Update 3: मैं (अमन) जब रात को अपने कमरे मे इंतजार करने लगा की कब माँ पापा अपने कमरे जे जाएं और मैं उनका आज का चुदाई समारोह देखूँ । वैसे माँ पापा लेट नाइट सेक्स करते हैं जब सारे सो जाते है , उनको ये होता है की उनका बेटा बहु क्या सोचेगे , मैंने जब देखा माँ पापा टीवी पर मूवी देख रहे थे , तो मुझे लगा की इनकी चुदाई मे अभी टाइम हैं । फिर मैंने भाई भाभी के कमरे की खिड़की से आकर देखा की भाई तो कुछ काम कर रहे है अपना लैपटॉप पर भाभी उनके पास ही बेठी थी मस्त सी सेक्सी नाइट ड्रेस पहन कर , भाभी के आधे से ज्यादा चूचियाँ दिख रही थी और नीचे बस एक पेन्टी जाली वाली , जिसने बस सिर्फ चुत के होंठों को ढका हुआ था मेरी तो हालत खराब हुई जा रही थी , इतने मे भाई ने अपना लैपटॉप बंद किया और अपने लंड पर हाथ फेरते हुए भाभी की तरफ देखते हुए बोले: अनु आज तो तुमने पूरा दिन मेरा लंड खड़ा रखा , क्या लग रही थी, मन तो कर रहा था की तुम्हें कमरे मे लेजकर चोद दूँ बीच पार्टी मे ही . अनु भाभी: बस करो मुझे पता ही है , आप तो माँ जी के चूचियाँ देख कर बार बार अपना लंड सहल रहे थे , देखा था मैंने ।
अमित: क्या बात करती हो अनु , भला अपनी माँ को देख कर ये सब कैसे सोच सकता हु मैं ।
अनु: आर माँ जी चीज ही ऐसी हैं, आपका भी तो मन करता होगा न उनको देख कर फिर से बचपन जीने का ।
अमित: क्या मतलब ? अनु: मतलब उनके दूध पीने का , छोटे होते दबा दबा कर पिया होगा अपने भी ।
अमित : अनु ये कैसे बाते कर रही हो , छोटे होते तो सब पेट हैं न , इसमे क्या हैं ।
अनु : बस बस रहने दो , देखो कैसे माँ जी की चूचियों को याद करके आप का लंड ससख्त हो रहा हैं । अगर मौका मिले तो आप उनको भी चोद ही डालो ।
अमित : छि : अनु क्या लेके बेथ गई तुम, ये तो तुमको देख कर सख्त हुआ हु , तुम्हारी चूचियाँ है ही इतनी मस्त, देखते ही खड़ा हो जाता है । आज तो इनको दबा दबा कर तुम्हारी चुत मे सूजन दूंगा ।
अनु : देख लो काही चोद मुजे रहे हों और फ़ील माँ जी को कर रहे हो । अमित : कुछ भी बोलती हो , मैं मानता हु की उनको देख कर फ़ील या गया था पर इसका मतलब ये नहीं है की उनके साथ ये सब करू ।
अनु : हस्ते हुए , हाहाहाह , याचा चलो अपने मन तो सही की अप अपनी माँ के चूचियाँ उनको सहलाना चाहते हो , चूसना चाहते हो । अमित : मैंने ये कब कहा , की माँ के साथ ये सब करना चाहता हु ।
अनु : मई नहीं कह रही , आपका खड़ा लंड बता था है ।
इतने मे भाभी ने हस्ते हुए भैया का लंड मुह मे ले लिया और चूसने लगी , और बोली : पहले तो ये जाएगा मेरी चुत मे , माँ जी की चुत मे तो फिर कभी डाल लेना ।
अमित : जान आज तो तुमने मुझे गरम कर दिया आज तुमको सोने नहीं दूंगा मैं ।
अनु : तो अब चोद लो न जान , आपका खड़ा लंड देख कर तो मेरी चुत सुबह से भीगी हुई है , मैंने रात का इंतजार बड़ी मुश्किल से किया । बस मैं बाल सेट करके आई ।
