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Incest परिवार में कुछ होने लगा

crazy7895

Relativity is everywhere
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Update 2

"दूध निकालने के बाद गुड्डू दूध की बाल्टी को घर के अंदर रख देता है ,और उसकी मां घर के कमरों और बरामदे में झाडू लगा रही थी "



आशा - बेटा गुड्डू तू ऐसा कर थोड़ा आम के पेड़ो की तरफ घूमने चला जा कोई नुकसान तो नही है पेड़ो में ,

गुड्डू - ठीक है मां मैं जाता हूं खेत की तरफ

"और गुड्डू थोड़ी देर बाद घर से आम के खेत की तरफ निकल जाता है जो की घर के नजदीक ही था "

"वैसे तो चारों तरफ से तारों से बाड़ेबंदी कर रखी है आम के खेत की लेकिन फिर गांव के शरारती बच्चे तारों के नीचे से घुस जाते थे "

" दरअसल आम के पेड़ों को लगाए हुए 4 साल हो गए थे ,अभी उनमें फल आना शुरु हुए ही थे इसी साल "

"इधर गुड्डू की मां झाड़ू लगाने के बाद दूध को मिट्टी से बनी हुई हंडिया में रखकर गरम करने के लिए उसे सिगरी(खुला चूल्हा "गांव में दूध गरम करने और भैसो के दलिया बनाने के लिए उसका उपयोग करते हैं" ) के ऊपर रख देती है

"इसी तरह घर के कामों में सुबह के 8 बज जाते हैं और तब तक सोनम भी उठ जाती है "

"और हरी भी खेत से घूमकर घर वापस आ जाता है"

आशा - बेटा सोनम भी जाग गई है ,तुम बैठो में सबके लिए चाय बना देती हु

गुड्डू - ठीक है मां मैं छप्पर में बैठा हूं , चाय बन जाए तब मुझे बुला लेना

आशा - ठीक है बेटा

" आशा अब मिट्टी के चूल्हे पर आंच जलाकर चाय बनाने लगती है"
" घर के बाहर उसी खाली जगह में एक छोटा सा रसोई जैसा बना रखा था उसी में उसकी मां चाय बनाती है "

आशा - सोनम बेटी आजाओ , बेटा तुम भी आजाओ चाय पीने

"गुड्डू चाय पीने के बाद "

गुड्डू - मां अब में नहा लेता हू

आशा - हा बेटा नहा ले फिर मुझे और सोनम को भी नहाना है

"नहाने के लिए उसी खाली जगह में एक छोटा सा स्नानघर बना रखा है बिना गेट का , जिसमे एक साड़ी लगी रहती है गेट की जगह "

"गुड्डू अपने कपड़ों को छप्पर में उतार कर एक तोलिया लपेट के स्नानघर में घुस जाता है"

"उसके बाद आशा और सोनम भी नहा लेती है, उसी स्नानघर मैं "

"और फिर सोनम और उसकी मां खाना बनाती है,
और सभी खाना खाने के बाद थोड़ा आराम करते है"

"ऐसे ही दिन निकल जाता है "

"शाम का खाना भी खा लेते है सभी"

"खाना खाने के बाद सभी दूध पीते हैं , रोजाना सोनम और आशा आधा जग दूध पीती हैं और और गुड्डू पूरा जग भर के दूध पीता था "

" एक जग में 1.5 लीटर दूध आता है"

" काफी अच्छा खान पान होने से गुड्डू एक पहलवान सा लगता है,रंग थोड़ा सावला है , मोटा तगड़ा 9 इंच का काला लंड ,उम्र भले ही 21 साल हो लेकिन शरीर काफी तगड़ा है, चौड़ी छाती ,6 फीट लंबाई ,गठीला बदन और रोजाना सुबह थोड़ी बहुत कसरत भी करता है जब बाहर जाता है टट्टी करने उस समय और खेतीबाड़ी के काम में भी लगा रहता है जिससे कतई हष्ट पुष्ट शरीर बना रखा है"


"और आशा की 5.3 फुट लंबाई,
एक बेहद ही सुंदर और शुशील ,इनका रंग थोड़ा सा गोरा है और उसके आकार के तो कहने ही क्या, 38 की चूचियां , 34 की कमर और 41 की गांड़ कतई घोड़ी जैसी है ,

अपने खेतों में काम खूब करती है और घर का भी संभालती है ,जिससे आशा का शरीर पूरा संभला हुआ है ,बस गांड़ बहुत भारी है इनकी"

