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Incest परिवार बिना कुछ नहीं।

ruby mittal

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सभी साथ में नाश्ता कर रहे होते हैं ।
करण: अरे समर बेटा कभी अखाड़े में भी आ जाया करो , ये हमारी परम्परा है कि लड़के को पहलवान होना जरूरी होता हैं ।
ये सुनकर राम्या हंसने लगती है और उसका मजाक उड़ाते हुए: है भगवान पहलवान और ये ?? ये कैसा मजाक हैं पापा " ।
ये सुनकर माही और काम्या मुस्कुरा देती हैं जबकि समर का खून खोल जाता है और वो गुस्से से: तू तो चुप कर , कभी आज तक दौड़ में नहीं जीती मुझसे और मुझे बात बता रही हैं और आज जब तेरे पैर में चोट लगी थी तो तुझे में ही गोद में लेकर आया था। " ।
ये सुनते ही राम्या अपना मुंह बना लेती हैं और उसे वो पल याद आ जाता है जब समर ने उसे अपनी गोद में उठाया हुआ था , कैसे उसका लंड खड़ा हो रहा था और उसके नितंबों पर चुभ रहा था। ये सोचते ही उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता है और मुंह नीचे करके चुपचाप नाश्ता करने लगती हैं ।
करण: बेटा आज रविवार है और दो महीने के बाद कुश्ती प्रतियोगिता होगी , हर साल हमारा ही अखाड़ा जीतता आ रहा है लेकिन इस बार दूसरे अखाड़े वालों ने बाहर से पहलवान बुलाया हैं हमे हराने के लिए, बस इसी बात को लेकर परेशान रहता हूं मैं।
राम्या: मेरे पापा से बड़ा कोई पहलवान हो ही नहीं सकता , आप तो उसे एक मिनट से पहले ही धूल चाटो दोगे" और ऐसा बोलकर वो पापा के दोनो को जोर से दबाती हैं ।
राम्या: देखो मेरी पापा की बॉडी , समर तू तो अभी इनका आधा भी नहीं हैं " और ऐसा बोलकर जोर जोर से हंसते हुए उसका मजाक उड़ाने लगती हैं । सभी हसने लगते है तो समर भी हंस पड़ता हैं।
इसी तरह छेड़छाड़ के साथ उनका नाश्ता खतम होता हैं और करण अखाड़े चला जाता है और राम्या टीवी देखने लगती हैं क्योंकि उसके पैर में अभी दर्द था इसलिए वो हॉल में ही बैठ जाती हैं ।
समर महसूस कर रहा था कि रात से माही कुछ उदास हैं , जैसे ही उसकी मम्मी किचन में जाती हैं समर अपनी बुआ से: बुआ क्या हुआ आप की तबीयत तो ठीक है ?
माही जो अपनी ही सोच में गुम थी अचानक हड़बड़ाते हुए: हा , हा ठीक हूं बिल्कुल ।
समर: बुआ अगर कोई भी दिक्कत हो तो मुझे बताना , मुझे अच्छा नहीं लगता जब आप दुखी होती हो। अब तो पापा भी मान गए हैं आपकी बात, फिर ये उदासी क्यों ?
अब माही उसे क्या बताती कि वो सिर्फ उसकी वजह से ही दुखी है!
माही: नहीं समर सब मेरा इतना खयाल रखते हैं , में दिखी हो ही नही सकती।
तभी काम्या आती हैं और समर को बाजार से कुछ घर का सामान लाने को बोलती हैं और माही को कहती हैं : माही तुम भी इसकी साथ चले जाओ , तुम्हे अच्छे से पता हैं कि घर में किस किस चीज़ की ज़रूरत है और हम कैसी क्वालिटी इस्तेमाल करते हैं।
माही: जी भाभी , आज तो मेरा ब्यूटी पार्लर भी बंद हैं, मै चली जाती हूं इसके साथ ।
और समर अपनी बाइक अपाची बाइक निकालता हैं और अपनी बुआ को बिठाकर बाजार चला जाता है । बाइक पर पीछे बैठी बुआ ऊंचाई पर थी और समर आगे बैठा हुए जिसकी सीट थोड़ी नीचे थी जिस कारण माही का बदन उसके टच हो रहा था।
माही को ना जाने क्यों समर अच्छा लगने लगा था लेकिन उसके मन में कोई पाप नहीं था , और जब से उसने कसम वाली बात सुनी थी उस बहुत प्यार आता था समर पर , उफ्फ कितना सुन्दर हैं समर , चेहरा कितना चॉकलेटी हैं, ।
और भैया इसे पहलवान कैसे बनाएंगे ?
माही ये सब सोच ही रही थी कि तभी सामने से एक ट्रक आता है और वो उन्हें साइड मारकर भाग जाता है ।
समर और माही दूर जाकर गिरते हैं और माही का सिर फट जाता है और खून निकलने लगता है जबकि समर को भी हाथ में चोट लगी थी और उसके हाथ से भी खून बह रहा था। समर अपनी चोट की परवाह ना करते हुए माही को तरफ भागता है और उसे जल्दी से अपनी गोद में उठा लेता हैं और अपनी बाइक को तरफ देखता है ताकि जल्दी से जल्दी हॉस्पिटल जा सके लेकिन टक्कर के कारण बाइक टूट चुकी थी और स्टार्ट होने की हालत में नहीं थी। समर आने जाने वाली गाड़ियों को लिफ्ट मांगता है लेकिन कोई उसकी हेल्प नहीं करता उधर माही का खून लगातार बह रहा था।
समर उसको गोद में उठाए हुए ही हॉस्पिटल की तरफ भागता हैं , समर के चेहरे से बहता हुआ खून माही के चेहरे पर गिर रहा था ,। दोनो के कपड़े लाल हो चुके थे , समर की सांस फूल चुकी थी लेकिन वो पागलों की तरह भागा जा रहा था, माही की आंखे कभी खुल रही थी तो कभी बंद हो रही थी , उसे बस इतना पता था कि वो समर की बांहों में हैं ।
तभी हॉस्पिटल आ जाता है और समर उसे एडमिट करता है । डॉक्टर चेक करते हैं और बोलते है कि इनका तो काफी खून बह चुका है , इन्हे खून लगाना होगा।
समर तुरंत अपना हाथ आगे कर देता हैं और बोलता हैं कि डाक्टर साहब जितने खून की जरूरत हो ले लो लेकिन बुआ को कुछ नहीं होना चाहिए।
डॉक्टर: अरे तुम्हारा तो पहले ही खून बह रहा है, तुम्हारा खून नही ले सकते हम क्योंकि इससे तुम्हारी जान को खतरा हो सकता है ।
माही की आंखे कमजोरी के कारण बंद हो चुकी थी । वो सुन और समझ तो सब पा रही थी लेकिन बोलने कि हालत में नहीं थी।
समर: आप मेरी फिक्र मत कीजिए और इनका इलाज शुरू करिए। मुझे कुछ नहीं होगा।
और ऐसा बोलकर वो ख़ून देने की लिए लेट जाता है , डॉक्टर के पास भी कोई दूसरा तरीका नहीं था इसलिए वो ना चाहते हुए भी उसका खून लेता है और माही को लगाने लगता हैं।
जैसे जैसे समर के जिस्म से खून निकल रहा था उसका जिस्म ठंडा पड़ता जा रहा था।
तभी माही की हालत में कुछ सुधार होने लगता है खून की वजह से।
ये बात अब तक उनके घर तक पहुंच गई थी कि उनका एक्सिडेंट हुए हैं और पागलों कि तरह दौड़ते हुए करण और काम्या , राम्या सब हॉस्पिटल पहुंच चुके थे।
माही की चेक करने के बाद डाक्टर बोलता है कि अब वो खतरे से बाहर हैं जबकि समर के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। उसका बहुत खून बह गया है और कमजोरी की हालत में ज्यादा तेज भागने के कारण उसकी माश पेशिया क्षिथिल पड़ गई है ।
करण: कुछ भी करो डॉक्टर लेकिन मेरे बेटे को बचाओ । पैसा चाहे कितना भी लग जाए लेकिन मेरा बेटा बचना चाहिए।
Gazab ka emotional family drama create kiya h
 