इतने मे अनु भाभी खड़ी होकर शीशे के आगे चली जाती है अपने बाल सेट करने , भाई उनके पीछे जा कर खड़े हो जाते हैं । भैया भाभी के गर्दन पर किस करते है और भाभी की अनकहे बंद हो जाती हैं । भाई का लंड इनके बाक्सर मे टन कर खड़ा हो चुका होता है और भाभी की गांड मे टक्कर मरने लग जाता है । फिर भाई अपने हाथों से भाभी की चूचियों को मसलने लग जाते हैं । भाभी के मुह से सिसकियाँ निकल रही होती है आह्ह आह्ह आहाहाहाहह अहहह अमित और प्यार करो , हा इसे ही दबाओ मेरे दूध को , आह्ह आह्ह आह्ह ।।
इतने मे भाई अपना एक हाथ नीचे ले जाता है और भाभी की पेन्टी मे हाथ डाल कर चुत को सहलाने लगता है , सारे कमरे मे भाभी की सिसकारियाँ गूंजने लग जाती हैं । भाई धीरे से भाभी की ड्रेस और पेन्टी उतार देते हैं । भाभी पूरी नंगी मेरे सामने भाई उनकी चुत मे उंगली कर रहे है एक हाथ से उनके दूध दबा रहे हैं , मेरा ये सब देख के होश उड़ गए , पहली बार भाभी को नंगी और चुदासी देख रहा था । भाभी का मखमली बदन अच्छे अछो का देखते ही पनि निकल जाए, भाभी की मोटी मोटी चूचियाँ देख कर मेरा मन करने लगा की अभी दबा दबा कर सर दूध पी जाऊ । इतने मे भाभी ने अपना एक हाथ पीछे ले जाकर भाई का बॉक्सर निकाल दिया, भाई का मोटा टन हुआ लंड भाभी की चूतड़ों मे घुसने लगा ,
जिससे भाभी और भी मादक अवजे निकालने लगी: आह्ह आह्ह सस् आह्ह आह्ह आह्ह अमित दूध पीओ न मेरा जोर जोर से दबा कर, आज मेरी चुत की प्यास बहुत बढ़ी हुई है, फाड़ दो मेरी चुत आज चोद चोद कर , भाभी एक हाथ से भाई का लंड सहलाने लगी, । तब वही खड़े खड़े भाई आगे यागए और भाभी की दोनों चचियों को अपने हाथों से दबा दबा कर पीने लगे और उनका खड़ा लंड भाभी अपने हाथों से अपनी चुत पर रगड़ने लगी , और सिसकियाँ भरने लगी । तब भाई ने भाभी को लिटाया और नीचे या गए , भाभी एकदम नंगी थीं और भैया उनकी चूत चाट रहे थे. भाभी के मुँह से आह आह आह्ह आह्ह की आवाज निकल रही थी. भैया ने भाभी की चूत में अपना मुँह लगभग घुसेड़ा हुआ था और वो भाभी की चूत में जीभ को नुकीला करके अन्दर बाहर कर रहे थे. भाभी भी मस्ती मे सिसकी लिए जा रही थीं और वो अपने दोनों हाथ भैया के सर को अपनी चूत में ऐसे दबाए जा रही थीं मानो वो भैया को अपनी चूत में ही घुसा लेंगी. मुझे ये सीन देख कर लंड मे सख्ती हो रही थी और मैं अपने लंड को सहलाने लगा था. अब भाभी ने भैया को बोलना शुरू कर दिया था- आंह अमित … मेरी चुत को चूस ले … आह कितना मस्त मजा दे रहे हो आप … आह पूरी चूत का रस चूस लो !
भैया बिना कुछ बोले लगातार भाभी की चूत को चाट कर उसका सर पानी पीने पर तुले हुए थे. कुछ ही देर में भाभी की आवाजें बढ़ गईं और वो अपनी दोनों टांगें हवा में खोल कर अपनी गांड ऊपर उठाने लगी थीं. उनके दोनों हाथों में भैया के सर के बाल दबे हुए थे और वो उनके बाल खींच कर चूत झड़ने जैसा कर रही थीं. कुछ ही देर में भाभी चरम पर आ गईं और आह्ह आह्ह सी आंह आंह करती हुई झड़ने लगीं. झड़ते समय भाभी का पसीने से भीग बदन , गई चुत और कुटिल मुस्कान अलग लग रही थी. एक मिनट में ही भाभी जम सी गई और भैया अभी भी भाभी की चूत से निकले रस को चाट रहे थे. चूत का पूरा रस चाटने के बाद भैया ने अपना मुँह ऊपर उठाया तो उनकी आंखें वासना से एकदम सुर्ख हो गई थीं और मुँह पर भाभी की चूत का माल जहां तहां छपा हुआ था.
