती से भर उठी , उसका जिस्म अपने आप उत्तेजना से उछलने लगा तो समर ने उसे बड़ी मुश्किल से दबाया और अपनी खुरदरी जीभ को एक बार उसकी चूत पर जैसे ही चाटते हुए उपर से नीचे घुमाया तो माही की चूत का बांध टूट गया और उसमे से एक के बाद एक रस की पिचकारियां निकल पड़ी जिन्हे समर मुंह लगाकर पीता चला गया । उफ्फ वो खट्टा मीठा, नमकीन सा पानी समर को बहुत अच्छा लगा और उसने अपनी जीभ को उसकी चूत के मुंह से चिपका दिया और अन्दर घुसा घुसा कर उसका रस चूसने लगा।
माही ने समर के सिर के बालों को हाथो में भर लिया और जोर से दबा दिया ।

समर अब उसकी चूत कि दीवारों को अंदर से चूस रहा था जिससे माही का जिस्म फिर से गरम हो गया और वो अपनी चूत फिर से समर के मुंह में घुसाने लगी।

माही : आह , और चूस लो मेरी चूत, पूरी मुंह में भर कर चूसो ,
काट दो पूरी चूत को, हाय मा री चूत"

समर ने उसकी पूरी चूत को मुंह में भर लिया और जोर जोर से उसके दाने पर अपनी जीभ रगड़ते हुए चूसने लगा तो माही की चूत एक बार फिर से झड़ने के कगार पर पहुंच गई।

माही: आह , मेरी चूत फिर से फट गई , हाय मेरी मा री सी सी सी ई ई ई कितनी अच्छी है मेरी चूत।

और उसने जोर से समर के बालो की पकड़ कर खींच दिया तो उसकी मुट्ठी में उसकी कुछ बाल फटकर आ गए।

समर उसकी चूत को मजे से चूसता रहा जब तक कि उससे रस टपकना बंद नहीं हुआ।मजे की अधिकता के कारण उसकी दोनो आंखे बंद हो चुकी थी , इतना मजा उसे पहले कभी नहीं आया था।

गेट पर खड़ी हुई काम्या तो जैसे पागल हो गई थी , समर इतनी अच्छी चूत चूसता हैं आज उसे पहली बार एहसास हुआ, उसकी खुद की चूत इतनी बह चुकी थी कि रस जांघो से होता हुआ फर्श तक आ चुका था। उसकी ऐसी चूत चुसाई आज तक नहीं हुई थी।

उधर माही ने जैसे ही आंखे खोली तो उसे अपनी मुट्ठी में समर के बालो का एक गुच्छा नजर आया तो उसे एहसास हुआ कि कुछ लोग जवानी मैं है गंजे क्यों हो जाते हैं ।

माही की सांसे अभी भी उखड़ी हुई थी और चूचियां उपर नीचे उछल रही थी। इससे पहले कि माही कुछ समझ पाती समर ने उसकी टांगो के बीच आकर उसकी एक टांगो को अपने कंधे पर रखा और उसकी रस से भीगी हुई चूत में पूरी ताकत से अपने सूखे लंड से एक पूरा तगड़ा धक्का लगाया तो लंड एक ही बार में उसकी चूत को फाड़ता हुआ जड़ तक अंदर घुस गया।
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जैसे ही सूखा हुआ लंड चूत में अंदर जड़ तक घुसा तो माही दर्द से बिलबिला उठी और अपने दोनो हाथो से बेड शीट को दबोच लिया।

माही: आह, मर गई मेरी मा री, फाड़ दी फिर से चूत, बहुत दर्द हो रहा है , सूखा ही घुसा दिया , क्या दुश्मनी हैं तुम्हारी मेरी चूत से साले!!

समर ने बिना उसके दर्द की परवाह किए हुए पूरी ताकत से लंड को बाहर खिचा और फिर से जड़ तक घुसा दिया तो लंड सीधे उसकी बच्चेदानी से टकराया ।

माही: थोड़ा प्यार से चोद, बहुत दर्द हो रहा है , जानवर मत बनो समर,
समर तो जैसे आज सचमुच जानवर ही बन चुका था, उसने बिना माही के दर्द की परवाह किए उसे पूरी बेरहमी से चोदना शुरू कर दिया। हर धक्के पर उसका पूरा लंड बाहर निकलता और फिर से जड़ तक घुसा देता।
माही की दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां पूरे घर में गूंज रही थी जिन्हे अगर कोई सुनता तो ये ही सोचता के किसी का भयंकर रेप हो रहा है।