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ruby mittal

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माही अब दोनो हाथो पर क्रीम लेती हैं और उसके पैरो को मालिश शुर करती हैं । धीरे धीरे उसके हाथ उपर की ओर उसकी जांघो तक जाने लगते हैं , जैसे ही उसके हाथ उपर की तरफ बढ़ते हैं वो आगे को हो जाती हैं जिससे उसकी नंगी टांगें समर की नंगी टांगो से टकरा जाती हैं और समर के मुंह से सिसकी निकाल पड़ती है और जैसे ही वो माही की तरफ देखता हैं उसकी आंखे फटी की फटी रह जाती हैं क्योंकि उसकी पारदर्शी लिंगरी में उसकी मस्त चूचियां उपर नीचे होती हुई साफ दिख रही थी, और उनके निप्पल पूरे तन चुके थे । उफ्फ समर की तो हालत खराब हो चुकी थी , उसका लंड जोश में आकर माही की टांगो पेट पर ठोकर मर रहा था।
लंड कि रगड़ से माही की चूत पूरी गीली हो चुकी थी और काम रस उसकी जांघो तक आ रहा था। फिर माही आगे बढ़ते हुए अपने दोनो हाथ उसकी छाती पर ले जाती हैं और प्यार से फिराने लगती हैं। इस बार जैसे हो वो आगे हुई गजब हो गया लंड उसकी लिंगरी के उपर से उसकी चूत पर अड गया था। इस एहसास से दोनो पागल हो चुके थे और उनकी अांहे कमरे में गूंज रही थी । अब मालिश जैसे वासना में बदल चुकी थी । एक तरफ माही की प्यासी चूत तो दूसरी तरफ समर की ज़िन्दगी का पहला एहसास।
माही जैसे ही अपने हाथ आगे ले जाती उसकी छाती पर तो लंड पूरी लंबाई में उसकी चूत से रगड़ खा रहा था और उसकी चूत से निकलता हुआ रस लंड को पूरी तरह से भिगो चुका था। माही तो जैसे मजे से पागल हो चुकी थी और समर का लंड जैसे आज लोहे का बन गया था। मालिश तो अब खतम सी हो गई थी क्योंकि वो अब माही दोनो हाथो से उसकी छाती को मसल रही थी और उसके निपल को उंगलियों में लेकर मरोड़ रही थी ।उधर समर भी अपने लंड को नीचे से माही की चूत पर रगड़ रहा था जिससे माही और उत्तेजित हो रही थी । माही तेजी से लंड पर अपनी चूत रगड़ रही थी जिस करण लिंगरी उसकी चूत के होंठो पर से हट चुकी थी, जैसे ही समर को नंगी चूत का एहसास होता है वो एक हाथ नीचे लाते हुए जैसे ही माही की गांड़ उपर उठती हैं वो तेजी से अंडर वियर को नीचे खिसका देता है और और जैसे ही माही की गांड़ नीचे आती हैं तो नंगा कड़क लंड उसकी नंगी चूत के होंठो को रगड़ देता हैं । जैसे ही माही को नंगे लंड का पहला एहसास अपनी चूत पर होता है वो सिसक पड़ती है और मुंह से सिसकियां लेते हुए अपनी चूत को बुरी तरह से उसके लंड पर रगड़ने लगती हैं जिससे का धैर्य जवाब दे जाता है और वो जोश में आते हुए अपने दोनो हाथ उसके भारी चूतड़ों पर ले जाता है और उन्हें दबाने लगता है । जैसे ही उसके हाथ माही के मस्त गांड़ पर पड़ते हैं माही स्वर्ग में तैरने लगती हैं ।
माही: उफ्फ , आह सी सी आह समर आह , है भगवान कितना मजा आ रहा है ।
माही की चूत से इतना काम रस निकाल चुका था कि समर के लंड का सुपारा पूरी तरह से गीला हो चुका था । माही पागलों की स्पीड से अपनी चूत उसके लंड पर रगड़ रही थी और समर भी उसके गांड़ को उपर नीचे उठने में सहयोग कर रहा था। इस बारे जैसे ही उसी चूत उपर उठती हैं लंड पुर टाइट होते हुए सीधा खड़ा हो जाता है और जिससे ही चूत पूरी तेजी से नीचे आती है तो सुपाड़ा उसकी चूत के होंठो को फैलाते हुए अंदर दबाव डालता और आधा अन्दर घुस जाता है। जैसे ही सुपाड़ा अंदर घुसता हैं माही की चूत पुट की आवाज से साथ खुल जाती हैं और उसके होंठो से एक दर्द भरी , मस्ती भरी सिसकी निकल जाती हैं और वो समर के छाती पर गिरते हुए अपने होंठ उसके होंठो से जोड़ देती हैं और उसकी चूत का बांध टूट जाता है और उसका रस निकल पड़ता हैं , जैसे ही समर को अपने लंड पर चूत रस का मस्त एहसास होता है उसका भी लंड वीर्य की बौछार कर देता हैं और वो भी दोनो हाथो में उसकी ठोस चूची भरकर दबा देता हैं साथ ही साथ उसके लिप्स को चूसने लगता है । जब तक दोनो को पिचकारी निकालती रहती हैं दोनो एक दूसरे के होंठो को जोर जोर से चूसते रहते हैं और फिर माही इसी हालत में उसकी छाती पर गिर पड़ती है और समर उसे अपनी बांहों में कसकर भर लेता है और दोनो ऐसे ही जाते हैं ।
Shaandaar
 