"और सोनम का शरीर भी ठीक ठाक बना हुआ है , इनका रंग खूब गोरा है
लंबाई करीब 5.5 फुट , 36 की बलखाती हुई ताजा गांड़ , 28 की लचीली कमर और 34 की चुस्त घुंडीदार चूचियां
काफी चुस्त शरीर है सोनम का, पतली कमरे पर कसे हुए कामुक चूतड , बहुत ही कमाल लगती है, अभी गर्मियों में स्कूल बंद है इसलिए घर पूरे दिन घर ही रहती है और अपनी मां के साथ घर के कामों में हाथ बंटाती है"

और " शाम को दूध पीने के बाद सोने का टाइम हो जाता है "

" तीनो मां बेटे हॉल में बैठे हुए थे खाना खाने के बाद "

आशा - अरे गुड्डू बेटा और सोनम बेटी तुम भी सुनो

गुड्डू -जी मां

सोनम - जी मां बोलिए

आशा - आज ऊपर सोते है छत पर , नीचे थोड़ा भवका सा निकलता है , और गर्मी भी लगती है

गुड्डू - हा मां सोते हैं ऊपर मुझे भी थोड़ी गर्मी सी लगती ही नीचे क्यों सोनम!

सोनम - हा भैया आप सही कह रहे हो नीचे थोड़ी गर्मी सी तो लगती है

" और सभी अपने - अपने बिस्तर लेके ऊपर चले जाते है जाते छत पर "
"अब सभी अपने बिस्तर बिछा लेते है लाइन से एक - एक हाथ का फासला देके ,और सभी लेट जाते है अपने - अपने बिस्तरों पर, ऐसे ही बात करने लग जाते है "

आशा - बेटा आम कब तक तोड़ने लायक हो जायेंगे

गुड्डू - वैसे तो हो गए है बड़े - बड़े लेकिन अभी पकने में थोड़ा एक सप्ताह तो लग जायेगा

सोनम - भैया मुझे भी खाने है आम

गुड्डू - हा छोटी खा लेना कुछ दिनों की बात है बस

"सभी प्यार से सोनम को छोटी ही बुलाते हैं"

गुड्डू - मां कल पानी और देना है और थोड़ा कीटनाशक का छिड़काव भी करना है पेड़ो में, सात दिन हो गए है पानी दिए

आशा - ठीक है बेटा में चल चलूंगी कल तेरे साथ , तेरा हाथ भी बंट जाएगा

गुड्डू - ठीक है मां

"और सभी ऐसे ही बात करते - करते सभी सो जाते है"
 
Last edited:

aalu

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bahar kee aam kee toh bari dekhbhaal ho rahi hain.... toh ghar kee aam pe bhi keetnashak daal ke rakho nahin toh koi tor ke na le jaye pehle hee... waise aam ke saath tarbooj bhi hain... aur pake hue bhi...
 

sunoanuj

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Bahut badhiya shuruat hai ….

👏🏻👏🏻👏🏻🌷🌷🌷🌷
 

hellboy

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Update 2

"दूध निकालने के बाद हरि दूध की बाल्टी को घर के अंदर रख देता है ,और उसकी मां घर के कमरों और बरामदे में झाडू लगा रही थी "


आशा - बेटा हरि तू ऐसा कर थोड़ा आम के पेड़ो की तरफ घूमने चला जा कोई नुकसान तो नही है पेड़ो में ,

हरि - ठीक है मां मैं जाता हूं खेत की तरफ

"और हरि थोड़ी देर बाद घर से आम के खेत की तरफ निकल जाता है जो की घर के नजदीक ही था "

"वैसे तो चारों तरफ से तारों से बाड़ेबंदी कर रखी है आम के खेत की लेकिन फिर गांव के शरारती बच्चे तारों के नीचे से घुस जाते थे "

" दरअसल आम के पेड़ों को लगाए हुए 4 साल हो गए थे ,अभी उनमें फल आना शुरु हुए ही थे इसी साल "

"इधर हरि की मां झाड़ू लगाने के बाद दूध को मिट्टी से बनी हुई हंडिया में रखकर गरम करने के लिए उसे सिगरी(खुला चूल्हा "गांव में दूध गरम करने और भैसो के दलिया बनाने के लिए उसका उपयोग करते हैं" ) के ऊपर रख देती है

"इसी तरह घर के कामों में सुबह के 8 बज जाते हैं और तब तक सोनम भी उठ जाती है "

"और हरी भी खेत से घूमकर घर वापस आ जाता है"

आशा - बेटा सोनम भी जाग गई है ,तुम बैठो में सबके लिए चाय बना देती हु

हरि - ठीक है मां मैं छप्पर में बैठा हूं , चाय बन जाए तब मुझे बुला लेना

आशा - ठीक है बेटा

" आशा अब मिट्टी के चूल्हे पर आंच जलाकर चाय बनाने लगती है"
" घर के बाहर उसी खाली जगह में एक छोटा सा रसोई जैसा बना रखा था उसी में उसकी मां चाय बनाती है "

