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सुबह जैसे ही समर की आंख खुली तो उसने अपने पास लेती नंगी माही को देखा जिसकी चूत रात हुई चुदाई की वजह से लाल हो गई थी। समर उसकी चूत पर प्यार से एक किस करता है तो माही नींद में ही हल्की सी मुस्कुरा पड़ती है।
समर बाथरूम जाता हैं और फ्रेश होकर अपना रनिंग सूट पहनकर नीचे आ जाता हैं । जैसे ही वो काम्या के दरवाजे के पास से निकला तो उसकी नजर काम्या के खुले हुए दरवाजे से अंदर बेड पर चली गई जहां काम्या गहरी नींद में नंगी पड़ी हुई सो रही थी पेट के बल।
समर ये देखकर अपने होश खो बैठा और ना चाहते हुए भी उसके कदम काम्या के रूम की तरफ बढ़ गए । उसका दिल बहुत जोरो से धड़क रहा था , उसने एक बार उपर जी की तरफ देखा कि कहीं माही उठ तो नहीं गई हैं ।
जैसे ही वो निश्चिंत हुआ उसने काम्या के रूम के अंदर कदम बढ़ा दिए। काम्या की पूरी मोटी , बाहर को निकली हुई गांड़ नंगी खुली हुई पड़ी थी । उफ्फ समर ने पहली बार इतनी बड़ी गांड़ को ध्यान से देखा तो उसकी आंखे चोड़ी हो गई और लंड जोश में आने लगा। काम्या की गांड़ बिल्कुल गोरी चिकनी थी और दोनो पट आपस में जुड़े हुए थे, उसकी कमर माही से कुछ हल्की सी मोटी थी लेकिन उसकी तगड़ी गांड़ के हिसाब से पतली ही थी।
समर धड़कते हुए दिल के साथ उसके बेड पर उसके पास बैठ गया और उसने देखा कि गांड़ के ठीक नीचे की तरफ उसकी चूत के होंठ उभरे हुए दिख रहे थे जिनमें से रस की कुछ बूंदे अभी भी बाहर की ओर निकलने को बेताब थी और उसकी चूत के नीचे की बेड शीट चूत से निकले काम रस की वजह से पूरी गीली हुई पड़ी थी।
समर का गला सूख चुका था, सांसे उखड़ने रही थी और आंखे वासना की वजह से लाल हो गई थी।जैसे ही रस की बूंदे चूत से बाहर की ओर गिरने लगी तो उससे बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपने कांपते हुए हाथ हाथ को आगे ले जाकर उसकी चूत से निकली उन अमृत की बूंदों को अपनी उंगलियों में समेट लिया ।
जैसे ही उसकी उंगलियां काम्या की चूत से छुई तो काम्या के नींद में होने के बाद भी उसकी चूत कांप सा गई मानो उसे इस मस्त छुवन का एहसास हुआ हो।
समर ने काम्या की चूत की तरफ प्यासी नजरो से देखते हुए चूत रस से भीगी उंगली को को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। उफ्फ कितना मस्त स्वाद था उसकी मा के चूत रस का। एक दम खट्टा सा, तीखा तीखा नमकीन ।
तभी उपर माही के गेट खोलने की आवाज अाई को समर डर के मारे चुपचाप काम्या के रूम से बाहर निकल गया और वॉक पर चला गया।
उधर माही की चूत से आज फिर से खून आने लगा और उसके पेट में तेज दर्द हुआ मतलब उसे पीरियड हो गए थे। उसने बाथरूम जाकर अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और एक पैड पहन ली ताकि कपडे खराब होने के बच सके।।
आज समर घर से वॉक के लिए निकला तो जरूर था लेकिन अब उसका मन वॉक का नहीं था। उसे अपनी मा की याद आ रही थी, वो समझ पा रहा था कि उसकी मा पिछले दो महीने से ज्यादा से चुदाई ना होने के कारण जल रही है और बहुत प्यासी हैं । इसलिए जिस्म की आग के कारण वो इतनी ठंड में भी रात को नंगी सोती हैं ताकि चूत को हवा लगने से कुछ सुकून मिल सके। लेकिन चूत की तड़प तो सिर्फ लंड से शांत होती हैं । उसकी मा उसकी तरफ झुक तो रही हैं लेकिन शायद लंड ज्यादा मोटा होने के कारण डर भी रही हैं , लगता हैं अब मुझे ही प्यार से उसके मन से लंड का डर निकालना होगा।