ruby mittal

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दोनो के मन में बहुत से सवाल थे जो उन्हें एक दूसरे से पूछने थे लेकिन हिम्मत दोनो में से को भी नहीं जुटा पा रहा था। माही धीरे से अपनी नजरे उपर उठाती है और अपने पास बैठे समर की तरफ देखती जिसका ध्यान पूरी तरह से टीवी पर था। समर को देखती हुई माही को रात वाली घटना याद आने लगती है और उसकी नजरे समर के लिप्स पर पड़ती है जिन्हे रात वो जोश में आकर चूस रही थी । ये सोचते ही उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता हैं वो फिर से टीवी की तरफ देखने लगती हैं जिसमें एक मस्त रोमांटिक सीन आ रहा था जिसमें हीरो और हीरोइन दोनो एक दूसरे कि आंखो में देख रहे थे और फिर हीरोइन अपने होंठो पर जीभ फिराने लगती हैं और उन्हें गीला करके हीरो की आंखो में देखते हुए अपने लिप्स उसकी और बढ़ा देती हैं और किस शुरू हो जाती हैं। माही और समर दोनो की हालत खराब हो गई थी ये सीन देखकर और उनके धड़कने बढ़ने लगी थी। दोनो की नजरे एक साथ उपर उठती हैं और एक दूसरे से टकरा जाती हैं और दोनो प्यार से एक दूसरे की आंखो में देख रहे थे । तभी माही अपने लिप्स उसके चेहरे के पास ले जाती हैं और अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपने होंठो को रस से पूरा गीला करती हैं और नजरे नीची कर लेती हैं जैसे उसने समर को खुला आमंत्रण दे दिया था। अब समर से इससे ज्यादा कंट्रोल नहीं होता, वो आगे बढ़ता हैं और माही के चेहरे को उपर उठाता हैं और उसकी आखो में देखने लगता है मानो उससे किस करने की इजाज़त मांग रहा हो। माही उसकी आंखो में देखते हुए मुस्करा कर नजरे नीची कर लेती है और अपने होंठो को उपर उभार देती हैं समर के होंठो के बिल्कुल सामने।
समर अब अपने प्यासे होंठो को उसके जलते हुए होंठो पर रख देता हैं और चूसने लगता है ।मजे के कारण दोनो की आंखे बंद हो चुकी थी । माही के हाथ समर के सिर पर आते हैं और उसके बालों को सहलाने लगते हैं और समर अपने दोनो हाथ उसकी कमर में डालकर उसे अपने से पूरी तरह चिपका लेता हैं और उसकी गांड़ को मसलते हुए उसके होठों को चूसने लगता है। समर कभी उसके नीचे वाले होठ को चूस रहा था तो कभी उपर वाले को। उफ्फ कितना प्यारा एहसास था माही के होंठो का। अब माही भी उसका साथ देते हुए उसके लिप्स को चूसने लगती हैं तो लंबाई कम होने के कारण वो उसके पैरो पर चढ़ जाती हैं और उसके लिप्स को जोर से चूसना शुरू कर देती हैं ।ऐसा लग रहा था मानो वो दोनो एक दूसरे के होंठो को खा ही जाएंगे।
दोनो को सांसे पूरी तरह से उखड़ रही थी लेकिन कोई पीछे हटने को तैयार नहीं था। दोनो के होंठ सांस लेने के लिए एक पल को अलग होते हैं और फिर से जुड़ जाते हैं। अब माही आगे बढ़ते हुए अपना मुंह खोल देती हैं और समर अपनी जीभ उसके मुंह के अंदर घुसा देता हैं तो माही उसे कुल्फी की तरह चूसने लगती हैं । अब उनके बीच शर्म के सारे पर्दे हट चुके थे। समर के हाथ उसकी गांड़ को जोर जोर से मसल रहे थे और माही भी अब उसकी कमर पर हाथ घुमा रही थी। माही की दोनो चूचियां अब समर की सीने में घुसी हुई थी जिनका मस्त एहसास उसे और जोश दिला रहा था और नीचे उसका लन्ड पूरे जोश में खड़ा हो चुका था और माही की चूत पर अड गया था। माही और समर दोनो एक दूसरे को जीभ चूस रहे थे। दोनो को कोई होश नहीं था कि वो कहां हैं और क्या कर रहे हैं । दोनो पूरी तरह से एक दूसरे में खोए हुए थे। तभी इधर किचेन में काम्या के हाथ से प्लेट छूटकर नीचे गिर जाती हैं तो उसकी आवाज से जैसे दोनो को होश आता हैं और एक दूसरे की आंखो में देखते हैं और ना चाहते हुए दोनो मायूसी के साथ अलग हो जाते हैं । थोड़ी देर बाद काम्या भी आ जाती हैं और वो तीनो टीवी देखते हुए बाते करते रहते हैं। उधर दोपहर को राम्या भी घर आ जाती है और सभी में मिलाकर खाना खाते हैं
खाना खाने के बाद काम्या नीचे अपने कमरे में सोने आराम करने के लिए चली जाती हैं और वो तीनो टीवी बंद करते हुए उपर चले जाते हैं और अपने अपने कमरे में घुस जाते है। माही से अब समर से दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही थी तो थोड़ी देर बाद वो समर के गेट के बाहर आती है और उसे खट खटाती हैं । लेकिन समर सो चुका था और फिर से जोर से खट
खटाती हैं तो राम्या उसे राम्या के गेट खुलने की आवाज आती है तो वो समझदारी काम लेते हुए राम्या के गेट के बाहर खड़ी हो जाती हैं मानो वो उसका ही गेट बजा रही थी लेकिन उसका मूड चौपट हो चुका था। राम्या दरवाजा खोलती हैं और पूछती हैं कि क्या हुए बुआ ?
माही बहाना बनाते हुए: नींद नहीं आ रही थी सोचा तुझसे बात कर लू। कहीं मैंने तुम्हे डिस्टर्ब तो नहीं किया राम्या ?
और राम्या के कुछ बोलने से पहली ही वो अपनी चाल चल देती हैं कि अगर तुम्हे नींद आ रही है तो तुम आराम करो मैं अपने रूम में चली जाती हूं। और मुड़कर चलने लगती हैं तभी राम्या उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लेती हैं और बोलती है कि क्या बात कर रही हो बुआ ?
आओ बैठो , दोनो बात करेंगे
और उसका हाथ पकड़ते हुए उसे अपने रूम के अंदर ले जाती हैं और माही ना चाहते हुए भी उसके साथ जाने को मजबूर थी इसलिए चुपचाप अंदर आ जाती हैं ।
Love birdsssss
 