भैया ने भाभी की टांगों से सर निकाला और लम्बी सांसें लेते हुए भाभी की उठती बैठती चूचियों को देखने लगे.
फिर भैया ने बिस्तर के बगल बेठ कर भाभी को निहारना शुरू कर दियाँ ।
भाभी के मुँह से निकला- जान कितना मस्त चूसते हो, मेरी चूत तो बिना लंड के ही ठंडी हो गई.
भैया हंसने लगे और बोले- अभी तो तेरी सिर्फ चूत चाटी है … अभी मेरे लंड का पूरा स्वाद भी तुझे लेना बाकी है ।
भाभी हंसती हुई बैठ गईं और बोलीं- आ जा मेरे पति देव , अब आपके लंड को भी प्यार कर लेती हूँ.
भैया लेट गए और भाभी भाई के कड़क लंड को चूमने लगीं. भाभी ने दो तीन चुप्पे लंड के लिए अंदर गले में लेकर मुंह आगे पीछे करने लगी .
भैया भी मस्त होने लगे और लंड चुसाई का मजा लेने लगे.
भाभी ने कुछ ही पलों रफ्तार बढ़ दी , कमरे मे गप्प गप्प की आवाजे गूंजने लगी थी , वो अपने हाथ से भैया के लंड के गोटों को भी सहला रही थीं.
अब भैया ने भाभी के सर को पकड़ कर उन्हें अपने लंड पर दबाने लगे- आंह साली रांड चूस … आह लंड चूस … आह बड़ा मजा आ रहा है बेबी ….
इतने मे भाभी बोली : जान माँ भी इसी तरह चुस्ती अगर तो भी आपको इतना ही मजा आता ।
भाई को आँखें बंद करते ही माँ दिखने लगी , भाई बोल: हा अनु अगर आज माँ भी लाँड़ चूस देती तो इतना ही मजा आता ।
अनु भाभी : जान आप चाहते हो तो मैं आपकी मदद कर सकती हु माँ की चूचियाँ पिलाने मे ।
अमित भाई एकदम से बोले, क्या कैसे ?
अनु : वो आप मुझ पर छोड़ दो , माँ जी मेरे सामने हमारे दोनों के साथ मिल के आपको दूध पीला देगी अगर अप चाहते हो तो ।
अमित : सच बताऊ अनु, मुझे कभी कभी मन होता है माँ के दूध पीने का , अगर एक बार पिलवा दो तो मजा ही अजेगा ।
अनु : मान ही गए न आप अपनी माँ को नंगी देखना चाहते हैं।
अमित : हा बाबा हा, मैं भी मर्द हूँ , और मेरा भी खड़ा होता है किसी की भी गांड और चूचियाँ देख कर ।
ये सुन कर भाभी ने चूसने की रफ्तार तेज कर दी और लंड चूसने में जरा भी कसर नहीं छोड़ रही थीं.
फिर भैया ने कहा- अब चूसना छोड़ और चढ़ जा लंड पर … कर सवारी मेरे हथियार की। भाभी ने एक मिनट की भी देर नहीं लगाई और वो अपनी टांगें खोल लंड पर बैठने लगीं. अगले ही पल भैया का लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अंदर जड़ मे समा गया । भाभी उछल उछल कर लंड की सवारी करने लगी थी , भाभी की चूचियां गजब हिल रही थीं. भैया भी उनकी दोनों चूचियों को बारी बारी से चूस रहे थे.
भाभी मुँह से आवाज और तेज हो गई- आह आह आआ हम्मम … और चोदो मेरे राजा … आज पूरी तरह से ठंडी कर दो मुझे … आह कितना अन्दर तक पेल रहे.