ये सारी बाते सोचते हुए वो वापिस घर की तरफ लेट चला । घर आकर वो सीधा बाथरूम में घुस गया और तैयार होने ब्रेक फास्ट करने आ गया तो माही, काम्या और वो तीनो ब्रेक फास्ट करने लगे।
काम्या: समर तुम आज अखाड़ा जाने से पहले माही के साथ बाहर चले जाना और घर की जरूरत का सब सामान भी लाना हैं क्योंकि हम दो महीने से कबीले में थे इसलिए लगभग सारा सामान खत्म सा हो गया है।
माही: लेकिन मम्मी मैं नहीं जा सकती क्योंकि मेरे पेट में दर्द हैं ,
काम्या को समझ आ गया था कि उसे पीरियड आए हैं क्योंकि वो पेट दर्द पीरियड आने पर ही बोलती है ।
समर: क्या हुआ माही ? सब ठीक तो हैं , मैं तुम्हे डाक्टर के पास लेके चलता हूं, "
ऐसा बोलते हुए समर खाना बीच में ही छोड़ देता हैं और खड़ा हो गया तो माही और काम्या दोनो की हल्की सी हंसी छूट गई।
काम्या: अरे बेटा बैठ जाओ, आराम से नाश्ता करो , ज्यादा गंभीर बात नहीं हैं, ये दर्द तो हम औरतों को हर महीने होता हैं ।
माही जैसे ही उसकी बात का मतलब समझती हैं तो शर्म के कारण उसका चेहरा झुक गया और नजरे नीची हो गई ।समर भी सब कुछ समझ गया था इसलिए को भी हल्का का स्माइल किया और नाश्ता करने लगा
खाना खाने के बाद माही आराम से लेट गई जबकि समर और काम्या दोनो बाजार की तरफ निकल गए। बाजार में जाकर उन्होंने सब घर का जरूरी सामान लिया और फिर काम्या की नजर एक सब्जी वाले की दुकान पर पड़ी जहां बहुत मोटे मोटे और लम्बे खीरे रखे हुए थे।
काम्या की धड़कने तेज हो गई और उसने बड़ी मुश्किल से दुकान वाले से खीरे लिए बिल्कुल ताजे और मोटे खीरे।
समर बाहर खड़ा हुआ था इसलिए उसे पता ही नहीं चल पाया कि उसकी मा ने खीरे भी लिए हैं जबकि काम्या खीरे से बहुत ज्यादा नफरत करती थी।
उसके बाद काम्या और समर एक शॉपिंग मॉल में गए जहां काम्या ने एक से बढ़कर एक सेक्सी लिंगरी देखी और समर की पसंद से कुछ बढ़िया लिंगरी खरीद ली, काम्या की चूत ये सब करते हुए पूरी भीग चुकी थी।
सारा सामान खरीदने के बाद वो वापिस घर की तरफ लौट पड़े और घर जाकर मम्मी किचेन में चली गई जबकि समर उपर माही के पास चला गया। माही अभी भी दर्द के कारण सो रही थी । समर ने उसके गाल पर प्यार से किस किया और नीचे की तरफ चल दिया अपनी मा के पास। ।
काम्या जैसे ही किचेन में घुसी उसने सारा सामान लगाना शुरू कर दिया और जैसे ही उसने खीरे को हाथ लगाया तो उसकी चूत तड़प उठी मानो उसे घुसा लेना चाहती हो।
काम्या ने खीरे को हाथ में लिया और प्यासी नजरो से देखने लगी, उत्तेजना की वजह से उसकी चूचियां उपर नीचे हों रही थी,गला सूख गया और आंखे चौड़ी हो रही थी, उसने खीरे को अपनी इलास्टिक वाली सलवार के उपर से ही चूत पर दबाया और मस्त हो गई।
खीरा जैसे ही चूत के मुंह पर लगा तो उसने जोश में आकर अपनी टांगे चौड़ी कर ली और खीरे के दबाव अपनी चूत पर बढ़ाने लगी। खीरा जैसे ही उसकी चूत के होंठो को रगड़ता तो उसकी आह निकल पड़ती । धीरे धीरे उसका मजा बढ़ने लगा और वो भूल गई कि वो अभी कहां हैं और किस हाल में हैं। उसने हिम्मत करके अपनी सलवार को नीचे किया और खीरे को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी ताकि वो गीला हो जाए । वो खीरे पर ऐसे जीभ चला रही थी मानो लंड चूस रही हो।