ruby mittal

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करण : समर कहां हैं दिख नहीं रहा है कैसी तबीयत हैं अब उसकी ?
काम्या: काफी ठीक लग रहा है और उपर सो रहा है अपने रूम में।
करण: अच्छा ठीक है अच्छी बात हैं कि वो अब ठीक है । एक काम करो उसे उठाओ और खाना लगाओ तब तक में फ्रेश होकर आता हूं।
माही जैसे ही सुनती हैं कि समर को जगाना हैं वो खुशी से उपर की तरफ जाने के लिए आगे बढ़ती हैं तो काम्या उसे रोक देती हैं कि वो अभी ज्यादा भागदौड़ ना करें उसे अभी आराम कि जरूरत है। माही उदास सी होकर बैठ जाती हैं और काम्या राम्या को इसे जागने के लिए भेजती हैं।
राम्या उपर जाकर उसे आवाज लगाती हैं तो समर गहरी नींद में था । राम्या गेट खोलती हैं और अंदर घुस जाती हैं तो वो देखती है कि समर बिल्कुल सीधा लेटा हुआ हैं और शायद कोई सपना देख रहा हैं क्योंकि नींद में भी वो मुस्कुरा रहा था। राम्या उसके पास बैठ जाती हैं और उसके प्यारे चेहरे को देखती हैं तो उसे बड़ा प्यार आता है वो उसके माथे पर किस करती हैं और प्यार से उसे आवाज लगाती हैं कि भाई उठ जाओ।
समर एक अंगड़ाई लेता हुआ उठ जाता है और देखता हैं की 8 बजने वाले हैं और पापा भी आ गए होंगे तो वो जल्दी से उठ जाता है और राम्या को थैंक्स बोलते हुए फ्रेश होने चला जाता है।
फिर सब साथ में खाना खाते हैं और राम्या और काम्या किचेन में चली जाती है तो हॉल में करण , माही और समर रह जाते हैं । करण माही की तरफ देखता है कि शायद वो कोई आगे बढ़ने का इशारा दे लेकिन माही तो जैसे बिल्कुल ही बदल सी गई थी । वो चुपचाप नजरे नीचे किए हुए बैठी थी। करण को लगता है कि यहां उसकी दाल नहीं गलने वाली और वो घूमने बाहर चला जाता है। तब तक काम्या और राम्या भी आ गए थे और सब बैठे हुए गप्पे मारने लगते हैं । 10 बजे के बाद काम्या अपने रूम में सोने चली जाती हैं और राम्या भी उपर चली जाती हैं तो हॉल में अब सिर्फ माही और समर बचे थे । राम्या के जाते ही माही अपनी नजरे समर के चेहरे पर जमा देती हैं तो समर भी उसकी आंखो में देखने लगता हैं। माही उसे देखकर प्यार से पूछती हैं कि अब कैसे फील कर रहे हो ?
समर: बुआ अब मैं बिल्कुल अच्छा महसूस कर रहा हूं।
माही: अच्छी बात हैं, अपना ध्यान रखो और दावा टाइम से खाते रहो , और साथ ही साथ मालिश भी होनी बहुत जरूरी है तुम्हारी ।
समर जैसे ही मालिश शब्द सुनता हैं तो उसे खुशी होती है रात की बातो को याद करके और वो मुस्कुरा देता है ।
माही सब कुछ समझ रही थी और बस उससे समर से दूरी और बर्दाश्त नहीं हो रही थी ।वो समर की तरफ इशारा करते हुए बोलती हैं कि चलो फिर चलते हैं उपर अपने रूम में ।
दोनो उपर चले जाते है और माही अपने रूम में चली जाती हैं तो ये देखकर समर को बुरा लगता हैं कि आज रात वो मालिश नहीं करेगी क्या उसकी।
उधर माही जैसे ही अपने रूम में जाती हैं वो खुशी के मारे पागल हो रही थी कि अब उसे मालिश के बहाने समर के साथ रहने का मौका मिलेगा । उफ्फ कितना अच्छा लगा था रात उसके साथ। ये सोचकर उसकी धड़कन बढ़ जाती हैं और उसकी चूचियां उपर नीचे होने लगती हैं और माही की आंखो में रंगीन डोरे तैर जाते हैं।
वो अपनी जीन्स और टी शर्ट उतार देती हैं और अपनी ब्रा पेंटी को ऐसे उतार फेंकती हैं जैसे मानो वो उसके जानी दुश्मन हो । और फिर रात सिर्फ एक झीनी सी शर्ट पहनती हैं जो को मुश्किल से उसकी जांघो तक आ रही थी और उसकी गांड़ का उभर साफ दिख रहा था।
वो अपने आपको शीशे में देखती है और जैसे ही घूमती हैं तो उसकी गांड़ पर से शर्ट हट जाती हैं और इसकी नजर अपनी खुद की गांड़ पर पड़ती हैं वो एक अजीब सा नशा हो जाता हैं और वो एक उंगली अपनी चूत पर ले जाती हैं जो को गीली होने लगी थी और उंगली को अच्छे से चूत रस से भिगोकर उपर लाते हुए अपने मुंह में डालकर चूसने लगती हैं । जैसे ही शीशे में खुद से उसकी नजरे टकराती है तो आज उसे बिल्कुल शर्म नहीं आती हैं ।
और वो हल्का सा मेकअप करती हैं मानो आज उसकी सुहाग रात हैं , मादकता उसके हर अंग से झलक रही थी। फिर वो समर के रूम की तरफ चल पड़ती हैं। उसकी चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि पानी उसकी जांघो तक आ रहा था। समर के रूम के बाहर आकर वो समर का रूम बिना आवाज किए हुए धकेलती हैं तो दरवाजे बिना आवाज किए खुलता चला जाता है और उसकी नजर समर पर पड़ती है जो मानो उसका ही इंतजार कर रहा था। समर उसे देखता ही रह जाता हैं । उफ्फ कितनी कातिल लग रही थी आज माही , जवानी आज उसके अंग अंग से टपक रही थी । शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे जिस कारण उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर थी और जो अंदर थी ऐसा लग रहा था मानो वो कैद से बाहर आने के लिए फड़फड़ा रही हो। तेजी से सांस लेने कारण उसकी चूचियां टेनिस बाल की तरह से उछल रही थी। और नीचे से उसकी गोरी चित्ती चिकनी जांघें कहर ढा रही थी जिस पर चूत से निकाल हुआ पानी साफ़ चमक रहा था। अब समर से बर्दाश्त करना मुशिकल हो रहा था। वो आगे बढ़ता है और माही को गले लगा लेता है तो माही भी जोश में आकर उससे चिपक जाती हैं। समर : बुआ एक बात बोलूं बुरा तो नहीं मानोगी?
माही को उसके मुंह से बुआ सुनना अच्छा नहीं लग रहा था। माही: ठीक है नहीं मानूंगी लेकिन मेरी भी एक शर्त है पहले तुझे वो माननी पड़ेगी। "
समर: बोलो बुआ?
माही उसकी आंखो में देखते हुए: आज के बाद तुम मुझे बुआ नहीं कहोगे बल्कि माही कहकर बुलाओगे।
समर को तो जैसे यकीन ही नहीं हुआ मगर उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। वो उसके गालों पर एक जोरदार किस करता है।
समर: ठीक है मा मा माही ।
माही बोलते हुए उसकी जुबां लड़खड़ा रही थी लेकिन वो जैसे तैसे करके बोल देता है। माही को जैसे ही उसके मुंह से माही शब्द सुनाई देता है वो खुशी से झूम उठती है और उसके होंठ चूम लेती हैं और बोलती हैं: थैंक्स समर , अब बोलो क्या बोलना चाहते थे?