कोई दस मिनट बाद भाभी अपनी चरम सीमा पर आ गईं और आह आह करती हुई झड़ने लगीं. उनकी चूत की गर्मी से भैया भी अपने लंड का रस छोड़ने लगे. उन दोनों में चुदाई पूरी हो गई थी और वो दोनों हांफते हुए एक दूसरे के ऊपर गिर कर चूमाचाटी करने लगे थे. उसके बाद मैंने समझ लिया कि इनका खेल खत्म हो गया है अब इधर रूकने से कोई फायदा नहीं है. मैं वापस अपने कमरे में गया और माँ पापा की मूवी खत्म होने का इंतजार करने लगा लगा. पर मेरी आंखों के सामने भाभी के बड़े बड़े मम्मे नजर आ रहे थे. फिर मैंने एक बार और मूठ मार ली और मेरा लॅंड बैठने का माँ नहीं ले रहा था । मैं लंड मसलते हुए सोचने लगा कि काश एक बार मुझे भी भाभी के मम्मों का दूध पीने को मिल पाता.
कुछ देर बाद मैं नीचे फिर से यज्ञ , भाई भाभी के कमरे की लाइट बंद हो चुकी थी , मैंने माँ पापा के कमरे मे देखा तो वह प्रोग्राम चल रहा था , पापा माँ की चूचियाँ चूर रहे थे , माँ ऊपर से नंगी थी बस एक पेन्टी पहनी हुई थी । मैंने पहली बार माँ के दूध नंगे देखे थे , और मन कर रहा था की अभी अंदर जाऊ और उनको चूस लूँ । मेरा लंड पर फिर से हाथ चल गया था माँ पापा के लंड के साथ खेलने लगी , फिर पापा ने माँ की पेन्टी उतार दी और चुत चाटने लगे , माँ की सिकियाँ कमरे मे गूंजने लगी आह्ह आह्ह हा अनिल ऐसे ही कहती मेरी चुत को , चूचियाँ दबाओ मेरी मम्मे काब से इंतजार कर रहे थे तुम्हारे मर्दाना हाथों का , चूस लो मेरे मम्मे भबी , पी लो सर रस , पापा उस समय मम्मी की चूत चाट रहे थे। फिर दोनों 69 पज़िशन से बाहर आए और पापा ने मम्मी की चूत के होंठो को चूसना बंद कर दिया और मम्मी ने भी उनके लंड को चूसना बंद कर दिया था। तब मम्मी ने कहा कि जल्दी करो डाल दो चुत मे अब सब्र नहीं होता , और अब मम्मी अपना हाथ आगे करके उनके लंड को आगे पीछे करने लगी थी। अब पापा का लंड पत्थर की तरह सख़्त हो चुका था और बहुत ही टाईट हो चुका था। फिर पापा ने मम्मी की चूत के ऊपर की तरफ थूक से तर कर दिया, तो थूक की धार निकलकर मम्मी की चूत में जाने लगी थी। अब मम्मी ने अपनी उंगली से थूक को अपनी चूत में करना चालू कर दिया था।
फिर पापा ने मम्मी की दोनों टांगे फैलाई और उनकी दोनों टांगो के बीच में जाकर बैठ गये और अपना लंड सेट करके मम्मी की चूत के मुँह पर रख दिया। तब मम्मी के मुँह से आह्ह आह्ह आअहह, की मीठी आवाज निकल गयी। फिर पापा ने धीरे से अपने लंड से एक झटका मारा तो उनका लगभग आधा लंड मम्मी की चूत में अंदर तक धँस गया था। तब मम्मी के मुँह से आआहह की आवाज आई, लेकिन साफ-साफ़ पता लग रहा था कि यह दर्द की आवाज नहीं है, यह तो मजे लेने की आवाज थी। तब पापा ने मम्मी से पूछा कि क्यों मेरी रानी मज़ा आया? तो तब मम्मी बोली कि हाँ मेरे राज़ा, पूरा अंदर डालो ना, मज़ा तो पूरा तभी आएगा जब तुम्हारा गधे जैसा मूसल लंड मेरी चूत में अंदर बच्चेदानी तक ठोकर मारेगा, मेरी चूत की प्यास तो तभी बुझती है।