जल्दी ही खीरा पूरा गीला हो गया और उसने अपने हाथ नीचे लाकर उसे अपनी बहती हुई चूत के मुंह पर लगा दिया। नंगी चूत पर जैसे ही मोटे खीरे का एहसास हुआ काम्या का मुंह मजे से खुल गया और उसके मुंह से सिसकियां निकल गई।
काम्या: आह, मा री , कितना अच्छा लग रहा है , उफ्फ मेरी चूत ।
समर उपर से नीचे उतर रहा था जैसे ही उसके कानों में काम्या की सिसकियां पड़ी तो वो तेजी से किचेन के पास आकर खिड़की से अंदर का नजारा देखने लगा।
उफ्फ उसे यकीन नहीं हो रहा कि उसकी सगी मा अपने चूत में खीरा डालने के लिए मरी जा रही है, मजे से काम्या की दोनो आंखे बंद हो गई थी इसलिए उसे कुछ पता नहीं चल रहा था कि समर उस देख रहा है, खीरा बहुत ज्यादा मोटा था इसलिए घुसने में मुश्किल आ रही थी तो काम्या ने अपनी एक टांग को टेबल पर रख लिया जिससे उसकी चूत पूरी तरह से खुल गई और उसने खीरे पर ढेर सारा थूक लगाया और जैसे ही उसे चूत के मुंह पर रखा तो समर की आवाज सुनाई दी ।
समर: मम्मी कहां हो तुम ? मुझे बहुत तेज भूख लगी हैं " ।
समर नहीं चाहता था कि खीरा उसकी मा की चूत में घुसे इसलिए लास्ट मोके पर काम बिगाड़ दिया और काम्या फिर से तड़पती ही रह गई।
जैसे ही काम्या के कानो में समर की आवाज सुनाई पड़ी तो उसे अपनी हालत का एहसास हुआ और उसने जल्दी से अपनी सलवार उपर कर ली जबकि खीरा उसकी जांघो के बीच ही दबा हुआ रह गया । जब काम्या को खीरे के अंदर रहने का एहसास हुआ तो देर हो चुकी थी क्योंकि समर किचेन में अंदर आ चुका था।
समर बाथरूम जाता हैं और फ्रेश होकर अपना रनिंग सूट पहनकर नीचे आ जाता हैं । जैसे ही वो काम्या के दरवाजे के पास से निकला तो उसकी नजर काम्या के खुले हुए दरवाजे से अंदर बेड पर चली गई जहां काम्या गहरी नींद में नंगी पड़ी हुई सो रही थी पेट के बल।
समर ये देखकर अपने होश खो बैठा और ना चाहते हुए भी उसके कदम काम्या के रूम की तरफ बढ़ गए । उसका दिल बहुत जोरो से धड़क रहा था , उसने एक बार उपर जी की तरफ देखा कि कहीं माही उठ तो नहीं गई हैं ।
जैसे ही वो निश्चिंत हुआ उसने काम्या के रूम के अंदर कदम बढ़ा दिए। काम्या की पूरी मोटी , बाहर को निकली हुई गांड़ नंगी खुली हुई पड़ी थी । उफ्फ समर ने पहली बार इतनी बड़ी गांड़ को ध्यान से देखा तो उसकी आंखे चोड़ी हो गई और लंड जोश में आने लगा। काम्या की गांड़ बिल्कुल गोरी चिकनी थी और दोनो पट आपस में जुड़े हुए थे, उसकी कमर माही से कुछ हल्की सी मोटी थी लेकिन उसकी तगड़ी गांड़ के हिसाब से पतली ही थी।
समर धड़कते हुए दिल के साथ उसके बेड पर उसके पास बैठ गया और उसने देखा कि गांड़ के ठीक नीचे की तरफ उसकी चूत के होंठ उभरे हुए दिख रहे थे जिनमें से रस की कुछ बूंदे अभी भी बाहर की ओर निकलने को बेताब थी और उसकी चूत के नीचे की बेड शीट चूत से निकले काम रस की वजह से पूरी गीली हुई पड़ी थी।