समर : आज आप बहुत सेक्सी लग रही हो माही ।
माही जैसे ही उसकी से अपने लिए सेक्सी शब्द सुनती हैं उसकी चूत तड़पने लगती हैं और चूचियां और ज्यादा टाईट होने लगती हैं। और वो उसका चेहरा चूमने लगती हैं । फिर माह समर को बोलती हैं कि चलो जल्दी से लेट जाओ तुम्हारी मालिश भी तो करनी हैं अभी। ये सुनते ही समर अपने आप ही अपने कपड़े निकाल देता हैं और सिर्फ अंडर वियर में बेड पर लेट जाता है तो माही की नजरे उसके अंडर वियर में बने हुए उभार पर पड़ती है तो मुंह से एक मस्त सिसकी निकल पड़ती हैं और वो आगे बढ़ते हुए टेबल से क्रीम और ऑयल की बॉटल उठाने के लिए झुकती हैं तो उसकी शर्ट उपर को खींचती चली जाती हैं और उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी हो जाती हैं । जैसे ही समर की नजर उसकी मस्त गांड़ पर पड़ती है तो उसे एहसास होता है कि माही की गांड़ पीछे की ओर कितनी उभरी हुई हैं और कितनी मस्त लग रही है । उसकी गांड़ के दोनो पाटो के बीच से उसकी चूत झांक रही थी जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
माही को पता था कि उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी हो चुकी है और पेंटी ना होने के कारण उसकी चूत भी समर को नजर आ रही होगी इसलिए वो आराम से झुकी रहती है और क्रीम और ऑयल की बॉटल को उठाने में देर लगा रही थी। समर तो जैसे पागल हो चुका था , वो जोश में आते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लेता है और जोर जोर से रगड़ने लगता है , माही धीरे से उसकी तरफ देखती हैं तो समर को अपनी चूत और गांड़ घूरते हुए पाती हैं और वो देखती हैं कि कैसे वो जोर जोर से अपना लंड रगड़ रहा है । फिर माही धीरे से खड़ी होती है और समर की तरफ बढ़ती हैं जो कि अब तक उत्तेजना के मारे पागल हो चुका था और अपना लंड हिला रहा था। माही आगे बढ़ते हुए उसके लंड से उसके हाथ हटा देती हैं और बोलती है कि मालिश करना मेरा काम है तेरा नहीं और उसके लंड को हाथ में थाम लेती हैं और दबाने लगती हैं। दोनो की आंखे मस्ती से बंद हो चुकी थी। तभी नीचे से करण की आवाज आती है जो बाहर से सा आ गया था । वो काम्या को आवाज देता हैं तो काम्या बाहर हॉल में आती हैं और देखती हैं कि करण के साथ एक लड़का आया था जो कि हॉस्पिटल मैं उसने देखा था।
करण: काम्या ये राजू हैं और मैं इसे डाक्टर साहब ने भेजा है ताकि ये अच्छे से समर की मालिश कर सके और आज से ये अगले एक हफ्ते तक रोज रात को समर के रूम में ही उसके साथ सोया करेगा ताकि उसका ध्यान अच्छे से रख सके।
करण के ये शब्द जैसे ही माही के कानो में पड़ते हैं तो उसकी जैसे जान ही निकल जाती हैं। उसकी आंखो में आंसू आ जाते हैं क्योंकि उसके सारे सपने टूट गए थे जो उसने आज रात के लिए देखे थे।समर का भी जोश ठंडा हो चुका था।
माही उसके ढीले हो चुके लंड को छोड़ देती है और बहुत दुखी मन से समर की तरफ देखती हुई अपने रूम में घुस जाती हैं। उधर समर भी अपने कपड़े पहन लेता हैं ।जैसे ही माही रूम में घुसती है तो उसके ठीक बाद करण राजू को लेकर उपर आता है और समर को बताता है कि ये राजू हैं। जो अब अगले एक हफ्ते तक रात को रोज तुम्हारी मालिश करेगा और तुम्हारे साथ ही सोएगा।
समर: जी ठीक हैं पापा।
करण: अपना ध्यान रखना बेटा । मैं अपने सोने जा रहा हूं गुड नाईट। और करण नीचे आ जाता हैं और काम्या को बांहों में लेकर से जाता है।
उधर माही जैसे ही कमरे में पहुंचती है गुस्से में गेट को जोर से बंद करती हैं और बेड पर बैठ जाती हैं ।
समर जैसे ही गेट की आवाज सुनता है वो समझ जाता है कि माही का मूड खराब हो गया है तो को राजू को बोलता हैं कि तुम आराम से बैठो तब तक मैं बाथरूम से होकर आता हूं"। और ऐसा कहकर रूम से बाहर आता हैं और धीरे से माही के गेट को खोलता है और अंदर घुस जाता है जैसे ही माही की नजर समर पर पड़ती है वो पागलों की तरह दौड़कर उसके गले लग जाती मानो ये उनका आखिरी मिलन हों और उसके चेहरे को पागलों की तरह से चूमने लगती हैं ।समर भी उसे अपने गले लगा लेता है और अपनी बांहों उसकी कमर पर बांधते हुए और जोर से कस लेता हैं ।
माही : आई लव यू समर, मैं तुम्हारे बिना नहीं जी पाऊंगी। "
समर जैसे ही माही के मुंह से आई लव यू सुनता हैं वो दीवानों कि तरह उसे चूमने लगता है।
समर: लव यू टू मेरी जान माही, मैं भी आपसे बहुत प्यार करता हूं खुद से भी ज्यादा।
माही जैसे ही समर का जवाब सुनती हैं वो अपने लिप्स उसके लिप्स से जोड़ देती हैं और जोर जोर से चूसने लगती हैं मानो आज उन्हें खा है जायेगी।"समर भी उसका साथ देते हुए उसके होंठ चूसने लगता है। काफी देर तक एक दूसरे के होंठो का रस चूसने के बाद वो अलग होते हैं।
समर: मुझे वापिस रूम में जाना होगा । राजू मेरा इंतजार कर रहा होगा, मैं बाथरूम का बहाना बनाकर आया हू।
माही: प्लीज़ मत जाओ मेरे सनम" और ऐसे बोलते हुए जोर से उससे चिपक जाती है।
समर: मन तो मेरा भी नहीं हैं माही लेकिन क्या करू मजबूरी है जाना पड़ेगा।
माही : ठीक है अच्छे से मालिश कराना उससे ताकि जल्दी बिल्कुल ठीक हो जाओ
और फिर एक आखरी किस उसके गालों पर करती हैं और उसे बाहों में लिए हुए बाहर तक छोड़ने आती हैं । समर अब अपने रूम में आ चुका था और राजू उसकी मालिश अच्छे से करता हैं । उधर माही उदास मन के साथ सो जाती हैं ।
अगला एक सप्ताह बहुत तेजी से बीत गया और समर अब बिल्कुल ठीक हो चुका था।
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वो उदास और प्यासी नजरो से समर की तरफ देख रही थीं , नशा और जोश उस पर इस कदर हावी हो चुका था कि उसे अपनी हालत का जरा भी एहसास नहीं था,। अगर बाहर सचमुच माही हुई तो वो उसे मुंह दिखाने लायक भी नहीं बचनी वाली थी।
काम्या ने आगे बढ़कर समर को अपने गले लगा लिया और उसके पैरो पर चढ़ गई और अपनी चूत उसकी लंड पर रगड़ती हुई बोली:
गेट मत खोलो, बस सिर्फ मेरी चुदाई करो, भाड में जाए चाहे कोई भी हो"