आशा - सोनम बेटी आजाओ , बेटा तुम भी आजाओ चाय पीने

"हरि चाय पीने के बाद "

हरि - मां अब में नहा लेता हू

आशा - हा बेटा नहा ले फिर मुझे और सोनम को भी नहाना है

"नहाने के लिए उसी खाली जगह में एक छोटा सा स्नानघर बना रखा है बिना गेट का , जिसमे एक साड़ी लगी रहती है गेट की जगह "

"हरि अपने कपड़ों को छप्पर में उतार कर एक तोलिया लपेट के स्नानघर में घुस जाता है"

"उसके बाद आशा और सोनम भी नहा लेती है, उसी स्नानघर मैं "

"और फिर सोनम और उसकी मां खाना बनाती है,
और सभी खाना खाने के बाद थोड़ा आराम करते है"

"ऐसे ही दिन निकल जाता है "

"शाम का खाना भी खा लेते है सभी"

"खाना खाने के बाद सभी दूध पीते हैं , रोजाना सोनम और आशा आधा जग दूध पीती हैं और और हरि पूरा जग भर के दूध पीता था "

" एक जग में 1.5 लीटर दूध आता है"

" काफी अच्छा खान पान होने से हरि एक पहलवान सा लगता है,रंग थोड़ा सावला है , मोटा तगड़ा 9 इंच का काला लंड ,उम्र भले ही 21 साल हो लेकिन शरीर काफी तगड़ा है, चौड़ी छाती ,6 फीट लंबाई ,गठीला बदन और रोजाना सुबह थोड़ी बहुत कसरत भी करता है जब बाहर जाता है टट्टी करने उस समय और खेतीबाड़ी के काम में भी लगा रहता है जिससे कतई हष्ट पुष्ट शरीर बना रखा है"


"और आशा की 5.3 फुट लंबाई,
एक बेहद ही सुंदर और शुशील ,इनका रंग थोड़ा सा गोरा है और उसके आकार के तो कहने ही क्या, 38 की चूचियां , 34 की कमर और 41 की गांड़ कतई घोड़ी जैसी है ,

अपने खेतों में काम खूब करती है और घर का भी संभालती है ,जिससे आशा का शरीर पूरा संभला हुआ है ,बस गांड़ बहुत भारी है इनकी"

"और सोनम का शरीर भी ठीक ठाक बना हुआ है , इनका रंग खूब गोरा है
लंबाई करीब 5.5 फुट , 36 की बलखाती हुई ताजा गांड़ , 28 की लचीली कमर और 34 की चुस्त घुंडीदार चूचियां
काफी चुस्त शरीर है सोनम का, पतली कमरे पर कसे हुए कामुक चूतड , बहुत ही कमाल लगती है, अभी गर्मियों में स्कूल बंद है इसलिए घर पूरे दिन घर ही रहती है और अपनी मां के साथ घर के कामों में हाथ बंटाती है"

और " शाम को दूध पीने के बाद सोने का टाइम हो जाता है "

" तीनो मां बेटे हॉल में बैठे हुए थे खाना खाने के बाद "

आशा - अरे हरि बेटा और सोनम बेटी तुम भी सुनो

हरि -जी मां

सोनम - जी मां बोलिए

आशा - आज ऊपर सोते है छत पर , नीचे थोड़ा भवका सा निकलता है , और गर्मी भी लगती है

हरि - हा मां सोते हैं ऊपर मुझे भी थोड़ी गर्मी सी लगती ही नीचे क्यों सोनम!

सोनम - हा भैया आप सही कह रहे हो नीचे थोड़ी गर्मी सी तो लगती है

" और सभी अपने - अपने बिस्तर लेके ऊपर चले जाते है जाते छत पर "
"अब सभी अपने बिस्तर बिछा लेते है लाइन से एक - एक हाथ का फासला देके ,और सभी लेट जाते है अपने - अपने बिस्तरों पर, ऐसे ही बात करने लग जाते है "

आशा - बेटा आम कब तक तोड़ने लायक हो जायेंगे

हरि - वैसे तो हो गए है बड़े - बड़े लेकिन अभी पकने में थोड़ा एक सप्ताह तो लग जायेगा

सोनम - भैया मुझे भी खाने है आम

हरि - हा छोटी खा लेना कुछ दिनों की बात है बस

"सभी प्यार से सोनम को छोटी ही बुलाते हैं"

हरि - मां कल पानी और देना है और थोड़ा कीटनाशक का छिड़काव भी करना है पेड़ो में, सात दिन हो गए है पानी दिए

आशा - ठीक है बेटा में चल चलूंगी कल तेरे साथ , तेरा हाथ भी बंट जाएगा

हरि - ठीक है मां

"और सभी ऐसे ही बात करते - करते सभी सो जाते है"
awesome start bro.waiting for next mind blowing updates
 
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