तब पापा ने कहा कि लो मेरी रानी, अभी लो में तुम्हारी प्यासी चूत की प्यास बुझाता हूँ, लो मेरा पूरा लंड लो और यह कहकर मेरे पापा ने मेरी मम्मी की चूत में एक जोरदार धक्का मारा। अब इस बार मेरे पापा का मूसल लंड जड़ तक मम्मी की चूत में घुस गया था। फिर पापा ने मम्मी के दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर ज़ोर से दबाया। फिर जैसे मम्मी के बूब्स में से संतरों जैसे रस निकालना चाहते हो तो तब मम्मी के मुँह में से आवाज़ें निकली आह्ह आह्ह आआअहह मेरे राजा, यह हुई ना मर्दों वाली बात, आआआ, अब रूको मत, ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारो पूरी स्पीड से जैसे एक कुत्ता अपनी कुत्ती को चोदता है, वैसे ही चोदो, मेरे दिल के राज़ा, फाड़ दो मेरी इस प्यारी चूत को, अयाया, वूऊव, हाए, आह, ऐसे ही, ऐसे ही, मारो मेरी चूत, मारो मेरे राज़ा। फिर पापा ने ज़ोर-ज़ोर से मम्मी की चुदाई करनी आरंभ कर दी। अब उधर पापा ने मम्मी की चूत में धक्के मार-मारकर मम्मी की टागों को थका दिया था। तब मम्मी बोली कि बस करो, अब तुम्हारा है की झड़ने का नाम नहीं ले रहा है और मेरी टांगे थककर चूर हो गयी है, प्लीज और पोज़िशन में चुदाई कर लो, में बहुत थक गयी हूँ। तब पापा ने काहा कि जो हुकम अनीता मेरी जान, लेकिन पहले एक बार तुम मेरे मजेदार लॉलीपोप को चूस तो लो और यह कहकर पापा ने मेरी मम्मी की चूत में से अपना लंड बाहर निकाला तो में देखकर दंग रह गयी आआहह, उनका लंड जब अंदर गया था तो इतना मोटा और लंबा नहीं था और जब बाहर आया तो और भी मोटा, लम्बा लग रहा था। अब पापा अपने घुटनों के बल बैठ गये थे और फिर मम्मी ने उनके लंड को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और गप-गप की आवाज से अपने मुँह में डाल लिया था और बहुत ही प्यार से चूसने लगी थी। पापा का लंड उनके दोनों हाथों से लगभग 6 इंच बाहर होगा, यानी उनका लंड लगभग 10 इंच का होगा और मोटाई का तो कहना ही क्या? अब उनके लंड पर मम्मी की चूत का पानी चमक रहा था। फिर थोड़ी देर तक लंड चुसवाने के बाद पापा ने अपने लंड को मम्मी के मुँह में से बाहर निकाल लिया और मम्मी से कहा कि अब तुम घोड़ी की तरह बन जाओ, में तुम्हें घोड़े की तरह चोदूंगा, इस तरह से तुम्हारी चूत में मेरा पूरा का पूरा लंड तुम्हारी बच्चेदानी में चला जाएगा और तुमको मजा भी बहुत आएगा। तब मम्मी बोली कि लो मेरे राजा, जो तुम्हारा हुकम, में तो तुम्हारी गुलाम हूँ और यह कहकर मम्मी किसी घोड़ी की तरह अपने दोनों घुटनों और दोनों हाथों पर हो गयी। फिर पापा ने मम्मी के पीछे से जाकर अपने लंड को अपने हाथ में पकड़कर उनकी चूत के मुँह पर रखा और एक ही धक्के में अपना पूरा का पूरा लंड अंदर तक पेल दिया। तब मम्मी के मुँह से आआहह की आवाज निकली, लेकिन वो मजे लेने वाली आवाज थी दर्द वाली नहीं थी। फिर पापा नहीं रुके और धक्के-पे-धक्के मारते चले गये।