जब बार बार पीते जाने पर भी गेट नहीं खुला तो समर का फोन बज उठा, उसने देखा तो उसके होश उड़ गए क्योंकि माही का कॉल था, जबकि काम्या अभी अभी अपनी आंखे बंद किए हुए अपनी चूत उसके लंड पर रगड़ रही थी।
समर: होश में आओ मम्मी, बाहर माही खड़ी हुई है , मुझे गेट खोलना ही होगा।
काम्या को नशे कारण कुछ समझ नहीं आ रहा था, वो बोली माही हैं तो क्या हुआ, तुम मेरे बेटे ही और तुम पर सबसे पहले सिर्फ मेरा हक हैं, सब कुछ भूल कर मेरी चूत मार लो आज, घोड़ी बनाकर मेरे उपर चढ़ जाओ और मेरी सारी प्यास बुझा दो। तुम्हारी मा और उसकी चूत दोनो लंड के लिए तड़प रहें हैं।

समर उसे अपनी बांहों में उठा लेता है और काम्या को उसके कमरे में ले जाकर लिटा देता हैं और कमरे को अंदर से बंद करके खिड़की से बाहर निकला आया और सब कुछ अच्छे से अच्छे करके जैसे ही गेट पर पहुंचा तो फिर से उसका फोन बज उठा तो उसने धड़कते हुए दिल के साथ दरवाजा खोल दिया तो सचुमुच बाहर माही खड़ी हुई थी और उसके साथ सोनम भी खड़ी थी।

गेट खुलते ही वो समर पर बरस पड़ी: इतनी देर से गेट क्यों खोला, ?
समर बहाना बनाते हुए: अरे मैं ऊपर बाथरूम में था, आवाज नहीं आ रही थी जब तुम्हरा कॉल आया तो देखा और नीचे चला आया।

माही अंदर घुस गई और साथ में सोनम भी, माही ने समर से पूछा कि: काम्या मम्मी कहां हैं ?

समर : वो तो कभी की सो गई हैं, लेकिन तुम तो सुबह आने वाली थी अचानक से इतनी रात को दोनो आ गई सब ठीक तो हैं ?

माही: अरे सोनम के मम्मी पापा ने मम्मी और तुम्हारे लिए केक और खाना भेजा हैं बस ही लेकर अाई हैं हम।

समर ने चैन की सांस ली , बस वो ये कन्फर्म करना चाहता था कि वो दोनो अभी वापिस जाएगी या यहीं रुकेंगी। लेकिन पूछने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था।

तभी सोनम बोल पड़ी: माही अब हमे चलना चाहिए क्योंकि मम्मी पापा और पूरा परिवार अभी भूखे पेट ही हमारा इंतजार कर रहा है।

माही उसकी हां में हां मिलाते हुए : ठीक हैं समर मैं अभी चलती हू और सुबह खुद ही आ जाऊंगी । ध्यान रखना अपना , गुड नाईट एंड स्वीट ड्रीम्स ।( उस बेचारी को क्या पता था कि आज सचुमच उसके सपने पूरे होने वाले हैं, अपनी मा को चोदना का सपना)


और ऐसा बोलकर वो दोनो फिर से घर से बाहर निकाल गई और समर ने फुर्ती से गेट बंद कर लिया और उसका लंड फिर से लोहे की रोड के जैसे तन गया। उसने अपने सारे कपड़े उतार फेंके और एक दम नंगा हो गया ।