समर का गला सूख चुका था, सांसे उखड़ने रही थी और आंखे वासना की वजह से लाल हो गई थी।जैसे ही रस की बूंदे चूत से बाहर की ओर गिरने लगी तो उससे बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपने कांपते हुए हाथ हाथ को आगे ले जाकर उसकी चूत से निकली उन अमृत की बूंदों को अपनी उंगलियों में समेट लिया ।
जैसे ही उसकी उंगलियां काम्या की चूत से छुई तो काम्या के नींद में होने के बाद भी उसकी चूत कांप सा गई मानो उसे इस मस्त छुवन का एहसास हुआ हो।
समर ने काम्या की चूत की तरफ प्यासी नजरो से देखते हुए चूत रस से भीगी उंगली को को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। उफ्फ कितना मस्त स्वाद था उसकी मा के चूत रस का। एक दम खट्टा सा, तीखा तीखा नमकीन ।
तभी उपर माही के गेट खोलने की आवाज अाई को समर डर के मारे चुपचाप काम्या के रूम से बाहर निकल गया और वॉक पर चला गया।
उधर माही की चूत से आज फिर से खून आने लगा और उसके पेट में तेज दर्द हुआ मतलब उसे पीरियड हो गए थे। उसने बाथरूम जाकर अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और एक पैड पहन ली ताकि कपडे खराब होने के बच सके।।
आज समर घर से वॉक के लिए निकला तो जरूर था लेकिन अब उसका मन वॉक का नहीं था। उसे अपनी मा की याद आ रही थी, वो समझ पा रहा था कि उसकी मा पिछले दो महीने से ज्यादा से चुदाई ना होने के कारण जल रही है और बहुत प्यासी हैं । इसलिए जिस्म की आग के कारण वो इतनी ठंड में भी रात को नंगी सोती हैं ताकि चूत को हवा लगने से कुछ सुकून मिल सके। लेकिन चूत की तड़प तो सिर्फ लंड से शांत होती हैं । उसकी मा उसकी तरफ झुक तो रही हैं लेकिन शायद लंड ज्यादा मोटा होने के कारण डर भी रही हैं , लगता हैं अब मुझे ही प्यार से उसके मन से लंड का डर निकालना होगा।
ये सारी बाते सोचते हुए वो वापिस घर की तरफ लेट चला । घर आकर वो सीधा बाथरूम में घुस गया और तैयार होने ब्रेक फास्ट करने आ गया तो माही, काम्या और वो तीनो ब्रेक फास्ट करने लगे।
काम्या: समर तुम आज अखाड़ा जाने से पहले माही के साथ बाहर चले जाना और घर की जरूरत का सब सामान भी लाना हैं क्योंकि हम दो महीने से कबीले में थे इसलिए लगभग सारा सामान खत्म सा हो गया है।
माही: लेकिन मम्मी मैं नहीं जा सकती क्योंकि मेरे पेट में दर्द हैं ,
काम्या को समझ आ गया था कि उसे पीरियड आए हैं क्योंकि वो पेट दर्द पीरियड आने पर ही बोलती है ।
समर: क्या हुआ माही ? सब ठीक तो हैं , मैं तुम्हे डाक्टर के पास लेके चलता हूं, "
ऐसा बोलते हुए समर खाना बीच में ही छोड़ देता हैं और खड़ा हो गया तो माही और काम्या दोनो की हल्की सी हंसी छूट गई।
काम्या: अरे बेटा बैठ जाओ, आराम से नाश्ता करो , ज्यादा गंभीर बात नहीं हैं, ये दर्द तो हम औरतों को हर महीने होता हैं ।
माही जैसे ही उसकी बात का मतलब समझती हैं तो शर्म के कारण उसका चेहरा झुक गया और नजरे नीची हो गई ।समर भी सब कुछ समझ गया था इसलिए को भी हल्का का स्माइल किया और नाश्ता करने लगा
खाना खाने के बाद माही आराम से लेट गई जबकि समर और काम्या दोनो बाजार की तरफ निकल गए। बाजार में जाकर उन्होंने सब घर का जरूरी सामान लिया और फिर काम्या की नजर एक सब्जी वाले की दुकान पर पड़ी जहां बहुत मोटे मोटे और लम्बे खीरे रखे हुए थे।
काम्या की धड़कने तेज हो गई और उसने बड़ी मुश्किल से दुकान वाले से खीरे लिए बिल्कुल ताजे और मोटे खीरे।