अब मम्मी पापा के मुँह से हर धक्के के बाद सिसकियाँ निकल रही थी। फिर अचानक से पापा को पता नहीं क्या सूझा कि पापा ने अपना पूरा लंड मम्मी की चूत से बाहर निकाल लिया और अपने मुँह से बहुत सारा थूक निकालकर मम्मी की गांड पर डाल दिया। अब यह सोचकर मेरा दिल धड़क उठा था कि अब पापा मम्मी की गांड मारेंगे। मैंने अपनी सहेलियों से सुन रखा था कि कई औरतें और लड़कियाँ गांड भी मरवाती है और गांड मरवाने में बहुत दर्द होता है। फिर पापा ने अपने दोनों हाथों से मम्मी की गांड का मुँह खोल दिया, लगभग 2 इंच का छेद खुल गया होगा। फिर पापा ने अपना लंड मम्मी की गांड के ऊपर सेट किया और अपने लंड का सुपाड़ा थोड़ा सा अंदर फिक्स कर दिया और फिर मम्मी की कमर के नीचे से अपने हाथ डालकर अपने हाथों में जकड़ लिया और फिर एक ही धक्के में अपना लगभग आधा लंड मम्मी की गांड में डाल दिया था।
फिर तब मम्मी के मुँह से एक जोरदार आवाज निकली अया मर गयी, यह क्या कर दिया जी? यह चूत मारते-मारते अचानक गांड मारने की क्या सूझी? अया मार डाला, पहले बता दिया तो होता, थोड़ा तेल ही लगा लिया होता तो इतना दर्द तो नहीं होता। तब पापा बोले कि अरे मेरी रानी जो सख़्त-सख़्त लंड डालने में जो मजा है, वो मज़ा फिसलता हुआ लंड डालने में नहीं आता, देखो अब कितना टाईट लंड तुम्हारी गांड में जा रहा था। अभी देखना तुम्हें भी कितना मज़ा आएगा? लो अब में पूरा का पूरा लंड तुम्हारी प्यारी मजेदार गांड में डालने वाला हूँ, अभी तक चूत मरवा रही थी, अब गांड भी मरवाओ। अब पापा का लम्बा, मोटा लंड आराम से मम्मी की गांड में अंदर तक जा रहा था। अब पापा अपने लंड को सुपाड़े तक निकालकर पूरा का पूरा ही अंदर तक डालकर मम्मी को मज़ा दे रहे थे।
अब मम्मी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी थी अनिल तुम्हारा जवाब नहीं, क्या चोदते हो? मेरा तो दिल करता है कि तुमसे सारा दिन ही चुदवाती रहूँ, तुम गांड और चूत दोनों ही बुरी तरह से चोदते हो, लेकिन मजबूरी है, जवान बेटे और बहु घर पर होते हैं, पता नहीं वो कब देख ले? तो गजब हो जाएगा। लेकिन उनको पता नहीं था कि यह गजब तो हो चुका है, भाभी ने प्लान बना लिया सारे परिवार को नंगा करने का ।
पापा : जान आज तो हमारे बेटे बहु ने भी जमकर चुदाई करी होगी, देखा था क्या बहु केसी लग रही थी आज। माँ : आह्ह , हा देखा था आपको अपनी बहु को देख कर खड़ा कर रखा था अपने , शर्म नहीं आती आपको आह्ह ।
पापा : आज बहु लग भी बड़ी कमाल रही थी उसकी चूचियाँ तो तुम्हारे जेसी हैं बिल्कुल । मोटी मोटी , चूसने दबाने लायक ।
माँ : हा जब उसने झुक कर पाँव छूए थे आपके तो मैंने देखा था उसकी कसी चूचियों को देख कर आपके मुंह और लंड मे पानी अ गया था ।
पापा : हमारी बहु है ही एसी , हमारे बेटे के मजे हैं । आज तुमने एक और चीज देखि, दोनों बेटे जब तुमसे मिल रहे थे दोनों के लंड खड़े थे , मुझे तो लगा की आज तो दोनों अपनी माँ का दूध पी कर ही मानेगे , हाहाहा ।
माँ : शरम करो जो बेटे अब बड़े हो गए हैं , वो ऐसा क्यों सोचएगे , मुझ कुछ चुभा तो था जब दोनों गले मिले थे , पर उनकी उम्र ही ऐसी है वो भी क्या करें ।