वो काम्या के रूम की खिड़की में से उसके रूम में घुस गया
 

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ruby mittal

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आज घर में खुशी का माहौल था क्योंकि समर पूरी तरह से ठीक हो चुका था और सबसे ज्यादा खुश तो माही लग रही थी। सुबह सभी नाश्ते की टेबल पर मिलते हैं और नाश्ता शुरू करते हैं और साथ ही साथ बातचीत भी शुरू हो जाती हैं।
करण: आज बहुत खुशी का दिन हैं समर बिल्कुल ठीक हो गया है पार्टी तो होनी ही चाहिए।
काम्या: हां जी पार्टी तो बनती हैं। और वैसे ही आज रविवार हैं तो आपकी छुट्टी भी हैं।
राम्या: पापा मेरा भूल भुलैया देखने का बड़ा मन हैं। मैं देखना चाहती हूं कि लोग वहां रास्ता कैसे भूल जाते हैं इसलिए हमें सबको आज वहीं जाना चाहिए "।
सभी को राम्या का प्रस्ताव पसंद आत है वो वो सब निकलने की तैयारी करने लगते हैं। कोई एक घंटे के बाद समर , करण और काम्या तैयार होकर माही और राम्या का नीचे इंतजार कर रहे होते हैं। तभी थोड़ी देर बाद राम्या और माही नीचे आती हैं तो समर की आंखे उन्हें देख कर चोड़ी हो जाती हैं। दोनो बहुत खूबसूरत लग रही थी जैसे जुड़वा बहने हो क्योंकि दोनो ने आज एक जैसी ड्रेस पहन रखी थी। माही ने आज एक काले रंग की जींस और लाइट ग्रीन रंग का टॉप पहना हुआ था जिसमें उसमे जिस्म का हर कटाव साफ नजर आ रहा था। बड़ी बड़ी आंखें, उनमें लगा गहरे काले रंग का काजल, और गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगे उसके रसीले लिप्स मानो चूसे जाने के लिए बेकरार हो, चूचियां आज कुछ ज्यादा ही तनी हुई थी मानो उन्हें झुकना पसंद ना हो और जीन्स उसकी गांड़ पर बहुत टाइट आ रही थी जिससे उसकी गांड़ की चौड़ाई का एहसास हो रहा था । उसकी गांड़ उसके चलने से उपर नीचे थिरक रही थी जिससे समर के दिल पर छुरी सी चल रही थी वो तो पलके तक झपकाना भूल चुका था और एक टक माही को प्यार से देख रहा था तभी माही भी उसकी आंखो में देखती हैं और दोनो एक साथ मुस्कुरा देते हैं। तभी उसे काम्या की आवाज आती हैं कि चलो जल्दी बाहर पापा इंतजार कर रहे हैं सबका ।
सभी बाहर आकर गाड़ी में बैठ जाते हैं और करण गाड़ी आगे बढ़ा देता है। करण और काम्या आगे बैठे थे जबकि पीछे खिड़की के पास समर और माही बीच में और दूसरी खिड़की के पास राम्या बैठी हुई थीं।
करण ने बहुत ही रोमांटिक गाने चला रखे थे जिसका असर काम्या के साथ साथ माही पर भी हो रहा था जबकि राम्या ने गाड़ी में बैठते ही अपना हेडफोन लगा लिया था और अपनी पसंद के आने सुनने में व्यस्त हो गई मानो उसे दुनिया को कोई खबर ही ना रही हो। माही एक बार राम्या की तरफ देखती हैं और अपना बैग उठाकर अपनी गोद में रख लेती हैं और बैग के अंदर अपना हाथ घुसा देती हैं मानो उसके के कुछ निकाल रही हो और बड़ी ही कामुक नजरो से समर की और देखती हैं । समर सब कुछ समझ जाता है और अपना एक हाथ माही की जांघ पर रख देता हैं । गाड़ी अपनी स्पीड से आगे चल रही थी उधर माही की धड़कन भी बढ़ने लगी थी। ना जाने कैसा जादू था समर के एहसास में कि वो सब कुछ भूल जाती थी। वो धीरे धीरे अपना हाथ से उसकी जांघ सहलाने लगता है तो माही का शरीर कांपने लगा । तभी गाड़ी एक सुरंग के अंदर घुसती हैं जिसमें अंधेरा था , मौके का फायदा उठाते हुए समर माही के होंठ चूसने लगता है और माही भी उसका साथ देते हुए उसके होठ चूसने लगती है। समर एक हाथ से माही के बूब्स दबा देता है जिससे माही को एक बहुत ही सुखद एहसास हुआ और उसने अपने बूब्स समर के हाथ में दबा दिए। समर जितनी जोर से उसके बूब्स दबाता वो उससे कहीं ज्यादा तेजी से उपर उभरकर कर आते मानो उन्हें झुकना पसंद नहीं था। जैसे ही गाड़ी सुरंग से बाहर निकलती हैं दोनों का किस टूट जाता है और दोनो सही से बैठ जाते हैं । माही एक हाथ बैग के साइड से निकलती हैं और समर की जांघ पर रख देती हैं और धीरे धीरे सहलाने लगती है और फिर अपनी सारी ताकत समेटकर अपने हाथ का दबाव उसके लंड पर बढ़ा देती हैं ।जैसे ही समर को लंड पर माही के हाथ का एहसास होता है हालत खराब होने लगी थी । वो एक बार करण और काम्या की और देखता हैं तो उसे पता चलता है कि वो दोनो अपनी बातो में मस्त हैं । फिर वो एक सरसरी नजर राम्या पर डालता हैं जो जिसकी आंखे बंद हो गई थी , शायद सो गई थी या आंखे बंद करके गाने सुन रही थी।समर अपना एक हाथ नीचे लाते हुए माही के हाथ पर रख देता हैं जिससे माही के हाथ का दबाव लंड पर बढ़ जाता है और माही का जिस्म सुलग उठा था। वो लंड पर हाथ आगे पीछे करने लगती हैं तो समर एक बार माही की तरफ देखता है जिसकी आंखे पूरी तरह से लाल हो चुकी थी और उसकी आंखे में देखते हुए वो का हाथ अपने लंड पर से उपर के और उठाता हैं और फिर धीरे से जैसे ही नीचे रखता हैं तो माही को उसके नंगे लंड का एहसास होता है क्योंकि समर इसी बीच पेंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल चुका था , जैसे ही माही की उंगलियां नंगे लंड पर पड़ती हैं तो उसका जिस्म लहराने लगता हैं और जोर जोर से लंड को दाबने लगती हैं। आज माही को लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और अकड़ा हुआ लग रहा था जिसके एहसा से उसकी चूत में नमी आने लगी थी।
समर से अभी अब बर्दाश्त नहीं होता और वो अपना एक हाथ बैग से पीछे से जाकर जांघ पर रख देता हैं और सहलाने लगता है जिससे माही को बहुत मजा आने लगा था और वो जोर जोर से उसका लंड दबाना शुरु कर देती हैं , समर अपने हाथ को जैसे ही उसकी जांघ से सरकाते हुए चूत की तरफ लेकर जाता है तो उसे पता चलता है कि माही अपनी जीन्स की ज़िप खोल चुकी थी और समर अपना हाथ उसकी जींस में घुसा देता है और पेंटी के उपर से उसकी चूत सहलाने लगता है जो की गीली हो गई थी । जैसे ही माही को पेंटी के ऊपर से समर की उंगलियां अपनी चूत पर महसूस होती है मजे के कारण उसकी एक सिसकी निकल पड़ती हैं जिसे समर के साथ साथ पास बैठी राम्या भी सुन लेती हैं तो पूछती हैं कि क्या हुआ बुआ ?
माही डर जाती हैं और अपना हाथ लंड से पीछे खींच लेती हैं जबकि समर भी उसकी चूत पर से हाथ हटा देता है ।
माही: कुछ नहीं राम्या ऐसे ही बैठे बैठ नस पर नस चढ गई थी पैर की । अभी ठीक है।
करण: बस और दो मिनट का रास्ता बचा है , पहुंचने वाले हैं।
Gazab h pyar bhari chedchaad
 

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वो काम्या के रूम की खिड़की में से उसके रूम में घुस गया ।जैसे ही वो रूम के अंदर घुसा तो उसने देखा कि उसकी मा एक लिंगरी में लेटी हुई है और उसकी दोनो आंखे पूरी तरह से बंद थी और नशे और उत्तेजना में पता नहीं क्या क्या बडबडा रही हैं,कभी दोनो हाथो से अपनी चूचियां मसल रही थी तो कभी अपनी चूत सहला रही थी । समर उस ध्यान से देखने लगा तो उसे महसूस हुआ कि उसकी मा सच में बहुत खूबसूरत हैं

। समर ने प्यार से उसके कान में आवाज लगाई तो समर की आवाज सुनते ही खुशी से उसकी आंखे खुशी खुल गई और वो समर से लिपटती चली गई और उसके चेहरे पर किस करने लगी।


समर उसके कान में बोला : मम्मी एक गुड न्यूज़ हैं आपके लिए ?

काम्या: क्या जल्दी कहो?

समर उसकी आंखो में देखते हुए बोला कि माही और सोनम अाई थी और खाना, केक देकर चली गई है।

उफ्फ काम्या जैसे ही ये सुना वो मस्ती से झूम उठी और अपनी लिंगरी से अपनी दोनो चूचियां बाहर निकाल ली और अपनी चूत पर से लिंगरी हटाते हुए एक उंगली से अपनी चूत मसलते हुए उसकी तरफ कामुक नजरे से देखते हुए स्माइल करने लगी।
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समर से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने तेजी से आगे बढ़कर काम्या को अपनी गोद में उठा लिया और काम्या भी अपनी चूत उसके लंड पर रगड़ते हुए अपनी दोनो बांहे उसकी गर्दन में लपेटकर कर उससे चिपक गई ।

समर ने अपने प्यासे होंठो को काम्या के रसीले होंठों पर चिपका दिया और दोनो जोर जोर से एक दूसरे के होंठ चूसने लगे।

नीचे लिंगरी काम्या की चूत पर से हट गई थी और उसकी गीली चूत से निकालता हुआ रस समर के लंड के सुपाड़े को पूरा गीला कर चुका था।