समर बाहर खड़ा हुआ था इसलिए उसे पता ही नहीं चल पाया कि उसकी मा ने खीरे भी लिए हैं जबकि काम्या खीरे से बहुत ज्यादा नफरत करती थी।
उसके बाद काम्या और समर एक शॉपिंग मॉल में गए जहां काम्या ने एक से बढ़कर एक सेक्सी लिंगरी देखी और समर की पसंद से कुछ बढ़िया लिंगरी खरीद ली, काम्या की चूत ये सब करते हुए पूरी भीग चुकी थी।
सारा सामान खरीदने के बाद वो वापिस घर की तरफ लौट पड़े और घर जाकर मम्मी किचेन में चली गई जबकि समर उपर माही के पास चला गया। माही अभी भी दर्द के कारण सो रही थी । समर ने उसके गाल पर प्यार से किस किया और नीचे की तरफ चल दिया अपनी मा के पास। ।
काम्या जैसे ही किचेन में घुसी उसने सारा सामान लगाना शुरू कर दिया और जैसे ही उसने खीरे को हाथ लगाया तो उसकी चूत तड़प उठी मानो उसे घुसा लेना चाहती हो।
काम्या ने खीरे को हाथ में लिया और प्यासी नजरो से देखने लगी, उत्तेजना की वजह से उसकी चूचियां उपर नीचे हों रही थी,गला सूख गया और आंखे चौड़ी हो रही थी, उसने खीरे को अपनी इलास्टिक वाली सलवार के उपर से ही चूत पर दबाया और मस्त हो गई।
खीरा जैसे ही चूत के मुंह पर लगा तो उसने जोश में आकर अपनी टांगे चौड़ी कर ली और खीरे के दबाव अपनी चूत पर बढ़ाने लगी। खीरा जैसे ही उसकी चूत के होंठो को रगड़ता तो उसकी आह निकल पड़ती । धीरे धीरे उसका मजा बढ़ने लगा और वो भूल गई कि वो अभी कहां हैं और किस हाल में हैं। उसने हिम्मत करके अपनी सलवार को नीचे किया और खीरे को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी ताकि वो गीला हो जाए । वो खीरे पर ऐसे जीभ चला रही थी मानो लंड चूस रही हो।
जल्दी ही खीरा पूरा गीला हो गया और उसने अपने हाथ नीचे लाकर उसे अपनी बहती हुई चूत के मुंह पर लगा दिया। नंगी चूत पर जैसे ही मोटे खीरे का एहसास हुआ काम्या का मुंह मजे से खुल गया और उसके मुंह से सिसकियां निकल गई।
काम्या: आह, मा री , कितना अच्छा लग रहा है , उफ्फ मेरी चूत ।
समर उपर से नीचे उतर रहा था जैसे ही उसके कानों में काम्या की सिसकियां पड़ी तो वो तेजी से किचेन के पास आकर खिड़की से अंदर का नजारा देखने लगा।
उफ्फ उसे यकीन नहीं हो रहा कि उसकी सगी मा अपने चूत में खीरा डालने के लिए मरी जा रही है, मजे से काम्या की दोनो आंखे बंद हो गई थी इसलिए उसे कुछ पता नहीं चल रहा था कि समर उस देख रहा है, खीरा बहुत ज्यादा मोटा था इसलिए घुसने में मुश्किल आ रही थी तो काम्या ने अपनी एक टांग को टेबल पर रख लिया जिससे उसकी चूत पूरी तरह से खुल गई और उसने खीरे पर ढेर सारा थूक लगाया और जैसे ही उसे चूत के मुंह पर रखा तो समर की आवाज सुनाई दी ।
समर: मम्मी कहां हो तुम ? मुझे बहुत तेज भूख लगी हैं " ।
समर नहीं चाहता था कि खीरा उसकी मा की चूत में घुसे इसलिए लास्ट मोके पर काम बिगाड़ दिया और काम्या फिर से तड़पती ही रह गई।
जैसे ही काम्या के कानो में समर की आवाज सुनाई पड़ी तो उसे अपनी हालत का एहसास हुआ और उसने जल्दी से अपनी सलवार उपर कर ली जबकि खीरा उसकी जांघो के बीच ही दबा हुआ रह गया । जब काम्या को खीरे के अंदर रहने का एहसास हुआ तो देर हो चुकी थी क्योंकि समर किचेन में अंदर आ चुका था।