कुछ धक्कों के बाद लंड पुरा गीला हो गया तो आराम से अन्दर बाहर होने लगा और अब माही को पूरा मजा आने लगा, दर्द अभी भी था लेकिन मजा बहुत ज्यादा बढ़ गया था । माही भी उसका साथ देते हुए अपनी गांड़ हिलाने लगी।

माही: आह , समर चोद मुझे, और चोद , पूरा अन्दर घुसा घुसा कर फाड़ मेरी चूत, बना दे आज इसका भोसड़ा आह , लंड इतना अच्छा क्यों हैं।।।

समर ने अब उसकी बेड पर घोड़ी बना दिया और अपनी घोड़ी के उपर चढ़ कर उसके बालो को पकड़ लिया तो घोड़ी ने भी अपनी चूत लंड के सामने उभार कर पेश कर दी तो समर ने जोश में आते हुए एक ही धक्के में पूरा लंड घुसा दिया। धक्का लगने से माही आगे को गिरने लगी तो समर ने उसके बालों से उसे अपनी और खींचा जिससे उसका लंड और अंदर घुस गया। हर धक्का इतना तेज होता कि वो आगे की ओर गिरने लगती तो समर उसे बालो से पकड़ कर खींचता ।
माही को इतना मजा घोड़ी बनकर पहली बार आ रहा था। उसने अपने दोनो हाथों को बेड पर टिका दिया और अपनी गीली चूत समर के खड़े ऑपी। लंड पर धकेलते हुए उसकी आंखो में देखते हुए:

चोद अपनी घोड़ी को समर, और चोद, दम नहीं है क्या लंड में ?

समर को अब बहुत गुस्सा आ गया और वो पूरी रफ्तार से चूत को चोदने लगा। पूरे कमरे में चुदाई का मधुर संगीत बज रहा था , हर धक्के पर बेड हिल रहा था मानो टूट जाएगा , समर की जांघ माही की जांघो से टकरा कर थप थप थप की आवाज कर रही थी।
माही को हर धक्का जन्नत का मजा दिखा रहा था। तभी उसकी चूत में तूफान आ गया और उसने अपनी चूत पूरी ताकत से लंड पर उछली और झड़ती चली गई।

माही: आह समर , गई मेरी चूत, उफ्फ हाय मा री, सी आई सी आईआईआईआईआईआई आह्ह्हह्ह chuttttttttttt।

समर उसकी चूत में जंगली सांड की तरह लंड घुसाने लगा तो माही का जिस्म झड़ते हुए ज्यादा कांपने लगा।

अब लंड की मार से उसे दर्द का एहसास हो रहा था, लेकिन समर उसकी परवाह किए बिना उसे चोदे जा रहा था मानो ये उनकी आखिरी चुदाई हो।

माही से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसकी चूत में अब चोट लग रही थी।
माही: आह , बस कर ज़ालिम, दर्द हो रहा है अब, छोड़ दे मेरी चूत को ,

समर बिना कुछ बोले और बिना रुके ऐसे ही लंड घुसा रहा था। माही की चूत जैसे दर्द से फट रही थी।

तभी समर बिजली की रफ्तार से उसकी चूत को फाड़ने लगा तो माही का जिस्म हर धक्के पर हिल रहा था। तभी समर ने पूरी ताकत से एक आखिरी धक्का लगाया और लंड को पूरा घुसाते हुए उसकी बच्चेदानी में अपने वीर्य कि बारिश करने लगा।

समर: आह गया मेरा लन्ड भी माही ।


समर उसकी कमर पर ही ढेर हो गया। काम्या की चूत भी एक बार फिर से बह चली।

लेकिन अब उसे लंड चाहिए था समर का मोटा तगड़ा लंड। किसी भी कीमत पर । वो भी घोड़ी बनना चाहती थी, अपने सगे बेटे को अपने उपर चढ़ा लेना चाहती थी ।

समर और माही दोनो एक दूसरे की बाहों में सो गए और काम्या भी अपनी प्यासी और तड़पती हुई चूत के साथ नीचे अपने कमरे में आकर सो गई पूरी नंगी ही।k
 
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माही अपनी गीली चूत समर के खड़े लंड पर धकेलने लगी।

Dedicated to all geeli chut
 

Chunmun

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Gajab...
Maha chodu update.
Ye sab dekh kr kamya pr kya dit rahi hogi.
Fabulous update.
Keep rocking.
 
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jonny khan

Nawab hai hum .... Mumbaikar
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super hotttt updates ..!!!!!
 
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