पापा : शर्म मुझे नहीं उनको करनी चाहिए , और इसमे बुरा भी क्या है , चुत तो होती ही चुदने के लिए है और चुची होती है दबा दबा कर चूसने के लिए । अगर काभी मोका मिले भी तो मैं तुम्हें काभी मन नहीं करूंगा अपने बेटों के सामने नंगी होने के लिए । आखिर तुमने उन्हे नंगा देखा है छोटे होते हुए , उनका भी तो हक है न तुम्हें नंगी देखने का । फिर पापा हसने लगे हाहाहा
माँ : ऐसी बाते कयू कर रहे हो जी , मेरे बेटे है अगर मेरा दूध आज भी पिन चहेगे तो मई खुशी खुशी अपनी चूचियाँ उनके मुह मे दे दुगी ।
पापा : जान मेरा एक सपना है , की हम सारे लोग अपने ही घर मे एक खुला महोल बना कर रखे । जिसका जब मन किया सेक्स कर लिया ,कहीं भी बाहर हाल मे , स्विमिंग पूल के पास, किचन मे , कहीं भी , और घर मे सारे नंगे रहें।। हाहाहाहा ।।
माँ : जी बात तो अपने सही काही है , मेरा कई बार दिन मे भी अपने चुदने का मन होता है या आप काही भी नहीं होते तो भी छड़ने का मन होता है तो कोई तो हो मुझे चोदने वाला, चाहे बेटे ही क्यों न हो ।
पापा : हा जान ये बात तो तुमने सही कही है , इसके लिए बहु और बेटों को समझना पड़ेगा ।
माँ : हाँ जी मई करती हु कुछ इस मामले मे , ये सब हो गया तो हमारी जिंदगी कितनी रंगीन हो जाएगी न ।
इतना सुन कर पापा ने अपने मन मे भाभी क ख्याल किया और उनके मोठे दूध के बारे मे सोचने लगे अब अब पापा ने अपनी चोदने की स्पीड तेज कर दी थी और फिर वो बोले कि ले मेरी रानी, अब मेरा लंड झड़ने वाला है, बोलो में अपना पानी कहाँ निकालूँ? तो तब मम्मी बोली कि मेरे राज़ा जैसे रोज निकालते हो, आह लाओ मेरे मुँह में डालो। तब पापा ने मम्मी की गांड में से अपना लंड बाहर निकाल लिया। फिर मम्मी पापा के लंड को अपने एक हाथ में लेकर स्पीड से आगे पीछे करने लगी और गप से अपने मुँह में ले लिया। फिर कुछ देर के बाद ही पापा के लंड ने पिचकारी छोड़ना शुरू कर दिया। इधर मैंने भी अपने लंड को हिलाने की रफ्तार बढ़ दी थी और अपनी पिचकारी वही फर्श पर छोड़ दी । उधर अंदर अब मम्मी ने अपना मुँह पूरा खोल दिया था और अब पापा के लंड का वीर्य मम्मी के मुँह में पूरा का पूरा भर गया था, शायद उनके वीर्य का रस 100 ग्राम के करीब तो होगा ही। फिर मम्मी ने अपना मुँह बंद कर लिया और जब खोला तो में हैरान रह गया था , उनका मुँह खाली था। अब वो पूरा का पूरा वीर्य-रस अपने अंदर गटक गयी थी, लेकिन फिर भी वो पापा के लंड को चाटने लगी और जितना बचा था, वो भी चाट-चाटकर साफ कर दिया था। अब पापा का लंड कुछ-कुछ ढीला होने लगा था। फिर मम्मी ने अपनी चूत और पापा के लंड को साफ कपड़े से साफ कर दिया और कहा कि अब जल्दी से सो जाओ, सुबह काम पर भी जाना है, फिर माँ पापा ने एक दूसरे की और देखा और नंगे ही सो गए ।
अचानक मुझे लगा की मेरे पीछे कोई खड़ा है , जब मैंने पलटकर देखा तो …………………
(Next update 4-5 din baad ayega isiliye aj 2 update diye hai aur ye wala update bada de diya hai )