तभी बाहर एक तूफान चलने लगा और बारिश शुरू हो गई, काम्या ने समर को इशारा किया कि वो उसे उपर छत पर ले सके ताकि वो खुल कर बारिश का आनंद ले सके।
समर उसके होंठो को चूसते हुए उसे लेकर उपर की तरफ चल दिया तो चलने से उसका लंड जोर जोर से उसकी चूत पर दबाव डालने लगा और काम्या ने लंड को अपनी चूत के मुंह पर लगाकर अपनी चूत को हल्का सा दबाया तो चिकना सुपाड़ा उसकी चूत में घुस गया, काम्या को दर्द तो हुआ लेकिन मजा बहुत ज्यादा आया। वो ऐसे ही दोनो उपर आ गए ।

उनकी छत आस पास सबसे ज्यादा ऊंची थी इसलिए किसी के देखे जाने के खतरा नहीं था और हल्की हल्की बारिश दोनो के जिस्म को भिगोने लगी। छत पर पूरा अंधेरा था जिसे दूर करने के लिए समर ने उपर लगा हुआ बल्ब जला दिया तो काम्या का शरीर दूधिया रोशनी में नहा गया।

समर ने उसे जैसे ही अपनी गोद से उतारा तो लंड का सुपाड़ा बाहर निकल गया और काम्या तड़प उठी। वो वहीं छत पर लेट गई और समर की तरफ देखते हुए अपनी लिंगरी उतार फैंकी और बिल्कुल नंगी हो गई।

पानी की बूंदे उसके जलते हुए जिस्म की आग को और भड़का रही थी, उसने अपने पास खड़े समर को लंड से पकड़कर खींच लिया तो समर उसकी तरफ खींचता चला आया ।
जैसे ही समर उसके पास आया तो उसने ध्यान से समर के लंड को देखा तो उसकी चूत कंपकपा गई ।
है भगवान कितना मोटा और लम्बा तगड़ा घोड़े जैसा लंड हैं , उफ्फ कितना ज्यादा ठोस है। मानो लोहे का बना हुआ हो।
हाय कितना मोटा सुपाड़ा है। और कितना प्यारा हैं लाल सुर्ख टमाटर जैसा।
काम्या ने उसके पूरे लंड को हाथ में भर लिया तो लंड उसके पूरे हाथ में नहीं समा पा रहा था। उफ्फ हाथ में नहीं आ पा रहा है पूरा , काम्या ने उसके लंड कि पहली गांठ पर हाथ फेरा तो पता चला कि वो सुपाड़े से भी ज्यादा मोटी हैं और इसलिए उसकी चूत को नदी में फाड़ दिया था। उसने जैसे ही हाथ आगे बढ़ा कर लंड कि दूसरी ओर आखिरी गांठ को छुआ तो उसके मुंह से आह निकल गई।
आखिरी गांठ पहली गांठ से और भी ज्यादा मोटी थी,हाय ये कैसे घुसेगी उसकी चूत में ।
उसने एक बार अपनी चूत की तरफ देखा और फिर से अपनी नजरे लंड पर जमा दी तो उसे एहसास हुआ कि मुकाबला बराबरी का नहीं है, आज उसकी चूत का भोसड़ा बन जाना तय था।

वो प्यासी नजरो से सुपाड़े को देखने लगी जी उसे बहुत प्यारा लग रहा था , लालच में आकर उसके होंठ खुल गए और उसने अपने होठ सुपाड़े पर रख दिए ।
उफ्फ जैसे ही उसके जलते हुए होंठ सुपाड़े पर पड़े तो समर की आंखे मस्ती से बंद हो गई और काम्या की चूत और भी ज्यादा गीली होकर रस बहाने लगी।

काम्या ने पूरे सुपाड़े पर जीभ और फिर अपना मुंह पूरा खोलते हुए उस ज़ालिम सुपाड़े को मुंह में भर लिया तो उसका मुंह फैल गया और होंठ सुपाड़े के चारो और कस गए। दोनो के एक साथ प्रयास से सुपाड़ा बाहर निकला और काम्या ने उसे फिर से मुंह में भर लिया और चूसने लगी।

समर तो जैसे मस्ती से झूम रहा था, उसकी सगी मा उसकी लंड चूस रही थी ये किसी सपने से कम नहीं था ।

फिर काम्या ने अपना मुंह थोड़ा सा और खोला और समर ने भी एक तेज सा धक्का उसके मुंह में लगा दिया तो आधा लंड एक गांठ सहित उसके मुंह को फाड़ते हुए अंदर घुस गया। दर्द के मारे काम्या की आंखो में नमी आ गई जो बारिश कि बूंदों में दब कर रह गई।

काम्या का मुंह आज से पहले इतना कभी नहीं खुला था, उसने तो बस आज तक करण का लंड चूसा था जो समर के लंड के मुकाबले कुछ भी नहीं था। काम्या ने ताकत बटोरकर मुंह थोड़ा सा और खोल दिया और लंड को चूसने लगी, उफ्फ समर को आज बहुत मजा आ रहा था, काम्या को माही के मुकाबले कहीं ज्यादा तजुर्बा था जिसका वो फायदा उठा रही थी और होंठो के साथ साथ अपनी जीभ से भी लंड चूस रही थी जिस कारण समर के मुंह से मस्त सिसकियां निकल रही थीं। समर उसके मुंह में लंड के धक्के लगाने लगा मानो चूत चोद रहा हो।

धीरे धीरे काम्या का मुंह लंड के हिसाब से खुल गया और अब लंड चुसाई का मजा बढ़ गया था, समर तेज तेज धक्के उसके मुंह में लगाने लगा तो काम्या ने उसकी आंखो में देखते हुए अपने जिस्म की सारी ताकत लगाकर मुंह को पूरा चौड़ा कर लिया तो समर ने उसका सिर पकड़ कर एक तगड़ा धक्का उसके मुंह में मार दिया और लंड पुरा उसके मुंह में घुस गया।

दर्द के मारे काम्या की जान निकल रही थी , उसके चेहरे पर दर्द मी लकीर साफ दिख रही थी मगर उसने अपनी आंखें समर की आंखो से मिला कर रखी। धीरे धीरे समर ने लंड को हिलाना शुरू किया तो वो उसके मुंह को फैलाते हुए बाहर की तरफ निकलने लगा , समर में अब उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया और तेज तेज धक्के लगाने लगा, ।

काम्या भी जैसे ही लंड अंडर घुसता तो नीचे से उस पर अपनी जीभ रगड़ रही थी। कुछ धक्कों के बाद ही समर को लगा कि वो हवा में उड़ रहा हैं और उसका मजा बहुत ज्यादा बढ़ गया।
तभी उसने एक तेज धक्का लगाते हुए अपना पूरा लंड इसके मुंह में घुसेड़ दिया और उसके गले में वीर्य की पिचकारी मारने लगा। काम्या खुशी खुशी उस अमृत रस को पीती चली गई।

जैसे ही लंड ने पिचकारी मारनी बंद करी तो वो सिकुड़ कर काम्या के मुंह से बाहर आ गया और उसके सुपाड़े पर लगी वीर्य की बूंदों को काम्या ने जीभ से चाट लिया तो समर का जिस्म फिर से कांप उठा।
 
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